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Thursday, February 20, 2025




चुनावी चकचक
कुछ खाते भारत का है और गीत गाते हैं पाकिस्तान।
हाथ में किसी का पर्चा और मुख पर किसी की चर्चा
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कनीना की आवाज। 
कनीना नगर पालिका के चुनाव 2 मार्च को होने जा रहे हैं जिसको लेकर के अनेकों अनेक रोचक तथ्य सामने आ रहे हैं। हुआ यूं कि एक भीड़ भरे स्थान पर एक युवक चर्चा करने पहुंचा, वह चर्चा किसी दूसरे प्रधान प्रत्याशी की कर रहा था और जोर-जोर से कह रहा था यह जीतेगा लेकिन आश्चर्य की उसके हाथ में पर्चा दूसरे प्रत्याशी का था। चलते समय यह कहकर चला गया कि यह लो पर्च,चलो इसका भी ध्यान रखना, यह अपना ही आदमी है। आखिर इस प्रकार की घटना से सभी के चेहरों पर हंसी की फुहार छूट गई कि एक कवि नेे सच ही कहा है-कुछ खाते भारत का है और गीत गाते हैं पाकिस्तान।




लट्ठ बाजने लगा है दादा और पोता में
परिवारों को बांट दिया कई भागों में
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कनीना की आवाज।
 कनीना में 2 मार्च के नगरपालिका के चुनाव की दृष्टिगत एक ही परिवार के कई-कई तथ्य उभरकर सामने आए हैं। अब तो दादा पोते को पागल बताने लगा है तो पोता दादा को पागल कह रहा है। जहां बाप-बेटा, मां-बेटी, भाई-बहन, दादा-पोता में तकरार होती देखी गई। सबसे बड़ी बात है कि एक ही परिवार में दादा किसी प्रत्याशी के साथ है तो पोता किसी प्रत्याशी के साथ है, बाप किसी के गुण गा रहा है तो बेटा किसी को वोट देगा। दादा, पोते को पागल बता रहा है तो पोता दादा को पागल बता रहा है। इसी प्रकार की घटना भाई-बहन, मां बेटी पति पत्नी में देखने को मिल रही है। इस बार के चुनाव वास्तव में परिवारों में आपसी बैर बढ़कर ही जाएंगे क्योंकि एक नहीं प्रधान पद के 7 दावेदार है और सातों दावेदार किसी घर में किसी से दोस्ती रखते हैं। परिणाम यह निकलता है कि परिवार के यदि 7 वोट है तो सातों अलग-अलग प्रत्याशियों को वोट देने जा सकते हैं। जिसके चलते जो अपनी जीत के जुगाड़ लगाए बैठे हैं उनकी हार हो सकती है और जो हार सोच बैठे उनकी जीत भी संभव है। और लिखनी है कि इस बार पार्षद पद के लिए इतनी मारामारी हो रही है जितनी एमएलए के चुनाव हो जबकि प्रधान पद एमपी के चुनाव के बराबर चल रहा है।





