बढऩे लगी है चुनावी चर्चाएं
-नगर पालिका के चुनाव हैं सिर पर
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कनीना की आवाज। नगर पालिका के चुनावों के दृष्टिगत अब चुनावी चर्चाएं बढ़ गई हैं। दुकान हो या कोई चाय की दुकान, चुनावी चर्चा मिलने लगी है। विशेषकर जब से मतदाता सूचियों का प्रकाशन हुआ है तब से चुनावी गर्मी बढ़ती ही जा रही है। रातोंरात पार्षद और प्रधान पद के दावेदार ढूंढे जा रहे हैं। क्योंकि बहुत से लोग तो चुनाव तो लडऩा चाहते हैं किंतु आगे नहीं आना चाहते हैं वो ऐन मौके पर आगे आएंगे। ऐसे में चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं। यदि मतदाता उनको अच्छा रिस्पांस देते हैं तो भी अपने उम्मीदवारी पक्की समझ रहे हैं। अभी से ही मतदाताओं से वोट देने की हां या ना करवा रहे हैं।
इस बार प्रधान पद का सीधा चुनाव होने से चुनाव लडऩे वाले बढऩे की उम्मीद है। दस हजार के करीब वोटर प्रधान पद के चुनाव के लिए लडऩे वालों के लिए नजर आने लगे हैं। ऐसे भी कहते सुने हैं कि मेरे लिए प्रधान पद के वोट दिलवा दो मैं तुम्हें पार्षद या तुम्हारे द्वारा अनुमोदित पार्षद को अपने क्षेत्र के वोट दिलवा दूंगा। तेजी से आपसी गठबंधन बनता जा रहा है और रातों-रात चुनाव लडऩे वाले आगे आ रहे हैं। 13 वार्डों में 13 पार्षद चुने जाने है लेकिन कुछ वार्डों में चुनाव लडऩे वाले मौन नजर आ रहे हैं। अनेक ऐसे चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं जिन्हें वार्ड के वोटरों का भी ज्ञान नहीं है। यह भी नहीं बता पा रहे कि कौन सी वोटर उनके वार्ड के हैं? आश्चर्य है कि चुनाव तो लडऩा चाहते हैं लेकिन वे अपने वार्ड के लोगों से परिचित तक नहीं है। जब शिक्षक उनके पास इधर उधर हुयेे वोटरों के बारे में पूछने के लिए जाते हैं तो हाथ ऊपर कर देते हैं। स्पष्ट है कि चुनाव लडऩे वालों को ही जब मतदाताओं का ज्ञान नहीं है तो शिक्षक जो इधर-उधर हुये वोटरों/मतदाताओं को कैसे ढूंढ पाएंगे? बहरहाल कुछ भी हो चुनावी चर्चा आगे बढऩे लगी है। एक और जहां गर्मी बढ़ती जा रही है वहीं चुनावी चर्चा बढऩे लगी है। कुछ तो ऐसे भी संभावित प्रत्याशी हंै जो किसी का आशीर्वाद पाने की चाहत लिए बैठे हैं तो कोई चुनाव लडऩे का इच्छुक किसी मंत्री, संतरी और सत्तापार्टी के नेताओं से आशीर्वाद पाकर वोट पाने के जुगाड़ में है। बहरहाल चुनाव तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अनेकों पार्षद और प्रधान पद के दावेदार सामने आने लगे हैं। इस बार युवाओं में भी जोश है तो महिलाओं में भी जोश है, बुजुर्गों में और भी अधिक जोश है। अब देखना यह है कि प्रधान का पद आरक्षण में किसके पक्ष में जाता है? तभी कोई निर्णय लिया जाएगा। इस बार चुनाव जीतना आसान नजर नहीं आता। क्योंकि अब तक पार्षदों के सहारे नैया पार होती रही है किंतु इस बार प्रधान को पार्षद नहीं बनाएंगे। उन्हें तो सीधे ही वोट मिलेंगे। करीब 10000 वोटर पूरे कनीना कस्बे में है जो 13 वार्डों में बंटे हुए हैं । आने वाला समय बता लग पाएगा कि कौन क्या गुल खिला पाएगा?
