चुनाव लडऩे वालों ने अभी से डोर टू डोर वोट मांगना किया शुरू
- चुनाव तिथि घोषित होने से पहले ही आ गया तूफान
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कनीना की आवाज। इस बार नगर पालिका के चुनावों में जहां प्रधान पद के प्रत्यक्ष चुनाव होंगे जबकि पार्षदों के चुनाव हर योजना की भांति वार्ड वाइज होंगे। विभिन्न वार्डों के संभावित प्रत्याशी तथा प्रधान पद के दावेदार अब डोर टू डोर जाकर वोट की अलख जगाने लगे हैं। इस बार प्रधान पद का चुनाव कांटे की टक्कर बनता जा रहा है क्योंकि मैदान में अनेकों धुरंधर युवा वर्ग आमने-सामने होने जा रहे हैं। पार्षदों के चुनाव बहुत जटिल बनते जा रहे हैं क्योंकि पार्षद बनने के इच्छुक भी घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं। अभी से ही यारी प्यारी, रिश्तेदारी निकली जा रही है और चुनाव में जीत हासिल करने के लिए हर संभावित कयास लगाए जा रहे हैं। वोटर लिस्ट को बड़ी ध्यान से पढ़ा जा रहा है और कहां-कहां वार्ड के वोटर है उनका पता लगाया जा रहा है। कस्बा कनीना से बाहर रह रहे वोटर को भी चुनाव में भागीदार बनाने के लिए प्रयास किए जाएंगे अर्थात उन्हें वाहनों से लाया जाएगा। जहां चुनाव के लिए युवा वर्ग इस बार आगे है। जहां महिलाओं के वार्ड आरक्षित होने से पुरुष दावेदारों को पीछे हटना पड़ रहा है वही लंबी कतार चुनाव लडऩे वाले दावेदारों की बनती जा रही है। आने वाले समय में पता लग पाएगा कि किस वार्ड से कितने कितने प्रत्याशी होंगे और प्रधान पद के लिए कितने दावेदार होंगे।
मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार-85
-- साइकिल बना सबसे बड़ा साधन
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कनीना की आवाज। कनीना निवासी डाक्टर होशियार सिंह विश्व रिकार्ड धारक 30 अप्रैल 2024 को करीब 40 वर्षों के शिक्षण कार्य करके सेवानिवृत्त हो चुके हैं। वो अपने निजी साधनों में विश्वास रखते आए हैं किंतु सबसे प्रमुख साधन साइकिल रहा है। वो करीब 40 वर्षों से साइकिल का सहारा लिए हुए हैं। आइये सुनते हैं डा. होशियार सिंह की कहानी उन्हीं की जुबानी-
मैं जब 1984 में शिक्षण कार्य बतौर ट्यूशन करना शुरू किया तभी से साइकिल सीखना शुरू कर दिया था और विधिवत रूप से 1985 में साइकिल पर आना जाना शुरू कर दिया था, जो आज भी चल रहा है। साइकिल मेरे लिए विशेष साधन है क्योंकि कहीं भी कभी भी उठाकर अपनी साइकिल को चल देता हूं और जहां रुकना है वहां रुक सकता हूं। किसी प्रकार का प्रदूषण नहीं करती और न कोई विशेष खर्चा आता। साइकिल पर सालाना खर्च करीब 500 से 700 रुपये आता है जबकि पर्यावरण को कितना अधिक सुरक्षित रखती है, सभी जानते हैं। यदि प्रदूषण की तुलना की जाए तो सबसे कम प्रदूषण मैंने किया है क्योंकि साइकिल एक ऐसा साधन है जो प्रदूषण नहीं करता, यहां तक कि वायु को दूषित नहीं करता, शोर शराबा नहीं करता, इसलिए साइकिल चलाना मेरी सेहत