हर गली मोहल्ले में शुरू हो गई पालिका चुनावों की चर्चाएं
-प्रधान पद-एक अनार सौ बीमार
-धीरे -धीरे सामने आने लगे हैं भावी प्रत्याशी
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कनीना की आवाज। अभी भी कनीना नगर पालिका का कार्यकाल एक माह के करीब है किंतु चुनाव की आहट सुनाई देने लगी है। जब से नगर पालिका के मतदाता सूचियों का पुन: निरीक्षण का कार्य शुरू हुआ है तब से चुनाव के लिए भारी संख्या में युवा और बुजुर्ग अपनी अपनी दावेदारी जताने लगे हैं। बहुत से लोग चुनाव नहीं लडऩा चाहते किंतु चुनाव लड़ाने में मदद करने की बात कहने लगे हैं। वही चुनाव लडऩे वाले दावेदारों की लंबी शृंखला बन गई है। अभी तक पार्षद के चुनाव के लिए महेश बोहरा दावेदारी जता रहे हैं। महेश बोहरा अपने पिता स्व.सत्यवीर बोहरा जो पहले कनीना पालिका के पार्षद रह चुके हैं, के पद चिन्हों पर चलते हुए इस चुनाव में भाग लेना चाहता है और पार्षद पद के लिए ही नामांकन की दावेदारी करेंगे। उनकी इच्छा केवल पार्षद ही बनने की है। उधर वार्ड चार से योगेश कुमार भी पार्षद के चुनाव लडऩे के लिए तैयार हैं। वार्ड एक से विजय चेयरमैन संचालक बेगराज मैरिज पैलेस भी वार्ड एक से पार्षद के चुनाव लड़ेंगे। उन्होंने भेंटवार्ता में कहा कि बहन बेटियों की जमीन तक हड़पने वालों का साथ नहीं देंगे अपितु साफ छवि एवं ईमानदार को प्रधान बनाने का सपना है।
लेकिन सबसे अधिक दावेदारी अभी से ही चेयरमैन पद के लिए करने लगे हैं। क्योंकि विगत योजनाओं में चेयरमैन का चुनाव सभी पार्षद मिलकर करते रहे हैं। कनीना नगर पालिका के तहत 13 पार्षद चुने जाते रहे हैं जबकि दो पार्षद अब तक मनोनीत होकर आए थे। जिसके चलते प्रधान पद हथियाना तलवार की धार के समान हो गया था। परंतु भावी योजना में चेयरमैन पद का चुनाव डायरेक्ट होगा। कहने का अर्थ है कि एक वोटिंग मशीन/मतदाता पेटी चेयरमैन पद के लिए होगी वहीं दूसरी वार्ड मेम्बर के लिए होगी। जिसके चलते इस बार चेयरमैन पद के लिए अधिक लोग तैयारी में जुटे हुए हैं। जिस किसी को भी देखे वही चेयरमैन पद की दावेदारी जता रहा है।
कनीना के वर्तमान चेयरमैन सतीश जेलदार ने पहले ही घोषणा कर दी है कि उनका पुत्र प्रीतम जोनू चेयरमैन पद के चुनाव लड़ेंगे। और सतीश जेलदार स्वास्थ्य के कारणों के चलते आराम करेंगे।
उधर पूर्व प्रधान मा. दिलीप सिंह प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं या फिर उनका पुत्र चुनाव में खड़े होंगे और वो भी प्रधान पद के लिए ही दावेदारी जताएंगे। पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा भी चुनाव में खड़े होंगे वो भी वोटरों का मन डोल रहे हैं।
युवा पीढ़ी पर नजर डाले तो पता चलता है कनीना के एडवोकेट विनय यादव, एडवोकेट पंकज यादव, वर्तमान में उप प्रधान पद पर आसीन अशोक ठेकेदार, सतपाल साहब, मनीष पार्षद, मनोज कुमार इस बार पालिका चुनाव में प्रधान पद की दावेदारी करेंगे। इन सभी से इस संवाददाता की बात हुई, सभी ने स्वीकार किया कि वे चुनाव जरूर लड़ेंगे। कम से कम एक दर्जन युवा अभी अधर में है अर्थात उनका कहना है कि यदि लोगों ने चाहा तो वे चुनाव लड़ेंगे वरना वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। कनीना के प्रमुख समाजसेवी भगत सिंह और बलवान सिंह चुनाव नहीं लड़ेंगे अपितु वे चुनाव लडऩे वालों की मदद करेंगे। भगत सिंह का कहना