मानवता की त्याग,तपस्या की मूर्ति थे स्वामी प्रेमदास महाराज
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कनीना की आवाज। जिला रेवाड़ी के ऐतिहासिक गांव सीहा स्थित बाबा रामस्वरूप दास दादू पंथी आश्रम सिहां के ब्रह्मलीन महंत स्वामी प्रेमदास महाराज की सातवीं पुण्यतिथि आज भजनों एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से श्रद्धांजलि देकर बड़ी धूमधाम से आश्रम परिसर में बनी उनकी समाधि स्थल पर आश्रम के महंत स्वामी नरोत्तम दास एवं स्वामी धर्मदास के पावन सानिध्य में मनाई गई। उनके समाधि स्थल पर क्षेत्र वासियों द्वारा पुष्पांजलि अर्पित करके उनको याद किया गया। तत्पश्चात क्षेत्र के लोक संस्कृति कलाकारों द्वारा भजनों के सांस्कृतिक कार्यक्रम के माध्यम से वेद, पुराणों के धार्मिक, सामाजिक,मार्गदर्शन के भजन सुना कर श्रद्धालुओं को भक्ति के ज्ञान में मंत्र मुग्ध कर किया । महाशय सुनील गामड़ी एवं खजान सिंह चौहान सीहा क़े संयुक्त कुशल श्रद्धांजलि कार्यक्रम संचालन में सांगी मेघ सिंह तंवर ढाणी जरावता ने गौ माता व संतो की महिमा का वर्णन किया। महाशय लाल सिंह भटेड़ा ने ऋषि मुनियों द्वारा समाज हित में किये गए धार्मिक महिमा का का उल्लेख किया। भवानी प्रसाद गोठड़ा ने बाबा प्रेमदास को परोपकारी संत कि महिमा से उनके द्वारा लोकहित में किए गए कार्यों का वर्णन करके उनको श्रद्धांजलि व्यक्त की। वही महाशय करतार सिंह औलात ने भौतिकवादी युग में आज के बदलते धार्मिक प्रवेश का वर्णन किया। इस अवसर पर क्षेत्र के लोक संस्कृति संगीत प्रेमी सूबेदार दिलबाग सिंह पाड़ला, अभय सिंह टीटी, धर्मेंदर मुरलीपुर, सोनू तंवर, भारत भूषण खेडी, पंडित ओमप्रकाश शास्त्री ने भी अपनी अपनी काव्य उपदेशक भजन रचनाएं प्रस्तुत की।
फोटो कैप्शन 08: महंत स्वामी प्रेमदास महाराज की सातवीं पुण्यतिथि पर कार्यक्रम
सोमवार को नामांकन अधिक होने की संभावना
-अब तक 25 पार्षदों एवं 3 प्रधान पद के दावेदार कर चुके हैं नामंकन
-वार्ड 11 से अभी तक एक भी नामांकन नहीं
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कनीना की आवाज। कनीना नगरपालिका के 2 मार्च के चुनावों के दृष्टिगत 11 फरवरी से नामांकन शुरू हुआ था तथा 17 फरवरी को संपन्न हो जाएगा। तत्पश्चात 18 फरवरी को नामांकनों की छटनी एवं 19 फरवरी को नाम वापस लिये जा सकेंगे। नामांकन के लिए महज सोमवार 17 फरवरी का दिन बचा है। अभी तक नामांकन के लिए करीब एक सौ नामांकन फार्म विभिन्न चुनाव लडऩे वाले ले जा चुके हैं। किंतु अभी तक प्रधान एवं पार्षदों के कुल 28 नामांकन भरे गये हैं। ऐसे में सोमवार अंतिम दिन भारी संख्या में नामांकन होने की संभावना बन गई है।
उल्लेखनीय है कि अब तक 14 फरवरी को तीन एवं 15 फरवरी को 22 पार्षदों एवं 3 प्रधान पद के दावेदारों ने नामांकन किया है। बाकी दिन कोई नामांकन करने नहीं पहुंचा।
कंट्रोल रूम स्थापित-
