हनुमान जयंती पर भंडारा 6 अप्रैल को
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कनीना की आवाज। हनुमान जयंती के उपलक्ष्य पर 13वां विशाल भंडारा एवं जागरण कनीना के 132 के पावर हाउस में आयोजित किया गया है। विस्तृत जानकारी देते हैं एसडीओ(बिजली) मनोज कुमार ने बताया कि 5 अप्रैल को रात के समय जागरण आयोजित होगा वही 6 अप्रैल का हवन तथा प्रसाद वितरण होगा। यह उनका 13वां भंडारा है। 13 वर्षों से लगातार समस्त बिजली कर्मचारी बढ़-चढ़कर भंडारा करते आ रहे हैं।
कट के लिए 23वें दिन भी जारी रहा धरना
-कई लोगों ने आकर दिया समर्थन
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कनीना की आवाज। 152-डी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेहलंग -बाघोत बीच कट के लिए चल रहा धरना 23वें भी जारी रहा। धरने को अनेक लोगों ने आकर समर्थन दिया। सेहलंग बाघोत कट के लिए चल रहे अनिश्चितकाल धरने के 23वें दिन की अध्यक्षता सत्यवीर सिंह नौताना चेयरमैन, यूरो ग्रुप आफ स्कूल ने की।
श्री नौताना ने बताया कि यहां पर नजदीक ही बाघोत गांव में बाघेश्वर धाम है जहां पर हजारों लोग दर्शन करने के लिए आते हैं। यही नहीं यहां से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर केंद्रीय विश्वविद्यालय और लगभग 10 से 12 किलोमीटर दूरी झाड़ली में स्थित एक पावर प्लांट भी है। इस कट से यहां आने-जाने वाले लोगों को काफी फायदा मिलेगा व उनका समय भी बचेगा। उन्होंने बताया कि गांव सेहलंग से गुजर रहे नेशनल हाइवे 152-डी पर गांव सेहलंग व बाघोत के बीच दोनों तरफ कट छोडऩे की मांग को लेकर 40 गांवों का अनिश्चितकालीन धरना जारी है। उन्होंने कहा कि जब तक हमारी मांगे पूरी नहीं होती जब तक हमारा धरना जारी रहेगा।
मौके पर जगफूल यादव पूर्व जिला उप प्रमुख रेवाड़ी, डा अशोक यादव, सूबेदार बाबूलाल सैनी, रामकरण पंच खुर्शीद नगर, एक्स सरपंच प्रेम सिंह खुर्शीद नगर, इंद्रजीत खुर्शीद नगर, नितिनपाल तंवर पोता, रतिराम शर्मा गौड़ सभा अध्यक्ष महेंद्रगढ़, जसवीर सासरोली, मीर सिंह बालरोड़ मनोज कुमार करीरा सहित कई जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 06 : धरने पर बैठे लोग।
नगर पालिका वर्तमान कार्यकाल बचा महज एक माह का
-सतीश जेलदार पालिका प्रधान ने गिनाई अपनी उपलब्धियां
-नहीं लड़ेंगे चुनाव किंतु अपने पुत्र को लड़ाएंगे भावी चुनाव
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कनीना की आवाज। कनीना नगर पालिका का वर्तमान कार्यकाल करीब एक माह का और बचा है। तत्पश्चात नगर पालिका के प्रधान सतीश जेलदार का कार्यकाल भी पूरा हो जाएगा। उन्होंने कहा कि जब कार्यकाल पूर्ण हो जाएगा तब अपने मन की बात कहेंगे, तब तक उन्होंने अपनी अनेक उपलब्धियां गिनाई।
उन्होंने बताया कनीना में सबसे बड़ी उपलब्धि प्रकाश व्यवस्था की,की गई। सभी गलियां उनके कार्यकाल शुरू होने से पहले इअंधेरे में डूबी थी। 20 सालों के बाद अगर प्रकाश व्यवस्था का प्रबंध हुआ तो उनके कार्यकाल में हुआ। यही नहीं कनीना के कुरडी पार्क की चारदीवारी करवा बेहतर बनाया।
उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ का पक्का तालाब बनाने की रही। जस पर 25 लाखे रुपये से अधिक खर्चा आया है। कनीना के प्रमुख संत जहं मोलडऩाथ विश्रराम करते थे उस जोहड़ को पक्का तालाब करवाकर विगत माह भरे मेले में पानी से भरवा दिया था। उन्होंने बताया कि कम से कम 40 सड़कें पक्की करवाई गई तथा अनेक विकास कार्य उनके कार्यकाल में हुए हैं। अब उनका कार्यकाल पूरा होते ही वे आराम करेंगे क्योंकि उनका स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं चल रहा है जिसके चलते भविष्य में चुनाव नहीं लड़ेंगे किंतु अपने पुत्र प्रीतम कुमार (जोनू) को चुनाव में आगे लाएंगे। उन्होंने बताया उनका पुत्र प्रीतम कुमार जोनू एमसीए करने के बाद कानून की पढ़ाई कर रहे हैं। अब वो उनका स्थान लेंगे और चुनाव में खड़े होकर दमखम दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी खराब तबीयत अनुमति नहीं दे रही कि चुनाव लड़े और उनका कार्यकाल जैसे तैसे बीता अब बीतने के कगार पर है।
उन्हें खेद है कि करीब एक साल से 10.5 करोड़ रुपये विकास कार्यों के आए हुए हैं किंतु विकास कार्यों में नहीं लग पाए। एक और जहां विभिन्न अधिकारियों का सहयोग नहीं मिला और उन्हें रुचि नहीं दर्शाई जिसके चलते उनके कार्यकाल में यह राशि नहीं लग पाई। उन्होंने कहा कि उनकी हार्दिक इच्छा थी कि यह राशि उनके कार्यकाल में ही लग जाए। अब यह राशि खर्च करना भविष्य के गर्भ में चली गई है। उन्होंने कहा कि लोगों का बहुत अधिक प्यार मिला जिसके चलते पालिका प्रधान के करीब 4 सालों से अधिक कार्यकाल पूरा किया है।
उल्लेखनीय है कि कनीना नगरपालिका के चुनाव 13 मई 2018 को संपन्न हुये थे तथा पार्षदों ने शपथ 22 मई 2018 को ले ली थी किंतु पालिका प्रधान बतौर सतीश जेलदार ने 24 जनवरी 2019 को शपथ ली थी।
फोटो कैप्शन: पालिका प्रधान सतीश जेलदार तथा उनके प्रीतम कुमार(जोनू)
दस दिवसीय अंबेडकर चेतना यात्रा शुरू
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कनीना की आवाज। भारत रत्न डॉ भीमराव अम्बेडकर की शिक्षाओं के प्रचार प्रसार के लिए बहुजन समाज पार्टी ने 10 दिवसीय अम्बेडकर चेतना यात्रा का शुभारंभ कनीना अंबेडकर चौक से किया। चेतना यात्रा के नेता ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने डा. भीमराव अम्बेडकर की प्रतिमा पर साथियों के साथ माल्यार्पण कर यात्रा का शुभारंभ किया।
