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Saturday, February 1, 2025


 


मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार- 99
-अनेक विषय पढ़ाये हैं डाक्टर होशियार सिंह ने
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कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी डा. होशियार सिंह लंबे समय तक शिक्षा के क्षेत्र में सेवा देकर 30 अप्रैल 2024 को सेवानिवृत्त हो गए हैं। उनका नाम विश्व रिकार्ड बुक में भी दर्ज हो चुका है। हरियाणा राज्य शिक्षक पुरस्कार से 2022 में सम्मानित हुए थे तथा तीन बार राज्यपालों से सम्मानित हो चुके हैं। उन्होंने अपने समय में कई विषयों की शिक्षा दी है। आइये सुनते हैं उनके विचार होशियार सिंह की  ही जुबानी --
मैं 1984 से ट्यूशन पर पढ़ाना शुरू किया था। उस वक्त विद्यार्थी एक विषय पढऩे के लिए नहीं अपितु तीन विषय पढऩे के लिए आते थे जिनमें विज्ञान, गणित और अंग्रेजी। विद्यार्थियों को पढ़ाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। तत्पश्चात जहां विभिन्न निजी स्कूलों में पढ़ाने का मौका मिला तो वहां भी गणित के साथ-साथ विज्ञान पढ़ाया। नवोदय विद्यालयों में पढ़ाने का मौका मिला वहां भी गणित और विज्ञान विषय पढ़ाता रहा। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में जब से पढ़ाना शुरू किया तो गणित के साथ-साथ विज्ञान तो पढ़ाई किंतु राजकीय स्कूल झूक एकमात्र ऐसा स्कूल था जिसमें एक नहीं कई विषय पढ़ाये यहां तक कि बोर्ड की परीक्षा में भी कई विषयों में मेरे बेहतरीन परीक्षा परिणाम रहे। जहां झूक स्कूल में गणित विज्ञान, ड्राइंग, अंग्रेजी आदि विषय पढ़ाता था। झूक स्कूल में एक बार जिला शिक्षा अधिकारी भी आये और उन्होंने मेरी कक्षाओं का मूल्यांकन किया। उन्हें बड़ी खुशी हुई थी तथा लिखित रूप से कईग् विषय पढ़ाने की प्रशंसा की थी। झूक में कई विषय पढ़ाये और उनका परिणाम भी बेहतर रहा। आज तक स्कूल में रिकार्ड दर्ज हैं। यही नहीं धनौंदा स्कूल में भी गणित समय-समय पर पढ़ाया और ड्राइंग विषय भी पढ़ाना पड़ा। कुल मिलाकर प्रारंभ से एक विषय नहीं अपितु कई विषय पढ़ाने पड़े थे और जब सेवानिवृत्त हुआ तब केवल विज्ञान विषय ही पढ़ाना पड़ रहा था। शिक्षकों के अभाव में अलग-अलग विषय पढ़ाने पड़े हैं। यहां तक की उन्हाणी स्कूल में भी गणित और विज्ञान दोनों साथ पढ़ाने पड़े थे। सुंदरह स्कूल में विज्ञान के साथ-साथ सामाजिक विज्ञान भी पढ़ाना पड़ा था।  इस प्रकार हर विद्यालय में अलग-अलग समय अलग-अलग विषय पढ़ाने पड़े हैं। चाहे इसे मजबूरी कहा जाए या जरूरी कहा जाए। कुछ शिक्षक तो अपना विषय भी ढंग से नहीं पढ़ा पाते। यहां मैं किसी शिक्षक की बुराई और अपनी बड़ाई नहीं कर रहा जो हकीकत है वह कहने में कोई बुराई नहीं होती। इसलिए मैंने कभी नहीं सोचा कि अपना विषय है या किसी दूसरे का। हर समय यही सोचा कि अच्छे अंक कैसे दिलवाये जाए और अच्छे अंक विद्यार्थियों के आए भी।
यहां बताने में कोई संकोच नहीं है कि विद्यार्थियों के परीक्षा परिणाम कई सालों तक शत प्रतिशत रहे। मेरे बहुत काम आये। मेरी सबसे अधिक शिकायत एक ऐसे राक्षस शिक्षक ने की जिसे अपने विषय का ज्ञान नहीं था यहां तक कि हिंदी भी नहीं आती थी अंग्रेजी तो दूर की बात है किंतु अधिकरियों के मतलवे चाटने में एक नंबर पर रहा। एक बार कुछ राक्षसों ने मेरी शिकायत कर दी कि यह पत्रकार भी है और अध्यापक भी, शिक्षण में मेहनत नहीं करता। इसके बाद निदेशक सेकेंडरी शिक्षा विभाग की ओर से मेरे सारे परीक्षा परिणाम मांगे गए, उस समय मैं कनीना स्कूल में कार्यरत था और सभी अच्छे परिणाम पहुंचने के कारण अधिकारियों ने खुशी जाहिर की थी। यही नहीं समय समय पर भी मेरे अच्छे परिणामों की प्रशंसा हुई। विद्यार्थियों ने विज्ञान में हरियाणा के स्कूलों में 98 अंक तक प्राप्त किये। यहां तक की अनेकों बार परीक्षा की तैनाती देनी पड़ी थी और मार्किंग में भी जाना पड़ा था परंतु इन चीजों से दूर ही रहना चाहता था।