का कारण है। साइकिल जब से चला रहा हूं तब से कोई विशेष रोग नहीं लगा है, शरीर के सभी अंगों की बेहतर एक्सरसाइज हो जाती है। सुबह से शाम मेरे पास साइकिल देखी जा सकती है। वर्ष 2002 में मैंने कनीना निवासी मुरारीलाल मित्तल से साइकिल का इंश्योरेंस भी करवाया था जो करीब 45 रुपये खर्चा आया था। ऐसा शायद उनके अब तक के जीवन में इस प्रकार का इंश्योरेंस का पहला माला हो। उन्होंने कहा-वाह गुरु जी, इतने के ही कागज और पैन खर्च हो गये, इतनी ही राशि इंश्योरेंस की आपने दी है।
मुझे दूर दराज तक भी साइकिल पर जाना पड़ता है। जहां प्रारंभ में 1995 में झूक स्कूल में नौकरी लगी और मुझे आन जाना होता था तो साइकिल ही काम आई। इससे प्रतिदिन आना जाना शुरू किया था। यहां तक की धनौंदा में भी साइकिल का प्रयोग किया, करीरा, कोटिया आदि पढ़ाने के लिए तथा जाने आने के लिए भी साइकिल का प्रयोग किया। सबसे बड़ी विशेषता रही कि जब कभी हरियाणा बंद रहा उस वक्त साइकिल पर ही कार्य किये। एक बार जब हरियाणा बंद था मुख्यमंत्री चौ. ओमप्रकाश चौटाला होते थे उस समय समाचार प्रेषित करने के लिए रेवाड़ी जाना पड़ा। उस वक्त फैक्स द्वारा प्रमुख समाचार भेजे जाते थे। रेवाड़ी तारघर मेें फैक्स करवाने के लिए रेवाड़ी तक साइकिल का सहारा लेना पड़ा। वैसे भी प्रतिदिन 20 से 25 किलोमीटर एवरेज साइकिल चला लेता हूं। साइकिल चलाने का रिकार्ड भी कायम करूंगा और विश्व रिकार्ड बुक में नाम दर्ज करवा कर ही रहूंगा, यह मेरा मानना है। साइकिल के कारण मेरा स्वास्थ्य बहुत अच्छा रहता है परंतु साइकिल चलाते-चलाते जब लोग मिलते हैं तो मुझे बहुत परेशान करते हैं। अक्सर कहते हैं कि क्या तुम्हारे पास पैसे की कमी है? परंतु वो यह नहीं जानते कि स्वास्थ्य मुफ्त में नहीं मिलता और स्वास्थ्य बनाए रखना साइकिल ही कारगर है। यह भी सत्य है साइकिल चलाने से मेरे अंडरवियर जल्दी फट जाते हैं क्योंकि साइकिल के घर्षण के कारण कच्छे फट जाना स्वाभाविक है। इसलिए जिस भी दुकान से मैं कच्छा लेने जाता हूं उससे एक ही शर्त रखता हूं कि एक महीने की गारंटी लो लेकिन अभी तक कोई दुकानदार एक महीने की गारंटी नहीं लेता। यह वास्तव में एक सबसे बड़ी विडंबना है। साइकिल चलाने से स्वास्थ्य ठीक रहा है। साइकिल से जहां 1985-86 से लगातार चला रहा हूं और इस अवधि में दो बार साइकिल से गिरा हूं। एक बार जब मैं बहुत जवान था, ट्यूशन करके आ रहा था तो सामने एक महिला लघुशंका कर रही थी और मेरा ध्यान नहीं था। जब उसके पास जा पहुंचा तो ध्यान गया और अचानक ब्रेक लगाया और मैं साइकिल से गिर गया था चोट भी लगी थी। दूसरी बार जहां दिसंबर 2024 में एक पानी की मोटर जब साइकिल पर ले जा रहा था तो उतरते समय गिर गया जिससे ज्यादा चोट आई है और अभी तक भी पीठ में दर्द है, जो धीरे-धीरे साइकिल से ठीक होगा। साइकिल से बहुत अधिक सामान इधर-उधर लाने ले जाने का भी कार्य किया है और साइकिल मेरे लिए प्रमुख हथियार है। जब भी कोई चुनाव लड़ूंगा तो कोशिश करूंगा साइकिल ही मेरा चुनाव चिन्ह हो तो वो बहुत अच्छा होगा।
