Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Thursday, February 6, 2020

भारत की आन-बान और शान देश के जवानों के हाथ में- सीताराम
********************************************
**********************************************
 

*************************
कनीना। भारत देश की आन-बान और शान देश के जवानों के हाथों में सुरक्षित होती है। ये विचार अटेली विधायक सीताराम ने चेलावास में शहीद की अन्तिम विदाई में शामिल होनेे के पश्चात पत्रकार वार्ता में व्यक्त किए।
इस अवसर पर बोलते हुए सीताराम ने कहा कि आज का दिन बड़ा ही दु:खद दिन है क्योंकि आज हमारे देश की सेना का एक बेटा हमारे से जुदा हो गया। उन्होंने यह भी कहा कि मोत तो एक दिन आनी होती है लेकिन जब देश का जवान अपनी सरहद पर फिदा होता है तो देश उसकी छाया में सदैव अपने आपको सुरक्षित महसूस करता है। वही शहीद की इस अन्तिम यात्रा में शामिल हुए  कहा कि कपिल इस शरीर से जरूर ही छोड़ कर चला गया लेकिन उसके द्वारा देश के लिए दिया गया बलिदान हमेशा-हमेशा के लिए याद रहेगा। उन्होंने यह भी कहा कि इन वीर जवानों की बदौलत ही आज हम सभी देशवासी अपने घरों में सुख और चैन की नींद से सो रहे है।
वही इनके साथ एक जवान ने जानकारी देने हुए बताया कि शहीद कपिल 64वीं बटालियन में आसाम में तैनात होकर देश की सेवा कर रहा था। उन्होंने यह भी बताया कि कपिल एक बहुत ही अच्छा जवान था और अपनी मेहनत और लग्र से हमेशा देश सेवा के लिए समर्पित था जो रात को ठीक तरीके से खाना खाकर सोया था और सुबह न उठने के कारण देखा तो पता चला कि कपिल इस दुनिया को छोड़ भारत माता कि गोद में सो गया। वही उन्होंने यह भी बताया कि कपिल की हृदय गति रुकने से मौत हो गई। कपिल बेहतरीन जवान था वह देश की सेवा के साथ-साथ जब भी गांव में छुट्टी आता था तो समाज की सेवा में भी बढ़-चढ़कर भाग लेता था।
  इस मौके पर कपिल को उनके साथ आए जवानों द्वारा मातमी धुन के साथ गार्ड आफ आनर के साथ सलामी दी गई तथा उनके नौ वर्ष के बेटे द्वारा उनको मुखाअग्रि दी गई। वही शहीद की अन्तिम विदाई में उपमण्डल अधिकारी रणबीर सिंह, डीएसपी साधुराम, बीडीपीओ देशबंधु,  समाजसेवी राधेश्याम यादव गोमला, थाना प्रभारी विकास कुमार के अलावा हजारों की तादाद में ग्रामीण उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन एक व दो: शहीद को श्रद्धा सुमन अर्पित करते सीताराम विधायक।


पंचायती फुटबाल प्रतियोगिता 13 से

**************************************
*************************************
  कनीना। कनीना खंड के गांव उन्हाणी में 13 फरवरी से चार दिवसीय फुटबाल प्रतियोगिता आयोजित की गई है। विस्तृत जानकारी देते हुए समाजसेवी राजेश कुमार ने बताया कि इस प्रतियोगिता में। प्रथम इनाम 61 हजार रुपये का वहीं दूसरा ईनाम 41 हजार रुपये का है।  उन्होंने बताया कि इस मौके पर 60 र्वाों से अधिक बुड्ढों की दौड़ भी करवाई जाएगी।


महाशिवरात्रि मेला 21 को, पदयात्रा चार को

*********************************
*****************************
कनीना। 21 फरवरी को कनीना खंड के गांव बाघोत में महाशिवरात्रि के पर्व पर प्रदेशभर का विख्यात मेला भरने जा रहा है। इस मेले में जहां सर्दी के मौसम में कम कावड़ चढ़ती है वही गर्मियों में शिवरात्रि मेले पर अपार संख्या में कावड़ अर्पित की जाती है। स्वयंभू शिवलिंग पर इस दिन भारी संख्या में भक्तजन गंगा जल अर्पित करते हैं। मेले के संबंध में 46 कावड़ अर्पित करने वाले सुमेर सिंह चेयरमैन तथा 27 कावड़ करने अर्पित करने वाले अनिल कुमार का कहना है कि महाशिवरात्रि तथा शिवरात्रि मेले में जहां गंगा जल अर्पित करने के लिए अपार भक्त आते वहीं इस मेले में दूरदराज से श्रद्धालु यहां आकर धोक लगाते हैं। यहां स्वयंभू शिवलिंग हजारों वर्ष पुराना है। यहां राजा दिलीप, पिपलाद जैसे तपस्वी ऋषियों ने भी तपस्या की थी। इसी वाघेश्वरी धाम के शिवलिंग को जहां उखाड़ फेंकने के भी वर्षों पूर्व राजाओं ने प्रयास किए थे किंतु असफल रहे थे। वही यहां हर सोमवार को अपार भीड़ जुटती है किंतु शिवरात्रि और महाशिवरात्रि के दिन ही बड़े मेले लगते हैं। मेले में पूरे ही प्रदेश से जहां का व्रत करने वाले पहुंचते हैं वही प्रदेशभर से नि:संतान भक्तजन आते हैं। इसी मेले के दृष्टिगत सुमेर सिंह चेयरमैन कनीना निवासी कनीना से बाघोत तक 16 फरवरी को  पदयात्रा करने जा रहे हैं जिसमें भारी संख्या में लोग शामिल होने की संभावना है।