है कि वो भ्रष्ट लोगों को आगे आने से रोकने वालों का साथ देंगे। उधर पार्षद राजेंद्र सिंह का भी कहना है कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे किंतु वोटर कहेंगे तो वे चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसे में लगता है कनीना पालिका चेयरमैन का पद एक अनार सौ बीमार जैसी कहावत पर चलेगा। अभी धीरे धीरे लोग मन बना रहे हैं और चुनाव लडऩे की तैयारियों में जुट रहे हैं। धीरे-धीरे युवा पीढ़ी उभर कर सामने आ रही है और चुनाव लडऩे की बात कह रही है।
उल्लेखनीय है कि लंबे समय से कनीना कस्बे में विभिन्न उत्सव एवं पर्वों पर अपने बोर्ड और बैनर लगवा कर अपनी दावेदारी जताते आ रहे हैं, ऐसे अनेकों युवा हैं जो चुनाव लडऩे की पहले ही बोर्ड एवं बैनर से इच्छा जाहिर कर चुके हैं।
अब देखा जाना है कि चुनाव कब तक होगा? जानकारों का मानना है कि चुनावों में करीब छह माह लग सकते हैं। परंतु सबसे बड़ा मुद्दा कनीना पालिका प्रधान पद की कैटेगरी का है? यही अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह महिला या पुरुष के लिए आरक्षित होगा और कि कैटेगरी के लिए आरक्षित होगा? जब अंतिम निर्णय हो जाएगा कि प्रधान पद कौन लड़ सकता है, तभी लोग चुनाव में आगे आएंगे। अभी तो लंबी शृंखला चुनाव लडऩे वालों की बनने की संभावना है।
भाजपा नेताओं का जिस किसी के सिर पर होगा वो प्रत्याशी अपना प्रभाव अधिक दिखा सकता है। कनीना के तीन प्रभावी व्यक्तित्व इस वक्त केंद्रीय मंत्री, विधायक आदि से आशीर्वाद पाने और उनके आशीर्वाद से टिकट पाने की बात कर रहे हैं। वक्त बताएगा कि सत्तारूढ़ पार्टी का इन चुनावों पर कोई असर होगा या नहीं।
152-डी पर जल्द से जल्द कट का निर्माण कार्य हो शुरू-राव नरेंद्र
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कनीना की आवाज। आरएस वाटिका में बुधवार को पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राव नरेन्द्र ने प्रेस वार्ता करके क्षेत्र की जर्जर सड़कों को ठीक किए जाने व 152-डी पर जल्द से जल्द कट का निर्माण कार्य शुरू किए जाने की मांग की है। इस मौके पर पूर्व स्वास्थ्य मंत्री राव नरेन्द्र ने कहा कि क्षेत्र के सड़कों के हालात काफी जर्जर है। इसकी वजह से जहां वाहन चालको को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं जर्जर सड़क मार्ग की वजह से अनेक दुपहिया वाहन चालक हादसों का शिकार हो रहे है। उन्होंने प्रशासन व प्रदेश सरकार से मांग करते हुए जल्द से जल्द क्षेत्र के सड़क मार्गों को सही करवाने की मांग की। इस दौरान उन्होंने सेहलंग-बाघोत के बीच में कट की मांग को लेकर ग्रामीणों द्वारा दिए जा रहे धरने को जायज बताते हुए सरकार से तुरंत प्रभाव से इस ओर भी ठोस कदम उठाने की मांग की। उन्होंने कहा कि ग्रामीणा पिछले एक माह से कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे हुए है। लेकिन अभी तक सरकार व संबंधित विभाग के द्वारा कट का निर्माण कार्य शुरू नहीं करवाया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के प्रतिनिधियों के द्वारा लोगों को कट को लेकर आश्वासन ही दिया जा रहा है। धरातल पर कोई कार्य नहीं हो रहा है। उन्होंने केन्द्र व प्रदेश सरकार से मांग कर जल्द से जल्द सेहलंग-बाघोत के पास कट का निर्माण कार्य शुरू करवाने की मांग की गई है ताकि लोगों को इसका लाभ मिल सके। इस दौरान उनके साथ कई कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 09: राव नरेंद्र सिंह आरएस वाटिका में बैठक करते हुए।