छुट्टी और पर्व पर भी ढूंढ रहे हैं मतदाताओं को
-हजारों मतदाताओं के इधर उधर होने का मसला
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कनीना की आवाज। नगर पालिका में 1414 इधर-उधर हुये मतदाताओं को खोजने का काम शिक्षक तथा अन्य कर्मी रविवार और अवकाश के दिनों में भी कर रहे हैं। यही नहीं उनका कोई निर्धारित समय नहीं है। सुबह लगते हैं और रात तक इसी काम में लगे रहते हैं। शिक्षकों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वे बेहद परेशान हैं। एक और जहां स्कूलों में पढ़ाई बाधित कर दी गई है वही उनको ऐसी तैनाती दी गई है और ऐसे मतदाताओं को ढूंढना है जिनका पता ठिकाना भी नहीं है। न फोन नंबर है नहीं कोई सहायता कर रहा है। प्रशासन ने अपना पल्लू छाड़कर शिक्षकों पर काम छोड़ दिया है। आखिर शिक्षक कहां से ढूंढ कर लाए इन मतदाताओं को? मदद के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है, प्रशासन भी केवल हाथ धोकर शिक्षकों के पीछे पड़ा हुआ है। अगर यह काम पुलिस या पटवारी या अन्य कर्मचारियों को देते तो बहुत बेहतर होता ताकि उनकी सही ढंग से जानकारी हासिल कर पाते। शिक्षकों को तो लोग नाम पता बताने से गुरेज करते है जबकि पुलिसकर्मी पहुंचते तो सारा हाल में बयां कर देते। ऐसे में न तो पार्षद और नहीं प्रधान इस काम में मददगार साबित हो रहा है। शिक्षक दोपहर में, दिन भर बिना खाना खाए पानी पिये इधर-उधर घूमते देखा जा सकता है। उनको न कोई पारिश्रमिक दिया जाता और न उनके खाने पीने का कोई प्रबंध किया जाता। कहने को शिक्षक किंतु हालात देखकर लगता है शिक्षक से बेहतर तो चपड़ासी? इतनी बुरी हालत शायद किसी अन्य की नहीं है। अपने काम के प्रति शिक्षक पूर्ण वफादारी से निभा सकते हैं लेकिन शिक्षकों पर इस प्रकार का दायित्व देना उन्हें नहीं सुहाता। शिक्षकों ने मांग की है कि कम से कम बदल बदलकर शिक्षकों की तैनाती लगाई जाए ताकि स्कूलों में एक ही विषय की पढ़ाई बाधित न होने पाए।
किसान जुटे कृषि कार्यों में
-कपास की ओर रुझान कम
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कनीना की आवाज। किसान एक बार फिर से खरीफ फसल की तैयारियों में लग गए हैं। रबी फसल पैदावार लेने के बाद अन्न को बेचकर किसान खरीफ विशेषकर कपास की बीजाई की तैयारियों में लगे हैं। खेतों में खाद डालने का काम जारी है।
वैसे तो किसानों की प्रमुख फसल गेहूं की है। किसान गेहूं को खाने के लिए सबसे अधिक प्रयोग करते हैं वहीं बाजरे की फसल चारे के लिए अधिक उपजाया जाता है और खाने के लिए कम। रबी फसल बेहतर पैदावार नहीं दे पाई। कुछ पैदावार हुई बेचकर घर के कामों के लिए धन प्राप्त किया है। विगत वर्षों से किसान कपास फसल की ओर आकर्षित हुये थे किंतु विगत वर्ष कपास की फसल में रोग आ जाने से किसान नुकसान की ओर चले गये थे। परिणामस्वरूप इस बार किसानों का रुझान कपास की ओर कम है।
अब किसान खरीफ फसल की तैयारी में लग गया है। खेतों में खाद डालने विशेषकर गोबर का खाद डालकर उसे बिखेरने तथा बारिश होने का इंतजार करेंगे। किसान गर्मियों में अपनी ऊंटगाड़ी, ट्रैक्टर एवं ट्राली से खाद खेतों में डालते हैं।
कनीना के किसान अजीत सिंह, योगेश कुमार, रोहित कुमार ने बताया कि रबी फसल पैदावार लेने के तुरंत बाद किसान अपनी खरीफ फसल में लग जाता है। इस दौरान बाजरा, ग्वार एवं कपास आदि उगाते हैं। किसानों ने बताया कि खरीफ फसल पूर्णरूप से बारिश पर आश्रित है। बारिश होने पर बीजाई कर देते हैं।
किसान पशु पालक होने के कारण पशुओं के गोबर से खाद बनाते हैं या फिर गोबर से कंपोस्ट व केंचुआ खाद बनाकर खेतों में डालने लगे हैं। किसान मेहनती है और गर्मी में भी खेतों में खाद डाल रहे हैं।
फोटो कैप्शन 10: किसान खेत में खाद डालते हुए।
पुस्तक दिवस 23 अप्रैल
-पुस्तक पढऩे के प्रति घट गया है रुझान -बड़े-बड़े लेखक और कवि भी परेशान
