दयाराम यादव को जिला अध्यक्ष बनाने पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने की खुशी जाहिर
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कनीना की आवाज। भाजपा हरियाणा द्वारा जिला महेन्द्रगढ़ के जिला अध्यक्ष पद पर दयाराम यादव को नियुक्त करने पर पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का धन्यवाद किया है। बीजेपी कार्यकर्ता राजकुमार भारद्वाज पोता ने बताया कि शीर्ष नेतृत्व ने यादराम यादव को जिम्मेदारी देकर जिले का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि यादराम यादव पहले जिला महामंत्री थे। वर्ष 1988 में गांव बीगोपुर के सरपंच रहे और 1991 में युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष रहे। नांगल चौधरी के मंडल अध्यक्ष भी रह चुके हैं। उन्होंने बताया कि किसान मोर्चा के प्रदेश सचिव रहते उन्होंने पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सुभाष बराला के साथ भी कार्य किया। इस दौरान सत्यवीर सिंह यादव, हनुमान शर्मा, विनोद कुमार यादव, मनोज कुमार यादव, शक्ति यादव, विनीत कुमार, अतर सिंह यादव, कुलदीप सिंह यादव, शिवकुमार शर्मा सहित अन्य ने खुशी जाहिर की।
गेहूं और सरसों की खरीद कनीना की दोनों मंडियों में जारी
-गेहूं की अब तक 11751 तो सरसों की 42500 क्विंटल हुई खरीद
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कनीना। कनीना की पुरानी अनाज मंडी में गेहूं की खरीद 2125 रुपये प्रति क्विंटल की दर से जारी है। विस्तृत जानकारी देते हुए व्यापार मंडल प्रकोष्ठ के उप प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि गेहूं की अब तक कुल खरीद 11751 क्विंटल हो चुकी है। कनीना की नई अनाज मंडी में सरसों की खरीद जारी है। एक ही दिन में 7500 क्विंटल सरसों की खरीद की गई। अब तक 42500 क्विंटल सरसों की 5450 रुपये प्रति क्विंटल की दर से हो चुकी है। अनाज मंडी में गेहूं की आवक धीमी गति से चल रही है। अनाज मंडी से गेहूं नजर नहीं आता है। सरसों का उठान लगातार जारी है। विभिन्न अधिकारी नई अनाज मंडी में प्रतिदिन आ रहे हैं और खरीद का जायजा ले रहे हैं।
फोटो कैप्शन 12: कनीना अनाज मंडी में सरसों की खरीद।
बवाना में लगाया गया बागवानी जागरूकता कैंप
-विभिन्न स्कीमों की दी गई जानकारी
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कनीना की आवाज। बागवानी विभाग की ओर से बुधवार को गांव बवाना में बागवानी जागरूकता कैंप का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिला उद्यान अधिकारी डा. प्रेम कुमार ने मुख्यातिथि के तौर पर शिरकत की। डॉ. प्रेम कुमार ने विभाग की विभिन्न स्कीमों का लाभ लेने के लिए आवेदन की प्रक्रिया को विस्तारपूर्वक बताया। उन्होंने बताया कि आवेदन करने के लिए किसान को जरूरी दस्तावेजों के साथ मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर रजिस्टर होना अनिवार्य है। इसके बाद किसान एचओआरटी डाट जीओवी डॉट इन पर लाग इन कर विभाग की स्कीम चुनाव कर रजिस्टर कर सकता है।
इस मौके पर उद्यान विकास अधिकारी डॉ. राधेश्याम खेरवा ने बताया कि बागवानी विभाग की ओर से बाग लगाने, सब्जी की खेती व मशरूम की खेती में अनुदान राशि दी जा जाती है। विभाग का उद्देश्य है कि विभाग की ओर से चलाई जा रही प्रत्येक योजना की जानकारी किसानों तक पहुंच सके। शिविर के माध्यम से नए बाग लगाने व सब्जी का क्षेत्र बढ़ाने व मुख्यमंत्री बागवानी बीमा योजना के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई। उन्होंने बताया कि नए बागों के क्षेत्र विस्तार के लिए प्रति एकड़ 50 से 70 प्रतिशत सरकार द्वारा विभाग के माध्यम से अनुदान दिया जा रहा है। अनुदान राशि फलदार पौधों के अनुसार दी जाती है।
उन्होंने बताया कि बाग लगाने का उचित समय बारिश के समय है। इसके लिए गड्ढे खोदने का कार्य मई व जून में कर लेना चाहिए। इसके लिए 3&3 फीट का गड्ढा 6&6 मीटर की दूरी पर खोदना चाहिए व ऊपर की 1.5 फीट की मिट्टी एक साईड व नीचे की 1.5 फीट की मिट्टी अलग कर लेनी चाहिए। गड्ढे खोदने के बाद ऊपर की 1.5 फीट की मिट्टी एवं उतनी ही मात्रा में गोबर की अच्छी सड़ीगली खाद अच्छी तरह मिलाकर गड्ढा पून: भर देना चाहिए तथा बारिश आने पर पौधारोपण करना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने विभाग की सब्जी उत्पादन, मशरूम उत्पादन, मधुमक्खी पालन, बैम्बो स्टेकिंग, मल्चिंग एवं टनल इत्यादि स्कीमों के बारे में जानकारी दी।
फोटो कैप्शन 11: बवाना में बागवानी विभाग की ओर दी जा रही बावानी की जानकारी।
तीन दिवसीय जागरण कार्यक्रम में विधायक राव दान सिंह हुये शामिल
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कनीना की आवाज। श्रीश्याम मंदिर कमेटी कनीना द्वारा सातवां तीन दिवसीय सह संकीर्तन का आयोजन किया गया। श्रीश्याम मंदिर कमेटी द्वारा प्रथम दिवसीय जागरण में मुख्य अतिथि महेंद्रगढ़ विधायक राव दान सिंह रहे वही दीप प्रज्वलित बार एसोसिएशन के पूर्व प्रधान अधिवक्ता दीपक चौधरी ने किया।
इस दौरान मुख्य गायिका मिताली अरोड़ा ने पलकों का घर तैयार है सांवरे, कीर्तन की है रात बाबा आज थाने आनो है, मैं लाडला खाटू वाले का भजनों से श्रद्धालुओं को भावविभोर कर दिया। श्री श्याम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष संदीप महेश्वरी ने बताया कि दूसरे दिन मुख्य अतिथि राव बहादुर सिंह व दीप प्रज्वलित का कार्य मनीष यादव पार्षद करेंगे तथा तीसरे दिन मुख्य अतिथि संदीप निवारण जयपुर व दीप प्रज्वलित ठाकुर अतरलाल करेंगे।
