बिना ओटीपी शेयर किए व क्रेडिट कार्ड का उपयोग करे खाते से निकले 50055.98 रुपये -पीडित ने पुलिस में दी शिकायत
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कनीना की आवाज। उपमंडल के गांव ढाणा निवासी विनोद कुमार ने पुलिस में उसके क्रेडिट कार्ड से आनलाइन माध्यम से रुपए कटने की शिकायत दी है। विनोद कुमार ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उसकी कनीना बैस स्टैंड काम्पलेक्स में मोबाइल की दुकान है। 10 अप्रैल को उसके एचडीएफसी बैंक के क्रेडिट कार्ड से शाम को करीब 3:15 बजे 50055.98 रुपये निकाले गए है। विनोद कुमार ने बताया कि उसने न तो क्रेडिट कार्ड को यूज किया व न ही किसी के साथ अपना ओटीपी नम्बर शेयर किया है। विनोद ने पुलिस में शिकायत देकर उसके रुपए बरामद करवाने की मांग की है।
गुरुवार को 309 क्विंटल गेहूं खरीदा
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कनीना की आवाज। कनीना की पुरानी अनाज मंडी में गेहूं की खरीद जारी है। 2125 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से 309 क्विंटल गेहूं गुरुवार को खरीदा गया। इस प्रकार कुल खरीद 11849 क्विंटल पहुंच गई है। विस्तृत जानकारी देते हुए आनंद यादव मैनेजर वेयरहाउस ने बताया कि गुरुवार को भी खरीद जारी रही और 309 क्विंटल गेहूं खरीदा। उधर नई अनाज मंडी में सरसों कि 5450 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीद जारी है। गुरुवार को 8000 क्विंटल सरसों खरीदी गई। अब तक 52000 क्विंटल सरसों खरीदी जा चुकी है। हैफेड मैनेजर संजीव कुमार ने बताया कि सरसों की आवक तेजी से जारी है। उठान भी लगातार जारी है।
मुख्य मार्गों पर झुके हुए पेड़ बने हुए आफत
-बहुत से खड़े हैं सूखे पेड़
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कनीना की आवाज। मुख्य मार्ग और अप्रोच मार्गों पर अनेकों ऐसे पेड़ खड़े हुए हैं जो सड़क मार्गों पर झुके हुए हैं जो गिरने के कगार पर है। बहुत से पेड़ सूख चुके हैं। कभी भी किसी राहगीरों पर गिर सकते और बड़ा हादसा हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष डहीना का एक व्यक्ति जब रेवाड़ी मार्ग से जा रहा था तो अचानक कीकर का बहुत बड़ा पेड़ गिर गया। मोटरसाइकिल सवार बाल बाल बचा। ऐसे अनेक पेड़ खड़े हुए हैं जो या तो अंदर से नष्ट हो चुके हैं या आंधी बारिश ने उनको टेढ़ा कर दिया है या वो सूख चुके हैं। रेवाड़ी में पानी की टंकी के पास भी बड़ा पेड़ गिरने के कगार पर है। यह पेड़ सूख चुका है। पेड़ कभी भी गिर सकता है। यह मार्ग अति व्यस्त मार्ग है ऐसे में। इस दुर्घटना से बचने के लिए पेड़ों की कटाई जरूरी है। राहगीरों की मांग है कि ऐसे पेड़ों को हटाया जाए ताकि भविष्य में कोई खतरा नहीं रहे।
फोटो कैप्शन 07: सड़क मार्ग पर झुका हुआ सूखा कीकर का पेड़।
सिमट कर रह गया है परंपरागत ठंडाई का टानिक राबड़ी
-कभी बड़े चाव से हर घर में किया जाता था प्रयोग
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कनीना की आवाज। शरीर में गर्मी से बचने के लिए ठंडाई का बेहतर श्रोत राााबड़ी सिमट कर रह गया है। आधुनिक पीढ़ी न तो राबड़ी बनाना जानती और न ही खाना जानती परंतु बुजुर्गों के दिलों-दिमाग में आज भी राबड़ी छाई हुई है। राबड़ी के विषय में राजेंद्र सिंह ,सूबे सिंह और कृष्ण कुमार आदि बताते हैं कि एक वक्त था जब हर घर में राबड़ी बनाई जाती थी। अनेक पदार्थ डालकर बढिय़ा राबड़ी बनाई जाती थी। इसे बासी रोटी और प्याज के संग खाया जाता था। इसके बाद लोग में धूप में निकलते थे किंतु आज के दिन युवा पीढ़ी राबड़ी के स्थान पर कोल्ड ड्रिंक प्रयोग करती है जो सेहत के लिए घातक है। आज भी बासी रोटी और दूध बीपी जैसे रोगों में कारगर बताया जा रहा है। वैसे ही राबड़ी सेहत के लिए कारगर है।
बुजुर्ग महिला संतरा, धापा, धनसी बताती है कि राबड़ी मटकी में बनाई जाती थी और राबड़ी बनाने के लिए घंटों समय लगता था। छाछ में जौ के आटे से बनती थी जिसमें अल्प मात्रा में चने का आटा एवं दाल आदि भी डाल दी जाती थी। रात को पकाकर इसे ठंडा किया जाता था और सुबह होने पर छाछ डालकर इसे प्रयोग किया जाता था किंतु आज इस राबड़ी को लोग भूल गए हैं और उसकी जगह ठंडा प्रयोग करते हैं। आधुनिक पीढ़ी राबड़ी बनाना जानती नहीं पसंद करना तो दूर?
