Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Wednesday, January 1, 2025


 

पार्षद के चुनाव के लिए ढूंढने लगे हैं सुरक्षित वार्ड
-प्रधान पद के लिए दावेदार भी अब पार्षद बनने के इच्छुक
***************************************************
*****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज। 
कनीना नगर पालिका की भावी चुनावों के दृष्टिगत जहां पालिका प्रधान सहित कुल सात वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित होने के कारण पार्षदों के लिए सुरक्षित जगह ढूंढी जा रही है। जिन-जिन के वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित हो गए वहां पुरुष चुनाव लडऩा चाहते हैं वो तिलमिला रहे हैं तथा किसी ऐसे वार्ड को ढूंढ रहे हैं जहां उनकी जीत सुनिश्चित हो सके। आश्चर्य होता है कि अब तो प्रधान पद के दावेदार भी पार्षद के लिए मारे-मारे फिर रहे हैं क्योंकि पार्षद कहां से बना जाए ऐसा वार्ड मिलना मुश्किल काम हो गया हैं। इस बार जहां कनीना में 14 वार्डों में चुनाव होगा और 14 पार्षद बनाए जाएंगे, इन वार्डों में से एक ऐसा वार्ड भी बनाया गया है जिसके तहत कनीना के बाहर बाहर का भाग शामिल किया गया है। इस 14 वार्ड को कई उम्मीदवार सुरक्षित जगह मान रहे हैं। यही कारण है कि अनेक पुरुष प्रत्याशी 14 वार्ड से चुनाव लडऩा चाहते हैं। अब नजरें या तो प्रधान पद या वार्ड 14 पर जमती जा रही है क्योंकि दोनों के लिए ही सबसे अधिक प्रत्याशी मैदान में हैं। वैसे इस वर्ष जहां इवीएम से मतदान होंगे, प्रधान पद का सीधा चुनाव होगा तथा 14 वार्डों का चुनाव होगा। ये तीन नये कार्य इस बार के चुनावों में पहली बार होने जा रहे हैं। बहुत अधिक महिलाएं भी इस बार आगे आ रही है।  अभी से चुनावी ही वार्डों में जाकर बड़े बड़े वादे किये जा रहे हैं। कुछ तो ऐसे भी भावी प्रत्याशी है जिनके घर से एक नहीं दो दो व्यक्ति चुनाव लडऩा चाह रहे हैं। और आगे आ रहे हैं। जहां एक प्रधान तथा दूसरा पार्षद के लिए भी चुनाव लड़े जा रहे हैं ।कुछ तो पुरुष पार्षद के चुनाव लडऩा चाहते हैं जबकि उनके परिवार से महिलाएं प्रधान पद के लिए चुनाव लड़ रही हैं। इस बार चुनाव प्रतिष्ठा का प्रश्न बन गया क्योंकि यदि प्रधान पद के लिए पुरुष लालायित थे वहां अब महिला प्रधान बन जाएगी तो उनके लिए कोई ठिकाना नजर नहीं बचेगा। यही कारण है कि पुरुष पार्षद बनकर जैसे तैसे नगरपालिका में प्रवेश करना चाहते हैं और पार्षद बनकर ही नगर पालिका में जाना चाहते हैं। कुछ तो अल्पसंख्यकों में जाकर बड़े-बड़े दावे और वादे कर रहे हैं, उनको अपनी ओर खींचने के हर संभव प्रयास कर रहे हैं। उनका विरोध करने वाले भी आप मुखरित होते जा रहे हैं। कुल मिलाकर तीन दर्जन से अधिक प्रत्याशी चुनाव की बिना तिथि घोषित किया ही सामने आ गए हैं। आने वाले समय में जब तिथि घोषित हो जाएगी उसके बाद तो उनकी संख्या बढ़ती ही चली जाएगी।



मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार-82
-पिता का बहुत डर लगता था परंतु उनकी बदौलत आज इस मुकाम तक