मैं सभी लोगों से निवेदन करूंगा कि कम से कम सप्ताह में एक बार साइकिल जरूर चलाएं। अपने बच्चों को भी साइकिल चलाने के लिए दे, स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभप्रद होती है। आज चाहिए मैं सेवानिवृत्त हो गया हूं लेकिन मेरा दावा है यदि कोई युवा मेरे साथ 400-500 किलोमीटर पैदल चलना चाहे तो मैं चलने के लिए तैयार हूं मैं युवा से आगे मिलूंगा ऐसा मेरा मानना है। अभी तक दुर्भाग्य है की साइकिल चलाने के कारण सरकार ने कभी न तो कोई सम्मान दिया है और न ही सम्मान मिलने की कोई संभावना नजर आती है। सरकार को भी चाहिए ऐसे व्यक्ति को जरूर बड़ा सम्मान दे ताकि वो पूरे ही देश एवं प्रदेश के लिए साइकिल चलाने वालों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत कर सके।
करोंथा की टीम ने मारी बाजी, 51 हजार का ईनाम जीता
-खेड़ला दूसरे स्थान पर
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कनीना की आवाज। श्रीबाबा दयाल धनौंदा की 70वीं फुटबाल टूर्नामेंट का का हुआ समापन। करोंथा की टीम ने मारी बाजी, 51 हजार का ईनाम जीता वहीं खेड़ला की टीम दूसरे स्थान पर रही। प्रथम को 51 हजार एवं ट्राफी तथा दूसरे स्थान पर आने वाली टीम को 41 हजार एवं ट्राफी इनाम दी गई।
रविवार को पहला क्वार्टर फाइनल मैच गोल्डन स्टार क्लब खेड़ी तलवाना तथा जाटू लोहारी के बीच चला जिसमें जाटू लुहारी की टीम बिजयी रही, दूसरा क्वार्टर फाइनल मैच डीएफसी धनौंदा तथा फुटबाल क्लब चरखी दादरी के बीच चला जिसमें डीएफसी धनौंदा विजई रही, तीसरा क्वार्टर फाइनल मैच खेला (गुडग़ांव)तथा फुटबाल क्लब बेलारखा (जींद) के बीच चला जिसमें फुटबाल क्लब खेडला विजयी रही, चौथा क्वार्टर फाइनल मैच गोल्डन स्टार क्लब खेड़ी तलवाना तथा फुटबाल क्लब करोंथा (रोहतक)के बीच हुआ जिसमें फुटबाल क्लब करोंथा ने जीत हासिल की।, पहला सेमीफाइनल मैच फुटबाल क्लब जाटू लोहारी तथा खेडला जिसमें फुटबाल क्लब खेड़ला विजयी रही , दूसरा सेमीफाइनल मैच डीएफसी धनौंडा तथा फुटबाल क्लब करोंथा, रोहतक के बीच खेला गया जिसमें फुटबाल क्लब करोथा विजयी रही। फाइनल फुटबाल मैच फुटबाल क्लब खेड़ला तथा फुटबाल क्लब करोंथा रोहतक के बीच खेला गया।
कार्यक्रम के अध्यक्षता कैप्टन ओमपाल सिंह ने की। इस कार्यक्रम में बीर सिंह, रिटायर्ड थानेदार सतपाल सिंह, पूर्व सरपंच सुरेंद्र सिंह, राजेंद्र सिंह नंबरदार, कृष्णपाल सिंह, मुकेश कुमार क्लब प्रधान मास्टर प्रहलाद सिंह, कैलाश सेठ, भूपेंद्र सिंह, जगदीश स्वामी, प्रवक्ता सूरत सिंह आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 07: धनौंदा खेलों में अव्वल रहे खिलाड़ी।
टमाटर औंधे मुंह गिरा, दस रुपये किलो हुआ
--लहसुन अभी 400 के पार
