Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**: February 2020

Saturday, February 29, 2020



पड़े भारी मात्रा में ओले
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में शाम पांच बजे से 6 बजे तक लगातार बारिश के चलते 18 एमएम बारिश हुई। वहीं बीच-बीच में दो बार ओलावृष्टि हुई जिसके चलते किसानों की फसल को 40 फीसदी तक नुकसान हुआ है। गेहूं और सरसों की फसल लहलहा रही थी, शनिवार वह धरती पर लेट गई है। अधिक नुकसान सरसों की फसल को होने का अंदेशा बन गया है। विभिन्न गांव में ओलावृष्टि के समाचार है। कृषि अधिकारी जानकारी में जुट गए हैं और पता लगा रहे हैं कि किन-किन गांव में ओलावृष्टि हुई है।
 शाम 5 बजे बाद शुरू हुई बारिश धीरे-धीरे बढ़ती चली गई और 6 बजे तक खूब बारिश हुई है फिर बीच बीच ओलावृष्टि हुई है। बारिश के चलते गेहूं की खड़ी फसल धरती पर लेट गई है।
 मोड़ी, मोहनपुर, उन्हाणी, गाहड़ा, चेलावास ढाणा तथा आसपास विभिन्न गांव में भारी ओलावृष्टि हुई है इसके चलते किसानों के माथे पर चिंता की रेखाएं खींच गई है। गांव सीहोर ,छितरौली, ककराला, छीथरोली आदि में भी बारिश के साथ ओलावृष्टि के समाचार हैं। पहली बार करीब 5:15 बजे पड़े थे तत्पश्चात फिर से एक बार ओलावृष्टि आई जिनका आकार का आकार बड़ा था जिसने फसल उएवं सब्जी आदि को भी नुकसान पहुंचाया है। पालक आदि की फसल भी धरती पर लेट गई है।
अभी भी मौसम नहीं खुला है, और बारिश और भी होने के आसार बने हुए हैं। कनीना के गांव ढाणा के सरपंच सुशील कुमार ने बताया कि उनके यहां बड़े-बड़े ओले पड़े हैं जिसके चलते 30 प्रतिशत से अधिक फसल को नुकसान हुआ है। उन्होंने बताया कि ओलावृष्टि काफी देर चली। उधर मोड़ी के गजराज सिंह पूर्व सरपंच ने बताया कि ओलावृष्टि ने भारी नुकसान पहुंचाया है। सरसों और गेहूं की फसल को खेतों में खड़ी थी जिसे नुकसान हुआ है फसल धरती पर लेट गई हैद्ध उन्होंने बताया कि इतने ओले पड़े थे कि उनके घर के अंदर इक_े हो गए। गाहडा के रामेश्वर दयाल ने बताया कि उनके यहां ओलावृष्टि हुई जिससे फसल को भारी नुकसान हुआ है। कांता किसान ने बताया कि ओलावृष्टि ने जमकर नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने मांग की है कि उन्हें मुआवजा दिया जाए तथा नुकसान का जायजा लिया जाए। उधर रामकिशन कनीना, अजीत कुमार कनीना, सूबे सिंह कनीना, राजेंद्र सिंह ने बताया कि उनके यहां ओलावृष्टि ने में 40 प्रतिशत तक नुकसान पहुंचाया है। करीरा के महिपाल सिंह, महावीर सिंह आदि ने बताया कि ओलावृष्टि ने भारी नुकसान पहुंचाया है जिसके चलते सरसों में अधिक नुकसान हुआ है तथा गेहूं में कम नुकसान हुआ है। अभी विभिन्न गांव से ओलावृष्टि से हुए नुकसान की के समाचार लगातार प्राप्त हो रहे हैं।
उधर पूर्व कृषि अधिकारी देवराज ने बताया कि फसल को कम से कम 30 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है उनके अनुसार फसल पकान पर थी। ऐसे समय में ओलावृष्टि ने भारी नुकसान पहुंचाया है। वर्तमान खंड कृषि अधिकारी सज्जन सिंह धनखड़ ने बताया कि कनीना खंड के सभी गांवों में ओलावृष्टि हुई है और 5 प्रतिशत से 40 फीसदी तक नुकसान पहुंच गया है। सरसों की टहनियां टूट गई है जिसे सरसों को भारी नुकसान पहुंचा है वहीं गेहूं फसल को भी नुकसान हुआ है।
उधर अजय कुमार हसिान का कहना है कि उनके क्षेत्र में एक घंटे तक चली बारिा में दो बार ओले पड़े। जिसके चलते फसल को नुकसान होने का अंदेशा है। अभी भी किसान और सहमे हुए हैं बड़ी मुश्किल से इस बार फसल बेहतर पैदा होने के आसार थे किंतु जब फसल पकान पर  थी हो गई उस समय ओलावृष्टि हुई है। ऐसे में ओलावृष्टि का भारी नुकसान होने का अंदेशा विभिन्न गांव के किसानों ने मांग की है सरकार से मांग की है कि फसलों में नुकसान का जायजा लिया जाए और इसकी भरपाई तुरंत की जाए। किसानों का आधार ही कृषि है और यह भी इस बार प्राकृतिक आपदा से गिर चुकी है।
फोटो कैप्शन 6 7 फसल लेटी हुई तथा 8 से 16 तक ओलावृष्टि और ओले दिखाते किसान


एसडीएम ने काटे 1 लाख 77 लाख के चलान

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कनीना। कनीना के एसडीओ रणवीर सिंह ने शुक्रवार की रात को एक लाख 77 हजार रुपये के ओवरलोड वाहनों के चालान काटे। ओवरलोड वाहनो से कनीना क्षेत्र में परेशानी बढ़ रही है जिनसे निजात पाना कठिन हो गया है। दो वर्ष पहले ओवरलोड वाहनों पर शिकंजा कसा गया था। लेकिन अब एक बार फिर से ओवरलोड वाहनों की भरमार है। जिसके चलते ओवरलोड वाहन समस्या बनते जा रहे हैं। कनीना एसडीएम ने ओवरलोड वाहनों पर शिकंजा कसते हुए  आधा दर्जन ओवरलोड वाहनों के चालान काटे और एक लाख 77 रुपये की राशि उगाही।

जिला स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में एसडी विद्यालय, ककराला को मिले दो स्वर्ण व दो रजत

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कनीना। जिला स्तरीय कुश्ती प्रतियोगिता में एसडी विद्यालय, ककराला को दो स्वर्ण व दो रजत मिले। विजेता खिलाडिय़ों के सम्मान में विद्यालय में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम कार्यालय, नारनौल द्वारा आयोजित जिला स्तरीय कुश्ती अखाड़ा एवं जिला कुमार व जिला केसरी दंगल प्रतियोगिता में एसडी विद्यालय का शानदार प्रदर्शन रहा। भावना  ने 43 किलो भार वर्ग में प्रथम स्थान हासिल किया। इसी प्रतियोगिता में अंकिता ने 54 किलो भार वर्ग ने भी प्रथम स्थान प्राप्त किया। रुचि पुत्री अशोक ने द्वितीय स्थान हासिल किया।
  जिला केसरी (महिला) दंगल में मनीषा पुत्री पवन ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। इस प्रतियोगिता में हरियाणा सरकार द्वारा प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले खिलाडिय़ों को 2000 रुपये तथा द्वितीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाडिय़ों को 1500 रुपये राशि नकद वितरित की गई। विजेता खिलाडिय़ों को विद्यालय पहुंचने पर सम्मानित किया गया। विद्यालय प्राचार्य ओमप्रकाश यादव व सभी स्टाफ सदस्यों ने विजेता खिलाडिय़ों को राज्य स्तरीय प्रतियोगिता में भागीदारी के लिए शुभकामनाएं दी।
इस अवसर पर प्रबन्धन समिति सदस्य राजेन्द्र यादव, सीईओ आरएस यादव, वरिष्ठ विभाग के मुखिया पूर्ण सिंह, कनिष्ठ विभाग के मुखिया नरेन्द्र यादव, सुरेन्द्र चौहान, सुनील यादव, फुटबाल कोच  प्रदीप, वालीबाल कोच प्रदीप, कबड्डी़ कोच रत्न लाल, सोनू पाथेडा, डीपीई राज कुमार व जुड़ो कोच विवेक, जिला प्रशिक्षक, बाक्सिंग कोच प्रवीन, वालीबाल कोच रेणु, बेडमिंटन कोच नवीन कुमार एवं समस्त स्टाफ  उपस्थित था।
फोटो कैप्शन 5: एसडी स्कूल के विजेता खिलाड़ी नारनौल में खेल खेलते हुए।




जागरूकता शिविर आयोजित

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कनीना। नेहरू युवा केंद्र नारनौल द्वारा आंगनवाड़ी केन्द्र धनौन्दा  में मुद्दा आधारित जागरूकता एवं शिक्षा कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
पंजाब नेशनल बैंक के मुख्य प्रबंधक अशोक कुमार,प्रबंधक विजय सिंह ने लोगों को बैंक की सभी स्कीमों के बारे अवगत करवाया। हेल्थ इंस्पेक्टर राजवीर सिंह ने स्वास्थ्य विभाग की सभी स्कीमों और स्वास्थ्य जागरूकता पर भी सम्बोधित करते हुए कहा की एड्स वर्तमान युग की सबसे बड़ी स्वास्थ्य समस्याओं में से एक है यानी कि यह एक महामारी है। एड्स के संक्रमण के तीन मुख्य कारण हैं - असुरक्षित यौन संबंधों, रक्त के आदान-प्रदान तथा मां से शिशु में संक्रमण द्वारा। एड्स पर जागरूकता ही सबसे बड़ा समाधान हैं। कार्यक्रम में  संदर्भ व्यक्तियों द्वारा सामाजिक मुद्दे दहेज, शराब और मादक पदार्थों के सेवन की रोकथाम, एड्स जागरूकता आदि समाज के उपेक्षित वर्गों को मुख्य धारा में लाना और युवाओं की समाज सेवा में सक्रियता बढ़ाने को लेकर आह्वान किया। जिला युवा समन्वयक महेन्द्र कुमार नायक ने उपस्थित युवाओ से अपील करते हुए कहा की ग्रामीण बुनियादी ढांचे के विकास ,बुनियादी सुविधाएं के प्रावधान ,जल संरक्षण,पौधरोपण एवं युवा क्लबों के गठन के बारे में जानकारी उपलब्ध करवाई।
इस मौके पर इंद्रजीत सिंह,रमन सिंह,बीएमडी क्लब ,वॉइस ऑफ यूथ गाहड़ा एवं महेंद्रगढ़ रूरल यूथ वेलफेयर सोसाइटी पदाधिकारी,हेल्थ  इंस्पेक्टर राजवीर सिंह,पंजाब नेशनल बैंक कनीना के मुख्य प्रबंधक अशोक कुमार,प्रबंधक विजय सिंह,सुपरवाइजर अनिता,कर्मपाल यादव प्रियंका प्रजापत,पूजा वर्मा,कवि तंवर, आशीष तंवर,अमित प्रजापत, गौरव, इंद्रजीत सिंह,राहुल,रोहित, रेनू, रवि,आंगनवाड़ी वर्कर मुनेश,संजू, इश्वन्ति, सविता,कमलेश, उर्मिला, सत्या, रामभतेरी, प्रेम,सहित युवा  एवं महिलाएं उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 4: उपस्थित महिलाओं को स्मृति चिह्न पदान करते बीएमडी क्लब पदाधिकारी।

शिविर में हजारों भक्तगण लेते हैं सेवा-महेश कुमार 

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कनीना। श्याम बाबा के शिविर में रोजाना लगता है हजारों भक्तों का आवागमन हो रहा है जिनकी समिति द्वारा सेवा की जाती है। इस आशय की जानकारी देते हुए समिति के संयोजक महेश कुमार ने बताया कि 19 वर्ष पूर्व सतीश कुमार निवासी कनीना मंडी के सौजन्य में इस शिविर का शुभारंभ किया गया था लेकिन आज उनकी मृत्यु के बाद भी इस शिविर को कमेटी व उनके परिजनों द्वारा ठीक उसी प्रकार से चलाया जा रहा है जिस प्रकार से पहले चलता था। संयोजक ने यह भी बताया कि इस शिविर में दिल्ली, बहादुरगढ़, रोहतक, झज्जर, सांपला, कोसली, कनीना के अलावा अन्य कस्बों व शहरों से आए दिन हजारों की तादाद में भक्तगण श्री श्याम बाबा खाटू वालेे के जाते है जिनका मुख्य रास्ता है यही से होने के कारण ये भक्त यहां सेवा लेते हैं जिसमें भोजन-पानी, रहने नहाने धोने के अलावा मेडिकल सुविधा भी भक्तों को निशुल्क मुहैया कराई जाती है।
  महेश कुमार ने बताया कि इसमें मुख्य रूप से सेवा देने वालों अनिल, राजेश खंडेलवाल, विषणुदत्त जांगिड़, श्रीभगवान के अलावा अन्य सेवा समिति के लोगों द्वारा इस पद यात्रा सेवा शिविर में भक्तगणों की सेवा वह सहायता की जाती है। समिति के लोगों ने बताया कि पिछली 26 फरवरी से आगामी तीन मार्च तक यह शिविर चलेगा।
फोटो कैप्शन 3: शिविर में नृत्य करते जन।


