विज्ञान प्रदर्शनी लगाई तथा अटल लैब का हुआ उद्घाटन
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कनीना। आरआरसीएम पब्लिक स्कूल कनीना में विज्ञान प्रदर्शनी व अटल लैब का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महेन्द्रगढ़ विधानसभा के विधायक राव दान सिंह थे।
गौरतलब है कि इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां पेश कि गई। मुख्य अतिथि द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। विद्यालय की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत ''थारे आने से बढ़ैगा मान प्रस्तुत किया, छात्र हर्ष व उसके समूह द्वारा पेश विज्ञान गीत ''धन्य है वो वैज्ञानिक, मधु व उसके समूह द्वार पेश की गई कंव्वाली ''मेरी जान जाए वतन के लिए ने कार्यक्रम की शोभा में चार चांद लगा दिए। छात्राओं द्वारा ''काला चश्मा , ''52 गज का दामण'' व ''रंगीलो म्हारो ढ़ोलना नृत्यों की शानदार प्रस्तुति दी गई।
विज्ञान प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने 76 माडलों का प्रदर्शन किया जिनमें ''वाटर वेस्ट ट्रिटमेन्ट, ''फ्युचर कार, ''वायु प्रदूषण, ''फ्री इलैक्ट्रिक कूलर, ''किडनी कार्यप्रणाली, ''फेफड़ो की कार्यप्रणाली व ''हाईड्रोलिक मिशाइल पर बनाए गए मोडल आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहे । इस प्रदर्शनी में प्राथमिक स्तर पर देवांश, तनुज व प्रशांत द्वारा बनाया गया मॉडल ''रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रथम रहा तथा कनक, अंशिता, सतेन्द्र व ईशा द्वारा बनाया गया माडल ''सोलर पावर ईरिगेशन द्वितीय रहा तथा हर्षिता, नैन्सी व गरीमा द्वारा बनाया गया मॉडल ''वॉलकनिक ईरपश्न तृतीय रहा वहीं माध्यमिक स्तर पर राहुल, अक्षित, अश्विन व केशव द्वारा बनाया गया मॉडल '' हाइड्रोलिक मिशाइल प्रथम रहा तथा अंतिम, कीर्ति, पूजा व अंशुल द्वारा बनाया गया मॉडल ''विन्ड मिल एनर्जी द्वितीय रहा व शबनम, प्रिया, शिवानी व मुस्कान द्वारा बनाया गया मॉडल ''सोलर ड्रिप इरिगेशन तृतीय रहा तथा इसके साथ ही वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर अंकित, लोकेश, चेतन व सचिन द्वारा बनाया गया मॉडल ''स्मार्ट होम प्रथम रहा तथा छात्रों द्वारा बनाया गया मॉडल ''फ्युचर कार व ''फ्री इलैक्ट्रिक कूलर द्वितीय रहे व दिव्या, कार्तिक, मन और यश द्वारा बनाया गया मॉडल ''रेन वाटर हार्वेस्टिंग तृतीय रहा।
कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य विकास यादव द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन पढ़ा गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने अपने सम्बोधन में कहा कि महेन्द्रगढ़ जिला शिक्षा के क्षेत्र में पूरे हरियाणा में सबसे आगे है तथा यहां प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। शिक्षा के हर क्षेत्र में यहाँ के विद्यार्थियों ने अपनी विद्वत्ता के बल पर विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। आगे उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में शिक्षा की असीम सम्भावनाएं हैं। यह जिला शिक्षा हब के रूप में अपनी विशेष पहचान बनाने सफल होगा।
कार्यक्रम के अन्त में संस्था के अध्यक्ष रोशनलाल यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि विज्ञान प्रदर्शनी जैसे आयोजनों से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण तथा चिन्तन व तर्क शक्ति का विकास होता है और विज्ञान विषय के प्रति विद्यार्थियों में रुचि उत्पन्न होती है। आगे उन्होंने बताया कि हमारे विद्यालय में क्षेत्र की एकमात्र अटल लैब है जिससे विद्यार्थियों में आधुनिक विज्ञान के जटिल पहलुओं को समझने व उन पर कार्य करने का अवसर मिलता है। इसके साथ ही विद्यालय में आधुनिक तकनीक पर आधारित डिजिटल रूम है जिसमें विद्यार्थियों को प्रतिदिन देश विदेश के विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से अध्यय न करने का भी अवसर मिलता है। अन्त में उन्होंने मुख्य अतिथि राव दान सिंह, कार्यक्रम में आए सभी अभिभावकों व गणमान्य व्यक्तियों का आभार प्रकट किया गया।
जीएल स्कूल में हुआ अध्यापक-अभिभावक सभा का आयोजन
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कनीना। जीएल पब्लिक स्कूल कनीना मेंं अध्यापक-अभिभावक सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में अनेक अभिभावकों ने भाग लिया।
इस सभा में अध्यापक व अभिभावकों ने चर्चा की व शैक्षिक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। अध्यापकों ने अभिभावकों से परीक्षा से संबंधित अनेक जानकारियां दी कि किस तरह से परीक्षा मे प्रश्नों के उत्तर देना चाहिए। दसवीं व बारहवीं की बोर्ड परीक्षा से संबंधित भी अभिभावकों को अनेक नई जानकारियां दी गई जिससे विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में तनाव महसूस न करें। अभिभावकों ने भी अपने बच्चों से संबंधित अध्यापकों से प्रश्न कर उनका हल निकाला गया। इस सभा में स्कूल के प्राचार्य श्री पृथ्वी सिंह ने भी सभी अभिभावकों को बोर्ड परीक्षा से संबंधित नई अनेक जानकारियां दी ताकि बच्चे परीक्षा को तनाव रहित आसानी से हल कर सके। इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन, प्रबंधक महोदय श्री सुभाष जी और निर्देशिका श्रीमती दीप्ती राव ने बच्चों के अभिभावकों से वार्तालाप कर नए सत्र से शुरू होने वाली कक्षाओं में रोचक व अनेक दिशा-निर्देश दिए।