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कनीना की आवाज। कभी टमाटर भी करीब 100 रुपये किलो पहुंच गया था किंतु धीरे-धीरे टमाटर की मांग घटती ही जा रही है। वर्तमान में टमाटर 10 रुपये किलो बिक रहा है और उसके भी खरीदार कम हैं। रहा परंतु लहसुन अभी चार सौ रुपए किलो चल रहा है। नया लहसुन अभी बाजार में नहीं आया है, आते ही उसके भाव भी गिर जाएंगे। आलू और प्याज सस्ते हो गए हैं किंतु टमाटर की जो दुर्दशा हुई है वह किसी अन्य सब्जी की आज के दिन नहीं हुई है। इस समय बाजार में किसी भी सब्जी की दुकान पर देखें टमाटर के ढेर लगे हुए हैं। जबरदस्ती ग्राहकों को देने की प्रयास की जा रहे हैं किंतु ग्राहक टमाटर से दूर भाग रहे हैं। टमाटर के भाव में मंदी आई है। फोटो कैप्शन 8: टमाटर
अनाथ आश्रम के एक व्यक्ति की मौत
-पुलिस प्रशासन ने किया अंतिम संस्कार
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कनीना की आवाज। कनीना उप- मंडल के गांव मोड़ी स्थित अनाथ आश्रम में रह रहे रणजीत सिंह, जालंधर निवासी की मौत हो गई। पुलिस प्रशासन ने कनीना में उनका अंतिम संस्कार किया।
अनाथ आश्रम चलने वाले पवन राठौड़ ने बताया कि 90 वर्षीय रणजीत सिंह लावारिश हालात में फरवरी 2023 में अनाथ आश्रम लाया गया था। उन्होंने स्वयं बताया था कि उनके परिवार में कोई भी वारिस नहीं है। श्री राठौर ने बताया कि गत दोनों वह बीमार हो गया था किंतु अस्पताल ले जाने पर वह ठीक हो गया था। अब दो तीन दिनों से अचानक उसने खाना पीना छोड़ दिया था और दो जनवरी को उनका देहांत हो गया। 3 फरवरी को पुलिस ने पोस्टमार्टम करवाया और परिजनों का 72 घंटे तक इंतजार करने के पश्चात आखिरकार रविवार को कनीना के लालगिरी आश्रम के पास अंतिम संस्कार कर दिया। इस मौके पर पुलिस प्रशासन तथा गणमान्य जन्म मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन: रणजीत सिंह, फाइल फोटो
सर्दी के दृष्टिगत गाजर के हलवे का लगाया भंडारा
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कनीना की आवाज। कनीना के राजकीय माडल वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के समक्ष पूनम नामक एक महिला ने सर्दी के दृष्टिगत आने जाने वाले सभी को गाजर का हलवा खिलाया। उन्होंने बताया कि उनका पूरा परिवार इस काम में मदद कर रहा है और उन्हें अपनी खुशी हेतु ,नए साल एवं सर्दी की दृष्टिगत तथा परिवार की इच्छा अनुसार यह भंडारा लगाया है। आस पास के बच्चों एवं बूढ़ों ने आकर प्रसाद चखा।
फोटो कैप्शन 5: पूनम गाजर के हलवे का प्रसाद बांटते हुए
भुनी हुई शकरकंदी से कमा लेता है रोटी रोजी
-पहले ताश खेलता था अब करता है मेहनत
