प्राथमिक कक्षा के बच्चे को बुरी तरह से बंदरों
-मुख्याध्यापक ने एसडीएम सहित एसएमओ कोभेजा पत्र
- 3 महीने में बंदरों द्वारा काटने की यह दूसरी घटना
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कनीना की आवाज। कनीना के राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कैंपस में स्थित प्राथमिक विद्यालय के एक बच्चे को शुक्रवार के दिन बंदरों ने बुरी तरह से काट लिया। विद्यार्थी प्राथमिक कक्षा का ऋषभ नाम का विद्यार्थी है जिसके माता-पिता मेहनत मजदूरी करते हैं। ठीक 3 महीने पहले भी इसी प्राथमिक विद्यालय के प्राथमिक कक्षा के एक बच्चे को भी बंदरों ने बुरी तरह से काट लिया था। बच्चे को बंदरों द्वारा काटे जाने के बाद मुख्याध्यापक नरेश कौशिक ने त्वरित कार्रवाई करते हुए नागरिक अस्पताल कनीना में उसे भर्ती करवाया तथा एंटी रेबीज का टीका अपनी जेब से पैसे खर्च कर लगवाया। उन्होंने बताया कि ठीक 3 माह पहले भी प्राथमिक स्कूल के बच्चे को बंदरों ने काट लिया था।
एसडीएम सहित एसएमओ से एंटी रेबीज टीके उपलब्ध करवाने का भेजा पत्र --
नरेश कौशिक मुख्य अध्यापक ने एसएमओ सहित एसडीएम कनीना को पत्र प्रेषित कर कनीना उप-नागरिक अस्पताल में एंटी रेबीज के टीके उपलब्ध करवाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि गरीब व्यक्ति बंदरों और कुत्तों द्वार काटे जाने पर अपनी जेब से पैसे लगाते हैं। ऐसे में यदि एंटी रेबिज के टीके मिल जाए तो गरीब व्यक्ति मुफ्त में इलाज करवा सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि कनीना के उप-नागरिक अस्पताल में लंबे समय से एंटी रेबीज के टीके का अभाव है जबकि बंदरों और कुत्तों की संख्या बढ़ती ही जा रही है। कनीना क्षेत्र में एक बच्ची की कुछ वर्ष पहले भी कुत्तों के काटने से मौत हो गई थी। बंदरों के काटने की कम से कम आधा दर्जन घटनाएं हो चुकी है।
भरमार है बंदरों की-
कनीना क्षेत्र में बंदरों की भरमार है। नगर पालिका द्वारा महज एक बार इन बंदरों को पकड़वा करदूर छुड़वाया था किंतु ये बंदर फिर से बढ़ते ही जा रहे हैं। जहां बंदर बढ़ रहे हैं वही गलियों में कुत्ते भी बढ़ते ही जा रहे हैं।
बंदरों को पकड़वा कर दूर भेजने की मांग -
कनीना के समाजसेवी शिव कुमार अग्रवाल ने पहले भी कई बार प्रशासन से बंदरों को पकड़वा कर दूरदराज भिजवाने की बात कही थी किंतु कार्रवाई नहीं हुई। पालिका प्रधान सतीश जेलदार भी इन बंदरों को पकड़कर दूर भी छुड़वाना चाहते हैं किंतु बंदरों को पकड़कर दूर छोडऩे का ठेका छोडऩे के बावजूद भी ठेकेदार नहीं आ पाए।
तीन दिवसीय जागरण हुआ संपन्न
--श्रीश्याम मंदिर कमेटी कनीना द्वारा आयोजित था कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। श्रीश्याम मंदिर कमेटी कनीना द्वारा सातवां तीन दिवसीय संकीर्तन संपन्न हो गया। श्रीश्याम मंदिर कमेटी द्वारा आयोजित जागरण के तीसरे दिन मुख्य अतिथि संदीप सिंह निर्वाण जयपुर रहे। वही दीप प्रज्वलित समाजसेवी ठाकुर आतरलाल ने किया।
इस दौरान मुख्य गायक कलाकार साक्षी अग्रवाल ने -भर दे रे श्याम झोली भरदे मत बहला बातों में, मोर छड़ी मारा हाथा में, दर्जी सीम दे निशान मन्ने खाटू जाना अन्य भजनों से श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। श्रीश्याम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष संदीप महेश्वरी ने बताया की हर वर्ष की बाबा का जागरण किया जाता है। अबकी बार से यह तीन दिवसीय जागरण कार्यक्रम हुआ है। इस दौरान विशिष्ट अतिथि ठाकुर लाल ने कहा कि जागरण का आयोजन करने से लोगों में भक्ति के प्रति आस्था बढ़ती है। कनीना के , बाबा मोलड़ नाथ,बाबा लाल गिरी, बाबा राधे दास सहित अनेक धार्मिक स्थल है। जहां समय समय पर भजन सत्संग के कार्य होते रहते हैं। इस मौके पर नगर पालिका महेंद्रगढ़ के प्रधान रमेश सैनी, संदीप महेश्वरी, योगेश गुप्ता, राकेश बोहरा, जोगेंद्र चौधरी, नवीन सिंगला, नवीन शर्मा, चेयरमैन भाग सिंह, पंकज तंवर, रवी कौशिक, दान सिंह प्रजापत, महेश शर्मा, प्रियंका, शिल्पा, अंजू, राधिका, सरोज, मंजू, सुनीता सहित अनेकों श्रद्धालु मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 07: मुख्य अतिथि को स्मृति चिह्न भेंट करते श्रीश्याम मंडल कमेटी के सदस्य।