***************************************************
*****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना निवासी होशियार सिंह विज्ञान अध्यापक अप्रैल 2024 में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। उनका बहुत संघर्षमय इतिहास रहा। अपने संघर्षों के बल पर वे आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं। कितने ही घटिया लोगों ने उनकी टांग खिंचाई की परंतु वे नित्य प्रति आगे की ओर बढ़ते चले गए। वो अपने माता-पिता सदैव डरते रहे हैं परंतु माता-पिता के बहुत प्रिय पुत्र भी रहे हैं।  उनकी कहानी होशियार सिंह की ही जुबानी सुनिये-
मैं अपने पिता जय नारायण से बहुत डरता था। जब से होश संभाला पिता का डर सताता रहता था कि कहीं किसी गलती पर पिटाई न कर दे। वैसे भी कई बार उन्होंने मुझे पीटा किंतु मुझे खुशी है कि काश वो मुझे और पीटते तो मैं और निखर जाता। क्योंकि कहावत है कि सोने को जितना कूटा पीटा जाए या तपाया जाए वह और निखरता है। यह भी सत्य है कि मैं पिता के साथ बहुत करीब रहा। उनका सबसे प्रिय भी रहा। उनको खाना देकर आना हो या पानी पहुंचाना हो, मुझे ही यह काम सौंपा जाता था। मेरे पिता जय नारायण लाठी और पटे के अच्छे खिलाड़ी थे, ताकत से भरपूर होने के साथ-साथ कलाकार थे। मेरे ताऊ अर्जुन सिंह का तो दूर दराज विशेष कर पंजाब के अबोहर में आज भी नाम प्रचलित है। यद्यपि ताऊ अर्जुन सिंह की छोटी उम्र में ही मौत हो गई थी किंतु पंजाब के अबोहर में जाकर आज भी सुना जाए तो उनकी वीरता के चर्चे चलते हैं जिन्होंने दो ओड मार गिराए थे। अपने अंतिम समय में एक सांड से भिड़ गये थे। सांड ने कई लोगों को बुरी तरह से घायल कर दिया। जब उन तक सूचना आई तो अर्जुन सिंह एक छोटी सी लाठी लेकर दौड़े और आज के दिन जहां होलीवाला जोहड़ है उसके पास उन्होंने सांड को रोक लिया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि इतनी जोर से वार सांड के सींग पर किया कि सींग के कई भाग कर दिये वो भी एक ही वार में। और सांड ने मुड़कर नहीं देखा। दौड़ता ही चला गया। यह ठीक है की बीमारी के कारण उनका देहांत हो गया। मेरे पिता बहुत ताकतवर थे, अच्छे कवि अलगोजा बजाने वाले, बांसुरी के जानकार थे। वे हमेशा अपने साथ एक हाथ में बहुत बेहतरीन कुल्हाड़ी रखते थे तो दूसरे हाथ में लाठी मिलती  थी। उनका हमेशा कहना था की लाठी और कुल्हाड़ी दोनों उनके सबसे बड़े हथियार हैं। वो निडर थे और दूर दराज तक उनकी बहादुरी की चर्चाएं आज भी चलती हैं। वृक्षों पर चढऩे में भी माहिर थे, जब बुढ़ापे में थे तब भी वो पेड़ों पर आसानी से चढ़कर बिरछा/कीकर के फल एवं जाटी के सांगर को तोडऩे थे। मैं सदा उनका साथ देता था और 22 पशु हमारे पास होते थे। यह सत्य है कि 1972 में वो सारे 22 पशु चोरी हो गए थे। तत्पश्चात से वह हताश रहने लगे किंतु बाद में फिर से पशुओं की संख्या बढ़ाई। जब घर की हालत बहुत बेहतर हुई तो 24 फरवरी 1989 को चल बसे। वह मुझे पशुओं के साथ जंगल में रखते थे और हर प्रकार का ज्ञान देते थे। यह सत्य है कि जब तो हमने उनकी बातों पर अधिक ध्यान नहीं दिया किंतु अब पछताना पड़ रहा है। वो शोभापुर भूषण गांव की ज्यादा चर्चा करते थे क्योंकि हमारे पूर्वज वहां रहे हैं।
