बिजली कर्मचारियों द्वारा किए गए धरने पर पहुंचे कार्यकारी अभियंता
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कनीना की आवाज। बिजली कर्मचारियों द्वारा पुलिस प्रशासन के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन में कर्मचारियों के पक्ष में गुरुवार को कार्यकारी अभियंता पहुंचे । उन्होंने आज आकर कर्मचारियों को यह आश्वासन दिलाया कि वह खुद उप पुलिस अधीक्षक से बात करेंगे । वहीं दूसरी ओर चल रहे आंदोलन पर कर्मचारियों ने पुलिस प्रशासन के विरुद्ध नारे लगाए और इसी के साथ अपने ही विभाग को भी ढुलमुल बताया। कर्मचारियों का कहना है कि हम बड़ी ईमानदारी से अपनी ड्यूटी 24 घंटे करते है और बिजली चोरी भी पकडऩे भी आला अधिकारियों के कहने पर गए थे। इसके बावजूद उन्होंने तो पुलिस कर्मचारी दिए जाते है और न ही सुरक्षा के साधन दिए जाते है बल्कि उन्हें अपनी जान जोखिम में डाल कर जाना पड़ता है। इसमें उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी कोई नहीं लेता है वहीं दूसरी तरफ आज कर्मचारियों के पक्ष में आए जिले के कार्यकारी अभियंता ने कहा कि वो पूर्ण रूप से उनके साथ है और और दोषियों को जल्द गिरफ्तार करवाने का आश्वासन दिलवाया।
फोटो साथ है
नगर पालिका चुनाव को लेकर अटकलें जारी
-अभी तक नहीं हो पाई है चुनाव तिथि घोषित
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कनीना की आवाज। नगर पालिका के चुनाव भविष्य में होने वाले हैं किंतु चुनाव को लेकर अनेकों कयास लगाए जा रहे हैं। जहां मार्च महीने में अधिकांश लोग चुनाव संपन्न होने की बात कह रहे हैं वहीं कुछ लोग मार्च महीने परीक्षाओं के चलते तथा फसल पकने के कारण से आगे भी सरकने की संभावना से इनकार नहीं कर रहे हैं। ऐसे में बोर्ड, बैनर, होल्डिंग सभी लगा दिए गए हैं और लोग बेसब्री से चुनाव तिथि घोषित होने का इंतजार कर रहे हैं। अभी तक यह माना जा रहा था 8 जनवरी तक चुनाव की तिथि घोषित हो जाएगी लेकिन अब नहीं लगता कि यह जनवरी के दूसरे सप्ताह से पूर्ण होने से पहले घोषित हो जाए। कितने ही लोग चुनाव का इंतजार कर रहे हैं। पार्षद का चुनाव लडऩे वाले या प्रधान का चुनाव लडऩे वाले अब तो फेसबुक, व्हाट्सएप तथा अन्य माध्यमों द्वारा भी वोट मांगने लग गए हैं। जहां वोट देने वाले अब इन पर नजरें टिकाए हुए हैं तथा सोशल मीडिया से उन्हें पता चल पाता है कि कौन कौन चुनाव लड़ रहे हैं। कुछ संभावित प्रगत्याशी तो अभी से ही वोटर के लिए खाना पीने का प्रबंध भी कर चुके हैं। चुनाव को लेकर कनीना क्षेत्र में उत्सुकता है वहीं पार्षद पद के लिए संभावित प्रत्याशी कम ही सामने आ रहे हैं। प्रधान पद के लिए अभी तक अनेकों प्रत्याशी सामने आ चुके हैं। जहां प्रधान पद के दावेदारों ने तो बोर्ड और बैनर भी लगा दिए किंतु पार्षद के चुनाव लडऩे वालों ने अभी तक कोई बोर्ड बैनर नहीं लगाए हैं क्योंकि प्रधान का पद डायरेक्ट होगा जबकि पार्षदों का चुनाव उनके वार्ड के वोटर ही करेंगे। 14 वार्ड बनाए गए हैं जिनमें 10413 वोटर पार्षदों का चुनाव करेंगे तथा प्रधान पद जो महिला के लिए आरक्षित है सीधा चुनाव करेंगे।