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कनीना की आवाज। यूं तो एक जमाना था जब पुस्तक पढऩे का शौक सिर चढ़कर बोलता था। उस जमाने में महज एक रेडियो जरूर होता था वो भी पूरे गांव में इक्का दुक्का। टीवी, मोबाइल आदि चलन में नहीं थे। पुस्तकें ही ज्ञान का एकमात्र स्रोत थी। उस जमाने में पुस्तक जमकर पढ़ी जाती थी। दिन-रात पुस्तकें पढ़ते रहते थे और पुस्तक ही अमिट ज्ञान का स्रोत मानी जाती थी। यहां तक कि लंबे समय तक पुस्तक पढ़ते थे तो उसे किताबी कीड़ा कहा जाता था परंतु जब से टीवी और टीवी के बाद मोबाइल आया है तब से पुस्तकों के प्रति लगाव घटता ही जा रहा है। आज के युग में पुस्तकों के प्रति कोई मोह नहीं रखते। चाहे सरकारी स्कूलों में कक्षा एक से आठ तक के विद्यार्थियों को मुफ्त पुस्तकें भी मिलती है किंतु उनका लगाव कम मिलता है। पुस्तकों के प्रति कम लगाव का कारण मोबाइल है।
विद्यार्थी रमेश, दिनेश, सुनील आदि ने बताया कि अधिकांश समय कोई भी समस्या सामने आती है उसका हल मोबाइल से ढूंढते हैं, पुस्तकों में ढूंढना कठिन कार्य है। ऐसे में पुस्तक पढऩा दुर्लभ सी बात बन गई है। पुस्तक की बजाय मोबाइल आदि का वजन कम होने से वे जेब में रखते हैं। कहीं भी कोई बात समझ नहीं आई तो मोबाइल से देख लेते हैं।
उधर राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह बताते हैं कि एक युग था जब वे गर्मियों के दिनों में चारपाई पर लेट कर कामिक्स पढ़ा करते थे। जब समय लगता फिल्मी गानों की किताबें भी पढ़ते थे, पढ़ाई की पुस्तकें भी पढ़ते थे। पुस्तकों के प्रति लगाव था दूर-दराज तक पुस्तक विक्रेताओं के पास लंबी कतार खरीदने वालों की लगती थी। भारी संख्या में किताबें रखते थे परंतु अब किताबों के प्रति उनका कोई समय नहीं रहा है। अब तो रेडियो, टीवी और मोबाइल से सारा ज्ञान प्राप्त करते हैं।
उधर पुस्तक विक्रेता सुरेश कुमार, मदन कुमार दिनेश कुमार आदि ने बताया कि अब पुस्तकों की बिक्री घट गई है। एक जमाना था जब पुस्तकें अधिक बिकती थी, अब पुस्तकों के प्रति लगाव कम हो गया है। यही कारण है कि पुस्तकें नहीं बिकती है। उधर विभिन्न पुस्तकें लिखने वाले भी आज के दिन परेशान है।
प्रसिद्ध लेखक राधेश्याम गोमला ने बताया कि वह जमाना गुजर गया है जब पुस्तकों के प्रति कोई होता था। अब लगाव नहीं बचा है। कितनी ही बेहतर पुस्तकें लिख डालो किंतु लोग उसे कबाड़ में बेच देते हैं। लोग उन्हें पढ़ते नहीं।
उन्होंने कहा कि लेखक और कवि कितनी मेहनत से पुस्तक तैयार करते हैं किंतु जब उनकी पुस्तकों के प्रति लगाव नहीं होता तो उनका मन भी टूट जाता है और उनकी इच्छा होती पुस्तके तैयार करने की नहीं रहती है। अब वह वक्त आ चुका है जब पुस्तकों के चाहने वाले घटते जा रहे हैं। भविष्य में हालात क्या होगी, भविष्य के गर्भ में छुपा है।
अज्ञात गाड़ी ने मारी टक्कर, तीन घायल अस्पताल में भर्ती
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव पड़तल के बस स्टैंड पर तीन युवक खड़े हुए थे। तभी अटेली से कनीना की ओर तेज रफ्तार से गाड़ी आई और तीनों को टक्कर मार कर चली गई। जिसके चलते सुनील पड़तल, अमरीत पड़तल तथा नवीन बोचडिय़ा घायल हो गए। घायलों को विभिन्न अस्पतालों में पहुंचाया गया।
खरीद के 12वें दिन तीन हुई 609 क्विंटल गेहूं की खरीद
संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना अनाज मंडी में गेहूं की खरीद जारी है। पुरानी अनाज मंडी में गेहूं खरीद 2125 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से खरीदा जा रहा है। विस्तृत जानकारी देते हैं वेयरहाउस की मैनेजर आनंद यादव ने बताया कि 609 क्विंटल गेहूं खरीदा गया है और अब तक कुल 10742 क्विंटल गेहूं खरीदा गया है। गेहूं की आवक धीमी है किंतु सरसों की आवक तेज रफ्तार से हो रही है। शनिवार को करीब 5000 क्विंटल सरसों नई अनाज मंडी में खरीदी गई।
आमने सामने से दो ट्रक टकराये,एक ट्रक सड़क पर गिरा, सड़क रही 6 घंटे जाम
-घटना रात की