एसडीएम कनीना डा. जितेंद्र कुमार ने बताया कि कनीना नगर पालिका चुनाव से संबंधित जानकारी व शिकायत के लिए कंट्रोल रूम के फोन नंबर 01285 -298086 पर संपर्क किया जा सकता है।
16 फरवरी तक किसने कहां से नामांकन किया--
अब तक किये गये नामांकनों की सूची इस प्रकार है-
वार्ड 01- मंजू देवी, निर्मला देवी, स्वाती यादव, वार्ड 02- सुनील कुमार, वार्ड 03- ऊषा यादव, वार्ड 4 -अंजू , रेखा, निशा, रेखा, वार्ड 5 कमल यादव,
वार्ड 6 हेमराज, संदीप कुमार, वार्ड 7- ऊषा, वार्ड- 8 नीलम कुमारी,वार्ड 9 राजेश कुमार, सज्जन सिंह, नितेश गुप्ता, पूनम कुमारी, वार्ड 10 नितिन, योगेश कुमार, दीपक यादव वार्ड-12 से राखी वार्ड 13 ममता, प्रदीप यादव ,वार्ड 14 राजेंद्र सिंह ने नामांकन किया वहीं
चेयरमैन पद के लिए सुमन रोहिल्ला,स्नेहलता, रिम्पी कुमार ने पर्चा भरा है।
नामांकन के लिए चल रही हैं तैयारियां--
सोमवार 17 फरवरी नामांकन के अंतिम दिन के लिए अभी से विभिन्न वार्डों से पार्षदों एवं प्रधान पद के दावेदारों की तैयारियां चल रही हैं। सभी नामांकन करने वाले संत मोलडऩाथ आश्रम में धोक लगाकर ही आगे बढ़ते हैं। वैसे भी चुनाव परिणाम 12 मार्च को आएंगे उससे पहले दस मार्च को संत मोलडऩाथ होली मेला लगेगा जो घुड़दौड़ एवं ऊंटदौड़ के लिए प्रदेशभर में विख्यात है। इससे पहले भी 26 फरवरी को आघोत स्थित महाशिवरात्रि का मेला लगने जा रहा है।
चुनाव नतीजों के बाद मनेगी असली होली-
चूंकि नगरपालिका चुनाव परिणाम 12 मार्च को आएंगे और होली दहन 13 मार्च एवं दुलेंडी 14 मार्च को पड़ेगी। जो हार जाएंगे उनके लिए होली का दहन जेहन में जलेगा और जीत जाएंगे उनके लिए रंगों की होली खुशियों में 14 मार्च को खेली जाएगी।
बड़ा मुद्दा
सीवर व्यवस्था नहीं हो पाई दुरुस्त
-गंदा पानी फैलता है इधर-उधर
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कनीना की आवाज। कनीना कस्बा में जहां सीवर के गंदे जल निकासी के लिए सीवर व्यवस्था स्थापित की हुई है किंतु सीवर जल का साफ करने सीवर ट्रीटमेंट प्लांट कनीना-कोसली मार्ग पर करीब 3 किलोमीटर दूर स्थित है। एसटीपी पर जो पानी गंदा पानी पहुंचता है उसे फिर से पीपल वाली बणी तक पहुंचाया जा रहा है और वहां साफ करके किसानों तक पहुंचाने की व्यवस्था करने का प्रयास किया गया है किंतु कनीना कस्बे का समुचित गंदा जल एसटीपी तक नहीं पहुंच पाता क्योंकि इतनी लंबी दूरी तक सीवर का पानी पहुंचाने के लिए सड़क के साथ-साथ व्यवस्था की गई है लेकिन लेवल सही न होने के कारण गंदा जल कोसली मार्ग पर नहर के पास ही जाकर रुक जाता है परिणाम यह निकलता है कि सीवर वाटर ट्रीटमेंट प्लांट पर कम जल पहुंच पाता है और कनीना में सीवर ओवरफ्लो हो जाते हैं। कनीना की सीवर पर नजर डालें तो जगह-जगह टूटे पड़े हैं या बहुत ऊंचे बना दिए गए हैं या कहीं नीचे रह गए हैं, परिणाम यह होता है आवागमन करते समय ठोकर लगती रहती है और कोई भी बड़ी दुर्घटना होने से इनकार नहीं किया जा सकता। सीवर व्यवस्था सड़क निर्माण के समय भी सही नहीं की जाती। आज जहां वार्ड 10 में सीवर का चैंबर सड़क मार्ग से काफी ऊंचा बिनाया गया है जिसकेे पास से निकलना भी कठिन है। जहां सीवर के समानांतर गंदे नाले और नालियां बनाई गई है जिनका गंदा जल जोहड़ों में जाकर गिरता है,सफाई अभाव में गंदा जल नहीं पहुंच पाता।