कृषि वैज्ञानिक डा देवराज बताते हैं कि आज के दिन जौ को उगाना ही भुला दिया है। चने की पैदावार नहीं होती। ऐसे में किसान राबड़ी कहां से बनाएंगे। उन्होंने बताया कि राबड़ी बनाने के लिए जौ और चने का मेल जरूरी है और राबड़ी को पकाना बहुत जरूरी है। बेहतर दर्जे की राबड़ी पीने से मन में प्रसन्नता होती है परंतु आज राबड़ी का प्रचलन घटता ही जा रहा है।
क्या कहते हैं राबड़ी के जानकार -
राबड़ी के जानकार रविंद्र कुमार एवं दिनेश कुमार बताते हैं कि राबड़ी बहुत मेहनत का परिणाम होता था। कभी जौ को ओखली और मूसली से कूट-कूट कर तैयार किया जाता था। आजकल बाजार में बनी बनाई तैयार की हुई राबड़ी भी उपलब्ध है। वही राबड़ी बनाने का सामान भी उपलब्ध है। यही कारण है कि राबड़ी के प्रति राबड़ी प्रयोग करने में इतना आनंद नहीं आता जितना पहले आता था क्योंकि आज के दिन राबड़ी चंद मिनटों में तैयार किया जाता है। यही कारण है कि राबड़ी खाने में स्वादिष्ट नहीं होती। प्याज को खाना भी आधुनिक पीढ़ी पसंद नहीं करती क्योंकि प्याज खाने से बदबू आती रहती है परंतु प्याज खाने से हैजा जैसी बीमारी से बचा जा सकता है। स्वास्थ्य के लिए प्याज बहुत जरूरी है।
अटल भूजल योजना के तहत दी मोटे अन्न की जानकारी
-जल बचाने पर दिया गया बल
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के भोजावास गांव के अंबेडकर भवन में अटल भूजल योजना के तहत एक ट्रेनिंग का आयोजन किया गया। जिसमें अटल भूजल योजना की टीम से विकास यादव व पूजा असिस्टेंट ट्रेनर ने आकर जल संरक्षण डेटा संग्रह, मोटे अनाज बाजरे के बारे में, जल संरक्षण के बारे में तथा जल संरक्षण के संसाधनों एवं उपकरणों के बोर में लोगों को जानकारी दी गई।
संदीप कुमार युवा समाजसेवी ने बताया कि हमें जल का सदुपयोग करना चाहिए। जल को व्यर्थ नहीं बहाना चाहिए। जल ही जीवन है ,जल के बिना कुछ नहीं है। हमें जल को जरूरत के अनुसार ही उपयोग करना चाहिए। इस मौके पर पंचायत भोजावास आंगनवाड़ी वर्कर व नरेंद्र मनोज, दीपक आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 6:भूजल विषय पर संगोष्ठी में भाग लेती महिलाएं।
भीषण गर्मी में कट के लिए धरना 46वें दिन भी रहा जारी
-कट का काम शुरू न होने तक रहेगा धरना जारी
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कनीना की आवाज। 152-डी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेहलंग-बाघोत गांव के बीच कट बनवाने के लिए 46वें दिन डॉ. राम सिंह की अध्यक्षता की अध्यक्षता में धरना जारी रहा।
विभिन्न गावों की संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन नौताना ने बताया कि फसल पैदावार के व्यस्त शेड्यूल के बीच भी ग्रामीण शांति पूर्वक धरना दे रहे हैं। सभी ग्रामीण अपनी मांग मनवाने के लिए बैठे हुए है और सरकार ने आश्वासन दिया हुआ है, उसका इंतजार कर रहे है। इस कट के बनने से यह पिछड़ा हुआ इलाका राजधानी चंडीगढ़ और राज्य के बाकी इलाकों से जुड़ जाएगा और इलाके का पिछड़ेपन दूर हो जाएगा।
उनका कहना है कि 152-डी से झाड़ली प्लांट की दूरी चंद किमी है और इसके पास दर्जनों सीमेंट कंपनी है जिनका देश के साथ व्यापार करने का यही एकमात्र रास्ता है। कट बन जाये तो लोग चंडीगढ़ तक आसानी से आ जा सकेंगे।
इस मौके पर विजय सिंह चेयरमैन, विक्रम सिंह, बीरबल ,मनजीत पोता, प्रकाश शर्मा, ,सतपाल, राम सिंह सेहलंग, विजय पाल सिंह, वेद प्रकाश,जगदीश प्रसाद, सतीश,ओमप्रकाश पीटीआई ,डा हिम्मत सिंह आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 8: धरने पर बैठे लोग।
महिला हुई गुम, महाराष्ट्र के लिए निकली थी
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के एक गांव से महिला महाराष्ट्र के लिए निकली थी किंतु वह न तो महाराष्ट्र पहुंची और न ही वापस अपने मायके पहुंची। महिला के पति ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है कि 17 अप्रैल को उन्होंने अपनी पत्नी को महाराष्ट्र के लिए जाने के लिए बस में बिठाया था किंतु वह महाराष्ट्र नहीं पहुंची और न अपने मायके पहुंची। उन्होंने पुलिस में शिकायत की है कि किसी ने या तो किसी ने छुपा लिया है या वह कहीं गुम हो गई है। पुलिस मामले की तलाश कर रही है।
मोटरसाइकिल सवारों को टक्कर मारकर भागने वाला चालक पकड़ा,
-घायल अभी भी कोमा में
