Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Sunday, April 23, 2023

 

दिन भर मौसम बदलता रहा
-बीच-बीच में आंधी और बूंदाबांदी हुई
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में दिनभर मौसम बदलता रहा, कभी आंधी तो कभी बूंदाबांदी चली। दिनभर आकाश में काले बादल छाए रहे। कभी ऐसा लगा कि भारी बारिश होगी किंतु बूंदाबांदी तक ही सीमित रह गई। हरियाणा क्षेत्र में लगभग सभी किसानों ने अपनी रबी फसल पैदावार ले ली है। अब खरीफ फसल की तैयारियों में जुटे हुए हैं। ऐसे में बारिश होने में उन्हें कोई दिक्कत नहीं है।
 दिनभर तेज हवाएं चलती रही बीच बीच में बूंदाबांदी हुई जिससे खेतों में खड़ी हुई चारे की फसल को लाभ हुआ है। उल्लेखनीय है कि  इस वर्ष में अनेक बार मौसम बदला है। किसानों की रबी फसल को भी क्षति पहुंची है। अब पैदावार ले चुके हैं और किसान आगामी खरीफ रबी फसल की तैयारियों में जुटे हुए हैं।
 फोटो कैप्शन 05: आकाश में छाए बादल और बदलता मौसम।

 





भाजपा मंडल कनीना के सदस्यों की हुई बैठक
-बैठक में विभिन्न विषयों व मुद्दों पर की गई चर्चा
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कनीना की आवाज। कनीना के नेताजी मेमोरियल क्लब कार्यालय में भाजपा मंडल कनीना के कार्यकर्ताओं एवं पदाधिकारियों की बैठक आयोजित की गई। जिसकी अध्यक्षता मंडल अध्यक्ष अतर सिंह कैमला ने की।  बैठक में मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला गया। जिसमें त्रिदेव की होने वाली बैठक व पन्ना प्रमुखों की होने वाली बैठक के बारे में बताया गया। मंडल महामंत्री देशराज यादव ने बताया कि पन्ना प्रमुख ही चुनाव संरचना में विशेष भागीदारी रखता है। अगर पन्ना प्रमुख मजबूत है तो बूथ मजबूत है और बूथ मजबूत है तो जीत निश्चित है। उन्होंने बताया कि आने वाली 30 अप्रैल को मोदी के मन की बात कार्यक्रम का 100वां एपीसोड हर बूथ पर एकत्रित होकर सुना जाए। साथ ही हर गांव में मन की बात का संयोजक बनाना भी जरूरी है। आगे होने वाले चुनावों पर भी चर्चा की मेरे बूथ का पन्ना प्रमुख, मेरे देश को बदलेगा, भारत माता की जय , भाजपा जिन्दाबाद के नारों के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया। बैठक में मुख्य रूप से जिला महामंत्री लक्ष्मी चन्द चौहान , भाजपा जिला कार्यकारिणी सदस्य कंवरसेन वशिष्ठ भाजपा, किसान मोर्चा जिला उपाध्यक्ष अनिल कुमार यादव, अनुसूचित जाति मोर्चा प्रधानमंत्री मन की बात कार्यक्रम महेंद्रगढ़ जिला संयोजक एवं प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य रामनिवास खेड़ी, भाजपा जिला मंत्री नीलम, भाजपा जिला मंत्री उमेद सिंह पाथेड़ा, भाजपा कनीना मण्डल महामंत्री देशराज यादव, कृष्ण जांगीड़, जिला उपाध्यक्ष लखन जांगड़ा ओबीसी, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा कनीना मण्डल अध्यक्ष धर्मपाल दुबट, रणसिंह खेड़ी सहित गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 3: बैठक के दौरान उपस्थित कार्यकर्ता