शनिवार का छाए रहे दिनभर बादल
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कनीना। कनीना बावनी भूमि पर सरसों पकान के पूरे वेग पर है वहीं दिनोंदिन मौसम में परिवर्तन होता जा रहा है। शुक्रवार को कनीना क्षेत्र में एक एमएम बारिश हुई तथा दिन भर तेज हवाएं चलती रही, बादल छाए रहे। गुरुवार को भी बूंदाबांदी हुई जिसको लेकर किसान थोड़ा चिंतित नजर आ रहे हैं। शनिवार को भी दिनभर आसमान परबादल छाए रहे। बारिश गेहूं की खड़ी फसल के लिए लाभकारी मानी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में विगत वर्ष जहां करीब 20 हजार हेक्टेयर सरसों की बिजाई की गई थी वही इस वर्ष 10200 हेक्टेयर भूमि पर सरसों उगाई गई है। गत वर्ष की तुलना में बीजाई अधिक हुई है। यदि मौसम साफ रहा तो सरसों के बंपर पैदावार होने के आसार बन गए हैं। वहीं गेहूं की फसल भी अभी लहलहाने लगी है किंतु अभी यह फसल छोटी है जिसे बार-बार किसान पानी दे रहे हैं।
उल्लेखनीय कि कनीना क्षेत्र में इस बार विगत वर्ष की तुलना में सरसों एवं गेहूं की बेहतर फसल खड़ी है। बूंदाबांदी होने के कारण हीकिसान परेशान नजर आ रहे हैं।
उधर किसानों ने बताया कि यदि मौसम अनुकूल रहा तो सरसों की बंपर पैदावार होने की संभावना है। किसान मौसम के परिवर्तन को देख कर थोड़े नाखुश है किंतु अभी तक किसी प्रकार की कोई क्षति फसल को नहीं हुई है।
संस्कृत पढ़ाने वाले शिक्षकों का हिंदी विषय पर पदोन्नति हो
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कनीना। एक ओर शिक्षा विभाग जहां विज्ञान शिक्षकों को विज्ञान के ही पदों पर पदोन्नति दी जा रही है और वे हिंदी या अंग्रेजी आदि विषयों में पदोन्नति नहीं पा सकते वहीं दूसरी ओर संस्कृत शिक्षक जो हिंदी और संस्कृत दोनों पढ़ाते हैं उन्हें हिंदी विषय पर पदोन्नति के अवसर नहीं दिए जा रहे हैं। वे केवल संस्कृत में पदोन्नति पा सकते हैं। इस बात को लेकर के क्षेत्र के अध्यापकों संस्कृत अध्यापकों में रोष पनप रहा है।
विरेंद्र, सतीश कुमार शिक्षकों ने बताया कि जहां विज्ञान शिक्षकों को विज्ञान के अतिरिक्त अन्य किसी विषय में पदोन्नति का मौका नहीं मिल रहा है। विज्ञान के पदों पर पदोन्नति पा सकते हैं तो हिंदी और संस्कृत पढ़ाने वाले संस्कृत अध्यापकों को हिंदी के पदों पर भी पदोन्नत किया जाए। उन्होंने कहा जिस प्रकार विज्ञान शिक्षक भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र एवं गणित आदि विषयों में पदोन्नति पा सकते हैं क्योंकि वे इन विषयों का स्नातक स्तर तक अध्ययन करते हैं वही संस्कृत अध्यापक जो हिंदी और संस्कृत का भी अध्ययन करते हैं ऐसे में उन्हें हिंदी विषय में पदोन्नति देना तार्किक भी है। उन्होंने कहा कि जो संस्कृत शिक्षक हिंदी एवं संस्कृत दोनों पढ़ा रहा है तो उन्हें पदोन्नति के अवसर दिए जाएं। वैसे भी संस्कृत हिंदी की मां है। उन्होंने का हाल ही में पदोन्नति के आवेदन मांगे जा रहे हैं किंतु संस्कृत के शिक्षकों को केवल संस्कृत में ही पदोन्नति पाने की छूट दी गई है। हिंदी विषय में भी पदोन्नति के अवसर दिए जाने चाहिए।
इस मौके पर संस्कृत अध्यापकों ने बताया कि उनके साथ भेदभाव हो रहा है। उन्हें हिंदी विषय में पदोन्नति नहीं दी जाती जबकि शिक्षण कार्य हिंदी विषय का भी लिया जाता है। उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में उच्च अधिकारियों तथा शिक्षा मंत्री से भी मिलेंगे और अपनी बात प्रस्तुत करेंगे ताकि उन्हें भी हिंदी विषय में प्राध्यापक पद पर पदोन्नति के अवसर मिल सके।
करीरा मेले में रविवार को होंगे दंगल
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कनीना। कनीना खंड के गांव करीरा में 23 फरवरी रविवार को राजावाली बणी में हनुमान बाबा हनुमान का मेला आयोजित किया जाएगा और इसी बणी में मेला लगता है। फागुन अमावस्या के दिन लगने वाले हनुमान जी के मेले में जहां भंडारा भी आयोजित होगा। वही इस मेले में दंगल भी आयोजित होंगे।
विस्तृत जानकारी देते हुए करीरा के समाजसेवी सुरेश कुमार पेंटर,महिपाल सिंह शिक्षक,गजराज सिंह, गजेंद्र सिंह ने बताया 23 फरवरी को जहां प्रात: जागरण भी आयोजित होगा जिसमें नंदराम मीणा और उनकी पार्टी बाबा के गुणगान करेंगी वही मेले में 60 साल के बुड्ढे की दौड़ भी करवाई जाएगी। इस मेले में कबड्डी प्रथम इनाम 25 हजार वहीं द्वितीय नाम 21 हजार रुपये का होगा। कुश्ती 11 हजार रुपये तक की होगी वही कबड्डी में प्रथम इनाम 11000 तथा द्वितीय 7100 रुपए का होगा। 1600 मीटर की दौड़, ऊंची कूद, लंबी कूद आदि भी आयोजित होंगी। उन्होंने बताया कि यह एक क्षेत्र का बड़ा मेला होता है। मेले में भंडारा भी आयोजित होगा।