अब लोगों की नजरे चुनाव तिथि घोषित होने पर टिकी हुई है। इस बार के चुनाव विगत योजना के चुनाव से निम्न प्रकार भिन्न है---
01- विगत योजना में कनीना के 13 वार्ड होते थे जबकि इस बार 14 वार्ड हो गए हैं।
02- विगत योजना में कनीना नगर पालिका के चुनाव मतदाता पेटी से हुये थे जबकि इस बार चुनाव ईवीएम मशीनों से होंगे।
03- प्रधान पद के चुनाव विगत योजना में जहां पार्षद द्वारा किया जाता था जबकि इस बार सीधा चुनाव होगा और सीधे ही रिजल्ट आएगा कि कौन प्रधान बनेगा।
04- पार्षदों की भूमिका कम हो गई है, अहमियत भी कम हो गई है क्योंकि अब ये प्रधान का चुनाव नहीं करेंगे।
05- इस बार प्रधान जल्दी शपथ लेगा क्योंकि विगत योजनाओं में प्रधान का चुनाव करना कठिन रहा है कि प्रधान कौन बनेगा किंतु अब ईवीएम मशीन बताएगी कि प्रधान कौन बनेगा और उसको तुरंत शपथ दिलवाई जाएगी।
इस बार वाटरों की नजरें चुनाव पर टिकी हुई है। क्योंकि इस बार चुनाव तिथि घोषित होने से पहले ही घर-घर जाकर वोट मांग रहे हैं। इस बार जहां अभी तक पार्षदों के चुनाव लडऩे के इच्छुक कम नजर आ रहे हैं वहीं प्रधान पद के दावेदार अधिक नजर आ रहे हैं। चुनाव तिथि घोषित होने के बाद ही नये चेहरे सामने आएंगे। प्रधान पद के लिए अब तक 7-8 चेहरे सामने आ चुके हैं जबकि पार्षदों के इक्का दुक्का चेहरे ही नजर आ रहे हैं। चुनाव लडऩे वाले पुरुषों के लिए जगह कम होने से विभिन्न वार्डों पर नजर टिकाये हुये हैं। महिलाओं के लिए आधे वार्डों का आरक्षण होने से पुरुष प्रत्याशी चुनाव लडऩे के लिए मन मसोसकर रह गये हैं। सबसे बड़ी विशेषता होगी कि इस बार कुछ ऐसे भी प्रत्याशी होंगे जो प्रधान के लिए दावेदारी जता रहे थे और उन्हें पार्षद का चुनाव लडऩा पड़ रहा है क्योंकि कुछेक की इच्छा है कि किसी प्रकार नगर पालिका में पहुंचा जाए।
दो ट्रकों के बीच टक्कर में एक घायल, मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। गत दिनों दो ट्रकों की टक्कर में एक व्यक्ति घायल हो गया था जिसका इलाज चल रहा है और अब उन्होंने कनीना पुलिस में मामला दर्ज करवा दिया है।
प्रवीण, फतेहपुरी, झज्जर निवासी ने शिकायत दर्ज करवाई है कि वह चार-पांच साल से ड्राइवरी करता है। 7/8 जनवरी को ट्रक से झाड़ली की तरफ बाछोद की ओर जा रहा था। जब कनीना पहुंचा तो सामने से एक ट्रक तेज रफ्तार से चलाता आया और ओवरटेक करके उसके ट्रक को टक्कर मार दी जिसमें प्रवीण घायल हो गया। जिसको बाद में एंबुलेंस की सहायता से कनीना अस्पताल ले जाया गया। अधिक चोटों के कारण से हायर सेंटर रेफर कर दिया। उसके स्वजन उसे रेवाड़ी ले गए जहां पैरों का आपरेशन चला। अभी भी उनका रेवाड़ी मे इलाज चल रहा है। अब उन्होंने कनीना पुलिस में बयान दर्ज करवा दिया है जिसके चलते ट्रक चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