जय नारायण बहुत बड़ी डेरी के मालिक रहे हें इसलिए डेरीवाला नाम से मशहूर हैं। तत्पश्चात उनका नाम दुकान के कारण आज भी दूर रात तक जय नारायण/जैनिया की दुकान नाम से मशहूर है। जय नारायण का पोता योगेश व रोहित इस समय दुकान का काम संभाले हुए हैं। थोड़े बहुत समय के लिए जय नारायण का सबसे बड़ा लड़का कृष्ण कुमार दुकान को संभालता है। आज पिता की बहुत जरूरत समझी जा रही है। यह सत्य है कि पिता के पास बुढ़ापे में जाकर पैसे खूब हुए ,इससे पहले पैसों की कमी रही। लेकिन ज्ञान अपार था।
उनकी बदौलत दूध व घी जमकर खाया पिया। वो अपने समय का सबसे पूरा दिन एक ही बताते थे। जो इस समय कान्ह सिंह धर्मशाला बनाई हुई है यहां पर 85 सालों से रह रहे थे। परंतु उस समय राजेंद्र लोढ़ा ने उस समय बेघर कर दिया था जब हमारे पास कोई पर्याप्त आवास नहीं था। ऐसे में वह कहते थे कि इसका एक दिन देखना सत्यानाश होगा। वह गांठ आज तक हमारे दिलों में बसी हुई है। राजेंद्र लोढ़ा की उसे समय एक विशेषता रही कि जिन्होंने उसे वोट दिये या कमजोर लोग जो बोलने वाले नहीं थे, उनके घर आदि सब खत्म कर दिए और जो ताकतवर थे वो आज भी अपनी बड़े-बड़े आलीशान कोठिया बनाये बैठे हैं जिन्हें नगर पालिका की जगह में मानते हैं। किंतु उनकी तरफ मजाल आंख उठाकर भी कभी नहीं देखा। आज भी उस समय की कनीना की सभी बणियां अतिक्रमण का शिकार चली आ रही हैं। उन्होंने 58 एकड़ बड़ी-बणी की जमीन डीएवी को मामूली सी राशि में 99 साल के पट्टे पर दे डाली जिसका परिणाम आज भी कनीनावासी भुगत रहे हैं।
 जब में स्कूल में पढऩे के लिए जाता था तो मुझे रहता था कि कहीं अध्यापक ने पीट दिया तो घर जाते ही पिता और पिटाई करेंगे। उनका डर लगा रहता था। यही कारण है कि अपनी ऊंचाइयों को छू गया। जब पंजाब विश्वविद्यालय से गोल्ड मेडल मिला तब तक पिता का देहांत हो चुका था। जब उनका देहांत हुआ तब तक में बीएससरी, बीएडतथा डिप्लोमा कर चुका था।
मां मिश्री देवी शांत प्रवृति की थी। मेरे कारण उनको बहुत कष्ट झेलना पड़ा क्योंकि जब मैं पैदा ही हुआ था तो दोनों को काले नाग ने काट लिया। उनके हाथ को काटा लिया। मां को कनीना के सरकारी अस्पताल के डाक्टरों ने बचा लिया परंतु मुझे मां का दूध नसीब नहीं हो पाया। क्योंकि मां को सांप ने काट लिया था इसलिए दूध पिलाने से मना कर दिया गया था। बेचारी मां का एक हाथ डाक्टरों द्वारा उनको बचाते समय नसों के कट जाने के कारण दिव्यांग हो गया था। उनका ताउम्र वैसा ही हाथ रहा परंतु हम उन डाक्टरों के आभारी हैं जिन्होंने मां को बचा लिया था। बाद में मेरे गले पर भयंकर रोग भी हुआ जिसके कारण आज भी गले पर निशान है। माता-पिता और बहन संतरा बताते रहे हैं कि मेरी सूरत बहुत सुंदर थी, गोरा रंग था विशेष कर हाथ बहुत सुंदर थे। परंतु मां को सांप ने डसने के बाद मेरा रंग भी धीरे-धीरे बिगड़ता चला गया। मां के काम के लिए मैं सदा तत्पर रहता था। लंबे समय तक उनके लिए कीकर की दातुन तोड़कर रात को लाता और मां के लिए रख देता था कि सुबह उठकर दातुन कर सके। मुझे विशेष रूप से माता और पिता गोंद के लड्डू खिलाने थे। मेरा कुछ विशेष ध्यान देते थे। यू तो सारे ही मेरे भाई पढऩे में अच्छे थे किंतु मैं उन सभी में कुछ ज्यादा अच्छा था इसलिए मेरे पर सभी प्रकार का ध्यान देते थे। खाने पीने का भी विशेष ध्यान देते