एक दिन का वर्क सस्पेंड रखा
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कनीना की आवाज। बार एसोसिएशन कनीना के सभी अधिवक्ताओं की एक बैठक, एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट के मुद्दे पर न्यायालय प्रांगण में प्रधान ओपी रामबास की अध्यक्षता में हुई । जिसमें एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लाने की मांग का समर्थन करते हुए सभी अधिवक्ताओं ने एक दिन का वर्क सस्पेंड रखा। इस बारे में प्रधान ओपी रामबास ने कहा कि एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट वकीलों के लिए बहुत ही जरूरी है जिस तरह से राजस्थान सरकार एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट लेकर आई है उसी तरह अमल करते हुए सरकार को एडवोकेट प्रोटेक्शन एक्ट जल्दी ही लाना चाहिए।
एक को न्यायालय ने किया भगोड़ा घोषित
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कनीना की आवाज। कनीना न्यायालय में देवेंद्र नामक व्यक्ति को कई बार बुलाए जाने के बाद भी हाजिर न होने के चलते भगोड़ा घोषित कर दिया है तथा कनीना एसएचओ को मामला दर्ज करने के आदेश दिये। जिस पर कनीना एसएचओ ने देवेंद्र को भगोड़ा घोषित कर मामला दर्ज कर लिया है।
साइबर अपराध की जानकारी देने के लिए चलाया अभियान
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कनीना की आवाज। पुलिस अधीक्षक महेंद्रगढ़ के आदेश अनुसार प्रबंधक अधिकारी सत्यनारायण द्वारा थाना कनीना के तहत आने वाले बस स्टैंड ,कनीना अनाज मंडी और माडल संस्कृति स्कूल कनीना में साइबर अपराध के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया आने जाने वाले यात्रियों को दुकानदारों।, स्कूली बच्चों को सावधान किया कि साइबर अपराध कैसे-कैसे तरीकों से चलता है और किस प्रकार सावधानियों को ध्यान में रखना चाहिए। उन्होंने मोबाइल फोन एटीएम कार्ड, नेट बैंकिंग, टेबिट कार्ड का प्रयोग सावधानी से करने की अपील की। साथ में किसी व्यक्ति से प्राप्त किसी प्रकार के संदेश और ओटीपी वेबसाइट लिंक का भरोसा न करने की अपील की क्योंकि साइबर फ्राड में इन सभी का प्रयोग किया जा रहा है।
एक-दो दिनों में होगी अनाज की आवक
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कनीना की आवाज। कनीना मंडी में जल्द ही गेहूं तथा सरसों की आवक होने की उम्मीद जगी है। व्यापार मंडल प्रकोष्ठ के उप प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि दो दिनों में गेहूं एवं सरसों मंडी में आ जाएगा क्योंकि कई किसानों के फोन संदेश उन तक पहुंच रहे हैं।
7 करोड़ रुपये के करवा चुके हैं सतीश जेलदार काम
-10.5 करोड ऩ लग पाने का मलाल, बेटा लड़ेगा चुनाव
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कनीना की आवाज। कनीना नगर पालिका का वर्तमान कार्यकाल करीब एक माह शेष है। कनीना नगरपालिका के चुनाव 13 मई 2018 को संपन्न हुये थे तथा पार्षदों ने 22 मई 2018 को शपथ ले ली थी किंतु पालिका प्रधान बतौर सतीश जेलदार ने 24 जनवरी 2019 को शपथ ली थी। वर्तमान पालिका प्रधान का कार्यकाल करीब 4 साल 4 माह का ही रहा है।