कनीना नगरपालिका चुनाव
-चर्चाओं में आ गई है सरिता बबलू
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कनीना की आवाज।
 यूं तो नगर पालिका कनीना के प्रधान पद के चुनावों  के लिए अनेक प्रत्याशी मैदान में उतर गए हैं किंतु जब से सरिता बबलू मैदान में आई है तब से चर्चाओं का दौर जारी है। जहां भी कहीं जाए जसवंत बबलू और उनकी पत्नी सरिता बबलू की चर्चा छिड़ी मिलती है। कहीं बहस चलती है तो भी उनके पक्ष और विपक्ष पर वोटर अनेक विचार व्यक्त करते हैं। वैसे भी उच्च अधिकारियों विशेष कर केंद्र के मंत्रियों, हरियाणा के मंत्रियों तक जसवंत सिंह बबलू की अच्छी पहुंच होने के कारण अब वह नगर पालिका कनीना के चुनाव में अपनी पत्नी को उतार रहे हैं। सरिता बबलू मैदान में आ चुकी है तथा अनेक वादे किया जा रहे हैं। जसवंत सिंह बबलू ने बताया कि एक बार चुनाव जीत जाएंगे तो कनीना का कायाकल्प हो जाएगा। सब कुछ बदल कर रख दिया जाएगा। कनीना को गुरुग्राम सिटी की तरह शहर बनाया जाएगा। किसी प्रकार के बजट की कोई कमी नहीं होगी, चूंकि सीधा संबंध नेताओं और मंत्रियों से होगा। उनकी जीत कनीना के विकास को नया आयाम देगी। यही कारण है कि अब हर इंसान, वोटर की नजर में जसवंत सिंह बबलू आ गए हैं। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव के लिए भी जसवंत सिंह बबलू टिकट की लाइन में थे लेकिन टिकट न मिलने के कारण अब वो अपनी पत्नी को कनीना नगर पालिका के चुनावों में उतर रहे हैं। उन्हें पूर्ण विश्वास है की जीत उनकी ही होगी। वो गली-गली और हर वोटर के पास पहुंच रहे हैं ताकि वोट पक्की हो सके किंतु अभी तक नगर पालिका चुनाव की तिथि घोषित नहीं हुई है। आने वाले समय में चुनाव तिथि घोषित होने की संभावना है।






केंद्रीय बजट से हरियाणा में भी होगा स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार :कुमारी आरती सिंह राव
--स्वास्थ्य मंत्री ने बजट को सराहा
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कनीना की आवाज।
हरियाणा की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा पेश किए गए केंद्रीय बजट की सराहना करते हुए इसको गरीब एवं मध्यम वर्ग सहित सभी वर्गों के हित में बताया है। उन्होंने बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इस बजट से हरियाणा में स्वास्थ्य सुविधाओं में भी विस्तार होगा।
  आरती सिंह राव ने कहा कि आज के बजट से मेडिकल एजुकेशन का विस्तार होगा। मेडिकल पेशेवरों की कमी को दूर करने के लिए केंद्र सरकार ने आने वाले साल में 10,000 मेडिकल सीटें बढ़ाने की घोषणा की है, जिसका लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 75,000 सीटें बढ़ाना है। सरकार के इस कदम से डाक्टरों और विशेषज्ञों की  वृद्धि होने की उम्मीद है, खासकर ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में लोगों को डाक्टरों की उपलब्धता आसान होगी।
स्वास्थ्य मंत्री ने जिला अस्पतालों में डे-केयर कैंसर सेंटर की स्थापना करने की घोषणा को ऐतिहासिक निर्णय करार दिया। उन्होंने कहा कि कैंसर की देखभाल में सुधार की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। इस पहल से कैंसर के मरीजोंं खास तौर पर ग्रामीण इलाकों के लोगों को लंबी दूरी तय किए बिना किफायती और समय पर इलाज मिल सके।
उन्होंने बजट में कई जीवनरक्षक दवाओं और औषधियों को सीमा शुल्क से छूट देने का स्वागत करते हुए कहा कि इस बजट में 36 जीवन रक्षक दवाओं और औषधियों को सीमा शुल्क से छूट दी गई है, जबकि 6 दवाओं को 5 फीसदी शुल्क वाली श्रेणी में रखा गया है। इसके अलावा, 37 दवाओं और 13 नए रोगी सहायता कार्यक्रमों को छूट की सूची में शामिल किया गया है। इससे कैंसर, दुर्लभ विकार और गंभीर पुरानी बीमारियों जैसे रोगों के लिए महत्वपूर्ण उपचार रोगियों के लिए अधिक किफायती हो जाएंगे।
कुमारी आरती सिंह राव ने केंद्र सरकार द्वारा हील इन इंडिया पहल की सराहना करते हुए कहा कि इस पहल के तहत मेडिकल टूरिज्म को बढ़ावा मिलेगा और वीजा प्रक्रिया आसान होगी।  
उन्होंने आज वित्त मंत्री द्वारा पेश किये गए बजट को स्वास्थ्य के क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव लाने वाला बताते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण और प्रधानमंत्री  नरेंद्र  मोदी का आभार व्यक्त किया है।
फोटो कैप्शन: आरती सिंह राव



गोमला में भागवत कथा जारी
चीर हरण प्रसंग सहित कई प्रसंग सुनाये आचार्य ने
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कनीना की आवाज।
गोमला के बाबा भीष्म मन्दिर में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ दिवस आचार्य प्रशांत अवस्थी गुरु जी ने ने पूतना वध, तृणवर्त, सकटासुर वध, चीर हरण, गोवर्धन, और महारास बहुत ही सुंदर कथा सुनाई गुरु जी ने बताया की भगवान् कृष्ण ने जब इंद्र की पूजा न कराके गोवर्धन की पूजा कराई इस पर इंद्र कुपित हो गया था सारे व्रज मण्डल में घन घोर वर्षा कराई तो भगवान् ने गोवर्धन को एक उंगली में गोवर्धन को उठाया और सभी व्रज वासियों को इंद्र के क्रोध से बचाया भगवान् ने समाज को एक शिक्षा दी की जब अभिमान हो जाता है तो ईश्वर किसी न किसी रूप में आकर उसका अभिमान तोड़ देते है।
फोटो कैप्शन 12: आचार्य प्रवचन करते हुए।