थे। यही कारण है कि मां का देहांत जब 16 जनवरी 2017 को हुआ तब तक मैं उन्हें बहुत चाहता था। वो खाटा का साग व रोटी बनाकर देती थी। चूंकि मेरी शादी 21 नवंबर 2000 में हुई जबकि मेरे से छोटा भाई करतार सिंह मेरे से पहले शादीशुदा था। एक मलाल मेरी मां का रह गया कि जिस घर में मैं आज रह रहा हूं वह घर 2015 में बनकर तैयार हो गया था परंतु मां की हालत अच्छी नहीं थी। वह चारपाई पर रहती थी। इसलिए उनकी इच्छा थी कि यह नया घर देखा जाए और हमने प्रयास भी किया कि चलिए चारपाई सहित उन्हें इस घर में लाया जाए पर अफसोस वह इस घर में नहीं आ सकी। यह घर जिसमें अब मैं रहता हूं उसमें न तो पिता और न माता के चरण कभी पड़े। कहते हैं कि जिस घर में माता-पिता के चरण नहीं पड़े हो वह घर अच्छा तो नहीं होता परंतु मजबूरी है हम इस घर में रह रहे हैं।
मां ने मुझे कभी पीटा तो नहीं परंतु डांट डपट जरूर दी और उनकी डांट भी मेरे लिए आज खुशी देती है कि काश कुछ और डांट लगाती तो और ऊंचाइयों को मैं छू जाता।




कोचिंग सेंटर में विद्यार्थियों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक किया
--कोचिंग सेंटर पर दी जानकारी
***************************************************
*****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज।
थाना सदर कनीना की पुलिस टीम ने एक कोचिंग सेंटर कनीना में साइबर जागरूकता अभियान के तहत सेमिनार का आयोजन किया। टीम द्वारा विद्यार्थियों को साइबर अपराधों के प्रति जागरूक करने के लिए उनके सामने विचार सांझा करते हुए बताया कि साइबर अपराधी सोशल मीडिया प्लेटफाम्र्स फेसबुक/इंस्टाग्राम/टेलीग्राम के माध्यम से आपकी फोटो डाउनलोड करके फेक आइडी बनाकर साइबर अपराध करते हैं। ऐसे मे अपनी सभी प्रोफाइल को सेटिंग के माध्यम से प्रोफाइल लाक लगा कर रखें। इसका पता लगने पर तुरंत उस आइडी को ब्लाक कराएं। अपने आनलाइन खातों/लागिन पर टू फैक्टर आथेंटिकेशन का प्रयोग करें। अपने सिस्टम को हमेशा अप टू डेट रखें। पब्लिक वाइ-फाइ का प्रयोग ना करें तथा प्राइवेट नेटवर्क का प्रयोग करें। साइबर सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए पुलिस द्वारा अनेक कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे हैं।
इस दौरान विद्यार्थियों को यह भी बताया गया कि साइबर ठग आपकी जानकारी प्राप्त करके आपको न केवल आर्थिक हानि पहुंचा सकते है बल्कि आपको मानसिक रूप से भी परेशान कर सकते हैं। साइबर अपराधी विभिन्न प्रकार से प्रलोभन देकर व डर दिखाकर फ्रॉड को अंजाम देते हैं। इसलिए हमें अच्छे से समझना चाहिए कि साइबर अपराध क्या है और इससे बचने के लिए साइबर सुरक्षा की जानकारी रखना हमारे लिए कितनी आवश्यक है। साइबर सुरक्षा की जानकारी होना ही आपको साइबर ठगों से बचा सकती है। इस दौरान पुलिस ने साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर 1930 की जानकारी दी और बताया कि साइबर अपराध होने पर कैसे 1930 पर काल कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
फोटो कैप्शन 07: साइबर अपराधों की जानकारी देते हुए पुलिस कनीना।


ठंड से बच्चों, बुजुर्गों तथा पशुओं का बचाव रखें
-जिला उपायुक्त ने दी नसीहत