धरी रह गई 10.5 करोड़ की राशि-
करीब एक साल से 10.5 करोड़ रुपये विकास कार्यों के आए हुए हैं किंतु विकास कार्यों में नहीं लग पाए। पालिका प्रधान की माने तो विभिन्न अधिकारियों का सहयोग नहीं मिला जिसके चलते पालिका के वर्तमान कार्यकाल में यह राशि खर्च नहीं हो पाई। अब यह राशि कौन खर्च करेगा और कब भविष्य के गर्भ में है।
क्या क्या रही वर्तमान प्रधान की उपलब्धियां-
वर्तमान कनीना पालिका प्रधान की सबसे बड़ी उपलब्धि प्रकाश व्यवस्था की रही। कनीना करीब 20 सालों तक अंधेरे में डूबा रहा किंतु वर्ष 2019 के बाद गलियां जगमग हुई। पड़ताल करने पर पाया कि करीब 7 करोड़ रुपये के विकास कार्य हुए हैं जिनमें 40 गलियोंं की सड़कें पुन: निर्मित की गई। कनीना की गलियों में सैकड़ों लाइट लगवाई, सैकड़ों बड़े पोल लगवाकर 10 बड़ी मास्क लाइट लगवाई गई। करीब 35 लाख रुपये की लागत से संत मोलडऩाथ आश्रम पक्का करवाकर जल से भरा गया, पालिका में 20 नये कर्मचारी लगाए जो आज भी कार्य कर रहे हैं। पीपलवाली बणी में कनीना का गंदा पानी इकट्ठा करने के लिए 7 एकड़ जमीन दी गई, फायर ब्रिगेड चेलावास में खोला गया, कुरड़ी पार्क की चारदीवारी बनवाकर बेहतरीन बनाया।अब सतीश जेलदार पालिका प्रधान का पालिका कार्यकाल पूरा होने को हैं।
क्या कहते हैं पालिका प्रधान-
पालिका प्रधान सतीश जेलदार का कहना है कि नगरपालिका का कार्यकाल पूरा होते ही वे आराम करेंगे क्योंकि उनका स्वास्थ्य कुछ ठीक नहीं चल रहा है जिसके चलते भविष्य में चुनाव नहीं लड़ेंगे किंतु अपने पुत्र प्रीतम कुमार (जोनू) को चुनाव में आगे लाएंगे। उन्होंने बताया उनका पुत्र प्रीतम कुमार जोनू एमसीए करने के बाद कानून की पढ़ाई कर रहे हैं। अब वो उनका स्थान लेंगे और चुनाव में खड़े होकर दमखम दिखाएंगे। उन्होंने कहा कि उनकी खराब तबीयत अनुमति नहीं दे रही कि चुनाव लड़े और उनका कार्यकाल जैसे तैसे बीता अब बीतने के कगार पर है। वे लोगों के आभारी हैं कि उनका प्यार मिला जिसके चलते वे कार्यकाल पूरा करने के कगार पर हैं।
फोटो कैप्शन: पालिका प्रधान सतीश जेलदार तथा उनके प्रीतम कुमार(जोनू)
152-डी राष्ट्रीय राजमार्ग सेहलंग-बाघोत कट के लिए धरना रहा 24वें दिन जारी
-अध्यक्षता लीलाराम बाघोत ने की
-करीब 45 गांव के लोग आज धरने पर रहे मौजूद
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कनीना की आवाज। 152-डी राष्ट्रीय राजमार्ग सेहलंग-बाघोत कट के लिए धरना 24वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता लीलाराम बाघोत ने की जिसमें करीब 45 गांव के लोग धरने पर मौजूद रहे।
पूर्व निदेशक हरियाणा एग्रीकल्चर विश्वविद्यालय हिसार व वर्तमान में प्रवक्ता एम्स संघर्ष समिति मनेठी रेवाड़ी ने धरना स्थल पर पहुंचकर एम्स संघर्ष समिति की तरफ से अपना समर्थन धरने स्थल को दिया।
