खेल जीवन का अभिन्न अंग-लांबा
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कनीना। राजकीय महाविद्यालय कनीना में दो दिवसीय वार्षिक खेल प्रतियोगिता का आज समापन समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर प्राचार्य मेजर एमआर लांबा तथा विशिष्ट अतिथि के तौर पर राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हानी के कार्यवाहक प्राचार्य विक्रम सिंह मौजूद थे।
प्राचार्य मेजर एमआर लांबा ने बच्चों को जीवन में उतार-चढ़ाव के दौरान दृढ़ निश्चय और मेहनत में से सफलता प्राप्त करने के बारे में जागरूक किया। उन्होंने कहा कि जीवन में खेलों का बहुत महत्व है। खेलों से आपसी भाईचारा बढ़ता है। उन्होंने कहा कि खेलों से शारीरिक व मानसिक विकास भी होता है।
इस मौके पर प्राचार्य विक्रम सिंह ने खिलाडिय़ों को हमेशा प्रगति के पथ पर बढ़ते रहने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ विनोद कुमार ने की व मंच संचालन कंवरपाल ने किया।
खेल प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाडिय़ों को प्राचार्य मेजर एमआर लांबा ने सम्मानित किया। लड़कों में रवि बेस्ट खिलाड़ी तथा लड़कियों में प्रीति बेस्ट खिलाड़ी रही।
इस अवसर पर प्रोफेसर डा. हरिओम भारद्वाज, प्रोफेसर अशोक कुमार, प्रोफेसर संदीप कुमार, कंवरपाल, सोमबीर, अजय प्रकाश, राहुल, रोहित, संदीप सिंह, तरुण, गजानंद, छोटेलाल, संजय, दीपक व रामकिशन मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 4: विजेता बच्चों को सम्मानित करते प्राचार्य मेजर एमआर लांबा व अन्य।
जूनियर ने सीनियर को दी विदाई
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कनीना। हेरिटेज पब्लिक वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मोहनपुर में जूनियर क्लास में 12वीं कक्षा को एक रंगारंग कार्यक्रम करके विदाई दी। विद्यालय के चेयरमैन ओमप्रकाश शर्मा ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर फूलमाला अर्पित व चरणों में दीप प्रज्वलित किया।
इस मौके पर 12वीं की छात्राओं ने नृत्य किया वहीं अध्यापकों ने अपने जाने वाले विद्यार्थियों को आशीर्वाद दिया तथा अपने स्कूल व अभिभावकों की पूजा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कक्षा बारहवीं से काजल, दिव्या, साक्षी, तमन्ना ने नृत्य पेश किया। विशाखा, पूजा ने कविता -स्कूल की पुरानी यादों पर प्रस्तुत की। निधि ने जूनियर साथियों को धन्यवाद दिया तथा सभी अध्यापकों का धन्यवाद किया।
चेयरमैन ओमप्रकाश शर्मा ने विद्यार्थियों को मधुर स्मृति अपने साथ ले जाने के लिए कहा तथा लंबी आयु का आशीर्वाद दिया। जीवन में सकारात्मक सोच रखने के लिए कहा। सभी अध्यापकों ने भी नृत्य किया। इस मौके पर प्रधानाचार्य कृष्ण सिंह, तेजपाल तथा सभी विद्यालय समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 5: विदाई समारोह में मोहनपुर स्कूल में नृत्य करते हुए।
एक एमएम बारिश हुई, सरसों पकान के पूरे वेग पर
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कनीना। कनीना बावनी भूमि पर सरसों पकान के पूरे वेग पर है वहीं दिनोंदिन मौसम में परिवर्तन होता जा रहा है। शुक्रवार को कनीना क्षेत्र में एक एमएम बारिश हुई तथा दिन भर तेज हवाएं चलती रही, बादल छाए रहे। गुरुवार को भी बूंदाबांदी हुई जिसको लेकर किसान थोड़ा चिंतित नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में विगत वर्ष जहां करीब 20 हजार हेक्टेयर सरसों की बिजाई की गई थी वही इस वर्ष 10200 हेक्टेयर भूमि पर सरसों उगाई गई है। गत वर्ष की तुलना में बीजाई अधिक हुई है। यदि मौसम साफ रहा तो सरसों के बंपर पैदावार होने के आसार बन गए हैं। वहीं गेहूं की फसल भी अभी लहलहाने लगी है किंतु अभी यह फसल छोटी है जिसे बार-बार किसान पानी दे रहे हैं।