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कनीना की आवाज। शनिवार जल्दी सुबह कनीना-रेवाड़ी मार्ग पर पेयजल सप्लाई के पास आमने सामने से दो ट्रक भीड़ गए। टक्कर के बाद तूड़ी से भरा ट्रक सड़क के बीचों बीच इस प्रकार लुढ़क गया कि आवागमन ही बाधित हो गया जबकि दूसरा ट्रक सड़क के किनारे पर जाकर खड़ा हो गया। देखते ही देखते दोनों तरफ 3 किलोमीटर से भी लंबा जाम लगा है। एक ओर जहां भडफ़ बस स्टैंड वहीं दूसरी तरफ कनीना-रेवाड़ी-नाहड़ टी-प्वाइंट तक ट्रकों का लंबा जाम लग गया। छोटे वाहन चालक इधर उधर से अप्रोच मार्ग ढूंढते फिरते रहे। क्रेन बुलाई गई किंतु क्रेन से भी समस्या हल नहीं हुई तो ट्रक की तूड़ी दूसरे वाहन में लाद कर दूर ले जाया गया। तत्पश्चात दोपहर करीब 12 बजे ट्रक को खाली करके खड़ा किया और आवागमन फिर से सुचारू हो पाया। पुलिस एवं क्रेन लंबे समय तक खड़ी रही तथा समस्या का समाधान ढूंढने में लगी रही। एंबुलेंस एवं वाहन चालकों को भी इंतजार करना पड़ा। यद्यपि यह सड़क मार्ग अति चौड़ा मार्ग है किंतु सड़क पर इस प्रकार ट्रक लुढ़क गया कि आवागमन के लिए महज दुपहिया वाहन गुजर सकते थे। अगर दिन का समय होता तो बड़ी दुर्घटना भी घट सकती थी। क्योंकि सुबह सवेरे सड़क पर इक्का-दुक्का वाहन ही चल रहे थे। ऐसे में बड़ी अनहोनी से बच गए क्योंकि इस सड़क मार्ग पर अनेक संस्थान लगते हैं। जहां ट्रकों की लंबी कतार लग जाने से स्कूलों की बसों का आवागमन बाधित रहा। लोग इक_े होकर तमाशबीन बने तमाशा देखते रहे। इस दुर्घटना में ट्रक चालक राहुल घायल हो गया जिसे कनीना अस्पताल में भर्ती कराया गया ।
फोटो 7 व 8: सड़क के बीचोंबीच पड़ा ट्राला
तथा लगी लंबी कतार।
महेंन्द्रगढ नहर की पानी वितरण व्यवस्था से छेड़-छाड़ दुर्भाग्यपूर्ण- राजकुमार यादव
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कनीना की आवाज। ब्लाक समिति चेयरपर्सन अन्जू यादव व महेंन्द्रगढ स्वाभिमान संघ के ग्रामीण प्रभारी राजकुमार यादव ने एक ब्यान जारी कर कहा कि महेंद्रगढ़ जिला कई पीढिय़ों से सूखे एवं पानी के अभाव में दंश झेलता रहा हैं । वर्तमान में जिले का प्रमुख व्यवसाय कृषि पूर्ण रूप से नहरी पानी पर निर्भर है। एक क्षेत्र के हितों की कुर्बानी देकर दूसरे क्षेत्र को पोषित करने का काम लोकतंत्र में स्वीकार्य नहीं हो सकता। फिर भी एक राजनैतिक षड्यंत्र के तहत जिले की नहरी जल व्यवस्था के साथ छेड़-छाड़ की जा रही है, जिसके परिणामस्वरूप महेंन्द्रगढ कनाल के अधिकृत कमांड एरिया से बाहर पानी ले जाने की साजिश रची जा रही है। जिससे लोहारू फीडर की टेल पर पडऩे वाले क्षेत्र को सतनाली फीडर से सीधे पानी देने का सुनियोजित प्रयास किया जा रहा है। इससे न केवल सतनाली फीडर के टेल पर पडऩे वाले क्षेत्र में जल संकट गहराएगा अपितु महेंन्द्रगढ कनाल की समस्त जल व्यवस्था ही अस्त- व्यस्त हो जाएगी। क्षेत्र के किसानों के साथ- साथ आमजन में भी इस दुर्भाग्यपूर्ण योजना को लेकर आक्रोश है जो आने वाले समय में एक जनांदोलन का रूप ले सकता है । वर्तमान सांसद और सत्तासीन पार्टी को इस योजना से आगामी चुनावों में भारी नुकसान पहुंचा सकता है।
मकान में तुड़ी डालने को लेकर हुए लड़ाई झगड़े में दो घायल
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कनीना की आवाज। उप-मंडल के गांव बाघोत में तूड़ी डालने को लेकर दो पक्षों में लड़ाई-झगड़ा हो गया।एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के चार नामजद व तीन चार अन्य के खिलाफ कनीना पुलिस में दी शिकायत। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत किया मामला दर्ज जांच शुरू। पुलिस थाना में दी शिकायत में बाघोत निवासी उमेद ने बताया कि 17 अप्रैल सुबह लगभग 2:30 से 3 बजे के बीच भीम सिंह, दीपक, राहुल, बबली एवं तीन चार अन्य लोग थे जिसे वह पहचानता नहीं। यह सभी तूड़ी का ट्रैक्टर लेकर आए और भीम सिंह के भाई भूप सिंह की पत्नी से जो घर मैंने खरीद रखा था उसमें तुड़ा डालने लगे।