उन्होंने कहा कि मुझे खुशी है कि हमारे इलाके ने अपना हक मांगना शुरू कर दिया है। यहां पर चार जिलों की सीमा लगती है और 4 जिलों के 60 से 70 गावों को ये कट बनने से फायदा होगा। यहां पर केंद्रीय विश्वविद्यालय विश्विद्यालय, बाघेश्वर धाम , एनटीपीसी झाड़ली और 8 से 10 लाख ग्रामीणों को फायदा होगा। इस मौके पर उनके साथ सुरेश कुमार प्रधान , घनश्याम सरपंच मानपुरा ने अपना समर्थन धरने को दिया। इस मौके पर 40 से 45 गावो के गणमानय लोग व विजय सिंह चेयरमैन, राज सिंह पूर्व पार्षद नौताना, बाबूलाल सेहलंग, भीम सिंह सेहलंग, सीताराम सिंह नौताना, रवि प्रधान सेहलंग चेतराम बाघोत, सतबीर पूर्व सरपंच नौताना, बेड़ा सिंह पूर्व सरपंच बाघोत, राहुल राव पोता, सुरेंद्र स्याना, जयसिंह पंच बाघोत, सत्यवीर सिंह सेहलंग पूर्व जिला उपाध्यक्ष बीजेपी,मास्टर धर्मवीर जी पोता, मखन लाल स्वामी बसई, अशोक तंवर पोता, सूबेदार हेमराज अत्री, जगदीश प्रसाद, सूबेदार सुखबीर सिंह छितरोली, परकाश वीर पोता , प्रमोद कुमार कनीना, सुरेंद्र कुमार कनीना व अन्य गणमान्य जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 3: धरना स्थल पर धरना देते ग्रामीण।
आम आदमी पार्टी ने चला रखा है सदस्य अभियान
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कनीना की आवाज। आम आदमी पार्टी की कि तरफ से सदस्य जोड़ो अभियान चलाया गया जिसमें सत्यनारायण यादव एडवोकेट पार्टी के पूर्व जिला प्रवक्ता, डीपीआई सुभाष यादव,पूर्व इंस्पेक्टर महेंद्र सिंह सीआरपीएफ, मदन सिंह, दीपक, एडवोकेट नवदीप यादव इत्यादि ने टीम सतनारायण के साथ गांव गांव में जाकर आम आदमी पार्टी को जोड़े हैं।
सतनारायण ने बताया कि क्षेत्र की सड़कों का बुरा हाल है। महेंद्रगढ़-रेवाड़ी रोड, अनीता रोड़, कनीना मंडी रोड का बहुत बुरा हाल है। आपसी तालमेल ना होने की वजह से 10.50 करोड़ जो विकास के लिए आए थे खर्च नहीं हुए।
हनुमान जन्मोत्सव कल, होंगे कई कार्यक्रम
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कनीना की आवाज। गुरुवार को क्षेत्र में हनुमान जन्मोत्सव का पर्व मनाया जा रहा है जिसको लेकर कई कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं। भंडारे, हवन, प्रसाद वितरण होगा।
पंडित ऋषिराज शर्मा बताते हैं कि हनुमान जन्मोत्सव
6 अप्रैल को हनुमान जन्मोत्सव के दिन सुबह 06:06 से 07:40 के बीच में पूजा कर सकते हैं। उसके बाद आप दोपहर 12:24 से 01:58 के बीच भी पूजा कर सकते हैं तथा जो लोग शाम को पूजा करना चाहते हैं वे शाम को 05:07 बजे से 08:07 बजे के बीच पूजा कर सकते हैं।
कनीना से अटेली शाम के समय बस सर्विस न होने के कारण यात्री दर दर की ठोकर खाने को मजबूर
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कनीना की आवाज। कनीना से अटेली की तरफ जाने के लिए शाम के समय 5 बजे के बाद कोई भी बस सर्विस न होने के कारण इस रूट पर यात्रा करने वाले लोग दर-दर की ठोकर खाने पर विवश है।
नारनौल डिपो भले ही नई बसों की बढ़ोतरी होने का दावा करती हो लेकिन कनीना से अटेली की तरफ शाम को अपने घर पर जाने वाली अनेकों यात्री आज भी प्राइवेट वाहन से लिफ्ट लेकर देर अंधेर अपने घर पर पहुंचने को मजबूर हैं । यह कोई नई बात नहीं इस रूट पर लंबे समय से ही इस प्रकार की दयनीय हालात बनी हुई है।