उल्लेखनीय कि कनीना क्षेत्र में इस बार विगत वर्ष की तुलना में सरसों एवं गेहूं की बेहतर फसल खड़ी है। बूंदाबांदी होने के कारण हीकिसान परेशान नजर आ रहे हैं।
उधर किसानों ने बताया कि यदि मौसम अनुकूल रहा तो सरसों की बंपर पैदावार होने की संभावना है। किसान मौसम के परिवर्तन को देख कर थोड़े नाखुश है किंतु अभी तक किसी प्रकार की कोई क्षति फसल को नहीं हुई है।
महाशिवरात्रि की रही धूम
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कनीना। कनीना एवं आस पास क्षेत्रों में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। शिवालयों में दिनभर पूजा अर्चना का सिलसिला चलती रहा। सबसे अधिक भीड़ प्राचीन शिवालय बाघोत स्थित बाघेश्वरी धाम पर रही। कई जगह भंडारे आयोजित किए गए।
महाशिवरात्रि के पर्व पर मंदिरों में भारी भीड़ रही। कनीना के 21 फुट ऊंचे शिव प्रतिमा वाले शिवालय पर दिनभर तांता लगा और भक्तजन गाजर, बेर, फूल एवं फलों से अर्चना करते देखे गए। महिलाओं की संख्या बहुत अधिक थी। उन्होंने आज व्रत किया और शिवलिंग का जलाभिषेक किया। पुराने शिवभक्त भरपूर सिंह, उनकी पत्नी शकुंतला देवी तथा बच्चे सुबह से शिवालय में पूजा अर्चना करते देखे गए।
उधर विश्व में प्रसिद्ध कनीना से 15 किमी दूर स्थित बाघेश्वरी धाम पर अपार जनसमूह उमड़ पड़ा। बाघोत में मेला आयोजित हुआ जिसमें भारी भीड़ जुटी। भक्तों ने स्वयंभू शिवलिंग का अभिषेक किया।
बाघोत स्थित स्वयंभू शिलिंग के दर्शन हजारों वर्ष पूर्व राजा कल्याण सिंह रैबारी ने यहां स्थित जंगल में सर्वप्रथम किए थे तत्पश्चात यहां अपार जनसमूह प्रतिवर्ष उमड़ता है। बाघेश्वरी धाम नि:संतानों के लिए आस्था का केंद्र बन चुका है। राजा दलीप ने यहीं पर तप एवं व्रत करके संतान प्राप्त की थी। यहीं कारण है कि इस मेले में एक प्राचीन पीपल के पेड़ पर अपनी आस्था एवं मन्नत के परिणित संतान प्राप्ति हेतु कच्चा धागा बांधते हैं और जब उनकी मन्नत पूर्ण होती है तो उस कच्चे धागे को अपने कमलों से हटाने का रिवाज चला आ रहा है। कई कारणों एवं आस्थाओं के चलते बाघेश्वरी धाम पर अपार भीड़ रहती है। वैसे भी प्रत्येक सोमवार को यहां भक्तों का तांता लगता है। विभिन्न गांवों में शिवालयों में भारी भीड़ रही। सोमवार के दिन भी शिवभोले की पूजा की जाती है तथा व्रत रखा जाता है। विभिन्न गांवों में भंडारा आयोजित किया गया जहां भक्तों की भीड़ रही। लंबी भीड़ जुटी। एक एक घंटे में जलाभिषेक करने के लिए इंतजार करना पड़ता है।
फोटो कैप्शन 1: स्वयंभू शिवलिंग पर जल अर्पित करते हुए तथा 2:लंबी कतार में खड़े भक्तजन
बेर एवं गाजर की रही मांग
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कनीना। आज महाशिवरात्रि पर बेर, गाजर एवं फलों की मांग रही। गाजर जो 20 रुपये किलो मिलती थी आज 30 रुपये किलो बिकी। बेरों की मांग कम होती थी उसमें आज इजाफा हो गया। झाड़ी के बेर 50 रुपये तो बागोंवाले बेर 80 रुपये किलो बिके। केले भी 0 रुपये दर्जन बिके।
आज महाशिवरात्रि के दिन गाजर एवं बेरों की अधिक मांग रही जिसके चलते दोनों ही चीजों के भावों में बढ़ोतरी कर दी गई। गाजर 20 रुपये प्रति किलो के भाव से बिकी। किसानों ने खेतों से आज गाजर को उखाड़ा गया और उन्हें बाजार में बेचकर आय कमाई। उधर करीरा के महाबीर सिंह ने बेहतर बेर की पैदावार की है। उनके बेर की अच्छी मांग रही। ये वस्तुएं शिव भोले को अर्पित की जाती हैं।