डीघराम हुए सेवानिवृत्त
-24 सालों की सेवा की 

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 कनीना। कनीना निवासी मुख्याध्यापक डीघराम 24 सालों की सेवा करने के उपरांत शनिवार को राजकीय माध्यमिक विद्यालय तलवाना से सेवानिवृत्त हो गए हैं। उन्होंने 24 नवंबर 1995 राजकीय उच्च विद्यालय ककराला से सेवा शुरू की थी, तत्पश्चात 2003 में मुख्य शिक्षक नियुक्त हुए। 2005 में सामाजिक विज्ञान अध्यापक बतौर सेहलंग में काम किया। तत्पश्चात में 2007 में पड़तल में काम करने के पश्चात राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक धनौंदा के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में 2013 तक काम किया। 2013 में बतौर मुख्य अध्यापक खोरी कला मेवात में भेजा गया। 2014 में राजकीय माध्यमिक विद्यालय तलवाना में उनकी बदली हुई जहांसे वे सेवानिवृत्त हो गए हैं। आज उनकी सेवानिवृत्ति में महिपाल सिंह करीरा, सूबे सिंह, महिपाल सिंह कनीना तथा कई गणमान्य जन उपस्थित थे।

खाटू श्याम भक्तों के लिए लगे शिविर

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कनीना। फागुन शुक्ल एकादशी को रींगस से 17 किलोमीटर दूर खाटू धाम पर लगने वाले श्याम बाबा मेले को लेकर के विभिन्न क्षेत्रों में पदयात्रियों के लिए कैंप लगाए गए है। कनीना में नवनिर्मित खाटू श्याम मंदिर के पास ही पद यात्रियों के लिए शिविर लगाया जाता है। यही नहीं हर गांव में इन भक्तों के लिए शिविर का आयोजन किया जाता है।
  खाटू श्याम धान पर लगने वाले मेले को लेकर के विभिन्न गांव में पद यात्रियों के लिए मुफ्त सेवा शिविर लग गए जहां भक्तों को दवाई भोजन रहन-सहन आदि का प्रबंध किया गया है। इन शिविरों की सेवा लेकर पदयात्री खाटू श्याम पहुंचते हैं। कनीना से करीब 4 से 5 दिनों के बाद खाटू धाम पर पहुंचकर भक्तजन अपने घर से ले जाया गया ध्वज तथा निशान बाबा को अर्पित करके लौटते हैं। भक्तों नेम सिंह, हेमंत कुमार, महेश कुमार आदि ने बताया कि वे  नारनौल से आगे निजामपुर तक सड़क मार्ग से तथा निजामपुर से रिंगस तक रेलवे ट्रैक के साथ साथ  होते हुए जाते हैं और चार-पांच दिनों का समय लगता है। कुछ भक्तजन अपना खाने-पीने का प्रबंध साथ लेकर चलते हैं। वहीं पर अधिकांश भक्तजन लगे हुए शिविरों में ही सेवा लेते हैं। खाटू श्याम धाम पर अर्पित किए जाने वाले निशान के लिए बहुत से पदयात्री रिंगस से पदयात्रा शुरू करते हैं और 17 किलोमीटर दूरी को करीब 1 दिन में पूरा कर लेते हैं। भक्तों का आवागमन शुरू हो गया है। कनीना के दुलीचंद साहब का कहना है कि वह कई वर्षों से कनीना में भक्तों के लिए शिविर लगा रहे हैं। सेवक श्रीश्याम मंडल के दुलीचंद, रामपाल, प्रवीण सिंगला, पालाराम, योगेश बाबूजी,मनोज कुमार, संदीप महेश्वरी, चौ गुड्डू,योगेश एवं सेवा मंडल ने बताया कि उनका यह नौंवा शिविर है। पहले सड़क मार्ग पर शिविर लगाया जाता था किंतु विगत दो वर्षों से खाटू मंदिर पर ही भक्तों को ठहरने की व्यवस्था करते आए हैं।
फोटो कैप्शन 1: कनीना खाटूश्याम मंदिर में लगाए गए शिविर में भक्तों का स्वागत करते।


खाटू श्याम के लिए रवाना हो रहे भारी संख्या में भक्त

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कनीना। छह मार्च के खाटू श्याम में लगने वाले फाल्गुन एकादशी के मेले के दृष्टिगत भारी संख्या में भक्तजन रवाना हो रहे हैं। दूर दराज से खाटू की ओर निशान लेकर जाने का सिलसिला चंद दिनों तक जारी रहेगा।
  यूं तो खाटू श्याम मेले के दृष्टिगत ध्वज लेकर पदयात्रा पर एक के बाद एक समूह रवाना होने लगा है तथा उनके लिए जगह जगह शिविर स्थापित किए जा रहे हैं। कनीना से करीब चार दिनों में खाटू याम पहुंचते हैं।
  इस संबंध रमेश कुमार का कहना है कि वे विगत छह वर्षों से खाटू श्याम जाकर ध्वज अर्पित करते हुए आया है। उनकी कोई मनोकामना नहीं है। अपितु उनके दिल में श्रद्धा एवं भक्ति भरी है जिसके चलते व्यस्त समय में से समय निकालकर खाटू जाता हूं। उन्होंने कहा सफर करीब दो सौ किमी है किंतु खाटू के प्रति भक्ति के चलते यह दूरी कष्टदायी नहीं लगती है।
 राजाराम का कहना है कि वे विगत 15 वर्षों से खाटू श्याम का भक्त हैं। श्याम को मन में संजोकर लंबी दूरी को पार कर जाते हैं। उनके अनुसार उन्हें थकान तो होती है परंतु रास्ते में लोगों की भक्तों के प्रति भक्ति प्रसन्न रखती है और सफर आसानी से पूरा हो जाता है। कांवर की अपेक्षा ध्वज में कम नियमों का पालन करना होता है वहीं दूरी भी कम है।
   धर्मेंद्र भक्त का कहना है कि वे छह वर्षों से खाटू श्याम जा रहे हैं और उन्हें मन को प्रसन्नता एवं भक्ति भाव इसी यात्रा से प्राप्त होता है। जब कभी खाटू मेला पास आता है तो वे मेले में जाने की तैयारी में जुट जाते हैं। पदयात्रा विशेषकर रेलवे ट्रैक के साथ साथ चल पाना थोड़ा कठिन है किंतु मन में भक्तिभाव रखते हुए यह सफर सामान्य महसूस होने लग जाता है। श्याम बाबा के दर्शन करके सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
   महिपाल भक्त का कहना है कि वे विगत दो वर्षों से श्याम बाबा के यहां जा रहे हैं। उनकी सभी इच्छाएं श्याम बाबा के जाने पर खत्म हो जाती हैं। उन्हें खाटू जाना बेहद प्रसन्नतापूर्ण लगता है। उनका कहना है कि अपार भक्तों को मीलों का सफर तय करता देख उनका सफर आसानी से पूर्ण हो जाता है। 
फोटो कैप्शन 2: खाटू जाते हुए भक्तों का दल।


हिंदी सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन

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कनीना। आर आर सी एम पब्लिक स्कूलए कनीना द्वारा आज प्राथमिक विभाग के विद्यार्थियों के लिए हिंदी सुलेख प्रतियोगिता का आयोजन किया गयाए जिसमें एल के जी की छात्रा याशिका ने प्रथम स्थान तथा यवनी ने दूसरा स्थान व अनन्या ने तीसरा स्थान प्राप्त किया ।
कक्षा यू के जी में अवनि ने प्रथमए पारुल ने दूसरा व गीतिका और राधा ने तीसरा स्थान प्राप्त किया कक्षा प्रथम में वसुन्धरा ने प्रथम स्थान हिन्द ने दूसरा स्थान व दिव्या ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
कक्षा द्वितीय में दिव्या ने प्रथम स्थानए गरिष्मा ने दूसरा व हर्षिका व हरीश ने तीसरा स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर संस्था के चेयरमैन रोशन लाल यादव ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि सुंदर लेख व्यक्ति के अच्छे व्यक्तित्व का सूचक होता है तथा सुंदर लेख से विद्यार्थियों में भाषा की समझ व रूचि दोनों ही विकसित होती है इसलिए विद्यालय में समय.समय पर सुलेख प्रतियोगिताओं का आयोजन होना चाहिए। 
 कार्यक्रम को संस्था के निदेशक संजय यादव ने भी संबोधित किया और कहा कि सुलेख लेखन से विद्यार्थियों में शुद्ध लेखन व शुद्ध उच्चारण के कौशल विकसित होतें है इसलिए प्राथमिक स्तर पर सुलेख लेखन पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
अंत में कार्यक्रम को विद्यालय के प्राचार्य विकास यादव ने भी संबोधित किया व विद्यार्थियों को सुलेख के महत्व के बारे में विस्तार से बताया उन्होने विजेता विद्यार्थियों को को उनकी सफलता पर हार्दिक बधाई प्रदान की।

Friday, February 28, 2020


















नाबालिग के साथ दुष्कर्म को अंजाम देने वाले को पुलिस ने पहुंचाया जेल

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कनीना। कनीना के एक रेस्टोरेंट में हुए दुष्कर्म की घटना को अंजाम देने वाला आरोपी को गिरफ्तार करते में कनीना न्यायालय में पेश किया गया जिसे न्यायालय ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों रेवाड़ी जिले के  एक गांव की नाबालिग लड़की को एक लड़का बहला फुसला कर कनीना ले आया था और उसे एक रेस्टोरेंट में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया था। वही पीडि़त  लड़की ने उक्त मामले की सारी घटना के बारे में अपने परिजनों को बताया जिसको लेकर परिजनों ने लड़के के खिलाफ कनीना थाने में शिकायत देकर मामला भी दर्ज कराया था जिसको लेकर पुलिस ने पंकज निवासी गोठड़ा के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ की थी।
 वही इस मामले की सूचना जब पंकज को लगी तो वह भागने में कामयाब हो गया था लेकिन इसी दौरान कनीना थाना प्रबंधक विकास कुमार ने अपनी एक टीम गठित कर उक्त मामले में दोषी के विभिन्न ठिकानों पर छापेमारी की तथा जल्द ही उसे पकडऩे में कामयाबी हासिल की है। वही आज पुलिस ने पंकज को न्यायालय में पेश कर दिया जहां न्यायालय ने उसे 14 दिन के लिए न्यायिक  हिरासत  में भेज दिया गया है।







जी0 एल0 महाविद्यालय में वार्षिक खेलकूद  



प्रतियोगिता का आयोजन
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कनीनाI

जी0 एल0 महिला महाविद्यालय में शुक्रवार को वार्षिक खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन किया गया इस मौके पर महाविद्यालय के करीबन 200 छात्राओं ने विभिन्न खेलकूद प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में कनीना नगरपालिका के प्रधान श्री सतीश जेलदार जी बतोर मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे। उन्होनें फीता काटकर प्रतिस्पर्धाओं का सुभारम्भ किया और कहा की वर्तमान समय में शारीरिक विकास के लिए कठोर परिश्रम की आवश्यकता है और वैज्ञानिक प्रमाणों के अनुसार शारीरिक व मानसिक विकास का अटूट संबंध होता है। इसके पश्चात विभिन्न विधाओं में छात्राओं ने अपने कौशल को प्रर्दिशत करते हुए 100 मी0, 200 मी0, 400 मी, लौंग जम्प, लेमन रेश, रस्साकसी, खो-खो व थ्री लैग रेश में हिस्सा लिया। इस मौके पर प्राचार्य डा0 संजीव कुमार ने छात्राओं को खेलकूद प्रतियोगिता में शामिल होने के फायदे और खेल का महत्त्व बताया। महाविद्यालय के चेयरमैन श्री राजेन्द्र सिंह लोढ़ा ने मुख्य अतिथि जी को गुलदस्ता देकर उनका स्वागत किया।
इन्हाने मारी बाजी-
100 मी0 रेस में किरण बी0 ए0 द्वितीय वर्ष ने प्रथम, नीलम ने द्वितीय व सुशीला बी0 ए0 प्रथम वर्ष ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। 200 मी0 रेस में किरण बी0ए0 द्वितीय वर्ष ने प्रथम, नीलम ने द्वितीय व वैभवी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। लोंग जम्प में ज्योति बी0 एस0 सी0 द्वितीय वर्ष ने प्रथम स्थान, रेनु ने द्वितीय स्थान व वैभवी ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सोर्टपुट में किरण ने प्रथम स्थान, रक्षा ने द्वितीय स्थान व ज्योति ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। खो-खो में बी0ए0 द्वितीय वर्ष की छात्राएं विजयी रही।
इस अवसर पर प्रबंधन समिति के सभी गणमान्य सदस्य तथा पूरा स्टाफ मौजूद रहे व दीपक सोनी निर्णायक की भूमिका में रहे व सभी प्रतियोगिताओं को सहजता से करवाया।