करोड़ों रुपये खर्च करने के बाद भी कनीना के सीवर ट्रीटमेंट प्लांट तक गंदा जल न पहुंच पाता और बार-बार सीवर व्यवस्था ब्लाक हो जाती है।
लोग इस सीवर व्यवस्था के लिए बनाए गए चैंबर से भी परेशान हैं। कई जगह अधिक ऊंचा होने से भी ठोकर लगती है वाहन निकालना भी कठिन हो जाता है। कुछ जगह सीवर चैंबर टूटे पड़े हैं जिन्हें कई कई दिनों तक ठीक नहीं किया जाता है, जिनसे किसी दुर्घटना होने का भी खतरा बना रहता है।
अगर सिविल व्यवस्था दुरुस्त हो जाए तो कनीना का समुचित गंदा जल एसटीपी तक पहुंचाया जा सकेगा, जो भी जोहड़ ओवरफ्लो करते हैं वे नहीं होंगे, गंदा जल घरों में नहीं घुसेगा और लोगों को राहत मिल सकेगी। कहने को तो कनीना में छह जोहड़ है इसलिए कनीना को जोहड़ों का शहर कहना भी अनुचित नहीं होगा जिनसे बदबू फैलती रहती हैं।
सीवर व्यवस्था पर विभिन्न वार्डों से लोगों से चर्चा की गई जिनके विचार निम्न है-
**कस्बा के सभी सीवरों के लिए बनाए गए चैंबर सड़क के समान ऊंचाई के हो तथा उन्हें अच्छी प्रकार ढका जाना चाहिए ताकि आवागमन में किसी प्रकार की दिक्कत न आये। जहां भी सीवर के चेंबर टूटे पड़े हैं उन्हें अविलंब ठीक किया जाए। शिविर के चेंबर लीक नहीं करने चाहिए तथा विभिन्न गंदे नालों और नालियों की सफाई व्यवस्था सुचारू रूप से होनी चाहिए।
-- दीपांशु कनीना
सीवर लाइन की आधुनिक मशीनों से सफाई की जानी चाहिए ताकि किसी प्रकार का ब्लाकेज न रहे यदि ब्लाकेज हो जाता है तो गंदा पानी इधर-उधर फैलता रहता है। कनीना के जहां पूर्व ब्रिगेडयर होशियार के घर के सामने लंबे समय से सीवर खराब पड़ा है और गंदा जल इधर उधर फैलता रहता है। कोसली रोड़ पर सीवर ट्रीटमेंट प्लांट में जाने वाला पानी खड़ा हुआ है और बदबू फैल रहा है ,सही ढंग से एसटीपी तक नहीं पहुंच पा रहा है। ऐसे में इन सीवर लाइनों की सुचारू व्यवस्था और उनकी नियमित रूप से सफाई होनी चाहिए ताकि गंदा पानी तुरंत एसटीपी तक पहुंच सके।
--- मोहन कुमार,कनीना
कनीना कस्बे की सीवर लाइन डगमगाई हुई है जगह-जगह गंदा पानी फैलता रहता है। यहां तक की कई बार सीवर का गंदा पानी पेयजल में भी मिल जाता है। और रोग होने का खतरा बना रहता है। सीवर लाइनों को नियमित रूप से सफाई करवा कर समुचित गंदे जल को एसटीपी तक पहुंचाने का प्रबंध किया जाए ताकि वर्षा के समय सीवर अवरुद्ध ने हो सके और गंदा जल लोगों के घरों में नहीं घुस सके। वरना कनीनावासियों के लिए सबसे बड़ी समस्या सीवर व्यवस्था होगी।
-- विजय वधवा, कनीना