किसान अजीत सिंह, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, कृष्ण सिंह आदि ने बताया कि किसी वक्त इस क्षेत्र में किसान काले रंग की भारी मात्रा में गाजर उगाई जाती थी जिसे न केवल पशुओं के लिए अपितु खाने के काम में लेते थे किंतु अब किसान स्वयं गाजर खरीदकर लाते हें। यही कारण है कि गाजर के भाव बढ़ रहे हैं।
शिवरात्रि के दृष्टिगत निकाली पदयात्रा
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कनीना। महाशिवरात्रि पर्व पर सबसे अधिक कावड़ लाने वाले कनीना निवासी सुमेर सिंह चेयरमैन की अध्यक्षता में एक पदयात्रा कनीना से बाघेश्वर धाम पहुंची। बाघेश्वर धाम पहुंचने पर सुमेर सिंह चेयरमैन का स्वागत किया गया। विगत वर्षों से सुमेर सिंह चेयरमैन इस प्रकार की यात्रा निकालते आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सुमेर सिंह चेयरमैन अब तक 40 कावड़ ला चुके हैं। उन्होंने बताया कि उनकी इस पद यात्रा का उद्देश्य एकता, भाईचारा और लोगों में शिव भोले के प्रति आस्था उत्पन्न करना है। इस मौके पर बाघोत में उनका स्वागत किया गया तथा विधि-विधान से जलाभिषेक करवाया गया। उनका स्वागत करने वालों में किशोरी लाल, सूबेदार दयाराम, रूपचंद ठेकेदार, मास्टर मनफूल सिंह, शेर सिंह, सुभाचंद्र, महिपाल सिंह, सुमेर सिंह, रघुवीर सिंह आदि प्रमुख थे।
फोटो कैप्शन 3: सुमेर सिंह के बाघोत पहुंचने पर स्वागत करते हुए भक्तजन।
शिव की आराधना पाप मुक्त करती है
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कनीना। भगवान शिव की कृपा से सभी कष्ट दूर हो जाते है क्योंकि शिव ही सभी देवों में सबसे दयालु होते है। इसलिए शिव की पूजा से मानव की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है। ये विचार लालदास महाराज ने शुक्रवार महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान शिव की आराधना के बाद उनके पास पहुंचे भक्तों करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने भक्तगणों को कहा कि शिव का मतलब कल्याण कारी होता है और माता पार्वती ने भगवान शिव की घोर तपस्या की जिसमें भगवान शिव ने माता को दर्शन देते हुए कहा कि देवी आपने मेरी बड़ी ही तपस्या के साथ भक्ति की है इसलिए बोलों आपको क्या वरदान दूं? जिसके बाद माता ने कहा स्वामी मैंने तो इस पूजा में आपको अपना पत्ति चुना है जिससे खुश होकर भगवान शिव ने माता को वरदान दिया और माता पार्वती ने शिव के साथ विवाह किया।
जिस दिन से ही इस दिन को महाशिवरात्रि को पावन पर्व के रूप में मनाया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि इस दिन के व्रत को संयम के साथ करना चाहिए और दान दक्षिणा के साथ व्रत संपन्न करना चाहिए। शिव का दूसरा नाम भोला भी है और उन्हें प्रसन्न करना सभी देवों में सबसे आसान है। वे थोड़ी सी भक्ति में ही खुश हो जाते है और अपने भक्त पर अपार कृपा बरसाते है इसलिए उनका नाम शिव भोला भी है। उनकी पूजा से मनोवांछित फल प्राप्त होता है। इसलिए आज के दिन का व्रत अवश्य ही रखना चाहिए और आज के दिन अन्न न खाकर हमें फल दूध आदि का प्रयोग करना चाहिए।
एक वर्ष पूरा होने पर बांटे फल
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कनीना। कनीना के शिर्डी के साईं मंदिर को बने 1 वर्ष पूरा होने पर मंदिर परिसर में भक्तों को फल वितरित किए। ये फल पुजारी प्रवेश कुमार पंडित ने अपने हाथों वितरित किए। प्रवेश कुमार पंडित ने कहा कि शिर्डी भक्तों पर प्यार जुटाते हैं तथा सभी का भला करते हैं। उनके लिए सभी धर्म के लोग सामान है। उन्होंने कहा कि मंदिर स्थापित होने को स्थापित हुए एक वर्ष पूरा हो गया है। यही कारण है कि अब इसी खुशी में दिनभर फल वितरित किए गए हैं। इस मौके पर विभिन्न लोगों ने आकर पूजा-अर्चना की और फल ग्रहण किए।