इस दौरान विधायक राव दान सिंह ने 51 हजार रुपये की राशि मंदिर कमेटी को भेंट की। विधायक दान सिंह ने कहा कि धीरे-धीरे युवा पीढ़ी धार्मिक कार्यों से जुड़ रही है। भजन सत्संग मेले हमारी पुरानी परंपरा है इनको संजोए रखना चाहिए।
इस मौके पर संदीप महेश्वरी, योगेश गुप्ता, पूनम सेठ, नवीन सिंगला, गुड्डू चौधरी, महेश धनौंदा, सीकू चौधरी, पालाराम, नीरज चौधरी, मनोज सिंगला, राजू, योगेश नेता, ऋतिक , जितू, सौरभ सहित हजारों श्रद्धालु मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 08: विधायक राव दान सिंह का स्मृति चिन्ह देकर सम्मान करते हुए मंदिर कमेटी के सदस्य।
कम जागरूक मतदाता होने के कारण अनेक बातें सुननी पड़ रही है बीएलओ एवं शिक्षकों को
-किराएदार और बाहरी लोगों के वोट बनने के कारण बढ़ी है परेशानी
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कनीना की आवाज। नगर पालिका कनीना की मतदाता सूची के प्राथमिक प्रकाशन के बाद हजारों वोटर इधर-उधर हो गए जिनको सिरे चढ़ाते वक्त बीएलओ/मास्टर एवं प्राध्यापकों की तैनाती तो कर दी गई है किंतु उन्हें अनेकों बातें घर-घर जाकर सुननी पड़ रही है। जिस किसी का वोट इधर-उधर हो गया है उनके घर जब बीएलओ या शिक्षक जाते हैं तो वे बेढंगे तरीके से पेश आते हैं। हमारे वोट तो बन चुके हैं फिर क्यों आए हो? हमें जरूरत नहीं है जिसको वोट चाहिए वह बनवा देगा? हमारे वोट तुमने काटे हैं, अब उनको जोडऩे की बात कह रहे हो? इन मास्टरों को ज्यादा तनख्वाह मिलती है जो दोपहर को भी अआराम नहीं करने देते? आज हम बाहर है कहो तो फोन के व्हाट्सएप पर फोटो तथा आईडी भेज दे? अभी मैं बाहर हूं आऊऊंगा तब मिलूंगा? कितनी ही बातें उन्हें सुननी पड़ती है।
मसला यह है कि विभिन्न वार्डों में से बहुत से वोट इधर-उधर हो गए हैं जिनको संबंधित वार्ड में लाने के प्रयास जारी है परंतु जब वोटर का पता किसी प्रकार से लगाया जाता है और बीएलओ या शिक्षक उनके घर पहुंचते हैं तो तरह-तरह की बातें सुनकर परेशान हो जाते हैं। एक ही वोटर की आईडी एवं फोटो लाने में चार-पांच बार चक्कर लगाने पड़ रहे हैं। एक और जहां नगर पालिका द्वारा मुनादी करवा दी गई थी लोग फिर भी वोटर जागरूक नहीं है और ना ही ध्यान दे रहे हैं। अपने वोटों की तरफ ध्यान न देकर बड़े शांत से घरों में बैठे हुए हैं। बडड़ी परेशानी उन वोटरों की है जो किराए के मकान में रहते हैं, बार-बार अपने किराए के मकान बदल लेते हैं। इसके कारण उनका अता पता ढूंढना बड़ा मुश्किल हो जाता है वहीं एक वोटर का पता लगाने के लिए भी कम से कम 20 जगह फोन करके अगर कहीं कुछ पता लगता है तो वोटर साफ कर देता है अभी मैं घर पर नहीं हूं आऊंगा तब कागज पूरे करूंगा। बहरहाल शिक्षकों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कहने को तो शिक्षक विद्यार्थियों को पढ़ाने के नाम का वेतन ले रहे हैं परंतु घर-घर घूमने अपनी मोटरसाइकिल का तेल जलाने या फोटो स्टेट करवाने के पैसे भी खुद ही वहन करने पड़ रहे हैं। प्रशासन द्वारा कोई पारिश्रमिक भी नहीं दिया जाता। शिक्षक साफ कहते हें कि उनका पंचायत चुनावों का तथा मतगणना में तैनाती का पारिरमिक भी नहीं मिला है? उस पर अनेकों प्रकार की सुननी पड़ रही है। विगत एक सप्ताह से अधिक समय हो गया है शिक्षक स्कूलों में नहीं जा पा रहे हैं जिससे पढ़ाई तो बाधित हो ही गई है, साथ में वोटर को ढूंढना उनके लिए मुश्किल कार्य हो गया है।
सबसे अधिक परेशानी वो लोग कर रहे हैं जो चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं और विभिन्न मतदाताओं को एक वार्ड से दूसरे वार्ड में इधर-उधर करने का प्रयास कर रहे हैं। यही कारण है कि शिक्षक इधर-उधर खोए हुए वोटर को ढूंढने की बजाय उन वोटरों में खोये मिलते हैं जो इधर से उधर हो रहे हैं। शिक्षकों का कहना है कि शिक्षकों की जगह पुलिस या पटवारी की तैनाती कर दी जाती तो निश्चित रूप से यह कार्य बहुत आसानी से हो जाता। इस कार्य में जहां प्रधान, पूर्व पार्षद पार्षद या लंबे समय से अनुभव रखते हैं उनको लगाया जाता तो ज्यादा बेहतर होता। इस कार्य के लिए ऐसे शिक्षकों की तैनाती की गई है विशेषकर गणित और विज्ञान के, जो घर बाहर कम निकलते हैं, ऐसे में उनके लिए वोटरों का पता लगाना और भी कठिन हो गया है।
अध्यापक नेता सुनील कुमार, धर्मपाल शर्मा बताते हैं कि कहने को कहने को तो शिक्षकों ने इसलिए शिक्षा पाई थी कि वह स्कूल के विद्यार्थियों को पढ़ा पढ़ा लिखा कर महान बनाएंगे किंतु उनको अनेकों वो काम दिये जा रहे हैं जिनका विद्यार्थियों से कोई लेना देना नहीं है। जिस भी किसी काम को करवाना हो केवल शिक्षकों की तैनाती लगा दी जाती है। सरकार से केवल शिक्षक ही वेतन नहीं पा रहे कितने ही विभागों के कर्मी वेतन पा रहे हैं लेकिन किसी अन्य विभाग के कर्मियों की तैनाती किसी अन्य काम में नहीं लगाई जाती।
कुछ शिक्षकों ने तो अब सोशल मीडिया पर वह लिस्ट जारी कर दी है जो वोटर इधर उधर हो गए हैं परंतु परिणाम जस का तस। बहुत कम वोटरों ने कुछ उत्तर दिया है। बहरहाल समस्या बढ़ती ही जा रही है। यदि विधानसभा के वोटर्स को कनीना पालिका के 13 वार्डों में सही ढंग से बांटा जाता तो आज यह नौबत नहीं आती।