गौरतलब है कि कनीना से नारनौल के लिए शाम 2:40 पर बस सेवा के बाद 4:20 पर है और उसके बाद में जो बस है वह कनीना से चलकर राता कला तक जाती है, जिसका समय कनीना बस स्टैंड से चलने का श्राम 4:45 का है। इसके बाद इस रूट पर कोई भी बस सर्विस नहीं है ।
इस रूट पर यात्रा करने वाले कनीना हर दिन अपनी मेहनत मजदूरी करने के लिए राता, मोहलडा, भोजावास, पङ़तल, गढ़ी महासर, कारिया तक के लोग अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए रोजाना कनीना आते हैं। राज, न्यामत, शेरा आदि ने बताया की कनीना से जो आखिरी बस निकलती है उसका समय बस स्टैंड से 6 या 6:15 का किया जाए जिससे इस रूट पर यात्रा करने वाले किसी भी मजदूर,कर्मचारी या आम नागरिक को धक्के खाने पर मजबूर ना होना पड़े।
उल्लेखनीय है कि कनीना से अटेली व नारनौल के लिए बसों के अलावा कोई साधन नहीं है। टे्रन मार्गों से भी ये नहीं जुड़े हुए हैं परिणामस्वरूप आवागमन में भारी परेशानी होती है।
आनलाइन तबादलों की प्रक्रिया शुरू ,शिक्षकों में हड़कंप
-शिक्षकों को चुनने होंगे 15 ब्लाक
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कनीना की आवाज। हरियाणा में आनलाइन तबादलों की प्रक्रिया एक बार फिर से शुरू हो गई है। इस बार 7 अप्रैल तक 15 ब्लाक चुनने के लिए शिक्षकों को कहा गया है, इसमें मेवात केडर शामिल नहीं है।
शिक्षा निदेशक ने हरियाणा के सभी शिक्षकों को एमआईएस पोर्टल पर 15 ब्लाक और मेवात कार्ड के शिक्षकों को केवल 5 ब्लाक चुनने का विकल्प दिया है। उन्हें 7 अप्रैल को रात के 12 बजे पहले ये विकल्प भरने होंगे। तबादला प्रक्रिया शुरू होते शिक्षकों में हड़कंप मच गई है। विभिन्न स्कूलों में सुबह से ही जहां ब्लाक भरने की कार्रवाई शुरू कर दी है, यही कारण है कि अब जब नई प्रवेश प्रक्रिया शुरू हो गई है, विद्यार्थी स्कूलों में आने लगे हैं तभी यह तबादला प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस वक्त तबादले करना उचित कदम माना जा रहा है। अब तक शिक्षा सत्र के मध्य में तबादले होते आए हैं। अभी तो ब्लाक भरने हैं तत्पश्चात उन्हें स्कूलों के आप्शन भरने के लिए दिये जा सकता है।
उल्लेखनीय है कि वर्ष 2016 में सबसे पहले आनलाइन तबादला नीति शिक्षा विभाग ने लागू की थी तत्पश्चात 2017 में उसके बाद 2019 फिर 2022 तथा वर्तमान 2023 में आनलाइन तबादले होने जा रहे हैं। क्योंकि न्यायालय के आदेश अनुसार ये तबादले किए जा रहे हैं और शिक्षा विभाग ने 2 महीने का समय मांगा था जिसके चलते अभी तबादला प्रक्रिया शुरू हो गई है। इससे पहले 5 अप्रैल तक शिक्षकों को अपनी सर्विस प्रोफाइल तथा पर्सनल प्रोफाइल सत्यापित करने करवाने का आदेश दिया था किंतु अभी भी बहुत अधिक शिक्षकों के ये आंकड़े वेरिफाई नहीं हुए हैं। ये सभी प्रक्रियाएं एमआईएस पोर्टल की जाती हैं। पिछले साल अगस्त माह में भी शिक्षकों के आनलाइन हुए थे जिसमें अनेकों कमियां झलकने लगी थी। वर्क लोड के अनुसार शिक्षक नहीं पहुंचे थे। किसी स्कूल में शिक्षकों की कमी रह गई थी या कहीं पर शिक्षक अधिक पहुंच गए थे। इसके बाद भी शिक्षा विभाग ने प्रतिनियुक्ति/डेपुटेशन आधार पर ड्राइव चलाया था जहां प्रतिनियुक्ति के आधार