आश्रम परिसर को सजाया जा रहा है,
6 मार्च के मेले की तैयारियां जोरों पर
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कनीना। संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ का मेला 6 मार्च को आयोजित होने जा रहा है जिसको लेकर के तैयारियां जोरों पर हैं। आश्रम परिसर को दुल्हन की भांति रंग पेंट करके सजाया जा रहा है। कनीना कस्बे का यह सबसे बड़ा उत्सव होता है। इसी दिन खाटू श्याम का मेला राजस्थान में रींगस से 17 किलोमीटर दूर आयोजित होता है। फागुन एकादशी को जहां इस मेले में शक्कर चढ़ाई जाती है इसलिए इस मेले को शक्कर मेला नाम से भी जाना जाता है। इस आश्रम को खेड़ा वाला नाम से भी जाना जाता है। जब कनीना खेड़ा बसा तभी से यहां संत रहते थे जिसके नाम पर खेड़ावाला बाबा की पूजा की जाती है। अब तो यह आश्रम र्दानीय स्थल बनकर उभर रहा है जहां विभिन्न देवी देवता के मंदिर स्थापित किए गए हैं।
इस मेले को लेकर विस्तृत जानकारी देते हुए सुमेर सिंह भक्त ने बताया कि 5 मार्च को जहां जागरण आयोजित किया जाएगा जिसमें जींद से रामधन गोस्वामी, झांसी से सुभाष फौजी, भिवानी से रजनी जांगड़ा, हांसी से प्रहलाद फागण बाबा के गुणगान करेंगे। उन्होंने बताया कि 6 मार्च को
प्रसाद चढ़ाया जाता है। यह मेला कनीना कस्बे का सबसे प्रमुख और बड़ा पर्व होता है जिसमें दूसरे प्रांतों से भी भक्तजन पहुंचते हैं। यहां तक कि विभिन्न प्रकार की ऊंटों और घोड़ों की दौड़ में शामिल होने के लिए राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब आदि राज्यों से भी लोग पहुंचते हैं। इस मेले की सबसे बड़ी विशेषता है कि इस मेले में जो भी भक्त आता है वह शक्कर का प्रसाद ग्रहण करता है।
संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ-
संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ को बालक नाथ, ओघड़ बाबा नाम से जाना जाता है वही कनीनावासी खेड़ा वाला नाम से भी जानते हैं। कनीना का कुल गुरु बाबा मोलडऩाथ है। बस स्टैंड के पास भरने वाले मेले की तैयारियां चल रही है। कस्बा के लोग शक्कर का प्रसाद अर्पित करते हैं ऊंट और घोड़ों की दौड़ पूरे प्रदेश में विख्यात है। विक्रमी संवत 2006 में संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ ने सिरसवाला जोहड़ में समाधि लगाई थी और वे अस्वस्थ होकर समाधिस्थ तो गए थे। उनकी याद में हर वर्ष यहां भारी भीड़ जुटती है और मेला लगता है। अब तो कनीना का बाबा मोलडऩाथ आश्रम श्रद्धा एवं भक्ति का आश्रम बन गया है। इसके आसपास कम से कम एक दर्जन अन्य मंदिर स्थापित हो गए हैं जिसके चलते यह दर्शनीय स्थल भी बन गया है। इसी स्थान पर 6 मार्च को शक्कर मेला लगने जा रहा है। यह मेला कनीना के पूर्वजों ने चलाया था जो आज भी चला आ रहा है।
खाटू श्याम मेला-
छह मार्च को जहां जैतपुर एवं खाटू श्याम (राजस्थान) के विशाल मेला लगने जा रहे हैं जिनको लेकर कनीना ही नहीं अपितु आसपास गांवों में शिविर लगाए हुए हैं। खाटू श्याम तथा जैतपुर धाम पर भक्त पदयात्रा करते हुए निशान अर्पित करने जाते हैं। दोनों ही स्थानों पर एकादशी के दिन यहां अपार भीड़ जुटती है। जहां खाटू श्याम मेला पूरे ही देशभर में विख्यात है वही जैतपुर स्थित खाटू श्याम मेला भी दूर दराज तक प्रसिद्ध है। खाटू श्याम वास्तव में बरबरी का नाम था जो पांडवों में भीम के पौत्र थे। महज तीन बाणों से युद्ध करने के लिए महाभारत युद्ध में पहुंचे थे इसलिए उन्हें तीन बाण धारी तथा नीले घोड़े का सवारी करने वाला नाम से जाना जाता है। कलियुग के श्रीकृष्ण अर्थात श्याम बरबरीक को ही जाना जाता है।
फोटो कैप्शन 1: मंदिर की रंग पेंट करते हुए।
2: संत ािरोमणि बाबा मोलडऩाथ।
लड़की गायब करने का मामला दर्ज
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कनीना। कनीना खंड के गांव के एक जन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उनकी लड़की गायब है। उसे किसी ने कहीं छुपा रखा है।
कनीना खंड के एक गांव के महावीर सिंह ने थाना कनीना मे शिकायत दी की उनकी लड़की 19 फरवरी से घर से गायब है। उन्होंने शंका जाहिर की है कि उनकी लड़की सोमबीर गिरावड़ झज्जर ने किसी गुप्त स्थान पर छुपा रखा है। उन्होंने उसके खिलाफ कार्रवाई करने तथा लड़की को बरामद करने की मांग की है। कनीना पुलिस ने महाबीर की शिकायत पर सोमबीर के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
मार्ग जर्जर, नहीं ली गई सुध
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कनीना। कनीना क्षेत्र के विभिन्न एप्रोच मार्ग पूर्ण रूप से जर्जर हो गए जिन पर पैदल चलना भी कठिन हो गया है। प्रशासन तथा संबंधित विभाग इनकी और कोई सुध नहीं ले रहा है। जिसके चलते ग्रामीणों में रोष है, राहगीरों में परेशानी बढ़ी है।