केले का पौधा लगाकर आईएमसी सचिव ने दिया एकता और अखंडता का संदेश
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कनीना की आवाज।  कनीना के इंडियन मीडिया सेेंटर आईएमसी के कनीना इकाई के प्रधान के फार्म हाउस पर जहां इंडियन मीडिया सेंटर के महासचिव नरेंद्र कुमार ने केले का एक पौधारोपण कर एकता और अखंडता का संदेश दिया।
 उन्होंने कहा कि आईएमसी सदा ही पत्रकारों के हित में कार्य कर रही है। समाज में एकता और भाईचारा बढ़ाने के लिए कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि विगत वर्षों भी अखंडता का संदेश लेकर यात्रा आयोजित की गई थी तो पूरे ही प्रदेश से होकर गुजरी। इससे पहले भी अनेक कार्यक्रम आयोजित कर चुकी है। उन्होंने आज आईएमसी के सभी पदाधिकारियों से बैठक आयोजित की तथा भावी कार्यक्रम की रूपरेखा तैयार की। उन्होंने बताया का आईएमसी के पदाधिकारियों की बेटियों के लिए भी यूपीएससी कोचिंग का कार्यक्रम चंडीगढ़ आयोजित किया जा रहा है। जिसमें उन्हें बेहतर दर्जे की कोचिंग दी जाती है। इसमें कोई खर्चा भी नहीं लिया जाता। उन्होंने कहा कि एकता और अखंडता के दृष्टिगत आईएमसी समय समय पर दूर-दराज की यात्रा भी मीडिया से जुड़े लोगों की करवाती आई है और आगे भी उनका यही विचार है। इस मौके पर उनके साथ मीनाक्षी वशिष्ठ मीडिया छात्र एसोसिएशन सचिव हरियाणा भी उपस्थित थी।
फोटो कैप्शन 4: आईएमसी के सचिव नरेंद्र कुमार केले का पौधा रोपित करते हुए साथ छात्र सचिव मीनाक्षी।




स्याणा में ढाब आश्रम का सामान चोरी, मामला हुआ दर्ज
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कनीना की आवाज।  कनीना उपमंडल के गांव स्याणा में पंचायत द्वारा ढाब आश्रम के लिए लगवाया गया समान चोरी हो गया। इस समान में जिम का सामान, सोलर लाइट की बैटरी जिसमें 5 बैटरी, दो स्टील राड़, 15 चक्के जिम के चोरी हो गए। ढाबा आश्रम के श्रद्धानंद महाराज ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवा सामान बरामद करवाने की मांग की है। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।






हाथी के दांत खाने के और तो दिखाने के और
-किसान भी खाने के लिए बेहतर गेहूं खरीदते हैं
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कनीना की आवाज।  बेचने व खाने में प्रयोग के लिए अलग अलग गेहूं की किस्में किसान पैदा करते है। कुछ किसान तो खाने में बेहतर प्रकार की गेहूं तलाशते देखे गए। जब गेहूं की आवक शुरू होती है तो गेहूं की 283/306 आदि किस्में तलाशकर प्रयोग करते हैं। यहां तक कि बेेहतर गेहूं मानते हुए मध्यप्रदेश के गेहूं की तलाश की जाती है। ये गेहूं लाकर बेचने का धंधा पनपने लगा है।
  किसान धीरे धीरे जागरूक होने लगा है। जौ एवं चने की पैदावार लेनी बंद कर दी है परंतु कभी बेहतर किस्में गेहंू की उपजाने वाला किसान अब दो प्रकार की किस्में उगाने लगा है। जहां बेचने के लिए अधिक पैदावार देने वाली तो खाने में प्रयोग के लिए कम पैदावार वाली तथा बेहतर मानी जाने वाली किस्म प्रयोग करता है। बेचे जाने के लिए अधिक अन्न की चाहत होती है और किसान उर्वरक आदि डालकर अधिक अन्न पैदा करके मंडी में बेच देता है परंतु अपने परिवार के लिए अलग से गेहूं की कम पैदावार देने वाली तथा खाने में बेहतर किस्म उपजाने लगा है।
  जिला महेंद्रगढ़ के लोग बेहतर गेहूं की किस्में खाने के लिए रोहतक, रेवाड़ी, झज्जर आदि से मंगवा रहा है। कई जन मिलकर गेहूं की किस्म 283/306 आदि मंगवाते हैं। इन किस्मों को सामान्य किस्मों के मुकाबले दाम प्रति क्विंटल 700 से 900 रुपये अधिक मिलता है।
  कुछ वर्षों से गेहूं की बेहतर किस्में खाने के शौकीन अब मध्यप्रदेश से गेहूं मंगवाने लगे हैं। यहां तक कि एक धंधा पनपने लगा है कि मध्यप्रदेश के गेहूं मंगवाकर क्षेत्र में मिलने वाली गेहूं के दामों से एक हजार रुपये तक महंगा बेचा जाता है। बेशक उस गेहूं से कोई अतिरिक्त लाभ मिले या न मिले परंतु यह कहकर खाया जाता है कि यह साफ सुथरा है तथा इसकी चपाती रंग में सफेद बनती हैं। गृहणियां भी खोने में बेहतर किस्मों की ओर दौड़ती देखी गई।  
  मध्यप्रदेश से गेहूं मंगवाकर खाने वाले भीम सिंह ने बताया कि अधिक पैदावार देने वाले गेहूं की रोटियां एक-दो घंटों के बाद तोड़ पाना सरल नहीं हैं। बुजुर्ग एवं दांतों से कमजोर व्यक्ति इनका उपयोग नहीं कर सकता है। अब तो किसान भी खाने में दूसरा व बेचने में अपना गेहूं प्रयोग करने लगे हैं।
   किसानों से इस संबंध में बात की गई तो उन्होंने बताया कि देसी गेहूं की किस्म से पैदावार कम मिलती है परंतु खाने में स्वादिष्ट है। यही हालात गेहूं 283 की है। इनके कनीना क्षेत्र में नरम मिट्टी होने से गिरने की समस्या होती है और किसान नहीं उगाते हैं।