डा. भीमराव अंबेडकर चौक पर कार्यकर्ताओं को सम्बोधित करते हुए अतरलाल ने कहा कि किसान, मजदूर, महिला तथा युवा अपनी समस्याओं को लेकर बेहद चिंतित, बेबस, लाचार तथा सदमे में है। ओलावृष्टि भारी बरसात से फसलों में हुए नुकसान के कारण किसान सदमे में है। मनरेगा का बजट कम होने के कारण मजदूरों को पूरी मजदूरी नहीं मिल रही। मिड डे मिल वर्कर, आंगनवाड़ी वर्कर, आशा वर्कर अपनी मांगों को लेकर संघर्ष कर रही है। युवा रोजगार न मिलने से हताश हैं। इसलिए बहुजन समाज पार्टी ने किसान, मजदूर, महिला व युवाओं को न्याय दिलाने के लिए यह यात्रा शुरू की है। उन्होंने कहा कि डॉ. भीमराव अम्बेडकर की शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक हैं। उनकी शिक्षाओं संघर्ष करो, संगठित बनो और शिक्षित बनो को अपनाकर ही हम अपने हक और अधिकार ले सकते हैं। उन्होंने बहुजन समाज पार्टी कार्यकर्ताओं को यात्रा शुरू करने के लिए धन्यवाद किया। बाद में यात्रा ने गाहड़ा, सिहोर, छितरोली, झाड़ली, उच्चत, बाघोत में पहुंचकर ग्रामीणों का हालचाल जाना तथा उनको डॉ. भीमराव अम्बेडकर की शिक्षाओं पर चलने का आह्वान किया। इस अवसर पर कुलदीप यादव, अनिल, महादेव, कैलाश सेठ, शेर सिंह यादव, भाग सिंह तंवर, राजबीर, राकेश, भोलू आदि अनेक बसपा कार्यकर्ता मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 3: कनीना में डा भीमराव अंबेडकर को माल्यार्पण करते अतरलाल।
खलिहान से निकल रही है अंकुरित सरसों
-किसान हुये मायूस
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कनीना की आवाज। विगत दिनों क्षेत्र में 69 एमएम वर्षा होने के बाद से किसान अपनी खलिहान को सूखाने में समर्थ नहीं थे किंतु अब मौसम विगत 2 दिनों से खुल जाने के बाद खलियान को सूखाने के लिए उसे उखाडऩे लगे हैं जिसके चलते नीचे सरसों अंकुरित मिल रही है। एक और जहां खलियान के नीचे बिछाई गई पालीथिन ने इस बार किसानों को नुकसान पहुंचाया वहीं अभी भी खलिहान में नीचे पालीथिन पर वर्षा का पानी मिल रहा है।
किसान सुनील, अजीत सिंह, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह आदि ने बताया कि खलिहान में नीचे की सरसों पूर्ण रूप से गल सड़ गई है तथा फफूंद लग चुकी है, काली पड़ गई है, फलिया झड़ गई है और अंकुरित हो गई है। खलिहान में ऊपर का कुछ भाग भी खराब है किंतु नीचे तो पूर्णरूप से खराब है। किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या आ गई है कि फसल नुकसान का मुआवजा तो मिला नहीं है और निकाली गई फसल पैदावार बाजार में ले जाने पर बिकती है या नहीं ? क्योंकि वर्षा ने सरसों की गुणवत्ता खत्म कर दी है। ज्यों ज्यों खलियान में गहराई पर जाते हैं त्यों त्यों फसल खराब और बदरंगी मिल रही है, फसल काली पड़ गई है, दाने खराब हो गए हैं या फिर अंकुरित हो गए हैं। किसानों को यह समझ नहीं आ रहा कि किस प्रकार इस बार अपनी बची हुई पैदावार को घर तक ले जाए। आशा के साथ फसल पैदावार लेनी चाही किंतु उनके अरमानों पर पानी वर्षा और ओलावृष्टि पानी फेर दिया। महज किसान सरकार की ओर नजरें टिकाए हुये है। किसानों की माने उनका कहना है कि 90 प्रतिशत से अधिक फसल बर्बाद हो गई है वहीं कृषि विभाग भी फसल पैदावार में 50 से 70 प्रतिशत तक हानि होने का अंदेशा जता रहा है। फसल पैदावार लेने के बाद ही पता चल पाएगा की फसल में कितना नुकसान हुआ है और उसी के अनुसार उन्हें मुआवजा मिलने की उम्मीद है। बहरहाल किसान अपनी अंकुरित हुई फसल को देखकर बेहद परेशान है। धूप खिलने से किसान कृषि कार्यों में लग गए हैं और बची हुई सरसों और गेहूं की फसल की कटाई का कार्य शुरू कर दिया है जल्द ही अनाज मंडी में सरसों एवं गेहूं की आने की संभावना बनी हुई है।