चार दिन बीत जाने के बाद भी घर से गई महिला का आज तक पता नहीं

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कनीना। घर से बहार गई महिला का चार दिन बीत जाने के बाद भी कोई सुराग नहीं लग पाया है।
मिली जानकारी के अनुसार सेहलंग निवासी एक व्यक्ति ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि मेरी पत्नी को किसी अज्ञात लोगों द्वारा बंधक बना कर कही छुपाया हुआ है। जिसका आज चार दिन बीत जाने के बाद भी कोई पता नहीं चला है। वही पुलिस ने पीडि़त के ब्यान पर अज्ञात लोगों के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है।

पोल के पैसे भरे दस माह बाद भी पोल नहीं लगाए 

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कनीना। बिजली विभाग द्वारा खंभों के पैसे भरवाने के दस माह बाद भी  पोल नहीं लगवाने के कारण पीडि़त को दर-दर की ठोकरें खाने पर विवश होना पड़ रहा है।
नरेन्द्र कुमार निवासी गाहड़ा ने बताया कि मैंने में अपने घर का कनेक्षन लेने के लिए बिजली विभाग कनीना में एक अर्जी दी थी जिसको लेकर विभाग में कई दिन चक्कर काटने के बाद घर तक दो सौ मीटर दूरी है जिसके लिए दो पोल की पेमेंट मांगी।  पीडि़त नरेन्द्र ने बताया कि उन्होंने 2019 में दो पोल की पैमेंट भी विभाग में जमा करा दी जिसके बाद भी पोल न देकर विभाग द्वारा उनका कनेक्षन घरों की छतो के ऊपर से डोरी ले जाकर जोड़ दिया गया जिसके कारण जिन घरों की छतों से कनेक्षन की तार गई है उनकी छतों पर आए दिन कोई अप्रिय घटना होने का अंदेशा बना रहता है। वही पीडि़त नरेन्द्र ने जिला उपायुक्त से मांग करते हुए पोल लगाकर कनेक्षन करने की गुहार लगाई है।


कोर्ट में पेशी पर आए लोगों में हुआ झगड़ा, मामला पुलिस तक पहुंचा

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कनीना। कोर्ट में पेशी पर आए व्यक्ति के साथ मारपीट करने का मामला थाने तक पहुंच गया है।
पीडि़त व्यक्ति सरजीत निवासी खेड़ी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनकी पत्नी चन्द्रकला बनाम नहर विभाग को लेकर एक मामला कनीना कोर्ट में चल रहा है जिसको लेकर वे कनीना कोर्ट में अगली पेशी की तारीख लेने आया था वही विभाग द्वारा एसडीओ भी आया हुआ था।
उन्होंने आरोप लगाया है कि दो कर्मियों एवं अधिकारियों ने उनके साथ गाली-गलौच व मारपीट की तो कोर्ट में मौके पर खड़े राजपाल निवासी खेड़ी व कंवर सिंह एडवोकेट कनीना ने उन्हें छुड़ाया। उधर आरोपित ने सरजीत द्वारा मारपीट करने व जान से मारने की धमकी देने की शिकायत कनीना चौकी कनीना को देकर मामले से अवगत करा दिया गया है। अब उक्त मामले में सचाई तो पुलिस की जांच के बाद ही पता चल पाएगा।


गबन के आरोप में पाथेड़ा की महिला सरपंच कृष्णा देवी निलंबित

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कनीना। गांव पाथेड़ा की सरपंच को विकास कार्यों में बरती गई अनियमितताओं व गबन के चलते जिलाधीश जगदीश शर्मा ने सस्पेंड कर दिया है। ग्रामीणों ने सरपंच कृष्णा देवी पर विकास कार्यों में गबन के आरोप लगाए थे। अब बहुमत वाले पंच को चार्ज दिया जाएगा।
उल्लेखनीय है कि पाथेड़ा के ग्रामीणों ने बीते समय सरपंच कृष्णा देवी की ओर से कराए गए (डस्टबिन)कार्य की जांच कर कार्रवाई की मांग की थी। ग्रामीण बच्चन सिंह व अन्य ने सरपंच कृष्णा देवी के खिलाफ सरकारी राशि के गबन व दुरुपयोग के आरोप लगाए थे। जिलाधीश जगदीश शर्मा ने हरियाणा पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 51-1 के अंतर्गत आदेश क्रमांक 1856-61 एलए पंचायत जारी करते हुए 25 फरवरी  2020 के द्वारा आरोप की जांच के लिए उपमंडलाधीश कनीना को जांच अधिकारी नियुक्त किया था। आरोप पत्र में कहा कि सरपंच के विरुद्ध आरोप को गंभीरता से देखते हुए उनका लगातार सरपंच पद पर बना रहना वांछनीय नहीं है।
उपायुक्त ने सरपंच को निर्देश दिए कि वह चल-अचल संपत्ति का चार्ज बहुमत वाले पंच को सौंपे।
यह था मामला-
करीब तीन वर्ष पूर्व पहले ग्राम पंचायत सरपंच कृष्णा देवी खेड़ा पर डस्टबिन घोटाले की जांच के लिए सीएम विंडो में अपील लगाई थी जिसके बाद पंचायत विभाग के एसडीओ ने गांव में जाकर 15 नवंबर 2017 को जांच करने के बाद जांच रिपोर्ट 5 फरवरी 2018 को सीएम विंडो पर अपलोड करते हुए डस्टबिन घोटाला साबित किया था। बीडीपीओ कनीना ने इस पर कार्रवाई करते हुए 1 मई 2018 को पुलिस थाना महेंद्रगढ़ को आईपीसी 409 के तहत सरपंच कृष्णा देवी पर मुकदमा दर्ज करने के लिए लिखित आदेश दिया था। इस पर संज्ञान लेते हुए एसएचओ महेंद्रगढ़ ने 2 मई 2018 को आईपीसी 409 के तहत सरपंच कृष्णा देवी पर एफआईआर नंबर 203 मुकदमा दर्ज किया। इस मुकदमे को दर्ज करते हुए बहुत समय बीत चुका था लेकिन इस पर पुलिस प्रशासन ने कोई गिरफ्तारी को लेकर कार्रवाई नहीं की थी।
  जिला उपायुक्त ने 25 फरवरी 2020 को पंचायती राज अधिनियम 1994 की धारा 511 में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए आरोपों की गंभीरता एवं सरकारी राशि का गबन दुरुपयोग के मद्देनजर जांच अवधि के दौरान कनीना खंड की ग्राम पंचायत पाथेड़ा की सरपंच कृष्णा देवी को जनहित में निलंबित किया है तथा उसे निर्देश दिए कि उसके पास जो भी चल अचल संपत्ति का चार्ज है  वह बहुमत वाले पंच को सौंपे तथा वह भविष्य में पंचायत की कार्रवाई में भाग लेने से वंचित रहे।
 फोटो कैप्शन 7: एसइपीओ दिनेश को पत्र देते हुए पंच बच्चन सिंह व पंच हुकुम चंद।




हरियाणा सरकार का बजट बहुमुखी 

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 कनीना। कनीना क्षेत्र के विभिन्न जनों ने हरियाणा सरकार के बजट को सराहा है। किसान, व्यापारी, शिक्षक आदि सभी ने अपने-अपने तरीके से हितकर बताया है।
 सुनील कुमार प्रवक्ता का कहना है कि हरियाणा स्कूलों में आठवीं कक्षा का फिर से बोर्ड लगाना सराहनीय कदम है। इससे शिक्षा में सुधार होगा वही प्रतिदिन विद्यार्थियों को दूध पिलाया जाना भी उनके हित में होगा। उन्होंने दोनों ही कार्यों के लिए बजट की सराहना की। किसान गजराज सिंह का कहना है कि जहां जहां 5 एकड़ से कम जमीन वाले सभी को आयुष्मान योजना का लाभ देना बहुत सराहनीय कदम होगा। उन्होंने कहा कि किसानों की आय दुगनी करने का प्रयास भी सराहनीय होगा।
 अजीत कुमार किसान का कहना है कि अनाज मंडियों में फायर ब्रिगेड की स्थापना, हर जिले में पराली खरीद केंद्र बनाए जाना, बिजली किसानों के लिए सस्ती करना सभी के हित के कार्य हैं।
महेंद्र शर्मा का कहना है कि जहां हर जिले में ट्रामा सेंटर बनाया जाना और जिला महेंद्रगढ़ में मेडिकल कालेज खोले जाना सराहनीय कदम है। क्षेत्र में इस प्रकार के ट्रामा सेंटर मेडिकल कालेजों की कमी थी जिसके कारण स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध नहीं हो रही थी।
मुकेश नंबरदार ने हर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर अल्ट्रासाउंड उपलब्ध करवाना, सभी जिलों में एमआरआई तथा कैथ लैब स्थापित करवाना बेहतर कदम होगा। इन सुविधाओं के लिए दूर दराज जाना पड़ रहा है।
महेश कुमार का कहना है कि नगर निगम आदि की दुकानों 20 साल पुराने किरायेदारों को मालिकाना हक दिया जाना बहुत बेहतर कदम है। दुकानदार लंबे समय तक दुकानों में किराएदार होते हैं किंतु उनको मालिकाना हक नहीं मिलता था। अब यह भी उन्हें उपलब्ध हो जाएगा।
राजेंद्र सिंह का कहना है शहरों में  गोबर नगर निगम एकत्रित करना वहीं राजकीय गौशालाओं की निर्माण किया जाए जाना बहुत सराहनीय कदम होगा। वही जा जिले देश के हर व्यक्ति को परिवार पहचान पत्र दिया जाना अहम कार्य होंगे। बजट सराहनीय है।
 कनीना के गणेश का कहना है कि विद्यार्थियों के लिए पासपोर्ट निशुल्क बनाए जाना बहुत महत्वपूर्ण कार्य होगा। वही बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान के तहत मुक्त अंग्रेजी कोचिंग, स्नातक तक की शिक्षा के लिए शिक्षण शुल्क नहीं लिया जाएगा जाना बहुत बेहतर कदम होगा।
उधर राजेश कुमार उन्हाणी का कहना है कि सरकार ने 15 प्रतिशत शिक्षा पर बजट खर्च करने का फैसला लिया है सराहनी कदम है वहीं स्कूलों में सफाई के लिए बहु उद्देशीय कार्यकर्ता नियुक्त करना भी बेहतर कदम होगा।  बेरोजगारों के लिए रोजगार का आश्वासन देना भी सराहनीय कदम है।
फोटो कैप्शन: अजीत सिंह, गणेश कुमार, राजेंद्र सिंह, गजराज सिंह, मुकेश नंबरदार, राजेश कुमार,महेश कुमार, महेंद्र शर्मा।


पुन: निर्मित किए जा रहे हैं नाले 

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 कनीना। कनीना कस्बे में  सफाई अभियान, नालों का निर्माण का कार्य जोरों पर चल रहा है वहीं पुरैाने नालों की सफाई कराई जा रही है।
 कनीना बस स्टैंड समक्ष सड़क के दोनों ओर गुजरने वाले पुरानी लंबे समय से अटे पड़े नालों की सफाई की जा रही है। वही उनको चौड़ा करने का अभियान जारी है। पूर्व पालिका प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा की अध्यक्षता में अभियान तेजी से चल रहा है। अभियान के तहत गंदे नालों को साफ करवा कर उनको चौड़ा करवाया जा रहा है। तत्पश्चात उनको स्लैब लगाकर ढका जाएगा। उधर के  भैया वाला पार्क की सफाई भी करवाई गई है जिसकी चारदीवारी बनाई जाएगी।
 जानकारी देते हुए पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि सभी नालों को चौड़ा करके उनको ढकवाया जा रहा है। यही नहीं भैयावाला पार्क जिसे कुरड़ी पार्क कहा जाता है कि के कूूड़े को इक_ा किया जा रहा है तथा इसकी चारदीवारी भी निर्मित होगी। उन्होंने बताया कि कनीना में सौंदर्यीकरण की कार्रवाई त्वरित गति से चल रही है।
 फोटो कैप्शन 6: कनीना बस स्टैंड पर बन रहे चौड़े नाले का एक नजारा।