आवाज सुनकर वह उठकर आया तो उसने यह देखकर कहा चाचा क्या कर रहे हो, मेरे मकान में तुड़ा क्यों डाल रहे हो वह भीम सिंह से बात कर रहा था तभी दीपक ने मेरे सिर में रापड़ी (गंडासी) मारी मेरा पूरा परिवार खेत में गेहूं निकलवाने के लिए गए हुए थे। लेकिन उसी समय मेरा लड़का राहुल खेत में से आ गया और वह मेरी आवाज सुनकर भाग कर आया। वहां आते ही डंपर के पीछे राहुल खड़ा हुआ था। उसने मेरे लड़के के सिर पर गंडासी मारी और मेरा लड़का बेहोश होकर गिर गया। मेरे लड़के के ऊपर बबली गिर गई और भीम सिंह लाठी मेरे लड़के राहुल को मार रहा था वह बबली के सिर में लगी।
जब बबली को राहुल ने उठाया तो बबली का सिर डंपर से लग गया और चारों जल्दी से उठकर दो मोटरसाईकिल पर बैठ कर भाग गए। ये चारों मेरे लड़के को मरा हुआ समझकर भाग गए। रास्ते में नरेश की दुकान के पास मेरे भाई का लड़का कैलाश मिल गया। उन्होंने कैलाश के सिर में गंडासी मारने की कोशिश की जो उसने हाथो पर ओटी। इनको ये भी पता था कि सारा परिवार खेत में गया हुआ था। यहां अकेला उमेद ही घर पर है। मेरा भाई ने मुझे व मेरे लड़के को अस्पताल में पहुंचाया। डॉक्टरों ने मेरे लड़की की चोट को देखते हुए उसे पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। आरोपी धारदार हथियार से जान से मारना चाहते थे, उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाए।
फसल कढ़ाई के व्यस्त शेड्यूल के बीच 41वें दिन भी जारी रहा धरना
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कनीना की आवाज। 152-डी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेहलंग-बाघोत गांव के बीच कट बनवाने के लिए 41वें दिन सतपाल चेयरमैन पोता की अध्यक्षता में धरना जारी रहा।
आज 41वें दिन 40 गावों की संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन नौताना ने बताया कि फसल कढ़ाई के व्यस्त शेड्यूल के बीच भी 41 दिन से ग्रामीण शांति पूर्वक धरना दे रहे है क्योंकि आज धरना का 41वां दिन है और सभी ग्रामीण अपनी मांग मनवाने के लिए बैठे हुए है और सरकार ने आश्वासन दिया हुआ है, उसका इंतजार कर रहे है। इस कट के बनने से यह पिछड़ा हुआ इलाका राजधानी चंडीगढ़ और राज्य के बाकी इलाकों से जुड़ जाएगा और इलाके का पिछड़ेपन दूर हो जाएगा क्योंकि यहां के लोग मेहनती है । यहां लोकल इकोनामी खुलने से यहां के युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। सरकार को भली भांति पता है कि 152-डी से झाड़ली प्लांट प्लांट की दूरी महज 8 किलोमीटर है और इसके पास 13 सीमेंट कंपनी है जिनका देश के साथ व्यापार करने का यही एकमात्र रास्ता है।
केंद्रीय विश्वविद्यालय भी यहां से महज 8 किलोमीटर है और केंद्रीय विश्वविद्यालय की दूरी मात्र 10 किलोमीटर है ।
इस मौके पर सैकड़ों गावों के गणमान्य लोग व विजय सिंह चेयरमैन नौताना, राज सिंह पूर्व पार्षद नौताना,महावीर पहलवान बाघोत,रणधीर पहलवान बाघोत,रवि प्रधान सेहलंग, डा. धर्मेंद्र धनखड़ सेहलंग,प्रकाश आर्य, योगेश आर्य, हरिओम यादव पोता, रामसिंह पोता, सूबेदार सुखबीर सिंह छितरोली, नरेंद्र शास्त्री छितरोली,सत्यवीर महाशय, सूबेदार लक्ष्मण बाघोत, मास्टर राज सिंह सेहलंग, सुरेश सरपंच झाड़ली, कैलाश पंच सेहलंग , अहमद खान खेड़ी व सभी गावो के सरपंच ,पंच,पूर्व सरपंच व पंच, वर्तमान व पूर्व बीडीसी सदस्य, वार्ड नंबर 6 पार्षद पूजा गुर्जर व आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 09: धरने पर बैठे लोग।
प्रकृति के बिना मानव जीवन की कल्पना करना बेमानी.. डॉ सी एस वर्मा
-गांव गुजरवास में विश्व पृथ्वी दिवस पर पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम का आयोजन