***************************************************
*****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज।
 प्रदेश में चल रही शीतलहर के चलते जिला प्रशासन ने नागरिकों को एडवाइजरी जारी की है। उपायुक्त डॉ विवेक भारती ने नागरिकों से आह्वान किया है कि वे ठंड से बच्चों, बुजुर्गों तथा पशुओं का बचाव रखने के लिए ऐतिहात बरतें। गर्म कपड़े पहने रखें तथा बार-बार गर्म पेय पदार्थ पीते रहें।
उपायुक्त ने कहा कि शीत-घात से बचाव को लेकर नागरिक अतिरिक्त सावधानी बरतें तथा ठंड से बच्चों, बुजुर्गों तथा पशुओं का बचाव रखें। आगामी कुछ दिन तक जिले में शीतलहर व कड़ाके की ठंड की संभावना है। ऐसे हालात में हम थोड़ी सी सावधानी बरतते हुए इस ठंड से बच सकते हैं।
डीसी ने बताया कि शीत-घात से बचने के लिए मौसम पूर्वानुमान के लिए रेडियो/टीवी/समाचार पत्र जैसे सभी मीडिया माध्यम का ध्यान रखें ताकि यह पता चल सके कि आगामी दिनों में शीत लहर की संभावना है या नहीं। सर्दियों लिए पर्याप्त कपड़ों का स्टॉक करें। घर में ठंडी हवा के प्रवेश रोकने हेतु दरवाजों तथा खिड़कियों को ठीक से बंद रखें। फ्लू, नॉक बहना/ भरी नाक या नाक बंद जैसी विभिन्न बीमारियों की संभावना आमतौर पर ठंड में लंबे समय तक संपर्क में रहने के कारण होती हैं। इस तरह के लक्षणों से बचाव हेतु आवश्यक सावधानी बरतें तथा स्थानीय स्वास्थ्य कर्मियों या डाक्टर से परामर्श करें। जितना हो सके घर के अंदर रहें और ठंडी हवा, बारिश, बर्फ के संपर्क में आने से बचने के लिए कम से कम यात्रा करें।
उपायुक्त डॉ विवेक भारती ने बताया कि ऐसे मौसम में गर्म कपड़े पहनें ताकि ठंड बिल्कुल न लगे। तंग कपड़े खून के बहाव को रोकते हैं, इनसे बचें। खुद को सूखा रखें और पानी में भीगने से बचें। शरीर की गर्माहट बनाये रखने हेतु अपने सिर, गर्दन, हाथ और पैर की उंगलियों को पर्याप्त रूप से ढककर रखें। गीले कपड़े तुरंत बदलें। हाथों में दस्ताने रखें। फेफड़ों को बचाने के लिए मास्क का प्रयोग करें। सिर पर टोपी या मफलर पहने, स्वास्थ्य वर्धक भोजन लें।
स्वास्थ्य विभाग के अनुसार पर्याप्त रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखने के लिए विटामिन सी से भरपूर फल और सब्जियां खाएं। गर्म तरल पदार्थ नियमित रूप से पीएं, इससे ठंड से लडऩे के लिए शरीर की गर्मी बनी रहेगी। बुजुर्ग लोगों, नवजात शिशुओं तथा बच्चों का विशेष ध्यान रखें एवं ऐसे पड़ोसी जो अकेले रहते हैं, विशेषकर बुजुर्ग लोगों का हाल चाल पूछते रहें।
डीसी डा. विवेक भारती ने बताया कि जरूरत के अनुसार ही रूम हीटर का प्रयोग करें। रूम हीटर के प्रयोग के दौरान पर्याप्त हवा निकासी का प्रबंध रखें। बंद कमरों में कोयले को जलाना खतरनाक हो सकता है। कोयला की आग कार्बन मोनोआक्साइड जैसी जहरीली गैस पैदा करती है। उन्होंने कहा कि ऐसी ही लापरवाही के कारण  राज्य में कई जगह पर ऐसे हादसे हो चुके हैं। ऐसे में नागरिक यह सुनिश्चित करें कि वे कोयले की
भट्ठी आदि बंद कमरे में ना जलाएं।