एनएसएस स्वयंसेवकों ने श्रमदान किया

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कनीना। कनीना राजकीय महाविद्यालय कनीना में श्रमदान का कार्य जारी है। राष्ट्रीय सेवा योजना के 22 स्वयंसेवकों ने महाविद्यालय के पार्क,वाटिका खेल के मैदान की सफाई की।
 श्रमदान के बाद स्वयंसेवकों को वाटिका में एकत्रित किया गया तथा समाज सेवा करने के लिए प्रेरित किया गया। राष्ट्रीय सेवा योजना कायक्रम अधिकारी प्रो हरिओम भारद्वाज ने श्रमदान से संबंधित सरकार के कार्यक्रम की जानकारी दी।
महाविद्यालय प्राचार्य डॉ विनोद यादव ने आसपास की सफाई करने के लिए प्रेरित किया तथा बीमारियों से बचने के अनेक तरीके बताए। उन्होंने जहां से कहा कि जहां सफाई होगी वहां बीमारियां नहीं फैलती। उन्होंने कहा कि बीमारियों से बचने का एकमात्र साधन है सफाई अभियान को आगे बढ़ाना। उन्होंने इस प्रकार के सफाई अभियान पर त्वरित गति से कार्य करने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा किसी काम को छोटा नहीं समझना चाहिए। अपने आसपास घर में सफाई करनी चाहिए, तत्पश्चात समाज को साफ सुथरा बनाना चाहिए। इस अवसर पर पितांबर, कंवरपाल, तरुण, रोहित आदि उपस्थित थे।
 फोटो कैप्शन 8: श्रमदान करती कालेज की छात्राएं।


जांच एवं परामर्श शिविर एक मार्च को 

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 कनीना। एक मार्च को कनीना के लाला शिवलाल धर्मशाला नजदीक रेलवे स्टेशन में सेवा भारती की ओर से आयोजित 37वें विशाल निशुल्क हृदय, हड्डी जोड़, जांच एवं परामर्श शिविर का आयोजन किया गया है।
 विस्तृत जानकारी देते हुए सेवा भारती के योगेश अग्रवाल ने बताया कि शिविर में पेट से संबंधित, स्त्री रोगों की एवं डॉक्टरों का प्रबंध किया गया है। उन्होंने बताया इस बार डा अश्विनी यादव हृदय रोग,डा आरबी यादव आर्थों, डा प्रशांत मेडिकल विशेषज्ञ पहुंच रहे हैं। यहां परामर्श, ईसीजी, बीपी, ब्लड शुगर आदि की निशुल्क जांच की जाएगी। हृदय रोगों की जांच उन लोगों को करवानी चाहिए जिनकी सांस फूलती हो, अत्यधिक मोटापा, अत्यधिक पसीना आता हो, उम्र 40 वर्ष से अधिक हो, तंबाकू-धूम्रपान सेवन करने वाले, रक्तचाप से पीडि़त, अत्यधिक घबराहट बेचैनी, हृदय संबंधित पारिवारिक रोग प्रवृत्ति, आलसी जीवन शैली वाले जरूर इस शिविर का में  जांच करवाएं।


प्रथम मार्च से स्कूलों का समय बदला 

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कनीना। हरियाणा के समस्त सरकारी स्कूलों का समय 1 मार्च से बदल जाएगा। अब तक स्कूल समय प्रात: 9:30 से सायं 3:30 बजे तक चला आ रहा था। किंतु प्रथम मार्च से यह स्कूल समय प्रात: 8:00 बजे से दोपहर पश्चात 2:30 बजे तक का रहेगा। यह स्कूल समय प्रथम दिसंबर तक चलेगा। 1 दिसंबर से 28 फरवरी तक का समय प्रात: 9:30 से सायं 3:30 बजे का रहता है। विस्तृत जानकारी देते हुए खंड शिक्षा अधिकारी अभयराम ने बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा स्कूलों का समय मार्च माह में 8:00 का निर्धारित किया गया है।


जल्द ही बदलने वाले हैं कनीना मंडी के दिन

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  सरसों की आवक होने में महज एक पाक्षिक समय
कनीना। अनाज खरीद के वक्त नंबर वन पर रहने वाली कनीना की अनाज मंडी अब सुनसान पड़ी है। खरीद में मदद करने वाले आढ़ती अब एक पाक्षिक का इंतजार करेंगे। रबी एवं खरीफ फसल पैदावार के बाद ही रौनक बढ़ती है। एक पखवाड़े के बाद सरसों की आवक होने से मंडी में रौनक बढ़ जाएगी। आढ़ती बेसब्री से कर रहे हैं अनाज आवक का इंतजार। 25 मार्च तक सरसों की आवक शुरू होने की संभावना है। 40 आढ़ती किसानों के आने का इंतजार कर रहे हैं।
  किसी वक्त कनीना की अनाज मंडी व्यापारिक प्रतिष्ठानों में से एक होती थी और महेंद्रगढ़ के पास तक इसका विस्तार होता था किंतु समय के साथ साथ अब व्यापारिक प्रतिष्ठान की चमक धीमी पड़ती चली गई है। आज कनीना के सामान्य बस स्टैंड की ओर सघन क्षेत्र बनता जा रहा है और बहुत से व्यापारिक प्रतिष्ठान एवं कार्यालय कनीना मंडी से बस स्टैंड की ओर जा रहे हैं।
 वर्तमान में कनीना मंडी में रेलवे स्टेशन, कुछ बैंक शाखाएं, हैफेड, मार्केट कमेटी, वेयर हाउस, खंड कृषि अधिकारी कार्यालय स्थित हैं और बाकी सभी कार्यालय बस स्टैंड की ओर अधिक हैं। यही कारण है कि कनीना मंडी में चहल कदमी अनाज आवक के समय ही बढ़ती है बाकी समय सूनी सूनी पड़ी नजर आती है।
  कनीना मंडी से आढ़ती रविंद्र बंसल, ओमप्रकाश लिसानिया, शिव कुमार अग्रवाल ने बताया कि जब गेहूं या सरसों की आवक होती तो चहल पहल बढ़ जाती है वहीं गेहूं की खरीद के वक्त भी चहल पहल बढ़ जाती है। शेष समय में मंडी के व्यापारी ग्राहक कम और धूल अधिक फांकते हैं। सितंबर माह के अंत में बाजरे की आवक शुरू होती है तो मार्च माह में सरसों एवं अप्रैल माह में गेहूं की आवक होती है।  कनीना की मंडी पुरानी होने के कारण आज भी कनीना मंडी के नाम से कनीना को जाना जाता है। लंबे समय के बाद कनीना मंडी में बाजरा एवं सरसों की खरीद विगत दो वर्षों से शुरू हुई है। सरसों की कटाई चलने वाली है। कनीना अनाज मंडी के रविंद्र बंसल उप प्रधान व्यापार मंडल का कहना है कि कनीना मंडी के व्यापार मंडल के उप प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि सरसों का समर्थन मूल्य 4425 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि गेहूं का समर्थन मूल्य 2000 रुपये प्रति क्विंटल है। गेहूं की कटाई अप्रैल प्रथम सप्ताह में शुरू हो जाएगी।
फोटो कैप्शन 4: कनीना की सूनी पड़ी अनाज मंडी



परीक्षाएं, मेले, लावणी तथा होली की चर्चाएं जोरों पर 

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कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां सरसों की लावणी शुरू होगी,मेलों की भरमार है, परीक्षाएं अपने पूरे यौवन पर चल रही है वही होली चर्चाओं का बाजार गर्म है। ऐसे में अब जहां सर्दी कम होती जा रही है।  होली की चर्चाओं का दौर पूरे यौवन पर देखने को मिल रहा है।
 उल्लेखनीय कि कनीना क्षेत्र में जहां इस बार सरसों की करीब 20,000 की सरसों की बिजाई की गई है वहीं 12000 हेक्टेयर पर गेहूं की फसल लहलहा रही है। इस बार किसी प्रकार की फसल में कोई मार न होने से किसान खुश है और बंपर पैदावार होने की संभावना बनी हुई है। सरसों की कटाई शुरू निकट भविष्य में शुरू हो जाएगी।
उधर क्षेत्र में जहां परीक्षाओं का दौर भी शुरू हो गया है। विद्यार्थी परीक्षाओं में लगे हुए हैं। जहां कुछ परीक्षाएं शुरू हो गई है तो कुछ परीक्षाएं शुरू होने जा रही है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं 3 मार्च से शुरू होने जा रही हैं वहीं सीबीएसई की परीक्षा पहले से शुरू हो चुकी हैं। हरियाणा विद्यालय में शुरू हो चुकी है तथा कुछ शुरू होने जा रही है। ऐसे में परीक्षाओं का दौर भी पूरे यौवन पर है।
 कनीना क्षेत्र में मेलों की भरमार है। एक और जहां शिवरात्रि का बाघेश्वरी धाम पर मेला लग चुका है वहीं 06 मार्च को खाटू श्याम मेला तथा कनीना का मोलडऩाथ मेला लगने जा रहा है। ये दोनों ही मेले अहमियत रखते हैं तथा दूर दराज के भक्त इन मेलों में आते हैं। मेलों में भारी भीड़ जुटती है। किसानों को लावणी से तो विद्यार्थियों को परीक्षा से वहीं भक्तों को धार्मिक यात्राओं से फुरसत नहीं है।
उधर होली को लेकर भी चर्चाएं पूरे यौवन पर हैं। होली के खेल, होली की चर्चाओं का दौर जरी है।दस मार्च को होली का पर्व मनाया जाएगा।



एक दर्शनीय स्थल के रूप में उभर रहा है बाबा मोलडऩाथ आश्रम

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कनीना। कनीना का बाबा मोलडऩाथ आश्रम एक दर्शनीय स्थल के रूप में उभर रहा है। एक दर्जन मंदिर बाबा आश्रमके पास में निर्मित हो चुके हैं। बाबा मोलडऩाथ आश्रम में 6 मार्च को विशाल मेला लगने जा रहा है। बाबा स्थल को चार चांद लगाने के लिए बाबा के स्थल के पास ही अनेकों धार्मिक स्थलों का निर्माण होता जा रहा है। बाबा के आश्रम के पास ही 21 फुट ऊंची शिव प्रतिमा वाला शिवालय स्थित है। इस शिवालय का निर्माण शिवभक्त भरपूर सिंह ने निर्मित करवाया है  पास में सीताराम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। सीताराम मंदिर के पास ही राधाकृष्ण का मंदिर बना हुआ है। बाबा आश्रम के पीछे सती समाधि भी बनी हुई है। पास में पानी से भरा जोहड़ है जहां कभी बाबा जल समाधि लेते थे।
   बाबा आश्रम के नीचे वर्तमान में प्रकटीनाथ का आश्रम बना हुआ है जो बाबा के एक कमरे के निर्माण के वक्त प्रकट हुए थे।  बाबा के पास ही बाबा डूंगरमल की समाधि, खागड़ आश्रम, मंगलदेव की कुटिया, शहीद सुजान सिंह पार्क, बाबा हनुमान की 11 फुट ऊंची प्रतिमा वाला मंदिर, बाबा हनुमान का पुराना मंदिर, बाबा भैया स्थल, शनिदेव मंदिर, मां मंदिर, माता स्थल , राधाकृष्ण मंदिर बने हुए हैं जहां समय-समय पर लोगों का तांता लगा रहता है। बाबा आश्रम के पास ही बस स्टैंड का होना भी अहं भूमिका निभा रहा है। शहीद सुजान सिंह ने 1994 में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों का सफाया करते हुए शहादत दी थी जिन्हें मरणोपरान्त 'अशोक चक्रÓ से सम्मानित किया गया है। पार्क विभिन्न प्रकार के ंफूलों तथा घास के मैदान से सुशोभित है जो दर्शकों को आकर्षित कर लेते हैं। इसी पार्क में पुराना हनुमान मन्दिर स्थित है जहां मंगलवार को श्रद्धालुओं का तांता लगता है और प्रसाद चढ़ाया जाता है।
बाबा के  जोहड़ के पास मंगलदेव कुटिया बनी हुई है। मंगलदेव तपस्वी साधुजन हुए हैं जिन्होंने कुअंा खुदवा कर पेय जल का प्रबंध करवाया था। मोलडऩाथ स्थल के पास बनवाया गया खागड़ आश्रम भी मनमोहक है। बाब डूगंरदास की समाधि भी बनी हुई है।  पास में विशाल खाटू श्याम मंदिर एवं साई मंदिर बरबस लोगों का मन मोह रहा है। यहां भी बाबा मोलडऩाथ मेले के साथ साथ मेला लगता है। पास में साईं बाबा का मंदिर सुशोभित है जो महाशिवरात्रि के दिन से आम जन के लिए खुल गया है। इस प्रकार कई धार्मिक स्थानों से परिपूर्ण बाबा मोलडऩाथ आश्रम दर्शनीय स्थल के रूप में उभर रहा है।
फोटो कैप्शन 1: बाबा मोलडऩाथ आश्रम एक दर्शनीय स्थल के रूप में।