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कनीना की आवाज। मदर्स लैप प्ले स्कूल गुजरवास में विश्व पृथ्वी दिवस पर प्राचार्य अरुणा भारती की अध्यक्षता में पर्यावरण संरक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया । कार्यक्रम में रेड क्रॉस जेआरसी ब्लॉक कोऑर्डिनेटर डॉ सी एस वर्मा एवं पर्यावरण मित्र जगवीर चौहान गुरुग्राम ने विशिष्ट अतिथि के रूप में शिरकत की । कार्यक्रम के अंतर्गत नन्हे मुन्नों ने वृक्षारोपण तथा मनमोहक प्रस्तुतियों के माध्यम से पर्यावरण संरक्षण का संदेश दिया । जीवन में पर्यावरण के महत्व पर प्रकाश डालते हुए जेआरसी कोऑर्डिनेटर ने कहा कि हरे भरे पेड़ पौधे पर्यावरण एवं हमारे जीवन के अभिन्न अंग हैं और प्रकृति के बिना मानव जीवन की कल्पना भी नहीं की जा सकती । इसलिए हमें जल, थल, वायु,अग्नि और आकाश को सहेज कर रखना चाहिए । पर्यावरण मित्र जगवीर चौहान ने कहा धरती हमारी मां है जिसकी पवित्र धूलि में खेल कूद कर हम पलते हैं । इसलिए धरती मां की सेवा और सुरक्षा करना हमारा नैतिक कर्तव्य है । प्राचार्य अरुणा भारती ने बच्चों के साथ वृक्षारोपण करते हुए उनको पेड़ों के लाभ बताए और अधिक से अधिक पेड़ लगाने के लिए प्रेरित किया । कार्यक्रम में देवांश, लक्की, मनुज, श्रेया, आयुष, प्रेरणा, यशमीत, सानवी, हितांशी,कियान, कृतिका, अनुभव, सिया, पूर्वी तथा तनुज आदि नन्हे मुन्नों ने 'एक नन्हा बीज जमीं के अंदर', प्लास्टिक टिक न पाए रेइत्यादि गीतों के माध्यम से धरती मां तथा पर्यावरण संरक्षण का पावन संदेश दिया । इस अवसर पर सपना यादव,उषा कौशिक, अनिता यादव, प्रियंका, रीना कुमारी, ममता कुमारी , दीपक कौशिक व जयवीर चौहान सहित समस्त स्टाफ भी मौजूद रहा।
फोटो कैप्शन 6: अव्वल रहे विद्यार्थियों को पुरस्कृत करते शिक्षक।
धनौंदा में मनाया पृथ्वी दिवस
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कनीना की आवाज। सीनियर सेकेंडरी स्कूल, धनौन्दा में विश्व पृथ्वी दिवस पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें कुल 43 विद्यार्थियों ने भाग लिया। प्रतिभागी विद्यार्थियों ने विभिन्न विषयों पर शानदार भाषण प्रस्तुत करके अपने वक्तृत्व कला का नायाब नमूना पेश किया। प्रतियोगिता का आयोजन तीन स्तरों पर किया गया। प्राइमरी वर्ग में कक्षा प्रथम से चौथी कक्षा तक के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया, जिसमें चौथी कक्षा के छात्र अमित ने प्रथम, चौथी कक्षा की छात्रा हिमांशी, तीसरी कक्षा की छात्रा दिपांशी व पहली कक्षा के छात्र लक्ष्य ने दूसरा तथा तीसरी कक्षा के छात्र लक्ष्य एवं दूसरी कक्षा के छात्र कार्तिक ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त किया। मिडिल वर्ग में पांचवीं से आठवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों ने भाग लिया, जिसमें कक्षा सातवीं के दो छात्रों मयंक व ईशु ने प्रथम, कक्षा पांचवी के छात्र गौरव ने द्वितीय तथा आठवीं कक्षा की छात्राओं कनिका और दिव्या ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त किया। सीनियर वर्ग में कक्षा नौवीं से बारहवीं कक्षा तक के विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया, जिनमें नौवीं कक्षा के छात्र यशवंत तथा दसवीं की छात्रा भारती ने पहला, दसवीं की छात्रा वंशिका ने दूसरा तथा बारहवीं कक्षा की छात्रा नैना व दसवीं के छात्र मयंक ने संयुक्त रूप से तीसरा स्थान प्राप्त किया। मंच संचालन रसायन विज्ञान के प्रवक्ता मनजीत गौड़ ने किया। प्रतियोगिता में निर्णायक मंडल की भूमिका वरिष्ठ प्रवक्ता सतीश कुमार, प्रहलाद सिंह तथा नवीन जांगड़ा ने निभाई। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए वरिष्ठ प्रवक्ता आशुतोष शास्त्री, मुकेश यादव, राम शर्मा, नरेंद्र कौशिक ने पृथ्वी दिवस और धरती माता के उपकारों के बारे में बच्चों को बताया तथा उन्हें पृथ्वी, प्रकृति और पर्यावरण के संरक्षण की शपथ दिलाई। कार्यक्रम के अंत में विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कृत भी किया गया। इस अवसर पर रेनू यादव, शन्नो देवी, रिंकू, प्रवीण शर्मा, सतेंद्र सिंह, रवीना, मीनाक्षी, पूजा, सुभाष चंद यादव सहित विद्यालय के सभी स्टाफ सदस्य एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 02: पृथ्वी दिवस पर आयोजित भाषण प्रतियोगिता में अपने विचार रखते विद्यार्थी।