खरीद के तीसरे दिन तक 808 क्विंटल सरसों खरीदी
-गेहूं की तीन दिनों में हुई 2652 क्विंटल खरीद
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कनीना की आवाज। कनीना की चेलावास स्थित नई अनाज मंडी में खरीद के तीसरे दिन 400 क्विंटल सरसों खरीदी गई। हैफेड खरीद एजेंसी की ओर से 5450 रुपये प्रति क्विंटल की दर से सरसों की खरीद जारी है। हैफेड मैनेजर संजीव कुमार ने बताया कि 3 दिनों से सरसों की खरीद नई अनाज मंडी में जारी है। पहले दिन 71 क्विंटल सरसों खरीदी गई थी आज दूसरे दिन 337 क्विंटल सरसों किसानों से खरीदी गई है। इस प्रकार 3 दिनों में 808 क्विंटल सरसों खरीदी जा चुकी है। धीरे-धीरे किसान सरसों पैदावार अनाज मंडियों की ओर लाने लगे हैं।
3 दिनों में हुई 2652 क्विंटल गेहूं की खरीद -
कनीना अनाज मंडी में तीसरे दिन भी गेहूं की खरीद जारी रही। पुरानी अनाज मंडी में गेहूं खरीदा गया। खरीद के तीसरे दिन 1193 क्विंटल गेहूं खरीदा गया जबकि दूसरे दिन 726 क्विंटल गेहूं खरीदा गया। पहले दिन 733 क्विंटल गेंहू खरीदा गया है। मंडी में भारी मात्रा में गेहूं की आवक हो रही है।
आनंद यादव मैनेजर वेयरहाउस ने बताया कि पहले दिन 733 क्विंटल गेहूं खरीदा गया था जबकि दूसरे दिन 726 क्विंटल गेहूं खरीदा गया है। तीसरे दिन 1193 क्विंटल गेहूं खरीदा गया। इस प्रकार 3 दिनों में 2652 क्विंटल गेहूं खरीदा जा चुका है। किसान भारी मात्रा में गेहूं लेकर अनाज मंडी की ओर आ रहे हैं। ऐसे में गेहूं की आवक अधिक होने की संभावना बन गई है। विगत दिनों हुई बारिश के कारण आवक में देरी हुई है। गेहूं की खरीद वेयर हाउस कनीना के करीब 48 आढ़तियों के मार्फत कर रही है।
फोटो कैप्शन 09: कनीना मंडी में गेहूं की खरीद करते हुए।
152-डी राष्ट्रीय राजमार्ग सेहलंग-बाघोत कट के लिए धरना का 31वें दिन भी जारी
-मंत्री राव इंद्रजीत सिंह एवं सांसद ने की इस संबंध में नीतिन गडकरी से चर्चा
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कनीना की आवाज। बाघोत-सेहलंग के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर कट की मांग को लेकर धरनना 31वें दिन भी जारी रहा। भारी संख्या में लोगों ने मौके पर पहुंच समर्थन दिया। मंत्री एवं सांसद नीतिन गडकरी केंद्रीय मंत्री से मिले।
करीब 40 गांवों के लोगों का धरना 31वें दिन में प्रवेश कर गया है। 31 वे दिन की धरने की अध्यक्षता डॉ. धर्मेंद्र धनखड़ सेहलंग ने की।
डॉ.धनखड़ ने कहा कि सेहलंग बाघोत कट बहुत ही जरूरी है। उन्होंने कहा कट
बनने से कोसली , अटेली ,झज्जर ,महेंद्रगढ़ विधानसभा के 100 से अधिक ग्रामों के लोगों को फायदा होगा। सेहलंग बाघोत कट जनभावनाओं और इलाके की जरूरत को देखते हुए जल्द से जल्द शुरू करवाया जाए। क्योंकि यहां पर चार जिलों की सीमा लगती है और 4 जिलों के 60 से 70 गावों को ये कट बनने से फायदा होगा। यहां पर आइएमटी खुडाना,एनटीपीसी झाड़ली, केंद्रीय विश्वविद्यालय , बाघेश्वर धाम और 8 से 10 लाख ग्रामीणों को फायदा होगा और कट के बनने के बाद लोकल इकोनामी खुल जाएगी और हजारों युवाओं को रोजगार का अवसर मिलेगा।