छिडऩे लगी हें चुनावी चर्चाएं
--दुकानों एवं दफ्तरों में होती है चुनाव पर चर्चाएं













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कनीना की आवाज।  नगर पालिका के चुनावों के दृष्टिगत अब चुनावी चर्चाएं बढ़ गई हैं। दुकान हो या कोई चाय की दुकान, चुनावी चर्चा मिलने लगी है। विशेषकर जब से मतदाता सूचियों का प्रकाशन हुआ है तब से चुनावी गर्मी बढ़ती ही जा रही है। रातोंरात पार्षद और प्रधान पद के दावेदार ढूंढे जा रहे हैं। क्योंकि बहुत से लोग तो चुनाव तो लडऩा चाहते हैं किंतु आगे नहीं आना चाहते हैं वो ऐन मौके पर आगे आएंगे। ऐसे में  चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं। यदि मतदाता उनको अच्छा रिस्पांस देते हैं तो भी अपने उम्मीदवारी पक्की समझ रहे हैं। अभी से ही मतदाताओं से वोट देने की हां या ना करवा रहे हैं।
 इस बार प्रधान पद का सीधा चुनाव होने से चुनाव लडऩे वाले बढऩे की उम्मीद है। दस हजार के करीब वोटर प्रधान पद के चुनाव के लिए लडऩे वालों के लिए नजर आने लगे हैं। ऐसे भी कहते सुने  हैं कि मेरे लिए प्रधान पद के वोट दिलवा दो मैं तुम्हें पार्षद या  तुम्हारे द्वारा अनुमोदित पार्षद को अपने क्षेत्र के वोट दिलवा दूंगा। तेजी से आपसी गठबंधन बनता जा रहा है और रातों-रात चुनाव लडऩे वाले आगे आ रहे हैं। 13 वार्डों में 13 पार्षद चुने जाने है लेकिन कुछ वार्डों में चुनाव लडऩे वाले मौन नजर आ रहे हैं। अनेक ऐसे चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं जिन्हें वार्ड के वोटरों का भी ज्ञान नहीं है। यह भी नहीं बता पा रहे कि कौन सी वोटर उनके वार्ड के हैं? आश्चर्य है कि चुनाव तो लडऩा चाहते हैं लेकिन वे अपने वार्ड के लोगों से परिचित तक नहीं है। जब शिक्षक उनके पास इधर उधर हुयेे वोटरों के बारे में पूछने के लिए जाते हैं तो हाथ ऊपर कर देते हैं।  स्पष्ट है कि चुनाव लडऩे वालों को ही जब मतदाताओं का ज्ञान नहीं है तो शिक्षक जो इधर-उधर हुये वोटरों/मतदाताओं को कैसे ढूंढ पाएंगे? बहरहाल कुछ भी हो चुनावी चर्चा आगे बढऩे लगी है। एक और जहां गर्मी बढ़ती जा रही है वहीं चुनावी चर्चा बढऩे लगी है। कुछ तो ऐसे भी संभावित प्रत्याशी हंै  जो किसी का आशीर्वाद पाने की चाहत लिए बैठे हैं तो कोई चुनाव लडऩे का इच्छुक किसी मंत्री, संतरी और सत्तापार्टी के नेताओं से आशीर्वाद पाकर वोट पाने के जुगाड़ में है। बहरहाल चुनाव तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अनेकों पार्षद और प्रधान पद के दावेदार सामने आने लगे हैं। इस बार युवाओं में भी जोश है तो महिलाओं में भी जोश है, बुजुर्गों में और भी अधिक जोश है। अब देखना यह है कि प्रधान का पद आरक्षण में किसके पक्ष में जाता है? तभी कोई निर्णय लिया जाएगा। इस बार चुनाव जीतना आसान नजर नहीं आता।  क्योंकि अब तक पार्षदों के सहारे नैया पार होती रही है किंतु इस बार प्रधान को पार्षद नहीं बनाएंगे। उन्हें तो सीधे ही वोट मिलेंगे। करीब 10000 वोटर पूरे कनीना कस्बे में है जो 13 वार्डों में बंटे हुए हैं । आने वाला समय बता लग पाएगा कि कौन क्या गुल खिला पाएगा?