आरआरसीएम में सुलेख प्रतियोगिता आयोजित
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कनीना की आवाज। आरआरसीएम. पब्लिक स्कूल, कनीना में आज हिंदी सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमे कक्षा तीसरी से आठवीं तक के विद्यार्थियों ने उत्साह पूर्वक भाग लिया और अपने लेखन कौशल का प्रदर्शन किया गौरतलब है कि इस प्रतियोगिता में कक्षा तीसरी से छात्रा रक्षा ने प्रथम, समीक्षा ने दूसरा व हर्षित व हिमांशी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा चौथी में दिशु ने प्रथम, हार्दिक व निधि ने दूसरा तथा महक ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा पांचवीं में नव्या ने प्रथम, जिया ने दूसरा तथा यशवी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। कक्षा छठी में निशांत ने प्रथम, मुस्कान ने दूसरा व ख़ुशी ने तीसरा स्थान प्राप्त किया7 कक्षा सातवीं में यश ने प्रथम, गरिमा ने दूसरा और अनुज ने तीसरा स्थान प्राप्त किया7 कक्षा आठवीं में तनु ने प्रथम, नेहा ने दूसरा व सपना ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर आर.आर.सी.एम. शिक्षण संस्थान समूह के चेयरमैन रोशन लाल यादव ने बताया कि सुलेख प्रतियोगिता से विद्यार्थियों में सृजनात्मक लेखन की दक्षता का विकास होता है तथा वे भाषा लेखन में निपुण हो जाते है इसलिए समय-समय पर विद्यालयो में सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन होना चाहिए।
इस अवसर पर संस्था के प्राचार्य हरिप्रकाश ने बताया कि सुलेख प्रतियोगिता के द्वारा विद्यार्थियों में लेखन कौशल के प्रति रुचि उत्पन्न की जा सकती है जिससे उनका अधिगम स्तर उच्च हो जाता है और उनकी लेखन संबंधी अशुद्धियाँ कम हो जाती है उन्होंने सुलेख प्रतियोगिता में सफलता प्राप्त करने वाले विद्याथियों को हार्दिक बधाई व शुभकामनाये प्रदान की।
फोटो कैप्शन 3: स्कूल में अव्वल विद्यार्थियों को पुरस्कृत करते शिक्षक।
एसडी स्कूल में मनाया पृथ्वी दिवस
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कनीना की आवाज। एसडी सीनियर सेकेंडरी स्कूल, ककराला में विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर विभित्र कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें भाषण प्रतियोगिता कोलाज मेकिंग व पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताओं से बच्चों ने पृथ्वी बचाओ व जीवन बचाओ का संदेश दिया। विद्यालय के चेयरमैन जगदेव यादव ने बताया कि आज जिस तरह से प्रकृति का दोहन हो रहा है उससे वैश्विक स्तर पर हमारे भविष्य के लिए चिंता होना स्वाभाविक है। मानव जीवन की सुरक्षा के लिए पृथ्वी पर बढऩे वाले प्रदूषण को रोकने की आवश्यकता है। लगातार पेड़ों के काटे जाने से जंगल कम हो रहे हैं जिसके कारण पृथ्वी का संतुलन दिन प्रतिदिन बिगड़ रहा है बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग पूरी दूनिया के लिए चिन्ता का विषय है, विद्यालय के चेयनमैन द्वारा सभी विद्यार्थियों को पर्यावरण को सुरक्षित रखने व पृथ्वी को स्वच्छ बनाने के लिए प्रेरित किया गया।
स्कूल के प्रधानाचार्य योगेश शर्मा ने बताया कि 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्थन प्रदर्शित करने के लिए विश्व पृथ्वी दिवस का आयोजन किया जाता है। बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके कर्तव्य की जानकारी का होना अति अएस. डी. सीनियर सेकेंडरी स्कूल, ककराला में विश्व पृथ्वी दिवस के अवसर पर विभित्र कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें भाषण प्रतियोगिता कोलाज मेकिंग व पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिताओं से बच्चों ने पृथ्वी बचाओ व जीवन बचाओ का संदेश दिया। विद्यालय के चेयरमैन जगदेव यादव ने बताया कि आज जिस तरह से प्रकृति का दोहन हो रहा है उससे वैश्विक स्तर पर हमारे भविष्य के लिए चिंता होना स्वाभाविक है। मानव जीवन की सुरक्षा के लिए पृथ्वी पर बढऩे वाले प्रदूषण को रोकने की आवश्यकता है। लगातार पेड़ों के काटे जाने से जंगल कम हो रहे हैं जिसके कारण पृथ्वी का संतुलन दिन प्रतिदिन बिगड़ रहा है बढ़ती ग्लोबल वार्मिंग पूरी दूनिया के लिए चिन्ता का विषय है, विद्यालय के चेयनमैन द्वारा सभी विद्यार्थियों को पर्यावरण को सुरक्षित रखने व पृथ्वी को स्वच्छ बनाने के लिए प्रेरित किया गया।