कनीना सीवर व्यवस्था सही नहीं बनाई गई है कहीं ऊंची कहीं नीची होने के कारण ओवरफ्लो की लगातार घटनाएं घट रही है। दूर दराज तक बदबू फैलती है, सीवर का गंदा जल जोहड़ के गंदे जल में नहीं मिलने देना चाहिए। जोहड़ों की भी नियमित सफाई की जानी चाहिए। जो सीवर लाइन के साथ-साथ साफ किए जाने चाहिए। यदि सीवर लाइन साफ रहेंगी तो लोगों का स्वास्थ्य भी सही रहेगा वरना लोगों का स्वास्थ्य भी बदबू आदि से बिगड़ जाएगा।
-- अश्वनी कुमार
फोटो कैप्शन 3,4 एवं 5: सीवर कुव्यवस्था तथा साथ में दीपांशु, मोहन कुमार, विजय वधवा एवं अश्वनी कुमार
एसडी विद्यालय के सेमिनार में उमड़ी भीड़
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कनीना की आवाज। एसडी विद्यालय ककराला में फ्यूचर फोरवर्ड सेमिनार का आयोजन किया गया जिसमें अभिभावकों ने बढ़-चढ़ कर भाग लिया। अभिभावकों की यह उपस्थिति उनकी दूरदृष्टि सोच को दर्शाती है। कार्यक्रम के प्रारम्भ में शिक्षा विशेषज्ञ डा. एन माधुरी पत्री, नीता श्रीवास्तव, अमित कुमार एवं मोहन तिवारी द्वारा विद्यालय चेयरमैन एवं अन्य अधिकारियों के साथ मां सरस्वती के सामने द्वीप प्रज्वलित किया व पुष्प् अर्पित किए। विद्यालय चेयरमैन ने सभी शिक्षा विशेषज्ञों एवं अभिभावकों का स्वागत करते हुए सेमिनार के उद्देश्य पर प्रकाश डाला कि फ्यूचर फोरवर्ड सेमिनार वर्तमान शिक्षा पद्धति एवं आगामी समय में आने वाली चुनौतियों में सामंजस्य बैठाना है। जिस प्रकार नई शिक्षा पद्धति की आवश्यकता है उसी रूप में विद्यालय अभिभावक एवं अध्यापक उसे तरीके से उपयोग में लें। एसडी विद्यालय हमेशा नई तकनीक एवं दूरदृष्टि के साथ कार्य करता है। जिस प्रकार से तीन रेखाएं मिलकर एक त्रिभुज का निर्माण करते हैं उसी प्रकार विद्यालय , बच्चा एवं अभिभावक एक विचारधारा एवं उद्देश्य से कार्य करें तो बच्चे की सफलता संभव है।
डा. एन माधुरी पत्री ने नई राष्ट्रीय शिक्षा पद्धति पर अपने विचार प्रस्तुत किए कि प्रत्येक बच्चे के कौशल को पहचान कर उसे सही मार्ग दर्शन करना विद्यालय एवं अध्यापकों का प्रमुख कार्य है। अभिभावकों को भी इस महत्वपूर्ण कार्य में पूरा सहयोग करना होगा।
अमित कुमार द्वारा वर्तमान समय में डिजिटल शिक्षा तथा कौशल विकास के लिए एसडी विद्यालय में चल रहे विभिन्न कार्यों पर प्रकाश डाला। बे्रन लर्न संस्था के द्वारा डिजिटल मेकिंग, लिडरशिप, मनी-मंत्रा, इमोशनल इंटेलिजेंस जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण कोर्स जो विद्यार्थी के लिए अति आवश्यक हैं पर भी प्रकाश डाला गया।
लाइफ स्किल एवं टीचिंग स्किल कोच नीता श्रीवास्तव ने डिजिटल पेरेटिंग पर प्रकाश डाला तथा बताया कि डिजिटल उपकरणों का सही प्रकार से उपयोग किया जाना आवश्यक है। इस डिजिटल दुनिया में हम इससे दूर नहीं रह सकते बल्कि इसके सदुपयोग को सीखना है। अध्यापकों द्वारा एसडी विद्यालय की अनूठी पहल की बहुत सराहना की।