छुट्टी और पर्व पर भी ढूंढ रहे हैं मतदाताओं को
-हजारों मतदाताओं के इधर उधर होने का मसला
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कनीना की आवाज।  नगर पालिका में 1414 इधर-उधर हुये मतदाताओं को खोजने का काम शिक्षक तथा अन्य कर्मी रविवार और अवकाश के दिनों में भी कर रहे हैं। यही नहीं  उनका कोई निर्धारित समय नहीं है। सुबह लगते हैं और रात तक इसी काम में लगे रहते हैं। शिक्षकों ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि वे बेहद परेशान हैं। एक और जहां स्कूलों में पढ़ाई बाधित कर दी गई है वही उनको ऐसी तैनाती दी गई है और ऐसे मतदाताओं को ढूंढना है जिनका पता ठिकाना भी नहीं है। न फोन नंबर है नहीं कोई सहायता कर रहा है। प्रशासन ने अपना पल्लू छाड़कर शिक्षकों पर काम छोड़ दिया है। आखिर शिक्षक कहां से ढूंढ कर लाए इन मतदाताओं को? मदद के लिए कोई आगे नहीं आ रहा है, प्रशासन भी केवल हाथ धोकर शिक्षकों के पीछे पड़ा हुआ है। अगर यह काम पुलिस या पटवारी या अन्य कर्मचारियों को देते तो बहुत बेहतर होता ताकि उनकी सही ढंग से जानकारी हासिल कर पाते। शिक्षकों को तो लोग नाम पता बताने से गुरेज करते है जबकि पुलिसकर्मी पहुंचते तो सारा हाल में बयां कर देते। ऐसे में न तो पार्षद और नहीं प्रधान इस काम में मददगार साबित हो रहा है। शिक्षक दोपहर में, दिन भर बिना खाना खाए पानी पिये इधर-उधर घूमते देखा जा सकता है। उनको न कोई पारिश्रमिक दिया जाता और न उनके खाने पीने का कोई प्रबंध किया जाता। कहने को शिक्षक किंतु हालात देखकर लगता है शिक्षक से बेहतर तो चपड़ासी? इतनी बुरी हालत शायद किसी अन्य की नहीं है। अपने काम के प्रति शिक्षक पूर्ण वफादारी से निभा सकते हैं लेकिन शिक्षकों पर इस प्रकार का दायित्व देना उन्हें नहीं सुहाता। शिक्षकों ने मांग की है कि कम से कम बदल बदलकर शिक्षकों की तैनाती लगाई जाए ताकि स्कूलों में एक ही विषय की पढ़ाई बाधित न होने पाए।