इस मौके पर विजय सिंह चेयरमैन नौताना ने बताया कि हर तरफ से उनको अच्छा समर्थन मिल रहा है। चाहे सरकार के पक्ष के सांसद धर्मवीर, सीताराम विधायक, अभय सिंह आदि ने मौके पर पहंच धरने का समर्थन किया है। उधर विपक्ष के नेता राव दान सिंह, राव नरेंद्र सिंह तथा कई नेता आए हैं जिन्होंने भी उनकी मांग का समर्थन किया है। यह मांग जायज है और न केवल एक अपितु 3 जिलों के लोग यहां से लाभ उठा पाएंगे। वहीं दूसरी ओर आज महेंद्रगढ़-भिवानी के सांसद चौधरी धर्मवीर व केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने केंद्रीय सड़क एवं परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से मुलाकात की और 152डी पर कट के बारे में विस्तृत चर्चा की, इस बारे में उन्होंने बताया कि एक सप्ताह के अंदर इस पर फिजिबिलिटी रिपोर्ट तैयार कर कर मंत्रालय को देने के बारे में कहा गया है। धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि जब तक कि काम शुरू न हो जाए धरना जारी रहेगा। इस मौके पर रणधीर सिंह, रघुवीर सिंह ,रूपचंद जगदीश प्रसाद, महिपाल सिंह, गौरी शंकर, सोनू तंवर, पंकज खेड़ी, राज सिंह, लीलाराम, दलबीर सिंह चिडिय़ा, नीतिन सेहलंग,वीरपाल सरपंच स्याना, शेरू खेड़ी,नरेंद्र शास्त्री, दारा सिंह पोता,सतीश फौजी, मा विजयपाल,लीलाराम पार्षद,प्रकाशवीर पोता, कर्ण सिंह नौताना,मनोज कुमार करीरा, बिल्लू पोता,आर्यन नौताना,दीपक हिन्दू सेहलंग इत्यादि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 7: केंद्रीय मंत्री नीतिन गडकरी से कट की मांग करते राव इंद्रजीत सिंह मंत्री तथा सांसद धर्मवीर सिंह।
8: धरने पर बैठे लोग।
कनीना के सरकारी हस्पताल में नहीं काम कर रही सीबीसी मशीन
-मरीजों को हो रही है परेशानी- हरेंद्र शर्मा
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कनीना की आवाज। कनीना के उप-नागरिक अस्पताल में इलाज के नाम पर कोई सुविधा उपलब्ध नहीं है। आम आदमी पार्टी पूर्व जिला उपाध्यक्ष ने कहा कि कनीना अस्पताल में पिछले 20 दिन से सीबीसी (कंपलीट ब्लड काउंटस) की जांच करने वाली मशीन खराब पड़ी है। हीमोग्लोबिन के बाद अगर किसी टेस्ट की सबसे ज्यादा जांच करवाई जाती है तो वह सीबीसी है। लेकिन उसके बावजूद विभाग मशीन को ठीक करवाने की बजाए मरीजों की सीबीसी जांच करवाए बिना ही काम चला रहा है। टेस्ट बंद होने से फिजिशियन ने मरीजों को सलाह तक देना बंद कर दिया है। वे भी सिर्फ हीमोग्लोबिन लिख देते हैं, ताकि मरीजों को जांच के लिए बाहर न भटकना पड़ा। उसके बाद अंदाजे से लक्षणों के आधार पर ही दवाइयां लिखी जा रही हैं।
हरेंद्र शर्मा ने बताया कि यह हाल तब है जब ओपीडी में 50 प्रतिशत से ज्यादा मरीज बुखार, खांसी व जुकाम से पीडि़त पहुंच रहे हैं। इन बीमारियां का कारण सामान्य इंफेक्शन है या कुछ और इसका पता लगाने के लिए डॉक्टर सबसे पहले सीबीसी कराने की सलाह करता है। अस्पताल में आए मरीज दंपती रविंद्र ने बताया कि इतने बड़े अस्पताल में एक नाम मात्र सीबीसी मशीन ही थी अब वो भी पिछले कई दिनों से खराब पड़ी है। चिकित्सकों का कहना है कि इस मशीन की खराबी के विषय में उच्चाधिकारियों को लिखा जा चुका है।
फोटो कैप्शन 06: कनीना उप नागरिक अस्पताल।
फसल खराब होने से व्यक्ति ने खाया जहरीला पदार्थ, मौत
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कनीना की आवाज। कनीना के निवासी रामसिंह ने अपनी फसल खराब होने से परेशान होकर जहरीला पदार्थ खा लिया जिसे अस्पताल ले जाया गया जहां उनका की मौत हो गई।