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संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना उप-मंडल के गांव पड़तल के विद्यानंद ने कनीना पुलिस में शिकायत की है कि 21 अप्रैल को बस स्टैंड पड़तल में घर के बाहर बैठा था। उस वक्त दर्शन कुमार पड़तल निवासी मौजूद था। दानों आपस में बात कर रहे थे। उसी दौरान शिकायतकर्ता का भतीजा सुनील और अमरीत मोटरसाइकिल पर सवार होकर हेलमेट पहन कर आ गये। वे अटेली की ओर जा रहे थे, मोटरसाइकिल को अमरीत चला रहा था और सुनील कुमार पीछे बैठा था। ज्यों ही मोटरसाइकिल थोड़ी दूर आगे चली, उसी दौरान एक गाड़ी चालक तेज गति से अटेली की तरफ से गाड़ी चलाता हुआ आया और मोटरसाइकिल सवारों को टक्कर मारकर भाग खड़ा हुआ। मोटरसाइकिल सवार गिर गए, मोटरसाइकिल टूट गई। यहां से गाड़ी चालक तेज रफ्तार से भगाकर जब करीब 2 किलोमीटर दूर पहुंचा तो एक और मोटरसाइकिल सवार को टक्कर मार दी और गाड़ी बंद हो गई। सड़क पर दोनों तरफ से आने वाली गाड़ी देखकर वह भागने की कोशिश करने लगा तो उसे पकड़ लिया गया।
इसी मौके पर पता चला कि चालक पड़तल बस स्टैंड पर भी टक्कर मारकर आया है। चालक को पड़तल लाया गया जहां एक्सीडेंट की सूचना पाकर पुलिस मौके पर पहुंची तो पुलिस को टक्कर मारने वाला हवाले कर दिया। उधर दोनों घायलों अमरीत व सुनील को कनीना अस्पताल ले जाया गया वहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया। उनका इलाज रेवाड़ी के निजी अस्पताल में चल रहा है दोनों आईसीयू में है। अब मामला दर्ज कर लिया है।
सैलाना
बस स्टैंड सेहलंग पर सरेआम लड़ाई झगड़ा करने वालों के विरुद्ध हुआ मामला दर
-3 व्यक्ति धरे गये
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कनीना की आवाज। कनीना पुलिस को सूचना मिली कि 3 नौजवान सेहलंग के पास सड़क पर आपस में लड़ झगड़ रहे हैं। जिससे आने जाने वालों को बाधा हो रही है। कनीना पुलिस ने मौके पर पहुंच तीनों को काबू कर लिया। उनके नाम संजय सेहलंग, सुनील बसई, मनोज मकसूदपुर बताया। पुलिस अनुसार तीनों शराब पीकर आपस में लड़ झगड़ रहे थे। उनके विरूद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
बवानिया में घर से चोरी
- अज्ञात चोर हजारों रुपए की नकदी व आभूषण ले उड़े
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कनीना की आवाज। दौंगड़ा अहीर पुलिस चौकी में धर्मेंद्र बवानिया निवासी ने शिकायत दर्ज करवाई है कि 18 मार्च को घर से बाहर है। उसके पीछे से 25 अप्रैल को घर से चोरी की वारदात हो गई। घर के दरवाजों के ताले तोड़कर नकदी गहने अज्ञात चोर चोरी कर ले गया। उन्होंने पुलिस में बताया है कि अज्ञात चोर एक जोड़ी झुमका, एक जोड़ी टाप्स, एक जोड़ी कान की बाली, एक जोड़ी नाक की बाली, एक नाक की लोंग ,3 चांदी के सिक्के तथा 5 हजार से 10 हजार रुपये की नकदी चोरी कर ले गये। पुलिस अज्ञात चोरों के विरुद्ध मामला दर्ज कर, जांच शुरू कर दी है।
मां मंदिर में जागरण आयोजित
-रातभर चला मां का गुणगान
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कनीना की आवाज। मां दुर्गा मंदिर कनीना में जागरण आयोजित किया गया। भगत कुलदीप यादव के सानिध्य में आयोजित संगीतमय जागरण में हजारों श्रद्धालुओं ने मां के दरबार में माथा टेक मन्नत मांगी। मुख्य अतिथि प्रमुख समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट, विशिष्ट अतिथि नगर पार्षद मनीष यादव ने मां शीतला दुर्गा माई का विधिवत पूजन कर जागरण का शुभारंभ किया। आयोजन समिति के सदस्य भगत कुलदीप यादव, बलवान सिंह प्रधान, अशोक वर्मा ने अतिथिगण का पगड़ी पहनाकर तथा स्मृतिचिह्न भेंट कर अभिनंदन किया। झगडू एंड पार्टी के गायकों ने माँ शीतला दुर्गा की महिमा का गुणगाण कर श्रद्धालुओं को भाव विभोर कर झूमने पर मजबूर कर दिया। देर रात तक चले जागरण में शीतला दुर्गा माई के जयकारे गूंजते रहे। मुख्य अतिथि अतरलाल ने भव्य और शानदार जागरण आयोजित करने के लिए शीतला दुर्गा मंदिर कमेटी के सदस्यों का धन्यवाद करते हुए कहा कि जागरण से आत्मा में सुविचार पैदा होते हैं और सद्विचारों से ही व्यक्ति समाज और देश की तरक्की के राह खुलते हैं। इस अवसर पर अशोक वर्मा, विजय सिंह चेयरमैन, बलवान प्रधान, हरेन्द्र शर्मा, मनोज, रेखा शर्मा, मधु, सरिता, रंगीला, महंत आरती शर्मा सहित हजारों श्रद्धालु उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 04:जागरण समिति के सदस्य मुख्य अतिथि अतरलाल को स्मृति चिह्न भेंट कर सम्मानित करते हुए।