कनीना-छितरौली मार्ग जो बाघोत जाने के लिए सबसे छोटा मार्ग है। बाघेश्वर धाम पूरे भारत भर में शिवालय के कारण प्रसिद्ध है किंतु यह मार्ग जर्जर बना हुआ है। ऐसे में इस मार्ग को ठीक करने की मांग उठ रही है ताकि जुलाई माह में कांवड़ मेले में भक्तों को कोई परेशानी न हो। कनीना-ककराला मार्ग भी पूर्ण रूप से जर्जर हो गया है। यह सिंगल मार्ग है जिससे आवागमन बहुत अधिक हो रहा है। क्योंकि इसी मार्ग पर अनेकों स्कूल लड़कियों का कालेज भी स्थापित है, जिस पर चलना भी कठिन हो गया है। इसी प्रकार करीरा का अप्रोच मार्ग भी पूर्ण रूप से जर्जर हो चला है जिस पर वाहन चलाना कठिन है। वैसे भी करीरा में जवाहर नवोदय विद्यालय स्थित है तथा यहां पर धार्मिक स्थल भी हैं। जहां तक पहुंचने के लिए जर्जर मार्ग का सहारा लेना पड़ रहा है। ऐसे में कस्बा ककराला कोटिया तथा विभिन्न गांवों के राहगीरों की मांग है कि इसकी सुध ली जाए।
नहीं हटाया अतिक्रमण, एक बार फिर अतिक्रमण हटाने की मांग
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कनीना। कनीना कस्बा में अतिक्रमण एक नासूर बनता जा रहा है। अतिक्रमण हटाने के बाद फिर से दुकानदारों ने अतिक्रमण कर लिया है जिससे आवागमन प्रभावित होने लगा है। विशेष रूप से कनीना बस स्टैंड के सामने से गुजरने वाले महेंद्रगढ़-रेवाड़ी मार्ग, कनीना अनाज मंडी मार्ग जब तक साफ-सुथरे नहीं होंगे तब तक आवागमन प्रभावित होता रहेगा। इन मार्गों पर जहां दुकानदारों ने दुकानों के अंदर कम तथा बाहर आदि का जगह घेर रखी है। यहां तक कि पक्की सीढिय़ां बनाई हुई है।
आए दिन अतिक्रमण दूरदराज तक गढ़ता जा रहा है जिसके चलते राहगीर बड़े परेशान हैं। एक और जहां साइन बोर्ड, वहीं उनके वाहन ,ग्राहकों के वाहन तथा और अन्य साधन सड़क मार्ग पर खड़े हो जाते हैं जिसके चलते आए दिन जाम की समस्या बनी रहती है। अतिक्रमण बार-बार हटाने की कार्रवाई जब तक नहीं चलेगी और अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी तब तक अतिक्रमण यूं ही परेशानी का कारण बनता रहेगा। विगत 5 वर्षों में कई मौतें अतिक्रमण के कारण हो चुकी है। यहां तक कि अतिक्रमण के कारण आए दिन ग्राहको एवं राहगीरों का दुकानदारों के साथ झगड़ा होता रहता है।
सड़क मार्ग पर दुकानों के आगे रखे दुकानदारों सामान को अगर कोई छू जाए तो पूर्ण रूप से झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। ऐसे में अतिक्रमण हटाए जाने की आवश्यकता है।
उधर कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि अतिक्रमण किसी भी रूप में नहीं बख्शा जाएगा। जल्द ही अतिक्रमण हटाने का एक और अभियान चलाया जाएगा। दुकानों के अंदर जब तक दुकानदार सामान नहीं रख लेते तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे।
बाघोत मेला शांतिपूर्वक संपन्न
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कनीना। कनीना खंड के गांव बाघोत स्थित बागेश्वर धाम का मेला शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। किसी प्रकार की चेन स्नेचिंग या अप्रिय घटना नहीं घटी। पुलिस का व्यापक प्रबंध था वहीं समाजसेवी भी समाजसेवा में में जुटे हुए थे। यहां तक कि मेले में भारी भीड़ देखने को मिली।
सुबह सवेरे कुछ कम भीड़ थी किंतु ज्यों ज्यों दिन चढ़ता गया भीड़ भी बढ़ती गई। ऐसे में लोगों का तांता लगा रहा। जहां बेहतर संतान पाने के इच्छुक दंपति पीपल पेड़ों पर धागे बांधते नजर आए वहीं स्वयंभू शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। भीड़ इस कदर थी कि छोटे बच्चे परेशान नजर आए। यद्यपि पुलिस ने व्यापक प्रबंध किए थे जिसके चलते इस बार अप्रिय घटना नहीं घटी। यहां तक कि गोताखोरों का भी प्रबंध किया हुया था वही आवागमन के लिए भी बेहतर प्रबंध किए गए थे। इस बार मेले में जहां महिलाओं की संख्या अधिक रही। भारी संख्या में भक्तजन कावड़ चढ़ाते देखे गए।
महाशिवरात्रि पर कावड़ कम अर्पित की जाती है फिर भी इस बार दर्जनों कावड़ अर्पित की गई। भक्त अपनी बारी का इंतजार करते देर शाम तक देखे गए वहीं जल अर्पित करने वालों का तांता दिन भर लगा रहा। हर वर्ष यहां कोई अप्रिय एवं चैन स्नैचिंग घटना घटित होती है किंतु इस बार ऐसी कोई घटना नहीं घटी जिसको लेकर लोगों ने संतोष व्यक्त किया है।
मेले में महिलाओं ने खूब जल अर्पित किया वहीं महिलाओं का तांता शाम तक भी लगा रहा। इसमें इस शिवालय की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहां स्वयंभू शिवलिंग पर जल अर्पित करके लोग अपने को धन्य समझते हैं। यही नहीं मेले में भारी संख्या में भक्त पीपल के वृक्ष पर धागा बांधते, हवन में बैठे नजर आए। भक्तों को बाहर खाने पीने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए थे। भंडारे आयोजित किए गए थे। जहां भजन भक्त भंडारे का आनंद ले रहे थे। यही नहीं दूर-दराज तक इस बार दुकानें लगी हुई थी किंतु किसी प्रकार की गंदगी भी नजर नहीं आई।
उधर इंस्पेक्टर विकास ने बताया कि इस बार मेले में व्यापक प्रबंध किए गए थे जिसके चलते किसी प्रकार का कोई अप्रिय घटना से नहीं घटी। उन्होंने बताया कि इस बार किसी भी छोटे रास्ते से नहीं घुसने दिया अपितु लाइन से जाने दिया जिसके चलते किसी प्रकार की कोई समस्या नजर नहीं आई।