जवाहर नवोदय विद्यालय में कक्षा 9वीं व 11वीं में प्रवेश परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी
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कनीना की आवाज।
जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में सत्र 2025-26 में कक्षा 9वीं व 11वीं   प्रवेश परीक्षा के लिए ऑनलाइन एडमिट कार्ड जारी हो गए हैं। अभ्यार्थी अपना एडमिट कार्ड रजिस्ट्रेशन नंबर व जन्म तिथि से दिए गए लिंक से निकाल सकते हैं।
यह जानकारी देते हुए प्राचार्य राजीव कुमार सक्सेना ने बताया कि नवोदय विद्यालय समिति नोएडा ने सत्र 2025-26 में कक्षा नौंवी व ग्यारवीं की प्रवेश परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड जारी कर दिए हैं। अभ्यार्थी अपना एडमिट कार्ड समय रहते डाउनलोड कर लें ताकि कोई भी अभ्यार्थी परीक्षा देने से वंचित न रहे। अगर किसी अभ्यार्थी के एडमिट कार्ड में कोई गलती है तो विद्यालय की ऑफिसियल मेल आईडी पर व स्कूल में आकर सम्पर्क कर सकते हैं।



माता खिमज सेहलंग में कई क्रिकेट मैच हुये
 3 फरवरी को होंगे फाइनल मैच
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कनीना की आवाज।
 एक फरवरी 2025को खिमज माता मेले के उपलक्ष्य में क्रिकेट प्रतियोगिता जारी है। विस्तृत जानकारी देते हुए विजयपाल सेहलंग समाजसेवी ने बताया कि बाघोत का मुकाबला तलवाना की टीम से हुआ जिसमें बाघोत की टीम ने 37 रन से जीत दर्ज की। रूडियावास का मुकाबला बसई की टीम से हुआ जिसमें बसई की टीम 5 विकेट से जीती। पातुहेडा का मुकाबला झाड़ली पावर प्लांट की टीम से हुआ जिसमें झाड़ली पावर प्लांट की टीम 6 विकेट से जीती। झोझू कलां का झाड़ली पावर प्लांट की टीम से मुकाबला हुआ जिसमें झाड़ली पावर प्लांट की टीम 8 विकेट से जीती। बसई का जुई की टीम से मुकाबला हुआ जिसमें जुई की टीम 20 रन से जीती। दो फरवरी को छह मुकाबले होंगे और फाइनल मुकाबला तीन फरवरी को सुबह दस बजे से होगा।
फोटो कैप्शन 11: सेहलंग में आयोजित मैच



बजट में शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की-भारद्वाज
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कनीना की आवाज।
भारत के बजट 2025 पर शिक्षा के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है। बीआर ग्रुप आफ इंस्टीट्यूशंस के चेयरमैन हरीश भारद्वाज के अनुसार, इस बजट में शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की गई हैं।
 इस बजट में शिक्षा के क्षेत्र में कई नई पहले शुरू की गई हैं। जिसमें सरकार नेशनल डिजिटल लर्निंग मिशन के तहत, सरकार देश भर में डिजिटल शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय डिजिटल शिक्षा मंच स्थापित करेगी। सरकार ने शिक्षक प्रशिक्षण कार्यक्रमों के लिए आवंटन बढ़ाया है, जिससे शिक्षकों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके। सरकार ने छात्रवृत्ति योजनाओं के लिए आवंटन बढ़ाया है, जिससे गरीब और वंचित छात्रों को शिक्षा प्राप्त करने में मदद मिल सके। सरकार ने व्यावसायिक शिक्षा के लिए आवंटन बढ़ाया है, जिससे छात्रों को उद्योगों की आवश्यकताओं के अनुसार प्रशिक्षण प्रदान किया जा सके।
इसके अलावा सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में अनुसंधान के लिए आवंटन बढ़ाया है, जिससे शिक्षा के क्षेत्र में नए और नवीनतम तरीकों को विकसित किया जा सके। उनहोंने कहा कि भारत का बजट 2025 शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण घोषणाएं करता है। यह बजट शिक्षा के क्षेत्र में सुधार और विस्तार करने के लिए किया गया है, जिससे देश के युवाओं को बेहतर शिक्षा प्रदान की जा सके।
फोटो कैप्शन 10: हरिश भारद्वाज




शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर एनपीएस का किया विरोध
--ओपीएस की कर रहे हैं मांग
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कनीना की आवाज।
 हरियाणा प्राइमरी टीचर्स एसोसिएशन की राज्य कार्यकारिणी के निर्णय अनुसार खंड कनीना के समस्त शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर नई पेंशन योजना/एनपीएस का विरोध जताया है। इस विषय में जानकारी देते हुए हरियाणा प्राइवेट टीचर एसोसिएशन खंड प्रधान कनीना रामकिशन गोमला ने बताया कि नई पेंशन योजना कर्मचारियों की हित में नहीं है। इससे प्रभावित सभी कर्मचारी वर्षों से इसका विरोध कर रहे हैं। सभी शिक्षकों ने विरोध स्वरूप काली पट्टी पहनकर शिक्षण कार्य करवाया ताकि सरकार नई पेंशन योजना को बंद कर पुरानी पेंशन योजना लागू करें। शिक्षकों ने कोई धरना प्रदर्शन, नारेबाजी नहीं की। आम दिनों की तरह शिक्षण कार्य भी चलता रहा।
 फोटो कैप्शन 09: काली पट्टी बांधकर एनपीएस का विरोध करते शिक्षक फोटो: एसोसिएशन