30 अप्रैल को दिया जाएगा आय एवं व्यय का ब्यौरा
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कनीना की आवाज। डा भीमराव अंबेडकर जन जागरण समिति कनीना द्वारा अंबेडकर जयंती कार्यक्रम 14 अप्रैल 2023 को मनाया गया। प्रधान कृष्ण कुमार पूनिया ने बताया कि जयंती समारोह मे कितना चंदा आया तथा कितना खर्च हुआ यह सब ब्यौरा देने के लिए समाज के सभी लोगों की बैठक 30 अप्रैल रविवार बाल्मीकि धर्मशाला में प्रात: 10 दिया जाएगा। उन्होंने अधिक से अधिक लोगों के पहुंचने की अपील की है।
सांवली सूरत पर मोहन दिल दीवाना हो गया पर जमकर थिरके श्रद्धालु
-तीन दिवसीय जागरण कार्यक्रम के दूसरे दिन मुख्य अतिथि नांगल चौधरी से पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह ने आमजन को किया संबोधित
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कनीना की आवाज। श्रीश्याम मंदिर कमेटी कनीना द्वारा सातवां तीन दिवसीय संकीर्तन के दूसरे दिन भव्य कीर्तन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में तीन दिन लगातार रात्रि के समय 8 बजे से 12 बजे तक बाबा गुणगान अलग अलग गायक कलाकारों द्वारा किया जा रहा है। श्रीश्याम मंदिर कमेटी द्वारा दूसरे दिन दिवसीय जागरण में मुख्य अतिथि नांगल चौधरी से पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह रहे। वही दीप प्रज्वलित नगर पालिका के पार्षद मनीष यादव ने किया। इस दौरान मुख्य गायक कलाकार गौरव दक्ष तिजारा ने मोर छड़ी थारे हाथ में, वीर हनुमाना अति बलवाना, सांवली सूरत पर मोहन दिल दीवाना हो गया व अन्य भजनों से श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। श्री श्याम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष संदीप महेश्वरी ने बताया की हर वर्ष की बाबा का जागरण किया जाता है। अबकी बार से यह तीन दिवसीय जागरण कार्यक्रम है उन्होंने बताया कि जागरण के दूसरे दिन मुख्य अतिथि राव बहादुर सिंह व दीप प्रज्वलित का कार्य मनीष यादव पार्षद ने किया हैं। इस दौरान नांगल चौधरी के पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह ने 51 हजार रुपये की राशि मंदिर कमेटी को भेंट की। वही नगर पालिका के पार्षद मनीष यादव ने 21 हजार रुपये का मंदिर कमेटी को सहयोग किया। राव बहादुर सिंह ने कहा कि कनीना से मेरा बहुत पुराना रिश्ता है। यहीं से सब कुछ सीखा है। उन्होंने बताया कि कनीना के बाबा लालगिरी, बाबा राधे दास, बाबा मोलडऩाथ सहित अनेक धार्मिक स्थल है जहां पर लोगों की आस्था है उसी आस्था को और मजबूत करने का कार्य भजन सत्संग के कार्य करने से होता है। हमें हमारे पूर्वजों की याद में इस तरीके के कार्यक्रम करते रहना चाहिए। नगर पालिका पार्षद मनीष यादव ने कहा कि श्री श्याम मंदिर कमेटी समय-समय पर विभिन्न प्रकार के आयोजन करवाती रहती है कोविड-19 के दौरान मंदिर कमेटी ने आमजन के लिए बहुत अधिक भलाई के कार्य किए थे। इस मौके पर संदीप महेश्वरी, योगेश गुप्ता, राकेश बोहरा, जोगेंद्र चौधरी, पाला राम, सतीश जांगड़ा, नवीन सिंगला, महेश शर्मा, माया देवी, महेश अग्रवाल, अनीता यादव, राधा माहेश्वरी सहित अनेकों श्रद्धालु मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 5: पूर्व विधायक राव बहादुर सिंह को श्रीश्याम सेवा मंडल द्वारा सम्मानित करते हुए।
पुण्यतिथि पर लगाई सवामणी
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कनीना की आवाज। कनीना के समाजसेवी रमेश कुमार ने अपनी स्वर्गीय पत्नी विमला देवी की पुण्यतिथि पर कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में सवामणी लगाई और 11 हजार रुपये का दान दिया। पिछले वर्ष भी उन्होंने सवामणी लगाकर 11000 रुपये का दान दिया था। इस मौके पर रमेश कुमार के अतिरिक्त मनीष कुमार, नवीन कुमार, सुमन देवी, संतोषी देवी, मोनिका, रोहन, गोलू, दिनेश कुमार, गौशाला प्रधान हुकम सिंह, नरेश कुमार, कृष्ण कुमार आदि गणमान्य जन उपस्थित रहे।
इस मौके पर रमेश कुमार ने बताया कि गायों को मीठा चारा देना पुण्य का कार्य होता है। इनकी सेवा से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
फोटो कैप्शन 3: गौशाला में रमेश कुमार एवं परिजन सवामणी लगाते हुए।