बोहका के व्यक्ति के साथ हुई मारपीट
-तीन लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज
गत दिवस की घटना
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कनीना की आवाज। बोहका जिला रेवाड़ी निवासी के साथ कनीना उप- मंडल के गांव भोजावास में तीन लोगों ने मारपीट की। कनीना पुलिस में संदीप बोहका ने मामला दर्ज करवा दिया है।
पुलिस में संदीप बोहका ने बताया कि वह भोजावास से टीवी रिपेयर करवाने के लिए जा रहा था तभी रास्ते में उनकी गाड़ी के आगे एक स्विफ्ट गाड़ी लगा दी। जिसमें चार-पांच लड़के बैठे हुए थे जिनमें से संदीप उर्फ फंडू को वह जानता है। संदीप उर्फ फंडू गाड़ी से उतरा जिसके हाथ में सिल्वर कलर का पिस्तौल था जिसे देखकर वो डर गए। बाद में उन्होंने पीछे गाड़ी लगाई जिससे संदीप ने अपनी गाड़ी को मोड़ी से गोमला वाले कच्चे रास्ते पर उतार दिया। उन्होंने अपनी गाड़ी से संदीप की गाड़ी को टक्कर जड़ दी जिससे संदीप की गाड़ी का कंट्रोल बिगड़ गया और फिर संदीप उर्फ फंडू ने अपनी गाड़ी संदीप बोहका की गाड़ी के आगे लगा दी। उन्होंने कहा कि अब तो हमने मौत का एहसास करवाया है अगली बार जान से मार देंगे। संदीप की शिकायत पर अमरदीप, कर्मपाल और संदीप उर्फ फंडू के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
आज की घटना
आपसी रंजिश के चलते टक्कर मारकर गाड़ी तोडऩे के मामले में एक आरोपित गिरफ्तार
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कनीना की आवाज। आपसी रंजिश के चलते रास्ता रोकने, अवैध हथियार दिखाने और गाड़ी में टक्कर मारकर गाड़ी तोडऩे के मामले में कार्रवाई करते हुए थाना सदर कनीना की पुलिस टीम ने एक आरोपित को गिरफ्तार कर लिया है, जिसकी पहचान कर्मपाल वासी मोड़ी के रूप में हुई है। पुलिस ने आरोपित को मोड़ी गांव के क्षेत्र से गिरफ्तार किया है। पूछताछ में पुलिस ने पता लगाया कि आरोपितों ने आपसी रंजिश के चलते वारदात को अंजाम दिया था। आरोपित को आज न्यायालय में पेश किया गया।
शिकायतकर्ता संदीप वासी गाड्डव बोहका ने थाना सदर कनीना में शिकायत दर्ज कराई कि वह समय करीब 1.30 पीएम से 2.30 पीएम के बीच गाँव बोहका से भोजावास टीवी रिपेयर करवाने के लिये जा रहा था, तभी रास्ते मे उसकी गाडी के आगे अचानक एक गाडी लगा दी, जिसमे 4-5 लडके बैठे हुए थे। जिनमें से एक को वह नाम से जानता था और जिसके हाथ में सिल्वर कलर की पिस्टल थी। शिकायतकर्ता ने उसकी गाडी मोड़ी से गोमला वाले कच्चे रास्ते में उतार ली, उसके बाद आरोपितों ने शिकायतकर्ता की गाडी को गाडी से साईड टक्कर मारी, उसके बाद गाडी के सामने से टक्कर मारी और कहा कि अबकी बार तो मौत का अहसास करवाया है अगली बार मिल गए तो जान से मार देंगे। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी।