गर्मियों में पक्षियों के लिए हो पानी का प्रबंध 

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कनीना। गर्मियों में वन्य जीवों को बचाने के लिए पानी का प्रबंध किया जाए। पीपूल फार एनिमल के उप प्रधान राजेंद्र सिंह ने अपने साथियों सहित इस मुद्दे पर विचार करते हुए व्यक्त किए।
 उन्होंने कहा कि गर्मी ने दस्तक देने जा रही है वहीं सरसों की फसल की कटाई शुरू हो जाएगी। गर्मी के दिनों में पक्षियों को दूर दराज तक पानी एवं चुग्गा नहीं मिलता है जिसके चलते उनकी मौत हो जाती है। ऐसे में वर्षों से पक्षियों के लिए जल एवं चुग्गा का प्रबंध करते आ रहे राजेंद्र सिंह ने यह बीड़ा उठाने का निर्णय लिया है। उनका मानना है कि जब गर्मी के दिनों में इंसान की हालात बदहाल हो जाती है तो पानी के बगैर पक्षियों पर क्या बीतती होगी? उन्होंने पीएफए के सदस्यों सहित सभी जीव प्रेमियों से प्रार्थना की है कि वे अपने घरों, घरों के आस पास, जंगलों में पानी के बर्तन पेड़ों से टंगवाएं।
करीरा के निवासी एवं पीएफए के सदस्य बालकिशन का कहना है कि वे अपने घर की छत पर पक्षियों के लिए चुग्गे का प्रबंध करेंगे तथा पानी के बर्तन रखवाएंगे। उन्होंने कहा कि पक्षियों की सुरक्षा से उनकी सुरक्षा संभव है। उन्होंने भी अपने गांव में जितना हो सके पक्षियों के लिए पानी का प्रबंध करने का निश्चय लिया है।
 अजीत कुमार किसान का कहना है कि वे अपने ट्यूबवेल पर रहते हैं और गर्मियों में ट्यूबवेल से खेत में खाली जगह पर पक्षियों के लिए पानी का प्रबंध करेंगे वहीं पक्षियों के लिए पेड़ों पर झावली टांगेंगे। उनका कहना है कि वे पक्षियों के लिए ही नहीं अपितु लोगों के लिए भी प्याऊ लगाते आ रहे हैं। उनका कहना है कि वन्य जीव भी शृंखला का एक अंग होते हैं।
 सुनील कुमार बिसोहा के निवासी हैं तथा समाजसेवा में अग्रणी हैं। उनका कहना है कि वे तो वर्षों से अपने खेत में जीवों के लिए जल का प्रबंध करते आ रहे हैं। छत पर भी जल तथा चुग्गे का प्रबंध करेेंगे। उनका कहना है कि उनके पूर्वज कभी से पक्षियों के लिए जल का प्रबंध करते आए हैं। उन्होंने सभी से प्रार्थना की कि वे भी पक्षियों के लिए जल का प्रबंध करें।
 किसान सूबे सिंह का कहना है कि जब जीव ही नहीं रहेंगे तो इंसान भी नहीं बच पाएगा। उनके अनुसार इंसान तो जल का प्रबंध जैसे तैसे अपने लिए कर लेता है किंतु पक्षी बेचारे कर नहीं पाते हैं। कुएं एवं जोहड़ जंगलों से लुप्त हो चुके हैं। ऐसे में उनके प्राण संकट में पड़ जाते हैं। उनके प्राणों की सुरक्षा की जिम्मेदारी इंसान की है।




खाटू श्याम के लिए भारी संख्या में भक्त रवाना

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कनीना। हरियाणा की सीमा से लगते राजस्थान में रिंगस से करीब 17 किमी दूर खाटूश्याम धाम पौराणिक इतिहास को समेटे हुए है। यूं तो इस धाम पर वर्ष भर भारी भीड़ चलती है किंतु दो बार तो कई लाख भक्त पहुंचते हैं। 6 मार्च को जो मेला लगता है उसमें अपार जनसैलाब उमड़ता है। यहां कई दिनों पूर्व ही भक्तजन आकर ध्वज चढ़ाने लग जाते हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अलावा पंजाब के बेशुमार भक्तजन पदयात्रा करके इस धाम पर पहुंचते हैं। 06 मार्च को यह मेला लगने जा रहा है। पदयात्रियों का जाना शुरू हो गया है। 6 मार्च तक भक्तजन पदयात्रा पर चलते रहेंगे।
ठहराव-
यूं तो देश ही तीज त्योहारों का देश है यहां समय समय पर प्रसिद्ध मेले लगते हैं लेकिन राजस्थान में खाटूश्याम धाम पर मेला अति दर्शनीय है। राजस्थान के भरने वाले प्रसिद्ध मेले के श्रद्धालुओं के लिए गांव-गांव में ठहरने के लिए शिविर लगाये जाते हैं। श्याम बाबा को पहुंचने वाले श्रद्धालुओं व भक्तों को यहां ठहराकर प्रबंधक विभोर हो जाते हैं। वहीं भक्तों की अच्छी सेवा की जाती है। किसी भी भक्त को रास्ते में कोई परेशानी नहीं आती है। वैसे भी भारी संख्या में भक्त विशेषकर महिलाएं अधिक जाती हैं। रास्ते में नहाने, खाने एवं दवाओं को शिविरों में भी बेहतर प्रबंध होता है।
तैयारी-
खाटूश्याम जाने  के लिए एक डंडे पर सवा मीटर का कपड़ा जो खाटू ध्वज के नाम से जाना जाता है को पूजा अर्चना करने के बाद धारण किया जाता है और रास्ते में किसी कपड़े आदि या साफ जगह पर ही रखा जाता है। सुबह सवेरे खाटू की पूजा करके ही ध्वज को लेकर आगे बढऩा चाहिए। सफाई के साथ-साथ मन एवं वचन से पूरे रास्ते शुद्धता का ख्याल रखना चाहिए। जहां कांवर के कठोर नियम होते हैं वहीं खाटूश्याम के नियम लचीले होते हैं। साबुन, तेल, ब्रश आदि की जा सकती है। क्योंकि अधिकांश रास्ता ट्रैक के साथ-साथ होकर गुजरता है। ऐसे में भक्तों को ट्रेन का ध्यान रखना जरूरी है।
फोटो कैप्शन 2: खाटू श्याम रवाना होते भक्तजन।








Thursday, February 27, 2020

 न्यायिक परिसर कनीना में जल्द ही बनने की पूरी उम्मीद
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 कनीना। चिरप्रतिक्षित कनीना की प्रस्तावित जमीन पर ही लघु सचिवालय एवं न्यायिक परिसर बनाए जाने की मांग जल्द ही पूरी होने के आसार बन गए हैं। विगत दिनों प्रदेश के विभिन्न अधिकारियों के अतिरिक्त पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश हरिपाल वर्मा के पहुंचने के बाद आशा अधिक बनी है।
 इससे पूर्व सेशन जज भी दौरा कर जगह का मुआयना कर चुके हैं। मुख्यमंत्री हरियाणा द्वारा 3 मार्च 2019 को चंडीगढ़ से ही कनीना के इन कार्यालयों को उद्घाटन कर दिया था।
  वर्ष 2012 में पूर्व सीपीएस एवं पूर्व विधायक अटेली ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए कहा था कि कनीना उपमंडल बनाने का प्रयास करेगी। उस वक्त कनीना महज उप-तहसील होता था। 12 मई 2013 को अटेली में आयोजित प्रगति रैली में पूर्व मुख्यमंत्री हरियाणा भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कनीना को उपमंडल का दर्जा देने की घोषणा की थी। तत्पश्चात 2014 में कनीना उपमंडल संबंधित नोटिफिकेशन हो गया और 15 अगस्त 2014 में कनीना की प्रथम एसडीएम सुमीता ढाका ने अनीता यादव पूर्व सीपीएस के संग उपमंडल स्तर पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया। पहले पीपल वाली बणी में जहां पर्याप्त जगह उपलब्ध है न्यायिक परिसर एवं लघु सचिवालय बनाने की बात चली जो अपरिहार्य कारणों से जमीन उचित नहीं समझी और तत्पश्चात कालर वाली जोहड़ नजदीक बस स्टैंड की जमीन पर न्यायिक परिसर एवं लघु सचिवालय बनाने की बात चली वह भी खटाई में पड़ गई।
   जो भी अधिकारी साइट देखने आने लगे वे कनीना एवं उन्हाणी दोनों साइट देखने जाते थे कनीनावासी कनीना की जमीन पर ही ये कार्यालय बनवाने के हक में थे अन्यत्र नहीं। वैसे भी वर्ष 2015 में वर्तमान मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कनीना महाविद्यालय में एक सभा में कनीना नगर पालिका क्षेत्र में ही न्यायिक परिसर और लघु सचिवालय बनाए जाने की बात कही थी। लघु सचिवालय एवं न्यायिक परिसर जो कनीना से बाहर जाता देख कनीना वासियों ने 21 फरवरी 2017 से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू कर दिया आंदोलन करीब 65 दिन 25 अप्रैल 2017 तक जारी रहा।
उनके आंदोलन को समाप्त करने में राव इंद्रजीत सिंह केंद्रीय मंत्री का योगदान जरूर रहा है उन्होंने ही आश्वासन देकर कनीना के लोगों को आंदोलन से उठाया था किंतु इसी दौरान 14 अगस्त 2018 को कनीना की प्रस्तावित न्यायिक परिसर की जमीन पर डॉ भीमराव अंबेडकर लाइब्रेरी बनानी शुरू हुई तो फिर से जंग शुरू हो गई। कनीना के कुछ व्यक्तियों ने जिनमें महेश बोहरा सहित कुछ लोगों ने लाइब्रेरी बनाने पर रोक लगानी चाही और मामला भी दर्ज हो गया था। वर्ष 2017 से संशय चलता रहा कि न्यायिक परिसर एवं लघु सचिवालय कहां बनाया जाएगा किंतु 8 जनवरी 2019 को मार्केट कमेटी चेयरमैन राजकुमार कनीनवाल के हाउस पर तत्कालीन पीडब्ल्यूडी मंत्री राव नरबीर सिंह तथा पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव ने स्पष्ट कर दिया था कि न्यायिक परिसर एवं लघु सचिवालय कनीना की प्रस्तावित जगह पर ही बनाया जाएगा। लेकिन कनीना बस स्टैंड की प्रस्तावित जगह पर दोनों कार्यालय निर्माण में 154 दुकानदारों ने ऐतराज करने पर मामला खटाई में पड़ता नजर आया। इनमें से कुछ दुकानदार तो पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में पहुंच गए जिसके बाद कुछ दिन मामला शांत रहा।
  लंबे समय तक इंतजार करने के बाद एक बार फिर से वर्ष 2020 में मामला फिर से उठने लगा और फरवरी 2020 में जिला उपायुुक्त नारनौल ने जमीन के कागज आदि मंगवाए और जगह का निरीक्षण प्रारंभ किया गया। उसी कड़ी में सेशन जज नारनौल भी आए और जगह का निरीक्षण किया गया। विगत दिनों पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायाधीश ने कनीना के स्थानों का दौरा किया जहां न्यायिक परिसर एवं लघु सचिवालय बनाए जाने की संभावना है। तत्पश्चात तो गतिविधियां तेज होती जा रही हैं और माना जाता है कि जल्द ही कनीना पालिका की जमीन पर ये दोनों कार्यालय निर्माण कार्य शुरू हो जाएंगे। वर्तमान में ये दोनों कार्यालय बस स्टैंड के पास बीडीपीओ कार्यालय के पास चल रहे हैं।
  उधर कनीना की पालिका प्रधान सतीश जेलदार, पालिका के पूर्व प्रधान मा दलीप सिंह, पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा तथा समाज सेवी महेश बोहरा, सुमेर सिंह चेयरमैन आदि ने आश्वस्त होकर कहा कि जल्द ही कनीना में ये कार्यालय निर्माण शुरू हो जाएगा।
  कनीना का महिला कालेज उन्हाणी में बनकर शुरू हो चुका है वहीं 50 बेड का अस्पताल बनकर कभी का तैयार है , कनीना की सब्जी मंडी, फायर ब्रिगेड, अनाज मंडी चेलावास गांव में बनने जा रहे हैं और काम प्रगति पर है। लंबे समय से कनीनावासी न्यायिक परिसर एवं लघु सचिवालय बनने की बांट जोह रहे हैं। 