बवाना में लगाया गया बागवानी जागरूकता कैंप
-विभिन्न स्कीमों की दी गई जानकारी
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कनीना की आवाज। बागवानी विभाग की ओर से बुधवार को गांव बवाना में बागवानी जागरूकता कैंप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला उद्यान अधिकारी डा. प्रेम कुमार ने मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत की। डॉ. प्रेम कुमार ने विभाग की विभिन्न स्कीमों का लाभ लेने के लिए आवेदन की प्रक्रिया को विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने बताया कि आवेदन करने के लिए किसान को जरूरी दस्तावेजों के साथ मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्टर होना अनिवार्य है। इसके बाद किसान एचओआरटी डाट जीओवी डॉट इन पर लाग इन कर विभाग की स्कीम चुनाव कर रजिस्टर कर सकता है।
इस मौके पर उद्यान विकास अधिकारी डॉ. राधेश्याम खेरवा ने बताया कि बागवानी विभाग की ओर से बाग लगाने, सब्जी की खेती व मशरूम की खेती में अनुदान राशि दी जा जाती है। विभाग का उद्देश्य है कि विभाग की ओर से चलाई जा रही प्रत्येक योजना की जानकारी किसानों तक पहुंच सके। शिविर के माध्यम से नए बाग लगाने व सब्जी का क्षेत्र बढ़ाने व मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि नए बागों के क्षेत्र विस्तार के लिए प्रति एकड़ 50 से 70 प्रतिशत सरकार द्वारा विभाग के माध्यम से अनुदान दिया जा रहा है। अनुदान राशि फलदार पौधों के अनुसार दी जाती है।
उन्होंने बताया कि बाग लगाने का उचित समय बारिश के समय है। इसके लिए गड्ढे खोदने का कार्य मई व जून में कर लेना चाहिए। इसके लिए 3&3 फीट का गड्ढा 6&6 मीटर की दूरी पर खोदना चाहिए व ऊपर की 1.5 फीट की मिट्टी एक साईड व नीचे की 1.5 फीट की मिट्टी अलग कर लेनी चाहिए। गड्ढे खोदने के बाद ऊपर की 1.5 फीट की मिट्टी एवं उतनी ही मात्रा में गोबर की अच्छी सड़ीगली खाद अच्छी तरह मिलाकर गड्ढा पून: भर देना चाहिए तथा बारिश आने पर पौधारोपण करना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने विभाग की सब्जी उत्पादन, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, बैम्बो स्टेकिंग, मल्चिंग एवं टनल इत्यादि स्कीमों के बारे में जानकारी दी।
फोटो कैप्शन 01: बवाना में बागवानी विभाग की ओर दी जा रही बावानी की जानकारी।
जागरूकता अभाव के कारण अनेक बातें सुननी पड़ रही है बीएलओ एवं शिक्षकों को
-किराएदार और बाहरी लोगों के वोट बनने के कारण बढ़ी है परेशानी
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कनीना की आवाज। नगर पालिका कनीना की मतदाता सूची के प्राथमिक प्रकाशन के बाद हजारों वोटर इधर-उधर हो गए जिनको सिरे चढ़ाते वक्त बीएलओ/मास्टर एवं प्राध्यापकों की तैनाती तो कर दी गई है किंतु उन्हें अनेकों बातें घर-घर जाकर सुननी पड़ रही है। जिस किसी का वोट इधर-उधर हो गया है उनके घर जब बीएलओ या शिक्षक जाते हैं तो वे बेढंगे तरीके से पेश आते हैं। हमारे वोट तो बन चुके हैं फिर क्यों आए हो? हमें जरूरत नहीं है जिसको वोट चाहिए वह बनवा देगा? हमारे वोट तुमने काटे हैं, अब उनको जोडऩे की बात कह रहे हो? इन मास्टरों को ज्यादा तनख्वाह मिलती है जो दोपहर को भी अआराम नहीं करने देते? आज हम बाहर है कहो तो फोन के व्हाट्सएप पर फोटो तथा आईडी भेज दे? अभी मैं बाहर हूं आऊऊंगा तब मिलूंगा? कितनी ही बातें उन्हें सुननी पड़ती है।
मसला यह है कि विभिन्न वार्डों में से बहुत से वोट इधर-उधर हो गए हैं जिनको संबंधित वार्ड में लाने के प्रयास जारी है परंतु जब वोटर का पता किसी प्रकार से लगाया जाता है और बीएलओ या शिक्षक उनके घर पहुंचते हैं तो तरह-तरह की बातें सुनकर परेशान हो जाते हैं। एक ही वोटर की आईडी एवं फोटो लाने में चार-पांच बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। एक और जहां नगर पालिका द्वारा मुनादी करवा दी गई थी लोग फिर भी वोटर जागरूक नहीं है और ना ही ध्यान दे रहे हैं। अपने वोटों की तरफ ध्यान न देकर बड़े शांत से घरों में बैठे हुए हैं। बडड़ी परेशानी उन वोटरों की है जो किराए के मकान में रहते हैं, बार-बार अपने किराए के मकान बदल लेते हैं। इसके कारण उनका अता पता ढूंढना बड़ा मुश्किल हो जाता है वहीं एक वोटर का पता लगाने के लिए भी कम से कम 20 जगह