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कनीना की आवाज। कनीना निवासी 56 वर्षीय अधेड़ मदन सिंह जहां पहले ताश खेलता था और अचानक उसके दिमाग में आया क्यों न कोई रोटी रोजी कमाई जाए और रेहड़ी पर उन्होंने भुनी हुए शकरकंदी बेचनी शुरू कर दी। प्रतिदिन 900 रुपये तक कमा लेता है जिसमें शकरकंद और अन्य सामग्री भी शामिल है। मदन ने बताया कि सर्दी में शकरकंद की मांग होती है परंतु अभी उन्होंने काम शुरू किया है, ग्राहक कम ही आ रहे हैं। उन्होंने बताया कि वह बढिय़ा दर्जे का मसाला तथा अन्य पदार्थ लाकर रोटी रोजी के लिए कुछ दिनों से यह कार्य कर रहे हैं और सारा खर्चा निकालने की पश्चात भी 300 से 500 रुपये तक कमा लेते हैं। उन्होंने बताया कि एक और जहां ताश खेलने में उनका समय बर्बाद होता था किंतु अब इस प्रकार का धंधा करने से रोटी रोजी मिल गई है। उन्हें खुशी हो रही है। उन्होंने निठल्ले लोगों को भी सलाह दी कि वो भी कोई ना कोई अपना रोजगार अपनाए और सम्मान से जीना सीखे।
फोटो कैप्शन 04: शकरकंद बेचते हुए मदन
नशा नाश की जड़ है- डा. होशियार सिंह
-नशे से बचने पर दिया व्याख्यान
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कनीना की आवाज। कनीना के राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में चल रहे सात दिवसीय एनएसएस शिविर प्रभारी डा. मुंशी राम ने विद्यार्थियों से स्कूल प्रांगण की सफाई करवाई वही नशे की बुराइयों से बचने की अपील की।
उन्होंने कहा कि आज के दिन पूरे देश में 10 प्रतिशत के करीब आबादी नशे की शिकार है जो नशे के रूप में चाय, काफी के अतिरिक्त बीड़ी, सिगरेट, हुक्का, चिलम, तंबाकू, पान,शराब, भांग चरस, अफीम,ब्राउन शूगर, ई-सिगरेट आदि का नशा करते हैं। यह नशा इंसान को मौत के मुंह में ले जाता है और इंसान का एक बार पीछा कर ले तो उसका पीछा नहीं छोड़ता। ये लत डालने वाले पदार्थ हैं और केवल मौत के बाद ही पीछा छोडऩे हैं। यदि कोई ऐसा विद्यार्थी हो जो इस इन लतों से पीडि़त है उनसे बचने की अपील की तथा उन्होंने अपने स्वजनों से भी यह बुराई छुड़ाने की अपील की ताकि उनका जीवन सुधर सके। उन्होंने कहा कि कम से कम एक विद्यार्थी एक जन की इस लत को छुड़ा दे तो जीवन सफल हो जाएगा।
उन्होंने बताया की फास्ट फूड की बजाय सादा खाना खाए नशीले पदार्थों से दूर रहे, शुद्ध विचार रखें, अपने कार्य में ध्यान दे तभी जीवन सफल होगा।
इस मौके पर प्राध्यापक बलदीप सिंह ने स्वयंसेवकों को बताया कि किस प्रकार नशीले पदार्थ लोगों को जकड़ लेते हैं। हुक्का चिलम आदि में कार्बन मोनोआक्साइड होती है जो हीमोग्लोबिन से मिलकर घातक प्रभाव डालती है। व्यक्ति मौत के घाट चला जाता है। कैंसर, अनिद्रा, बेचैनी, जठर रस का कम उत्पन्न होना, पाचन शक्ति घटना, फेफड़े का कैंसर, खांसी, सर्दी जुकाम और न जाने कितने रोग इनका कारण बनते हैं। उन्होंने बताया कि दो सिगरेट के बराबर एक बीड़ी का नशा होता है, एक घंटे हुक्का पीने से करीब 400 सिगरेट जितना नुकसान होता है, एक सिगरेट करीब 20 मिनट जीवन की कम कर देती है,हक्के में तो अनेकों पदार्थ जैसे टार, निकोटीन, कार्बन मोनोआक्साइड बीड़ी सिगरेट से अधिक होते हैं। उन्होंने ई-सिगरेट का हवाला देते हुए बताया कि यह भी घातक सिगरेट आ गई है। यह शरीर के लिए केवल और