 फिर लौट आए बिल्ले एवं पोस्टर
- कनीना पालिका के चुनाव या सांसद के चुनाव?
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कनीना की आवाज।
 कनीना नगर पालिका के चुनाव 2 मार्च को होंगे हालांकि 2018 में भी पालिका चुनाव हुये थे। 2018 के समय प्रधान पद का चुनाव पार्षदों ने किया था। उस वक्त इक्का दुक्का चुनाव कार्यालय जरूर खुला था बाकी पार्षद कहीं कोई कार्यालय नहीं खोल रहे थे। इस बार जहां पार्षदों ने भी दो-दो कार्यालय तो सभी प्रधान पद के दावेदारों ने अपने-अपने चुनाव कार्यालय खोल रखे हैं। बाहर से आने वाले लोग चुनाव की हालात देखकर पूछ ही बैठते हैं कि यहां एमपी के चुनाव हो रहे हैं? चकित होना पड़ता है? वास्तव में एक खंभे पर ऊपर से नीचे तक चार-चार अलग-अलग प्रत्याशियों के पोस्टर लगे हुए हैं। इसी प्रकार बिल्ले जो शायद एमपी के चुनाव या विधायक के चुनाव में भी नहीं देखने को मिले वो इस बार फिर से प्रधान पद के दावेदारों ने लोगों को दे रखे हैं और लोग बिल्ले को अपनी छाती से लगाकर वोट मांग रहे हैं। वास्तव में प्रधान पद का सीधा मुकाबला क्या हुआ, एक नया उत्साह और जोश खड़ा कर दिया है। कनीना में अब तो इस कद्र माइकों की भरमार हो गई है कि लोग बात भी नहीं कर पा रहे हैं। बातों में भी दिक्कत आ रही है। विशेष कर बस स्टैंड पर महेंद्रगढ़ -रेवाड़ी सड़क मार्ग पर इतने कार्यालय खुल गए हैं कि आसपास के दुकानदार दुखी हो चले हैं। अब तो यह पूछने लग गए हैं कि ये माइक कब बंद होंगे क्योंकि वे न तो बात कर पा रहे हैं और न कुछ सुन पा रहे हैं। ऊंची आवाज माइकों की गूंज सुनाई देती है- अजी मोहर लगेगी..... अजी मोहर लगेगी.... अजी मोर लगेगी.... और हालात देखकर आने वाले समय में लोग एमएलए और एमपी के चुनाव जरूर लड़ लेंगे लेकिन पार्षद के चुनाव लडऩे से तौबा कर सकते हैं। इतना शोर शराबा, चुनाव मतदान नामांकन से पहले ही घर-घर जाकर वोट मांगना, चुनाव प्रचार करना, माइकों की गूंज, आज से पहले किसी योजना में नहीं देखने को मिली थी। और तो ऐसा लगता है कि यदि कुछ दिन माइक और चले तो बस स्टैंड पर दुकानदार आधे बहरे हो जाएंगे और लोगों की आदतें ही बदल जाएंगी। न कोई काम कर पता है और न बोल पाता है। ऊंची आवाज में बातें करते फिर भी आपस में सुनाई नहीं देता। कोई गली-मोहल्ला ऐसा नहीं है जहां पर एक के बाद एक प्रत्याशी की गाड़ी न घूम रही हो या स्वयं प्रत्याशी न घूम रहा हो। आने वाले समय में ही पता लग पाएगा कि कौन कितने वोट ले पाता है। किसकी नैया डूबती है और किसकी नौका भवसागर पार होती है 12 मार्च को पता लग पाएगा।






नजरे जम गई है वार्ड 14 के चुनाव पर
 -कनीना के 41 पार्षदों के चुनाव चिन्ह सहित देखे फोटा
- 7 प्रधान पद के प्रत्याशियों के चुनाव चिन्ह सहित फोटो देखे
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कनीना की आवाज।
कल के 21 फरवरी के अंक में पढ़े वार्ड गाथा तथा क्या हाल है प्रत्याशियों का