रबी फसल के नुकसान की भरपाई के लिए सरकार ने किसानों के हित में लिया फैसला
20 जनवरी तक खुला रहेगा ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल
जिला के 5003 किसानों ने किया फसल खराबा का दावा
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कनीना की आवाज। राज्य में हाल ही में हुई बारिश और ओलावृष्टि से किसानों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए हरियाणा सरकार ने ई-क्षतिपूर्ति पोर्टल खोला है। जिला के किसान 20 जनवरी तक इस पोर्टल पर रबी-2025 फसल में हुए नुकसान का दावा कर सकते हैं।
यह जानकारी देते हुए उपायुक्त डॉ विवेक भारती ने बताया कि फसलों में हुए नुकसान के मद्देनजर प्रदेश सरकार ने प्रभावित किसानों के लिए राहत देने की योजना बनाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि अब तक जिला महेंद्रगढ़ में 5003 किसानों ने 20920 एकड़ के लिए ई क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाकर फसल खराबा का दावा किया है। उन्होंने बताया कि इस पोर्टल पर वहीं किसान दावा कर सकते हैं जिन्होंने मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर अपना पंजीकरण करवाया हुआ है।
डीसी ने बताया कि मुख्यमंत्री के निर्देश पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट एकत्रित कर रहा है।
उपायुक्त ने बताया कि सरकार ने किसानों की सुविधा के लिए अपनी फसल को हुए नुकसान का दावा करने के लिए क्षतिपूर्ति पोर्टल 20 जनवरी तक खोल दिया है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया है कि वह समय रहते इस पोर्टल पर अपना पंजीकरण जरूर कर
इतने लंबे समय तक दाह संस्कार न किये जाने का यह पहला अजीब उदाहरण
-अब मृतक के स्वजनों ने जंगल गमन की उठा रखी है शपथ
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कनीना की आवाज। जहां कोरोना काल में जरूर 25 दिनों तक शव, शवगृह में रखे हुए थे किंतु कनीना उपमंडल के गांव बाघोत के 26 वर्षीय युवक मोहित का 14 दिसंबर 2024 को आत्महत्या का मामला शायद पूरे ही प्रदेश का सबसे अजीब उदाहरण बन गया है क्योंकि इतने लंबे समय तक पुलिस प्रशासन और मृतक के स्वजनों के बीच कशमकश जारी है। न तो पुलिस एफआइआर दर्ज कर रही है और न हीं मृतक के स्वजन उसका अंतिम संस्कार कर रहे हैं। मोहित ने 14 दिसंबर को आत्महत्या कर ली थी, तब से उनका शव का पोस्टमार्टम करके कनीना के शवगृह में रखा हुआ है। आए दिन पुलिस प्रशासन जरूर शवगृह के सामने बैठकर चला जाता है। बार-बार प्रशासन मृतक के स्वजनों से मिला है किंतु नतीजा शून्य ही रहा है क्योंकि स्वजन पहले एफआइआर दर्ज करने की अपील कर रहे हैं। यहां तक की 14 दिसंबर के बाद बाघोत के लोगों का धरना प्रदर्शन भी चला, तत्पश्चात प्रशासन मृतक के घर पर पहुंचा और परंतु दोनों तरफ से कोई भी झुकने का नाम नहीं ले रहा है। आखिरकार जो जहां मृतक मोहित के पिता कैलाश पुजारी ने यह शपथ उठाई है