Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Tuesday, April 25, 2023

 

सरसों की अब तक खरीद हुई 35000 क्विंटल वही गेहूं की खरीद 11451 क्विंटल पहुंची
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कनीना की आवाज। कनीना की नई और पुरानी दोनों अनाज मंडियों में खरीद का कार्य तेजी से चल रहा है। पुरानी अनाज मंडी में जहां गेहूं की खरीद जारी है। मंगलवार तक तक 11451 क्विंटल गेहूं खरीदा जा चुका है। अकेले मंगलवार को 356 क्विंटल गेहूं खरीदा गया। विस्तृत जानकारी देते हुए मैनेजर वेयरहाउस आनंद यादव ने बताया कि गेहूं किसान लेकर प्रतिदिन आ रहे हैं किंतु धीमी गति से आवक है। उधर नई अनाज मंडी में अब तक 35000 क्विंटल सरसों खरीदी जा चुकी है। विस्तृत जानकारी देते हुए मैनेजर संजीव कुमार ने बताया कि सोमवार तक 28571 क्विंटल सरसों खरीदी जा चुकी थी। मंगलवार को करीब 7000 क्विंटल सरसों खरीदी गई है। उन्होंने बताया कि 2 दिनों से विधायक सीताराम यादव सरसों खरीद का जायजा लेने आ रहे हैं ताकि किसानों को होने वाली परेशानी आदि का पता लगाया जा सके।
फोटो कैप्शन 11: विधायक अटेली सीताराम खरीद का जायजा लेते हुए।












जज के तबादले पर दी उन्हें विदाई
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कनीना की आवाज। कनीना न्यायालय के अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश वीरेंद्र मलिक प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट का स्थानांतरण होने पर कनीना बार एसोसिएशन द्वारा विदाई कार्यक्रम रखा गया। जिसमें जज साहब को प्रधान ओपी रामबास व अन्य बार के सदस्यों द्वारा स्मृति चिन्ह दिया गया। इस अवसर पर एडीजे विरेंद्र मलिक ने कहा कि कनीना न्यायालय का अनुभव काफी अच्छा और सराहनीय रहा। इस अवसर पर प्रधान ओपी रामबास ने कहा कि एडीजे साहब फैमिली कोर्ट केसों को गंभीरता से सुनते थे और पार्टीज को राजीनामा करने के लिए प्रेरित करते थे इस तरह से उनकी कार्यप्रणाली काफी सराहनीय रही है। इस अवसर पर बार एसोसिएशन कनीना के उप प्रधान विक्रम यादव, सचिव अभिषेक यादव, सह सचिव सतीश भाटोटिया, कैसियर अशोक ढाणा, पूर्व प्रधान कुलदीप यादव, हरीश गाहडा, दीपक चौधरी, अधिवक्ता अनिल शर्मा, दिनेश यादव, संदीप यादव, भागीरथ शर्मा, संत कुमार सहित अनेक अधिवक्ता उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 9: जज के तबादले पर उन्हें विदाई देते वकील।







वाहनों के चालान काटे
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कनीना की आवाज। मोटर व्हीकल के नियमों का पालन न करने वालों तथा आवारागर्दी करने वालों को किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। ये विचार सिटी थाना प्रबंधक सतनारायण ने मंगलवार को दर्जनों वाहनों के चालान काटे। सतनारायण ने कहा कि जिला पुलिस कप्तान के आदेशानुसार शहर में मोटर व्हीकल के नियमों की अवहेलना करने वालों तथा बस स्टैंड में आवारागर्दी करने वाले युवकों के वाहनों के चालान किए गए है। इस दौरान उन्होंने युवाओं को जीवन के महत्व के बारे में बताते हुए मोटर व्हीकल नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित किया। ताकि वाहन चलाते समय किसी भी प्रकार की अनहोनी से बचा जा सके। वहीं उन्होंने युवाओं को अपनी पढ़ाई करने व नौकरी की तैयारी करने के लिए भी प्रेरित किया। ताकि उनका आने वाला भविष्य उज्ज्वल हो सके। सिटी थाना प्रभारी ने कहा कि मोटर व्हीकल नियमों का पालन न करने वालों को किसी भी सूरत में बर्दास्त नहीं किया जाएगा। इस दौरान उन्होंने वाहन चालकों को अपनी साथ सभी जरूरी दस्तावेज लेकर चलने की अपील की। ताकि चेकिंग के दौरान उन्हें किसी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े। इस दौरान उनके साथ अन्य पुलिस कर्मी भी उपस्थित रहे।










राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर धरना 44वें दिन भी जारी
-गर्मी के दिनों में भी धरना देने वालों में है जोश
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर धरना 44वें दिन भी जारी रहा।
गर्मी के दिनों में भी धरना देने वालों में जोश है। ओमप्रकाश पीटीआई नौताना ने धरने की अध्यक्षता की।
इस अवसर पर उपस्थित ग्रामीणों का कहना है कि हरियाणा के इस पिछड़े क्षेत्र में विकास की आशा की किरण के रूप में एक राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण किया गया, जिससे यहां के ग्रामीण बहुत अधिक प्रभावित हुए और ऐसा सोचने लगे कि अब इस क्षेत्र का भी विकास होगा। लेकिन इस राष्ट्रीय राजमार्ग पर चढऩे व उतरने के लिए 20 से 25 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है, जिस कारण से उनका विकास का यह सपना भी पूरा नहीं हो सका, इसके लिए क्षेत्र की ओर से बार-बार मांग उठाई गई कि इस पर सेहलंग बाघोत के बीच कट दिया जाए। जिसको मानते हुए केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी से इस मांग को मंजूर भी करा दिया लेकिन इसके बावजूद भी इस कट का कार्य प्रारंभ नहीं हो सका जिससे क्षेत्र में निराशा छा गई, तत्पश्चात आसपास के 40 -50 गांवों के ग्रामीण पिछले 44 दिनों से यहां धरना दे रहे हैं ओर इस कट का यथाशीघ्र शुरू करने की मांग कर रहे हैं लेकिन अभी तक इस ओर कोई प्रगति नहीं हुई है।  धरने पर सैकड़ों ग्रामीण धरने पर हाजिर रहे। नौताना से विजय सिंह चेयरमैन, सीताराम सेठ,यश,राजकपूर, जयभगवान, बाघोत से महावीर पहलवान,रणधीर पहलवान,लीला राम पार्षद,राम सिंह,रिंकु,प्यारे लाल, बेड़ा सिंह, शेर सिंह ठेकेदार,सेहलंग से बिरेन्द्र, डा. नेतराम,कैलाश, मुंशी,रवि प्रधान, हंस कुमार, लक्ष्मणसिंह, जगदीश प्रसाद, धर्मपाल, सत्यवीर, पोता से सोनू तंवर,हरिओम सरपंच, मांगेराम,वीरपाल सरपंच स्याणा,विक्रम दहिया बूचोली, सुरेश कुराहवटा,राज यादव शहबाजपुर, शिवकुमार रावन,राहुल रावन,मोहित शर्मा इसराना,विनय कुमार सुन्दरह,  मक्खन लाल स्वामी बसई ,सत्यवीर सिंह पूर्व सरपंच नौसवा, नरेन्द्र शास्त्री, सूबेदार सुखबीर सिंह छिथरोली आदि भी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 7: कट के लिए धरने पर बैठे लोग।