भीषण गर्मी में कट के लिए धरना 45वें दिन भी रहा जारी
-कट का काम शुरू न होने तक रहेगा धरना जारी
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कनीना की आवाज। 152-डी राष्ट्रीय राजमार्ग पर सेहलंग-बाघोत गांव के बीच कट बनवाने के लिए 45वें दिन सतपाल चेयरमैन पोता की अध्यक्षता में जारी रहा धरना।
आज 45वें दिन 40 गावों की संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन नौताना ने बताया कि फसल पैदावार के व्यस्त शेड्यूल के बीच भी ग्रामीण शांति पूर्वक धरना दे रहे हैं। सभी ग्रामीण अपनी मांग मनवाने के लिए बैठे हुए है और सरकार ने आश्वासन दिया हुआ है, उसका इंतजार कर रहे है। इस कट के बनने से यह पिछड़ा हुआ इलाका राजधानी चंडीगढ़ और राज्य के बाकी इलाकों से जुड़ जाएगा और इलाके का पिछड़ेपन दूर हो जाएगा।
उनका कहना है कि 152-डी से झाड़ली प्लांट की दूरी चंद किमी है और इसके पास दर्जनों सीमेंट कंपनी है जिनका देश के साथ व्यापार करने का यही एकमात्र रास्ता है। कट बन जाये तो लोग चंडीगढ़ तक आसानी से आ जा सकेंगे।
इस मौके पर राज सिंह पूर्व पार्षद नौताना, महावीर पहलवान बाघोत,रणधीर पहलवान बाघोत, रवि प्रधान सेहलंग, डा. धर्मेंद्र धनखड़ सेहलंग,प्रकाश आर्य, योगेश आर्य, हरिओम यादव पोता, रामसिंह पोता, सूबेदार सुखबीर सिंह छितरोली, नरेंद्र शास्त्री छितरोली,सत्यवीर महाशय,सूबेदार लक्ष्मण बाघोत, मास्टर राज सिंह सेहलंग,सुरेश सरपंच झाड़ली, कैलाश पंच सेहलंग , अहमद खान खेड़ी व सभी गावो के सरपंच ,पंच,पूर्व सरपंच व पंच, वर्तमान व पूर्व बीडीसी सदस्य, पार्षद पूजा गुजर व आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 09: कट के लिए धरने पर बैठे लोग।
नरेश कौशिक बने कनीना उच्च विद्यालय के मुख्याध्यापक
-काार्यभार किया ग्रहण
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी तलवाना में कार्यरत वरिष्ठ प्रवक्ता नरेश कौशिक ने आज राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में मुख्याध्यापक का कार्यभार ग्रहण किया। कार्यभार ग्रहण करने के बाद श्री कौशिक ने कहा कि मेरा पहला प्रयास विद्यालय में बेहतर शिक्षण माहौल स्थापित करना,नामांकन बढ़ाना तथा विद्यालय में आवश्यक मूलभूत सुविधाओं के साथ-साथ शिक्षण की नवीनतम विधियां अपनाकर विद्यार्थियों में शिक्षा का विकास करना है। इस अवसर पर कनीना के बीआरसी दिलबाग सिंह, नाहड़ ब्लॉक के बीआरसी डा. राजेंद्र सिंह यादव, पूर्व पार्षद मोहन सिंह, भारत विकास परिषद के प्रधान कंवरसेन वशिष्ठ, सेवानिवृत्त खंड शिक्षा अधिकारी राज सिंह यादव, वरिष्ठ प्रवक्ता ईश्वर सिंह यादव, विक्रम यादव, संजय मेहरा, मिडिल हेड मास्टर वीरेंद्र सिंह, एबीआरसी श्रुति आर्या, हेडमास्टर देशराज, प्रवक्ता जयपाल सिंह, श्रीभगवान बव्वा ,सहायक ओम प्रकाश कौशिक,सोनू आर्य ,सुभाष वर्मा, संदीप सिंह सहित समस्त स्टाफ उपस्थित था।
फोटो कैप्शन 07: नरेश कौशिक मुख्याध्यापक कनीना बतौर कार्य संभालने के बाद संबोधित करते हुए।
सेहलंग में गली में गंदा पानी जमा, सौंपा ज्ञापन
-बीमारी फैलना के खतरा
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कनीना की आवाज। कनीना खंड के गांव सेहलंग में गंदे पानी की निकासी का नाला बंद किये जाने से पूर्व सरपंच सोहनलाल के घर के पास वाली गली में गंदा पानी इकट्ठा हो गया है। गली में एक-एक फुट पानी खड़ा होने के कारण महिला, बच्चों तथा गली के निवासियों को आवाजाही के लिए भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। गली में गंदा पानी भरा होने के कारण मकानों में दरार आने का खतरा पैदा हो गया है। बीमारियां फैलने तथा ट्रांसफार्मर के खंभे पानी में खड़ा होने के कारण करंट से कोई भी हादसा हो सकता है। परेशान तथा पीडि़त सेहलंग ग्रामवासियों ने उपमंडल अधिकारी (ना.) कनीना सुरेन्द्र सिंह की अनुपस्थिति में ज्ञापन कार्यालय अधीक्षक को सौंपकर गंदे पानी की निकासी तत्काल करवाने की गुहार लगाई है। ज्ञापन देने वाले पूर्व पंच रगबीर सिंह, तुलाराम, कालू, उमेश, राजेन्द्र, मनोज, जयपाल ने कहा कि हमारी पूर्व सरपंच सोहनलाल वाली गली में पिछले 4 दिन से एक-एक फुट पानी भरा हुआ है। जिसके कारण साथ लगते मकानों में दरार आने का खतरा पैदा हो गया है। मलेरिया होने तथा ट्रांसफार्मर के खंभे में करंट आने से कोई भी हादसा होने का अंदेशा है। सरपंच तथा ग्रामीणों ने सोमवार को खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी को ज्ञापन सौंपकर गंदा नाला बंद करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करने तथा गंदे पानी की निकासी तत्काल करवाने की मांग की थी। परन्तु पीडि़त ग्रामीणों की समस्या का कोई समाधान न होने के कारण उपमंडल अधिकारी (ना.) कनीना से मिलने आए थे परन्तु पता चला कि उपमंडल अधिकारी ग्रेवंश कमेटी की मीटिंग में गए है इसलिए हमने ज्ञापन कार्यालय अधीक्षक को सौंपा है और उनसे मांग की है कि जल्दी से जल्दी से गंदे पानी की निकासी करवाई जाए। उन्होंने कहा कि गली में कई बीमार तथा वृद्ध भी रहते हैं जिनको कई बार अस्पताल के डाक्टर को दिखाने के लिए ले जाना पड़ता है गली में गंदा पानी जमा होने के कारण आवागमन में काफी परेशानी उठानी पड़ती है। उन्होंने कहा कि खंड विकास पंचायत अधिकारी द्वारा ग्रामीणों की समस्या का समाधान न किए जाने से लोगों में भारी रोष व्याप्त है।