कि या तो 14 जनवरी तक पुलिस प्रशासन एफआइआर दर्ज कर लेगा वरना वह जंगल की ओर प्रस्थान कर जाएगा। यहां तक की कैलाश पुजारी की पत्नी ने भी भविष्य में कुएं में गिरकर या अन्य तरीकों से आत्महत्या करने की भी बात कह डाली है। अब गेंद प्रशासन के पाले में है कि एफआईआर दर्ज करती है या नहीं क्योंकि कैलाश पुजारी ने जहां एक बार नहीं दो बार पूर्व मंत्री संहिता 8 लोगों पर मामला दर्ज करने का प्रार्थना पत्र दिया है। और केवल इसी बात पर अडिग है। उनका यही मानना है कि आठ लोगों के कारण उसके पुत्र ने अनेकों यातनाएं झेली है, परिणाम उसके पुत्र ने आत्महत्या करनी पड़ी है। ऐसे में पूर्व मंत्री एवं 7 अन्य व्यक्ति इस हत्याकांड के दोषी है। उनका कहना है कि पहले मामला दर्ज होगा तभी वो आगे की कार्रवाई की सोचेंगे।
उल्लेखनीय है कि कनीना-चरखी दादरी मार्ग पर बाघोत गांव कनीना उप- मंडल का आखिरी गांव है। तत्पश्चात चरखी दादरी के गांव शुरू हो जाते हैं। इस गांव में जहां प्रसिद्ध धार्मिक स्थान शिवालय है जहां साल में दो बार कावड़ मेले लगते हैं। इसी गांव की यह घटना है जो आज चर्चा का विषय बनी हुई है। जहां कोरोना काल में जहां मध्यप्रदेश में 25 दिनों तक शव, शवगृह में रखें रहने के समाचार है किंतु इस घटना ने तो 25 दिन भी पार कर लिए हैं। ऐसे में सभी की नजरें इस मामले पर टिकी हुई है कि आखिर क्या परिणाम आएगा?
मकर संक्रांति को याद कर प्रसन्न हो जाते हैं लोग
-खो जाते हैं पुरानी यादों में
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कनीना की आवाज। ग्रामीण क्षेत्रों में मकर संक्रांति का पर्व कुछ प्रथाएं खो चुका हैं तो कुछ आज भी जारी हैं। इस पर्व को याद करके लोग प्रसन्नचित होकर पुरानी यादों में खो जाते हैं। कुछ लोगां से इस पर्व के बारे में चर्चा की गई तो कुछ लोगों ने ऐसे रीति रिवाज बताये जो लुप्त हो गये या इस पर्व से आज भी जुड़े हुए हैं।
**जब छोटे थे तब गांव में 200 से 300 गायों को चारा एवं गुड़ देते थे। मकर सक्रांति पर गायों की सेवा करते थे। सेठ साहूकार गुड़ देते थे तथा दान करने का कार्यक्रम दिनभर चलता था। बुजुर्गों को आज भी जगाने का रिवाज चला आ रहा है जो बहुत पुराना है। जगाने का अर्थ है कि उनका सम्मान करना। उन्हें गर्म एवं नये कपड़े भेंट किये जाते हैं।
---चमेली देवी उम्र 84 साल
जब छोटे थे तो मकर सक्रांति की रात को जागते थे। आग के सामने बैठकर समय बिताते थे। वास्तव में बुजुर्गों को जगाने का अर्थ था उनको दान में रजाई और गद्दे आदि दिया जाते थे। उनका सम्मान करने का यह दिन होता है। मकर सक्रांति के दिन दान पुण्य करते हुए देखते आ रहे हैं। इस पर्व के प्रति सदा ही बुजुर्गों, बच्चों और युवाओं में लगाव रहा है। सूर्य की पूजा की जाती और जल्दी उठकर स्नान किया जाता है।
---प्रेम देवी 61 वर्ष