डीसी डा. विवेक भारती ने बताया कि जिला में बेसहारा लोगों को ठंड से बचाने के लिए विभिन्न स्थानों पर रैन बसेरे बनाए गए हैं। उन्होंने बताया कि नारनौल में नागरिक अस्पताल के नजदीक व बस स्टैंड के नजदीक रैन बसेरा बनाया गया है। इसी प्रकार कनीना में बस स्टैंड के नजदीक पुराना नगर पालिका कार्यालय में रैन बसेरा बनाया गया है। अटेली में झंडा चौक के नजदीक पुराना नगर पालिका कार्यालय में, महेंद्रगढ़ में देवीलाल पार्क के नजदीक अंबेडकर भवन में व नांगल चौधरी में नगर पालिका में स्थित अंबेडकर भवन में रैन बसेरा बनाया गया है।
उन्होंने आमजन से आह्वान किया कि अगर किसी को बेसहारा व्यक्ति घूमता मिले तो उसे रैन बसेरा में पहुंचाने का कार्य करें ताकि वह ठंड से बच सके।






एसडी विद्यालय ककराला में हुआ राष्ट्रीय सेवा योजना प्रारंभ
-सात दिवसीय कैंप
***************************************************
*****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज।
 एसडी विद्यालय ककराला के प्रांगण में राष्ट्रीय सेवा योजना के सात दिवसीय कैंप का प्रारंभ हुआ। कैप का शुभारंभ प्रधानाचार्य ओमप्रकाश यादव द्वारा किया गया। प्रधानाचार्य ने राष्ट्रीय सेवा योजना के बारे में स्वयंसेवकों को जानकारी दी। राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के अधिकारी विनय कुमार एवं स्वंयसेवकों ने प्रधानाचार्य द्वारा दी गई जानकारी को ध्यान पूर्वक सुना। स्वंयसेवको ने विद्यालय प्रांगण की सफाई की। तथा समाज को स्वच्छता का संदेश दिया।
इस उपलक्ष्य पर विद्यालय निदेशक महोदय ने राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई के कार्यों की प्रशंसा की तथा कहा कि भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय सेवा योजना युवाओं के विकास तथा सामाजिक कार्यों में उनकी भागीदारी को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है उन्होंने स्वयंसेवकों को संबोधित करते हुए कहा कि आपके द्वारा किए गए कार्य समाज को एक नई दिशा देने का काम करता है इसलिए आप सभी को अपने आसपास समाज में जागरूकता फैलाने का काम करना चाहिए। जो समाज को और देश को एक नई दिशा देगा।
फोटो कैप्शन 06: एनएसएस श्ििावर का के मौके पर एसडी स्कूल ककराला के विद्यार्थी




दो जनवरी से धनौंदा में होगी फुटबाल प्रतियोगिता
-बाबा दयाल की 70वीं एक दिवसीय पंचायती फुटबाल
***************************************************
*****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज।
 बाबा दयाल की 70वीं एक दिवसीय पंचायती फुटबाल प्रतियोगिता दिनांक 2 जनवरी से 5 जनवरी तक चलेगी।  इस प्रतियोगिता में 100 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर की दौड़ भी करवाई जाएगी। तथा साथ ही बुजुर्गों की दौड़ भी करवाई जाएगी। दौड़ का कार्यक्रम दिनांक 2 जनवरी को होगा। इस प्रतियोगिता का उद्घाटन के शुभ अवसर पर मुख्य अतिथि श्री कुणाल राव डिप्टी सीईओ आरपीएस स्कूल आफ एजूकेशन होंगे तथा इस कार्यक्रम की अध्यक्षता  अजमेर सिंह दांगी पूर्व प्रधान प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन कनीना करेंगे। इस प्रतियोगिता में समस्त हरियाणा के प्रसिद्ध फुटबाल खिलाड़ी भाग लेंगे। प्रतियोगिता में लगभग 35 टीमें भाग लेंगी। यहां प्रतियोगिता फुटबाल क्लब धनौंदा की तरफ से आयोजित की जा रही है । जानकारी देते हुए समाजसेवी सूरत सिंह ने बताया कि यह प्रतियोगिता हरियाणा की विशेष प्रतियोगिता होगी।  क्लब में प्रधान डा. मुकेश कुमार, कोषाध्यक्ष दीपक शर्मा, भूपेंद्र सिंह, जगदीश स्वामी, सुरेंद्र सिंह पूर्व सरपंच, कैप्टन ओमपाल सिंह तंवर, लालाराम एवं समस्त ग्राम वासी मौजूद रहेंगे।