पर शिक्षकों को भेजा गया था फिर भी शिक्षकों की कमी का सिलसिला जारी रहा। एक बार फिर से शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए तबादले प्रक्रिया शुरू की है। यह तबादला प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मंगलवार को शाम के समय ही शिक्षकों को पता लगा कि 7 अप्रैल तक उन्हें 15 ब्लॉक भरने है जिसको लेकर शिक्षकों में अनेकों प्रकार की चर्चाएं हो रही है। क्योंकि पहली बार ब्लाक भरवाए जा रहे हैं जिसमें माना जा रहा है कम से कम 3 जिलों में 15 ब्लॉक बनते हैं। ऐसे में अगर शिक्षकों के तबादले 3 जिलों के भीतर होते हैं तो न्यायालय की शरण नहीं ले पाएंगे। यह भी माना जा रहा है कि शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए इस प्रकार के ब्लाक भरवाए जा रहे हैं ताकि वर्क लोड के अनुसार किसी भी विद्यालय में शिक्षकों की कमी नहीं रहेगी।
शिक्षा शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि किसी कर्मचारी ने अपने ब्लॉक वरीयता नहीं भरी तो विभाग मान लेगा वह किसी भी जिले के स्कूल में जाने के लिए तैयार है। ऐसे में उनका स्थानांतरण एनीव्हेयर पर किया जा जाएग। उधर अभी तक जिनकी सर्विस प्रोफाइल और पर्सनल प्रोफाइल पूरी सत्यापित आई हुई है बुधवार तक का समय दिया गया है ताकि वह अपनी कार्रवाई पूरी कर सके वरना आगे परेशानी झेलनी पड़ेगी।
चाहे कुछ भी हो एक ही जगह बैठे हुए 5 वर्ष से अधिक समय हो गया है उनको चिंता सताने लगी है। यही कारण है कि अब शिक्षकों में हड़कंप मचा है, परिणाम कुछ भी हो, स्थानांतरण होते हैं या नहीं हो पाते यह सब भविष्य के गर्भ में छुपा है।
खलिहान से निकल रही है अंकुरित सरसों -किसान हुये मायूस
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कनीना की आवाज। विगत दिनों क्षेत्र में 69 एमएम वर्षा होने के बाद से किसान अपनी खलिहान को सूखाने में समर्थ नहीं थे किंतु अब मौसम विगत 2 दिनों से खुल जाने के बाद खलियान को सूखाने के लिए उसे उखाडऩे लगे हैं जिसके चलते नीचे सरसों अंकुरित मिल रही है। एक और जहां खलिहान के नीचे बिछाई गई पालीथिन ने इस बार किसानों को नुकसान पहुंचाया वहीं अभी भी खलियान में नीचे पालीथिन पर वर्षा का पानी मिल रहा है।
किसान सुनील, अजीत सिंह, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह आदि ने बताया कि खलिहान में नीचे की सरसों पूर्ण रूप से गल सड़ गई है तथा फफूंद लग चुकी है, काली पड़ गई है, फलिया झड़ गई है और अंकुरित हो गई है। खलियान में ऊपर का कुछ भाग भी खराब है किंतु नीचे तो पूर्णरूप से खराब है। किसानों के सामने सबसे बड़ी समस्या आ गई है कि फसल नुकसान का मुआवजा तो मिला नहीं है और निकाली गई फसल पैदावार बाजार में ले जाने पर बिकती है या नहीं ? क्योंकि वर्षा ने सरसों की गुणवत्ता खत्म कर दी है। ज्यों ज्यों खलियान में गहराई पर जाते हैं त्यों त्यों फसल खराब और बदरंगी मिल रही है, फसल काली पड़ गई है, दाने खराब हो गए हैं या फिर अंकुरित हो गए हैं। किसानों को यह समझ नहीं आ रहा कि किस प्रकार इस बार अपनी बची हुई पैदावार को घर तक ले