फोटो कैप्शन 7: पीपल के वक्ष पर धागा बांधते भक्त।
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कनीना। आरआरसीएम पब्लिक स्कूल कनीना में विज्ञान प्रदर्शनी व अटल लैब का शुभारम्भ किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि महेन्द्रगढ़ विधानसभा के विधायक राव दान सिंह थे।
गौरतलब है कि इस अवसर पर विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा मनमोहक सांस्कृतिक प्रस्तुतियां पेश कि गई। मुख्य अतिथि द्वारा मां सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। विद्यालय की छात्राओं द्वारा स्वागत गीत ''थारे आने से बढ़ैगा मान प्रस्तुत किया, छात्र हर्ष व उसके समूह द्वारा पेश विज्ञान गीत ''धन्य है वो वैज्ञानिक, मधु व उसके समूह द्वार पेश की गई कंव्वाली ''मेरी जान जाए वतन के लिए ने कार्यक्रम की शोभा में चार चांद लगा दिए। छात्राओं द्वारा ''काला चश्मा , ''52 गज का दामण'' व ''रंगीलो म्हारो ढ़ोलना नृत्यों की शानदार प्रस्तुति दी गई।
विज्ञान प्रदर्शनी में विद्यार्थियों ने 76 माडलों का प्रदर्शन किया जिनमें ''वाटर वेस्ट ट्रिटमेन्ट, ''फ्युचर कार, ''वायु प्रदूषण, ''फ्री इलैक्ट्रिक कूलर, ''किडनी कार्यप्रणाली, ''फेफड़ो की कार्यप्रणाली व ''हाईड्रोलिक मिशाइल पर बनाए गए मोडल आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहे । इस प्रदर्शनी में प्राथमिक स्तर पर देवांश, तनुज व प्रशांत द्वारा बनाया गया मॉडल ''रेन वाटर हार्वेस्टिंग प्रथम रहा तथा कनक, अंशिता, सतेन्द्र व ईशा द्वारा बनाया गया माडल ''सोलर पावर ईरिगेशन द्वितीय रहा तथा हर्षिता, नैन्सी व गरीमा द्वारा बनाया गया मॉडल ''वॉलकनिक ईरपश्न तृतीय रहा वहीं माध्यमिक स्तर पर राहुल, अक्षित, अश्विन व केशव द्वारा बनाया गया मॉडल '' हाइड्रोलिक मिशाइल प्रथम रहा तथा अंतिम, कीर्ति, पूजा व अंशुल द्वारा बनाया गया मॉडल ''विन्ड मिल एनर्जी द्वितीय रहा व शबनम, प्रिया, शिवानी व मुस्कान द्वारा बनाया गया मॉडल ''सोलर ड्रिप इरिगेशन तृतीय रहा तथा इसके साथ ही वरिष्ठ माध्यमिक स्तर पर अंकित, लोकेश, चेतन व सचिन द्वारा बनाया गया मॉडल ''स्मार्ट होम प्रथम रहा तथा छात्रों द्वारा बनाया गया मॉडल ''फ्युचर कार व ''फ्री इलैक्ट्रिक कूलर द्वितीय रहे व दिव्या, कार्तिक, मन और यश द्वारा बनाया गया मॉडल ''रेन वाटर हार्वेस्टिंग तृतीय रहा।
कार्यक्रम में विद्यालय के प्राचार्य विकास यादव द्वारा वार्षिक प्रतिवेदन पढ़ा गया।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने अपने सम्बोधन में कहा कि महेन्द्रगढ़ जिला शिक्षा के क्षेत्र में पूरे हरियाणा में सबसे आगे है तथा यहां प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। शिक्षा के हर क्षेत्र में यहाँ के विद्यार्थियों ने अपनी विद्वत्ता के बल पर विद्यार्थियों ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। आगे उन्होंने बताया कि इस क्षेत्र में शिक्षा की असीम सम्भावनाएं हैं। यह जिला शिक्षा हब के रूप में अपनी विशेष पहचान बनाने सफल होगा।
कार्यक्रम के अन्त में संस्था के अध्यक्ष रोशनलाल यादव ने अपने सम्बोधन में कहा कि विज्ञान प्रदर्शनी जैसे आयोजनों से विद्यार्थियों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण तथा चिन्तन व तर्क शक्ति का विकास होता है और विज्ञान विषय के प्रति विद्यार्थियों में रुचि उत्पन्न होती है। आगे उन्होंने बताया कि हमारे विद्यालय में क्षेत्र की एकमात्र अटल लैब है जिससे विद्यार्थियों में आधुनिक विज्ञान के जटिल पहलुओं को समझने व उन पर कार्य करने का अवसर मिलता है। इसके साथ ही विद्यालय में आधुनिक तकनीक पर आधारित डिजिटल रूम है जिसमें विद्यार्थियों को प्रतिदिन देश विदेश के विषय विशेषज्ञों द्वारा प्रत्यक्ष रूप से अध्यय न करने का भी अवसर मिलता है। अन्त में उन्होंने मुख्य अतिथि राव दान सिंह, कार्यक्रम में आए सभी अभिभावकों व गणमान्य व्यक्तियों का आभार प्रकट किया गया।
जीएल स्कूल में हुआ अध्यापक-अभिभावक सभा का आयोजन
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कनीना। जीएल पब्लिक स्कूल कनीना मेंं अध्यापक-अभिभावक सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में अनेक अभिभावकों ने भाग लिया।
इस सभा में अध्यापक व अभिभावकों ने चर्चा की व शैक्षिक गतिविधियों के बारे में जानकारी दी। अध्यापकों ने अभिभावकों से परीक्षा से संबंधित अनेक जानकारियां दी कि किस तरह से परीक्षा मे प्रश्नों के उत्तर देना चाहिए। दसवीं व बारहवीं की बोर्ड परीक्षा से संबंधित भी अभिभावकों को अनेक नई जानकारियां दी गई जिससे विद्यार्थी बोर्ड परीक्षा में तनाव महसूस न करें। अभिभावकों ने भी अपने बच्चों से संबंधित अध्यापकों से प्रश्न कर उनका हल निकाला गया। इस सभा में स्कूल के प्राचार्य श्री पृथ्वी सिंह ने भी सभी अभिभावकों को बोर्ड परीक्षा से संबंधित नई अनेक जानकारियां दी ताकि बच्चे परीक्षा को तनाव रहित आसानी से हल कर सके। इस अवसर पर स्कूल के चेयरमैन, प्रबंधक महोदय श्री सुभाष जी और निर्देशिका श्रीमती दीप्ती राव ने बच्चों के अभिभावकों से वार्तालाप कर नए सत्र से शुरू होने वाली कक्षाओं में रोचक व अनेक दिशा-निर्देश दिए।