फोन करके अगर कहीं कुछ पता लगता है तो वोटर साफ कर देता है अभी मैं घर पर नहीं हूं आऊंगा तब कागज पूरे करूंगा। बहरहाल शिक्षकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कहने को तो शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाने के नाम का वेतन ले रहे हैं परंतु घर-घर घूमने अपनी मोटरसाइकिल का तेल जलाने या फोटो स्टेट करवाने के पैसे भी खुद ही वहन करने पड़ रहे हैं। प्रशासन द्वारा कोई पारिश्रमिक भी नहीं दिया जाता। शिक्षक साफ कहते हें कि उनका पंचायत चुनावों का तथा मतगणना में तैनाती का पारिरमिक भी नहीं मिला है? उस पर अनेकों प्रकार की सुननी पड़ रही है। विगत एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है शिक्षक स्कूलों में नहीं जा पा रहे हैं जिससे पढ़ाई तो बाधित हो ही गई है, साथ में वोटर को ढूंढना उनके लिए मुश्किल कार्य हो गया है।
सबसे अधिक परेशानी वो लोग कर रहे हैं जो चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं और विभिन्न मतदाताओं को एक वार्ड से दूसरे वार्ड में इधर-उधर करने का प्रयास कर रहे हैं। यही कारण है कि शिक्षक इधर-उधर खोए हुए वोटर को ढूंढने की बजाय उन वोटरों में खोये मिलते हैं जो इधर से उधर हो रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि शिक्षकों की जगह पुलिस या पटवारी की तैनाती कर दी जाती तो निश्चित रूप से यह कार्य बहुत आसानी से हो जाता। इस कार्य में जहां प्रधान, पूर्व पार्षद पार्षद या लंबे समय से अनुभव रखते हैं उनको लगाया जाता तो ज्यादा बेहतर होता। इस कार्य के लिए ऐसे शिक्षकों की तैनाती की गई है विशेषकर गणित और विज्ञान के, जो घर बाहर कम निकलते हैं, ऐसे में उनके लिए वोटरों का पता लगाना और भी कठिन हो गया है।
अध्यापक नेता सुनील कुमार, धर्मपाल शर्मा बताते हैं कि कहने को कहने को तो शिक्षकों ने इसलिए शिक्षा पाई थी कि वह स्कूल के विद्यार्थियों को पढ़ा पढ़ा लिखा कर महान बनाएंगे किंतु उनको अनेकों वो काम दिये जा रहे हैं जिनका विद्यार्थियों से कोई लेना देना नहीं है। जिस भी किसी काम को करवाना हो केवल शिक्षकों की तैनाती लगा दी जाती है। सरकार से केवल शिक्षक ही वेतन नहीं पा रहे कितने ही विभागों के कर्मी वेतन पा रहे हैं लेकिन किसी अन्य विभाग के कर्मियों की तैनाती किसी अन्य काम में नहीं लगाई जाती।
कुछ शिक्षकों ने तो अब सोशल मीडिया पर वह लिस्ट जारी कर दी है जो वोटर इधर उधर हो गए हैं परंतु परिणाम जस का तस। बहुत कम वोटरों ने कुछ उत्तर दिया है। बहरहाल समस्या बढ़ती ही जा रही है। यदि विधानसभा के वोटर्स को कनीना पालिका के 13 वार्डों में सही ढंग से बांटा जाता तो आज यह नौबत नहीं आती।
17वें पालिका प्रधान के चुनाव के लिए चल रही है तैयारियां
-इस बार होगा प्रधान का सीधा चुनाव
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कनीना की आवाज। कनीना पालिका की वर्तमान अवधि 22 मई 2023 को संपन्न हो जाएगी तत्पश्चात 17वें पालिका प्रधान के चुनाव की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। अब तक 16 पालिका प्रधान बन चुके हैं जिनमें से 6 बार प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्यभार ग्रहण किया है।
1952 में कनीना पालिका अस्तित्व में आई और 1955 में सबसे पहले स्व. चौधरी बलबीर सिंह पालिका प्रधान बने। वे 1958 तक पालिका प्रधान रहे। तत्पश्चात स्व.चौ जानकी प्रसाद 1962 में पालिका प्रधान बने जो 16 मार्च 1964 तक प्रधान रहे। पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा ने बताया कि 1973 से 1987 तक कनीना पालिका का कोई चुनाव नहीं हुआ जिसके कारण पद रिक्त रहा।
तीसरे पालिका प्रधान संतोष कुमार बने जो 26 अगस्त 1964 से 1967 तक पालिका प्रधान रहे। तत्पश्चात दोबारा से स्व. चौधरी बलबीर सिंह को पालिका प्रधान बनने का मौका मिला और 1968 से 1973 तक प्रधान रहे। कनीना पालिका के पांचवें प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा 1 नवंबर 1987 से 28 सितंबर 1991 तक रहे। तत्पश्चात 29 सितंबर 1991 से 9 दिसंबर 1991 तक सोहनलाल बीडीपीओ प्रशासनिक अधिकारी रहे। कनीना पालिका के सातवें प्रधान दलीप सिंह 9 दिसंबर 1991 से 18 मार्च 1994 तक रहे। मास्टर दिलीप सिंह चौधरी बलबीर सिंह के पुत्र है जो एक बार फिर से वर्तमान में चुनाव तैयारियों में जुटे हुए हैं। तत्पश्चात वी राजाशेखर आईएएस कनीना पालिका के प्रशासनिक अधिकारी 19 मार्च 1994 से लेकर के 6 मई 1994 तक रहे। इसके बाद फिर से मुनीलाल खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी प्रशासनिक अधिकारी बतौर 17 मई 1994 से 16 फरवरी 1995 तक बने।