यह पर्व हंसी खुशी का पर्व है। इस दिन दान दक्षिणा पूरे यौवन पर होती है। इस पर्व के प्रति लोगों में उत्साह मिलता है। पितामह भीष्म को याद करने के लिए इस पर्व को मनाया जाता है। बुजुर्गों से भी सुनते आए हैं इस दिन दाल चूरमा प्रमुख रूप से बनाकर खाए जाते हैं और भारी मात्रा में शकरकंदी, आलू भूल कर खाते हैं। आग के सामने बैठते हैं। यहां तक कि आग के सामने पूरी पूरी रात बैठे मिलते हैं। उन्होंने बताया कि पर्व सचमुच मन में खुशी का उल्लास पैदा करता है।
--- राजेंद्र सिंह 66 वर्ष, कनीना
वे इस पर्व पर हर वर्ष आग के सामने बैठकर भगवान से प्रार्थना करते आए हैं कि उनकी फसल अच्छी हो। वर्तमान में सरसों और गेहूं खड़ा हुआ है। जल्द ही यह फसल पकान की ओर जाएगी। इस पर्व पर रात भर जाकर अपनी फसल को निहारते है। हर जन की खुशी की प्रार्थना करते हैं। पूजा अर्चना का विशेष महत्व माना जाता है। सूर्य की पूजा, बुजुर्गों का सम्मान, खेलकूद तथा कुछ जगह पतंगबाजी करके भी इस पर्व को मनाया जाता है।
--हनुमान सिंह(51) कनीना
इस पर्व पर वह दान दक्षिणा करते हैं। विशेषकर गायों को गुड़ खिलाया जाता है। विभिन्न गौशालाओं में जाकर के दान दिया जाता है, पूरे दिन हवन एवं गायों की सेवा का सिलसिला चलता है। पुराने समय से गाय बहुत पाली जाती थी, तब गायों को गुड़ खिलाया जाता रहा है और चारा दिया जाता रहा है। परंतु पूर जलाना, प्रभात फेरी लगाना, कुओं पर जल्दी स्नान करना, गांव की परिक्रमा करना आदि घटने का दुख जरूर है।
---सत्यवीर सिंह 63 वर्ष
फोटो कैप्शन: प्रेम देवी, चमेली देवी, सत्यवीर सिंह, राजेंद्र सिंह, हनुमान सिंह।
विश्व हिंदी दिवस-10 जनवरी
हिंदी हर माथे की बिंदी होनी चाहिए-नरेश कुमार
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कनीना की आवाज। पूरे विश्व में हिन्दी दिवस प्रत्येक वर्ष 10 जनवरी को मनाया जाता है। हिंदी मधुर एवं सबके मन को लुभाने वाली भाषा है। हिंदी पूरी दुनिया में बोली जाने वाली पांच भाषाओं में से एक है। विश्व भर के करोड़ों लोग आज हिंदी बोलते हैं। फिजी नाम का एक द्वीप है, जहां पर हिंदी को आधिकारिक भाषा का दर्जा प्राप्त है।
हिंदी भाषा अब विदेशों में भी लोकप्रिय हो रही है। विदेश में रहने वाले लोगों को भी अब हिंदी का महत्व पता लग रहा है। क्षेत्र के कई शिक्षाविद हिंदी को बढ़ावा देने के लिए आज भी कटिबद्ध हैं। उनका हिंदी के विषय में क्या कहना है--
**हिंदी दिवस पर हिन्दी के प्रति लोगों को प्रेरित करना चाहिए। हिंदी माथे की बिंदी होनी चाहिए। यह मातृभाषा है इसका सम्मान करना चाहिए। हिंदी में काम करने वाले लोगों को सम्मानित करना चाहिए। हिन्दी भाषा के विकास और विस्तार हेतु हर संभव प्रयास करने चाहिए।
--शिक्षाविद नरेश कुमार