 किसान जुटे खरीफ फसल के कृषि कार्यों में
-कपास की ओर रुझान है कम
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कनीना की आवाज।  किसान एक बार फिर से खरीफ फसल की तैयारियों में लग गए हैं। रबी फसल पैदावार लेने के बाद अन्न को बेचकर किसान खरीफ विशेषकर कपास की बीजाई की तैयारियों में लगे हैं। खेतों में खाद डालने का काम जारी है। ओलावृष्टि एवं वर्षा ने फसल को नुकसान पहुंचाया है। जैसी भी पैदावार मिली ले चुके हैं।
   वैसे तो किसानों की प्रमुख फसल गेहूं की है। किसान गेहूं को खाने के लिए सबसे अधिक प्रयोग करते हैं वहीं बाजरे की फसल चारे के लिए अधिक उपजाया जाता है और खाने के लिए कम। रबी फसल बेहतर पैदावार नहीं दे पाई। कुछ पैदावार हुई बेचकर घर के कामों के लिए धन प्राप्त किया है। विगत वर्षों से किसान कपास फसल की ओर आकर्षित हुये थे किंतु विगत वर्ष कपास की फसल में रोग आ जाने से किसान नुकसान की ओर चले गये थे। परिणामस्वरूप इस बार किसानों का रुझान कपास की ओर कम है।
 अब किसान खरीफ फसल की तैयारी में लग गया है। खेतों में खाद डालने विशेषकर गोबर का खाद डालकर उसे बिखेरने तथा बारिश होने का इंतजार करेंगे। किसान गर्मियों में अपनी ऊंटगाड़ी, ट्रैक्टर एवं ट्राली से खाद खेतों में डालते हैं।
  कनीना के किसान अजीत सिंह, योगेश कुमार, रोहित कुमार ने बताया कि रबी फसल पैदावार लेने के तुरंत बाद किसान अपनी खरीफ फसल में लग जाता है। इस दौरान बाजरा, ग्वार एवं कपास आदि उगाते हैं। किसानों ने बताया कि खरीफ फसल पूर्णरूप से बारिश पर आश्रित है। बारिश होने पर बीजाई कर देते हैं।
  किसान पशु पालक होने के कारण पशुओं के गोबर से खाद बनाते हैं या फिर गोबर से कंपोस्ट व केंचुआ खाद बनाकर खेतों में डालने लगे हैं।  किसान मेहनती है और गर्मी में भी खेतों में खाद डाल रहे हैं।
फोटो कैप्शन 01: किसान खेत में खाद डालते हुए।










152-डी पर कट बनाने के काम को शीघ्र शुरू करें सरकार - राधेश्याम गोमला
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कनीना की आवाज।  राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 152डी पर सेहलंग बाघोत के बीच एंट्री एग्जिट कट बनाने के काम को सरकार को शीघ्र शुरू करना चाहिए। यह कट इस क्षेत्र के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि इससे 4 जिलों के 100 से अधिक गांवों को फायदा होगा। उक्त विचार जाने माने सामाजिक कार्यकर्ता और गोमला के पूर्व सरपंच राधेश्याम गोमला ने धरने पर बैठे लोगों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि सरकार का काम जनभावनाओं का सम्मान करते हुए काम करने का होना चाहिए। इस कट से सर्वाधिक फायदा बाघोत में स्वयंभू भगवान बागेश्वर धाम में पहुंचने वाले श्रद्धालुओं को होगा। क्योंकि यहां साल में दो बार भारी मेला लगता है। जिसमें उत्तर भारत के सभी राज्यों से लोग मेला में पहुंचते हैं।
उन्होंने कहा कि इस के साथ ही केंद्रीय विश्वविद्यालय, झाड़ली पावर प्लांट, खुडाना में प्रस्तावित आईएमटी सहित कई अन्य स्थानों को जोडऩे का काम करेगा। उन्होंने कहा कि धरने पर बैठे लोगों की मांग को सरकार को शीघ्र पूरा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कट की मांग के पूरा होने पर क्षेत्र के लोगों के लिए विकास के मार्ग भी खुलेगा।
इस अवसर पर समिति के अध्यक्ष चेयरमैन विजय सिंह, महावीर पहलवान, रणवीर पहलवान, सतपाल पोता,  बलवान छीथरोली व अनेकों लोग मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 02: राधेश्याम गोमला कट के लिए समर्थन देते हुए।