फोटो कैप्शन 4 व 5: सरसों की अंकुरित फसल।
विवाहिता हुई गुम, गुमशुदगी का मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के एक गांव से शादीशुदा महिला गुम हो गई। उसके पति ने गुमशुदगी का मामला दर्ज करवाया है। पुलिस में दी शिकायत में कहा है कि वह प्राइवेट नौकरी करता है तथा उसकी शादी 2016 में हुई थी। उसके एक लड़का तथा एक लड़की क्रमश: 5 और 2 साल के हैं। उनकी पत्नी 2 अप्रैल तक घर पर थी किंतु जब ड्यूटी पर चला गया तो 3 अप्रैल को शाम के समय उनकी पत्नी घर पर नहीं मिली। तलाश की गई कहीं सुराग नहीं लिया लगा। वह अपने साथ जेवरात, पैसे, आधार कार्ड, पैन कार्ड, सर्टिफिकेट 10वीं एवं 12वीं लेकर चली गई। उन्हें शक है कि किसी अज्ञात व्यक्ति ने उसे कहीं छुपा रखा है। पुलिस ने गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।
स्कूलों में प्रवेश को लेकर अभिभावक हैं परेशान
-बच्चे को उसकी रुचि के अनुसार दिलवाये विषय-शिक्षाविद
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कनीना की आवाज। स्कूली कक्षाओं में प्रवेश के लिए चल मारामारी चल रही है। अभिभावक अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलवाने के नाम पर भटकते देखे गये हैं किंतु कई बार सही गाइडेंस न मिलने से बच्चे भी उस ओर मुड़ जाते हैं जो उनके भविष्य के लिए कम कारगर साबित होती है। क्या कहते हैं शिक्षाविद-
पूर्व जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी डा राजेंद्र सिंह यादव का कहना है कि बच्चों की स्कूल में प्रवेश की जद्दोजहद अभिभावकों के मन में चलती रहती है। कुछ सुझाव उनकी उलझन को सुलझाने में सहायता कर सकते हैं। ज्यादा परेशानी दसवीं कक्षा के बाद स्कूल में प्रवेश की होती है तथा विषय चयन की होती है। विषय बच्चों की रुचि के अनुसार चुने। कला विषय की बात करें तो आईएएस 2021-22 के कला विषय में टॉपर रहे हैं। कामर्स विषय में आईसीडब्ल्यूए, फाइनेंस एडवाइजर में कैरियर की संभावना है। साइंस में मेडिकल तथा नान मेडिकल रुचि अनुसार बच्चा ले सकता है। रुचि के विषय में बच्चों को निपुण बना हर क्षेत्र में आगे ले जाया जा सकता है। कोई भी विषय वर्ग कम नहीं है। जरूरत है पूरी शिद्दत से पढऩे की। स्कूल चयन में यह ध्यान में रखें कि अध्यापक अपने विषय के एक्सपर्ट हो और स्कूल प्रबंधन पूरा ध्यान बच्चों की का करती हो। 11वीं तथा 12वीं कक्षा में भी अधिक दूर भेजकर मानसिक परेशानी में बच्चों के घिरने की संभावना रहती है। जहां अध्यापक एक्सपर्ट हो तथा आज की हर जानकारी रखते हो, स्कूल लैब तथा स्पोर्ट्स आदि की सुविधा भी हो स्कूल का सही चुनाव किया जा सकता है।