राष्ट्रीय राजमार्ग पर कट के लिए धरना 47वें दिन भी रहा जारी
-कट का काम शुरू न होने तक रहेगा धरना जारी
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कनीना की आवाज। 152-डी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेहलंग-बाघोत गांव के बीच कट बनवाने के लिए 47वें दिन भी जारी रहा जिसकी अध्यक्षता डा. धर्मेन्द्र धनखड ने की।
इस मौके पर धर्मेंद्र धनखडु ने बताया कि फसल पैदावार के व्यस्त शेड्यूल के बीच भी ग्रामीण शांति पूर्वक धरना दे रहे हैं। सभी ग्रामीण अपनी मांग मनवाने के लिए बैठे हुए है और सरकार ने आश्वासन दिया हुआ है, उसका इंतजार कर रहे है। इस कट के बनने से यह पिछड़ा हुआ इलाका राजधानी चंडीगढ़ और राज्य के बाकी इलाकों से जुड़ जाएगा और इलाके का पिछड़ेपन दूर हो जाएगा।
उनका कहना है कि 152-डी के इस कट से विकास के सभी रास्ते खुल जाएंगे वहीं हजारों लोगों को लाभ होगा। इससे उद्योगों एवं कंपनियों को बढ़ावा मिलेगा वहीं चंडीगढ़ तक क्षेत्र के लोग आसानी से पहुंच जाऐं
इस मौके पर विजय सिंह चेयरमैन नौताना, राज पार्षद,ओम प्रकाश पीटीआई,सत्यदेव शर्मा झाड़ली, तेज सिंह नौसवां, श्योताज मालडा, महावीर,छोटेलाल, लक्ष्मण, रणधीर पहलवान, श्रीराम, राम सिंह आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 8: कट के लिए धरने पर बैठे लोग।
सरसों की खरीद न होने से लगाया जाम
-गेटपास देने के बाद हटा दिया गया जाम
-खरीद बंद होने की चल रही हैं अफवाहें
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कनीना की आवाज। नई अनाज मंडी चेलावास में सरसों की खरीद न होने के चलते किसानों ने अपने ट्रैक्टरों द्वारा मुख्य सड़क मार्ग कनीना-नारनौल-अटेली पर जाम लगा दिया किंतु उनको सुबह टोकन दिए जाने के बाद उन्होंने जाम को हटा दिया।
मिली जानकारी अनुसार 27 अप्रैल करीबब दस किसानों के टोकन काट दिए गए किंतु उन्हें एंट्री नहीं दी गई। उसके बाद भारी संख्या में किसान और आ गए जो सुबह तक किसानों की लंबी लाइन लग गई। जो कि 27 अप्रैल को मार्केट कमेटी सचिव मनोज पाराशर ने पहले ही 28 अप्रैल के अवकाश की घोषणा कर रखी थी। उनका कहना है कि अनाज मंडी के सरसों भारी मात्रा में पड़ी हुई है। उठान नहीं हो पाया है। आंधी व बारिश का अंदेशा है ऐसे में सरसों भीग जाएगी। पहले इस सरसों का उठान करवाया जाएगा तत्पश्चात ही खरीद की जाएगी। उन्होंने बताया कि जिला उपायुक्त की नोटिस में देकर एक दिन की खरीद रोक दी गई थी किंतु किसानों की लंबी कतार को देखते हुए समस्या बन गई। उनका कहना था कि सरसों की खरीद की जाए जिसके चलते लंबी कतार किसानों की लग गई और जाम लगा दिया। जब आवागमन बाधित हुआ तो शुक्रवार की सुबह करीब दस बजे उन किसानों को टोकन देकर अंदर कर दिया। मौके पर पुलिस भी पहुंच गई।
उधर नेफड खरीद एजेंसी ने खरीद का काम हैफेड को दिया हुआ है। हैफेड के लिए ककराला सहकारी समिति किसानों की सरसों खरीद कर रही है जिसमें आढ़ती सहयोग कर रहे हैं। खरीद एजेंसी ने बताया कि एक सीमा से अधिक खरीद नहीं कर सकते किंतु किसानों की संख्या बढ़ते चले जाने से फड़ों पर भारी मात्रा में सरसों जमा हो गई। उनके पास 15 पल्लड़ है। जो खराब मौसम के मौसम के लिए पर्याप्त नहीं है। ऐसे में उनका कहना है कि पहले बात हो चुकी थी उसके अनुसार किसान नहीं आए अपितु अधिक किसान आने से उठान नहीं हो पाया।
उधर व्यापार मंडल के उप प्रधान रविंद्र बंसल ने आरोप लगाया कि दूरदराज के बाहरी किसान अधिक मात्रा में सरसों लेकर आ रहे हैं। इसके कारण क्षेत्र के किसानों की सरसों नहीं बिक पा रही है।
मौके पर एसडीएम कनीना सुरेंद्र सिंह पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा कि जो किसान अंदर आ गये उनकी खरीद पर विचार किया जा रहा है किंतु बाहर खड़े किसानों को घर जाने के लिए कहा गया। इसके बाद तो अफवाह फैल गई कि सरसों की खरीद बंद कर दी गई जिसके चलते किसानों में रोष पनप गया। अब टोकनशुदा किसानों की सरसों खरीदने के लिए उच्चाधिकारियों के आदेश का इंतजार है।
फोटो कैप्शन 6: नई अनाज मंडी कनीना के बाहर लगाया गया जाम।
मुख्य मार्गों पर झुके हुए पेड़ बने हुए आफत
-बहुत से खड़े हैं सूखे पेड़