कनीना में चुनाव लडऩे के इच्छुक कई संभावित प्रत्याशी आये सामने
--नहीं आ रहे सशक्त संभावित प्रत्याशी सामने
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कनीना की आवाज। कनीना पालिका के चुनावों की हलचल बढ़ गई है। मतदाता सूचियों  का प्राथमिक प्रकाशन हो चुका है। अंतिम प्रकाशन के बाद पता चलेगा कि कितने मतदाता कनीना में हैं। वर्तमान में 8371 मतदाता 13 वार्ड में दर्शाए गए हैं। जिनकी संख्या अभी बढ़ेगी।
 कनीना पालिका 1952 से चली आ रही है। कनीना नगर पालिका के समय-समय पर अनेक प्रधान रह चुके हैं। जब जब कनीना पालिका चुनाव आते हैं तब तब एक ही बात उठती है कि सशक्त, ईमानदार और विकास पुरुष को प्रधान पद के लिए आगे लाया जाए किंतु हकीकत है अभी तक ऐसा कोई सशक्त व्यक्तित्व सामने नहीं आया है जो पुराने चुनाव लड़ते आ रहे लोगों को टक्कर दे सके। हो सकता है भविष्य में ऐसा कोई चेहरा उभर सकेगा परंतु वर्तमान समय में ऐसा कोई चेहरा स्पष्ट नजर नहीं आ रहा है। यह बात हर व्यक्ति के दिलों दिमाग में बैठी हुई है जिसके चलते इन चुनाव को अभी तक अनेकों युवा एवं बुजुर्ग अवलोकन कर रहे हैं, सोच सोचकर भावी प्रधान के गुण अपने दिलोदिमाग में बैठा रहे हैं ताकि समय आने पर ऐसे व्यक्ति का साथ दिया जा सके।
 यही कारण है कि कनीनावासी अभी तक यह निर्णय नहीं कर पा रहे हैं कि इस चुनाव में किसे उतारा जाए का बेहतर ढंग से कनीना का नेतृत्व कर सके। पूर्व प्रधान एवं वर्तमान प्रधान सतीश जेलदार अपने अपने परिजनों को उतार सकते हैं। अभी चुनाव होने में 6 माह का समय भी लग सकता है। ऐसे में नए नए चेहरे उभर कर भी आ सकते हैं।  बहरहाल चुनाव को लेकर के जब चर्चाएं गर्म हैं। आने वाले वक्त में पता लग पाएगा कि कौन चुनाव में भागीदारी करेगा। इस बार पालिका प्रधान के चुनाव डायरेक्ट होना सभी लोगों के मन को सुहा रहा है क्योंकि अब तक पालिका प्रधान बनते आए वह किसी के रहमों करम पर होते थे या पार्षदों पर निर्भर रहे हैं। सभी की नजरें चुनाव पर टिकी हुई है और बेहतर से बेहतर प्रत्याशी ढूंढने की तैयारियों में जुटे हुये हैं।
 चुनाव लडऩे के दावेदार-
अभी तक पार्षद के चुनाव के लिए महेश बोहरा दावेदारी जता रहे हैं।  उधर वार्ड चार से योगेश कुमार भी पार्षद के चुनाव लडऩे के लिए तैयार हैं।  वार्ड एक से विजय चेयरमैन वार्ड एक से पार्षद के चुनाव लड़ेंगे। इस बार चेयरमैन पद का चुनाव डायरेक्ट होगा।  जिसके चलते इस बार चेयरमैन पद के लिए अधिक लोग तैयारी में जुटे हुए हैं।
कनीना के सज्जन सिंह बोहरा, सुमेर सिंह मैनेजर चुनाव लड़ेंगे और प्रधान पद की दावेदारी करेंगे। कनीना के वार्ड 12 का निवासी अमित नंबरदार  पालिका के प्रधान पद का दावेदार है। कनीना के वर्तमान चेयरमैन सतीश जेलदार के पुत्र प्रीतम जोनू चेयरमैन पद के चुनाव लड़ेंगे। उधर पूर्व प्रधान मा. दिलीप सिंह प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं या फिर उनका पुत्र चुनाव में खड़े होंगे और वो भी प्रधान पद के लिए ही दावेदारी जताएंगे। पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा भी चुनाव में खड़े होंगे वो भी वोटरों का मन टटोल रहे हैं। कनीना के एडवोकेट विनय यादव, एडवोकेट पंकज यादव,  वर्तमान में उप प्रधान पद पर आसीन अशोक ठेकेदार,  मनीष पार्षद, मनोज कुमार इस बार पालिका चुनाव में प्रधान पद की दावेदारी करेंगे।  



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