कनीना नगरपालिका चुनाव 2025
चुनाव जीतने पर कनीनावासियों पर हेलीकाप्टर से की जाएगी पुष्प वर्षा-सरिता सिंह
 -सरिता सिंह ने जारी किया चुनाव घोषणा पत्र
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कनीना की आवाज।
 कनीना नगरपालिका से प्रधान पद की प्रत्याशी सविता जसवंत सिंह ने गुरुवार को अपने कार्यालय में पत्रकारों के समक्ष चुनाव घोषणा पत्र जारी कर दिया है। उन्होंने कहा कि जिस दिन चुनाव जीत जाएंगे तो पूरे कनीनावासियों पर हेलीकाप्टर से पुष्प वर्षाकर सम्मान किया जाएगा। उन्होंने कहा कि कनीना में अनुसूचित जाति के लिए एसी युक्त अंबेडकर भवन का निर्माण करवाया जाएगा, वहीं कनीना नगर पालिका के तहत में प्लाट आवंटित करवाए जाएंगे, मकान रिपेयरिंग के लिए दी गई राशि को एक महीने में उपलब्ध करवाया जाएगा। अनुसूचित जाति के परिवारों की बेटियों की शादी में एक-एक सिलाई मशीन और 5100 रुपये का कन्यादान दिया जाएगा, नगर पालिका के सभी कच्चे कर्मचारियों को पक्का करवाया जाएगा और 50-50 लाख रुपये का बीमा भी करवाया जाएगा। जरूरतमंद असहाय बुजुर्गों के लिए शेल्टर होम का निर्माण करवाया जाएगा जिसमें मुफ्त खाना एवं रहना प्रदान किया जाएगा।
  उन्होंने कहा कि कनीना का विकास गुरुग्राम की तर्ज पर करवाया जाएगा, मुख्य मार्गों पर पिता में कान्हसिंह स्वागत द्वार लगाए जाएंगे, वहीं पूरे शहर में को जगमग कर सोलर स्ट्रीट लाइट लगवाई जाएगी। सरिता जसवंत सिंह ने कहा कि कनीना वासियों के लिए शानदार एसी युक्त कम्युनिटी सेंटर बनवाया जाएगा,सभी वार्डों में आरओ युक्त शुद्ध पीने का पानी उपलब्ध करवाया जाएगा, अवैध कालोनियों को वैध करवाया जाएगा तथा प्रत्येक कालोनी में पानी, शिविर ,सड़क, बिजली के खंभे लगवाए जाएंगे। शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए बाईपास का निर्माण करवाया जाएगा, प्रत्येक जोहड़ की सफाई करवा कर गंदे पानी की निकासी करवा दी जाएगी और जोहड़ों का सुंदरीकरण करवा कर वाकिंग ट्रेक लगवा दिये जाएंगे। वर्षा के समय जलभराव की समस्या से निजात, शहर के सभी धार्मिक स्थान का सौंदर्यीकरण करवाया जाएगा वहीं बंदरों के आतंक से निजात दिलवा जाएगा। हर महीने नगर पालिका में एक जनता दरबार लगाया जाएगा जिसमें हर समस्या का समाधान मात्र 24 घंटे में करवाया जाएगा। शहर के टेढ़े-मेढ़े बिजली के खंभे बिजली के लटकते तार 3 महीना में दुरुस्त करवा दिये जाएंगे, नौकरी की तैयारी कर रहे युवाओं के लिए वाइफाइ युक्त डिजिटल लाइब्रेरी बनवाई जाएगी, युवा खिलाडिय़ों के लिए एक-एक माडर्न खेल स्टेडियम निर्माण करवाया जाएगा और 6 महीने में प्राइवेट सेक्टर में नौजवानों को नौकरी के लिए रोजगार मेले लेकर आयोजन करवाया जाएगा। शिक्षा एवं खेल के क्षेत्र में प्रदेश में मेडल आने वाले नौजवानों को एक-एक एसी दिया जाएगा, बस स्टैंड पर  दुकानों के विवाद को हल करवाया जाएगा खोखो एवं कच्ची दुकानों को पक्का बनवाने की अनुमति दिलवाई जाएगी, दुकानों के आगे सामान रखने ग्राहकों की सुविधा के लिए टीम शेड लगवाए जाएंगे। नगर पालिका के सफाई कर्मचारियों को दो शिफ्टों में काम पर लगाया जाएगा, सुबह 7: बजे दुकान खुलने से पहले सफाई मिलेगी। मार्केट में दुकानों से रोड़ तक टाइल लगवाए जाएंगे ताकि धूल, मिट्ट,ी प्रदूषण से राहत मिलेगी। नगर पालिका की सभी दुकानों पर डबल मंजिल बनवाया जाएगा, शहर को सुंदर बनाने के लिए मार्केट की सभी दुकानों पर नंबर लगवाए जाएंगे और साइन बोर्ड लगवाए जाएंगे।
 उल्लेखनीय है कि सरिता जसवंत सिंह कनीना कस्बे के विभिन्न वार्डों में जमकर दौरा कर रही हैं और वोट मांग रही हैं। उन्हें विश्वास है कि उनकी जीत निश्चित है। वह इस समय प्रत्येक घर में वोट मांगने जा रही हैं।
 फोटो कैप्शन 5: चुनाव घोषणा पत्र जारी करते हुए सरिता जसवंत सिंह