केवल नुकसान करती है। जिस परिवार में शराब पीने की लत लग जाती हैं वह परिवार धीरे-धीरे बर्बाद हो जाता है। व्यक्ति की मौत के मुंह में चला जाता है। ऐसे में अपने अनमोल जीवन को बचाइए और इन लत डालने वाले पदार्थों को दूर भगाइये। इस अवसर पर डा. होशियार सिंह राज्य शिक्षक पुरस्कार सम्मानित ने विद्यार्थियों को विस्तार से लत डालने वाले पदार्थों की जानकारी दी और इनसे बचने के उपाय भी बताये।
फोटो कैप्शन 06: स्वयं सेवकों को जानकारी देते डा. मुंशीराम
शिविर में करवाया 90 लोगों ने पंजीकरण
--दिये जाएंगे कृत्रिम उपकरण
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कनीना की आवाज। जनशक्ति विकास संगठन के तत्वाधान में जिला रेड क्रास सोसाइटी और एलिम्को के सहयोग से पितामह कान्हा सिंह महाविद्यालय कनीना में दिव्यांगजनों और वरिष्ठ नागरिकजनों के लिए कैंप लगाया गया। मुख्य अतिथि के तौर पर पितामह कान्हा सिंह कालेज के प्राचार्य सुरेंद्र ने कैंप का शुभारंभ किया।
संस्था के प्रधान दीपक कुमार वशिष्ठ ने बताया कि इस कैंप में 90 लोगों का पंजीकरण किया गया। जिनको इलेक्ट्रिक साइकिल, व्हीलचेयर, कमर की बेल्ट , ग्रीवा कालर , घुटने के दर्द के गोठियां, कान की मशीन, वाकर और बैथ आदि सामान दिए जाएंगे। संस्था के प्रधान ने कहा कि उनकी संस्था लगातार इस प्रकार के कैंप लगाकर आसपास के बुजुर्ग लोगों और दिव्यांगजनों को आसानी से उपकरण दिलवाकर की समस्याओं से निजात दिलाने के लिए सहायता कर रहे हैं। सभी लाभार्थियों को उपकरण के उपयोग के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी। दीपक कुमार ने कहा कि अगर कोई दिव्यांगजन और वरिष्ठ नागरिक इस कैंप में आने से वंचित रह गया हो तो कुछ समय बाद फिर से कैंप लगाया जाएगा और उसमें आकर वह अपना पंजीकरण जरूर करवा लें। प्रधानमंत्री दिव्यांशा केंद्र संस्था के प्रमुख गुलशन कुमार व आडियोलाजिस्ट विक्रम ने कहा कि भारत सरकार वरिष्ठ नागरिकों और दिव्यांगजनों के लिए सहायक उपकरण देकर उनके सहज गरिमा पुन: जीवन यापन करने के लिए समर्पित है। इस मौके पर जनशक्ति विकास संगठन के सदस्य अमित कुमार, पुस्तकालयाध्यक्ष कैलाश यादव, घनश्याम, महेश ,सतपाल चौधरी और मुकेश शर्मा मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 03: दिव्यजनों को कृत्रिम उपकरण देने की प्रक्रिया पूर्ण करते हुए
दो साल सेवा विस्तार करने संबंधित मांगों के लिए विधायक को सौपां ज्ञापन
-राज्य अवार्डी शिक्षकों की हैं, कई मांगें