शनिवार का छाए रहे दिनभर बादल
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कनीना। कनीना बावनी भूमि पर सरसों पकान के पूरे वेग पर है वहीं दिनोंदिन मौसम में परिवर्तन होता जा रहा है। शुक्रवार को कनीना क्षेत्र में एक एमएम बारिश हुई तथा दिन भर तेज हवाएं चलती रही, बादल छाए रहे। गुरुवार को भी बूंदाबांदी हुई जिसको लेकर किसान थोड़ा चिंतित नजर आ रहे हैं। शनिवार को भी दिनभर आसमान परबादल छाए रहे। बारिश गेहूं की खड़ी फसल के लिए लाभकारी मानी जा रही है।
उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में विगत वर्ष जहां करीब 20 हजार हेक्टेयर सरसों की बिजाई की गई थी वही इस वर्ष 10200 हेक्टेयर भूमि पर सरसों उगाई गई है। गत वर्ष की तुलना में बीजाई अधिक हुई है। यदि मौसम साफ रहा तो सरसों के बंपर पैदावार होने के आसार बन गए हैं। वहीं गेहूं की फसल भी अभी लहलहाने लगी है किंतु अभी यह फसल छोटी है जिसे बार-बार किसान पानी दे रहे हैं।
उल्लेखनीय कि कनीना क्षेत्र में इस बार विगत वर्ष की तुलना में सरसों एवं गेहूं की बेहतर फसल खड़ी है। बूंदाबांदी होने के कारण हीकिसान परेशान नजर आ रहे हैं।
उधर किसानों ने बताया कि यदि मौसम अनुकूल रहा तो सरसों की बंपर पैदावार होने की संभावना है। किसान मौसम के परिवर्तन को देख कर थोड़े नाखुश है किंतु अभी तक किसी प्रकार की कोई क्षति फसल को नहीं हुई है।
संस्कृत पढ़ाने वाले शिक्षकों का हिंदी विषय पर पदोन्नति हो
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कनीना। एक ओर शिक्षा विभाग जहां विज्ञान शिक्षकों को विज्ञान के ही पदों पर पदोन्नति दी जा रही है और वे हिंदी या अंग्रेजी आदि विषयों में पदोन्नति नहीं पा सकते वहीं दूसरी ओर संस्कृत शिक्षक जो हिंदी और संस्कृत दोनों पढ़ाते हैं उन्हें हिंदी विषय पर पदोन्नति के अवसर नहीं दिए जा रहे हैं। वे केवल संस्कृत में पदोन्नति पा सकते हैं। इस बात को लेकर के क्षेत्र के अध्यापकों संस्कृत अध्यापकों में रोष पनप रहा है।
विरेंद्र, सतीश कुमार शिक्षकों ने बताया कि जहां विज्ञान शिक्षकों को विज्ञान के अतिरिक्त अन्य किसी विषय में पदोन्नति का मौका नहीं मिल रहा है। विज्ञान के पदों पर पदोन्नति पा सकते हैं तो हिंदी और संस्कृत पढ़ाने वाले संस्कृत अध्यापकों को हिंदी के पदों पर भी पदोन्नत किया जाए। उन्होंने कहा जिस प्रकार विज्ञान शिक्षक भौतिक शास्त्र, रसायन शास्त्र एवं गणित आदि विषयों में पदोन्नति पा सकते हैं क्योंकि वे इन विषयों का स्नातक स्तर तक अध्ययन करते हैं वही संस्कृत अध्यापक जो हिंदी और संस्कृत का भी अध्ययन करते हैं ऐसे में उन्हें हिंदी विषय में पदोन्नति देना तार्किक भी है। उन्होंने कहा कि जो संस्कृत शिक्षक हिंदी एवं संस्कृत दोनों पढ़ा रहा है तो उन्हें पदोन्नति के अवसर दिए जाएं। वैसे भी संस्कृत हिंदी की मां है। उन्होंने का हाल ही में पदोन्नति के आवेदन मांगे जा रहे हैं किंतु संस्कृत के शिक्षकों को केवल संस्कृत में ही पदोन्नति पाने की छूट दी गई है। हिंदी विषय में भी पदोन्नति के अवसर दिए जाने चाहिए।
इस मौके पर संस्कृत अध्यापकों ने बताया कि उनके साथ भेदभाव हो रहा है। उन्हें हिंदी विषय में पदोन्नति नहीं दी जाती जबकि शिक्षण कार्य हिंदी विषय का भी लिया जाता है। उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में उच्च अधिकारियों तथा शिक्षा मंत्री से भी मिलेंगे और अपनी बात प्रस्तुत करेंगे ताकि उन्हें भी हिंदी विषय में प्राध्यापक पद पर पदोन्नति के अवसर मिल सके।
करीरा मेले में रविवार को होंगे दंगल
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कनीना। कनीना खंड के गांव करीरा में 23 फरवरी रविवार को राजावाली बणी में हनुमान बाबा हनुमान का मेला आयोजित किया जाएगा और इसी बणी में मेला लगता है। फागुन अमावस्या के दिन लगने वाले हनुमान जी के मेले में जहां भंडारा भी आयोजित होगा। वही इस मेले में दंगल भी आयोजित होंगे।
विस्तृत जानकारी देते हुए करीरा के समाजसेवी सुरेश कुमार पेंटर,महिपाल सिंह शिक्षक,गजराज सिंह, गजेंद्र सिंह ने बताया 23 फरवरी को जहां प्रात: जागरण भी आयोजित होगा जिसमें नंदराम मीणा और उनकी पार्टी बाबा के गुणगान करेंगी वही मेले में 60 साल के बुड्ढे की दौड़ भी करवाई जाएगी। इस मेले में कबड्डी प्रथम इनाम 25 हजार वहीं द्वितीय नाम 21 हजार रुपये का होगा। कुश्ती 11 हजार रुपये तक की होगी वही कबड्डी में प्रथम इनाम 11000 तथा द्वितीय 7100 रुपए का होगा। 1600 मीटर की दौड़, ऊंची कूद, लंबी कूद आदि भी आयोजित होंगी। उन्होंने बताया कि यह एक क्षेत्र का बड़ा मेला होता है। मेले में भंडारा भी आयोजित होगा।
आश्रम परिसर को सजाया जा रहा है,