घड़ा बनाने का धंधा करने वाले दो दशकों में 20 में से बचे हैं दो परिवार
- दूर से माटी मंगवाने, आवा लगाने की जगह न होने से परंपरागत धंधा होता जा रहा है चौपट
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कनीना की आवाज। कनीना में एक जाति विशेष के लोगों का घड़े बनाने का काम धीरे धीरे लुप्त होने के कगार पर पहुंच गया है। बुजुर्ग गर्मियों में घड़े का ही ठंडा पानी पीकर प्रसन्न मिलते हैं।
यदि इसी प्रकार की हालात बनती रही तो आने वाले समय में घड़े मिलने कठिन हो जाएंगे। घड़े बनाने का परंपरागत धंधा सिमट कर रह गया है। विवाह शादी, गर्मियों में, दीपावली के दिन जहां घड़े, झाल, मूण एवं झावली आदि की बहुत अधिक मांग रहती है। वही ये लोग कड़ी मेहनत करके और आपने इस धंधे को बचाने में लगे हुए हैं।
 अशोक कुमार, मनोहर लाल, हरी सिंह, धर्मपाल, लाल सिंह, बालकिशन आदि ने  बताया कि उनके लिए घड़े बनाना बहुत मुश्किल काम हो गया है। कनीना खंड में केवल कोटिया और कनीना में ही कुछ घड़े बनाए जाते हैं। उन्होंने बताया कि आवा/भट्ठी लगाने के लिए जगह की जरूरत होती है। घरों में आवा लगाने से धुआं अधिक बढ़ती है। ऐसे में पक्के और कच्चे घड़े रखने के लिए जगह भी चाहिए। सरकार उनको कोई जगह नहीं दे रही है जिसके चलते उनका धंधा चौपट होता जा रहा है। आधुनिक पीढ़ी तो माटी से काम करना नहीं चाहती। यह भी एक कारण है कि उनका घड़ों का कारोबार कम हो गया है। भारतीय प्रजापति हीरोज आर्गेनाइजेशन के ब्लॉक अध्यक्ष सत्यप्रकाश मास्टर ने बताया की माटी दूर से लाते हैं। माटी लाते वक्त जहां माइनिंग के चालान काट दिए जाते हैं। एक ट्राली माटी लाने में दस हजार रुपये का खर्च आता है और ढाई सौ के करीब पाते हैं।
 घड़े निर्माण में कम से कम 2 आदमी या फिर पूरा परिवार लगता है तब जाकर कच्चे घड़े बन पाते हैं। जब आवा लगाते हैं तो वह 100 घड़ों से लेकर ढाई सौ घड़ों तक एक साथ पकाए जाते हैं जिसमें से 10 प्रतिशत घड़े टूट जाते हैं। यही कारण है कि बचत कम होने के कारण कुछ लोग तो दूर दराज से बने बनाये घड़े लेकर आने लग गए हैं और उन्हें बेचते हैं। वैसे 3 दिन में भट्ठी में ये घड़े पक पाते हैं। जिस पर 2500 रुपये का बुरादा, लकड़ी एवं उपले आदि खर्च करने पड़ते हैं। 100 घड़े पकाने के लिए 200 उपलों की जरूरत होती है जबकि उपला 3 रुपये प्रति उपले के हिसाब से मिलता है। अधिक मेहनत आय कम होने के कारण ही धंधा चौपट हो रहा है। उन्होंने बताया कि खुशपुरा, दुबलाना, महेंद्रगढ़ आदि से माटी लानी पड़ती है। इसके लिए काली मिट्टी की जरूरत होती जो कनीना में उपलब्ध नहीं है।
उन्होंने बताया कि घड़े निर्माण के कार्य पर अधिक धन खर्च करना पड़ता है और आय कम  होती है। ऐसे में उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि सभी घड़े बनाने वाले लोगों के लिए एक सार्वजनिक जगह उपलब्ध करवाई जाए जहां पर वे अपना आवा लगा सके ताकि उनका कारोबार भी चलता रहे और हर गरीब व्यक्ति को देसी फ्रिज भी मिलते रहे।
 फोटो कैप्शन 06: कनीना में घड़े निर्माण करता हुआ अशोक कुमार।