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कनीना की आवाज। मुख्य मार्ग और अप्रोच मार्गों पर अनेकों ऐसे पेड़ खड़े हुए हैं जो सड़क मार्गों पर झुके हुए हैं जो गिरने के कगार पर है। बहुत से पेड़ सूख चुके हैं। कभी भी किसी राहगीरों पर गिर सकते और बड़ा हादसा हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि विगत वर्ष डहीना का एक व्यक्ति जब रेवाड़ी मार्ग से जा रहा था तो अचानक कीकर का बहुत बड़ा पेड़ गिर गया। मोटरसाइकिल सवार बाल बाल बचा। ऐसे अनेक पेड़ खड़े हुए हैं जो या तो अंदर से नष्ट हो चुके हैं या आंधी बारिश ने उनको टेढ़ा कर दिया है या वो सूख चुके हैं। रेवाड़ी में पानी की टंकी के पास भी बड़ा पेड़ गिरने के कगार पर है। यह पेड़ सूख चुका है। पेड़ कभी भी गिर सकता है। यह मार्ग अति व्यस्त मार्ग है ऐसे में। इस दुर्घटना से बचने के लिए पेड़ों की कटाई जरूरी है। राहगीरों की मांग है कि ऐसे पेड़ों को हटाया जाए ताकि भविष्य में कोई खतरा नहीं रहे।
क्या कहते हैं राहगीर-
डा मुंशीराम का कहना है कि वे अक्सर दुपहिया वाहन पर सड़क मार्ग से होकर गुजरते हैं। कभी भी कोई सूखा पेड़ गिरकर दुर्घटना कर सकता है। ऐसे उन्होंने इन पेड़ों को साफ करने की मांग की है। महेश बोहरा ने कहा कि आज के दिन भागदौड़ की जिंदगी में कहीं भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है क्योंकि सड़क के किनारे वाहनों का आवागमन होता है और बड़े-बड़े सूखे पेड़ खड़े हुये हैं। कभी भी गिरकर बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकते हैं। विजयपाल विगत वर्ष की घटना बताते हैं कि एक व्यक्ति बाल बाल बचे जब वो एक बड़े पेड़ से थोड़ा सा आगे निकले और पूरा पेड़ ही सड़क मार्ग पर आ गिरा। सौभाग्य से जिंदगी बच गई। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की घटनाओं से बचने के लिए सूखे पेड़ों को निकलवाना चाहिए।
अजीत सिंह का कहना है कि वे अक्सर सड़क मार्ग से जाते हैं। आए दिन इस प्रकार के पेड़ आंधी और बारिश में टूट कर गिर जाते हैं। ऐसे सूखे पेड़ों को अविलंब निकलवा देना चाहिए ताकि हादसों से बचा जा सके।
क्या कहते फोरेस्टर
पूर्व फोरेस्टर रूपचंद यादव का कहना है कि अक्सर विभाग सितंबर अक्टूबर में ऐसे पेड़ों की गणना करता है जो सूख गए हैं या गिरने की कगार पर है। तत्पश्चात इन पेड़ों की कटाई का ठेका दिया जाता है और इनके कटाई कर दी जाती है। उन्होंने कहा कि वन विभाग हर वर्ष इस प्रकार की गतिविधियां अपनाता है।
फोटो कैप्शन 04: सड़क मार्ग पर झुका हुआ सूखा कीकर का पेड़।
साथ में डा मुंशीराम, महेश बोहरा,विजयपाल एवं अजीत सिंह।
धनौंदा में 13 वर्षीय किशोर की संदिग्ध परिस्थितियों में हुई मौत
-घटना बीती देर शाम की है
-परिजनों ने जताई हत्या की आशंका
-कनीना सिटी थाना में दी शिकायत
-डीएसपी हेड क्वार्टर जितेंद्र कुमार ने आज घटना स्थल पर पहुंच कर बारीकी से मौका मुआयना किया
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव धनौंदा में एक 13 वर्षीय किशोर की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मिली जानकारी के अनुसार नौवीं कक्षा में पढऩे वाला मोहित गुरुवार को एक बजे स्कूल से लंच करने के लिए घर आया था। उसके बाद वह स्कूल नहीं गया शाम के समय मृतक मोहित के भाई विशाल के पास किसी का फोन आया कि आपका भाई बणी में पेड़ से लटका हुआ है। उसके बाद परिजन बणी में पहुंचे और डायल 112 को सूचना दी। सूचना मिलने पर कनीना शहर पुलिस डायल 112 टीम मौके पर पहुंची। उन्होंने शव को कब्जे में ले लिया शव को उप नागरिक अस्पताल कनीना में रखा गया है। मृतक गांव के सरकारी स्कूल की नौवीं कक्षा का छात्र था। मृतक के भाई विशाल 17 वर्ष जो सातवीं तक पढ़ाई करके छोड़ दिया और एक बहन भारती 11 वर्षों की छठी कक्षा में पढ़ती है। मृतक का पिता लाल सिंह कैंसर का मरीज है। वह मजदूरी का कार्य करता है। शुक्रवार को डीएसपी हेड क़वार्टर जितेंद्र कुमार ने घटना स्थल पहुंचकर मौके का बारीकी से निरीक्षण किया। पुलिस कार्यवाही में जुटी हुई है। वही मृतक के परिजनों ने हत्या की आशंका जताई है। वही पुलिस जांच अधिकारी संजय सिंह ने बताया कि पुलिस शिकायत के आधार पर जांच कर रही है जो भी उचित होंगा वह कार्यवाही अमल में लाई जायेगी।