फोटो कैप्शन 06: सेहलंग गांव के पीडि़त ग्रामीण कार्यालय अधीक्षक को ज्ञापन सौंपते हुए।
मुख्यमंत्री के नाम सौंपा एसडीएम को एक ज्ञापन
-ग्रुप-सी की नौकरी में शैक्षणिक योग्यता 12वीं करने का विरोध
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कनीना की आवाज। हरियाणा सरकार द्वारा गु्रप सी की नौकरियों में न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास किए जाने के निर्णय का विरोध शुरू हो गया है। बहुजन समाज पार्टी ने इस निर्णय को तत्काल वापिस लेने की मांग को लेकर बड़ा जन आंदोलन चलाने की घोषणा की है। एसडीएम मौके पर न मिलने से ज्ञापन कार्यालय अधीक्षक को सौंपा गया।
इस सम्बंध में बसपा नेता ठाकुर अतरलाल के नेतृत्व में कार्यकर्ताओ ने उपमंडल अधिकारी (ना.) कनीना के माध्यम से मुख्यमंत्री मनोहरलाल खट्टर को ज्ञापन भेजकर राज्य सरकार से ग्रुप सी की नौकरियों में भर्ती के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं पास किए जाने के निर्णय को तत्काल वापिस लेने की मांग की है। ज्ञापन देने के बाद अतरलाल ने कहा कि ग्रुप सी के पदों के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 12वीं किए जाने के कारण 10वीं पास युवा तथा उनके गरीब परिवार ठगा सा अनुभव करते हैं। सरकार के इस निर्णय को लेकर मैट्रिक पास युवाओं में भारी रोष व्याप्त है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह निर्णय एकतरफा, तानाशाहीपूर्ण तथा गरीब विरोधी, युवा विरोधी है। यह मैट्रिक पास युवाओं के साथ सरासर अन्याय व धोखा है। इसलिए हमने उपमंडल अधिकारी (ना.) कनीना के माध्यम से मुख्यमंत्री मनोहरलाल के नाम ज्ञापन भेजकर पुरजोर मांग की है कि इस निर्णय को तत्काल वापस लिया जाए और पहले की तरह 10वीं पास युवाओं को भी ग्रुप सी पदों के लिए भर्ती होने का अवसर दिया जाए। उन्होंने राज्य सरकार से पुलिस सिपाही की न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता भी मैट्रिक करने तथा भारतीय सेना के सिपाही पदों के लिए भी न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता 10वीं पास करने की मांग की। बसपा नेता ने चेतावनी दी कि सरकार ने 15 दिन के अंदर इस निर्णय को वापिस नहीं लिया तो बसपा पार्टी के कार्यकत्र्ता युवाओं के साथ मिलकर सड़कों पर उतरकर बड़ा जन आंदोलन चलाने पर मजबूर होंगे।
फोटो कैप्शन 03: बसपा नेता अतरलाल मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन उपमंडल अधिकारी (ना.) कनीना के कार्यालय अधीक्षक को सौंपते हुए।
तीन दिवसीय जागरण कार्यक्रम आयोजित
-श्री श्याम बाबा मंदिर में बही भजनों की बयार, 27 अप्रैल को होगा समापन
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कनीना की आवाज। श्रीश्याम मंदिर कमेटी कनीना द्वारा सातवां तीन दिवसीय सह संकीर्तन का आयोजन किया गया। इस आयोजन में तीन दिन लगातार रात्रि के समय 8 बजे से 12 बजे तक बाबा गुणगान अलग अलग गायक कलाकारों द्वारा किया गया। श्री श्याम मंदिर कमेटी द्वारा प्रथम दिवसीय जागरण में एडवोकेट दीपक चौधरी द्वारा दीप प्रज्ज्वलित करवाकर जागरण का शुभारंभ किया और मिताली अरोड़ा राजस्थान की कलाकार द्वारा भजनों का गुणगान किया गया। 27 अप्रैल को कार्यक्रम का समापन होगा। सबसे लंबे समय तक पालिका प्रधान मा दलीप सिंह पूर्व प्रधान एवं उनके पिता रह चुके हैं वहीं राजेंद्र सिंह लोढ़ा दो बार प्रधान रहे हैं। श्री श्याम मंदिर कमेटी के अध्यक्ष संदीप महेश्वरी ने बताया की हर वर्ष की बाबा का जागरण किया जाता है। हजारों की संख्या में श्रद्धालु बाबा का गुणगान करते है।
इस मौके पर संदीप महेश्वरी, योगेश गुप्ता,पूनम सेठ, नवीन सिंगला, गुड्डू चौधरी,महेश धनौंधा, सीकू चौधरी, पालाराम , नीरज चौधरी,मनोज सिंगला, राजू,योगेश नेता, ऋतिक , जितू,सौरभ आदि सदस्य मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 5: एडवोकेट दीपक चौधरी कार्यक्रम के प्रथम दिन का शुभारंभ करते हुए।
17वें पालिका प्रधान के चुनाव के लिए चल रही है तैयारियां
-इस बार होगा प्रधान का सीधा चुनाव
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कनीना की आवाज। कनीना पालिका की वर्तमान अवधि 22 मई 2023 को संपन्न हो जाएगी तत्पश्चात 17वें पालिका प्रधान के चुनाव की तैयारियां शुरू हो जाएंगी। अब तक 16 पालिका प्रधान बन चुके हैं जिनमें से 6 बार प्रशासनिक अधिकारियों ने कार्यभार ग्रहण किया है।
1952 में कनीना पालिका अस्तित्व में आई और 1955 में सबसे पहले स्व. चौधरी बलबीर सिंह पालिका प्रधान बने। वे 1958 तक पालिका प्रधान रहे। तत्पश्चात स्व.चौ जानकी प्रसाद 1962 में पालिका प्रधान बने जो 16 मार्च 1964 तक प्रधान रहे। पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा ने बताया कि 1973 से 1987 तक कनीना पालिका का कोई चुनाव नहीं हुआ जिसके कारण पद रिक्त रहा।