इस अवसर पर रामकिशन पंडित मुकेश पंडित, रोहतास सेठ, विजेंद्र सेठ, हेमंत सेठ, आलोक सेठ आदि उपस्थित थे। उन्होंने फल ग्रहण किए और खुशी जताई।
फोटो कैप्शन 6: फल ग्रहण करते भक्तजन।
आश्रम परिसर को सजाया जा रहा है, 6 मार्च के मेले की तैयारियां जोरों पर
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कनीना। संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ का मेला 6 मार्च को आयोजित होने जा रहा है जिसको लेकर के तैयारियां जोरों पर हैं। आश्रम परिसर को दुल्हन की भांति रंग पेंट करके सजाया जा रहा है। कनीना कस्बे का यह सबसे बड़ा उत्सव होता है। इसी दिन खाटू श्याम का मेला राजस्थान में रींगस से 17 किलोमीटर दूर आयोजित होता है। फागुन एकादशी को जहां इस मेले में शक्कर चढ़ाई जाती है इसलिए इस मेले को शक्कर मेला नाम से भी जाना जाता है। इस आश्रम को खेड़ा वाला नाम से भी जाना जाता है। जब कनीना खेड़ा बसा तभी से यहां संत रहते थे जिसके नाम पर खेड़ावाला बाबा की पूजा की जाती है। अब तो यह आश्रम र्दानीय स्थल बनकर उभर रहा है जहां विभिन्न देवी देवता के मंदिर स्थापित किए गए हैं।
इस मेले को लेकर विस्तृत जानकारी देते हुए सुमेर सिंह भक्त ने बताया कि 5 मार्च को जहां जागरण आयोजित किया जाएगा जिसमें जींद से रामधन गोस्वामी, झांसी से सुभाष फौजी, भिवानी से रजनी जांगड़ा, हांसी से प्रहलाद फागण बाबा के गुणगान करेंगे। उन्होंने बताया कि 6 मार्च को
प्रसाद चढ़ाया जाता है। यह मेला कनीना कस्बे का सबसे प्रमुख और बड़ा पर्व होता है जिसमें दूसरे प्रांतों से भी भक्तजन पहुंचते हैं। यहां तक कि विभिन्न प्रकार की ऊंटों और घोड़ों की दौड़ में शामिल होने के लिए राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब आदि राज्यों से भी लोग पहुंचते हैं। इस मेले की सबसे बड़ी विशेषता है कि इस मेले में जो भी भक्त आता है वह शक्कर का प्रसाद ग्रहण करता है।
फोटो कैप्शन 7: मंदिर की रंग पेंट करते हुए।
मंडल अध्यक्ष का किया गया स्वागत
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कनीना। कनीना के नेताजी मेमोरियल क्लब में भारत विकास परिषद कनीना द्वारा नवनियुक्त मंडल अध्यक्ष अतर सिंह राजपूत कैमला को नियुक्त किए जाने के बाद उनका स्वागत किया गया। भारत विकास परिषद कनीना के सुरेश शर्मा शाखा कार्यकारिणी सदस्य कनीना ने अध्यक्षता की।
इस मौके पर नवनियुक्त मंडल अध्यक्ष को फूल मालाओं द्वारा स्वागत किया गया। उपस्थित वक्ताओं ने नवनियुक्त मंडल अध्यक्ष अतर सिंह राजपूत को बधाई दी तथा आशीर्वाद और सहयोग देने का आश्वासन भी दिया। भारत विकास परिषद के शाखा प्रधान कंवरसेन वशिष्ठ ने लड्डू बांटकर खुशी जताई तथा कहा कि अतर सिंह इस पद को भलीभांति निभाएंगे। इस अवसर पर अतर सिंह कैमला का भी फूल मालाओं से स्वागत किया गया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्यवीर सिंह यादव का भी स्वागत किया। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष अतर सिंह ने कहा कि वे सभी को साथ लेकर चलेंगे और पार्टी का विस्तार कर जन जन तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
इस मौके पर ओमप्रकाश लिशानियां, राजेंद्र भारद्वाज, दलीप सिंह पार्षद,कृष्ण यादव अनिल गाहड़ा, वेद प्रकाश बोहरा, रामनिवास दुबट, ,अरुणा कौशिक, कुलदीप तंवर, ओम प्रकाश शर्मा, ऊषा जांगड़ा, सुशीला आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 8: अतर सिंह कैमला का स्वागत करते जन।