मोहन तिवारी सीईओ स्टूडेंट डेस्टिनेशन के द्वारा विभिन्न कैरियर विकल्प पर अपने विचार साझा किए। मोहन तिवारी ने बताया कि जीवन में एक गलत निर्णय बच्चे के जीवन को असफलता की तरफ ले जाता हैं। इसलिए माता-पिता की यह जिम्मेदारी है कि विद्यालय के साथ बच्चे के सामथ्र्य अनुसार इसे तैयार किया जाए। वर्तमान समय में यह देखा गया है कि माता-पिता अपनी इच्छा व सपनों को अपने बच्चों पर लाद देता है जो उसके जीवन में बाधक बन जाता है।
फोटो कैप्शन 02: एसडी स्कूल में कार्यक्रम में भीड़ फोटो: स्कूल प्रबंधन
चुनावी चर्चा
विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं वोटर
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अपनी अपनी समस्याओं को दिलखोलकर बताया
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कनीना की आवाज। कनीना आर्य समाज मंदिर के पास विभिन्न लोगों से चुनावी परिदृश्य और कनीना की समस्याओं से संबंधित एक परिचर्चा संपन्न हुई। परिचर्चा में जहां भाग लेने के लिए दीपक कुमार, तुलसीराम सोनी, मनोज फोटोग्राफर, महेंद्र सिंह, राज सिंह, मुकेश कुमार, आशीष गुप्ता, राकेश कुमार आदि ने भाग लिया और अपने-अपने क्षेत्र की उन समस्याओं से अवगत कराया जो इस चुनावी समर में उन्हें परेशानी का कारण बन रही है। उनका कहना है कि हर योजना के जब भी चुनाव आते हैं अनेकों वादे किये जाते हैं लेकिन उनकी समस्या जिसकी तस्वीर खड़ी रह जाती है। कनीना कस्बे की हालत विकास के क्षेत्र में बदतर है।
जहां इन्होंने बताया कि नालियों की हालत बहुत खराब है। सड़क मार्ग तो बना दिए जाते हैं लेकिन नालियों पर सीमेंट नहीं लगाई जाती, परिणाम निकलता है नालियां टूटती रहती है। कनीना कस्बे की अधिकांश नालियों पर जालियां नहीं लगाई हैं कुछ जलीय चोरी हो जाती है नगरपालिका कोई कार्रवाई नहीं करती, परिणाम यह निकलता है पशुओं के पैर भी नालियों में फंस जाते हैं, सबसे बड़ी समस्या आज के दिन नालियों पर जालियों की है। उनका कहना है कि प्रधान पद की शपथ लेते ही इस काम को अहमियत देनी चाहिए वहीं उन्होंने कहा कि नगरपालिका में विकास कार्य तो होते हैं परंतु आश्चर्यजनक तथ्य यह है कि एक गली की ईंट उखाड़ कर दूसरी जगह लगा दी जाती और पैसे नई ईंटों के ले लिए जाते हैं, इससे विकास कार्य तो होते हैं किंतु करवाए गए विकास कार्य अधिक दिनों तक नहीं चल पाते क्योंकि ईट पुरानी ही लगाई जाती है। जहां कनीना कस्बे में विगत एसडीएम जो प्रशासक के रूप में कार्य कर रहा था, ने तिरंगा लाइट लगवाई थी परंतु आज के दिन कनीना बस स्टैंड से अनाज मंडी मार्ग, अनीता मार्ग पर तिरंगा लाइट खराब पड़ी हुई है जिसके कारण ये गलियां अंधेरे में डूबी हुई है। उनका कहना है कि जब कभी नगर पालिका प्रधान शपथ ले तो तुरंत कार्रवाई करते हुए इन तिरंगा लाइट की जगह तेज प्रकाश वाली लाइट का प्रबंध किया जाए वहीं जोशी गली 7 सालों से नहीं बन पाई है संाथ में रोशनी के घर के पास वार्ड पांच की गली लंबे समय से नहीं बन पाई है। अनेकों गालियां अभी भी टूटी-फूटी पड़ी हैं, कुछ गलियों को बार-बार बना दिया जाता