कोई ऐसा समाचार न प्रकाशित करें जिससे भाईचारे में पड़े दरार -एसडीएम
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कनीना की आवाज।
 कनीना के एसडीएम डा. जितेंद्र अहलावत ने कनीना नगर पालिका में एक पत्रकार वार्ता में कहा कि कनीना नगर पालिका के चुनाव 2 मार्च को होंगे। इसके लिए 41 पार्षद तथा 7 प्रधान पद के दावेदार है बचे हैं। 10413 मतदाता इनका चुनाव करेंगे। कनीना में 14 बूथ बनाए गए हैं और सभी बूथों की व्यवस्था सही पाई गई है। यहां तक की मतदान के लिए जहां रैंप की सुविधा, पेयजल सुविधा, प्रकाश व्यवस्था सभी दुरुस्त है। उन्होंने कहा कि मतदान 2 मार्च को होगा तब तक भाईचारा और एकता कायम करनी चाहिए।
ऐसा किसी के विरुद्ध समाचार न लिखा जाए जिससे एकता भाईचारा खराब हो, वैमनस्य की भावना पैदा हो। उन्होंने इस मौके पर विभिन्न अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की तथा 2 मार्च को होने वाले चुनाव में पत्रकारों के लिए आई कार्ड की व्यवस्था करवाने, कनीना में एपीआरओ बैठने के मुद्दे पर भी चर्चा की तथा कहा कि यहां एपीआरओ के बैठने की व्यवस्था जल्द ही कर दी जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी भी समाचार को प्रकाशित करने से पहले इसकी पुष्टि कर ले तो बेहतर होगा। उन्होंने यह भी कहा कि सभी पत्रकार बहुत अनुभवी है फिर भी कोई ऐसी बात प्रकाशित नहीं होनी चाहिए जिससे समाज में आपसी तनाव पैदा हो।
 फोटो कैप्शन: डा. जितेंद्र एसडीएम कनीना







कनीना पालिका चुनाव 2025
युवा वर्ग विगत योजना की बजाय अधिक संख्या में आया है आगे
-60 वर्ष से अधिक उम्र के महज दो प्रत्याशी
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कनीना की आवाज।
विगत योजना की बजाय इस योजना में जहां युवा वर्ग चुनाव लडऩे में आगे आ रहा है। 13 मई 2018 को विगत योजना में नगर पालिका कनीना के चुनाव हुए थे। उस दौरान 60 या 60 वर्ष से अधिक उम्र के नौ प्रत्याशी मैदान में थे किंतु 2 मार्च 2025 को होने जा रहे पालिका चुनावों में महज दो प्रत्याशी 60 वर्ष से अधिक उम्र के चुनाव मैदान में है। इससे साफ पता लगता है कि चुनाव के प्रति युवा वर्ग का लगाव बढ़ा है। वैसे भी वर्ष 2018 में जहां 45 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे तथा 13 वार्ड होते थे। 13 वार्डों से 45 प्रत्याशी चुनाव मैदान में थे। उसे वक्त प्रधान का चुनाव पार्षद करते थे। इस बार जहां पार्षद और प्रधान पद का अलग-अलग चुनाव होने जा रहा है। 2 मार्च 2025 को होने वाले चुनावों में जहां 41 पार्षद तथा 7 प्रधान पद के दावेदार है। महिलाओं की संख्या विगत वर्ष की विगत योजना की तुलना में अधिक है। जहां प्रधान पद के लिए 7 महिलाएं मैदान में है।
इस बार जहां 24 महिलाएं मैदान में है। एक महिला प्रत्याशी तथा एक पुरुष प्रत्याशी 60 वर्ष से अधिक उम्र का है।
 2018 की चुनाव प्रणाली पर नजर डाले तो--
 20 वर्ष से 30 वर्ष के बीच के 5 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे जबकि 30 वर्ष से 40 वर्ष की उम्र के बीच 14 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे थे। इसी कारण में 40 वर्ष से 50 वर्ष की उम्र के भी 14 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। तीन प्रत्याशी 50 से 60 वर्ष की उम्र के थे जबकि 6 प्रत्याशी 60 से 70 वर्ष की उम्र के थे। वहीं तीन प्रत्याशी 70 वर्ष से अधिक उम्र के भी चुनाव लड़ रहे थे।