6 मार्च के मेले की तैयारियां जोरों पर
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कनीना। संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ का मेला 6 मार्च को आयोजित होने जा रहा है जिसको लेकर के तैयारियां जोरों पर हैं। आश्रम परिसर को दुल्हन की भांति रंग पेंट करके सजाया जा रहा है। कनीना कस्बे का यह सबसे बड़ा उत्सव होता है। इसी दिन खाटू श्याम का मेला राजस्थान में रींगस से 17 किलोमीटर दूर आयोजित होता है। फागुन एकादशी को जहां इस मेले में शक्कर चढ़ाई जाती है इसलिए इस मेले को शक्कर मेला नाम से भी जाना जाता है। इस आश्रम को खेड़ा वाला नाम से भी जाना जाता है। जब कनीना खेड़ा बसा तभी से यहां संत रहते थे जिसके नाम पर खेड़ावाला बाबा की पूजा की जाती है। अब तो यह आश्रम र्दानीय स्थल बनकर उभर रहा है जहां विभिन्न देवी देवता के मंदिर स्थापित किए गए हैं।
इस मेले को लेकर विस्तृत जानकारी देते हुए सुमेर सिंह भक्त ने बताया कि 5 मार्च को जहां जागरण आयोजित किया जाएगा जिसमें जींद से रामधन गोस्वामी, झांसी से सुभाष फौजी, भिवानी से रजनी जांगड़ा, हांसी से प्रहलाद फागण बाबा के गुणगान करेंगे। उन्होंने बताया कि 6 मार्च को
प्रसाद चढ़ाया जाता है। यह मेला कनीना कस्बे का सबसे प्रमुख और बड़ा पर्व होता है जिसमें दूसरे प्रांतों से भी भक्तजन पहुंचते हैं। यहां तक कि विभिन्न प्रकार की ऊंटों और घोड़ों की दौड़ में शामिल होने के लिए राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब आदि राज्यों से भी लोग पहुंचते हैं। इस मेले की सबसे बड़ी विशेषता है कि इस मेले में जो भी भक्त आता है वह शक्कर का प्रसाद ग्रहण करता है।
संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ-
संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ को बालक नाथ, ओघड़ बाबा नाम से जाना जाता है वही कनीनावासी खेड़ा वाला नाम से भी जानते हैं। कनीना का कुल गुरु बाबा मोलडऩाथ है। बस स्टैंड के पास भरने वाले मेले की तैयारियां चल रही है। कस्बा के लोग शक्कर का प्रसाद अर्पित करते हैं ऊंट और घोड़ों की दौड़ पूरे प्रदेश में विख्यात है। विक्रमी संवत 2006 में संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ ने सिरसवाला जोहड़ में समाधि लगाई थी और वे अस्वस्थ होकर समाधिस्थ तो गए थे। उनकी याद में हर वर्ष यहां भारी भीड़ जुटती है और मेला लगता है। अब तो कनीना का बाबा मोलडऩाथ आश्रम श्रद्धा एवं भक्ति का आश्रम बन गया है। इसके आसपास कम से कम एक दर्जन अन्य मंदिर स्थापित हो गए हैं जिसके चलते यह दर्शनीय स्थल भी बन गया है। इसी स्थान पर 6 मार्च को शक्कर मेला लगने जा रहा है। यह मेला कनीना के पूर्वजों ने चलाया था जो आज भी चला आ रहा है।
खाटू श्याम मेला-
छह मार्च को जहां जैतपुर एवं खाटू श्याम (राजस्थान) के विशाल मेला लगने जा रहे हैं जिनको लेकर कनीना ही नहीं अपितु आसपास गांवों में शिविर लगाए हुए हैं। खाटू श्याम तथा जैतपुर धाम पर भक्त पदयात्रा करते हुए निशान अर्पित करने जाते हैं। दोनों ही स्थानों पर एकादशी के दिन यहां अपार भीड़ जुटती है। जहां खाटू श्याम मेला पूरे ही देशभर में विख्यात है वही जैतपुर स्थित खाटू श्याम मेला भी दूर दराज तक प्रसिद्ध है। खाटू श्याम वास्तव में बरबरी का नाम था जो पांडवों में भीम के पौत्र थे। महज तीन बाणों से युद्ध करने के लिए महाभारत युद्ध में पहुंचे थे इसलिए उन्हें तीन बाण धारी तथा नीले घोड़े का सवारी करने वाला नाम से जाना जाता है। कलियुग के श्रीकृष्ण अर्थात श्याम बरबरीक को ही जाना जाता है।
फोटो कैप्शन 1: मंदिर की रंग पेंट करते हुए।
2: संत ािरोमणि बाबा मोलडऩाथ।
लड़की गायब करने का मामला दर्ज
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कनीना। कनीना खंड के गांव के एक जन ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है कि उनकी लड़की गायब है। उसे किसी ने कहीं छुपा रखा है।
कनीना खंड के एक गांव के महावीर सिंह ने थाना कनीना मे शिकायत दी की उनकी लड़की 19 फरवरी से घर से गायब है। उन्होंने शंका जाहिर की है कि उनकी लड़की सोमबीर गिरावड़ झज्जर ने किसी गुप्त स्थान पर छुपा रखा है। उन्होंने उसके खिलाफ कार्रवाई करने तथा लड़की को बरामद करने की मांग की है। कनीना पुलिस ने महाबीर की शिकायत पर सोमबीर के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
मार्ग जर्जर, नहीं ली गई सुध
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कनीना। कनीना क्षेत्र के विभिन्न एप्रोच मार्ग पूर्ण रूप से जर्जर हो गए जिन पर पैदल चलना भी कठिन हो गया है। प्रशासन तथा संबंधित विभाग इनकी और कोई सुध नहीं ले रहा है। जिसके चलते ग्रामीणों में रोष है, राहगीरों में परेशानी बढ़ी है।