जाए। आशा के साथ फसल पैदावार लेनी चाही किंतु उनके अरमानों पर पानी वर्षा और ओलावृष्टि पानी फेर दिया। महज किसान सरकार की ओर नजरें टिकाए हुये है। किसानों की माने उनका कहना है कि 90 प्रतिशत से अधिक फसल बर्बाद हो गई है वहीं कृषि विभाग भी फसल पैदावार में 50 से 70 प्रतिशत तक हानि होने का अंदेशा जता रहा है। फसल पैदावार लेने के बाद ही पता चल पाएगा की फसल में कितना नुकसान हुआ है और उसी के अनुसार उन्हें मुआवजा मिलने की उम्मीद है। बहरहाल किसान अपनी अंकुरित हुई फसल को देखकर बेहद परेशान है। धूप खिलने से किसान कृषि कार्यों में लग गए हैं और बची हुई सरसों और गेहूं की फसल की कटाई का कार्य शुरू कर दिया है जल्द ही अनाज मंडी में सरसों एवं गेहूं की आने की संभावना बनी हुई है।
फोटो कैप्शन 1 व 2: सरसों की अंकुरित फसल।
स्कूलों में प्रवेश को लेकर अभिभावक हैं परेशान
-बच्चे को उसकी रुचि के अनुसार दिलवाये विषय-शिक्षाविद
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कनीना की आवाज। स्कूली कक्षाओं में प्रवेश के लिए चल मारामारी चल रही है। अभिभावक अपने बच्चों को बेहतर शिक्षा दिलवाने के नाम पर भटकते देखे गये हैं किंतु कई बार सही गाइडेंस न मिलने से बच्चे भी उस ओर मुड़ जाते हैं जो उनके भविष्य के लिए कम कारगर साबित होती है। क्या कहते हैं शिक्षाविद-
पूर्व उप जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी डा राजेंद्र सिंह यादव का कहना है कि बच्चों की स्कूल में प्रवेश की जद्दोजहद अभिभावकों के मन में चलती रहती है। कुछ सुझाव उनकी उलझन को सुलझाने में सहायता कर सकते हैं। ज्यादा परेशानी दसवीं कक्षा के बाद स्कूल में प्रवेश की होती है तथा विषय चयन की होती है। विषय बच्चों की रुचि के अनुसार चुने। कला विषय की बात करें तो आईएएस 2021-22 के कला विषय में टॉपर रहे हैं। कामर्स विषय में आईसीडब्ल्यूए, फाइनेंस एडवाइजर में कैरियर की संभावना है। साइंस में मेडिकल तथा नान मेडिकल रुचि अनुसार बच्चा ले सकता है। रुचि के विषय में बच्चों को निपुण बना हर क्षेत्र में आगे ले जाया जा सकता है। कोई भी विषय वर्ग कम नहीं है। जरूरत है पूरी शिद्दत से पढऩे की। स्कूल चयन में यह ध्यान में रखें कि अध्यापक अपने विषय के एक्सपर्ट हो और स्कूल प्रबंधन पूरा ध्यान बच्चों की का करती हो। 11वीं तथा 12वीं कक्षा में भी अधिक दूर भेजकर मानसिक परेशानी में बच्चों के घिरने की संभावना रहती है। जहां अध्यापक एक्सपर्ट हो तथा आज की हर जानकारी रखते हो, स्कूल लैब तथा स्पोर्ट्स आदि की सुविधा भी हो स्कूल का सही चुनाव किया जा सकता है।
यदि बच्चे की पढ़ाई शुरू करनी है तथा 3-4 वर्ष से लेकर 12 -13 वर्ष तक का है तो नजदीक का स्कूल चुने। बच्चों को अधिक सफर न तय करना पड़े। प्रबंधन शिक्षा के प्रति समझ रखते हो स्कूल चयन आसान बन जाता है। बच्चों को कहीं भी प्रवेश कराने से पहले स्कूल संस्था की पूरी जानकारी अभिभावक अवश्य ले। सिर्फ फीस का मापदंड या व्यक्तिगत जानकारी के हिसाब से प्रवेश दिलाना गलत साबित हो सकता है। बच्चों के जीवन में माता-पिता और स्कूल का योगदान रखता है मायने रखता है। पढ़ाई के साथ-साथ अच्छे इंसान बनने की प्रक्रिया भी घर और स्कूल से ही होती है।