कनीना क्षेत्र में हुई 3 एमएम वर्षा फसलों में आई आब
- वर्षा का फसलों में है लाभ -एसडीओ
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कनीना की आवाज।
 कनीना क्षेत्र में जहां बुधवार की रात को 3 एमएम वर्षा हुई जो गुरुवार की सुबह तक हल्की बूंदाबांदी के रूप में चलती रही। वर्षा का फसलों पर अच्छा प्रभाव बताया जा रहा है। वर्षा फसलों के लिए लाभप्रद है। इस बार सर्दियों के मौसम में तीन बार हल्की वर्षा हो चुकी है। फसलों को बार बार सिंचाई की जरूरत होती है। यहां तक की विगत माह एक ही दिन करीब 40 एमएम वर्षा हुई थी। किसान अपनी फसलों को निहार रहे हैं जो इस समय पक चुकी है।
इस समय खेतों में 19500 हेक्टेयर पर सरसों तथा 9700 हेक्टेयर पर गेहूं की फसल खड़ी है। दोनों ही फसले बेहतर दिखाई दे रही है। जहां सरसों की फसल पक चुकी है वहीं गेहूं की फसल पकान पर है। किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, मनोज कुमार, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि इस समय फसलों में सिंचाई की आवश्यकता समझी जा रही थी। हल्की बूंदाबांदी से जहां राहत मिलेगी वहीं फसलों में लाभ होगा। वर्षा का सरसों की फसल में भी लाभ होने की संभावना है। किसानों का कहना है कि अब फसल पक चुकी है और आने वाले दिनों में फसल की कटाई शुरू हो जाएगी।
क्या करते कृषि अधिकारी -
उधर एसडीओ कृषि विभाग महेंद्रगढ़ डा. अजय यादव ने बताया कि इस समय गेहूं और सरसों की फसल खड़ी हुई है और सरसों की फसल पकी हुई है किंतु हल्की वर्षा फसलों के लिए लाभप्रद साबित होगी। सरसों की फसल में जहां कहीं नमी की कमी है तो वह पूर्ति हो जाएगी वहीं गेहूं की फसल को लाभ होगा। गेहूं की फसल में सिंचाई की जरूरत थी और इस वर्षा से पूर्ति हो जाएगी। उन्होंने कहा कि इस समय किसानों को चाहिए कि खेतों में फव्वारा न लगाये क्योंकि तेज हवा चलने से गेहूं की फसल के गिरने की संभावना बन जाती है। ऐसे में किसानों को चाहिए कि जब हवा चल रही है तो खेतों में सिंचाई न करें और न फव्वारा सेट लगाए। अधिकारी ने बताया कि सरसों में कहीं नमी की जरूरत हो वह पूरी हो गई है और किसी प्रकार पत्तों पर धूलकण आदि था वह भी धुल गया है, इससे पौधे अच्छी प्रकार भोजन बना पाएंगे और सरसों बेहतर पकेगी।
 फोटो कैप्शन दो व 3: अपनी फसल को निहारता किसान
 साथ में एसडीओ महेंद्रगढ़ डा. अजय यादव





अब शुरू हो  गया है गीत रागिनियों का दौर
-देर रात तक गूंजते हैं नारे-अजी मोहर लगेगी...
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कनीना की आवाज।
 कनीना कस्बे में जहां 41 पार्षद और 7 पालिका प्रधान के दावेदारों ने जहां अपने-अपने चुनाव कार्यालय खोल दिए हैं। अभी और भी कार्यालय खोले जा रहे हैं। यहां तक की एक-एक प्रत्याशी दो-दो कार्यालय स्थापित कर  रहा है वही प्रधान पद के दावेदारों ने तो माइक लगा दिए हैं। जहां चलती फिरती गाडिय़ों में भी माइक बजते हैं वही कार्यालयों में दिनभर माइक चलते रहते हैं और इन माइक पर जोर-जोर से गीत, भजन, रागिनी सुनाई पड़ती है। बस दिन रात अब तो कानों में गीत,भजन की गूंज सुनाई पड़ती है। यहां तक की प्रधान पद के दावेदारों ने तो चुनाव चिन्ह मिलने से पहले ही कार्यालय खोल दिए थे, अब तो विद्यार्थियों, बुजुर्ग, कोई बीमार हो सभी को मजबूरन ये गीत, भजन का शोर सुनना ही पड़ेगा। रात को भी गाडिय़ों से प्रचार होने लगा है। ऐसा प्रचार आज तक कभी कनीना नगर पालिका के विगत योजनाओं के चुनावों में नहीं हुआ था। जहां इस बार चुनाव के प्रति ज्यादा ही जागरूकता है और ज्यादा ही उत्साह से प्रत्याशी की जी जान से जुटे हुए हैं। इससे यह भी स्पष्ट है कि मुकाबला कठिन है क्योंकि इतने अधिक कार्यालय तो कभी एमएलए और एमपी के चुनावों में भी नहीं खुले थे। जिस प्रकार से घर-घर जाकर वोट मांगने का सिलसिला जारी है वह भी अब पूरे यौवन पर है। जहां एक प्रत्याशी घर से निकलता है तो दूसरा प्रत्याशी वोट मांगने आ जाता है। वोट के लिए दिन रात एक किए हुए हैं। कुछ प्रत्याशी तो बहुत कम सो पा रहे हैं और बस गलियों में चक्कर लगा रहे हैं। दो 2 मार्च कोई पता चल पाएगा कौन कुर्सी पाएगा और कौन हार गले लगाएगा।