कनीना पुलिस में राजकुमार ने शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा कि उनका भाई रामसिंह कई दिनों से अपनी फसल खराब होने कारण परेशान चल रहा था। कई बार समझाया कि भगवान की मर्जी है किंतु दिन-रात इसी बात को लेकर परेशान रहता था। उसने कर्जे पर पैसे लेकर फसल का काम किया था वह बर्बाद होने से कर्जा चुकाने में असमर्थ था। यह सोचकर बहुत परेशान था कि कर्ज कैसे चुकाया जाए। 11 अप्रैल को रात के समय कोई जहरीला पदार्थ खा लिया और उल्टी करने लगा। उसे अस्पताल ले जाया गया डाक्टरों ने इलाज के बाद मृत घोषित कर दिया। कनीना पुलिस ने विभागीय कार्रवाई कर दी और शव का पोस्टमार्टम करवा उसके स्वजनों को सौंप दिया है।
अनिता यादव को प्रजा भलाई संगठन की महेन्द्रगढ़ महिला जिला शाखा का बनाया अध्यक्ष
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कनीना की आवाज। जिला के गांव गाहड़ा निवासी अनिता यादव को प्रजा भलाई संगठन की महेन्द्रगढ़ महिला जिला शाखा का अध्यक्ष तथा महेन्द्रगढ़ निवासी गरिमा कौशिक को उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया है। संगठन अध्यक्ष अतरलाल ने इस आशय का नियुक्ति पत्र अनिता यादव व गरिमा कौशिक को सौंपा। अपनी नियुक्ति पर खुशी व्यक्त करते हुए अनिता यादव व गरिमा कौशिक ने कहा कि उन्हें जो जिम्मेवारी मिली है उसका निर्वहन वह कर्तव्यनिष्ठा से करेगी। उन्होंने कहा कि जल्दी की महिला जिला शाखा की कार्यकारिणी के सभी पदों पर योग्य महिलाओं की नियुक्ति की जाएगी। उसके बाद जनजागरण अभियान चलाकर प्रजा भलाई संगठन के कार्यों व उद्देश्यों को पूरा करने की कार्यवाही अमल में लाई जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार व जिला प्रशासन महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए जो योजनाएं चला रही हैं उनका लाभ महिलाओं को नहीं मिल रहा है इसलिए जल्दी ही जिला स्तर पर गांवों में महिला पंचायत आयोजित कर महिलाओं को संगठित किया जाएगा और आंदोलन की रूप रेखा बनाई जाएगी।
फोटो कैप्शन 5: अनिता यादव को नियुक्ति पत्र सौंपते अतरलाल।
इतिहास कभी नहीं भुला पाएगा 13 अप्रैल का दिन
-जलियांवाला बाग हत्याकांड में मारे गये थे करीब 379 व्यक्ति
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कनीना की आवाज। 13 अप्रैल 1919 पंजाब के जलियावाला बाग हत्याकांड की याद दिलाता है। जब हजारों लोग घायल हो गये थे तथा करीब 379 लोग मौत के मुंह में चले गये थे। निर्दोष लोगों पर जो बैसाखी पर्व की खुशी मनाने के लिए इकट्ठा हुए थे और उन निहत्थों पर जनरल डायर ने गोलियां बरसाकर जघन्य अपराध किया था। इस संबंध में इतिहासकारों के विचार इस प्रकार हैं-
प्रो. कर्मवीर बताते हैं कि प्रथम विश्वयुद्ध में अंग्रेजों की मार्मिक अपील पर भारतीयों ने तन मन धन से अंग्रेजों की मदद की और विदेश जाकर शहादत दी। उस वक्त अंग्रेजों ने आश्वासन दिया था की युद्ध के बाद भारत को स्वशासन प्रदान करने की दिशा में प्रयास किया जाएगा लेकिन बदले में रोलेट एक्ट मिला । प्रथम विश्व युद्ध के दुष्प्रभाव एवं सरकार की दमनकारी नीतियों की वजह से भारतीय जनमानस में एक आक्रोश पैदा हो रहा था जिससे भयभीत होकर ब्रिटिश सरकार ने रौलेट एक्ट पास कर दिया। यह एक ऐसा काला कानून था जिसके तहत किसी भी