हिंदी बोलने वालों की संख्या के अनुसार अंग्रेजी और चीनी भाषा के बाद हिन्दी भाषा पूरे दुनिया में तीसरी सबसे बड़ी भाषा है। लेकिन उसे अच्छी तरह से समझने, पढऩे और लिखने वालों में यह संख्या बहुत ही कम है। यह और भी कम होती जा रही। इसके साथ ही हिन्दी भाषा पर अंग्रेजी के शब्दों का भी बहुत अधिक प्रभाव हुआ है और कई शब्द प्रचलन से हट गए और अंग्रेजी के शब्द ने उसकी जगह ले ली है। जिससे भविष्य में भाषा के विलुप्त होने की भी संभावना अधिक बढ़ गयी है। हिंदी के प्रचार एवं प्रसार का प्रयास करना वाहिए।
शिक्षाविद सतेंद्र यादव
हिन्दी के प्रति अपने कर्तव्य का बोध करवाने के लिए इस दिन को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है जिससे वे सभी अपने कर्तव्य का पालन कर हिन्दी भाषा को भविष्य में विलुप्त होने से बचा सकें। वर्ष में एक दिन इस बात से लोगों के समक्ष रखना है कि जब तक वे हिन्दी का उपयोग पूर्ण रूप से नहीं करेंगे तब तक हिन्दी भाषा का विकास नहीं हो सकता है। इसे आम बोलचाल की भाषा बनाना चाहिए तथा हर काम हिंदी में करने चाहिए।
शिक्षाविद निर्मल शास्त्री
हिंदी, भारत की एकता और विविधता का प्रतीक है। यह भाषा देशभक्ति, संस्कृति, और समृद्धि का प्रतीक है। हिंदी हमारे संविधान की अधिकारिक भाषा है और हमारी राष्ट्रीय भाषा के रूप में महत्वपूर्ण है। हिंदी दिवस के अवसर पर, हमें अपनी मातृभाषा के प्रति समर्पित रहना चाहिए। हमें इसे सीखना, उसका सदुपयोग करना, और उसका संरक्षण करना चाहिए। हमें हिंदी की बढ़ती उपयोगिता को समझना चाहिए, ताकि हम अपने विचारों को सही ढंग से व्यक्त कर सकें।
शिक्षाविद मदनलाल
फोटो कैप्शन: निर्मल शास्त्री, सतेंद्र यादव, मदनलाल , नरेश कुमार।
विश्व हास्य दिवस -10 जनवरी
तनाव के नकारात्मक प्रभाव को दूर करने में कारगर है हास्य योग- डा. निलेश मुदगल
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कनीना की आवाज। हंसने से सभी रोग नष्ट हो जाते हैं। नीरसता, थकान और तनाव आज हमारे भागदौड़ भरे जीवन का हिस्सा बन गए हैं। क्रोध, भय, तनाव के नकारात्मक प्रभाव को जीवन से समाप्त करने के लिए हास्य योग का विशेष प्रभाव है। हंसने, हंसाने से मानसिक तनाव दूर होता है और शरीर की प्रतिरोधक क्षमता भी विकसित होती है। इसलिए किसी पर हंसने की जगह, सभी के साथ हंसना सीखें तो जीवन स्वस्थ और खुशनुमा हो जाएगा।
पतंजलि योग समिति के जिला प्रभारी डा. निलेश मुदगल ने बताया कि आधुनिक समय में सहज मुस्कान लुप्त होती जा रही है। हास्य क्लब और मुस्कान सेंटरों पर भीड़ बढ़ रही है। इससे हमारे तनाव भरे जीवन का पता चलता है। तनाव को कम करना अंतिम संरचना तक को मजबूत करना है। इससे मुक्ति सांसों को मजबूत करती है और चेहरे पर अनोखी आभा का संचार करती है। एक छोटा बच्चा दिनभर में 300 से ज्यादा बार हंसता है, लेकिन हमने बड़े होकर मुस्कुराना ही छोड़ दिया है।
हास्य योग के प्रकार
बेली हास्य योग
हास्य से रक्त में ऑक्सीजन का संचार होता है, जिससे शरीर स्वस्थ रहता है। पेट को कम करने लिए दोनों हाथों को पेट पर रख कर जोर-जोर से हंसना बेली हास्य कहलाता है। इससे बढ़ा हुआ पेट भी घटता है, जो आज की प्रमुख समस्या है।