कनीना-छितरौली मार्ग जो बाघोत जाने के लिए सबसे छोटा मार्ग है। बाघेश्वर धाम पूरे भारत भर में शिवालय के कारण प्रसिद्ध है किंतु यह मार्ग जर्जर बना हुआ है। ऐसे में इस मार्ग को ठीक करने की मांग उठ रही है ताकि जुलाई माह में कांवड़ मेले में भक्तों को कोई परेशानी न हो। कनीना-ककराला मार्ग भी पूर्ण रूप से जर्जर हो गया है। यह सिंगल मार्ग है जिससे आवागमन बहुत अधिक हो रहा है। क्योंकि इसी मार्ग पर अनेकों स्कूल लड़कियों का कालेज भी स्थापित है, जिस पर चलना भी कठिन हो गया है। इसी प्रकार करीरा का अप्रोच मार्ग भी पूर्ण रूप से जर्जर हो चला है जिस पर वाहन चलाना कठिन है। वैसे भी करीरा में जवाहर नवोदय विद्यालय स्थित है तथा यहां पर धार्मिक स्थल भी हैं। जहां तक पहुंचने के लिए जर्जर मार्ग का सहारा लेना पड़ रहा है। ऐसे में कस्बा ककराला कोटिया तथा विभिन्न गांवों के राहगीरों की मांग है कि इसकी सुध ली जाए।
नहीं हटाया अतिक्रमण, एक बार फिर अतिक्रमण हटाने की मांग
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कनीना। कनीना कस्बा में अतिक्रमण एक नासूर बनता जा रहा है। अतिक्रमण हटाने के बाद फिर से दुकानदारों ने अतिक्रमण कर लिया है जिससे आवागमन प्रभावित होने लगा है। विशेष रूप से कनीना बस स्टैंड के सामने से गुजरने वाले महेंद्रगढ़-रेवाड़ी मार्ग, कनीना अनाज मंडी मार्ग जब तक साफ-सुथरे नहीं होंगे तब तक आवागमन प्रभावित होता रहेगा। इन मार्गों पर जहां दुकानदारों ने दुकानों के अंदर कम तथा बाहर आदि का जगह घेर रखी है। यहां तक कि पक्की सीढिय़ां बनाई हुई है।
आए दिन अतिक्रमण दूरदराज तक गढ़ता जा रहा है जिसके चलते राहगीर बड़े परेशान हैं। एक और जहां साइन बोर्ड, वहीं उनके वाहन ,ग्राहकों के वाहन तथा और अन्य साधन सड़क मार्ग पर खड़े हो जाते हैं जिसके चलते आए दिन जाम की समस्या बनी रहती है। अतिक्रमण बार-बार हटाने की कार्रवाई जब तक नहीं चलेगी और अतिक्रमण करने वालों के विरुद्ध कोई कार्यवाही नहीं की जाएगी तब तक अतिक्रमण यूं ही परेशानी का कारण बनता रहेगा। विगत 5 वर्षों में कई मौतें अतिक्रमण के कारण हो चुकी है। यहां तक कि अतिक्रमण के कारण आए दिन ग्राहको एवं राहगीरों का दुकानदारों के साथ झगड़ा होता रहता है।
सड़क मार्ग पर दुकानों के आगे रखे दुकानदारों सामान को अगर कोई छू जाए तो पूर्ण रूप से झगड़े पर उतारू हो जाते हैं। ऐसे में अतिक्रमण हटाए जाने की आवश्यकता है।
उधर कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि अतिक्रमण किसी भी रूप में नहीं बख्शा जाएगा। जल्द ही अतिक्रमण हटाने का एक और अभियान चलाया जाएगा। दुकानों के अंदर जब तक दुकानदार सामान नहीं रख लेते तब तक वे चैन से नहीं बैठेंगे।
बाघोत मेला शांतिपूर्वक संपन्न
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कनीना। कनीना खंड के गांव बाघोत स्थित बागेश्वर धाम का मेला शांतिपूर्वक संपन्न हो गया। किसी प्रकार की चेन स्नेचिंग या अप्रिय घटना नहीं घटी। पुलिस का व्यापक प्रबंध था वहीं समाजसेवी भी समाजसेवा में में जुटे हुए थे। यहां तक कि मेले में भारी भीड़ देखने को मिली।
सुबह सवेरे कुछ कम भीड़ थी किंतु ज्यों ज्यों दिन चढ़ता गया भीड़ भी बढ़ती गई। ऐसे में लोगों का तांता लगा रहा। जहां बेहतर संतान पाने के इच्छुक दंपति पीपल पेड़ों पर धागे बांधते नजर आए वहीं स्वयंभू शिवलिंग पर जल अर्पित करने के लिए कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। भीड़ इस कदर थी कि छोटे बच्चे परेशान नजर आए। यद्यपि पुलिस ने व्यापक प्रबंध किए थे जिसके चलते इस बार अप्रिय घटना नहीं घटी। यहां तक कि गोताखोरों का भी प्रबंध किया हुया था वही आवागमन के लिए भी बेहतर प्रबंध किए गए थे। इस बार मेले में जहां महिलाओं की संख्या अधिक रही। भारी संख्या में भक्तजन कावड़ चढ़ाते देखे गए।
महाशिवरात्रि पर कावड़ कम अर्पित की जाती है फिर भी इस बार दर्जनों कावड़ अर्पित की गई। भक्त अपनी बारी का इंतजार करते देर शाम तक देखे गए वहीं जल अर्पित करने वालों का तांता दिन भर लगा रहा। हर वर्ष यहां कोई अप्रिय एवं चैन स्नैचिंग घटना घटित होती है किंतु इस बार ऐसी कोई घटना नहीं घटी जिसको लेकर लोगों ने संतोष व्यक्त किया है।
मेले में महिलाओं ने खूब जल अर्पित किया वहीं महिलाओं का तांता शाम तक भी लगा रहा। इसमें इस शिवालय की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहां स्वयंभू शिवलिंग पर जल अर्पित करके लोग अपने को धन्य समझते हैं। यही नहीं मेले में भारी संख्या में भक्त पीपल के वृक्ष पर धागा बांधते, हवन में बैठे नजर आए। भक्तों को बाहर खाने पीने के लिए व्यापक प्रबंध किए गए थे। भंडारे आयोजित किए गए थे। जहां भजन भक्त भंडारे का आनंद ले रहे थे। यही नहीं दूर-दराज तक इस बार दुकानें लगी हुई थी किंतु किसी प्रकार की गंदगी भी नजर नहीं आई।
उधर इंस्पेक्टर विकास ने बताया कि इस बार मेले में व्यापक प्रबंध किए गए थे जिसके चलते किसी प्रकार का कोई अप्रिय घटना से नहीं घटी। उन्होंने बताया कि इस बार किसी भी छोटे रास्ते से नहीं घुसने दिया अपितु लाइन से जाने दिया जिसके चलते किसी प्रकार की कोई समस्या नजर नहीं आई।
फोटो कैप्शन 7: पीपल के वक्ष पर धागा बांधते भक्त।
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