स्वजनों ने क्या दी है शिकायत-
कनीना पुलिस में संदिग्ध परिस्थितियों में मृतक के स्वजनों में रतन सिंह धनौंदा ने शिकायत में कहा कि मेरे भाई का लड़का मोहित गांव धनौंदा में 27 अप्रैल को शाम लगभग 2:30 बजे घर से खेलने के लिए गया था। जब शाम तक नहीं लौटा तो शाम को 6 बजे सूचना मिली कि मोहित श्मशान घाट के पीछे बणी पेड़ से लटका हुआ है। सूचना पाकर शिकायतकर्ता के साथ लाल सिंह, नरेश, उदय सिंह एवं विशाल मौके पर पहुंचे। जहां पर पहले ही गांव के अनेक व्यक्ति खड़े हुए थे जिनकी सहायता से मोहित के शव को पेड़ से उतारा गया। पुलिस को सूचना दी गई। उन्होंने कहा कि उसकी उम्र 13/14 साल थीतथा नौवीं कक्षा में सरकारी स्कूल धनौंदा में पढ़ता था। उन्होंने आरोप लगाया है कि उनकी गांव के व्यक्तियों से रंजिश चल रही थी जिनमें चंद्रशेखर, सोनू एवं देवीलाल प्रमुख हैं। सवाई सिंह के साथ 27 अप्रैल को हमारा करीब 1:30 बजे झगड़ा हुआ था। मोहित व उसका भाई विशाल के साथ भी झगड़ा हुआ था। शिकायतकर्ता ने शक जाहिर किया है कि उन्होंने मोहित को मारकर लटका दिया है। उनकी शिकायत पर कार्रवाई जारी है।
मामला हुआ दर्ज-
मृतक के स्वजनों की शिकायत पर कनीना पुलिस ने चंद्रशेखर, सोनू, देवीलाल, सवाई सिंह नामक लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
फोटो कैप्शन 5: धनौंदा में युवक की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत की जांच करती पुलिस।
एसडियन्स बने प्रोजेक्ट टाइगर प्रतियोगिता के प्रतिभागी
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कनीना की आवाज। केन्द्र सरकार के एनवायरमेंट फारेस्ट एण्ड क्लाइमेट चेंज नेशनल म्यूजियम आफ नेचुरल हिस्ट्री डिपार्टमेंट की तरफ से प्रोजेक्ट टाइगर के 50 साल पूरे होने पर 9वीं से 12वीं कक्षा तक विद्यार्थियों के लिए नेशनल लेवल पेंटिंग कंपीटिशन का आयोजन किया गया। जिसमें एसडी सीनियर सेकेंडरी विद्यालय ककराला के विद्यार्थी इस प्रतियोगिता के प्रतिभागी बने।
एसडी विद्यालय के चेयरमैन जगदेव यादव ने सभी प्रतिभागियों को बधाई दी व उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। श्री यादव ने अपने वक्तव्य में बताया की नेशनल म्यूजियम ऑफ हिस्ट्री विभाग की तरफ से वातावरण व वन्य जीवों की सुरक्षा के लिए उठाया गया महत्वपूर्ण कदम है। विद्यार्थियों ने अपनी पेंटिंग द्वारा विषय टाइगर द किंग ऑफ जंगल पर अपने भावों को प्रकट किया तथा मानव द्वारा स्वार्थ स्वरूप अधिक मात्रा में काटे जाने वाले जंगलों को अनैतिक बताया। इस अवसर पर प्राचार्य योगेश शर्मा, उप-प्राचार्य पूर्ण सिंह, सीएओ. नरेन्द्र यादव, सीईओ आर एस यादव आदि समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 03: एसडी स्कूल के विद्यार्थी पेंटिंग करते हुए।
पाथेड़ा में आयोजित हुये खेल कूद
-संजना ने दौड़ में बाजी मारी
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कनीना की आवाज। शिक्षा विभाग के आदेश अनुसार शुक्रवार को राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पाथेड़ा में बाल खेल उत्सव का आयोजन किया गया। इसके तहत विभिन्न खेल प्रतियोगिताएं आयोजित की गई प्रतियोगिताएं सीनियर व जूनियर वर्ग में आयोजित की गई । कार्यक्रम की अध्यक्षता स्कूल प्रभारी ओम कुमार यादव ने की व टीम संयोजन तथा मैच रेफरी की भूमिका हनुमान सिंह,राजबाला कौशिक तथा दिनेश कुमार ने निभाई।
जूनियर वर्ग में दौड़ में लड़कियों में संजना तथा लड़कों में हर्ष प्रथम रहे। वहीं सीनियर वर्ग में किरण तथा समीर ने बाजी मारी खो-खो सीनियर वर्ग में निशिका तथा जूनियर वर्ग में सोनिया की टीम विजेता रही। लड़कों की कबड्डी में जूनियर वर्ग में हर्ष तथा सीनियर वर्ग में श्रवण की टीम विजेता रही अपने अध्यक्षीय भाषण में ओम कुमार ने खेलों का महत्व बताते हुए कहा कि एक स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ दिमाग निवास करता है तथा खेलों के माध्यम से हम अपना कैरियर बेहतर ढंग से बना सकते हैं। खेल शरीर मन व बुद्धि के बीच संतुलन स्थापित करते हैं तथा विद्यार्थियों के चहुंमुखी विकास के लिए बहुत आवश्यक है इस अवसर पर डिंपल भांडोरिया सुरेश कुमार शर्मा राजेश कुमार, वंदना, शुभम, बिजेंद्र, मुकेश प्रताप राजेंद्र महावीर सुरेंद्र कुमार आदि ने टाइम कीपर,स्कोरर व निर्णायक आदि की विभिन्न भूमिकाएं निभाकर कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना योगदान दिया इस अवसर पर विद्यालय के समस्त विद्यार्थी तथा स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 02: पाथेड़ा में खेल प्रतियोगिता का नजारा।