है जिनकी हालत अच्छी होती है और हालात जिनकी बुरी होती है उनको नहीं बनवाया जाता है। जहां सफाई की व्यवस्था बहुत अधिक चरमराई हुई है, कहने को तो रोजाना सफाई की जाती है लेकिन जगह-जगह कूड़े के ढेर लगे मिल जाते हैं। कूड़े के लिए कूड़ेदान तो बना दिए लेकिन आसपास से निकलना भी कठिन हो जाता है। पानी निकासी का कोई उचित प्रबंध नहीं है, जब कभी वर्षा होती है तो पानी होलीवाला और कालर वाली जोहड़ में इतना बढ़ जाता है कि आसपास के घरों में पानी खड़ा हो जाता है। कितने सालों से जोहड़ों की सुध नहीं ली गई है। इन जोहड़ों पर अवैध निर्माण बढ़ता ही जा रहा है। कनीना की बणियों को खत्म किया जा रहा है लेकिन कोई इन पर सुनवाई नहीं होती। कुछ जगह बिजली की तार इतनी पुरानी है जो अक्सर टूट जाती है और दुर्घटनाओं का खतरा बना हुआ है। संपूर्ण कनीना की बिजली की तारे नई लगवानी चाहिए। स्कूलों की व्यवस्था अच्छी नहीं है जहां स्कूलों में अच्छा प्रबंध होना चाहिए वो बेहतरीन प्रबंध नहीं देखने को मिल रहा है। न ही खेल के मैदान कहीं उपलब्ध है। खेल के मैदान अभाव होने में युवा खिलाड़ी इधर-उधर खेलते नजर आते हैं। उनका कहना है कि नगर पालिका प्रधान बनते ही इन कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर करवाना चाहिए। कहने को तो कनीना नगर पालिका के प्रशासक एसडीएम बने हुए हैं किंतु जो कार्य प्रधान करवा सकता है वो प्रशासक नहीं करवा पा रहा है। ऐसे में लोगों की नजरें भविष्य में बनने वाले प्रधान पर टिकी हुई है।
फोटो कैप्शन 01: परिचर्चा में भाग लेते हुए कनीना के लोग
क्या आप जानते हैं?
13 का आंकड़ा प्रमुख रहा था 2018 के नगरपालिका चुनावों में
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कनीना की आवाज। कनीना पालिका के चुनाव में 13 का आंकड़ा प्रमुख रहा। 13 पार्षदों का 13 मई के दिन ही 13 बूथों पर चुनाव किया कराया गया। कनीना पालिका में 13 वार्डों में 45 प्रत्याशी खड़े हुए थे इनमें से 16 महिलाएं भी मैदान में थी। कुल 9137 मतदाता थे। वार्ड नंबर 2, 6, 7 और 13 में सीधा मुकाबला हुआ जहां इन वार्डों में 2-2 प्रत्याशी थे। पूर्व प्रधान मास्टर दिलीप सिंह वार्ड 8 से चुनाव लड़ रहे थे जहां पर 5 प्रत्याशी मैदान में थे। कनीना पालिका का प्रधान पद बीसी के लिए आरक्षित है वही वार्ड नंबर 6 एससी के लिए आरक्षित, वार्ड 10 एससी महिला के लिए आरक्षित है वहीं वार्ड 1 और 5 बीसी के लिए आरक्षित थे वार्ड नंबर दो वार्ड 3 वार्ड 4 और वार्ड 11 महिला के लिए आरक्षित थे। कनीना पालिका के चुनाव में 4741 पुरुष ततदाता तथा 4394 महिला मतदाता थे। सबसे अधिक बुजुर्ग पूर्व प्रधान मा दिलीप सिंह 78 वर्ष की उम्र में चुनाव लड़ रहे थे। 4 गुटों में 45 प्रत्याशी बंटे हुए थे जिनमें भाजपा समर्थित,मा दलीप सिंह गुट, राजेंद्र सिंह पूर्व प्रधान, युवा गुट प्रमुख थे। दो प्रत्याशी नरेश कुमार मोहन पार्षद सरकार द्वारा मनोनीत किए गए हैं। मतदान के लिए 13 वार्डों में 13 पोलिंग पार्टियां लगाई गई थी। वही चार पार्टियां रिजर्व घोषित रिजर्व रखी गई थी। पूरे ही कनीना में आज पुलिस का व्यापक प्रबंध था। विभिन्न स्थानों पर जहां पितामह कान्ह सिंह धर्मशाला, धोकल मल पार्क, गोविंदी बाई आश्रम, सरकारी स्कूलों में तथा बीडीपीओ कार्यालय में भी मतदान केंद्र बनाए गए थे।