यदि बच्चे की पढ़ाई शुरू करनी है तथा 3-4 वर्ष से लेकर 12 -13 वर्ष तक का है तो नजदीक का स्कूल चुने। बच्चों को अधिक सफर न तय करना पड़े। प्रबंधन शिक्षा के प्रति समझ रखते हो स्कूल चयन आसान बन जाता है। बच्चों को कहीं भी प्रवेश कराने से पहले स्कूल संस्था की पूरी जानकारी अभिभावक अवश्य ले। सिर्फ फीस का मापदंड या व्यक्तिगत जानकारी के हिसाब से प्रवेश दिलाना गलत साबित हो सकता है। बच्चों के जीवन में माता-पिता और स्कूल का योगदान रखता है मायने रखता है। पढ़ाई के साथ-साथ अच्छे इंसान बनने की प्रक्रिया भी घर और स्कूल से ही होती है।
पूर्व उप जिला शिक्षा अधिकारी डा रामानंद यादव का कहना है कि अब चूंकि दाखिला का उत्सव चल रहा है तो जाहिर है कि हमारे जहन में सवाल उठना लाजिमी है कि अपने बच्चों या हमारे से मार्गदर्शन लेने वाले बच्चों को किस स्ट्रीम में दाखिला लेने की सलाह प्रदान की जावें । एक बात काबिले गौर है कि अभिभावक अपने बच्चों को किसी भी स्ट्रीम के लिए दबाव न बनाएं। बच्चे की अभिरुचि का सम्मान वांछित है। रुचि के अनुरूप पाठ्यक्रम पढ़कर छात्र उत्कृष्टता को हासिल करता है। मानविकी , वाणिज्य , विज्ञान आदि स्ट्रीम रुचि अनुरूप अध्ययन किए जावें । अगर तकनीकी अभिरुचि हो तो वे अध्ययन प्रस्तावित हैं, जहां आगे चलकर इन्हीं संस्थाओं में आसानी से प्रवेश सुलभ हो सके । मार्गदर्शन पैरेंट्स के साथ -साथ शिक्षकों से भी लिया जा सकता है । अगर आपके पैरेंट्स अशिक्षित हैं तो आप उनसे जान सकते हैं कि वे आपको क्या बनना देखना चाहते हैं तथा अपनी रुचि अनुरूप आगे की पढ़ाई जारी रख उन्हें आश्वस्त कर सकते हैं । अब नयी शिक्षा नीति पर भी तवज्जो दी जा रही है अत: स्किल बेस्ड शिक्षा नीति हमें देखने को मिलेगी । संक्षेप में भविष्य में आप किस कैरियर को अपनाना चाहते हैं वही पाठ्यक्रम अध्ययन के लिए चुनें ।
उधर शिक्षाविद सुनील कुमार का कहना है किब अभी हाल ही में सम्पन्न हुई स्कूली परीक्षायें जिसमें बच्चों ने तनाव में रहकर व दिन रात मेहनत करके पढ़ाई की तथा अपनी परीक्षायें दी। पहले समय में बच्चों को दसवीं की परीक्षा देने के बाद कई महीनों तक रिजल्ट का इंतजार करना होता था, बच्चे इस समय बहुत ही प्रसन्न रहते थे व सगे संबंधियों विशेष कर अपने मामा के यहां जाकर अलग ही ऊर्जावान महसूस करते थे अपनी शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाकर शरीर को मजबूत करते थे । लेकिन अब बदलते समय के अनुसार बच्चों को रिजल्ट का इंतजार ना करके अगली कक्षा में प्रोविशनल प्रवेश दिला दिया जाता है। अब सबसे बड़ी समस्या जो बच्चों व अभिभावकों के सामने आती है वो यह है कि अपने बच्चे को ग्यारहवीं कक्षा में कौन सा संकाय दिलवायेे। तो यहां पर आपको बताना चाहूंगा कि यहां पर आप अपने बच्चे की रुचि के अनुसार ही विषयों का चुनाव करें ताकि बच्चे को भविष्य