राष्ट्रीय पशु चिकित्सा दिवस पर पशुपालक जागरूकता कैप 29 को
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय पशु चिकित्सा दिवस पर कनीना के राजकीय पशु चिकित्सालय में पशुपालक जागरूकता कैप 29 अप्रैल को आयेजित किया गया है। विस्तृत जानकारी देते हुए पशु चिकित्सक डा पवन कांगड़ा ने बताया कि इस कैंप में राघव पशु जांच केंद्र कनीना के सहयोग से दूध एवं अन्य जांच मुफ्त में जाएंगे की जाएंगी । किसी भी पशुपालक का पशु थनेला बीमारी से पीडि़त है या दूध की किसी भी प्रकार की बीमारी होने की संभावना है तो इस कैंप का लाभ उठा सकता है। किसानों को थनेला के लिए यथासंभव दवाइयां मुफ्त में दी जाएंगी।
2673 विद्यार्थी नवोदय विद्यालय प्रवेश परीक्षा में बैठेंगे
-29 अप्रैल को हांगी प्रवेश परीक्षा
--जिला महेंद्रगढ़ में बनाये गये हैं 10 परीक्षा केंद्र
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कनीना की आवाज। जवाहर नवोदय विद्यालय की कक्षा छठी में प्रवेश हेतु 29 अप्रैल को प्रवेश परीक्षा आयोजित होने जा रही है जिसमें जिसमें जिला महेंद्रगढ़ के पांच खंडों में 10 परीक्षा केंद्र स्थापित किए गए हैं तथा 2673 विद्यार्थी प्रवेश परीक्षा देंगे।
विस्तृत जानकारी देते हुए प्राचार्य राजीव सक्सेना ने बताया कि जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में कक्षा छठी में प्रवेश हेतु जिले के पांच खंडों में परीक्षा 29 अप्रैल को आयोजित हो रही है जिसमें राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अटेली मंडी में 288, राजकीय वमाडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अटेली मंडी में 142, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी में 312, राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बाल)कनीना में 299 , राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय महेंद्रगढ़ में 288, राजकीय मॉडल संस्कृति स्कूल महेंद्रगढ़ 281, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नारनौल में 288, राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बाल) नारनौल में 214, राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय नांगल चौधरी में 288 तथा राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय (बाल) नांगल चौधरी में 273 विद्यार्थी परीक्षा देंगे। इस बार हर खंड में दो दो परीक्षा केंद्र बनाये गये हैं तथा कोई प्राइवेट स्कूल परीक्षा केंद्र के लिए नहीं बनाया गया है।
प्राचार्य ने बताया कि परीक्षा का समय 11:30 से दोपहर पश्चात 1:30 बजे तक का रहेगा। एडमिट कार्ड संबंधित स्कूल से प्राप्त कर सकते हैं। एडमिट कार्ड संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी को पहले ही भेज दिये गये हैं।
कनीना नगरपालिका के चुनाव लडऩे वाले हुए सक्रिय
-हर वर्ग में दिख रहा है जोश
-लंबी सूची है चुनाव लडऩे वालों की
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कनीना की आवाज। कनीना नगरपालिका के भविष्य में चुनाव होने जा रहे हैं। 13 वार्डों में करीब 10 हजार वोटर है। ऐसे में अब चुनावी सरगर्मियां बढऩे लगी है। जहां भी देखें चुनावी चर्चा शुरू हो गई है क्योंकि किसान भी अब खरीफ फसल की तैयारी से पहले कुछ फुर्सत में है। किसान रबी फसल पैदावार ले चुके हैं। ऐसे में अब भीषण गर्मी में हुक्के के अलावा कुछ भी मनपसंद चीज नहीं है। हुक्के के चारों ओर 5 से 7 लोग बैठे मिल ही जाते हैं। आलम यह है कि किसान हुक्के की गुडग़ुड़ाहट पर चुनावी चर्चा छेड़ रहे हैं। अक्सर यही चर्चा होती है कि इस बार युवा पीढ़ी को कमान सौंपी जाए। वैसे भी अधिकांश युवा आगे आ रहे हैं। एक पूर्व प्रधान ने तो पहले ही अपने लड़के की चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी है। चुनाव के लिए अभी से ही भाग दौड़ शुरू कर दी है। चुनाव लडऩे वाले रातों रात रणनीति बना रहे हैं ताकि विजयी हो सके।