कनीना पालिका की दसवें प्रधान एक बार फिर से राजेंद्र सिंह लोढ़ा 17 फरवरी 1995 से 2 फरवरी 2000 तक रहे। ये दूसरी बार पालिका प्रधान बने और वर्तमान में चुनावों की तैयारियों में लगे हुए हैं। तत्पश्चात महेंद्र सिंह मोरवाल नायब तहसीलदार को प्रशासनिक अधिकारी बतौर 19 जून 2021 से 21 मई 2007 तक कार्यभार दिया गया ।तत्पश्चात 2 महिला पालिका प्रधान लगातार बनी जिनमें संतोष देवी 22 मई 2007 से 2 अप्रैल 2012 तक तथा शारदा देवी 27 अगस्त 2012 से 22 मई 2017 तक पालिका प्रधान बनी।
संदीप सिंह एसडीएम कनीना 23 मई 2017 से 1 अक्टूबर 2018 तक प्रशासनिक अधिकारी रहे। इसके बाद एसडीएम अभिषेक मीणा आईएएस 17 अक्टूबर 2018 से 24 जनवरी 2019 तक प्रशासनिक अधिकारी रहे। पालिका के 16वें प्रधान सतीश जेलदार 24 जनवरी 2019 को बने और 22 मई 2023 तक उनका कार्यकाल रहेगा। 17वें पालिका प्रधान की तैयारियां शुरू हो गई है। मतदाता सूचियों का प्रकाशन हो चुका अंतिम प्रकाशन अभी होना है। ऐसे में कनीना पालिका बतौर प्रधान की तैयारियां जारी हैं।
चुनाव लडऩे के इच्छुक रातोंरात टटोल रहे हैं वोटरों को
-लंबी लिस्ट बनती जा रही चुनाव के इच्छुक लोगों की, देखे नाम
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कनीना की आवाज। कनीना नगरपालिका के भविष्य में चुनाव होने जा रहे हैं। 13 वार्डों में करीब 10 हजार वोटर है। ऐसे में अब चुनावी सरगर्मियां बढऩे लगी है। जहां भी देखें चुनावी चर्चा शुरू हो गई है क्योंकि किसान भी अब खरीफ फसल की तैयारी से पहले कुछ फुर्सत में है।
किसान रबी फसल पैदावार ले चुके हैं। ऐसे में अब भीषण गर्मी में हुक्के के अलावा कुछ भी मनपसंद चीज नहीं है। हुक्के के चारों ओर 5 से 7 लोग बैठे मिल ही जाते हैं। आलम यह है कि किसान हुक्के की गुडग़ुड़ाहट पर चुनावी चर्चा छेड़ रहे हैं। अक्सर यही चर्चा होती है कि इस बार युवा पीढ़ी को कमान सौंपी जाए। वैसे भी अधिकांश युवा आगे आ रहे हैं। एक पूर्व प्रधान ने तो पहले ही अपने लड़के की चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी है। चुनाव के लिए अभी से ही भाग दौड़ शुरू कर दी है।
वोटरों के पास जाना, उनके वोट को इधर-उधर कटवा कर मनवांछित वार्ड में जुड़वाकर जीत की चाहत की पूरी जुगत लगा रहे हैं। सबसे बड़ी विडंबना है कि बहुत से ऐसे वोटर है एक वार्ड से दूसरे वार्ड की ओर भाग रहे हैं जिनके पीछे भी बहुत से चुनाव लडऩे वालों का हाथ है। चुनाव लडऩे वाले रातों रात रणनीति बना रहे हैं ताकि विजयी हो सके।
कब से बढ़ी हलचल--
कनीना पालिका के चुनावों की हलचल बढ़ गई है। मतदाता सूचियों का प्राथमिक प्रकाशन हो चुका है। अंतिम प्रकाशन के बाद पता चलेगा कि कितने मतदाता कनीना में हैं। वर्तमान में 8371 मतदाता 13 वार्ड में दर्शाए गए हैं। जिनकी संख्या अभी बढ़ेगी।
कनीना पालिका 1952 से चली आ रही है। कनीना नगर पालिका के समय-समय पर अनेक प्रधान रह चुके हैं। जब जब कनीना पालिका चुनाव आते हैं तब तब एक ही बात उठती है कि सशक्त, ईमानदार और विकास पुरुष को प्रधान पद के लिए आगे लाया जाए किंतु हकीकत है अभी तक ऐसा कोई सशक्त व्यक्तित्व सामने नहीं आया है जो पुराने चुनाव लड़ते आ रहे लोगों को टक्कर दे सके। हो सकता है भविष्य में ऐसा कोई चेहरा उभर सकेगा परंतु वर्तमान समय में ऐसा कोई चेहरा स्पष्ट नजर नहीं आ रहा है। यह बात हर व्यक्ति के दिलों दिमाग में बैठी हुई है जिसके चलते इन चुनाव को अभी तक अनेकों युवा एवं बुजुर्ग अवलोकन कर रहे हैं, सोच सोचकर भावी प्रधान के गुण अपने दिलोदिमाग में बैठा रहे हैं ताकि समय आने पर ऐसे व्यक्ति का साथ दिया जा सके।
यही कारण है कि कनीनावासी अभी तक यह निर्णय नहीं कर पा रहे हैं कि इस चुनाव में किसे उतारा जाए का बेहतर ढंग से कनीना का नेतृत्व कर सके। पूर्व प्रधान एवं वर्तमान प्रधान सतीश जेलदार अपने अपने परिजनों को उतार सकते हैं। अभी चुनाव होने में कुछ समय लग सकता है। ऐसे में नए नए चेहरे उभर कर भी आ सकते हैं। बहरहाल चुनाव को लेकर के जब चर्चाएं गर्म हैं। आने वाले वक्त में पता लग पाएगा कि कौन चुनाव में भागीदारी करेगा। इस बार पालिका प्रधान के चुनाव डायरेक्ट होना सभी लोगों के मन को सुहा रहा है क्योंकि अब तक पालिका प्रधान बनते आए वह किसी के रहमों करम पर होते थे या पार्षदों पर निर्भर रहे हैं। सभी की नजरें चुनाव पर टिकी हुई है और बेहतर से बेहतर प्रत्याशी ढूंढने की तैयारियों में जुटे हुये हैं।