में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। इसके साथ शुरुआत में आज कल सभी स्कूलों में ट्रायल कक्षायें लगाई जा रही है जिससे बच्चे कुछ दिन विषय को पढ़कर उसका चुनाव कर सकते है। इसके साथ साथ अंत में कहूंगा कि बच्चे तो अनमोल होते है वो अपने भविष्य की चिंता ना करते हुए मन में विषय के डर की भावना से पढ़ाई में सबसे अव्वल होते हुए भी आसान विषय का चयन कर लेते हैं। अत: हम सभी का भी यह कर्तव्य है कि जब बच्चा ट्रायल कक्षा लेने के लिए आ रहा है तब उसकी बौद्धिक क्षमता को जानकर उसको विषयों की उपयोगिता बताकर विषय चयन में उसकी मदद कर सकते है।
फोटो कैप्शन : डा राजेंद्र यादव, डा रामानंद, सुनील कुमार शिक्षाविद
सड़क मार्ग हो गये जर्जर
-कनीना मंडी मार्ग की सुध लेने की पुन: उठी मांग
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में प्री-मानसून वर्षा के बाद सभी सड़क मार्ग अति जर्जर हो गये हैं। कनीना के अटेली टी-प्वाइंट से रेवाड़ी अटेली टी-प्वाइंट तथा कनीना मंडी सड़क मार्ग की हालात सबसे अधिक जर्जर हो गई है। रेवाड़ी मुख्य मार्ग हो या अपरोच मार्ग बुरी हालात में पड़े हैं। लंबे समय तक प्री-मानसून होती रहने की ही परिणाम जर्जर मार्ग हैं।
कनीना का अटेली टी-प्वाइंट से रेवाड़ी टी -प्वाइंट तक करीब 2 किलोमीटर लंबा टुकड़ा, वाहनों के अत्यधिक आवागमन के चलते जर्जर अति जर्जर हो चला है। बार-बार गड्ढों को अस्थाई रूप से भरा जाता है किंतु दो तीन दिनों में ही रोडिय़ां बिखर जाती हैं। गंदा पानी खड़ा हुआ है। आवागमन गंदे जल से हो रहा है। दो दो फीट गहरे गड्ढे बन गये हैं। गड्ढों के चलते कोई भी बड़ी दुर्घटना घट सकती है। वाहन चालक और पैदल करने वाले लोग बेहद परेशान है। बार-बार इन सड़क मार्गों की सुध लेने की बात की जाती है किंतु प्रशासन मौन मिलता है। अटेली टी-प्वाइंट से रेवाड़ी टी प्वाइंट तक सबसे दुष्कर मार्ग बना हुआ है।
करीब डेढ़ माह पूर्व कनीना मंडी मार्ग की सुध लेने के लिए कनीना के लोगों द्वारा आंदोलन चला था किंतु प्रशासन द्वारा दस दिनों के आश्वासन के बाद धरना समाप्त हो गया था। किंतु काम शुरू होने के कारण फिर से कनीनावासियों में रोष पनप रहा है। उन्होंने इस मार्ग की सुध लेने की मांग की है।
क्या कहते है कनीनावासी-
मुकेश नंबरदार का कहना है कि सबसे अधिक प्रयोग होने वाला मार्ग बस स्टैंड कनीना के सामने से गुजरता है। यह मार्ग जो अटेली टी-प्वाइंट से रेवाड़ी टी-प्वाइंट तक तक बेहद जर्जर हो चला है। कनीना मंडी मार्ग भी अति जर्जर है। यह हालात अब की नहीं अपितु वर्षों पुरानी है। इस समस्या का कोई समाधान नहीं किया जा रहा है। जिसके चलते लोगों में भारी रोष है। इस मार्ग पर जगह जगह गंदा जल बड़े बड़े गड्ढे बने हुए हैं।
उधर योगेश अग्रवाल का कहना है कि जब जब बारिश होती है तब तब अटेली टी-प्वाइंट से रेवाड़ी टी प्वाइंट तक तक मार्ग अति जर्जर हो जाता है। यही नहीं इसके रेवाड़ी रोड के पास कालर वाली जोहड़ ने भी इस मार्ग को कुछ क्षति पहुंचाई है। कनीना मंडी मार्ग को पुन:निर्मित किया जाए।