तीसरे पालिका प्रधान संतोष कुमार बने जो 26 अगस्त 1964 से 1967 तक पालिका प्रधान रहे। तत्पश्चात दोबारा से स्व. चौधरी बलबीर सिंह को पालिका प्रधान बनने का मौका मिला और 1968 से 1973 तक प्रधान रहे। कनीना पालिका के पांचवें प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा 1 नवंबर 1987 से 28 सितंबर 1991 तक रहे। तत्पश्चात 29 सितंबर 1991 से 9 दिसंबर 1991 तक सोहनलाल बीडीपीओ प्रशासनिक अधिकारी रहे। कनीना पालिका के सातवें प्रधान दलीप सिंह 9 दिसंबर 1991 से 18 मार्च 1994 तक रहे। मास्टर दिलीप सिंह चौधरी बलबीर सिंह के पुत्र है जो एक बार फिर से वर्तमान में चुनाव तैयारियों में जुटे हुए हैं। तत्पश्चात वी राजाशेखर आईएएस कनीना पालिका के प्रशासनिक अधिकारी 19 मार्च 1994 से लेकर के 6 मई 1994 तक रहे। इसके बाद फिर से मुनीलाल खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी प्रशासनिक अधिकारी बतौर 17 मई 1994 से 16 फरवरी 1995 तक बने।
कनीना पालिका की दसवें प्रधान एक बार फिर से राजेंद्र सिंह लोढ़ा 17 फरवरी 1995 से 2 फरवरी 2000 तक रहे। ये दूसरी बार पालिका प्रधान बने और वर्तमान में चुनावों की तैयारियों में लगे हुए हैं। तत्पश्चात महेंद्र सिंह मोरवाल नायब तहसीलदार को प्रशासनिक अधिकारी बतौर 19 जून 2021 से 21 मई 2007 तक कार्यभार दिया गया ।तत्पश्चात 2 महिला पालिका प्रधान लगातार बनी जिनमें संतोष देवी 22 मई 2007 से 2 अप्रैल 2012 तक तथा शारदा देवी 27 अगस्त 2012 से 22 मई 2017 तक पालिका प्रधान बनी।
संदीप सिंह एसडीएम कनीना 23 मई 2017 से 1 अक्टूबर 2018 तक प्रशासनिक अधिकारी रहे। इसके बाद एसडीएम अभिषेक मीणा आईएएस 17 अक्टूबर 2018 से 24 जनवरी 2019 तक प्रशासनिक अधिकारी रहे। पालिका के 16वें प्रधान सतीश जेलदार 24 जनवरी 2019 को बने और 22 मई 2023 तक उनका कार्यकाल रहेगा। 17वें पालिका प्रधान की तैयारियां शुरू हो गई है। मतदाता सूचियों का प्रकाशन हो चुका अंतिम प्रकाशन अभी होना है। ऐसे में कनीना पालिका बतौर प्रधान की तैयारियां जारी हैं।
फोटो कैप्शन 04: कनीना पालिका के प्रधानों की सूचि।
यूरो स्कूल में स्व्स्थ्य संबंधी प्रश्नोत्तरी का आयोजन
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कनीना की आवाज।यूरो स्कूल बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए समय-समय पर विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएँ आयोजित करता रहा है। हाल ही में बच्चों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत व जागरूक करने के लिए स्कूल प्रागंण में कक्षा तीसरी से कक्षा पाँचवीं तक के विद्यार्थियों के लिए एक स्वास्थ्य संबंधी प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया। यह प्रतियोगिता अंतर सदनीय स्तर पर हुई। इस प्रतियागिता में चारों सदनों के प्रतिभागियों ने उत्साहपूर्वक बढ़-चढ़ कर भाग लिया। चारों सदनों मे कड़ा मुकाबला हुआ परंतु अंत में डार्विन सदन ने प्रथम स्थान प्राप्त कर सभी को पछाड़ दिया और दूसरे स्थान पर न्यूटन सदन, तीसरे स्थान पर आइंस्टाइन व चौथे स्थान पर एडि़सन सदन रहे। इस शुभावसर पर शैक्षणिक निदेशक डॉ. राजेन्द्र यादव, प्रधानाचार्य सुनील यादव ने विजेता सदन को हार्दिक बधाई दी और शेष सभी विद्यार्थियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि बच्चों को हर क्षेत्र के बारे में पूर्ण जानकारी होनी चाहिए। आज इस वैज्ञानिक युग में हमारे स्वास्थ्य को हानि पहुचाने वाली छोटी-2 बातें हैं परन्तु हम उन्हें नजरअंदाज कर देते हैं, अगर हम छोटी-छोटी बातों को सावधानी से ध्यान रखे तो हमारा स्वास्थ्य हमेशा अच्छा रहेगा। हर मौसम में हमें अपने स्वास्थ्य के प्रति सजग व जागरूक होना चाहिए।
फोटो कैप्शन 02:अव्वल रहे विद्यार्थियों को सम्मानित करते शिक्षक।
युवा पीढ़ी आगे आ रही चुनाव लडऩे के लिए, रातोंरात बनाई जाती है योजना
-लंबी लिस्ट बनती जा रही चुनाव के इच्छुक लोगों की, देखे नाम
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कनीना की आवाज। कनीना नगरपालिका के भविष्य में चुनाव होने जा रहे हैं। 13 वार्डों में करीब 10 हजार वोटर है। ऐसे में अब चुनावी सरगर्मियां बढऩे लगी है। जहां भी देखें चुनावी चर्चा शुरू हो गई है क्योंकि किसान भी अब खरीफ फसल की तैयारी से पहले कुछ फुर्सत में है।
किसान रबी फसल पैदावार ले चुके हैं। ऐसे में अब भीषण गर्मी में हुक्के के अलावा कुछ भी मनपसंद चीज नहीं है। हुक्के के चारों ओर 5 से 7 लोग बैठे मिल ही जाते हैं। आलम यह है कि किसान हुक्के की गुडग़ुड़ाहट पर चुनावी चर्चा छेड़ रहे हैं। अक्सर यही चर्चा होती है कि इस बार युवा पीढ़ी को कमान सौंपी जाए। वैसे भी अधिकांश युवा आगे आ रहे हैं। एक पूर्व प्रधान ने तो पहले ही अपने लड़के की चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी है। चुनाव के लिए अभी से ही भाग दौड़ शुरू कर दी है।
वोटरों के पास जाना, उनके वोट को इधर-उधर कटवा कर मनवांछित वार्ड में जुड़वाकर जीत की चाहत की पूरी जुगत लगा रहे हैं। सबसे बड़ी विडंबना है कि बहुत से ऐसे वोटर है एक वार्ड से दूसरे वार्ड की ओर भाग रहे हैं जिनके पीछे भी बहुत से चुनाव लडऩे वालों का हाथ है। चुनाव लडऩे वाले रातों रात रणनीति बना रहे हैं ताकि विजयी हो सके।
कब से बढ़ी हलचल--
कनीना पालिका के चुनावों की हलचल बढ़ गई है। मतदाता सूचियों का प्राथमिक प्रकाशन हो चुका है। अंतिम प्रकाशन के बाद पता चलेगा कि कितने मतदाता कनीना में हैं। वर्तमान में 8371 मतदाता 13 वार्ड में दर्शाए गए हैं। जिनकी संख्या अभी बढ़ेगी।