चुनाव लडऩे के दावेदार-
अभी तक पार्षद के चुनाव के लिए महेश बोहरा दावेदारी जता रहे हैं। उधर वार्ड चार से योगेश कुमार भी पार्षद के चुनाव लडऩे के लिए तैयार हैं। वार्ड एक से विजय चेयरमैन वार्ड एक से पार्षद के चुनाव लड़ेंगे। इस बार चेयरमैन पद का चुनाव डायरेक्ट होगा। जिसके चलते इस बार चेयरमैन पद के लिए अधिक लोग तैयारी में जुटे हुए हैं।
कनीना के सज्जन सिंह बोहरा, वार्ड 3 के निवासी राज सिंह, सुमेर सिंह मैनेजर चुनाव लड़ेंगे और प्रधान पद की दावेदारी करेंगे। कनीना के वार्ड 12 का निवासी अमित नंबरदार पालिका के प्रधान पद का दावेदार है। कनीना के वर्तमान चेयरमैन सतीश जेलदार के पुत्र प्रीतम जोनू चेयरमैन पद के चुनाव लड़ेंगे। उधर पूर्व प्रधान मा. दिलीप सिंह प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं या फिर उनका पुत्र चुनाव में खड़े होंगे और वो भी प्रधान पद के लिए ही दावेदारी जताएंगे। पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा भी चुनाव में खड़े होंगे वो भी वोटरों का मन टटोल रहे हैं। कनीना के एडवोकेट विनय यादव, एडवोकेट पंकज यादव, वर्तमान में उप प्रधान पद पर आसीन अशोक ठेकेदार, मनीष पार्षद, मनोज कुमार इस बार पालिका चुनाव में प्रधान पद की दावेदारी करेंगे।
विवाह शादी मेें शिक्षक पूछते देखे गये वोटरों का पता ठिकाना
-वार्ड पार्षदों एवं प्रमुख जन भी नहीं जानते सैकड़ों वोटरों को
-किरायेदार बने हुये हैं समस्या
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कनीना की आवाज। विगत दिनों से जहां शिक्षकों की तैनाती बीएलओ के साथ लगा दी गई है। बीएलओ को वोटर का ज्ञान होता है किंतु उनके साथ एक मास्टर तथा एक प्राध्यापक आदि की तैनाती करके न केवल स्कूलों का शिक्षण कार्य प्रभावित कर दिया है वहीं शिक्षक दिन और रात को भागते फिरते हैं। क्योंकि वोटर लिस्ट में कोई नियम पालन नहीं किया गया है, वार्ड 1 में 11 के वोटर तो वार्ड 4 में 13 के वोटर मिल सकते हैं,न जाने क्या-क्या गलतियां देखने को मिल रही हैं। जिसके चलते यही पता नहीं लगाया जा सकता कि यह वोटर कहां और किस वार्ड का है? पूरे कस्बे की समुचित ज्ञान हो वही थोड़ा-बहुत बता सकता है परंतु स्थिति बहुत बुरी हो चुकी है।
शिक्षक परचून की दुकान पर सामान खरीदने जाते हैं और साथ में पूछते वोटरों का अता पता यहीं नहीं सब्जी खरीदते हैं तो भी वोटर का अता पता पूछते है। शिक्षकों ने बताया कि हालात यह है कि दिन व रात में भाग दौड़ करने पर कि कुछ वोटर की पहचान हो पाती है। बाकी अगले दिन पर छोड़ दिया जाता है। विगत करीब एक सप्ताह से शिक्षक इसी कार्य में जुटे हैं जिसके चलते स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित हो गया है।
ग्रीष्मावकाश से पहले शिक्षण का यही बेहतर वक्त होता है और इसी वक्त में शिक्षकों की विशेषकर विज्ञान और गणित के शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है। परिणाम यह है कि जहां विद्यार्थी बगैर शिक्षकों के परेशानी उठा रहे वहीं शिक्षक वोटरों के न मिलने से परेशान हो रहे हैं। उस पर कोई उनकी मदद करने को तैयार नहीं है। अध्यापक और प्राध्यापकों के तैनाती लगाई उन्हें किसी प्रकार का कोई पारिश्रमिक का प्रावधान नहीं किया गया है। दिन भर भूखे भागदौड़ करते रहते हैं।
शिक्षकों ने बताया कि ऐसा कोई ऐप भी अब हरियाणा का नहीं है जिससे पता लगाया जा सके कि वोटर कहां है? न ही उनके फोन नंबर मिलते। सबसे बड़ी विडंबना है कि बहुत से ऐसे वोटर है जो यहां रहते ही दूसरे क्षेत्रों में हैं, कुछ एक की मौत हो चुकी है या दिन भर काम पर जाते हैं उनके कागज भी नहीं मिल पाते। गांवों जैसे ककराला, धनौंदा, करीरा आदि के वोट भी लिस्ट में आ चुके हैं। आश्चर्यजनक बात है कि फोटोकापी भी शिक्षकों को या किसी या किसी समाजसेवी को करवाकर देनी पड़ रही है। कहने का अर्थ है कि जेब














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