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कनीना। राजकीय महाविद्यालय कनीना में दो दिवसीय वार्षिक खेल प्रतियोगिता का आज समापन समारोह कार्यक्रम का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्यातिथि के तौर पर प्राचार्य मेजर एमआर लांबा तथा विशिष्ट अतिथि के तौर पर राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हानी के कार्यवाहक प्राचार्य विक्रम सिंह मौजूद थे।
प्राचार्य मेजर एमआर लांबा ने बच्चों को जीवन में उतार-चढ़ाव के दौरान दृढ़ निश्चय और मेहनत में से सफलता प्राप्त करने के बारे में जागरूक किया। उन्होंने कहा कि जीवन में खेलों का बहुत महत्व है। खेलों से आपसी भाईचारा बढ़ता है। उन्होंने कहा कि खेलों से शारीरिक व मानसिक विकास भी होता है।
इस मौके पर प्राचार्य विक्रम सिंह ने खिलाडिय़ों को हमेशा प्रगति के पथ पर बढ़ते रहने की प्रेरणा दी। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ विनोद कुमार ने की व मंच संचालन कंवरपाल ने किया।
खेल प्रतियोगिता में प्रथम द्वितीय व तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले खिलाडिय़ों को प्राचार्य मेजर एमआर लांबा ने सम्मानित किया। लड़कों में रवि बेस्ट खिलाड़ी तथा लड़कियों में प्रीति बेस्ट खिलाड़ी रही।
इस अवसर पर प्रोफेसर डा. हरिओम भारद्वाज, प्रोफेसर अशोक कुमार, प्रोफेसर संदीप कुमार, कंवरपाल, सोमबीर, अजय प्रकाश, राहुल, रोहित, संदीप सिंह, तरुण, गजानंद, छोटेलाल, संजय, दीपक व रामकिशन मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 4: विजेता बच्चों को सम्मानित करते प्राचार्य मेजर एमआर लांबा व अन्य।
जूनियर ने सीनियर को दी विदाई
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कनीना। हेरिटेज पब्लिक वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मोहनपुर में जूनियर क्लास में 12वीं कक्षा को एक रंगारंग कार्यक्रम करके विदाई दी। विद्यालय के चेयरमैन ओमप्रकाश शर्मा ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर फूलमाला अर्पित व चरणों में दीप प्रज्वलित किया।
इस मौके पर 12वीं की छात्राओं ने नृत्य किया वहीं अध्यापकों ने अपने जाने वाले विद्यार्थियों को आशीर्वाद दिया तथा अपने स्कूल व अभिभावकों की पूजा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
कक्षा बारहवीं से काजल, दिव्या, साक्षी, तमन्ना ने नृत्य पेश किया। विशाखा, पूजा ने कविता -स्कूल की पुरानी यादों पर प्रस्तुत की। निधि ने जूनियर साथियों को धन्यवाद दिया तथा सभी अध्यापकों का धन्यवाद किया।
चेयरमैन ओमप्रकाश शर्मा ने विद्यार्थियों को मधुर स्मृति अपने साथ ले जाने के लिए कहा तथा लंबी आयु का आशीर्वाद दिया। जीवन में सकारात्मक सोच रखने के लिए कहा। सभी अध्यापकों ने भी नृत्य किया। इस मौके पर प्रधानाचार्य कृष्ण सिंह, तेजपाल तथा सभी विद्यालय समिति के पदाधिकारी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 5: विदाई समारोह में मोहनपुर स्कूल में नृत्य करते हुए।
एक एमएम बारिश हुई, सरसों पकान के पूरे वेग पर
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कनीना। कनीना बावनी भूमि पर सरसों पकान के पूरे वेग पर है वहीं दिनोंदिन मौसम में परिवर्तन होता जा रहा है। शुक्रवार को कनीना क्षेत्र में एक एमएम बारिश हुई तथा दिन भर तेज हवाएं चलती रही, बादल छाए रहे। गुरुवार को भी बूंदाबांदी हुई जिसको लेकर किसान थोड़ा चिंतित नजर आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कनीना क्षेत्र में विगत वर्ष जहां करीब 20 हजार हेक्टेयर सरसों की बिजाई की गई थी वही इस वर्ष 10200 हेक्टेयर भूमि पर सरसों उगाई गई है। गत वर्ष की तुलना में बीजाई अधिक हुई है। यदि मौसम साफ रहा तो सरसों के बंपर पैदावार होने के आसार बन गए हैं। वहीं गेहूं की फसल भी अभी लहलहाने लगी है किंतु अभी यह फसल छोटी है जिसे बार-बार किसान पानी दे रहे हैं।