नारे न्यारे....
 गुलामी की जंजीर तोड़ो, दिल को दिल से जोड़ों
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कनीना की आवाज।
 कनीना नगर पालिका के चुनाव 2 मार्च को होंगे जिसको लेकर इस समय मैदान में 41 पार्षद प्रत्याशी तथा 7 प्रधान प्रत्याशी जुट गए हैं। सभी को चुनाव चिह्न मिले हुए हैं। अपने-अपने बैनरों एवं पोस्टरों द्वारा वोटरों को आकर्षित किया जा रहा है। वही सोशल मीडिया पर भी विभिन्न प्रकार के नारे छोड़े जा रहे हैं जिनको सुनकर कुछ लोग दांतों तले उंगली भी दबा लेते हैं।
 जहां एक प्रत्याशी में लिखा है -
गुलामी की जंजीरें तोड़ो, कनीना का विकास कराओ, लोगों को आपस में जोड़ो।
सुन करके लोगों ने पूछा की गुलामी की जंजीरें अब कहा हैं? तो प्रत्याशी ने बताया कि हां अभी कनीना के दो गुट हैं उनसे गुलामी की तरह वोटर चिपके हुए हैं। वोटर जब तक इनसे अलग नहीं होंगे कनीना का विकास नहीं होगा।
एक प्रत्याशी ने नारा लिखवाया है-
युवाओं का जमाना है, बूढ़ों को पछताना है। उनका मानना है कि अब युवा वर्ग का जमाना आ गया है, बूढ़ों को अब घर पर आराम करना चाहिए।
एक प्रत्याशी ने नारा दिया है
हमारा है एक नाम, आता सबको रास
जिस पर आप कर सकते है आंख बंद कर विश्वास।
यह नारा भी चर्चित हो रहा है चाहे किसी को वोट कितने भी आए परंतु आंखें बंद करके विश्वास करने की भी बात सरेआम कही गई है। नारे पढ़कर वोटर  बड़े खुश हो रहे हैं कि इस बार कुछ कर गुजरने के लिए ऐसा इंसान आया है। यहां तक कि लिखा हुआ है कुछ तो बदनाम हो चुके हैं परंतु हम काम आएंगे। एक नारे में लिखा है कि सभी समस्याओं की आवाज, वोट देकर कर लो नाज।
युवा पीढ़ी से कर लो प्यार, वोट दे दो, वोट का कर्ज देंगे उतार।
यह नारा प्रसिद्ध हो रहा है कि जो वोट दोगे उसका कर्ज हम जैसे तैसे पूरा कर देंगे। वोटर चाहते हैं कि कोई ऐसा प्रत्याशी जीतकर आये जो उनकी समस्याएं हल कर सके।
  कुछ अन्य नारे जो इस क्षेत्र में प्रत्याशियों द्वारा प्रचारित किया जा रहे हैं उनमें -
-मत पड़ो किसी चक्कर में कोई नहीं है टक्कर में
कुछ हो गये बदनाम पर हम आएंगे काम।
-सभी समस्याओं का हों जायेगा अंत
जैसे ही जीतेंगे करेंगे आवाज बुलंद।
-एक मजबूत विकल्प जिसका था आपको लंबे समय से इंतजार ,
नौकरी देंगे , कर्ज वोट का देंगे उतार।।
-ना झुकेंगे ना बिकेंगे ना पलटेंगे
चुनाव जीतने तक मैदान में डटेंगे।
जो कहेंगे वो करेंगे, गलत बोलने वालों का मुंह भरेंगे, कभी नहीं डरे हैं नहीं डरेंगे।।  
-ना दागी ना बागी, हमें वोट दोगे तो समझो किस्मत जागी।
तुम दो हमें वोट, हम तुम्हें देंगे नौकरी।
जीते चाहे जाये हार, फोन करो, हम मिलेंगे तुम्हारे द्वार।
विभिन्न प्रत्याशियों के नारों में स्पष्ट लिखा है कि हमने दागी हम बागी है, हम हमें वोट दोगे तो आप लोगों की किस्मत जागी समझो। हम नहीं डरे हैं  नहीं डरेंगे जैसे नारे भी चर्चित हो रहे हैं और अब तो नारों को पढ़ पढ़ कर विभिन्न क्रिया और प्रतिक्रिया कस्बा कनीना में चल रही हैं। आने वाला वक्त बताएगा इस प्रकार के नारों से कितना लाभ हो पता है और कितना कुछ वोट वो हासिल कर पाते हैं। बहरहाल नारों के चलते लोग चकित भी है और कहने को मजबूर भी है कि आखिर पहली बार ऐसे भी युवा प्रत्याशी मैदान में आए हैं जो कुछ कर गुजरने को तैयार हैं।