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कनीना की आवाज। जिला महेंद्रगढ़ कार्यकारिणी की ओर से राज्य शिक्षक पुरस्कारों से संबंधित लंबित मांगों को लागू करवाने के संदर्भ में माननीय मुख्यमंत्री के नाम से उचित माध्यम द्वारा कंवर सिंह यादव विधायक हलका महेंद्रगढ़ को ज्ञापन सौंपा। राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षकों ने बताया कि सरकार एवं विभाग द्वारा राज्य शिक्षक पुरस्कारों से सम्मानित शिक्षकों को 2 साल की अतिरिक्त सेवा वृद्धि का लाभ, दो एडिशनल इंक्रीमेंट और स्थानांतरण प्रक्रिया में पांच अतिरिक्त अंकों दिए जाते रहें हैं उनको पुन: बहाल किया जाना चाहिए क्योंकि राज्य शिक्षक पुरस्कारों का सम्मान पूर्व में सरकार एवं विभाग द्वारा दिया जाता रहा है, उसे भविष्य में भी जारी रखना चाहिए। इस संदर्भ में रविवार को एक ज्ञापन माननीय मुख्यमंत्री महोदय के नाम से हल्का विधायक महेंद्रगढ़ कंवर सिंह यादव के माध्यम से दिया गया है जिसे सरकार के पास भेजा जाएगा और उपरोक्त लंबित मांगों को जल्दी पूर्णतया लागू करवाने का आश्वासन विधायक द्वारा दिया गया है इस अवसर पर वीरेंद्र सिंह जांगिड़
प्रधान , दिलबाग सिंह बीआरसी ,राजेश कुमार , प्रमिला हिंदी अध्यापिका,डा. ईश्वर सिंह प्राचार्य, डा. जितेन्द्र भारद्वाज ,डा. एचएस यादव,अश्विनी यादव,आदि उपस्थित रहें।
फोटो कैप्शन 02: राज्य शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षक विधायक को ज्ञापन देते हुए।
विद्यार्थी कानून के प्रति जानकारी और समझ रखे -चौधरी
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कनीना की आवाज। पीएम श्री राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय भोजावास के एनएसएस के साप्ताहिक कार्यक्रम के पांचवें दिन बच्चों को कानूनी जानकारी और कानून के व्यवहारिकता के बारे में अवगत करवाने के लिए महेंद्रगढ़ कोर्ट के अधिवक्ता जिम्मी चौधरी को मुख्य अतिथि के रूप में बुलाया गया। अधिवक्ता चौधरी ने अपने अभिभाषण में बच्चों को बताया कि उन्हें वाहन चलाते समय किन किन बातों का ध्यान रखना चाहिए और आधुनिकता के इस युग में सोशल मीडिया का प्रयोग करते समय हमें टीका टिप्पणी करते वक्त समय क्या क्या ध्यान रखना चाहिए ताकि हम अपने आप को किसी अपराध में शामिल होने से बचा सके। विद्यालय के वरिष्ठ प्रवक्ता श्री अभय सिंह यादव ने आज अधिवक्ता के स्वागत के साथ-साथ बच्चों को बताया कि केवल कानून की जानकारी न होने के कारण अगर आप किसी अपराध में लिप्त हो जाते हैं तो आप उससे बच नहीं सकते। विद्यालय की लीगल सेल अंत के अंतर्गत समय-समय पर बच्चों को आवश्यकतानुसार कानूनी जानकारी के संबंध में कार्यक्रम करवाए जाते हैं। अत: विद्यार्थी इनकी आवश्यकता को समझ इस ज्ञान को अपने व्यवहार में धारण करें।
कार्यक्रम अधिकारी राजेश बालवान
द्वारा मुख्य अतिथि एवं अन्य अतिथियों का आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से डा. पुखराज प्रवक्ता वाणिज्य सुरेंद्र सिंह प्रवक्ता अर्थशास्त्र, अमित कुमार प्रवक्ता, संस्कृत वीरेंद्र सिंह शास्त्री, बुधराम प्रवक्ता इतिहास,मास्टर दयानंद, राजेंद्र ,हनुमान भी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: स्वयंसेवकों को कानूनों की जानकारी देते हुए।
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