कनीना माडल स्कूल में एनएसएस शिविर दो जनवरी से
--सात दिनों तक चलेगा शिविर
***************************************************
*****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज।
 कनीना की राजकीय वरिष्ठ माडल संस्कृति विद्यालय कनीना में सात दिवसीय एनएसएस शिविर 2 जनवरी से 8 जनवरी तक चलेगा। प्राचार्य सुनील कुमार खुडानिया ने बताया कि डा. मुंशी राम प्रभारी की देखरेख में 7 दिनों तक स्वयंसेवक विद्यालय की साफ सफाई, नशा मुक्ति जागरूकता रैली आदि का आयोजन करेंगे।


वर्षा और ठंड के बाद फसलों में आई आब
--दूर दराज तक सरसों के चलते पीली नजर आती है धरा
***************************************************
*****************************************************
*****************************************************
कनीना की आवाज।
 जहां गत दिनों क्षेत्र में 50 एमएम वर्षा हुई तथा लगातार जमकर ठंड पड़ रही है जिसके चलते फसलों में आब आ गई है। गेहूं और सरसों की फसल लहलहा रही है। यद्यपि गेहूं अभी छोटा है और सरसों की फसल दूर दराज तक पीली धरा के रूप में नजर आ रही है। कनीना क्षेत्र में जहां 19500 हेक्टेयर पर सरसों 9700 हेक्टेयर पर गेहूं  तािा बाकी अन्य फसल उगाई गई है। इस समय सरसों की फसल दूर दराज तक पीली धरा के रूप में नजर आ रही है। किसान खुश है क्योंकि इस क्षेत्र में अच्छी वर्षा हुई है परंतु ठंड के चलते फसलों में और भी अधिक आब आ गई है। किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार आदि ने बताया कि इस समय गेहूं और सरसों की अच्छी फसल खड़ी हुई है। जहां विगत दिनों स्याणा, पोता,खंडी ,तलवाना, सेहलंग आदि क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई किंतु सौभाग्यवश कनीना क्षेत्र अछूता रहा। इस क्षेत्र में अभी तक किसान पानी की कमी महसूस कर रहे थे किंतु वर्ष के बाद पानी की आपूर्ति हो गई है। अब किसान खुश है तथा लगातार ठंड का भी सकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। एक ओर कंपकंपाने आने वाली सर्दी पड़ रही है किंतु इस सर्दी का अच्छा प्रभाव माना जा रहा है। कृषि वैज्ञानिक मानते हैं कि अभी इतनी अधिक ठंड नहीं है कि फसलों को नुकसान पहुंच सके।
 सुबह सवेरे पड़ा कोहरा -
सुबह सवेरे क्षेत्र में कोहरा चला जो दोपहर तक चलता रहा। दोपहर पश्चात जहां आसमान खुल गया तथा धूप खिली। सुबह सघन कोहरा होने से जहां वाहन धीमी गति से चले वही दुर्घटनाएं भी घटी। करीरा सड़क मार्ग के पास एक दुर्घटना घटित होने से उसमें एक व्यक्ति चोटिल हो गया। उधर किसान खुश है क्योंकि इस समय किसान अपनी लहलहाती सरसों की फसल को देखकर खुश है। सोने की तरह फसल दूर तक चमकती नजर आ रही है। किसानों का कहना है कि अब अच्छी पैदावार होने के आसार बन गए हैं।
 फोटो कैप्शन 4: लहलहाती फसलें
05: क्षेत्र में पड़े कोहरे का नजारा













No comments: