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Wednesday, February 26, 2025
भगवान शिव की आराधना करने से मिट जाते हैं सभी कष्ट -स्वामी शिवानंद
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कनीना की आवाज। भगवान शिव की आराधना करने से मिलता मनोकामना पूर्ण होती है। ये विचार परम संत शिवानंद ने धनौंदा भगवान शिव लिंग की पूजा अर्चना करने के उपरांत व्यक्त किये। इसी कड़ी में कनीना के निकटवर्ती बव्वा गांव में स्थित श्रीहरी आश्रम में भगवान शिव की आराधना की तथा भगवान शिवलिंग पर रुद्राभिषेक किया गया जिसमें क्षेत्र के सैकड़ों लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर शिवानंद महाराज ने कहा कि आज का दिन बहुत ही शुभ दिन है क्योंकि आज के दिन ही शिव शक्ति का विवाह हुआ था। उन्होंने कहा कि भगवान शिव ही इस दुनिया के ऐसे देव है जो कुछ लेते नहीं बल्कि देते हैं। उन्होंने यह भी कहा भगवान शिव मानव की आवाज को सबसे जल्दी सुनते हैं और वह फल देने में सोच विचार नहीं करते। इसलिए हम सबको भगवान शिव की आराधना करनी चाहिए।
फोटो कैप्शन 16: शिव आराधना करते भक्त
आर्य समाज रसूलपुर का दो दिवसीय वार्षिक उत्सव 8 मार्च से
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव रसूलपुर स्थित आर्य समाज का 35वां दो दिवसीय वार्षिक उत्सव 8 मार्च से शुरू होगा। इस मौके पर संगीत की सहायता से चरित्र निर्माण एवं राष्ट्र प्रेम की जानकारी दी जाएगी। विस्तृत जानकारी देते सतीश आर्य रसूलपुर ने बताया कि इस मौके पर भजन उपदेशिका प्रियंका भारती आर्य भुसावल , अचार्य अनुज शास्त्री देहरादून, महाशय विजयपाल, महाशय बंसी राम कलवाड़ी, सत्यवीर दंताल तथा स्थानीय भजन मंडली होगी, जो भजन उपदेश द्वारा चरित्र निर्माण की जानकारी देगी। इस अवसर पर मुख्य अतिथि डा. यश देव शास्त्री महामंत्री पतंजलि ग्रामोद्योग तथा अध्यक्षता भगत सिंह यादव समाज सेवा कनीना करेंगे।
हकीकत
सरकार का कहना या तो हरियाणा से शादी करो या फिर कुंवारे रहो?
-वरना कार्यालयों के चक्कर काटो, लाभ नहीं मिलेगा।
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कनीना की आवाज। कनीना पालिका के चुनावो में नई-नई बातें उभर कर आई हैं। सबसे बड़ी नई समस्या उभर कर आई वह है महिला की बीसी-बी की सर्टिफिकेट बनवाना। अगर बीसी-बी की सर्टिफिकेट बनवानी है और महिला किसी दूसरे राज्य /हरियाणा के अतिरिक्त अन्य किसी राज्य से लड़का शादीशुदा है तो उसकी बीसी-बी की सर्टिफिकेट नहीं बनेग। इस मुद्दे पर कनीना के समाजसेवी डा. होशियार सिंह ने सरल पोर्टल हेल्पलाइन एवं परिवार पहचानपत्र हेल्पलाइन से एक बार नहीं कई बार बात की। सभी ने आखिरकार स्पष्ट कर दिया कि बीसी सर्टिफिकेट नहीं बनेगी यदि बनेगी तो उसमें हरियाणा के किसी गाव की ही महिला होनी चाहिए। उन्होंने साफ कर दिया है कि आज तक सरल पोर्टल पर ऐसा कोई आप्शन नहीं है, चाहे आप न्यायालय जा सकते हैं किंतु हम कुछ नहीं कर सकते हैं? क्योंकि सीएससी सेंटर वाले एक ही बात कहते हैं कि दो शर्तें पूरी करो या तो उसे महिला के माता-पिता मर चुके हैं तो बन सकती है या लड़की के माता-पिता का परिवार पहचान पत्र होना जरूरी है। तत्पश्चात दो जगह ओटीपी जाता है। ऐसे में बीसी-बी की सर्टिफिकेट कैसे बने? कोई अधिकारी जवाब नहीं दे रहा है? सभी अधिकारी अपने-अपने उल्टे सीधे कथन कह रहे हैं। न जाने लोग कब जागेंगे? कुछ कह रहे हैं शादी के 15 साल होने के बाद ही बनेगी जबकि 15 साल हो चुके उनकी भी नहीं बन पा रही है। यहां तक की एक बार बीसी-बी बन जाए दोबारा फिर नहीं बनती, ऐसे भी केस सामने आए हैं। इस संबंध में एक सीएससी सेंटर वाले से चर्चा की तो उसने कहा मैं भी इसी रोग का मरीज हूं। जब इस संबंध में परिवार पहचान पत्र कार्यालय चंडीगढ़ बात की तो एक बार उन्होंने बताया कि गिरदावर द्वारा जाति वेरीफाई करनी जरूरी है, जब दोबारा से बात की और उससे बताया गया कि पटवारी ने तो जाति वेरीफाई कर रखी है और पहले भी बीसीबी की सर्टिफिकेट बनी हुई है तो उसने बताया की आप शिकायत दर्ज करवाओ और शिकायत दर्ज करवा दी तो अब कोई जवाब नहीं दे रहे हैं, इंतजार करो। आखिर एक ही बात समझ आई कि अपने परिवार लड़कों को कहीं यदि शादी करनी है तो हरियाणा में ही करवाइये ताकि वहां की लड़की का परिवार पहचान पत्र काम आ सके। अन्य किसी राज्य में परिवार पहचान पत्र नहीं है, हरियाणा का नियम है कि परिवार पहचान पत्र से ही सर्टिफिकेट बनेगी। कितना बड़ा दुर्भाग्य है कि न तो कोई अधिकारी इसका जवाब देते और न हीं कोई सुनने वाला। उल्लेखनीय कि इसी प्रकार का मुद्दा पहले कनीना के होशियार सिंह ने उठाया था और बार-बार उच्च अधिकारियों से संपर्क किया तब जाकर बीसी-बी की सर्टिफिकेट बननी शुरू हुई थी क्योंकि बीसीबी के लिए शर्त निर्धारित कर रखी है कि 8 लाख से अधिक आय नहीं होनी चाहिए, यदि परिवार पहचान पत्र में 8 लाख से अधिक आए हैं तो अधिकारी इसलिए बीसी-बी की सर्टिफिकेट नहीं बनती थी। आय अधिक होने की बात कही जाती थी। परंतु सरकार का आदेश था कि पेंशन और नौकरी से जो तनख्वाह आती है वह इसमें नहीं जोड़ी जाएगी। यह बात बार-बार उच्च अधिकारियों से चर्चा की तब जाकर बीसी-बी की सर्टिफिकेट बनने लगी। अब यह नई समस्या आ गई है, इसके लिए भी बार-बार उच्च अधिकारियों से चर्चा की जा रही है। अब सीएम विंडो के बाद न्यायालय की शरण लेना मजबूरी हो जाएगी।
थाना शहर कनीना पुलिस की त्वरित कार्रवाई,
--मारपीट करने नकदी छीनने के मामले में दो आरोपित गिरफ्तार
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कनीना की आवाज। पुलिस अधीक्षक पूजा वशिष्ठ ने सभी थाना प्रबंधकों, चौकी इंचार्जों को सख्त निर्देश दिए हुए हैं कि आपराधिक गतिविधियों को अंजाम देने वालों को जल्द गिरफ्तार कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। थाना शहर कनीना की पुलिस टीम द्वारा मारपीट कर नकदी छीनने के मामले में त्वरित कार्रवाई करते हुए दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जिनकी पहचान अंकित वासी निमली चरखी दादरी और सुनील वासी नौगांव थाना साल्हावास के रूप में हुई है। आरोपितों ने एक व्यक्ति के साथ मारपीट कर नकदी छीनने की वारदात को अंजाम दिया था। आरोपितों को न्यायालय में पेश कर पुलिस रिमांड पर लिया गया है। पुलिस द्वारा आरोपितों से पूछताछ की जा रही है।
शिकायतकर्ता विजय कुमार वासी गांव कोटिया ने थाना शहर कनीना में शिकायत दर्ज कराई कि वह कनीना मण्डी के अन्दर जुगनु टेलर की दुकान पर सिलाई का काम करता है और शाम को सिलाई का काम करने के बाद पैदल घर जाता है। दिनांक 21 फरवरी 2025 को शाम के समय करीब 6 बजे वह पैदल घर जा रहा था तो कोटिया मोड़ नहर के पास एक मोटर साइकिल पर दो लड़के खड़े थे, जिन्होंने उससे पूछा कि आप कहां जाओगे, शिकायतकर्ता ने बताया कि वह कोटिया जाएगा तो उन लड़कों ने कहा कि वह भी कोटिया जाएंगे और उसको गांव में छोड़ देंगे। दोनों लड़के शिकायतकर्ता को मोटर साइकिल पर बैठाकर कोसली रोड़ की तरफ कच्चे रास्ते के पास खाली कोटड़ा के अन्दर ले गये और मारपीट कर नकदी छीन ली और वहां से चले गए। शिकायतकर्ता ने एक नामजद व अज्ञात के खिलाफ मारपीट कर छीनाझपटी की शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।
फोटो कैप्शन 14: पुलिस द्वारा पकड़े गये दो आरोपित
मोलडऩाथ मेले में होगी 51000 रुपये की ईनामी ऊंट दौड़
-घोडिय़ों की दौड़ भी 51 हजार रुपये की
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कनीना की आवाज।कनीना के संत मोलडऩाथ महाराज का मेला सोमवार 10 मार्च को कनीना में आयोजित होगा। इस मेले में भजन, सत्संग, ऊंटों की दौड़, घोडिय़ों की दौड़, कुश्ती आदि विशेष आकर्षण होते हैं। 9 मार्च को रात्रि जागरण भी होगा।
विस्तृत जानकारी देते हुए मोलडऩाथ ट्रस्ट के प्रधान दिनेश कुमार ने बताया कि 9 मार्च को फुटबाल खेल के मैदान में रात्रि को जागरण आयोजित होगा जिसमें प्रीति चौधरी, आरती जांगिड़, जयप्रकाश, गोविंद खांडा आदि गुणगान करेंगे वही 31 हजार रुपये का दंगल आयोजित होगा। ऊंट की दौड़ में प्रथम पुरस्कार 51000, दूसरा 41000, तीसरा 31 हजार, चौथा 21 हजार एवं पांचवां 11 हजार रुपये का होगा। इसी प्रकार देसी घोडिय़ों की दौड़ में प्रथम पुरस्कार 51000, दूसरा 41000, तीसरा 31 हजार, चौथा 21 हजार एवं पांचवां 11 हजार रुपये का दिया जाएगा। घोडिय़ों की चाल में प्रथम 21000 , दूूसरा 15000 तथा तृतीय पुरस्कार 7100 रुपये दिया जाएगा।ऊंट एवं घोडिय़ों की दौड़ सोमवार 10 मार्च को सुबह आयोजित होंगी। ये दौड़ सीहोर-छीथरोली रोड़ कनीना पर होंगी। इस मेले में उत्तर प्रदेश, पंजाब राजस्थान तथा दूसरे प्रांतों से ऊंट ,घोड़ी दौड़ आदि में भाग लेने के लिए आते हैं। घोडिय़ों के सुंदर-सुंदर कर्तब दिखाए जाते हैं।
फोटो कैप्शन 12: संत मोलडऩाथ मेेले की जानकारी देते हुए मोलडऩाथ ट्रस्ट के पदाधिकारी।
कनीना नगरपालिका चुनाव
विधायक के भी चुनाव लड़ चुके हैं दो पार्षद प्रत्याशी
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कनीना की आवाज। कनीना नगर पालिका के चुनावों में किस कदर मारामारी चल रही है इस बात का अंदाजा महज इस बात से ही लगाया जा सकता है कि कनीना के दो वार्ड पार्षद का चुनाव लडऩे वाले पहले विधायक/एमएलए का चुनाव भी लड़ चुके हैं। हालांकि विधायक चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था और यही नहीं उनमें से एक प्रत्याशी को पहले भी पार्षद के चुनावों में हार का सामना करना पड़ा है।
उल्लेखनीय है कि कनीना नगरपालिका चुनाव पूरे यौवन पर चल रहे हैं। अपना पूरा प्रदर्शन वोट पाने के लिए कर रहे हैं। दिन-रात वोटर के पास जा रहे हैं वोट मांग रहे हैं। उल्लेखनीय है कि कनीना नगर पालिका के चुनावों में जहां डाक्टर,पत्रकार, वकील समाज सेवी, पूर्व पार्षद, पूर्व प्रधान भी चुनाव मैदान में अपना भाग्य जम रहे हैं किंतु दो प्रत्याशियों पर विशेष नजर टिकी हुई है जो कि विधायक पद के लिए भी चुनाव लड़ चुके हैं और दोनों की हार हो चुकी है। अब वे पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ रहे हैं। 2 मार्च को उनके भाग्य का होगा फैसला होगा।
चुनाव चिह्न स्कूटर और प्रचार भी कर रहा है स्कूटर से--
कनीना में इस बार जहां नगर पालिका के चुनावों के दृष्टिगत कुछ प्रत्याशी अपने चुनाव चिह्न को हकीकत रूप दिए हुए हैं। जहां बस चुनाव चिन्ह मिला हुआ है वह बसनुमा गाड़ी लेकर चुनाव प्रचार कर रहा है, वही स्कूटर चुनाव चिन्ह जिसको मिला है वह स्कूटर पर बैठकर वोट मांग रहा है।
अब तो चुनाव लडऩे वाले पहुंचे साधुओं की शरण में-
कनीना नगर पालिका के चुनाव 2 मार्च को होंगे जिसको लेकर विभिन्न प्रत्याशी न केवल विभिन्न धार्मिक स्थानों पर धोक लगा रहे अपितु साधु संतों के पास जाकर आशीर्वाद पा रहे हैं। यूं तो अनेक प्रत्याशी साधु संतों के यहां धोक लगातेे देखे गये हैं। महाशिवरात्रि के दिन अनेक प्रत्याशी विभिन्न साधु संतों और धार्मिक स्थानों पर धोक लगाने पहुंचे। उनसे अपनी सुनिश्चित जीत का आशीर्वाद पाकर प्रसन्नचित हो रहे हैं।
फोटो कैप्शन 13: साधु संतों से आशीर्वाद पाते हुए प्रत्याशी।
महाशिवरात्रि की रही धूम
-विभिन्न स्थानों पर लगे भंडारे एवं मेले, शिवालयों में रही भीड़
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कनीना की आवाज। कनीना एवं आस पास क्षेत्रों में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। शिवालयों में दिनभर पूजा अर्चना का सिलसिला चलती रहा। सबसे अधिक भीड़ प्राचीन शिवालय बाघोत स्थित बाघेश्वर धाम पर रही। कई जगह भंडारे आयोजित किए गए।
महाशिवरात्रि के पर्व पर मंदिरों में भारी भीड़ रही। कनीना के 21 फुट ऊंचे शिव प्रतिमा वाले शिवालय पर दिनभर तांता लगा और भक्तजन गाजर, बेर, फूल एवं फलों से अर्चना करते देखे गए। महिलाओं की संख्या बहुत अधिक थी। उन्होंने आज व्रत किया और शिवलिंग का जलाभिषेक किया। पुराने शिवभक्त भरपूर सिंह, उनकी पत्नी शकुंतला देवी तथा बच्चे सुबह से शिवालय में पूजा अर्चना करते देखे गए।
उधर विश्व में प्रसिद्ध कनीना से 13 किमी दूर स्थित बाघेश्वरी धाम पर अपार जनसमूह उमड़ पड़ा। बाघोत में मेला आयोजित हुआ जिसमें भारी भीड़ जुटी। भक्तों ने स्वयंभू शिवलिंग का अभिषेक किया।
बाघोत का पुराना नाम हरयेक वन था। यहां पीपलाद ऋषि का आश्रम भी तो यहीं था। उनके कुल में राजा दलीप के कोई संतान नहीं थी। वे दु:खी थे और दुखी मन से अपने कुलगुरु वशिष्ठ के पास गए। उन्होंने अपना पूरा दु:ख का वृतांत मुनिवर को सुनाया। वशिष्ठ ने उन्हें पीपलाद ऋषि के आश्रम में नंदिनी नामक गाय एवं कपिला नाम की बछिया निराहार रहकर चराने का आदेश दे दिया। राजा ने गाय व बछिया को निराहार रहकर चराते वक्त एक दिन भगवान् भोलेनाथ ने बाघ का रूप बनाकर राजा की परीक्षा लेने का निर्णय लिया। बाघ ने बछिया पर धावा बोल दिया। गाय को बचाने के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने को राजा तैयार हुए। परंतु जब वे ऐसा करने लगे तो बाघ के स्थान पर शिवभोले खड़े थे। बाघ के कारण ही गांव का नाम बाघोत पड़ा। प्रारंभ में बाघेश्वर शिवालय का निर्माण कणाणा के राजा कल्याण सिंह रैबारी ने करवाया था जिसका समय समय पर उद्धार होता रहा है।
बाघोत स्थित शिवालय उन भक्तों के लिए भी प्रसिद्ध माना जाता है जिनके कोई संतान नहीं होती है। मेले में आकर दंपति अपने हाथों से एक विशाल वटवृक्ष को कच्चा धागा बांधकर सुंदर संतान होने की कामना करता है। जब संतान हो जाती है तो यहां आकर ही धागा खोलता है। यही कारण है कि शिवलिंग के पास ही खड़ा एक वटवृक्ष कच्चे धागों से लदा मिलता है।
हरियाणा सरकार की पुस्तकों में भी बाघोत का छोटा उल्लेख है वहीं लेखक एचएस यादव की कृति में संपूर्ण इतिहास दिया गया है।
बाघोत के शिवालय का शिवलिंग स्वयंभू होने के कारण यहां अपार भीड़ भक्तों की वर्षभर चलती है। छोटा सा गांव है किंतु ठहरने के लिए अनेक धर्मशालाएं हैं। प्राकृतिक शिवलिंग के भक्त दर्शन कर प्रसन्न हो जाते हैं।
बाघोत स्थित स्वयंभू शिलिंग के दर्शन हजारों वर्ष पूर्व राजा कल्याण सिंह रैबारी ने यहां स्थित जंगल में सर्वप्रथम किए थे। तत्पश्चात यहां अपार जनसमूह प्रतिवर्ष उमड़ता है। बाघेश्वरी धाम नि:संतानों के लिए आस्था का केंद्र बन चुका है। राजा दलीप ने यहीं पर तप एवं व्रत करके संतान प्राप्त की थी। यहीं कारण है कि इस मेले में एक प्राचीन पीपल के पेड़ पर अपनी आस्था एवं मन्नत के परिणित संतान प्राप्ति हेतु कच्चा धागा बांधते हैं और जब उनकी मन्नत पूर्ण होती है तो उस कच्चे धागे को अपने कमलों से हटाने का रिवाज चला आ रहा है। कई कारणों एवं आस्थाओं के चलते बाघेश्वरी धाम पर अपार भीड़ रहती है। वैसे भी प्रत्येक सोमवार को यहां भक्तों का तांता लगता है। विभिन्न गांवों में शिवालयों में भारी भीड़ रही। सोमवार के दिन भी शिवभोले की पूजा की जाती है तथा व्रत रखा जाता है। विभिन्न गांवों में भंडारा आयोजित किया गया जहां भक्तों की भीड़ रही। लंबी भीड़ जुटी। दो-दो घंटे में जलाभिषेक करने के लिए इंतजार करना पड़ता है। गांवों में भी शिवालयों पर रही भीड़।
फोटो कैप्शन 2 से 12: बाघोत,कनीना एवं समीपी शिवालयों में शिवलिंग का जलाभिषेक करते हुए।
बेर एवं गाजर की रही मांग
-अर्पित किये शिवालयों में
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कनीना की आवाज। आज महाशिवरात्रि पर बेर, गाजर एवं फलों की मांग रही। गाजर जो 20 रुपये किलो मिलती थी आज 30 रुपये किलो बिकी। बेरों की मांग कम होती थी उसमें आज इजाफा हो गया। झाड़ी के बेर 50 रुपये तो बागोवाले बेर 80 रुपये किलो बिके। केले भी 80 रुपये दर्जन बिके।