 श्याम बाबा का विशाल जागरण 29 फरवरी को 

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कनीना। श्रीश्याम मित्र मंडल (रजिस्टर्ड) कनीना मंडी द्वारा 29 फरवरी को छठा विशाल जागरण आयोजित किया गया है।
 विस्तृत जानकारी देते हुए श्रीश्याम मित्र मंडल के प्रधान अनिल गर्ग ने बताया कि 29 फरवरी को कनीना मंडी में विशाल जागरण आयोजित किया गया है विमल दीक्षित, ज्ञान पंकज दिल्ली, विकास जांगड़ा, सुनीता गोयल, सचिन शर्मा कनीना प्रमुख रूप से उपस्थित रहेंगे। उन्होंने बताया कि विगत छह वर्षों से इस प्रकार का जागरण आयोजित किया जाता रहा है और इस बार भी यह जागरण आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने श्याम भक्तों से अनुरोध किया कि अधिक से अधिक संख्या में श्याम जागरण में पहुंचकर भक्ति भजनों में आनंद ले। इस मौके पर छप्पन भोग, अलौकिक शृंगार, भव्य दरबार, अखंड ज्योति, पुष्प वर्षा के दृश्य अनोखे होंगे। 29 फरवरी को निशुल्क जांच शिविर आयोजित किया गया है जिसमें डा केके नागर अस्पताल रेवाड़ी से डाक्टरों की टीम पहुंच रही है।
        उन्होंने बताया कि चार मार्च को श्याम मंदिर कनीना से जैतपुर धाम तक की पदयात्रा रवाना होगी वहीं दूसरी पदयात्रा छह मार्च को कनीना मंडी के राधाकृष्ण मंदिर से श्रीश्याम मंदिर कनीना तक पहुंचेगी।

आर्य समाज वार्षिक उत्सव 29 से 

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 कनीना। आर्य समाज रसूलपुर के तत्वावधान में आर्य समाज का वार्षिकोत्सव 29 फरवरी से शुरू होगा जो 1 मार्च तक चलेगा। विस्तृत जानकारी देते हुए सतीश आर्य, आर्य समाज रसूलपुर ने बताया कि इस मौके पर जगदेव सिंह चेयरमैन एसडी स्कूल ककराला, संतोष यादव पूर्व डिप्टी स्पीकर, भगत सिंह चेयरमैन शारदा हेल्थ केयर अतिथि होंगे वही यज्ञ, भजन उपदेश, ऋषि लंगर भी आयोजित किए जाएंगे। इस मौके पर कुलदीप आर्य, कल्याणी आर्या, वेद पाल शास्त्री भजनोपदेशक होंगे।




गर्मियों में पक्षियों के लिए हो पानी का प्रबंध 

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कनीना। गर्मियों में वन्य जीवों को बचाने के लिए पानी का प्रबंध किया जाए। ये विचार पीपूल फार एनिमल के उप प्रधान राजेंद्र सिंह के हैं। उन्होंने कनीना में अपने साथियों को आने वाले गर्मी के दिनों में पक्षियों की रक्षा करने की शपथ ली।
 उन्होंने कहा कि गर्मी ने दस्तक देने जा रही है वहीं सरसों की फसल की कटाई शुरू हो जाएगी। गर्मी के दिनों में पक्षियों को दूर दराज तक पानी एवं चुग्गा नहीं मिलता है जिसके चलते उनकी मौत हो जाती है। ऐसे में वर्षों से पक्षियों के लिए जल एवं चुग्गा का प्रबंध करते आ रहे राजेंद्र सिंह ने यह बीड़ा उठाने का निर्णय लिया है। उनका मानना है कि जब गर्मी के दिनों में इंसान की हालात बदहाल हो जाती है तो पानी के बगैर पक्षियों पर क्या बीतती होगी? उन्होंने पीएफए के सदस्यों सहित सभी जीव प्रेमियों से प्रार्थना की है कि वे अपने घरों, घरों के आस पास, जंगलों में पानी के बर्तन पेड़ों से टंगवाएं।
करीरा के निवासी एवं पीएफए के सदस्य बालकिशन का कहना है कि वे अपने घर की छत पर पक्षियों के लिए चुग्गे का प्रबंध करेंगे तथा पानी के बर्तन रखवाएंगे। उन्होंने कहा कि पक्षियों की सुरक्षा से उनकी सुरक्षा संभव है। उन्होंने भी अपने गांव में जितना हो सके पक्षियों के लिए पानी का प्रबंध करने का निश्चय लिया है।
 अजीत कुमार किसान का कहना है कि वे अपने ट्यूबवेल पर रहते हैं और गर्मियों में ट्यूबवेल से खेत में खाली जगह पर पक्षियों के लिए पानी का प्रबंध करेंगे वहीं पक्षियों के लिए पेड़ों पर झावली टांगेंगे। उनका कहना है कि वे पक्षियों के लिए ही नहीं अपितु लोगों के लिए भी प्याऊ लगाते आ रहे हैं। उनका कहना है कि वन्य जीव भी शृंखला का एक अंग होते हैं।
 सुनील कुमार बिसोहा के निवासी हैं तथा समाजसेवा में अग्रणी हैं। उनका कहना है कि वे तो वर्षों से अपने खेत में जीवों के लिए जल का प्रबंध करते आ रहे हैं। छत पर भी जल तथा चुग्गे का प्रबंध करेेंगे। उनका कहना है कि उनके पूर्वज कभी से पक्षियों के लिए जल का प्रबंध करते आए हैं। उन्होंने सभी से प्रार्थना की कि वे भी पक्षियों के लिए जल का प्रबंध करें।
 किसान सूबे सिंह का कहना है कि जब जीव ही नहीं रहेंगे तो इंसान भी नहीं बच पाएगा। उनके अनुसार इंसान तो जल का प्रबंध जैसे तैसे अपने लिए कर लेता है किंतु पक्षी बेचारे कर नहीं पाते हैं। कुएं एवं जोहड़ जंगलों से लुप्त हो चुके हैं। ऐसे में उनके प्राण संकट में पड़ जाते हैं। उनके प्राणों की सुरक्षा की जिम्मेदारी इंसान की है।
फोटो कैप्शन:सूबे सिंह, सुनील कुमार, राजेंद्र सिंह, बालकिशन


जल्द ही बदलने वाले हैं कनीना मंडी के दिन

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  सरसों की आवक होने में महज एक पाक्षिक समय
कनीना। अनाज खरीद के वक्त नंबर वन पर रहने वाली कनीना की अनाज मंडी अब सुनसान पड़ी है। खरीद में मदद करने वाले आढ़ती अब एक पाक्षिक का इंतजार करेंगे। रबी एवं खरीफ फसल पैदावार के बाद ही रौनक बढ़ती है। एक पखवाड़े के बाद सरसों की आवक होने से मंडी में रौनक बढ़ जाएगी। आढ़ती बेसब्री से कर रहे हैं अनाज आवक का इंतजार। 25 मार्च तक सरसों की आवक शुरू होने की संभावना है। 40 आढ़ती किसानों के आने का इंतजार कर रहे हैं।
  किसी वक्त कनीना की अनाज मंडी व्यापारिक प्रतिष्ठानों में से एक होती थी और महेंद्रगढ़ के पास तक इसका विस्तार होता था किंतु समय के साथ साथ अब व्यापारिक प्रतिष्ठान की चमक धीमी पड़ती चली गई है। आज कनीना के सामान्य बस स्टैंड की ओर सघन क्षेत्र बनता जा रहा है और बहुत से व्यापारिक प्रतिष्ठान एवं कार्यालय कनीना मंडी से बस स्टैंड की ओर जा रहे हैं।
 वर्तमान में कनीना मंडी में रेलवे स्टेशन, कुछ बैंक शाखाएं, हैफेड, मार्केट कमेटी, वेयर हाउस, खंड कृषि अधिकारी कार्यालय स्थित हैं और बाकी सभी कार्यालय बस स्टैंड की ओर अधिक हैं। यही कारण है कि कनीना मंडी में चहल कदमी अनाज आवक के समय ही बढ़ती है बाकी समय सूनी सूनी पड़ी नजर आती है।
  कनीना मंडी से आढ़ती रविंद्र बंसल, ओमप्रकाश लिसानिया, शिव कुमार अग्रवाल ने बताया कि जब गेहूं या सरसों की आवक होती तो चहल पहल बढ़ जाती है वहीं गेहूं की खरीद के वक्त भी चहल पहल बढ़ जाती है। शेष समय में मंडी के व्यापारी ग्राहक कम और धूल अधिक फांकते हैं। सितंबर माह के अंत में बाजरे की आवक शुरू होती है तो मार्च माह में सरसों एवं अप्रैल माह में गेहूं की आवक होती है।  कनीना की मंडी पुरानी होने के कारण आज भी कनीना मंडी के नाम से कनीना को जाना जाता है। लंबे समय के बाद कनीना मंडी में बाजरा एवं सरसों की खरीद विगत दो वर्षों से शुरू हुई है। सरसों की कटाई चलने वाली है। कनीना अनाज मंडी के रविंद्र बंसल उप प्रधान व्यापार मंडल का कहना है कि कनीना मंडी के व्यापार मंडल के उप प्रधान रविंद्र बंसल ने बताया कि सरसों का समर्थन मूल्य 4425 रुपये प्रति क्विंटल है जबकि गेहूं का समर्थन मूल्य 2000 रुपये प्रति क्विंटल है। गेहूं की कटाई अप्रैल प्रथम सप्ताह में शुरू हो जाएगी।
फोटो कैप्शन 1: कनीना की सूनी पड़ी अनाज मंडी




खाटू श्याम के लिए भारी संख्या में भक्त रवाना

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कनीना। हरियाणा की सीमा से लगते राजस्थान में रिंगस से करीब 17 किमी दूर खाटूश्याम धाम पौराणिक इतिहास को समेटे हुए है। यूं तो इस धाम पर वर्ष भर भारी भीड़ चलती है किंतु दो बार तो कई लाख भक्त पहुंचते हैं। फाल्गुन शुक्ल एकादशी (06 मार्च)को जो मेला लगता है उसमें अपार जनसैलाब उमड़ता है। यहां कई दिनों पूर्व ही भक्तजन आकर ध्वज चढ़ाने लग जाते हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अलावा पंजाब के बेशुमार भक्तजन पदयात्रा करके इस धाम पर पहुंचते हैं। 06 मार्च को यह मेला लगने जा रहा है। पदयात्रियों का जाना शुरू हो गया है। 06 मार्च तक भक्तजन पदयात्रा पर चलते रहेंगे।
ठहराव-
यूं तो देश ही तीज त्योहारों का देश है यहां समय समय पर प्रसिद्ध मेले लगते हैं लेकिन राजस्थान में खाटूश्याम धाम पर मेला अति दर्शनीय है। राजस्थान के भरने वाले प्रसिद्ध मेले के श्रद्धालुओं के लिए गांव-गांव में ठहरने के लिए शिविर लगाये जाते हैं। श्याम बाबा को पहुंचने वाले श्रद्धालुओं व भक्तों को यहां ठहराकर प्रबंधक विभोर हो जाते हैं। वहीं भक्तों की अच्छी सेवा की जाती है। किसी भी भक्त को रास्ते में कोई परेशानी नहीं आती है। वैसे भी भारी संख्या में भक्त विशेषकर महिलाएं अधिक जाती हैं। रास्ते में नहाने, खाने एवं दवाओं को शिविरों में भी बेहतर प्रबंध होता है।
तैयारी-
खाटूश्याम जाने  के लिए एक डंडे पर सवा मीटर का कपड़ा जो खाटू ध्वज के नाम से जाना जाता है को पूजा अर्चना करने के बाद धारण किया जाता है और रास्ते में किसी कपड़े आदि या साफ जगह पर ही रखा जाता है। सुबह सवेरे खाटू की पूजा करके ही ध्वज को लेकर आगे बढऩा चाहिए। सफाई के साथ-साथ मन एवं वचन से पूरे रास्ते शुद्धता का ख्याल रखना चाहिए। जहां कांवर के कठोर नियम होते हैं वहीं खाटूश्याम के नियम लचीले होते हैं। साबुन, तेल, ब्रश आदि की जा सकती है। क्योंकि अधिकांश रास्ता ट्रैक के साथ-साथ होकर गुजरता है। ऐसे में भक्तों को ट्रेन का ध्यान रखना जरूरी है। 




जिले भर में प्रसिद्ध है कनीना का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय 