नगरपालिका इतिहास--
कनीना पालिका 1952 से चली आ रही है। कनीना नगर पालिका के समय-समय पर अनेक प्रधान रह चुके हैं। जब जब कनीना पालिका चुनाव आते हैं तब तब एक ही बात उठती है कि सशक्त, ईमानदार और विकास पुरुष को प्रधान पद के लिए आगे लाया जाए किंतु हकीकत है अभी तक ऐसा कोई सशक्त व्यक्तित्व सामने नहीं आया है जो पुराने चुनाव लड़ते आ रहे लोगों को टक्कर दे सके। हो सकता है भविष्य में ऐसा कोई चेहरा उभर सकेगा।
इस बार पालिका प्रधान के चुनाव डायरेक्ट होना सभी लोगों के मन को सुहा रहा है क्योंकि अब तक पालिका प्रधान बनते आए वह किसी के रहमों करम पर होते थे या पार्षदों पर निर्भर रहे हैं। सभी की नजरें चुनाव पर टिकी हुई है और बेहतर से बेहतर प्रत्याशी ढूंढने की तैयारियों में जुटे हुये हैं।
चुनाव लडऩे के दावेदार-
अभी तक पार्षद के चुनाव के लिए महेश बोहरा दावेदारी जता रहे हैं। उधर वार्ड चार से योगेश कुमार भी पार्षद के चुनाव लडऩे के लिए तैयार हैं। वार्ड एक से विजय चेयरमैन वार्ड एक से पार्षद के चुनाव लड़ेंगे। इस बार चेयरमैन पद का चुनाव डायरेक्ट होगा। जिसके चलते इस बार चेयरमैन पद के लिए अधिक लोग तैयारी में जुटे हुए हैं।
कनीना के सज्जन सिंह बोहरा, वार्ड 3 के निवासी राज सिंह, सुमेर सिंह मैनेजर चुनाव लड़ेंगे और प्रधान पद की दावेदारी करेंगे। कनीना के वार्ड 12 का निवासी अमित नंबरदार पालिका के प्रधान पद का दावेदार है। कनीना के वर्तमान चेयरमैन सतीश जेलदार के पुत्र प्रीतम जोनू चेयरमैन पद के चुनाव लड़ेंगे। उधर पूर्व प्रधान मा. दिलीप सिंह प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं या फिर उनका पुत्र चुनाव में खड़े होंगे और वो भी प्रधान पद के लिए ही दावेदारी जताएंगे। पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा भी चुनाव में खड़े होंगे वो भी वोटरों का मन टटोल रहे हैं। कनीना के एडवोकेट विनय यादव, एडवोकेट पंकज यादव, वर्तमान में उप प्रधान पद पर आसीन अशोक ठेकेदार, मनीष पार्षद, मनोज कुमार इस बार पालिका चुनाव में प्रधान पद की दावेदारी करेंगा।
बढऩे लगी है चुनावी चर्चाएं ---
दुकान हो या कोई चाय की दुकान, चुनावी चर्चा मिलने लगी है। विशेषकर जब से मतदाता सूचियों का प्रकाशन हुआ है तब से चुनावी गर्मी बढ़ती ही जा रही है। रातोंरात पार्षद और प्रधान पद के दावेदार ढूंढे जा रहे हैं। क्योंकि बहुत से लोग तो चुनाव तो लडऩा चाहते हैं किंतु आगे नहीं आना चाहते हैं वो ऐन मौके पर आगे आएंगे। ऐसे में चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं। यदि मतदाता उनको अच्छा रिस्पांस देते हैं तो भी अपने उम्मीदवारी पक्की समझ रहे हैं। अभी से ही मतदाताओं से वोट देने की हां या ना करवा रहे हैं।
एक और जहां गर्मी बढ़ती जा रही है वहीं चुनावी चर्चा बढऩे लगी है। कुछ तो ऐसे भी संभावित प्रत्याशी हंै जो किसी का आशीर्वाद पाने की चाहत लिए बैठे हैं तो कोई चुनाव लडऩे का इच्छुक किसी मंत्री, संतरी और सत्तापार्टी के नेताओं से आशीर्वाद पाकर वोट पाने के जुगाड़ में है। बहरहाल चुनाव तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अनेकों पार्षद और प्रधान पद के दावेदार सामने आने लगे हैं। इस बार युवाओं में भी जोश है तो महिलाओं में भी जोश है, बुजुर्गों में और भी अधिक जोश है। अब देखना यह है कि प्रधान का पद आरक्षण में किसके पक्ष में जाता है? तभी कोई निर्णय लिया जाएगा। इस बार चुनाव जीतना आसान नजर नहीं आता। क्योंकि अब तक पार्षदों के सहारे नैया पार होती रही है किंतु इस बार प्रधान को पार्षद नहीं बनाएंगे। उन्हें तो सीधे ही वोट मिलेंगे। करीब 10000 वोटर पूरे कनीना कस्बे में है जो 13 वार्डों में बंटे हुए हैं ।
जल्द ही चुनाव होने की उम्मीद-
नगर पालिका के चुनावों के दृष्टिगत अब चुनावी चर्चाएं बढ़ गई हैं। दुकान हो या कोई चाय की दुकान, चुनावी चर्चा मिलने लगी है। विशेषकर जब से मतदाता सूचियों का प्रकाशन हुआ है तब से चुनावी गर्मी बढ़ती ही जा रही है। रातोंरात पार्षद और प्रधान पद के दावेदार ढूंढे जा रहे हैं। क्योंकि बहुत से लोग तो चुनाव तो लडऩा चाहते हैं किंतु आगे नहीं आना चाहते हैं वो ऐन मौके पर आगे आएंगे। ऐसे में चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं। यदि मतदाता उनको अच्छा रिस्पांस देते हैं तो भी अपने उम्मीदवारी पक्की समझ रहे हैं। अभी से ही मतदाताओं से वोट देने की हां या ना करवा रहे हैं।
इस बार प्रधान पद का सीधा चुनाव होने से चुनाव लडऩे वाले बढऩे की उम्मीद है। दस हजार के करीब वोटर प्रधान पद के चुनाव के लिए लडऩे वालों के लिए नजर आने लगे हैं। ऐसे भी कहते सुने हैं कि मेरे लिए प्रधान पद के वोट दिलवा दो मैं तुम्हें पार्षद या तुम्हारे द्वारा अनुमोदित पार्षद को अपने क्षेत्र के वोट दिलवा दूंगा। तेजी से आपसी गठबंधन बनता जा रहा है और रातों-रात चुनाव लडऩे वाले आगे आ रहे हैं। 13 वार्डों में 13 पार्षद चुने जाने है लेकिन कुछ वार्डों में चुनाव लडऩे वाले मौन नजर आ रहे हैं। अनेक ऐसे चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं जिन्हें वार्ड के वोटरों का भी ज्ञान नहीं है।
दिनरात एक करके शिक्षक ढूंढ रहे हैं इधर उधर हुये वोटरों को
-शादी हो या बारात बस वोटरों का पूछते हैं अता पता
-सब्जी या परचून की दुकान पर भी शिक्षकों को नजर आते हैं वोटर
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कनीना की आवाज। नगर पालिका कनीना की मतदाता सूची के प्राथमिक प्रकाशन के बाद हजारों वोटर इधर-उधर हो गए जिनको सिरे चढ़ाते वक्त बीएलओ/मास्टर एवं प्राध्यापकों की तैनाती तो कर दी गई है किंतु उन्हें अनेकों बातें घर-घर जाकर सुननी पड़ रही है। जिस किसी का वोट इधर-उधर हो गया है उनके घर जब बीएलओ या शिक्षक जाते हैं तो वे बेढंगे तरीके से पेश आते हैं।
मसला यह है कि विभिन्न वार्डों में से बहुत से वोट इधर-उधर हो गए हैं जिनको संबंधित वार्ड में लाने के प्रयास जारी है परंतु जब वोटर का पता किसी प्रकार से लगाया जाता है और बीएलओ या शिक्षक उनके घर पहुंचते हैं तो तरह-तरह की बातें सुनकर परेशान हो जाते हैं। एक ही वोटर की आईडी एवं फोटो लाने में चार-पांच बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। एक और जहां नगर पालिका द्वारा मुनादी करवा दी गई थी लोग फिर भी वोटर जागरूक नहीं है और ना ही ध्यान दे रहे हैं। अपने वोटों की तरफ ध्यान न देकर बड़े शांत से घरों में बैठे हुए हैं। बड़ी परेशानी उन वोटरों की है जो किराए के मकान में रहते हैं, बार-बार अपने किराए के मकान बदल लेते हैं। इसके कारण उनका अता पता ढूंढना बड़ा मुश्किल हो जाता है वहीं एक वोटर का पता लगाने के लिए भी कम से कम 20 जगह फोन करके अगर कहीं कुछ पता लगता है तो वोटर साफ कर देता है अभी मैं घर पर नहीं हूं आऊंगा तब कागज पूरे करूंगा। बहरहाल शिक्षकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कहने को तो शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाने के नाम का वेतन ले रहे हैं परंतु घर-घर घूमने अपनी मोटरसाइकिल का तेल जलाने या फोटो स्टेट करवाने के पैसे भी खुद ही वहन करने पड़ रहे हैं। प्रशासन द्वारा कोई पारिश्रमिक भी नहीं दिया जाता। शिक्षक साफ कहते हैं कि उनका पंचायत चुनावों का तथा मतगणना में तैनाती का पारिश्रमिक भी नहीं मिला है? उस पर अनेकों प्रकार की सुननी पड़ रही है। विगत एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है शिक्षक स्कूलों में नहीं जा पा रहे हैं जिससे पढ़ाई तो बाधित हो ही गई है, साथ में वोटर को ढूंढना उनके लिए मुश्किल कार्य हो गया है।
शिक्षकों का कहना है कि शिक्षकों की जगह पुलिस या पटवारी की तैनाती कर दी जाती तो निश्चित रूप से यह कार्य बहुत आसानी से हो जाता। इस कार्य में जहां प्रधान, पूर्व पार्षद पार्षद या लंबे समय से अनुभव रखते हैं उनको लगाया जाता तो ज्यादा बेहतर होता। इस कार्य के लिए ऐसे शिक्षकों की तैनाती की गई है विशेषकर गणित और विज्ञान के, जो घर बाहर कम निकलते हैं, ऐसे में उनके लिए वोटरों का पता लगाना और भी कठिन हो गया है।