कुलदीप बोहरा का कहना है की सबसे अधिक वाहन कनीना बस स्टैंड के समक्ष गुजरने वाले सड़क मार्ग से गुजरते हैं किंतु के सड़क मार्ग अति जर्जर हो चला है। जगह-जगह छोटे गड्ढे बन गए हैं। जिनमें गंदा पानी और कीचड़ भरा रहता है। एक बार बारिश होती है एक सप्ताह तक पानी नहीं सूखता जिससे चलते वाहन गंदगी कीचड़ लोगों के चेहरों पर फेंकते नजर आते हैं। इस मार्ग की सुध ली जाए।
फोटो कैप्शन 01:कनीना बस स्टैंड समक्ष गुजरने वाले सड़क मार्ग की जर्जर हालात
नहर के साथ बनाये गये सड़क मार्ग भरा है गंदा जल
-गंदे जल से हो रहा है आवागमन
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कनीना की आवाज। रेवाड़ी सड़क मार्ग को अटेली सड़क मार्ग से नहर के साथ-साथ मिलाने वाली सड़क वर्तमान में पूर्ण रूप से गंदे पानी से भरी हुई है। जगह-जगह छोटे-छोटे तड़ाग बन गए हैं जिनका पानी एक-एक सप्ताह तक नहीं सूखता। इस मार्ग पर आवागमन वर्तमान में सबसे ज्यादा हो रहा है क्योंकि कनीना बस स्टैंड होकर अटेली सड़क मार्ग तक पहुंचना बहुत दुष्कर कार्य है। एक तो भीड़ भरा इलाका तथा वही कनीना बस स्टैंड से अटेली टी-प्वाइंट तक का सड़क मार्ग महज एक किलोमीटर से भी कम है किंतु 10 मिनट इसको पार करने में लगती है। क्योंकि भारी संख्या में गड्ढे गंदे पानी से भरे हुए हैं। गड्ढे और भीड़ होने के कारण आवागमन में परेशानी होती है। यही कारण है कि लोग रेवाड़ी मार्ग से अटेली जाने के लिए तथा अटेली मार्ग से रेवाड़ी रोड पर चढऩे के लिए नहर के साथ-साथ पगडंडी का प्रयोग करते हैं। यद्यपि यहां सड़क बना दी गई थी किंतु वर्तमान में पूर्ण रूप से जर्जर हो चुकी है। सड़क मार्ग पर गंदे पानी के छोटे छोटे तालाब बन गए जिससे आवागमन बहुत कठिन हो गया है। ऐसे में कनीना वासियों की मांग है सड़क मार्ग को दुरुस्त किया जाए। इस मार्ग को पुन: पक्का करने के लिए नगर पालिका में बजट आ चुका है जिसके चलते नहर के दोनों तरफ से सड़क निकाली जाएगी, जो मिनी बाईपास का काम करेगी। अब यह सड़क निर्माण कब तक शुरू हो पाता है कहना कठिन है क्योंकि नगरपालिका का कार्यकाल समाप्त होने को जा रहा है। यही कारण है कि लोग अगले पालिका प्रधान या प्रशासक की ओर नजर टिकाए है। नगर पालिका का कार्यकाल समाप्त होता देख विकास कार्य भी ठप पड़े हैं। ऐसे में कनीना की दुर्दशा पर तरस खाने की मांग की है।
वर्तमान में कनीना मंडी, कनीना बस स्टैंड से अटेली टी-प्वाइंट तक मार्ग तथा नहर के साथ-साथ पगडंडी पूर्णरूप से जर्जर है। पूर्व सीपीएस अनीता यादव ने भी इस सड़क मार्ग की सुध लेने की मांग की है। नगर पालिका प्रधान का कहना है कि राशि आई हुई है और इसका प्रयोग करना अधिकारियों पर निर्भर करता है। जितनी जल्द बजट प्रयोग करें उतना बेहतर होगा।
फोटो कैप्शन 2: पगडंडी पर भरा जगह-जगह गंदा पानी
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