उल्लेखनीय कि कनीना क्षेत्र में इस बार विगत वर्ष की तुलना में सरसों एवं गेहूं की बेहतर फसल खड़ी है। बूंदाबांदी होने के कारण हीकिसान परेशान नजर आ रहे हैं।
उधर किसानों ने बताया कि यदि मौसम अनुकूल रहा तो सरसों की बंपर पैदावार होने की संभावना है। किसान मौसम के परिवर्तन को देख कर थोड़े नाखुश है किंतु अभी तक किसी प्रकार की कोई क्षति फसल को नहीं हुई है।
महाशिवरात्रि की रही धूम
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कनीना। कनीना एवं आस पास क्षेत्रों में महाशिवरात्रि का पर्व धूमधाम से मनाया गया। शिवालयों में दिनभर पूजा अर्चना का सिलसिला चलती रहा। सबसे अधिक भीड़ प्राचीन शिवालय बाघोत स्थित बाघेश्वरी धाम पर रही। कई जगह भंडारे आयोजित किए गए।
महाशिवरात्रि के पर्व पर मंदिरों में भारी भीड़ रही। कनीना के 21 फुट ऊंचे शिव प्रतिमा वाले शिवालय पर दिनभर तांता लगा और भक्तजन गाजर, बेर, फूल एवं फलों से अर्चना करते देखे गए। महिलाओं की संख्या बहुत अधिक थी। उन्होंने आज व्रत किया और शिवलिंग का जलाभिषेक किया। पुराने शिवभक्त भरपूर सिंह, उनकी पत्नी शकुंतला देवी तथा बच्चे सुबह से शिवालय में पूजा अर्चना करते देखे गए।
उधर विश्व में प्रसिद्ध कनीना से 15 किमी दूर स्थित बाघेश्वरी धाम पर अपार जनसमूह उमड़ पड़ा। बाघोत में मेला आयोजित हुआ जिसमें भारी भीड़ जुटी। भक्तों ने स्वयंभू शिवलिंग का अभिषेक किया।
बाघोत स्थित स्वयंभू शिलिंग के दर्शन हजारों वर्ष पूर्व राजा कल्याण सिंह रैबारी ने यहां स्थित जंगल में सर्वप्रथम किए थे तत्पश्चात यहां अपार जनसमूह प्रतिवर्ष उमड़ता है। बाघेश्वरी धाम नि:संतानों के लिए आस्था का केंद्र बन चुका है। राजा दलीप ने यहीं पर तप एवं व्रत करके संतान प्राप्त की थी। यहीं कारण है कि इस मेले में एक प्राचीन पीपल के पेड़ पर अपनी आस्था एवं मन्नत के परिणित संतान प्राप्ति हेतु कच्चा धागा बांधते हैं और जब उनकी मन्नत पूर्ण होती है तो उस कच्चे धागे को अपने कमलों से हटाने का रिवाज चला आ रहा है। कई कारणों एवं आस्थाओं के चलते बाघेश्वरी धाम पर अपार भीड़ रहती है। वैसे भी प्रत्येक सोमवार को यहां भक्तों का तांता लगता है। विभिन्न गांवों में शिवालयों में भारी भीड़ रही। सोमवार के दिन भी शिवभोले की पूजा की जाती है तथा व्रत रखा जाता है। विभिन्न गांवों में भंडारा आयोजित किया गया जहां भक्तों की भीड़ रही। लंबी भीड़ जुटी। एक एक घंटे में जलाभिषेक करने के लिए इंतजार करना पड़ता है।
फोटो कैप्शन 1: स्वयंभू शिवलिंग पर जल अर्पित करते हुए तथा 2:लंबी कतार में खड़े भक्तजन
बेर एवं गाजर की रही मांग
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कनीना। आज महाशिवरात्रि पर बेर, गाजर एवं फलों की मांग रही। गाजर जो 20 रुपये किलो मिलती थी आज 30 रुपये किलो बिकी। बेरों की मांग कम होती थी उसमें आज इजाफा हो गया। झाड़ी के बेर 50 रुपये तो बागोंवाले बेर 80 रुपये किलो बिके। केले भी 0 रुपये दर्जन बिके।
आज महाशिवरात्रि के दिन गाजर एवं बेरों की अधिक मांग रही जिसके चलते दोनों ही चीजों के भावों में बढ़ोतरी कर दी गई। गाजर 20 रुपये प्रति किलो के भाव से बिकी। किसानों ने खेतों से आज गाजर को उखाड़ा गया और उन्हें बाजार में बेचकर आय कमाई। उधर करीरा के महाबीर सिंह ने बेहतर बेर की पैदावार की है। उनके बेर की अच्छी मांग रही। ये वस्तुएं शिव भोले को अर्पित की जाती हैं।