आज महाशिवरात्रि के दिन गाजर एवं बेरों की अधिक मांग रही जिसके चलते दोनों ही चीजों के भावों में बढ़ोतरी कर दी गई। गाजर 30 रुपये प्रति किलो के भाव से बिकी। किसानों ने खेतों से आज गाजर को उखाड़ा गया और उन्हें बाजार में बेचकर आय कमाई। ये वस्तुएं शिव भोले को अर्पित की जाती हैं।
किसान अजीत सिंह, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, कृष्ण सिंह आदि ने बताया कि किसी वक्त इस क्षेत्र में किसान काले रंग की भारी मात्रा में गाजर उगाई जाती थी जिसे न केवल पशुओं के लिए अपितु खाने के काम में लेते थे किंतु अब किसान स्वयं गाजर खरीदकर लाते हैं। यही कारण है कि गाजर के भाव बढ़ रहे हैं।
फोटो कैप्शन 06: बेर एवं गाजर शिवभोले को अर्पित करते हुए।
स्कूली विद्यार्थियों ने शैक्षिक भ्रमण
--नारनौल का किया भ्रमण
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कनीना की आवाज। राजकीय माडल संस्कृति स्कूल कनीना के विद्यार्थियों ने बाबा खेतानाथ राजकीय बहुतकनीकी संस्थान नारनौल और यादव अस्पताल का शैक्षिक भ्रमण किया। यह भ्रमण एनएसक्यूएफ (नेशनल स्किल क्वालिफिकेशनस फ्रेमवर्क ) के तहत आयोजित किया गया, जिसका उद्देश्य विद्यार्थियों को व्यावसायिक शिक्षा से जोडऩा और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करना था।
इस दौरान छात्रों ने बाबा खेतानाथ राजकीय बहुतकनीकी संस्थान नारनौल में विभिन्न तकनीकी पाठ्यक्रमों, आधुनिक प्रयोगशालाओं और नवाचार से जुड़ी जानकारियां प्राप्त कीं। विशेषज्ञों ने विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस और अन्य तकनीकी विषयों की बारीकियों से अवगत कराया।
इसके बाद विद्यार्थियों ने यादव अस्पताल का दौरा किया, जहां उन्हें स्वास्थ्य सेवाओं, आधुनिक चिकित्सा उपकरणों और रोगियों की देखभाल की प्रक्रिया के बारे में जानकारी दी गई। अस्पताल के डाक्टर्स और स्टाफ ने छात्रों को चिकित्सा क्षेत्र में उपलब्ध कैरियर के अवसरों के बारे में भी बताया।
विद्यालय के प्राचार्य श्री सुनील खुडानिया जी ने इस अवसर पर विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि व्यावहारिक ज्ञान और अनुभव भी उतने ही महत्वपूर्ण हैं। इस प्रकार के शैक्षिक भ्रमण से विद्यार्थियों को विभिन्न क्षेत्रों की वास्तविक समझ मिलती है, जिससे वे अपने भविष्य के करियर के लिए सही निर्णय ले सकते हैं। मुझे आशा है कि आप सभी इस अनुभव से प्रेरित होंगे और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मेहनत करेंगे।
विद्यालय के एनएसक्यूएफ समन्वयकों राजेश चतुर्वेदी और पूनम कुमारी ने बताया कि इस प्रकार के शैक्षिक भ्रमण विद्यार्थियों के ज्ञानवर्धन के साथ-साथ उनके कैरियर मार्गदर्शन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। छात्रों ने इस अनुभव को बेहद लाभकारी बताया और भविष्य में ऐसे और अवसरों की अपेक्षा जताई। इस अवसर पर विद्यालय के कुछ अन्य शिक्षक भी इस शैक्षणिक भ्रमण पर गए थे। सभी ने इस तरह के भ्रमण को विद्यार्थियों के लिए अत्यंत उपयोगी बताया।
फोटो कैप्शन 01: माडल स्कूल के विद्यार्थी शैक्षिक भ्रमण पर।
कनीना पालिका चुनाव-2025
24 महिलाएं हैं चुनाव मैदान में
- भाग्य का फैसला 2 मार्च को
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कनीना की आवाज। कनीना नगर पालिका के चुनाव 2 मार्च 2025 को होंगे जिसमें 17 महिला पार्षद प्रत्याशी तथा 7 महिला प्रधान प्रत्याशी चुनाव लड़ रही हैं। कुल 41 पार्षद तथा 7 प्रधान पद के प्रत्याशी मैदान में। विगत योजना पर दृष्टि डाले तो 13 मई 2018 को कनीना नगर पालिका के चुनाव संपन्न हुए थे जिसमें 16 महिलाएं अपना भाग्य आजम रही थी और उस समय कुल 45 प्रत्याशी मैदान में थे। जहां इस बार 10413 वाटर हो गए जबकि विगत योजना में 9137 मतदाता थे। करीब 6 वर्ष बाद चुनाव हो रहे हैं और 1276 मतदाता बढ़ गए हैं। जहां 13 मई 2018 को संपन्न चुनाव में 16 महिलाओं सहित 45 प्रत्याशी 13 वार्डों में थे क्योंकि विगत योजना में प्रधान का सीधा चुनाव नहीं होता था और पार्षद ही प्रधान का चुनाव करते आये हैं। जबकि इस बार 24 महिलाओं सहित 48 प्रत्याशी चुनाव मैदान में है। निर्णय 2 मार्च को होगा वहीं परिणाम 12 मार्च को आएगा। प्रधान का चुनाव सीधा/डायरेक्ट होगा जिसके लिए सात महिलाएं चुनाव मैदान में हैं वहीं पार्षद पद के लिए वार्ड एक से दो महिलाएं, वार्ड तीन से एक, वार्ड चार से 4 महिलाएं, वार्ड 7 से 3 महिलाएं, वार्ड 8 से 2 महिलाएं, वार्ड 9 से एक महिला, वार्ड 12 से 3 महिलाएं और 13 से एक महिला चुनाव मैदान में है।
2018 के चुनाव-
13 मई 2018 संपन्न चुनावों में 13 वार्डों में 45 प्रत्याशी मैदान में थे। प्रधान पद का चुनाव पार्षदों के जरिये हुआ था। सभी वार्डों में 9137 मतदाता थे। 16 महिलाएं चुनाव मैदान में थी। निर्वतमान पालिका प्रधान सतीश जेलदार स्वयं पार्षद के चुनाव जीतकर आये थे। मतदान मतपेटियों से हुआ था तथा चुनाव परिणाम उसी दिन आ गया था। इस चुनाव में सुसर एवं पुत्रवधू दोनों अलग अलग वार्डों से चुनाव मैदान में थे और दोनों चुनाव हार गये थे। प्रधान के लिए प्रमुख दावेदार राजेंद्र सिंह स्वयं चुनाव हार गये थे परिणाम यह निकला कि सतीश जेलदार को आखिरकार प्रधान बनाया गया।
2025 के चुनाव-
कनीना नगरपालिका के 2 मार्च 2025 को नगरपालिका के चुनाव होने जा रहे हैं जिसमें प्रधान पद का चुनाव डायरेक्ट होंगे जिसके लिए 7 महिलाएं मैदान में हैं। इस बार मतदान ईवीएम से होगा किंतु चुनाव परिणाम चुनाव के दस दिन बाद 12 मार्च को आएगा। पार्षद के 41 तो प्रधान पद के लिए 7 प्रत्याशी मैदान में हैं। 10413 वोटर हैं तथा कुल 24 महिलाएं चुनाव मैदान में हैं। इस बार भी एक ही परिवार के दो-दो प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। इस बार वार्ड दो से दीपक चौधरी स्वयं पार्षद के लिए तथा उनकी पत्नी सुमन चौधरी प्रधान पद के लिए प्रत्याशी हैं। ये दोनों प्रत्याशी नगरपालिका चुनावों में पहली बार उतरे हैं। दोनों जीत के प्रति आश्वस्त हैं। वहीं ससुर राजेंद्र सिंह पार्षद के लिए तो उनकी पुत्रवधू प्रधान पद के लिए चुनाव मैदान में हैं। विगत योजना में ससुर एवं पुत्रवधू दोनों ही चुनाव हार गये थे। उधर सुमेर सिंह वार्ड 3 से पार्षद तो उनकी भाभी कुसुमलता प्रधान पद की प्रत्याशी है। दो तो ऐसे प्रत्याशी भी हैं जो एमएलए का चुनाव लड़ चुके हैं और दोनों ही हारे हैं।