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 कनीना। स्टेडियम तथा सभी सुविधाओं से युक्त कनीना का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय न केवल भवन के मामले में अपितु बेहतरीन पार्क एवं पेड़ पौधों के बारे में जाना जाता है। यहां हजारों जिला शिक्षा अधिकारी, डाक्टर, वकील, प्रोफेसर लेक्चरर, प्राध्यापक ,पत्रकार पढ़कर निकले हैं। 1984 में बणी(जाल पेड़) में यह विद्यालय तैयार किया गया था। तत्पश्चात लगातार अपनी बुलंदियों को छूता जा रहा है। विद्यालय में जहां बस स्टैंड के पास स्कूल का स्टेडियम भी है जहां समय-समय पर विभिन्न खेल कूद एवं अन्य गतिविधियां आयोजित होती रहती हैं। इस विद्यालय में जहां पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की न्यू एजूकेशन पालिसी 1986 के तहत कक्षाएं बैठाई गई थी। विद्यालय में दो समानांतर लाइनों में बेहतरीन 22 कमरे निर्मित हैं वहीं सुसज्जित लाइब्रेरी जिसमें हजारों पुस्तक के रखी हुई हैं जो विद्यार्थियों का ज्ञान बढ़ा रही हैं। पेड़ पौधों के मामले में इस विद्यालय का कोई मुकाबला नहीं है। अशोका के पेड़ जिस बेहतरीन तरीके से स्वर्गीय दीपचंद पहलवान चौकीदार ने लगाए थे वे आज भी उनकी याद दिला रहे हैं। जहां स्कूल कैंपस को चार बराबर भागों में बांटा गया है जिनमें  घास के लान लगे हुए हैं वहीं एक भाग में कक्षाएं तथा एक भाग प्रार्थना एवं सभाएं आयोजित होती रहती हैं। बाबा मोलडऩाथ सत्संग मंडल की ओर से बहुत बड़ा हाल भी यहां निर्मित किया गया है जहां खंड भर के विद्यालयों की मीटिंग आयोजित होती रहती हैं। खंड शिक्षा अधिकारी कार्यालय भी इस विद्यालय भवन के पीछे बना हुआ है। जहां विद्यालय में बास्केटबाल का बहुत पुराना खेल का मैदान है वहीं दिव्यांग विद्यार्थियों (सीडब्ल्यूएसएन)का खंड स्तर का केंद्र  है जिनके लिए अन्य विद्यार्थियों से अलग शौचालय की सुविधा उपलब्ध है।
यहां विद्यालय में दो अलग ट्रेड आईटी तथा पीसीए(पेसेंट केयर अटेंडेंट) सरकार एवं शिक्षा विभाग शुरू किए हुए हैं। लिगल लिटरेसी क्लब बना हुआ है वही बालिका मंच भी गठित किया हुआ है। विद्यालय में एनसीसी एवं एनएसएस ,विज्ञान क्लब बने हुए हैं। इस विद्यालय में जहां वर्तमान में 400 के करीब विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे वहीं 50 के करीब प्राचार्य काम कर चुके हैं। पूर्व जिला शिक्षा अधिकारी बीके सचदेवा यहां शिक्षण कार्य करने के बाद इस पद पर पहुंचे थे। विद्यालय जहां जहां आकर्षण का केंद्र बना हुआ है वही इस विद्यालय के बाहर के मुख्य द्वार पर पेंटिंग तथा अंदर जिस ढंग से पेंटिंग की हुई है वह भी आकर्षण का केंद्र है। उच्च विद्यालय में यदि जिला प्रशासन अधिक ध्यान दें विद्यालय जिलेभर में नंबर एक पर पहुंच सकता है।
विद्यालय में जहां कंप्यूटर युक्त कंप्यूटर लैब भी बनी हुई है वही वर्तमान में साइंस लैब, आर्ट एंड क्राफ्ट एवं स्टडी रूम निर्माणाधीन है। इस विद्यालय का बेहतरीन इतिहास रहा है।
 फोटो कैप्शन 1: विद्यालय की सुंदरता को दर्शाती हुई।



परीक्षाएं, मेले, लावणी तथा होली की चर्चाएं जोरों पर

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 कनीना। कनीना क्षेत्र में जहां सरसों की लावणी शुरू होगी,मेलों की भरमार है, परीक्षाएं अपने पूरे यौवन पर चल रही है वही होली चर्चाओं का बाजार गर्म है। ऐसे में अब जहां सर्दी कम होती जा रही है।  होली की चर्चाओं का दौर पूरे यौवन पर देखने को मिल रहा है।
 उल्लेखनीय कि कनीना क्षेत्र में जहां इस बार सरसों की करीब 20,000 की सरसों की बिजाई की गई है वहीं 12000 हेक्टेयर पर गेहूं की फसल लहलहा रही है। इस बार किसी प्रकार की फसल में कोई मार न होने से किसान खुश है और बंपर पैदावार होने की संभावना बनी हुई है। सरसों की कटाई शुरू निकट भविष्य में शुरू हो जाएगी।
उधर क्षेत्र में जहां परीक्षाओं का दौर भी शुरू हो गया है। विद्यार्थी परीक्षाओं में लगे हुए हैं। जहां कुछ परीक्षाएं शुरू हो गई है तो कुछ परीक्षाएं शुरू होने जा रही है। हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं 3 मार्च से शुरू होने जा रही हैं वहीं सीबीएसई की परीक्षा पहले से शुरू हो चुकी हैं। हरियाणा विद्यालय में शुरू हो चुकी है तथा कुछ शुरू होने जा रही है। ऐसे में परीक्षाओं का दौर भी पूरे यौवन पर है।
 कनीना क्षेत्र में मेलों की भरमार है। एक और जहां शिवरात्रि का बाघेश्वरी धाम पर मेला लग चुका है वहीं 06 मार्च को खाटू श्याम मेला तथा कनीना का मोलडऩाथ मेला लगने जा रहा है। ये दोनों ही मेले अहमियत रखते हैं तथा दूर दराज के भक्त इन मेलों में आते हैं। मेलों में भारी भीड़ जुटती है। किसानों को लावणी से तो विद्यार्थियों को परीक्षा से वहीं भक्तों को धार्मिक यात्राओं से फुरसत नहीं है।
उधर होली को लेकर भी चर्चाएं पूरे यौवन पर हैं। होली के खेल, होली की चर्चाओं का दौर जरी है।दस मार्च को होली का पर्व मनाया जाएगा।



एक दर्शनीय स्थल के रूप में उभर रहा है बाबा मोलडऩाथ आश्रम

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कनीना। कनीना का बाबा मोलडऩाथ आश्रम एक दर्शनीय स्थल के रूप में उभर रहा है। एक दर्जन मंदिर पास में निर्मित हो चुके हैं। बाबा मोलडऩाथ आश्रम में 6 मार्च को विशाल मेला लगने जा रहा है। बाबा स्थल को चार चांद लगाने के लिए बाबा के स्थल के पास ही अनेकों धार्मिक स्थलों का निर्माण होता जा रहा है। बाबा के आश्रम के पास ही 21 फुट ऊंची शिव प्रतिमा वाला शिवालय स्थित है। इस शिवालय का निर्माण शिवभक्त भरपूर सिंह ने निर्मित करवाया है जो हरिद्वार से 13 कावड़ लाकर शिवालय बाघोत में चढ़ा चुके हैं।  शिवरात्रि के दिन यहां तांता लगता है। पास में सीताराम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है। सीताराम मंदिर के पास ही राधाकृष्ण का मंदिर बना हुआ है। बाबा आश्रम के पीछे सती समाधि भी बनी हुई है। पास में पानी से भरा जोहड़ है जहां कभी बाबा जल समाधि लेते थे। 
   बाबा आश्रम के नीचे वर्तमान में प्रकटीनाथ का आश्रम बना हुआ है जो बाबा के एक कमरे के निर्माण के वक्त प्रकट हुए थे।  बाबा के पास ही बाबा डूंगरमल की समाधि, खागड़ आश्रम, मंगलदेव की कुटिया, शहीद सुजान सिंह पार्क, बाबा हनुमान की 11 फुट ऊंची प्रतिमा वाला मंदिर, बाबा हनुमान का पुराना मंदिर, बाबा भैया स्थल, शनिदेव मंदिर, मां मंदिर, माता स्थल , राधाकृष्ण मंदिर बने हुए हैं जहां समय-समय पर लोगों का तांता लगा रहता है। बाबा आश्रम के पास ही बस स्टैंड का होना भी अहं भूमिका निभा रहा है। शहीद सुजान सिंह ने 1994 में जम्मू कश्मीर में आतंकवादियों का सफाया करते हुए शहादत दी थी जिन्हें मरणोपरान्त 'अशोक चक्रÓ से सम्मानित किया गया है। पार्क विभिन्न प्रकार के ंफूलों तथा घास के मैदान से सुशोभित है जो दर्शकों को आकर्षित कर लेते हैं। इसी पार्क में पुराना हनुमान मन्दिर स्थित है जहां मंगलवार को श्रद्धालुओं का तांता लगता है और प्रसाद चढ़ाया जाता है।
बाबा के  जोहड़ के पास मंगलदेव कुटिया बनी हुई है। मंगलदेव तपस्वी साधुजन हुए हैं जिन्होंने कुअंा खुदवा कर पेय जल का प्रबंध करवाया था। मोलडऩाथ स्थल के पास बनवाया गया खागड़ आश्रम भी मनमोहक है। बाब डूगंरदास की समाधि भी बनी हुई है।  पास में विशाल खाटू श्याम मंदिर बरबस लोगों का मन मोह रहा है। यहां भी बाबा मोलडऩाथ मेले के साथ साथ मेला लगता है। पास में साईं बाबा का मंदिर सुशोभित है जो महाशिवरात्रि के दिन से आम जन के लिए खुल गया है। इस प्रकार कई धार्मिक स्थानों से परिपूर्ण बाबा मोलडऩाथ आश्रम दर्शनीय स्थल के रूप में उभर रहा है।
फोटो कैप्शन 2: बाबा मोलडऩाथ आश्रम एक दर्शनीय स्थल के रूप में।

Wednesday, February 26, 2020


खाटू श्याम के लिए भारी संख्या में भक्त रवाना

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कनीना। हरियाणा की सीमा से लगते राजस्थान में रिंगस से करीब 17 किमी दूर खाटूश्याम धाम पौराणिक इतिहास को समेटे हुए है। यूं तो इस धाम पर वर्ष भर भारी भीड़ चलती है किंतु दो बार तो कई लाख भक्त पहुंचते हैं। फाल्गुन शुक्ल एकादशी (06 मार्च)को जो मेला लगता है उसमें अपार जनसैलाब उमड़ता है। यहां कई दिनों पूर्व ही भक्तजन आकर ध्वज चढ़ाने लग जाते हैं। राजस्थान, उत्तर प्रदेश और हरियाणा के अलावा पंजाब के बेशुमार भक्तजन पदयात्रा करके इस धाम पर पहुंचते हैं। 06 मार्च को यह मेला लगने जा रहा है। पदयात्रियों का जाना शुरू हो गया है। 06 मार्च तक भक्तजन पदयात्रा पर चलते रहेंगे।
रास्ता -
जिला महेंद्रगढ़ के प्राचीन कस्बा कनीना से हजारों की संख्या में झंडा लेकर श्री खाटू श्याम की ओर रवाना होते हैं। विभिन्न जिलों और राज्यों के भक्तजन निजामपुर सड़क मार्ग को काटने वाले रेलवे ट्रैक के साथ-साथ चलकर जाते हैं रास्ते में अनेक पड़ाव एवं ठहराव होते हैं। यह रास्ता निम्र स्टेशनों एवं पड़ावों से होकर गुजरता है-
 कनीना से रास्ता यूं होकर गुजरता है। कनीना-मोहनपुर-सुंदराह-झीगावन-बेवल-अटा ली-सिहमा-खासपुर-नारनौल- निजामपुर-डाबला- जीलो-मावंडा-नीम का थाना-भागेगा-कांवट-कछेरा-श्रीमाधोपुर-रिंगस- खाटूश्याम।
ठहराव-
यूं तो देश ही तीज त्योहारों का देश है यहां समय समय पर प्रसिद्ध मेले लगते हैं लेकिन राजस्थान में खाटूश्याम धाम पर मेला अति दर्शनीय है। राजस्थान के भरने वाले प्रसिद्ध मेले के श्रद्धालुओं के लिए गांव-गांव में ठहरने के लिए शिविर लगाये जाते हैं। श्याम बाबा को पहुंचने वाले श्रद्धालुओं व भक्तों को यहां ठहराकर प्रबंधक विभोर हो जाते हैं। वहीं भक्तों की अच्छी सेवा की जाती है। किसी भी भक्त को रास्ते में कोई परेशानी नहीं आती है। वैसे भी भारी संख्या में भक्त विशेषकर महिलाएं अधिक जाती हैं। रास्ते में नहाने, खाने एवं दवाओं को शिविरों में भी बेहतर प्रबंध होता है।
तैयारी-
खाटूश्याम जाने  के लिए एक डंडे पर सवा मीटर का कपड़ा जो खाटू ध्वज के नाम से जाना जाता है को पूजा अर्चना करने के बाद धारण किया जाता है और रास्ते में किसी कपड़े आदि या साफ जगह पर ही रखा जाता है। सुबह सवेरे खाटू की पूजा करके ही ध्वज को लेकर आगे बढऩा चाहिए। सफाई के साथ-साथ मन एवं वचन से पूरे रास्ते शुद्धता का ख्याल रखना चाहिए। जहां कांवर के कठोर नियम होते हैं वहीं खाटूश्याम के नियम लचीले होते हैं। साबुन, तेल, ब्रश आदि की जा सकती है। क्योंकि अधिकांश रास्ता ट्रैक के साथ-साथ होकर गुजरता है। ऐसे में भक्तों को ट्रेन का ध्यान रखना जरूरी है। 
फोटो कैप्शन 2: श्याम बाबा पर जाते भक्तजन।