किसान अजीत सिंह, सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, कृष्ण सिंह आदि ने बताया कि किसी वक्त इस क्षेत्र में किसान काले रंग की भारी मात्रा में गाजर उगाई जाती थी जिसे न केवल पशुओं के लिए अपितु खाने के काम में लेते थे किंतु अब किसान स्वयं गाजर खरीदकर लाते हें। यही कारण है कि गाजर के भाव बढ़ रहे हैं।
शिवरात्रि के दृष्टिगत निकाली पदयात्रा
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कनीना। महाशिवरात्रि पर्व पर सबसे अधिक कावड़ लाने वाले कनीना निवासी सुमेर सिंह चेयरमैन की अध्यक्षता में एक पदयात्रा कनीना से बाघेश्वर धाम पहुंची। बाघेश्वर धाम पहुंचने पर सुमेर सिंह चेयरमैन का स्वागत किया गया। विगत वर्षों से सुमेर सिंह चेयरमैन इस प्रकार की यात्रा निकालते आ रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि सुमेर सिंह चेयरमैन अब तक 40 कावड़ ला चुके हैं। उन्होंने बताया कि उनकी इस पद यात्रा का उद्देश्य एकता, भाईचारा और लोगों में शिव भोले के प्रति आस्था उत्पन्न करना है। इस मौके पर बाघोत में उनका स्वागत किया गया तथा विधि-विधान से जलाभिषेक करवाया गया। उनका स्वागत करने वालों में किशोरी लाल, सूबेदार दयाराम, रूपचंद ठेकेदार, मास्टर मनफूल सिंह, शेर सिंह, सुभाचंद्र, महिपाल सिंह, सुमेर सिंह, रघुवीर सिंह आदि प्रमुख थे।
फोटो कैप्शन 3: सुमेर सिंह के बाघोत पहुंचने पर स्वागत करते हुए भक्तजन।
शिव की आराधना पाप मुक्त करती है
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कनीना। भगवान शिव की कृपा से सभी कष्ट दूर हो जाते है क्योंकि शिव ही सभी देवों में सबसे दयालु होते है। इसलिए शिव की पूजा से मानव की सभी इच्छाएं पूरी हो जाती है। ये विचार लालदास महाराज ने शुक्रवार महाशिवरात्रि के पावन पर्व पर भगवान शिव की आराधना के बाद उनके पास पहुंचे भक्तों करते हुए व्यक्त किए।
उन्होंने भक्तगणों को कहा कि शिव का मतलब कल्याण कारी होता है और माता पार्वती ने भगवान शिव की घोर तपस्या की जिसमें भगवान शिव ने माता को दर्शन देते हुए कहा कि देवी आपने मेरी बड़ी ही तपस्या के साथ भक्ति की है इसलिए बोलों आपको क्या वरदान दूं? जिसके बाद माता ने कहा स्वामी मैंने तो इस पूजा में आपको अपना पत्ति चुना है जिससे खुश होकर भगवान शिव ने माता को वरदान दिया और माता पार्वती ने शिव के साथ विवाह किया।
जिस दिन से ही इस दिन को महाशिवरात्रि को पावन पर्व के रूप में मनाया जाता रहा है। उन्होंने कहा कि इस दिन के व्रत को संयम के साथ करना चाहिए और दान दक्षिणा के साथ व्रत संपन्न करना चाहिए। शिव का दूसरा नाम भोला भी है और उन्हें प्रसन्न करना सभी देवों में सबसे आसान है। वे थोड़ी सी भक्ति में ही खुश हो जाते है और अपने भक्त पर अपार कृपा बरसाते है इसलिए उनका नाम शिव भोला भी है। उनकी पूजा से मनोवांछित फल प्राप्त होता है। इसलिए आज के दिन का व्रत अवश्य ही रखना चाहिए और आज के दिन अन्न न खाकर हमें फल दूध आदि का प्रयोग करना चाहिए।
एक वर्ष पूरा होने पर बांटे फल
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कनीना। कनीना के शिर्डी के साईं मंदिर को बने 1 वर्ष पूरा होने पर मंदिर परिसर में भक्तों को फल वितरित किए। ये फल पुजारी प्रवेश कुमार पंडित ने अपने हाथों वितरित किए। प्रवेश कुमार पंडित ने कहा कि शिर्डी भक्तों पर प्यार जुटाते हैं तथा सभी का भला करते हैं। उनके लिए सभी धर्म के लोग सामान है। उन्होंने कहा कि मंदिर स्थापित होने को स्थापित हुए एक वर्ष पूरा हो गया है। यही कारण है कि अब इसी खुशी में दिनभर फल वितरित किए गए हैं। इस मौके पर विभिन्न लोगों ने आकर पूजा-अर्चना की और फल ग्रहण किए।