कनीना पालिका 1952 से चली आ रही है। कनीना नगर पालिका के समय-समय पर अनेक प्रधान रह चुके हैं। जब जब कनीना पालिका चुनाव आते हैं तब तब एक ही बात उठती है कि सशक्त, ईमानदार और विकास पुरुष को प्रधान पद के लिए आगे लाया जाए किंतु हकीकत है अभी तक ऐसा कोई सशक्त व्यक्तित्व सामने नहीं आया है जो पुराने चुनाव लड़ते आ रहे लोगों को टक्कर दे सके। हो सकता है भविष्य में ऐसा कोई चेहरा उभर सकेगा परंतु वर्तमान समय में ऐसा कोई चेहरा स्पष्ट नजर नहीं आ रहा है। यह बात हर व्यक्ति के दिलों दिमाग में बैठी हुई है जिसके चलते इन चुनाव को अभी तक अनेकों युवा एवं बुजुर्ग अवलोकन कर रहे हैं, सोच सोचकर भावी प्रधान के गुण अपने दिलोदिमाग में बैठा रहे हैं ताकि समय आने पर ऐसे व्यक्ति का साथ दिया जा सके।
यही कारण है कि कनीनावासी अभी तक यह निर्णय नहीं कर पा रहे हैं कि इस चुनाव में किसे उतारा जाए का बेहतर ढंग से कनीना का नेतृत्व कर सके। पूर्व प्रधान एवं वर्तमान प्रधान सतीश जेलदार अपने अपने परिजनों को उतार सकते हैं। अभी चुनाव होने में कुछ समय लग सकता है। ऐसे में नए नए चेहरे उभर कर भी आ सकते हैं। बहरहाल चुनाव को लेकर के जब चर्चाएं गर्म हैं। आने वाले वक्त में पता लग पाएगा कि कौन चुनाव में भागीदारी करेगा। इस बार पालिका प्रधान के चुनाव डायरेक्ट होना सभी लोगों के मन को सुहा रहा है क्योंकि अब तक पालिका प्रधान बनते आए वह किसी के रहमों करम पर होते थे या पार्षदों पर निर्भर रहे हैं। सभी की नजरें चुनाव पर टिकी हुई है और बेहतर से बेहतर प्रत्याशी ढूंढने की तैयारियों में जुटे हुये हैं।
चुनाव लडऩे के दावेदार-
अभी तक पार्षद के चुनाव के लिए महेश बोहरा दावेदारी जता रहे हैं। उधर वार्ड चार से योगेश कुमार भी पार्षद के चुनाव लडऩे के लिए तैयार हैं। वार्ड एक से विजय चेयरमैन वार्ड एक से पार्षद के चुनाव लड़ेंगे। इस बार चेयरमैन पद का चुनाव डायरेक्ट होगा। जिसके चलते इस बार चेयरमैन पद के लिए अधिक लोग तैयारी में जुटे हुए हैं।
कनीना के सज्जन सिंह बोहरा, वार्ड 3 के निवासी राज सिंह, सुमेर सिंह मैनेजर चुनाव लड़ेंगे और प्रधान पद की दावेदारी करेंगे। कनीना के वार्ड 12 का निवासी अमित नंबरदार पालिका के प्रधान पद का दावेदार है। कनीना के वर्तमान चेयरमैन सतीश जेलदार के पुत्र प्रीतम जोनू चेयरमैन पद के चुनाव लड़ेंगे। उधर पूर्व प्रधान मा. दिलीप सिंह प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं या फिर उनका पुत्र चुनाव में खड़े होंगे और वो भी प्रधान पद के लिए ही दावेदारी जताएंगे। पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा भी चुनाव में खड़े होंगे वो भी वोटरों का मन टटोल रहे हैं। कनीना के एडवोकेट विनय यादव, एडवोकेट पंकज यादव, वर्तमान में उप प्रधान पद पर आसीन अशोक ठेकेदार, मनीष पार्षद, मनोज कुमार इस बार पालिका चुनाव में प्रधान पद की दावेदारी करेंगे।
दुकानदारों से शिक्षक पूछते देखे गये वोटरों का पता ठिकाना
-वार्ड पार्षदों एवं प्रमुख जन भी नहीं जानते सैकड़ों वोटरों को
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कनीना की आवाज। विगत दिनों से जहां शिक्षकों की तैनाती बीएलओ के साथ लगा दी गई है। बीएलओ को वोटर का ज्ञान होता है किंतु उनके साथ एक मास्टर तथा एक प्राध्यापक आदि की तैनाती करके न केवल स्कूलों का शिक्षण कार्य प्रभावित कर दिया है वहीं शिक्षक दिन और रात को भागते फिरते हैं। क्योंकि वोटर लिस्ट में कोई नियम पालन नहीं किया गया है, वार्ड 1 में 11 के वोटर तो वार्ड 4 में 13 के वोटर मिल सकते हैं,न जाने क्या-क्या गलतियां देखने को मिल रही हैं। जिसके चलते यही पता नहीं लगाया जा सकता कि यह वोटर कहां और किस वार्ड का है? पूरे कस्बे की समुचित ज्ञान हो वही थोड़ा-बहुत बता सकता है परंतु स्थिति बहुत बुरी हो चुकी है।
शिक्षक परचून की दुकान पर सामान खरीदने जाते हैं और साथ में पूछते वोटरों का अता पता यहीं नहीं सब्जी खरीदते हैं तो भी वोटर का अता पता पूछते है। शिक्षकों ने बताया कि हालात यह है कि दिन व रात में भाग दौड़ करने पर कि कुछ वोटर की पहचान हो पाती है। बाकी अगले दिन पर छोड़ दिया जाता है। विगत करीब एक सप्ताह से शिक्षक इसी कार्य में जुटे हैं जिसके चलते स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित हो गया है।
ग्रीष्मावकाश से पहले शिक्षण का यही बेहतर वक्त होता है और इसी वक्त में शिक्षकों की विशेषकर विज्ञान और गणित के शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है। परिणाम यह है कि जहां विद्यार्थी बगैर शिक्षकों के परेशानी उठा रहे वहीं शिक्षक वोटरों के न मिलने से परेशान हो रहे हैं। उस पर कोई उनकी मदद करने को तैयार नहीं है। अध्यापक और प्राध्यापकों के तैनाती लगाई उन्हें किसी प्रकार का कोई पारिश्रमिक का प्रावधान नहीं किया गया है। दिन भर भूखे भागदौड़ करते रहते हैं।
शिक्षकों ने बताया कि ऐसा कोई ऐप भी अब हरियाणा का नहीं है जिससे पता लगाया जा सके कि वोटर कहां है? न ही उनके फोन नंबर मिलते। सबसे बड़ी विडंबना है कि बहुत से ऐसे वोटर है जो यहां रहते ही दूसरे क्षेत्रों में हैं, कुछ एक की मौत हो चुकी है या दिन भर काम पर जाते हैं उनके कागज भी नहीं मिल पाते। गांवों जैसे ककराला, धनौंदा, करीरा आदि के वोट भी लिस्ट में आ चुके हैं। आश्चर्यजनक बात है कि फोटोकापी भी शिक्षकों को या किसी या किसी समाजसेवी को करवाकर देनी पड़ रही है। कहने का अर्थ है कि जेब में कुछ आएगा नहीं कुछ खर्च करने होंगे। एक और जहां बड़ा कस्बा होने से वोट नहीं मिल रहे हैं दिनभर शिक्षक अपनी मोटरसाइकिल या फिर अन्य साधनों से जगह-जगह पूछते फिर रहे हैं।