अध्यापक नेता सुनील कुमार, धर्मपाल शर्मा बताते हैं कि कहने को कहने को तो शिक्षकों ने इसलिए शिक्षा पाई थी कि वह स्कूल के विद्यार्थियों को पढ़ा पढ़ा लिखा कर महान बनाएंगे किंतु उनको अनेकों वो काम दिये जा रहे हैं जिनका विद्यार्थियों से कोई लेना देना नहीं है। जिस भी किसी काम को करवाना हो केवल शिक्षकों की तैनाती लगा दी जाती है। सरकार से केवल शिक्षक ही वेतन नहीं पा रहे कितने ही विभागों के कर्मी वेतन पा रहे हैं लेकिन किसी अन्य विभाग के कर्मियों की तैनाती किसी अन्य काम में नहीं लगाई जाती।
बीएलओ को वोटर का ज्ञान होता है किंतु उनके साथ एक मास्टर तथा एक प्राध्यापक आदि की तैनाती करके न केवल स्कूलों का शिक्षण कार्य प्रभावित कर दिया है वहीं शिक्षक दिन और रात को भागते फिरते हैं। क्योंकि वोटर लिस्ट में कोई नियम पालन नहीं किया गया है, वार्ड 1 में 11 के वोटर तो वार्ड 4 में 13 के वोटर मिल सकते हैं,न जाने क्या-क्या गलतियां देखने को मिल रही हैं। जिसके चलते यही पता नहीं लगाया जा सकता कि यह वोटर कहां और किस वार्ड का है? पूरे कस्बे की समुचित ज्ञान हो वही थोड़ा-बहुत बता सकता है परंतु स्थिति बहुत बुरी हो चुकी है। एक और जहां बड़ा कस्बा होने से वोट नहीं मिल रहे हैं दिनभर शिक्षक अपनी मोटरसाइकिल या फिर अन्य साधनों से जगह-जगह पूछते फिर रहे हैं।
इस साल का पह
ला पूर्ण चंद्र ग्रहण नहीं दिखाई देगा भारत में
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कनीना की आवाज। 05 मई को इस साल का पहला चन्द्र ग्रहण होगा। वैशाखी पूर्णिमा के दिन लगने वाला पूर्ण चन्द्र ग्रहण जो भारतवर्ष में दिखाई नहीं देगा। यह उप-छाया चन्द्र ग्रहण होगा। इस अद्भुत घटना का समय 05 मई को भारतीय समय के अनुसार रात आठ बजकर पैंतालीस मिनट से शुरू होकर देर रात एक बजे तक रहेगा। चन्द्र ग्रहण की अवधि सवा चार घंटे की होगी। इस साल का पहला चन्द्र ग्रहण यूरोप, एशिया, आस्ट्रेलिया,अंटकार्टिक , प्रशान्त अटलांटिक व हिन्द महासागर में दिखाईं देगा। अगला चन्द्र ग्रहण 29 अक्टूबर 2023 को लगेगा। क्या होता है चंद्र ग्रहण--
चन्द्र ग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते हैं जब चन्द्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी परछाया मे आ जाता है। ऐसा तभी होता है जब जब सूर्य ,पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में अवस्थित हो। चन्द्र ग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है। यह चन्द्र ग्रहण में चन्द्रमा पहले काले फिर धीरे धीरे सुर्ख लाल रंग में तब्दील हो जायेगा ।
पृथ्वी अपने उपग्रह, चांद को लेकर जब सूरज के चक्कर लगाती है तो पूर्णिमा के दिन सूरज और चांद के बीच में पृथ्वी आ जाती है और सूरज की रोशनी को चांद पर पडऩे से रोक देती है, इस कारण चंद्रमा की चमक खत्म हो जाती है और चांद की सतह काली या कम चमकीली पड़ जाती है। चांद की इस स्थिति को चंद्र ग्रहण कहते हैं। चंद्र ग्रहण पूर्ण या आंशिक हो सकता है। यह एक खगोलीय घटना है और विज्ञान का नियम है, हिन्दू पंचांग के अनुसार 05 मई को बैसाख माह की पूर्णिमा तिथि है बौद्ध धर्म से संबंधित ग्रन्थों के मुताबिक बैसाख माह की पूर्णिमा तिथि को महात्मा बुद्ध का जन्म हुआ था। इसलिए इस तिथि को बुद्ध पूर्णिमा भी कहा जाता है। अर्थात बैसाख पूर्णिमा, बुद्ध पूर्णिमा, साल का पहला चन्द्र ग्रहण एक साथ होंगे। ग्रहण का उपयोग कुछ मनुष्य जानबूझकर अपने स्वार्थ सिद्धि और उदर पूर्ति के लिए कर रहे हैं। वे इससे आदमी को डराते हैं उन्हें उन में खौफ पैदा करते हैं और वह मनुष्य की अज्ञानता, अंजानपन और अनभिज्ञता का लाभ उठाते हैं, उनमें अंधविश्वास फैलाते हैं और वह आदमी और आदमियत को बौना बनाते हैं।
चंद्र ग्रहण में किसी भी राहु या केतु का कोई रोल नहीं है क्योंकि राहुल या केतु आकाश में कोई बिंदु नहीं हैं, कोई ग्रह या उपग्रह नहीं हैं। इनका कोई अस्तित्व नहीं है, इनसे हमें डरने की जरूरत नहीं है। ग्रहण के दिन हमें अपने बच्चों को डराना नहीं चाहिए और ना ही डरना चाहिए। यह एक अद्भुत नजारा है, प्रकृति का चमत्कार है हमें इसका भरपूर आनंद लेना चाहिए और अपने बच्चों को इसके बारे में पूरी जानकारी देनी चाहिए इससे कोई अहित, हानि या समस्या होने वाला नहीं है। यह एक खगोलीय घटना है, इसको इसी रूप में लीजिए। इससे देखने में कोई तकलीफ नहीं होने वाली है। अपने बच्चों को अंधविश्वासों के भंवर से निकाले ।
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