भारतीय को ब्रिटिश सरकार संदेह के आधार पर गिरफ्तार कर सकती थी और वह व्यक्ति अपने बचाव में ना अपील कर सकता था ना दलील कर सकता था ना वकील कर सकता था। तो स्वाभाविक रूप से इस काले कानून के खिलाफ पूरे भारत में तीव्र प्रतिक्रिया हुई और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने इसके विरोध में 6 अप्रैल 1919 को राष्ट्रीय स्तर की हड़ताल का आह्वान किया। पंजाब क्षेत्र में भी इसी तरह की पूर्ण हड़ताल रही और इस हड़ताल के दौरान ब्रिटिश सरकार ने पंजाब के बड़े नेताओं डा सत्यपाल और सैफुद्दीन किचलू को गिरफ्तार कर लिया जिसके विरोध में अमृतसर के जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 इस्वी को बैसाखी के पर्व के दिन एक सभा बुलाने का निर्णय किया गया। इस दौरान स्वामी श्रद्धानंद के आह्वान पर गांधी जी ने 10 अप्रैल को पंजाब के लोगों से मिलने का कार्यक्रम बनाया लेकिन उनको पलवल रेलवे स्टेशन पर ही रोक लिया गया और गिरफ्तार करके वापस मुंबई भेज दिया। सरकार की इस तरह की दमनकारी नीतियों रौलेट एक्ट के प्रतिरोध और पंजाब के लोकप्रिय नेताओं की रिहाई के लिए 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में एक सभा बुलाई गई और उस दिन पंजाब का लोकप्रिय त्यौहार वैशाखी भी था इस सभा में लगभग 20 हजार के करीब लोग शामिल हुए जो निहत्थे थे और शांतिपूर्ण तरीके से सभा करके सरकार से मांग कर रहे थे अपने नेताओं की रिहाई की लेकिन इसी दौरान पंजाब के गवर्नर माइकल ओ डायर के आदेश पर सेना अधिकारी जनरल डायर ने निहत्थे जनता के ऊपर बगैर चेतावनी दिए गोलियां चलवाई और यह गोलियों के खत्म होने तक जारी रही।
उधर प्रो.डा शर्मिला जलियांवाला बाग में 13 अप्रैल 1919 को हजारों लोगों को माइकल ओ डायर मौत के घाट उतारा गया था। जो बहुत ही निंदनीय कार्य था। इसी दिन जलियांवाला बाग में एक 20 वर्ष का उद्यम सिंह भी पानी पिलाने का कार्य कर रहा था और उसने अपनी आंखों के आगे जब इस नरसंहार को देखा तो उसने शपथ ली संकल्प किया कि मैं इसका बदला लूंगा और वह बदला उसने पूरा किया। 21 साल के बाद 1940 में लंदन में जाकर तत्कालीन पंजाब के गवर्नर माइकल ओ डायर की हत्या करके बदला लिया।। तो इस तरह से जलियांवाला बाग हत्याकांड ने भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को एक तरफ जहां आक्रामकता प्रदान की जिससे आगे चलकर क्रांतिकारी आंदोलन चला और भगत सिंह राजगुरु सुखदेव जैसे हजारों नव युवकों ने अपने प्राणों की आहुति देकर आजादी को निकट लाया गया दूसरी तरफ गांधी जी के नेतृत्व में राष्ट्रव्यापी आंदोलनों की पृष्ठभूमि तैयार हुई जिसके परिणाम स्वरूप असहयोग आंदोलन और आगे चलकर सविनय अवज्ञा आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन चले और अंतत: भारत को आजादी हासिल हुई।
उधर प्रो राजेश कुमार बताते हैं कि हर वर्ष 13 अप्रैल को जलियांवाला बाग में हुए मासूम लोगों के हत्याकांड को याद करने के लिए और उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए इस दिन को राष्ट्रीय शोक दिवस के रूप में मनाया जाता है। बैसाखी के दिन 13 अप्रैल 1919 को जलियांवाला बाग में भारी नरसंहार की वजह से भारतीय इतिहास में जलियांवाला बाग एक प्रसिद्ध नाम और जगह बन गया । ब्रिटिश सरकार के बढ़ते अत्याचारों और रोलेट एक्ट नाम के काले कानूनों का विरोध करने के लिए