इस अवसर पर रामकिशन पंडित मुकेश पंडित, रोहतास सेठ, विजेंद्र सेठ, हेमंत सेठ, आलोक सेठ आदि उपस्थित थे। उन्होंने फल ग्रहण किए और खुशी जताई।
फोटो कैप्शन 6: फल ग्रहण करते भक्तजन।
आश्रम परिसर को सजाया जा रहा है, 6 मार्च के मेले की तैयारियां जोरों पर
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कनीना। संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ का मेला 6 मार्च को आयोजित होने जा रहा है जिसको लेकर के तैयारियां जोरों पर हैं। आश्रम परिसर को दुल्हन की भांति रंग पेंट करके सजाया जा रहा है। कनीना कस्बे का यह सबसे बड़ा उत्सव होता है। इसी दिन खाटू श्याम का मेला राजस्थान में रींगस से 17 किलोमीटर दूर आयोजित होता है। फागुन एकादशी को जहां इस मेले में शक्कर चढ़ाई जाती है इसलिए इस मेले को शक्कर मेला नाम से भी जाना जाता है। इस आश्रम को खेड़ा वाला नाम से भी जाना जाता है। जब कनीना खेड़ा बसा तभी से यहां संत रहते थे जिसके नाम पर खेड़ावाला बाबा की पूजा की जाती है। अब तो यह आश्रम र्दानीय स्थल बनकर उभर रहा है जहां विभिन्न देवी देवता के मंदिर स्थापित किए गए हैं।
इस मेले को लेकर विस्तृत जानकारी देते हुए सुमेर सिंह भक्त ने बताया कि 5 मार्च को जहां जागरण आयोजित किया जाएगा जिसमें जींद से रामधन गोस्वामी, झांसी से सुभाष फौजी, भिवानी से रजनी जांगड़ा, हांसी से प्रहलाद फागण बाबा के गुणगान करेंगे। उन्होंने बताया कि 6 मार्च को
प्रसाद चढ़ाया जाता है। यह मेला कनीना कस्बे का सबसे प्रमुख और बड़ा पर्व होता है जिसमें दूसरे प्रांतों से भी भक्तजन पहुंचते हैं। यहां तक कि विभिन्न प्रकार की ऊंटों और घोड़ों की दौड़ में शामिल होने के लिए राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पंजाब आदि राज्यों से भी लोग पहुंचते हैं। इस मेले की सबसे बड़ी विशेषता है कि इस मेले में जो भी भक्त आता है वह शक्कर का प्रसाद ग्रहण करता है।
फोटो कैप्शन 7: मंदिर की रंग पेंट करते हुए।
मंडल अध्यक्ष का किया गया स्वागत
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कनीना। कनीना के नेताजी मेमोरियल क्लब में भारत विकास परिषद कनीना द्वारा नवनियुक्त मंडल अध्यक्ष अतर सिंह राजपूत कैमला को नियुक्त किए जाने के बाद उनका स्वागत किया गया। भारत विकास परिषद कनीना के सुरेश शर्मा शाखा कार्यकारिणी सदस्य कनीना ने अध्यक्षता की।
इस मौके पर नवनियुक्त मंडल अध्यक्ष को फूल मालाओं द्वारा स्वागत किया गया। उपस्थित वक्ताओं ने नवनियुक्त मंडल अध्यक्ष अतर सिंह राजपूत को बधाई दी तथा आशीर्वाद और सहयोग देने का आश्वासन भी दिया। भारत विकास परिषद के शाखा प्रधान कंवरसेन वशिष्ठ ने लड्डू बांटकर खुशी जताई तथा कहा कि अतर सिंह इस पद को भलीभांति निभाएंगे। इस अवसर पर अतर सिंह कैमला का भी फूल मालाओं से स्वागत किया गया। वरिष्ठ उपाध्यक्ष सत्यवीर सिंह यादव का भी स्वागत किया। इस मौके पर मंडल अध्यक्ष अतर सिंह ने कहा कि वे सभी को साथ लेकर चलेंगे और पार्टी का विस्तार कर जन जन तक पहुंचाने का प्रयास करेंगे।
इस मौके पर ओमप्रकाश लिशानियां, राजेंद्र भारद्वाज, दलीप सिंह पार्षद,कृष्ण यादव अनिल गाहड़ा, वेद प्रकाश बोहरा, रामनिवास दुबट, ,अरुणा कौशिक, कुलदीप तंवर, ओम प्रकाश शर्मा, ऊषा जांगड़ा, सुशीला आदि उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 8: अतर सिंह कैमला का स्वागत करते जन।
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