भूलते जा रहे हैं बसंत पंचमी के विभिन्न कार्यक्रम
-लोगों में पहले वाला अब नहीं रहा उत्साह
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कनीना की आवाज।
 एक वक्त था जब बसंत पंचमी के दिन विभिन्न पर्व मनाए जाते थे। जहां पीले वस्त्र पहनना, मां सरस्वती की पूजा करना, बच्चों को अक्षर ज्ञान देने की शुरुआत करना, विभिन्न देवों की पूजा करना आदि कार्यक्रम चलाते थे। लोग बसंत के गीत गाकर झूम उठते थे किंतु आज के दिन बसंत के प्रति वो खुशियां देखने को नहीं मिलती। इस संबंध में कुछ लोगों से चर्चा की गई जिनके विचार निम्न है-
**अब बसंत पंचमी जब आती है तो अक्सर ज्ञान को भुला दिया जाता है। एक वक्त था जब छोटे बच्चे घर परिवार में होते थे उनको अक्सर ज्ञान देना इसी दिन से शुरुआत की जाती थी ताकि वह मां सरस्वती के चरणों में बैठकर ज्ञान अर्जित कर सके। अब तो नया शिक्षा स्तर भी 1 अप्रैल से शुरू होता है। ऐसे में अक्षर ज्ञान इस दिन से नहीं एक अप्रैल से ही देना शुरू किया जाता है। जहां कुछ क्षेत्रों में उत्साह एवं उमंग देखने को मिलती थी वो अब नहीं देखने को मिलती।
--कुलदीप कुमार, कनीना
बसंत पंचमी पर जहां सभी ओर पीले फूल नजर आते, हैं सरसों पकी हुई फूली हुई पीले फूलों से लदी होती है तथा वसंती रंग का द्योतक होती है तथा लोग इस दिन बसंती वस्त्र पहनते थे। आज के दिन जब बसंत पंचमी का पर्व आता है तो लोग पीले परिधान नहीं पहनते। अपनी पुरानी संस्कृति को भुलाते जा रहे हैं जो बहुत बुरी बात है।
-- सुरेश कुमार, भडफ़ निवासी
बसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा हर घर में की जाती थी। साथ में शिव, ब्रह्मा एवं विष्णु आदि की पूजा की जाती थी। आज के दिन इन सभी को भुला दिया गया है। आज किसी भी देवी देवता की पूजा नहीं की जाती। अधिकांश बच्चों को तो यह नहीं पता होता इस दिन किस देवी देवता की पूजा की जाती है जो हमारी ज्ञान देने की परंपरा को भुलाने के सामान बन गया है। विद्यार्थी और बच्चों को जरूरी समझ जानकारी दी जानी चाहिए।
-- डा. अजीत कुमार, झगड़ोली
अब तो हर घर में उत्सव नहीं मनाया जाता, वरना एक वक्त था जब बसंत पंचमी का विशेष उत्सव मनाया जाता था। खुशियां मनाई जाती थी, पकवान बनाए जाते थे। खुशी-खुशी खाकर लोग प्रसन्नचित नजर आते थे। किसान फसल को लहलहाता देख खुशियां मनाते थे किंतु वर्तमान समय में पर्व को भूला दिया गया है। गांवों में जो खेल आयोजित होते थे वो भी लगभग बंद हो चुके हैं। ऐसे में इस पर्व के प्रति पहले वाला जोश नहीं रहा है।
-- छोटू मेहरा, कोटिया
 फोटो कैप्शन छोटू मेहरा, डा. अजीत, कुलदीप कुमार, सुरेश कुमार



बसंत पंचमी के अवसर पर एसडी विद्यालय, ककराला में भव्य कार्यक्रम आयोजित
-एडवांस में मनाई बसंत पंचमी, दो को रहेगा रविवार का अवकाश
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कनीना की आवाज।
  एसडी विद्यालय, ककराला में बसंत पंचमी के अवसर पर एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विद्यालय के नर्सरी से सीनियर के सभी छात्रों और अध्यापकों ने भाग लिया। कार्यक्रम की शुरुआत विद्यालय के प्रधानाचार्य ओमप्रकाश व सीईओ आरएस यादव द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करने से हुई। इसके बाद, विद्यालय के छात्रों ने बसंत पंचमी के महत्व पर आधारित एक सुंदर नाटक प्रस्तुत किया। नाटक में छात्रों ने बसंत पंचमी के महत्व को बहुत ही सुंदर तरीके से प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि बसंत पंचमी का त्योहार वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है और यह त्योहार ज्ञान, संगीत और कला की देवी माँ सरस्वती की पूजा का दिन है। इसके बाद, विद्यालय के छात्रों ने बसंत पंचमी के अवसर पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएं आयोजित की। इन प्रतियोगिताओं में छात्रों ने बहुत ही उत्साह के साथ भाग लिया और अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कार्यक्रम के अंत में, विद्यालय निदेशक जगदेव यादव ने बसंत पंचमी के अवसर पर छात्रों को शुभकामनाएं दी और उन्हें ज्ञान, संगीत और कला के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया। इस कार्यक्रम को सफल बनाने में समन्वयक ईश्वर सिंह, जोगेन्द्र यादव, स्नेह यादव व प्रियंका यादव और प्राथमिक विभाग के अध्यापकों ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
फोटो कैप्शन 07: बसंत पंचमी का पर्व मनाते हुए एसडी स्कूल के विद्यार्थी। फोटो: एसडी स्कूल