बढऩे लगी है चु
नावी चर्चाएं
-कहीं भी देखो बस पालिका चुनाव चर्चाएं
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कनीना की आवाज। नगर पालिका के चुनावों के दृष्टिगत अब चुनावी चर्चाएं बढ़ गई हैं। दुकान हो या कोई चाय की दुकान, चुनावी चर्चा मिलने लगी है। विशेषकर जब से मतदाता सूचियों का प्रकाशन हुआ है तब से चुनावी गर्मी बढ़ती ही जा रही है। रातोंरात पार्षद और प्रधान पद के दावेदार ढूंढे जा रहे हैं। क्योंकि बहुत से लोग तो चुनाव तो लडऩा चाहते हैं किंतु आगे नहीं आना चाहते हैं वो ऐन मौके पर आगे आएंगे। ऐसे में चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं। यदि मतदाता उनको अच्छा रिस्पांस देते हैं तो भी अपने उम्मीदवारी पक्की समझ रहे हैं। अभी से ही मतदाताओं से वोट देने की हां या ना करवा रहे हैं।
इस बार प्रधान पद का सीधा चुनाव होने से चुनाव लडऩे वाले बढऩे की उम्मीद है। दस हजार के करीब वोटर प्रधान पद के चुनाव के लिए लडऩे वालों के लिए नजर आने लगे हैं। ऐसे भी कहते सुने हैं कि मेरे लिए प्रधान पद के वोट दिलवा दो मैं तुम्हें पार्षद या तुम्हारे द्वारा अनुमोदित पार्षद को अपने क्षेत्र के वोट दिलवा दूंगा। तेजी से आपसी गठबंधन बनता जा रहा है और रातों-रात चुनाव लडऩे वाले आगे आ रहे हैं। 13 वार्डों में 13 पार्षद चुने जाने है लेकिन कुछ वार्डों में चुनाव लडऩे वाले मौन नजर आ रहे हैं। अनेक ऐसे चुनाव लडऩ़े के इच्छुक हैं जिन्हें वार्ड के वोटरों का भी ज्ञान नहीं है। यह भी नहीं बता पा रहे कि कौन सी वोटर उनके वार्ड के हैं? आश्चर्य है कि चुनाव तो लडऩ़ा चाहते हैं लेकिन वे अपने वार्ड के लोगों से परिचित तक नहीं है। जब शिक्षक उनके पास इधर उधर हुयेे वोटरों के बारे में पूछने के लिए जाते हैं तो हाथ ऊपर कर देते हैं। स्पष्ट है कि चुनाव लडऩ़े वालों को ही जब मतदाताओं का ज्ञान नहीं है तो शिक्षक जो इधर-उधर हुये वोटरों/मतदाताओं को कैसे ढूंढ पाएंगे? बहरहाल कुछ भी हो चुनावी चर्चा आगे बढऩे लगी है। एक और जहां गर्मी बढ़ती जा रही है वहीं चुनावी चर्चा बढऩे लगी है। कुछ तो ऐसे भी संभावित प्रत्याशी हंै जो किसी का आशीर्वाद पाने की चाहत लिए बैठे हैं तो कोई चुनाव लडऩे का इच्छुक किसी मंत्री, संतरी और सत्तापार्टी के नेताओं से आशीर्वाद पाकर वोट पाने के जुगाड़ में है। बहरहाल चुनाव तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अनेकों पार्षद और प्रधान पद के दावेदार सामने आने लगे हैं। इस बार युवाओं में भी जोश है तो महिलाओं में भी जोश है, बुजुर्गों में और भी अधिक जोश है। अब देखना यह है कि प्रधान का पद आरक्षण में किसके पक्ष में जाता है? तभी कोई निर्णय लिया जाएगा। इस बार चुनाव जीतना आसान नजर नहीं आता। क्योंकि अब तक पार्षदों के सहारे नैया पार होती रही है किंतु इस बार प्रधान को पार्षद नहीं बनाएंगे। उन्हें तो सीधे ही वोट मिलेंगे। करीब 10000 वोटर पूरे कनीना कस्बे में है जो 13 वार्डों में बंटे हुए हैं । आने वाला समय बता लग पाएगा कि कौन क्या गुल खिला पाएगा?
जल्द ही चुनाव होने की उम्मीद-
यद्यपि पालिका का वर्तमान कार्यकाल का एक माह से भी कम समय बचा है किंतु जिस प्रकार मतदाता सूचियों का प्रकाशन, मतपेटी लाने संबंधित गतिविधियां जारी है उससे लगता है कि जल्द ही चुनाव हो जाएंगे।
नगर पालिका के चुनावों के दृष्टिगत अब चुनावी चर्चाएं बढ़ गई हैं। दुकान हो या कोई चाय की दुकान, चुनावी चर्चा मिलने लगी है। विशेषकर जब से मतदाता सूचियों का प्रकाशन हुआ है तब से चुनावी गर्मी बढ़ती ही जा रही है। रातोंरात पार्षद और प्रधान पद के दावेदार ढूंढे जा रहे हैं। क्योंकि बहुत से लोग तो चुनाव तो लडऩा चाहते हैं किंतु आगे नहीं आना चाहते हैं वो ऐन मौके पर आगे आएंगे। ऐसे में चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं। यदि मतदाता उनको अच्छा रिस्पांस देते हैं तो भी अपने उम्मीदवारी पक्की समझ रहे हैं। अभी से ही मतदाताओं से वोट देने की हां या ना करवा रहे हैं।
इस बार प्रधान पद का सीधा चुनाव होने से चुनाव लडऩे वाले बढऩे की उम्मीद है। दस हजार के करीब वोटर प्रधान पद के चुनाव के लिए लडऩे वालों के लिए नजर आने लगे हैं। ऐसे भी कहते सुने हैं कि मेरे लिए प्रधान पद के वोट दिलवा दो मैं तुम्हें पार्षद या तुम्हारे द्वारा अनुमोदित पार्षद को अपने क्षेत्र के वोट दिलवा दूंगा। तेजी से आपसी गठबंधन बनता जा रहा है और रातों-रात चुनाव लडऩे वाले आगे आ रहे हैं। 13 वार्डों में 13 पार्षद चुने जाने है लेकिन कुछ वार्डों में चुनाव लडऩे वाले मौन नजर आ रहे हैं। अनेक ऐसे चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं जिन्हें वार्ड के वोटरों का भी ज्ञान नहीं है। यह भी नहीं बता पा रहे कि कौन सी वोटर उनके वार्ड के हैं? आश्चर्य है कि चुनाव तो लडऩा चाहते हैं लेकिन वे अपने वार्ड के लोगों से परिचित तक नहीं है। जब शिक्षक उनके पास इधर उधर हुयेे वोटरों के बारे में पूछने के लिए जाते हैं तो हाथ ऊपर कर देते हैं। स्पष्ट है कि चुनाव लडऩे वालों को ही जब मतदाताओं का ज्ञान नहीं है तो शिक्षक जो इधर-उधर हुये वोटरों/मतदाताओं को कैसे ढूंढ पाएंगे? बहरहाल कुछ भी हो चुनावी चर्चा आगे बढऩे लगी है। एक और जहां गर्मी बढ़ती जा रही है वहीं चुनावी चर्चा बढऩे लगी है। कुछ तो ऐसे भी संभावित प्रत्याशी हंै जो किसी का आशीर्वाद पाने की चाहत लिए बैठे हैं तो कोई चुनाव लडऩे का इच्छुक किसी मंत्री, संतरी और सत्तापार्टी के नेताओं से आशीर्वाद पाकर वोट पाने के जुगाड़ में है। बहरहाल चुनाव तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। अनेकों पार्षद और प्रधान पद के दावेदार सामने आने लगे हैं। इस बार युवाओं में भी जोश है तो महिलाओं में भी जोश है, बुजुर्गों में