पूर्व उप जिला शिक्षा अधिकारी डा रामानंद यादव का कहना है कि अब चूंकि दाखिला का उत्सव चल रहा है तो जाहिर है कि हमारे जहन में सवाल उठना लाजिमी है कि अपने बच्चों या हमारे से मार्गदर्शन लेने वाले बच्चों को किस स्ट्रीम में दाखिला लेने की सलाह प्रदान की जावें । एक बात काबिले गौर है कि अभिभावक अपने बच्चों को किसी भी स्ट्रीम के लिए दबाव न बनाएं। बच्चे की अभिरुचि का सम्मान वांछित है। रुचि के अनुरूप पाठ्यक्रम पढ़कर छात्र उत्कृष्टता को हासिल करता है। मानविकी , वाणिज्य , विज्ञान आदि स्ट्रीम रुचि अनुरूप अध्ययन किए जावें । अगर तकनीकी अभिरुचि हो तो वे अध्ययन प्रस्तावित हैं, जहां आगे चलकर इन्हीं संस्थाओं में आसानी से प्रवेश सुलभ हो सके । मार्गदर्शन पैरेंट्स के साथ -साथ शिक्षकों से भी लिया जा सकता है । अगर आपके पैरेंट्स अशिक्षित हैं तो आप उनसे जान सकते हैं कि वे आपको क्या बनना देखना चाहते हैं तथा अपनी रुचि अनुरूप आगे की पढ़ाई जारी रख उन्हें आश्वस्त कर सकते हैं । अब नयी शिक्षा नीति पर भी तवज्जो दी जा रही है अत: स्किल बेस्ड शिक्षा नीति हमें देखने को मिलेगी । संक्षेप में भविष्य में आप किस कैरियर को अपनाना चाहते हैं वही पाठ्यक्रम अध्ययन के लिए चुनें ।
उधर शिक्षाविद सुनील कुमार का कहना है किब अभी हाल ही में सम्पन्न हुई स्कूली परीक्षायें जिसमें बच्चों ने तनाव में रहकर व दिन रात मेहनत करके पढ़ाई की तथा अपनी परीक्षायें दी। पहले समय में बच्चों को दसवीं की परीक्षा देने के बाद कई महीनों तक रिजल्ट का इंतजार करना होता था, बच्चे इस समय बहुत ही प्रसन्न रहते थे व सगे संबंधियों विशेष कर अपने मामा के यहां जाकर अलग ही ऊर्जावान महसूस करते थे अपनी शारीरिक गतिविधियों को बढ़ाकर शरीर को मजबूत करते थे । लेकिन अब बदलते समय के अनुसार बच्चों को रिजल्ट का इंतजार ना करके अगली कक्षा में प्रोविशनल प्रवेश दिला दिया जाता है। अब सबसे बड़ी समस्या जो बच्चों व अभिभावकों के सामने आती है वो यह है कि अपने बच्चे को ग्यारहवीं कक्षा में कौन सा संकाय दिलवायेे। तो यहां पर आपको बताना चाहूंगा कि यहां पर आप अपने बच्चे की रुचि के अनुसार ही विषयों का चुनाव करें ताकि बच्चे को भविष्य में किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े। इसके साथ शुरुआत में आज कल सभी स्कूलों में ट्रायल कक्षायें लगाई जा रही है जिससे बच्चे कुछ दिन विषय को पढ़कर उसका चुनाव कर सकते है। इसके साथ साथ अंत में कहूंगा कि बच्चे तो अनमोल होते है वो अपने भविष्य की चिंता ना करते हुए मन में विषय के डर की भावना से पढ़ाई में सबसे अव्वल होते हुए भी आसान विषय का चयन कर लेते हैं। अत: हम सभी का भी यह कर्तव्य है कि जब बच्चा ट्रायल कक्षा लेने के लिए आ रहा है तब उसकी बौद्धिक क्षमता को जानकर उसको विषयों की उपयोगिता बताकर विषय चयन में उसकी मदद कर सकते है।
फोटो कैप्शन : डा राजेंद्र यादव, डा रामानंद, सुनील कुमार शिक्षाविद
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