15वां विशाल भंडारा लगाया
-कनीना मंडी टी-प्वाइंट पर दिनभर कराया भोजन
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कनीना की आवाज।
कनीना मंडी टी-प्वाइंट पर दुकानदारों द्वारा 15वां विशाल भंडारा आयोजित किया गया। यह भंडारा सुबह 11 बजे से शुरू हुआ और शाम तक चलता रहा। करीब 3000 विभिन्न लोगों ने आकर प्रसाद ग्रहण किया।
विस्तृत जानकारी देते हुए दुकानदार रवि, सुरेश कुमार, सत्यनारायण, गौरीशंकर, विजय सेठ, दरियाव सिंह, विजय सेठ, दिनेश कुमार, मनीष सेठ, सोनू पंसारी, प्रवीण कोटिया, रूप शर्मा, डा. मुकेश वर्मा, सुनील कुमार आदि ने बताया कि हर वर्ष की भंडारा आयोजित करते हैं ताकि उधर से गुजरने वाले लोगों को ताजा भोजन  प्रसाद के रूप में मिल सके। उन्होंने बताया कि सबसे पहले भंडारे का प्रसाद बाबा मोलडऩाथ आश्रम पर अर्पित किया गया तत्पश्चात लोगों को खिलाया। उन्होंने कहा कि उनका कोई उद्देश्य नहीं है, कोई स्वार्थ नहीं है बस उनका एक ही उद्देश्य है कि इधर से गुजरने वाले हर राहगीर को कम से कम 1 दिन खाना खिलाए। सभी दुकानदार मिलकर यह भंडारा लगाते आ रहे हैं। दुकानदार रूप शर्मा ने बताया कि सुबह करीब एक बजे से ही प्रसाद तैयार करना शुरू कर दिया था जिसमें विभिन्न दुकानदारों ने जमकर मदद की तथा अपने हाथों से भोजन भी कराया गया। दूर दराज से इआये लोगों ने भोजन एवं प्रसाद ग्रहण किया।
  उधर चिराग राव व उसके साथियों ने भी एसडीएम कनीना कार्यालय समक्ष भंडारा लगाया और राहगीरों को दिनभर भोजन कराया।
 फोटो कैप्शन 05: आयोजित भंडारे का नजारा। जागरण




आम बजट से हुई कर्मचारियों एवं पूर्व कर्मचारियों में खुशी
-बजट में टैक्स राहत से खुशी
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कनीना की आवाज।
 कर्मचारी टैक्स स्लैब तथा टैक्स छूट की सीमा बढ़ाने से अंतरिम बजट में उन्हें खुशी मिली है क्योंकि बजट में 12 लाख रुपये तक की आय को कर मुक्त कर दिया गया है। इस संबंध में कुछ कर्मचारियों/पूर्व कर्मचारियों व अधिकारियों से बात हुई तो उन्होंने बताया कि बजट अच्छा रहा है क्योंकि टैक्स में छूट का प्रावधान किया गया है। अब तक हर वर्ष राहत का कोई संकेत नहीं मिला था।
**बजट में जहां कर्मियों को टैक्स में छूट मिलने के आसार बने हुए थे तथा वेेतन आयोग स्थापना की संभावना थी किंतु दोनों ही सकारात्मक रही हैं। महंगाई के जमाने में कर्मियों को दो माह तक का वेतन टैक्स में देना पड़ता हैऐसे में टैक्स में बदलाव से प्रसन्नता है
--- विनीता राव, कनीना
चाहे आम बजट कुछ लोगों के लिए बहुत शानदार रहा हो किंतु कर्मचारियों के लिए बेहतर साबित होगा।  कर्मचारियों को टैक्स में 12 लाख रुपये तक कर मुक्त कर दिया गया है। टैक्स स्लैब में भी बदलाव किया है जिससे कर्मचारी खुश हो गए। इस बार आशा हाथ लगी। कर्मियों को विश्वास था कि महंगाई के युग में टैक्स में कुछ छूट मिलेगी और वैसा ही हुआ है।
-- रामानंद यादव, शिक्षाविद
 टैक्स में छूट एवं सलैब बदलाव की मांग लंबे समय से कर्मचारी करते आ रहे थे और इस बार कर्मियों को कुछ राहत मिली है। महंगाई बढ़ती ही जा रही है जिसके चलते गुजर बसर कर पाना कठिन है। महंगाई के युग में वेतन में से डेढ़ से दो माह तक का वेतन टैक्स में चला जाता है। कर्मचारी टैक्स में छूट की मांग कर रहे थे जिस पर सरकारने राहत दी है।
-- कृष्ण कुमार, पूर्व अधिकारी
 कर्मचारियों के लिए टैक्स में छूट मायने रखता है। कर्मी टैक्स में छूट  की आस लगाये हुये थे जिसके चलते स्लैब में और टैक्स में छूट दी गई है जिससे कर्मचारी परेशान खुश नजर आए। कर्मचारियों को की आशा सफल हो गई है।  आठवें वेतन आयोग गठन की बात पहले ही हो चुकी है।
---बनवारीलाल शिक्षाविद
सरकार के आम बजट से सरकारी कर्मचारी और पेंशनर्स भी बेहद खुशी हैं, जिन्हें उम्मीद थी कि टैक्स में बदलाव होगा जो घोषणा की जा चुकी है। एक जनवरी 2026 से 8वें वेतन आयोग की सिफारिशों को लागू किया जाना है। 8वें वेतन आयोग के गठन की पहले ही घोषणा की जा चुकी है। सरकार ने दोनों क्षेत्रों में कर्मियों को राहत दी है।
---लक्ष्मी देवी, शिक्षाविद।
फोटो कैप्शन: रामानंद यादव, कृष्ण सिंह, बनवारी लाल, विनीता राव, लक्ष्मी देवी।