जनता पंजाब के अमृतसर जिले के जलियांवाला बाग में शांति प्रिय रूप से विरोध प्रदर्शन कर रही थी। किंतु ब्रिटिश सरकार के विरुद्ध किसी भी विरोध को कुचलने के लिए आमादा ब्रिगेडियर जनरल डायर ने मासूम जनता पर सैनिकों को गोलाबारी करने के आदेश दिए जिसके परिणाम स्वरूप हजारों की संख्या में लोग घायल हुए तथा मारे गए । ब्रिटिश सरकार के विरोध में अपनी जान गंवाने वाले इन शहीदों की याद में यहां पर एक स्मारक बनाया गया है जो एक महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्थान के रूप में प्रख्यात है।
यह दिवस आज भी राष्ट्र को यह याद दिलाता है कि हमारे स्वतंत्रता सेनानियों एवं राष्ट्र प्रेमियों ने इस देश को अंग्रेजों से आजादी दिलाने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए थे और हमें इस स्वतंत्रता की रक्षा करने के लिए भरसक प्रयास करने चाहिए।
फोटो कैप्शन: प्रो डा शर्मिला, प्रो कर्मवीर तथा प्रो राजेश कुमार।
कनीना का चहुमुखी विकास ही मेरी होगी प्राथमिकता -प्रीतम जोनू
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कनीना की आवाज। कनीना नगर पालिका के के भावी चुनावों को लेकर अभी से ही जोर शोर से कवायद शुरू हो चुकी है। अभी भी कनीना पालिका का कार्यकाल करीब एक माह बचा है। तत्पश्चात चुनाव की प्रक्रिया तेज हो जाएगी। युवा वर्ग इस बार पहले से ही चुनाव लडऩे के लिए लालायित है। मतदाता सूचियों का पुन: निरीक्षण का कार्य शुरू हो चुका है।
कनीना पालिका के वर्तमान प्रधान सतीश जेलदार के पुत्र प्रीतम जोनू चेयरमैन पद के लिए आगे आए हैं। वे जोर शोर से प्रचार में जुट गये हैं तथा लोगों से घर घर जाकर मिल रहे हैं। उन्होंने एक भेंटवार्ता में बताया कि उनकी प्राथमिकता कनीना का समुचित विकास होगा। सभी लोगों को अपने साथ लेकर चलेंगे और जो विकास कार्य उनके पिता नहीं कर पाए उनको पूरा कर दिखलाएंगे। उन्होंने कहा कि अभी भी कुछ विकास कार्य अधूरे पड़े हैं जबकि वर्तमान कार्यकाल पूर्ण होने जा रहा है। इसलिए उनके पिता जो कार्य पालिका के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के असहयोगपूर्ण रवैये के कारण पूर्ण नहीं करवा पाए उनको पूरा कर दिखलाएंगे। अब पूरे जोश के साथ मैदान में उतरेंगे और चुनाव लड़ेंगे।
उधर सतीश जेलदार ने बताया कि मेरा स्वास्थ्य ठीक नहीं होने के कारण मैं चुनाव नहीं लड़ पाऊंगा किंतु मेरी जगह मेरा पुत्र प्रीतम जोनू चुनाव लड़ेगा। उन्होंने बताया कि प्रीतम जोनू एमसीए करने के बाद कानून की पढ़ाई कर रहा है और उनकी प्राथमिकता पालिका चेयरमैन चुनाव लड़कर चेयरमैन बनकर विकास कार्य करवाने की है। उन्होंने बताया कि युवा वर्ग से लेकर महिला और बुजुर्ग भी उनसे बहुत अधिक प्रभावित है। ऐसे में वे चाहते हैं कि पालिका का चेयरमैन पद पर पहुंचे और उनके पिता द्वारा छोड़े हुये अधूरे कार्यों को पूर्ण कर दिखलाए।
एक और जहां प्रीतम जोनू चेयरमैन पद की दावेदारी करें वही एक दर्जन युवा और बुजुर्ग भी अभी से ही चेयरमैन पद के लिए दावेदारी कर रहे हैं। अभी पालिका प्रधान पद का आरक्षण का ड्रा निकाला जाएगा। तत्पश्चात ही पता चल पाएगा कि पालिका का प्रधान पुरुष होगा या महिला और वह किस वर्ग का होगा। तब तक चुनाव लडऩे वालों की लंबी शृंखला बनती जा रही है।
फोटो कैप्शन: प्रीतम जोनू
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