करीब एक दर्जन लोगों के विरुद्ध मार पिटाई का मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव कोका निवासी विजय नामक व्यक्ति ने पुलिस में मामला दर्ज करवाया है कि उसके साथ करीब एक दर्जन लोगों ने मार पिटाई की। कनीना पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
 विजय ने पुलिस में बताया कि वह अपने दोस्त विजेंद्र तथा प्रदीप कोका निवासी, डूमोली गांव में शादी में गए थे। शादी में अमित कोका निवासी भी गया हुआ था जहां विजेंद्र के साथ अमित की कहासुनी हो गई। जब शादी संपन्न हो गई तो घर वापस आ रहे थे, अमित ने फोन करके जान से मारने की धमकी दी। संदीप ने विजेंद्र को फोन करके खेल के मैदान की तरफ आने की बात कहते हुए कहा कि वहां उन्हें देख लेंगे।
 23 अप्रैल की शाम को शिकायतकर्ता, प्रदीप विजेंद्र कोका निवासी तथा विपिन गुजरवास निवासी आश्रम ग्राउंड के पास जा रहे थे। तब मोटरसाइकिल पर अमित, मंजीत एवं रवि भी  वहां आ गये। उनके हाथों में राड़ व डंडा थे। अमित ने आते ही प्रदीप के सिर पर राड मारी। शिकायतकर्ता एवं विजेंद्र जब छुड़वाने लगे तो उनके पीछे से बाइक पर महेंद्र, विकास एवं रवि भी वहीं आ गये और आते ही मार पिटाई शुरू कर दी। महेंद्र व रवि ने मुक्का चोट आदि मारी। इन लोगों ने विजेंद्र और प्रदीप को भी चोट मारी।  झगड़े के दौरान हेमंत, संदीप, संदीप पुत्र कैलाश, अनिल कोका व रवि नांगल भी मौके पर पहुंच गए। इन्होंने भी पीडि़त के साथ मारपीट की। जब शोर मचाया तो देशराज, लाली बचाने के लिए दौड़े। झगड़े को सुनकर गांव के लोग मौके पर पहुंचे तो उपरोक्त लोग मौके से भाग गए। जाते-जाते जान से मारने की धमकी दी। पुलिस की सहायता से 112 नंबर पर फोन करके इलाज के लिए घायलों को सरकारी अस्पताल कनीना ले जाया गया जहां डाक्टर ने प्राथमिक उपचार करके उन्हें पीजीआई रोहतक रेफर कर दिया। अस्ेपताल से अब छुट्टी दी तो अब पुलिस आकर मामला दर्ज करवा दिया है। विजय की शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया है।









बाघोत के विद्यार्थियों की समस्या समाधान के लिए स्कूल प्रांगण में लगाई शिकायत पेटिका
-किया जाएगा त्वरित समस्या समाधान- प्राचार्य
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कनीना की आवाज। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बाघोत में शिकायत पेटिका का निर्माण किया गया है। इससे पहले विभिन्न गतिविधियां चलाई गई जिसमें महेंद्र कुमार गोयल प्राचार्य पर सुनील कुमार प्रवक्ता ने कार्यक्रम की जानकारी दी। इस मौके पर प्राचार्य ने विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। क्योंकि विद्यार्थी समस्या रखने में शर्माते हैं इसलिए एक पेटिका निर्माण किया गया जिसका नाम शिकायत पेटिका बॉक्स नाम रखा गया है। इसे विद्यालय में स्थापित कर दिया है ताकि कोई भी विद्यार्थी अपनी समस्या समाधान के लिए शिकायत यहां डाल सकता है। इस मौके पर प्राचार्य ने कहा कि जो भी समस्या आएंगी उसका जल्द से जल्द समाधान किया जाएगा। साथ में अपनी पढ़ाई सुचारू रूप से चलाने का आदेश दिया।
 फोटो कैप्शन 3: बाघोत में शिकायत पेटिका को स्थापित करवाते प्राचार्य।



कनीना मनाया गया विश्व मलेरिया दिवस 

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 कनीना। कनीना में विश्व मलेरिया दिवस नागरिक अस्पताल में मनाया गया। इस मौके पर शीशराम एचआई ने बताया कि 2019 के बाद कनीना क्षेत्र में कोई भी मलेरिया का केस नहीं आ रहा है परंतु उन्होंने मलेरिया से बचने के लिए मच्छरों से सावधान रहने की बात कही। उन्होंने कहा जहां भी पानी खड़ा हो तेल छिड़कना चाहिए, हर रविवार को ड्राई-डे मनाना चाहिए, मच्छरों से बचने के लिए हाथों पैरों को ढक कर रखना चाहिए तथा विभिन्न यंत्र और साधनों से मच्छरों से दूर रहना चाहिए। उन्होंने इस अवसर पर लोगों को सलाह दी कि बारिश के मौसम में कहीं भी पानी जमा न होने दें।
फोटो कैप्शन 5: मलेरिया के विषय में जानकारी देते शीशराम एचआई एवं अन्य।






प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भोजावास में विश्व मलेरिया दिवस मनाया

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कनीना की आवाज। मंगलवार को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र भोजावास में विश्व मलेरिया दिवस मनाया गया।  इस मौके पर हेल्थ इंस्पेक्टर राजकुमार ने बताया कि मलेरिया बुखार ऐनाफ्लीज मादा के मच्छर के काटने से होता है। घरों की छतों व छतों पर पड़े टायर, टब, गमले,टूटे बर्तन,कंटेनर आदि में पानी जमा नही होना चाहिए। कूलरों का पानी सप्ताह में एक दिन सूखा देना चाहिए ताकि मच्छर का लार्वा पैदा न हो सकें। उन्होंने बताया कि कोई बुखार मलेरिया हो सकता है। इसकी समय पर खून की जांच करवाकर पूरा इलाज करवाना चाहिए। रात को सोने के समय मच्छरदानी का उपयोग करना चाहिए और पूरे शरीर को कवर कर रखना चाहिए ताकि मच्छर के काटने से बचा जा सकें। उन्होंने बताया कि शुक्रवार का दिन ड्राई-डे मनाया जाए इसके अनुसार घर में कूलर, गमले, टायर, टूटे बर्तन, कंटेनर आदि का सूखाकर रखना चाहिए ताकि मच्छर का लारवा पैदा न हो सकें। इस दौरान प्रेमलता, पूनम, मुकेश बाई एएनएम, विनोद कुमार एमपीएचडब्ल्यू, रामवीर सहित अन्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 02: हेल्थ इंस्पेक्टर राजकुमार जानकारी देते



ईंधन में लगी आग फायर ब्रिगेड ने आकर बुझाया 

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 कनीना। कनीना उपमंडल के गांव गुढ़ा में ईंधन में आग लग गई जिसके चलते फायर ब्रिगेड को महेंद्रगढ़ से बुलाया गया। जिसने आग पर काबू पाया।
 मिली जानकारी अनुसार बली सिंह गुढ़ा निवासी का खेता में ईंधन में लगा हुआ था जिस में अचानक आग लग गई। ईंधन में आग लगने के साथ में पड़ उपले जल गये।  आसपास के भारी मात्रा में ईंधन पड़ा हुआ था। फायर ब्रिगेड ने आकर के आग पर काबू पाया। प्रकार आसपास के ईंधन में लगी आग पर को नुकसान होने से बचा है।
फोटो कैप्शन 1: ईंधन में लगी आग को बुझाते फायर ब्रिगेड के कर्मी।





