बलिदानियों का सम्मान करना प्रत्येक व्यक्ति का फर्ज-ठेकेदार
--शहीद अशोक कुमार को पुण्यतिथि पर किया याद
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कनीना की आवाज।
  कनीना में शुक्रवार को शहीद अशोक कुमार की 26वीं पुण्यतिथि पर हवन एवं श्रद्धांजलि सभा आयोजित की गई। जिसमें बोलते हुए कनीना पालिका के पूर्व उप प्रधान ठेकेदार अशोक कुमार ने कहा कि शहीदों का सम्मान करना समाज के प्रत्येक व्यक्ति का नैतिक दायित्व बनता है। देश ही सीमाओं की रक्षा करने एवं शांति व कानून व्यवस्था को बनाए रखने के लिए जिन वीर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दी है उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होंने कहा कि अशोक कुमार दिल्ली पुलिस में तैनात था। ड्यूटी के दौरान डाकुओं का पीछा करते करते हुए वह दीवार फांदते हुए गंभीर रूप से घायल हो गए था। इस दौरान उन्होंने दो अपराधियों को उस समय तक काबू किए रखा जब तक पीछे से उनके साथी मौके पर नहीं पहुंच गए। आत्म विश्वास से भरे अशोक कुमार की हिम्मत की सभी साथी कर्मचारियों व पुलिस अफसरों ने खूब प्रशंसा की। गंभीर रूप से घायल इस जवान को इलाज के लिए अस्पताल में दाखिल कराया गया लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि अपराधियों से लड़ाई जीतने वाला यह जवान मौत से हार गया। एक फरवरी 1999 को उन्होंने अंतिम सांस ली। उनके साहस को देखते हुए दिल्ली पुलिस की ओर से शौर्य चक्र प्रदान किया गया।
   उनकी कनीना सीएचसी के नजदीक प्रतिमा स्थापित गई है जहां प्रति वर्ष शहीद के परिजनों द्वारा श्रद्धांजली सभा व हवन का आयोजन किया जाता है। उनकी धर्मपत्नी संतोष देवी को कनीना की नगरपालिका प्रधान सर्वसम्मति से चुना गया था। इस अवसर पर रोहताश सिंह पूर्व सचिव ने कहा कि शहीद किसी एक जाति के नहीं होते बल्कि सभी के लिए बराबर होते हैं। शौर्य चक्र विजेता अशोक कुमार ने जो नेक कार्य किया है वह पूरे देश में सदा सदा याद रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि हर वर्ष इस शहीद को याद किया जाता रहेगा यही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। वह युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणा स्रोत बने रहेंगे। इस मौके पर अरविंद जोशी ने हवन पूर्ण करवाया तथा इस अवसर पर दुष्यंत सेन, रामावतार सेन, महेंद्र सेन, महेश सेन, एडवोकेट निशांत, दीपक सोनी सहित सहित शहीद परिजन आदि अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 03: शहीद को पुण्यतिथि पर याद करते हुए
             04: शहीद की पुण्यतिथि पर हवन करते हुए।





बसन्त पंचमी पर्व पर करें मां सरस्वती की पूजा - शितिकंठा
-बसंत पंचमी का समापन होगा 3 को
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कनीना की आवाज।
पंडित ऋषिराज शितिकंठा ने बताया कि ज्योतिष गणना के  अनुसार बसंत पंचमी का त्योहार हर वर्ष माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि के दिन मनाया जाता है। इस साल इस तिथि की शुरुआत 2 फरवरी 2025 को सुबह 9 बजकर 16 मिनट पर  होगी, इसका समापन 03 फरवरी को प्रात: 06 बजकर 55 मिनट पर होगा।
पौराणिक कथा  के अनुसार सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्माजी ने मनुष्य योनि की रचना की, परंतु वह अपनी सर्जना से संतुष्ट नहीं थे, तब उन्होंने विष्णु जी से आज्ञा लेकर अपने कमंडल से जल को पृथ्वी पर छिड़क दिया, जिससे पृथ्वी पर कंपन होने लगा और एक अद्भुत शक्ति के रूप में चतुर्भुजी सुंदर स्त्री प्रकट हुई।
जिनके एक हाथ में वीणा एवं दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। वहीं अन्य दोनों हाथों में पुस्तक एवं माला थी। जब इस देवी ने वीणा का मधुर नाद किया तो संसार के समस्त जीव-जंतुओं को वाणी प्राप्त हो गई, तब ब्रह्माजी ने उस देवी को वाणी की देवी सरस्वती कहा। सरस्वती को बागीश्वरी, भगवती, शारदा, वीणावादनी और वाग्देवी सहित अनेक नामों से पूजा जाता है। संगीत की उत्पत्ति करने के कारण वह संगीत की देवी भी हैं। वसंत पंचमी के दिन को इनके जन्मोत्सव के रूप में भी मनाते हैं। पुराणों के अनुसार श्रीकृष्ण ने सरस्वती से खुश होकर उन्हें वरदान दिया था कि वसंत पंचमी के दिन तुम्हारी भी आराधना की जाएगी। इस कारण हिंदू धर्म में वसंत पंचमी के दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है।
पंडित ऋषि राज शितिकंठा के अनुसार इस दिन सरस्वती पूजा का मुहूर्त प्रात: 09 बजकर 24 मिनट से आरंभ होगा और दोपहर 10 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
पंडित ऋषि राज शितिकंठा ने कहा कि सुबह जल्दी उठकर स्नान करें। पीले रंग के वस्त्र पहनें. पूजा स्थल को गंगाजल से पवित्र करें. चौकी पर पीला वस्त्र बिछाकर मां सरस्वती की मूर्ति या तस्वीर रखें। कलश स्थापित करें.गणेशादि देवों का पूजन करें. मां सरस्वती देवी  की पूजा षोडशोपचार से करनी चाहिए। षोडशोपचार पूजन में देवी को 16 चीज़ें अर्पित की जाती हैं। हर चीज अर्पित करते समय पवित्र मंत्रों का जाप किया जाता है. षोडशोपचार पूजन में पाद्य, अघ्र्य, आमचन, स्नान, वस्त्र, उपवस्त्र, आभूषण, गंध, पुष्प, धूप, दीप, नैवेद्य, ताम्बूल, स्तवन पाठ, तर्पण, और नमस्कार किया जाता है. षोडशोपचार पूजन को फलदायी माना जाता है। इस त्योहार के साथ ही ठंड के मौसम की विदाई हो जाती है। यह पर्व भारत के साथ-साथ पश्चिमोत्तर बांग्लादेश और नेपाल में भी धूमधाम से मनाया जाता है
फोटो कैप्शन: पंडित ऋषिराज शर्मा