स्कूल के प्रधानाचार्य योगेश शर्मा ने बताया कि 22 अप्रैल को दुनिया भर में पर्यावरण संरक्षण के लिए समर्थन प्रदर्शित करने के लिए विश्व पृथ्वी दिवस का आयोजन किया जाता है। बच्चों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति उनके कर्तव्य की जानकारी का होना अति आवश्यक है। संदर्भ विषय में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन पर्यावरण के प्रति जागरुकता का द्योतक है। इस अवसर पर समस्त स्टॅाफ सदस्य उपस्थित रहे।
ावश्यक है। संदर्भ विषय में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन पर्यावरण के प्रति जागरूकता का द्योतक है। इस अवसर पर समस्त स्टॅाफ सदस्य उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 5: एसडी स्कूल में पृथ्वी दिवस पर कार्यक्रम आयोजित करते विद्यार्थी।
गुढ़ा में टावर की 49 बैटरी चोरी
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव गुढ़ा में टावर की 49 बैटरी रातोंरात अज्ञात चोर चोरी कर ले गए। जितेंद्र सिक्योरिटी सुपरवाइजर ने मामला दर्ज करवाया है। उन्होंने कहा कि वह बी फार एस कंपनी में सिक्योरिटी सुपरवाइजर है। कंपनी का एक टावर गुढ़ा में लगा हुआ है जिसकी बैटरी रातोंरात अज्ञात चोर चोरी कर ले गए। कनीना पुलिस ने अज्ञात चोरों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
अक्षय तृतीय का पर्व मनाया, हवन आयोजित
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कनीना की आवाज। अक्षय तृतीया पर कनीना मोलडऩाथ ग्राउंड में गौड़ सभा कनीना द्वारा भगवान परशुराम की जयंती मनाई। इस अवसर पर हवन यज्ञ किया जिसमें सुरेश शर्मा कनीना मंडी व उनकी पत्नी यजमान रहे।
प्रधान डा. रवि ने सभी देशवासियों के लिए अमन शांति की प्र्रार्थना की तथा देश के उन्नति करने की कामना की। इस मौके पर संस्थापक सदस्य कवंर सैन वशिष्ठ ने अक्षय तृतीया के बारे में बताया कि हिंदू पंचांग की तिथि कम अधिक हो सकती हैं परंतु अक्षय तृतीया तिथि न घटती और न बढ़ती है। भगवान परशुराम की जन्म से जुड़ी होने के कारण अक्षय है। भगवान परशुराम ने अपने जीवन की सनातन परंपरा में जिये , जिसको भगवान राम ने आगे बढ़ाया। आज देश में बहुत कम लोग हैं। जो सनातन धर्म के जानकार हैं। समय आ गया है कि देश को सनातन धर्म के आदेशों को सख्ती से लागू किया जाए।
हवन को विकास जोशी पोता , तुलाराम जोशी झाड़ली ,ललित शर्मा शाना, प्रेम पोता, नित्यानंद जोशी नौताना ने पूर्ण कार्य किया तथा आहुति के मंत्र पढ़कर उपस्थित जनों ने आहुति डाली व आरती करके हवन को संपन्न करवाया।
इस मौके पर सुरेश वशिष्ठ, लाल सिंह जोशी पोता, सुरेंद्र पूर्व गार्ड, सीताराम त्रिपाठी, राजेंद्र प्रसाद कौशिक,मनोज एडवोकेट ,सुरेश वशिष्ट ,राधेश्याम झाड़ली, पंकज हिंदू खेड़ी जय श्री राम मुकेश शर्मा राता,पूर्व प्रधान कुलदीप एडवोकेट, राधेश्याम सरपंच, झाड़ली नित्यानंद ,राजीव नौताना, मोहित झाड़ली, शिवकुमार शर्मा खेड़ी, कृष्ण धनौदा ,दीपक सुरेश अत्री बाघोत ,कैलाश चंद्र महन्त ,मा. प्रदीप शर्मा कनीना, रत्न मास्टर, प्रेम पोता,दीपक पोमी कनीना व सैकड़ों की संख्या में लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 01: अक्षय तृतीय पर हवन करते हुए।
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Saturday, April 22, 2023
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