गर्मियों में पक्षियों के लिए हो पानी का प्रबंध 

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कनीना। गर्मियों में वन्य जीवों को बचाने के लिए पानी का प्रबंध किया जाए। ये विचार पीपूल फार एनिमल के उप प्रधान राजेंद्र सिंह के हैं। उन्होंने कनीना में अपने साथियों को आने वाले गर्मी के दिनों में पक्षियों की रक्षा करने की शपथ ली।
 उन्होंने कहा कि गर्मी ने दस्तक दे दी है वहीं सरसों की फसल की कटाई शुरू हो रही है। गर्मी के दिनों में पक्षियों को दूर दराज तक पानी एवं चुग्गा नहीं मिलता है जिसके चलते उनकी मौत हो जाती है। ऐसे में वर्षों से पक्षियों के लिए जल एवं चुग्गा का प्रबंध करते आ रहे राजेंद्र सिंह ने यह बीड़ा उठाने का निर्णय लिया है। उनका मानना है कि जब गर्मी के दिनों में इंसान की हालात बदहाल हो जाती है तो पानी के बगैर पक्षियों पर क्या बीतती होगी? उन्होंने पीएफए के सदस्यों सहित सभी जीव प्रेमियों से प्रार्थना की है कि वे अपने घरों, घरों के आस पास, जंगलों में पानी के बर्तन पेड़ों से टंगवाएं।
करीरा के निवासी एवं पीएफए के सदस्य बालकिशन का कहना है कि वे अपने घर की छत पर पक्षियों के लिए चुग्गे का प्रबंध करेंगे तथा पानी के बर्तन रखवाएंगे। उन्होंने कहा कि पक्षियों की सुरक्षा से उनकी सुरक्षा संभव है। उन्होंने भी अपने गांव में जितना हो सके पक्षियों के लिए पानी का प्रबंध करने का निश्चय लिया है।
 अजीत कुमार किसान का कहना है कि वे अपने ट्यूबवेल पर रहते हैं और गर्मियों में ट्यूबवेल से खेत में खाली जगह पर पक्षियों के लिए पानी का प्रबंध करेंगे वहीं पक्षियों के लिए पेड़ों पर झावली टांगेंगे। उनका कहना है कि वे पक्षियों के लिए ही नहीं अपितु लोगों के लिए भी प्याऊ लगाते आ रहे हैं। उनका कहना है कि वन्य जीव भी शृंखला का एक अंग होते हैं।
 सुनील कुमार बिसोहा के निवासी हैं तथा समाजसेवा में अग्रणी हैं। उनका कहना है कि वे तो वर्षों से अपने खेत में जीवों के लिए जल का प्रबंध करते आ रहे हैं। छत पर भी जल तथा चुग्गे का प्रबंध करेेंगे। उनका कहना है कि उनके पूर्वज कभी से पक्षियों के लिए जल का प्रबंध करते आए हैं। उन्होंने सभी से प्रार्थना की कि वे भी पक्षियों के लिए जल का प्रबंध करें।
 किसान सूबे सिंह का कहना है कि जब जीव ही नहीं रहेंगे तो इंसान भी नहीं बच पाएगा। उनके अनुसार इंसान तो जल का प्रबंध जैसे तैसे अपने लिए कर लेता है किंतु पक्षी बेचारे कर नहीं पाते हैं। कुएं एवं जोहड़ जंगलों से लुप्त हो चुके हैं। ऐसे में उनके प्राण संकट में पड़ जाते हैं। उनके प्राणों की सुरक्षा की जिम्मेदारी इंसान की है।
फोटो कैप्शन:सूबे सिंह, सुनील कुमार, राजेंद्र सिंह, बालकिशन


जल्द ही बदलने वाले हैं कनीना मंडी के दिन
  सरसों की आवक होने में महज एक 

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कनीना। अनाज खरीद के वक्त नंबर वन पर रहने वाली कनीना की अनाज मंडी अब सुनसान पड़ी है। खरीद में मदद करने वाले आढ़ती अब एक पखवाड़े का इंतजार करेंगे। रबी एवं खरीफ फसल पैदावार के बाद ही रौनक बढ़ती है। एक पखवाड़े के बाद सरसों की आवक होने से मंडी में रौनक बढ़ जाएगी। आढ़ती बेसब्री से कर रहे हैं अनाज आवक का इंतजार। 25 मार्च तक सरसों की आवक शुरू होने की संभावना है। 40 आढ़ती किसानों के आने का इंतजार कर रहे हैं।
  किसी वक्त कनीना की अनाज मंडी व्यापारिक प्रतिष्ठानों में से एक होती थी और महेंद्रगढ़ के पास तक इसका विस्तार होता था किंतु समय के साथ साथ अब व्यापारिक प्रतिष्ठान की चमक धीमी पड़ती चली गई है। आज कनीना के सामान्य बस स्टैंड की ओर सघन क्षेत्र बनता जा रहा है और बहुत से व्यापारिक प्रतिष्ठान एवं कार्यालय कनीना मंडी से बस स्टैंड की ओर जा रहे हैं।
 वर्तमान में कनीना मंडी में रेलवे स्टेशन, कुछ बैंक शाखाएं, हैफेड, मार्केट कमेटी, वेयर हाउस, खंड कृषि अधिकारी कार्यालय स्थित हैं और बाकी सभी कार्यालय बस स्टैंड की ओर अधिक हैं। यही कारण है कि कनीना मंडी में चहल कदमी अनाज आवक के समय ही बढ़ती है बाकी समय सूनी सूनी पड़ी नजर आती है।
  कनीना मंडी से आढ़ती रविंद्र बंसल, ओमप्रकाश लिसानिया, शिव कुमार अग्रवाल ने बताया कि जब गेहूं या सरसों की आवक होती तो चहल पहल बढ़ जाती है वहीं गेहूं की खरीद के वक्त भी चहल पहल बढ़ जाती है। शेष समय में मंडी के व्यापारी ग्राहक कम और धूल अधिक फांकते हैं। सितंबर माह के अंत में बाजरे की आवक शुरू होती है तो अप्रैल में सरसों की आवक होती है।  कनीना की मंडी पुरानी होने के कारण आज भी कनीना मंडी के नाम से कनीना को जाना जाता है। लंबे समय के बाद कनीना मंडी में बाजरा एवं सरसों की खरीद विगत वर्ष शुरू हुई है। सरसों की कटाई चल रही है जो जल्द ही पैदावार के रूप में कनीना मंडी में आ जाएगी।
फोटो कैप्शन 1: कनीना की सूनी पड़ी अनाज मंडी


नेशनल मींस कम मेरिट स्कालरशिप में सरकारी स्कूलों के विद्यार्थी हुए सफल 

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 कनीना। राज्य शैक्षणिक अनुसंधान परिषद गुडगांव द्वारा आयोजित नेशनल मींस कम मेरिट स्कालरशिप परीक्षा(एनएमएमएस) के परीक्षा परिणाम कनीना खंड के कई स्कूलों ने बाजी मारी है।
 राजकीय माध्यमिक विद्यालय कपूरी के 2 छात्राओं बेबिका तथा वर्षा ने सफलता प्राप्त की है और गांव का नाम रोशन किया है। स्कूल के मुख्याध्यापक रामनिवास ने बताया अध्यापकों की मेहनत का यह परिणाम है। उधर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बेवल के विद्यार्थियों ने राष्ट्रीय मींस कम मेरिट स्कालरशिप परीक्षा में सफलता हासिल की है। प्राध्यापक सतबीर सिंह ने बताया कि सुफल विद्यार्थियों में खुशी, देवराज, करण सोनी, वनिष्का, सुमित कुमार एवं नैंसी प्रमुख
है। यहीं नहीं खंड के गांव खरखड़ाबास के मुख्याध्यापक कृष्ण सिंह ने बताया कि उनका एक विद्यार्थी सफल हुआ है। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय करीरा की प्राचार्य डा सुविरा यादव ने बताया कि उनके विद्यालय से 2 विद्यार्थियों का चयन हुआ है। राजकीय माध्यमिक विद्यालय रामबास के 2 विद्यार्थियों का चयन हुआ है। इस प्रकार विद्यार्थियों के चयन होने पर सरकारी स्कूलों में उत्साह है। खंड शिक्षा अधिकारी अभय राम ने बताया की राष्ट्रीय मींस कम मेरिट स्कोलरशिप परीक्षा एनसीईआरटी गुडगांव द्वारा आयोजित की गई थी और इस परीक्षा में खंड के कई स्कूलों के विद्यार्थियों ने नाम कमाया है। उन्होंने विद्यार्थियों को इस उपलब्धि के लिए बधाई दी है।
 फोटो कैप्शन: बेबिका और वर्षा राजकीय माध्यमिक विद्यालय कपूरी की छात्राएं।



बुजुर्गों की सेवा करना सबसे बड़ा धर्म-आभा

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कनीना। बुजुर्गों की सेवा करना सबसे बड़ा धर्म होता है। यदि बुजुर्ग नहीं होते तो आज हमें धरती पर वो सुख सुविधाएं उपलब्ध नहीं होती जो मिल रही हैं। ये विचार
बतौर मोटिवेटर सहायक प्रोफेसर आभा ने राजकीय महिला महाविद्यालय उन्हाणी में चल रहे सात दिवसीय एनएसएस शिविर में ने 50 एनएसएस स्वयंसेविकाओं को व्यक्त किए।
 उन्होंने इस मौके पर स्वच्छता के बारे में विस्तार से जानकारी दी और बताया कि स्वच्छता सबसे बड़ी सेवा है। जहां स्वच्छता होती है भगवान निवास करते हैं, देवता बसते हैं। उन्होंने कहा कि स्वच्छता पर विशेष ध्यान हम सभी की जिम्मेवारी बनती है। उन्होंने व्यक्तित्व निर्माण में के बारे में भी जानकारी दी और कहा कि इंसान का व्यक्तित्व ही वो आईना है जो दूसरों को लुभाता है। यदि व्यक्तित्व शानदार होगा तो सफलता हर क्षेत्र में संभव है। उन्होंने बुजुर्गों का सम्मान करने पर विशेष बल दिया और कहा कि बुजुर्ग होने पर उनकी कुछ विशेष आवश्यकताएं होती है। उनकी मदद करनी चाहिए।
 इस अवसर पर प्राचार्य डा विक्रम सिंह ने कहा कि बताया कि इस बार निदेशक हायर एजुकेशन के आदेशानुसार विद्यालय के 50 स्वयंसेविकाओं ने अपने आसपास के 50 बुजुर्गों की एक साल की अवधि में सेवा करनी है। जहां श्रमदान करना है वहीं बुजुर्गों की सेवा करने के लिए जिम्मेदारी सौंपी है। उन्होंने बताया कि प्रत्येक स्वयं सेविका एक बुजुर्ग की एक साल तक सेवा करेंगी, उनकी विभिन्न आवश्यकताओं के लिए मदद करेंगी, महाविद्यालय के शिक्षक उन बुजुर्गों से फीडबैक लेंगे। जहां स्वयंसेविकाएं बुजुर्गों द्वारा उनके बीताए जीवन के बारे में जानकारी हासिल करेंगी, उनकी बेसिक आवश्यकताओं के लिए उनकी मदद करेंगी, उनके विगत समय की जानकारी हासिल करके प्रेरणा भी लेंगी। इस मौके पर महाविद्यालय के शिक्षक उन बुजुर्गों से फीडबैक लेते रहेंगे। उन्होंने बताया स्वयंसेविकाओं ने खेल के मैदान लान आदि की स्वच्छता अभियान चलाया है। पौधारोपण कार्यक्रम भी चला रखा है।  श्रमदान एक विशेष अभियान के रूप में चलाया हुआ है। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में जहां मरीजों की सेवा के लिए भी उनकी बात चल रही है। महाविद्यालय की स्वयंसेविकाएं समय समय पर मरीजों की सेवा करने के लिए जाएंगी।
इस अवसर पर एनएसएस की छात्राओं ने विद्यालय प्रांगण की सफाई की और श्रमदान भी किया। इस मौके पर डा कांता एनएसएस प्रभारी, सुधीर कुमार, सीमा, कविता, धनेश, अनिल कुमार, हरपाल आदि महाविद्यालय स्टाफ उपस्थित था।
 फोटो कैप्शन पांच: श्रमदान करती हुई स्वयं सेविकाएं।

अधेड़ की मौत

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कनीना। सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई। दौंगड़ा चौकी में मामला दर्ज कर लिया है।
मिली जानकारी अनुसार दौंगड़ा अहीर -मुडिया खंड़ा के बीच अधेड़ सुशील  मुंडिया खेड़ा निवासी की मौत हो गई। सुशील मेवात में गेस्ट टीचर  लगा हुआ था। वह अपने गांव मुंडिया खेड़ा से दोंगड़ा अहीर की तरफ जा रहा था तो एक हाईवा ट्रक की टक्कर लगने के बाद उसकी मौत हो गई।