आनलाइन भैंस खरीदने का प्रलोभन देकर ठगे 63 हजार
-कनीना पुलिस ने किया मामला दर्ज
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कनीना की आवाज।
कनीना उप-मंडल के गांव सीहोर से एक व्यक्ति से आनलाइन भैंस खरीदने के नाम पर 63 हजार रुपये ठग लिए। पीडि़त ने कनीना पुलिस में ठगी का मामला दर्ज करवाया है।
 हजारीलाल सिहोरा निवासी में पुलिस में बताया कि वह एक बुजुर्ग व्यक्ति और दिहाड़ी और मजदूरी का काम करता है तथा कम पढ़ा लिखा है। कभी कबार फोन चलाता है। 3 जनवरी 2025 से पहले यूट्यूब पर भैंस बेचने का आनलाइन विज्ञापन देखा। विज्ञापन में लक्ष्मी नारायण डेरी फार्म हाउस चित्तौडग़ढ़ के नाम से मोबाइल नंबर दिए हुए थे जिसमें आनलाइन भैंस खरीदने का आफर दिया गया था। हजारीलाल ने विज्ञापन देखकर लक्ष्मी नारायण डेरी फार्म चित्तौडग़ढ़ से आनलाइन भैंस खरीदने के बारे में संपर्क किया तो लक्ष्मी नारायण ने हजारीलाल को कहा कि आप मेरे पास आनलाइन खाते में रुपये भेज दो, आपको भैंस दिलवा दूंगा। यहां तक की वीडियो काल पर भैंस दिखाई जिसकी कीमत 63 हजार रुपये बताई गई। हजारीलाल ने भैंस फोटो की फोटो देखकर भैंस खरीदने की स्वीकृति दे दी और बताए गए फोन पर फोन पे द्वारा 63 हजार रुपये भेज दिए लेकिन भैंस नहीं भेजी गई। बार-बार व्यक्ति से भैंस के बारे में संपर्क किया किंतु संतोषजनक जवाब नहीं दिया। डेरी फार्म में फोन नंबर संदीप कुमार लिखा है तथा अपने आपको डाक्टर पारित बता रहा है। पीडि़त का कहना है कि इस प्रकार तीनों व्यक्तियों ने आपस में षड्यंत्र करके 63 हजार रुपये ठग लिए हैं। कनीना पुलिस ने लक्ष्मी नारायण डेरी फार्म के लक्ष्मी नारायण धाकड़, संदीप कुमार तथा डाक्टर पारित के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर लिया है, जांच जारी है।


बसंत पंचमी-02 फरवरी
-कई रूपों में मनाया जाता है बसंत पंचमी
-अक्षरज्ञान इसी दिन से शुरू होता है
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कनीना की आवाज।
 कनीना क्षेत्र में बसंत पंचमी का पर्व 02 फरवरी के दिन मनाया जा रहा है। बसंत पंचमी का पर्व कई मायनों में सामाजिक एकता व भाईचारे का पर्व है। माघ कृष्ण पंचमी के दिन मनाए जाने वाले इस त्यौहार से जुड़ा है वासंती परिधान, पूजा अर्चना, होली गायन व नृत्य। मौसम मदमस्त करने के साथ-साथ मनमोहक होता है।
  किसानों के लिए सह वक्त प्रफुल्लित करने वाला होता है। किसानों की फसलें लहलहाने लगती हैं। सरसों के पीले रंग के फूल धरा को पीला परिधान ओढ़े होने का आभास कराते हैं। वृक्षों पर नई कोपलें,गेहूं की बालियां आ जाती हैं।  ग्रामीण अंचलों में तो इस पर्व का अधिक महत्व होता है। पतंगबाजी एवं मां सरस्वती की पूजा का पर्व है।
  शिक्षाविद नरेश कुमार बताते हैं कि बसंत पंचमी से जुड़ी हैं अक्षरज्ञान की परंपरा। प्राचीन समय से बड़े बूढ़े अपने बच्चों को इसी दिन से ज्ञान देना शुरू करते थे। घर-घर में मां सरस्वती की पूजा होती है। बताया जाता है कि शिव, ब्रह्मा, विष्णु काम व रति की पूजा करने का प्रावधान भी होता है। बताया जाता है कि भगवान् भोलेनाथ को पार्वती ने बसंत बहार में ही आकर्षित किया था। राजस्थान में तो इस दिन मां की मूर्ति बनाकर पूजा करने के उपरांत नृत्य करने की परंपरा भी है।
    बसंत पंचमी को पीले वस्त्र पहनने की परंपरा भी चली आ रही है। पीले वस्त्र पहनकर नृत्य किया जाता है। महिलाएं मंदिरों में जाकर पीले पुष्प अर्पित करती हैं। घरों में पीले चावल बनाकर चाव से खाये जाते हैं। बसंत पंचमी को विद्यार्थी मां सरस्वती की पूजा करके सद्बुद्धि और विद्या का वरदान मांगते हैं। कवियों ने ऋतुराज बसंत का कविताओं में और साहित्य में मार्मिक वर्णन किया है। प्रेमियों के लिए भी यह दिन मदमस्त करने वाला होता है। सुनील कुमार का कहना है कि जहां भी देखो खुशियों की बहार आ जाती है। किसान जहां खेतों में फसल पकती देख प्रसन्न होते हैं वहीं पक्षी भी ठंड से बचकर फसल खाने को लालायित दिखाई पड़ते हैं। भंवरे बागों और फसलों पर गूंजन करते हैं और मधुमक्खियां दिनभर फूलों से पराग इक_ïा करने में लगी रहती हैं और इंसान को मेहनत करने की प्रेरणा देती हैं।
     इस पर्व के आगमन का द्योतक ही पेड़ पौधों पर फूलों का आना तथा मौसम का सुहावना होना माना जाता है। किसानों के लिए बसंत का कुछ विशेष महत्व होता है। किसान अपने खेतों की ओर देख-देखकर मन ही मन में विभोर हो जाता है और आने वाली खुशहाली को याद करता। अपने खेत में अच्छी फसल पैदा होने की संभावना को मन में धारण करके भगवान् एवं मां सरस्वती का आभार व्यक्त करता है। देश के विभिन्न भागों में इस त्योहार को अलग-अलग अंदाज में मनाया जाता है लेकिन सभी का अंतिम उद्देश्य मां की पूजा करना और सद्बुद्धि पाने की प्रार्थना करना होता है।
  कवियों की कल्पना का आधार एवं मन में एक विचार सृजन का वक्त बसंत अति सुहावना लगता है। इस मौसम का विभिन्न कवियों ने अपनी तूलिकाओं से विभिन्न रंगों में उकेरा है। इस मौसम को देखकर लगता है कि सचमुच कामदेव धरा पर अवतरित हो गए हैं। किसान हो या आम जन सभी को प्रकृति का बहुरंगी नजारा अति मनमोहक लगता है। इसी दिन माता पिता की पूजा का विधान है। यू तो माता पिता की पूजा हर दिन की जाती है किंतु यह दिन उनकी पूजा का विशेष दिन माना गया है।
 डा मुंशीराम बताते हैं कि इस दिन ही ब्रह्मांड के रचयिता ब्रह्माा जी ने मां सरस्वती की रचना की थी। इस बात का उल्लेख पुराणों में मिलता है कि, सृष्टि के प्रारंभिक काल में भगवान विष्णु की आज्ञा से ब्रह्मा जी ने मनुष्य योनि की रचना की क्योंकि, अपनी प्रारंभिक अवस्था में मनुष्य मूक था और धरती बिल्कुल शांत थी तब, ब्रह्मा जी ने धरती को इस अवस्था में देखा तो अपने कमंडल से जल लेकर छिड़क दिया। जिससे एक अद्भुत शक्ति के रूप में चतुर्भुजी सुंदर स्त्री प्रकट हुई। जिनके हाथ में वीणा थी और उनका दूसरा हाथ वर मुद्रा में था। यही शक्ति मां सरस्वती कहलायी। उन्होंने वीणा का तार छेड़ा तो तीनो लोक में कंपन हो गया और सबको शब्द वाणी मिल गई।
 लक्ष्मी देवी का कहना है कि मेलों की तैयारी इस दिन से शुरू हो जाती है। अकेले कनीना एवं आस पास गांवों में मेले लगते हैं जिनकी तैयारियां शुरू हो जाती हैं। विभिन्न संस्थाओं में मां सरस्वती का पूजन होता है वहीं भंडारे एवं प्रसाद वितरण ,हवन आदि से मां को आह्वान किया जाता है। संत उधौदास आश्रम के लालदास महाराज के आश्रम में बसंत पंचमी के दिन हवन,भंडारा, मां की पूजा आदि अनेक कार्यक्रम आयोजित होने जा रहे हैं। मां की पूजा से संपूर्ण कार्य पूर्ण होते हैं।
फोटो कैप्शन 01:  खेतों में लहलहाते पीली फूली सरसों





बदला मौसम,धुंध पड़ी, सूर्



























य करता रहा आंख मिचौनी
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कनीना की आवाज।
कनीना क्षेत्र में जहां गत दिनों से धुंध नहीं पड़ रही थी किंतु शनिवार को अचानक मौसम बदल गया। सुबह सवेरे धुंध पड़ी, ठंड भी बढ़ गई।  ठंड पडऩा सरसों और गेहूं फसल के लिए लाभप्रद माना जाता है। कनीना क्षेत्र में विगत वर्ष के करीब 29 हजार हेक्टेयर पर सरसों उगाई गई है।
उधर सूर्य आंख मिचौनी करता रहा। कभी बादल तो कभी हल्की धुंध छाई रही। जहां सूरज बादलों और धुंध के बीच हठखेलियां करता नजर आया। कृषि विभाग के पूर्व अधिकारी डा. देवराज का कहना है कि इस प्रकार का मौसम फसलों के लिए लाभप्रद होता है। इससे फसल के लिए नमी की आपूर्ति हो जाती है।
फोटो कैप्शन 0 2: सूर्य धुंध के बीच आंख मिचौनी करता हुआ।





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