अंतर्राष्ट्रीय मातृभाषा दिवस -21 फरवरी
मातृभाषा ही सदा लगती है मधुर भाषा.

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कनीना की आवाज।
यूं तो हिंदी दिवस मातृभाषा दिवस मनाया जाएगा। हिंदी ही हमारी मातृभाषा है। हिंदी पूरी दुनिया में बोली जाने वाली पांच भाषाओं में से एक है। विश्व भर के करोड़ों लोग आज हिंदी बोलते हैं।
हिंदी भाषा अब विदेशों में भी लोकप्रिय हो रही है। विदेश में रहने वाले लोगों को भी अब हिंदी का महत्व पता लग रहा है।
दैनिक व्यवहार में हिन्दी के उपयोग करने आदि की शिक्षा दी जाती है। क्या कहते हैं शिक्षाविद-

मातृभाषा दिवस पर हिन्दी के प्रति लोगों को प्रेरित करना चाहिए। हिंदी माथे की बिंदी होनी चाहिए। यह मातृभाषा है इसका सम्मान करना चाहिए। हिंदी में काम करने वाले लोगों को सम्मानित करना चाहिए।  हिन्दी भाषा के विकास और विस्तार हेतु हर संभव प्रयास करने चाहिए। मातृभाषा में बात करना सरस एवं आनंद देने वाला होता है।
        --निर्मल कुमार, शिक्षाविद
मातृभाषा हिंदी बोलने वालों की संख्या के अनुसार अंग्रेजी और चीनी भाषा के बाद हिन्दी भाषा पूरे दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। लेकिन उसे अच्छी तरह से समझनेए पढऩे और लिखने वालों में यह संख्या बहुत ही कम है। यह और भी कम होती जा रही। इसके साथ ही हिन्दी भाषा पर अंग्रेजी के शब्दों का भी बहुत अधिक प्रभाव हुआ है और कई शब्द प्रचलन से हट गए और अंग्रेजी के शब्द ने उसकी जगह ले ली है। जिससे भविष्य में भाषा के विलुप्त होने की भी संभावना अधिक बढ़ गयी है। हिंदी के प्रचार एवं प्रसार का प्रयास करना वाहिए।
    ---नरेश कुमार शिक्षाविद
मातृभाषा के रूप में हिन्दी के प्रति अपने कर्तव्य का बोध करवाने के लिए इस दिन को मातृभाषा दिवस के रूप में मनाया जाता है जिससे वे सभी अपने कर्तव्य का पालन कर हिन्दी भाषा को भविष्य में विलुप्त होने से बचा सकें। वर्ष में एक दिन इस बात से लोगों के समक्ष रखना है कि जब तक वे हिन्दी का उपयोग पूर्ण रूप से नहीं करेंगे तब तक हिन्दी भाषा का विकास नहीं हो सकता है। इसे आम बोलचाल की भाषा बनाना चाहिए तथा हर काम हिंदी में करने चाहिए।
-सत्येंद्र कुमार शिक्षाविद
हिंदी भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है। यह भाषा देशभक्ति, संस्कृति और समृद्धि का प्रतीक है। हिंदी हमारे संविधान की अधिकारिक भाषा है और हमारी राष्ट्रीय भाषा के रूप में महत्वपूर्ण है। हिंदी दिवस के अवसर पर, हमें अपनी मातृभाषा के प्रति समर्पित रहना चाहिए। हमें इसे सीखनाए उसका सदुपयोग करनाए और उसका संरक्षण करना चाहिए। हमें हिंदी की बढ़ती उपयोगिता को समझना चाहिएए ताकि हम अपने विचारों को सही ढंग से व्यक्त कर सकें।
 -- शिक्षाविद नेमी सिंह
फोटो कैप्शन-नेमी सिंह,सत्येंद्र, नरेश कुमार, निर्मल कुमार