पालिका चुनावों के लिए नहीं आ रहे सशक्त संभावित प्रत्याशी सामने  
 -चारों और सुनाई देने लगा है चुनाव का शोर
 -लंबी लिस्ट बनती जा रही चुनाव के इच्छुक लोगों की
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कनीना की आवाज। कनीना नगरपालिका के भविष्य में चुनाव होने जा रहे हैं। 13 वार्डों में करीब 10 हजार वोटर है। ऐसे में अब चुनावी सरगर्मियां बढऩे लगी है। जहां भी देखें चुनावी चर्चा शुरू हो गई है क्योंकि किसान भी अब खरीफ फसल की तैयारी से पहले कुछ फुर्सत में है।
किसान रबी फसल पैदावार ले चुके हैं। ऐसे में अब भीषण गर्मी में हुक्के के अलावा कुछ भी मनपसंद चीज नहीं है। हुक्के के चारों ओर 5 से 7 लोग बैठे मिल ही जाते हैं। आलम यह है कि किसान हुक्के की गुडग़ुड़ाहट पर चुनावी चर्चा छेड़ रहे हैं। अक्सर यही चर्चा होती है कि इस बार युवा पीढ़ी को कमान सौंपी जाए। वैसे भी अधिकांश युवा आगे आ रहे हैं। एक पूर्व प्रधान ने तो पहले ही अपने लड़के की चुनाव लडऩे की घोषणा कर दी है। चुनाव के लिए अभी से ही भाग दौड़ शुरू कर दी है।
वोटरों के पास जाना, उनके वोट को इधर-उधर कटवा कर मनवांछित वार्ड में जुड़वाकर जीत की चाहत की पूरी जुगत लगा रहे हैं। सबसे बड़ी विडंबना है कि बहुत से ऐसे वोटर है एक वार्ड से दूसरे वार्ड की ओर भाग रहे हैं जिनके पीछे भी बहुत से चुनाव लडऩे वालों का हाथ है। चुनाव लडऩे वाले रातों रात रणनीति बना रहे हैं ताकि विजयी हो सके।
कब से बढ़ी हलचल--
कनीना पालिका के चुनावों की हलचल बढ़ गई है। मतदाता सूचियों  का प्राथमिक प्रकाशन हो चुका है। अंतिम प्रकाशन के बाद पता चलेगा कि कितने मतदाता कनीना में हैं। वर्तमान में 8371 मतदाता 13 वार्ड में दर्शाए गए हैं। जिनकी संख्या अभी बढ़ेगी।
 कनीना पालिका 1952 से चली आ रही है। कनीना नगर पालिका के समय-समय पर अनेक प्रधान रह चुके हैं। जब जब कनीना पालिका चुनाव आते हैं तब तब एक ही बात उठती है कि सशक्त, ईमानदार और विकास पुरुष को प्रधान पद के लिए आगे लाया जाए किंतु हकीकत है अभी तक ऐसा कोई सशक्त व्यक्तित्व सामने नहीं आया है जो पुराने चुनाव लड़ते आ रहे लोगों को टक्कर दे सके। हो सकता है भविष्य में ऐसा कोई चेहरा उभर सकेगा परंतु वर्तमान समय में ऐसा कोई चेहरा स्पष्ट नजर नहीं आ रहा है। यह बात हर व्यक्ति के दिलों दिमाग में बैठी हुई है जिसके चलते इन चुनाव को अभी तक अनेकों युवा एवं बुजुर्ग अवलोकन कर रहे हैं, सोच सोचकर भावी प्रधान के गुण अपने दिलोदिमाग में बैठा रहे हैं ताकि समय आने पर ऐसे व्यक्ति का साथ दिया जा सके।
 यही कारण है कि कनीनावासी अभी तक यह निर्णय नहीं कर पा रहे हैं कि इस चुनाव में किसे उतारा जाए का बेहतर ढंग से कनीना का नेतृत्व कर सके। पूर्व प्रधान एवं वर्तमान प्रधान सतीश जेलदार अपने अपने परिजनों को उतार सकते हैं। अभी चुनाव होने में कुछ समय लग सकता है। ऐसे में नए नए चेहरे उभर कर भी आ सकते हैं।  बहरहाल चुनाव को लेकर के जब चर्चाएं गर्म हैं। आने वाले वक्त में पता लग पाएगा कि कौन चुनाव में भागीदारी करेगा। इस बार पालिका प्रधान के चुनाव डायरेक्ट होना सभी लोगों के मन को सुहा रहा है क्योंकि अब तक पालिका प्रधान बनते आए वह किसी के रहमों करम पर होते थे या पार्षदों पर निर्भर रहे हैं। सभी की नजरें चुनाव पर टिकी हुई है और बेहतर से बेहतर प्रत्याशी ढूंढने की तैयारियों में जुटे हुये हैं।
 चुनाव लडऩे के दावेदार-
अभी तक पार्षद के चुनाव के लिए महेश बोहरा दावेदारी जता रहे हैं।  उधर वार्ड चार से योगेश कुमार भी पार्षद के चुनाव लडऩे के लिए तैयार हैं।  वार्ड एक से विजय चेयरमैन वार्ड एक से पार्षद के चुनाव लड़ेंगे। इस बार चेयरमैन पद का चुनाव डायरेक्ट होगा।  जिसके चलते इस बार चेयरमैन पद के लिए अधिक लोग तैयारी में जुटे हुए हैं।
कनीना के सज्जन सिंह बोहरा, वार्ड 3 के निवासी राज सिंह, सुमेर सिंह मैनेजर चुनाव लड़ेंगे और प्रधान पद की दावेदारी करेंगे। कनीना के वार्ड 12 का निवासी अमित नंबरदार  पालिका के प्रधान पद का दावेदार है। कनीना के वर्तमान चेयरमैन सतीश जेलदार के पुत्र प्रीतम जोनू चेयरमैन पद के चुनाव लड़ेंगे। उधर पूर्व प्रधान मा. दिलीप सिंह प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं या फिर उनका पुत्र चुनाव में खड़े होंगे और वो भी प्रधान पद के लिए ही दावेदारी जताएंगे। पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा भी चुनाव में खड़े होंगे वो भी वोटरों का मन टटोल रहे हैं। कनीना के एडवोकेट विनय यादव, एडवोकेट पंकज यादव,  वर्तमान में उप प्रधान पद पर आसीन अशोक ठेकेदार,  मनीष पार्षद, मनोज कुमार इस बार पालिका चुनाव में प्रधान पद की दावेदारी करेंगे।