6 वर्षीय बच्ची को बाइक चालक ने मारी टक्कर
-जूझ रही है जीवन मृत्यु से, मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव भोजावास में बस का इंतजार कर रही 6 वर्षीय स्कूली बच्ची दीया को एक तेज गति चला रहे मोटरसाइकिल सवार ने टक्कर जड़ दी जिससे वह घायल हो गई। उसका इलाज रेवाड़ी के निजी अस्पताल में चल रहा है। स्वजनों ने कनीना पुलिस में मामले की शिकायत देकर मामला दर्ज करवा दिया है। मनीष कुमार ने बताया कि उनकी भतीजी दीया कुमारी 23 फरवरी को सुबह 8:30 बजे स्कालरशिप का टेस्ट देने के लिए निजी विद्यालय के लिए बस का इंतजार कर रही थी तभी एक प्लैटिना बाइक रमेश कुमार तेज गति से चलाता हुआ आया और टक्कर जड़ दी जिससे 6 वर्षीय दीया के सिर में चोट आई। स्वजन उसे रेवाड़ी के एक निजी अस्पताल में ले गए। डाक्टर ने बताया कि गंभीर चोट आने के कारण अभी खतरे से बाहर नहीं है। निजी अस्पताल रेवाड़ी ने संबंधित थाने को एमएलआर भी भेज दी है। मनीष कुमार ने रमेश कुमार के विरुद्ध मामला दर्ज करवा दिया है।
पोता के पंच के विरुद्ध बीडीपीओ ने करवाया मामला दर्ज
- अवैध कब्जा मामले को लेकर हुई है कार्रवाई
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कनीना की आवाज। कनीना के खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी नवदीप सिंह ने कनीना उपमंडल के गांव पोता के पंच रणवीर सिंह के विरुद्ध अवैध कब्जा मसले को लेकर पुलिस में मामला दर्ज करवाया है।
कनीना पुलिस में दी शिकायत में उन्होंने कहा कि सीडब्ल्यूपी 16119 /2024 तथा सीओसीपी नंबर 4744/2024 पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय चंडीगढ़ के फैसले के अनुसार खंड कनीना की ग्राम पंचायत पोता में पंचायती भूमि से अवैध कब्जा 16 अक्टूबर 2024 वह 31 जनवरी 2025 को कब्जा हटवाते हुए खसरा नंबर 556 ग्राम पंचायत के हवाले कर दिया गया था परंतु रणवीर सिंह पंच ग्राम पंचायत पोता द्वारा रास्ता नंबर 556 पर फिर से कब्जा कर लिया। जिसकी शिकायत शिकायतकर्ता कमल कौशिक द्वारा 7 फरवरी 2025 को की थी। शिकायत के आधार पर वास्तविक स्थिति जानने के लिए चार सदस्यीय कमेटी जिसमें खंड पटवारी, ग्राम सचिव पोता, नंबरदार ग्राम पंचायत पोता, सरपंच ग्राम पंचायत पोता का गठन किया। कमेटी द्वारा मिली रिपोर्ट में पाया कि पांच रणवीर सिंह ने फिर से किसी की अनुमति के बिना रास्ता नंबर 556 को बाधित कर दिया है तथा पंचायती रास्ते में बनी हुई गुज्जी को चालू करके पाइप लगाए गए हैं जिससे सिद्ध होता है कि रास्ता वास्तविक स्थिति में अवरुद्ध हुआ है और प्रशासनिक कार्रवाई का खुला उल्लंघन है। न्यायालय में लंबित सीओसीपी 4744/2024 में प्रशासन की पैरवी को कमजोर दिखाने का खुला प्रयास है। बीडीपीओ की शिकायत पर कनीना पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत रणवीर सिंह पंच के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
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