जोश देखने को मिल रहा है। पालिका चुनावों को लकर अभी से ही दावेदारी बढऩे लगी है। कुछ परिवार तो महिला या पुरुष हर हाल में चुनाव लडऩे को लालायित हैं। चाहे प्रधान पद महिला हो या पुरुष चुनाव लडऩे को खुद या उसकी पत्नी या मां चुनाव लड़ेगी। मौका हाथ से गंवाना नहीं चाहते।
अभी भी कनीना नगर पालिका का कार्यकाल एक माह के करीब है किंतु चुनाव की आहट सुनाई देने लगी है। जब से नगर पालिका के मतदाता सूचियों का पुन: निरीक्षण का कार्य शुरू हुआ है तब से चुनाव के लिए भारी संख्या में युवा और बुजुर्ग अपनी अपनी दावेदारी जताने लगे हैं। बहुत से लोग चुनाव नहीं लडऩा चाहते किंतु चुनाव लड़ाने में मदद करने की बात कहने लगे हैं। वही चुनाव लडऩे वाले दावेदारों की लंबी शृंखला बन गई है। अभी तक पार्षद के चुनाव के लिए महेश बोहरा दावेदारी जता रहे हैं। महेश बोहरा अपने पिता स्व.सत्यवीर बोहरा जो पहले कनीना पालिका के पार्षद रह चुके हैं, के पद चिन्हों पर चलते हुए इस चुनाव में भाग लेना चाहता है और पार्षद पद के लिए ही नामांकन की दावेदारी करेंगे। उनकी इच्छा केवल पार्षद ही बनने की है। उधर वार्ड चार से योगेश कुमार भी पार्षद के चुनाव लडऩे के लिए तैयार हैं। वार्ड एक से विजय चेयरमैन संचालक बेगराज मैरिज पैलेस भी वार्ड एक से पार्षद के चुनाव लड़ेंगे।
लेकिन सबसे अधिक दावेदारी अभी से ही चेयरमैन पद के लिए करने लगे हैं। क्योंकि विगत योजनाओं में चेयरमैन का चुनाव सभी पार्षद मिलकर करते रहे हैं। कनीना नगर पालिका के तहत 13 पार्षद चुने जाते रहे हैं जबकि दो पार्षद अब तक मनोनीत होकर आए थे। जिसके चलते प्रधान पद हथियाना तलवार की धार के समान हो गया था। परंतु भावी योजना में चेयरमैन पद का चुनाव डायरेक्ट होगा। कहने का अर्थ है कि एक वोटिंग मशीन/मतदाता पेटी चेयरमैन पद के लिए होगी वहीं दूसरी वार्ड मेम्बर के लिए होगी। जिसके चलते इस बार चेयरमैन पद के लिए अधिक लोग तैयारी में जुटे हुए हैं। जिस किसी को भी देखे वही चेयरमैन पद की दावेदारी जता रहा है। कनीना के वार्ड 12 का निवासी अमित नंबरदार का कहना है कि वो भी पालिका के प्रधान पद का दावेदार है तथा जोर शोर से चुनाव लडूंगा।
कनीना के वर्तमान चेयरमैन सतीश जेलदार ने पहले ही घोषणा कर दी है कि उनका पुत्र प्रीतम जोनू चेयरमैन पद के चुनाव लड़ेंगे। और सतीश जेलदार स्वास्थ्य के कारणों के चलते आराम करेंगे।
उधर पूर्व प्रधान मा. दिलीप सिंह प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं या फिर उनका पुत्र चुनाव में खड़े होंगे और वो भी प्रधान पद के लिए ही दावेदारी जताएंगे। पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा भी चुनाव में खड़े होंगे वो भी वोटरों का मन डोल रहे हैं।
युवा पीढ़ी पर नजर डाले तो पता चलता है कनीना के एडवोकेट विनय यादव, एडवोकेट पंकज यादव, वर्तमान में उप प्रधान पद पर आसीन अशोक ठेकेदार, सतपाल साहब, मनीष पार्षद, मनोज कुमार इस बार पालिका चुनाव में प्रधान पद की दावेदारी करेंगे। इन सभी से इस संवाददाता की बात हुई, सभी ने स्वीकार किया कि वे चुनाव जरूर लड़ेंगे। कम से कम एक दर्जन युवा अभी अधर में है अर्थात उनका कहना है कि यदि लोगों ने चाहा तो वे चुनाव लड़ेंगे वरना वे चुनाव नहीं लड़ेंगे। कनीना के प्रमुख समाजसेवी भगत सिंह और बलवान सिंह चुनाव नहीं लड़ेंगे अपितु वे चुनाव लडऩे वालों की मदद करेंगे।
उधर पार्षद राजेंद्र सिंह का भी कहना है कि वे चुनाव नहीं लड़ेंगे किंतु वोटर कहेंगे तो वे चुनाव लड़ सकते हैं। ऐसे में लगता है कनीना पालिका चेयरमैन का पद एक अनार सौ बीमार जैसी कहावत पर चलेगा। अभी धीरे धीरे लोग मन बना रहे हैं और चुनाव लडऩे की तैयारियों में जुट रहे हैं। धीरे-धीरे युवा पीढ़ी उभर कर सामने आ रही है और चुनाव लडऩे की बात कह रही है।
उल्लेखनीय है कि लंबे समय से कनीना कस्बे में विभिन्न उत्सव एवं पर्वों पर अपने बोर्ड और बैनर लगवा कर अपनी दावेदारी जताते आ रहे हैं, ऐसे अनेकों युवा हैं जो चुनाव लडऩे की पहले ही बोर्ड एवं बैनर से इच्छा जाहिर कर चुके हैं।
अब देखा जाना है कि चुनाव कब तक होगा? जानकारों का मानना है कि चुनावों में करीब छह माह लग सकते हैं। परंतु सबसे बड़ा मुद्दा कनीना पालिका प्रधान पद की कैटेगरी का है? यही अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह महिला या पुरुष के लिए आरक्षित होगा और कि कैटेगरी के लिए आरक्षित होगा? जब अंतिम निर्णय हो जाएगा कि प्रधान पद कौन लड़ सकता है, तभी लोग चुनाव में आगे आएंगे। अभी तो लंबी शृंखला चुनाव लडऩे वालों की बनने की संभावना है।
भाजपा नेताओं का जिस किसी के सिर पर होगा वो प्रत्याशी अपना प्रभाव अधिक दिखा सकता है। कनीना के तीन प्रभावी व्यक्तित्व इस वक्त केंद्रीय मंत्री, विधायक आदि से आशीर्वाद पाने और उनके आशीर्वाद से टिकट पाने की बात कर रहे हैं। वक्त बताएगा कि सत्तारूढ़ पार्टी का इन चुनावों पर कोई असर होगा या नहीं।
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