कनीना पालिका में 13 वार्डों में मतदाताओं की संख्या किस प्रकार की वार्ड 1 में 715 मतदाता, वार्ड 2 में 937 मतदाता, वार्ड 3 में 869 मतदाता, वार्ड 4 में 658 मतदाता, वार्ड 5 में 679 मतदाता, वार्ड 6 से 639 मतदाता, वार्ड 7 से 616 मतदाता, वार्ड 8 से 707 मतदाता, वार्ड नो से 637 मतदाता, वार्ड दस से 604 मतदाता, वार्ड 12 से 743 मतदाता तथा वार्ड 13 से 615 मतदाता थे। वार्ड एक से 4 प्रत्याशी मैदान में थे, वार्ड दो से दो महिलाएं प्रत्याशी मैदान में थी, वार्ड तीन से 4 महिला प्रत्याशी मैदान में थी वहीं वार्ड 4 से 3 महिला प्रत्याशी मैदान में थी। वार्ड 5 से 3 प्रत्याशी मैदान में थे वहीं वार्ड 6 से 2 प्रत्याशी मैदान में थे। वार्ड 7 से 2 प्रत्याशी मैदान में थे और वार्ड 8 से 5 प्रत्याशी मैदान में थे। सबसे अधिक 6 प्रत्याशी मैदान में वार्ड नौ में थे। वार्ड 10 से 2 महिला प्रत्याशी मैदान में थी, वार्ड 11 से 4 महिला प्रत्याशी मैदान में थी। वार्ड 12 से 5 प्रत्याशी मैदान में थे जबकि वार्ड 13 से महज 2 प्रत्याशी मैदान में थे।
निवर्तमान पालिका प्रधान सतीश जेलदार को शपथ दिलवाते हुए राव इंद्रजीत सिंह साथ में महेश बोहरा
बाये से दायें : उमेश कुमार, सतीश जेलदार, राव इंद्रजीत सिंह केंद्रीय मंत्री, महेश बोहरा
फाइल फोटो: 25 जनवरी 2019
मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार -104
-अनेकों चुनावी तैनातियां सेवा दौरान देनी पड़ी
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कनीना की आवाज। कनीना निवासी डा. होशियार सिंह यादव ,विश्व रिकार्ड धारक 30 अप्रैल 2024 को सेवानिवृत्त हो चुके हैं। लंबे समय तक शिक्षा विभाग में सेवा देने के साथ साथ सरकार द्वारा दी गई शिक्षण के अतिरिक्त सेवाओं में भी जमकर सेवा देने का मौका मिला। कई बार चुनावी तैनाती देने को मजबूत भी होना पड़ा। वहीं काउंटिंग में भी मतगणना दौरान भी तैनाती हुई। एक बार तो मंडी सुपरवाइजर की अस्थायी नियुक्ति कर डाली थी। आइये सुनते हैं होशियार सिंह यादव के विचार उन्हीं की जुबानी।
--मैं 6 अप्रैल 1995 को बतौर तदर्थ सेवा में झूक में ग्रहण किया था, तत्पश्चात लगातार करीब 29 सालों की सेवा दौरान 29 विभिन्न विद्यालयों में सेवा देने का मौका मिला। बार-बार तबादले होते रहे परंतु तबादलों से कभी नहीं घबराया। यह जरूर मेरी जिद रही कि जब भी मेरा तबादला दूर दराज किया वापस कनीना आकर ही दम लिया और हर बार मैं सफल रहा लेकिन अंतिम इच्छा मेरी कनीना से सेवानिवृत्त होने की थी वह पूरी नहीं हो पाई जबकि में सभी शर्तें