गाड़ी हास्य योग
वाहन चलाते समय यातायात नियमों का उल्लंघन कर कोई सामने आ जाता है, तो पूरे शरीर में क्रोध भर जाता है। कुछ लोग तो तनाव में आकर अवसाद तक में पहुंच जाते हैं। ऐसी स्थिति में अपनी गलती ना होते हुए भी, मानकर मुस्कान बिखेरने से हम विवाद और तनाव दोनों से बचेंगे। इसका निरंतर प्रयास करना चाहिए।
ताली हास्य योग
तालियां लगातार बजाना ताली हास्य कहलाता है। इसमें बच्चों की तरह जोर-जोर से तालियां बजाकर हंसना होता है। इससे शरीर तनाव रहित हो जाता है। तालियां बजाने से एक्युप्रेशर ट्रीटमेंट भी होता है।
मौन हास्य योग
इसमें मुंह तो खुला ही रहता है, जैसे अवाक वाली हंसी। इससे हंसी की लहरें पूरे शरीर में घूमती हैं, यह बंद नाडिय़ों में रुकावट को दूर करता है। रक्त का संचार पूरे शरीर में होने लगता है और शरीर हल्का महसूस करता है।
खुलकर और जोर-जोर से ठहाके लगाने से शरीर में रक्त के संचार की गति बढ़ती है। इससे पाचन तंत्र अधिक सक्रियता से कार्य करता है और फेफड़े भी मजबूत होते हैं। दूषित वायु शरीर से बाहर निकल जाती है। हंसने से पसीना अधिक आता है, जिससे शरीर की गंदगी बाहर निकलती है। इसलिए हास्य योग हर प्रकार से मनुष्य के लिए परमात्मा का दिया हुआ बेहतरीन वरदान है।
फोटो कैप्शन: निलेश मुदगल
बिजली कर्मियों का धरना आठवें दिन भी जारी
--जब तक गिरफ्तारी नहीं,धरना जारी रहेगा
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कनीना की आवाज। उपमंडल कार्यालय समक्ष बिजली कर्मचारियों और संगठनों के प्रतिनिधियों ने धरना प्रदर्शन आठवें दिन भी जारी रहा।
पुलिस प्रशासन निगम मैनेजमेंट सिविल प्रशासन के खिलाफ कर्मचारियों ने जमकर नारेबाजी की। धरने की अध्यक्षता सब यूनिट प्रधान हवा सिंह ने की। इससे पहले जहां कर्मी गत दिनों दिवस एसडीएम कनीना को भी ज्ञापन दिया था। गुरुवार शाम तक गिरफ्तारी न होगी तो विरोध प्रदर्शन डिविजनल लेवल तक किया जाएगा। धरना देने वाले कर्मियों का कहना है कि जब तक उन्होंने बताया कि पूरे ही जिला में सभी सब डिविजनों पर दो घंटे तक धरना प्रदर्शन चला है। कार्यकारी अभियंता महेंद्रगढ़ ने धरने में पहुंचकर उनका समर्थन किया। आरोपितों की गिरफ्तारी नहीं होती तब तक धरना जारी रहेगा। कर्मचारी गिरफ्तारी न होने की सूरत में कोई कठोर कदम उठाने को मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदारी निगम मैनेजमेंट प्रशासन की होगी।
इस मौके पर महावीर पहलवान केंद्रीय नेता, शिवकुमार यादव जिला प्रधान, राजेंद्र कपूरी, सज्जन सिंह गाहड़ा, रामरत्न जेई गोमली, हवा सिंह सब यूनिट प्रधान, कुलदीप सिंह डीइओ, चुन्नीलाल जेई, आनंद जेई, संजय, धर्मवीर, कुलदीप, अजीत ,पवन, तपन,बिरेंद्र सोनी, नरेश, सकीना, रीना, रोहित आदि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: धरना देते बिजली कर्मी
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