 लेने जाते हैं सब्जी और पूछते हैं वोटर का अता पता
-शिक्षक हुये परेशान
- वोटरों के इधर उधर होने का मसला
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कनीना की आवाज। विगत दिनों से जहां शिक्षकों की तैनाती बीएलओ के साथ लगा दी गई है। बीएलओ को वोटर का ज्ञान होता है किंतु उनके साथ एक मास्टर तथा एक प्राध्यापक आदि की तैनाती करके न केवल स्कूलों का शिक्षण कार्य प्रभावित कर दिया है वहीं शिक्षक दिन और रात को भागते फिरते हैं। क्योंकि वोटर लिस्ट में कोई नियम पालन नहीं किया गया है, वार्ड 1 में 11 के वोटर तो वार्ड 4 में 13 के वोटर मिल सकते हैं,न जाने क्या-क्या गलतियां देखने को मिल रही हैं। जिसके चलते यही पता नहीं लगाया जा सकता कि यह वोटर कहां और किस वार्ड का है? पूरे कस्बे की समुचित ज्ञान हो वही थोड़ा-बहुत बता सकता है परंतु स्थिति बहुत बुरी हो चुकी है।
शिक्षक परचून की दुकान पर सामान खरीदने जाते हैं और साथ में पूछते वोटरों का अता पता यहीं नहीं सब्जी खरीदते हैं तो भी वोटर का अता पता पूछते है। शिक्षकों ने बताया कि  हालात यह है कि दिन व रात में भाग दौड़ करने पर कि कुछ वोटर की पहचान हो पाती है। बाकी अगले दिन पर छोड़ दिया जाता है। विगत करीब एक सप्ताह से शिक्षक इसी कार्य में जुटे हैं जिसके चलते स्कूलों में शिक्षण कार्य प्रभावित हो गया है।
ग्रीष्मावकाश से पहले शिक्षण का यही बेहतर वक्त होता है और इसी वक्त में शिक्षकों की विशेषकर विज्ञान और गणित के शिक्षकों की तैनाती कर दी गई है। परिणाम यह है कि जहां विद्यार्थी बगैर शिक्षकों के परेशानी उठा रहे वहीं शिक्षक वोटरों के न मिलने से परेशान हो रहे हैं। उस पर कोई उनकी मदद करने को तैयार नहीं है। अध्यापक और प्राध्यापकों के तैनाती लगाई उन्हें किसी प्रकार का कोई पारिश्रमिक का प्रावधान नहीं किया गया है। दिन भर भूखे भागदौड़ करते रहते हैं।
 शिक्षकों ने बताया कि ऐसा कोई ऐप भी अब हरियाणा का नहीं है जिससे पता लगाया जा सके कि वोटर कहां है? न ही उनके फोन नंबर मिलते। सबसे बड़ी विडंबना है कि बहुत से ऐसे वोटर है जो यहां रहते ही दूसरे क्षेत्रों में हैं, कुछ एक की मौत हो चुकी है या दिन भर काम पर जाते हैं उनके कागज भी नहीं मिल पाते। गांवों जैसे ककराला, धनौंदा, करीरा आदि के वोट भी लिस्ट में आ चुके हैं। आश्चर्यजनक बात है कि फोटोकापी भी शिक्षकों को या किसी या किसी समाजसेवी को करवाकर देनी पड़ रही है। कहने का अर्थ है कि जेब में कुछ आएगा नहीं कुछ खर्च करने होंगे। एक और जहां बड़ा कस्बा होने से वोट नहीं मिल रहे हैं दिनभर शिक्षक अपनी मोटरसाइकिल या फिर अन्य साधनों से जगह-जगह पूछते फिर रहे हैं।






















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