राजकीय माडल संस्कृति स्कूल की पूरी करता था। यहां तक कि निदेशक राजकीय माडल स्कूल से अच्छे संबंध होने के बावजूद भी सफल नहीं हो पाया। अधिकारी के यहां दो-तीन बार घर पर मिलने भी गया , उन्होंने कई आश्वासन भी दिये, जिला शिक्षा अधिकारी नारनौल से भी बार-बार निवेदन किया उन्होंने भी जल्द ही मेरी बदली धनोंदा स्कूल से कनीना स्कूल करने का आश्वासन दिया था। यद्यपि दोनों स्कूल धनौंदा तथा कनीना माडल संस्कृति स्कूल बने हुए हैं और दोनों में ही काम करने का मौका मिला परंतु अंतिम इच्छा सेवानिवृत्ति की मेरी अधूरी रह गई। जिसके चलते धनौंदा से जब मैं सेवानिवृत्त हुआ तो प्राचार्य भी छुट्टी ले गए, बाकी शिक्षक बेचारे मजबूर थे यद्यपि उन्होंने अपनी तरफ से जो सम्मान देना था दिया, उन सम्मानों के आगे विद्यार्थियों ने जो सम्मान दिया उसे ताउम्र नहीं भूल पाऊंगा। सम्मान तो हर जगह मुझे मिले किंतु करीरा में विद्यार्थियों ने मेरी बदली हो गई तो जो सम्मान दिया शायद ऐसा सम्मान जीवन में कभी नहीं मिल पाएगा। धनौंदा से कनीना में वर्ष 1008 में तबादले के वक्त भी विद्यार्थियों ने जमकर सम्मान दिया था। उधर शिक्षा सेवा दौरान कई बार चुनावी तैनाती देने को मिली। सबसे पहले विधानसभा चुनाव के 1996 में तैनाती लगी। तत्पश्चात से लगातार तैनातियां चलती रही हैं। वर्ष 2000,
2005, 2009, 2014 2019 में भी चुनावी तैनाती लगती रही और अंतिम तैनाती ग्राम पंचायत चुनाव 2022 में लगी। नगर पालिका के चुनाव भी 2000, 2005, 2013 , 2018 में संपन्न हुए। जिनमें भी तैनातियां लगी थी। पंचायत चुनाव भी तैनाती हुई थी। यही नहीं हर बार पंचायत चुनाव में तैनाती लगी, हर मतगणना में भी तैनाती हुई। यह भी सत्य है कि कई बार तैनाती कटवा दी गई और कई बार नहीं कट पाई। तैनाती कटवाने वालों में मेरा सबसे अधिक साथ एक अधिकारी ने दिया और उस अधिकारी का मैं आज भी आभारी हूं। एक बार बोर्ड की तैनाती ऐसे वक्त भी लगी जब पत्नी गंभीर रोग से पीडि़त थी परंतु दुख की बात है कि उस समय तैनाती नहीं कट पाई।
अचानक बदला मौसम
-दो-तीन दिनों से दिन में पड़ रही थी दिन में गर्मी
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में रविवार को दोपहर पश्चात आकाश में बादल छा गए। दो-तीन दिनों से दिन के समय गर्मी से लोग कुछ आहत थे, उन्हें राहत मिली है। जहां मौसम बदलने से किसान भी खुश है। किसान राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि दो तीन रोज से दिन में तेज गर्मी पड़ रही थी जिससे सरसों जल्दी पकान पर पहुंच जाएगी, वहीं गेहूं की बढ़ोतरी नहीं हो पाएगी। ऐसे में मौसम का बदलना जरूरी है। वे आस लगाए हुए हैं कि हल्की बूंदाबांदी हो जाए तो वह फसलों के लिए लाभप्रद साबित होगी। बहरहाल मौसम में अचानक बदलाव आने की से गर्मी से कुछ राहत जरूर मिली है।
फोटो कैप्शन 6: आकाश में छाए हुए बादल और अस्त होता हुआ सूर्य
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