 

 

 























बड़ा मुद्दा
वर्षों बीत जाने पर भी नहीं बना है कनीना का बाईपास निर्माण
-सख्त जरूरत है बाइपास निर्माण की

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कनीना की आवाज।
कनीना में लंबे समय से बाइपास निर्माण अधर में लटके हुए हैं। बार-बार लोगों की इन समस्याओं को हल करने के लिए मांग की है तथा पूर्व में मंत्रियों ने भी इन्हें निर्मित किए जाने का इशारा किया था किंतु अभी तक निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। कनीना में इस समय बाइपास की सख्त जरूरत समझी जा रही है। कनीना बस स्टैंड के इर्द गिर्द भीड़ बढ़ती ही जा रही है जिसके कारण बाइपास की मांग बलवती हो रही है।
 कनीना बस स्टैंड के पास वाहनों एवं यात्रियों का जमघट बनता जा रहा है वहीं दिनभर वाहनों के आवागमन के चलते सड़क मार्गों को क्रास करना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में यदि बाइपास बना दिया जाए तो भीड़ का दबाव कम हो सकता है। इसके अतिरिक्त आवागमन में भी सुविधा हो जाएगी। बस स्टैंड के समक्ष तो जाम की समस्या बनी रहती है वही वाहनों को किसी वैकल्पिक मार्गों से गुजरते देखा जा सकता हैं। लोगों की मांग है कि कनीना बाइपास शीघ्र बनवाया जाए। तीन वर्ष पूर्व पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव एवं पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह ने भी भीड़ की समस्या से निजात दिलाने के लिए बाइपास बनाने का आश्वासन दिया था किंतु अभी तक नहीं बन पाया है और न ही पुल का निर्माण किया गया है।
अनिल कुमार, रवि कुमार, महेश कुमार, सुरेश कुमार, राजेश कुमार, महेंद्र सिंह आदि ने सरकार से मांग की है कि कनीना की प्रमुख समस्या में बाईपास निर्माण है, इन्हें पूरा किया जाए।
बाइपास के संबंध में लोगों से बात की जिनके विचार निम्र रहे--
** एक ओर सरकार सैकड़ों दुकानों को मुख्य मार्ग पर बता रही है वहीं किसी की रोटी रोजी छीन सकती है। इसका सबसे बेहतर विकल्प कनीना में बाइपास का है। अगर बाइपास बनवा दिया जाए तो सभी दुकानें भी बच जाएंगी तथा लोगों को आवागमन में सुविधा मिलेगी।
     ---बहादुर सिंह चौधरी
बाइपास का सर्वे भी एक बार हो चुका है। वैसे भी भारी संख्या में वाहन कस्बा कनीना के अंदरूनी मार्गों से होकर गुजर रहे हैं। आए दिन दुर्घटनाओं का अंदेशा बना रहता है। बस स्टैंड भीड़ वाला क्षेत्र बन गया है। ऐसे में अगर बाइपास बन जाए तो कनीनावारिसयों को ही नहीं इधर से गुजरने वालों को भी लाभ मिलेगा।
----सुरेंद्र सिंह
कनीना की आबादी बढ़ती ही जा रही है वहीं भीड़ भी बढ़ती ही जा रही है। आवागमन में परेशानी बन जाती है। दिन के समय तो सड़क भी क्रास करना कठिन है। ऐसे में अगर बाइपास बन जाए तो कितने ही लोगों को लाभ मिल जाए। पहले भी बाइपास की सर्वे हो चुकी है। रेवाड़ी से महेंद्रगगढ़ बाइपास बन सकता है।
---यशपाल
कनीना रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, नारनौल, अटेली, चरखी दादरी एवं कोसली आदि सड़क मार्गों से जुड़ा हुआ है। इतनी सुंदर लोकेशन और कोई नहीं हो सकती है। ऐसे में भीड़ बडना स्वाभाविक है। भीड़ घटाने का एक ही सरल उपाय है कि बाइपास बना दिया जाए ताकि समय की बचत भी हो सके।
--भरपूर सिंह
फोटो कैप्शन 04: बस स्टैंड कनीना पर जाम की समस्या
  साथ में बहादुर सिंह चौधरी, सुरेंद्र सिंह, यशपाल, भरपूर सिंह

 


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