अब हर सप्ताह में अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाएगा 

*************************************
***************************************
कनीना। कनीना क्षेत्र में अब हर सप्ताह दो बार अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाएगा।
ये विचार नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने यहां व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि विगत दिनों कनीना अतिक्रमण हटाया था वही दुकानों के सामने से विभिन्न प्रकार के साइन बोर्ड वगैराह हटाए थे, उन स्थानों पर फिर से अतिक्रमण हो गया है। उन्होंने कहा कि अब हर सप्ताह अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाएगा, जो लगातार चलता रहेगा जब कि अतिक्रमण पूर्ण रूप से समाप्त न हो जाएगा। उन्होंने कहा कि राहगीरों एवं वाहन चालकों को आवागमन में दिक्कत आ रही है वहीं अतिक्रमण करते हुए दुकानदार अपने सामान को बाहर रखकर बेच रहे हैं जिसका खामियाजा राहगीर भुगत रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि कन्या कस्बे में अतिक्रमण पूरे यौवन पर है। बस स्टैंड और इसके आसपास विभिन्न गलियों से पैदल निकल पाना भी कठिन हो रहा है। सब्जी विक्रेता हो या ठेले पर फल लगाने वाले लगाने वाले हो। साइन बोर्ड लगाने वाले दुकानदार हो या परचून की दुकान, बहुत से दूर तक अतिक्रमण किए हुए है। दुकानों के अंदर जितनी जगह उससे दोगुनी जगह सड़क पर घेर लेते हैं। सर्दी में जहां मूंगफली विक्रेताओं ने तो मूंगफली की ढेर सड़क के किनारे लगा रखे है। जब कोई सड़क के किनारे साइड लेते वक्त उनकी मूंगफली, सब्जी या साइन बोर्ड को छू जाता है तो समझो आफत आ जाती है। हाथापाई पर उतर आते हैं। सरकार अतिक्रमण हटाने के लिए सख्त है किंतु कुछ दुकानदार हद कर रहे हैं जिसके चलते राहगीरों के लिए परेशानी बढ़ रही है। आवागमन में परेशानी हो रही है।



रेडियो युग गायब, कबाड़ में इक्का दुक्का रेडियो मिलेगा 

**************************************

*****************************************
कनीना। किसी जमाने में रेडियो का बहुत अधिक प्रचलन होता था वह अब सिमटता जा रहा है। जहां रेडियो की मांग घटी है वही आधुनिक बिजली के यंत्र तथा संगीत के आधुनिक साधनों विशेषकर मोबाइल की मांग बढ़ी है। जब से मोबाइल आए हैं तब से रेडियो की मांग और भी कम होती चली गई है। जब कभी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कही तो रेडियो को ढूंढकर लाना पड़ा। गांवों में तो एक या दो रेडियो ही मिल पाते हैं।
 किसी जमाने में ग्रामीण क्षेत्र में रेडियो ही एकमात्र संगीत ,समाचार एवं विविध जानकारी का प्रमुख साधन होते थे। दूरदराज ग्रामीणों में तथा ट्यूबवेल पर रहने वाले लोगों के लिए सूचनाएं प्राप्त करने का एक मात्र साधन रेडियो ही होता था किंतु अब रेडियो इक्का-दुक्का कहीं देखने को मिल सकता है।
 कनीना के पुराने किसान राजेंद्र सिंह तो आज भी रेडियो को अपने बहुत करीब रखते हैं और किसानों की किसानों संबंधित जानकारी रेडियो से ही प्राप्त करते हैं। उनकी सबसे अहम चीज रेडियो है और रेडियो के बिना भी एक पल भी दूर नहीं हो सकते हैं। संगीत में कम रुचि रखते हैं लेकिन किसानों संबंधित, कृषि संबंधित जानकारी में विशेष रुचि रखते हैं वहीं दूसरी ओर शिक्षा क्षेत्र में नाम कमाने वाले राज्य अवार्डी शिक्षक बनवारीलाल ककराला ने बताया कि वे अपने ट्यूबवेल पर रहते हैं और उन्हें समाचार एवं कृषि से लगाव होने के कारण रेडियो पास में रखते हैं। रेडियो से ही उन्हें अहम जानकारियां मिलती है और अपना समय भी सही सलामत बिताते हैं वहीं पर कृषि संबंधित कार्य भी बेहतर ढंग से कर सकते हैं। कृषि संबंधित जानकारी रेडियो पर समय-समय पर परिषद प्रसारित होती है जिनका वे लाभ उठा रहे हैं। उन्होंने बताया कि जब एक छोटे होते थे तो रेडियो ही उनकी प्रमुख मांग और हॉबी होती थी मनोरंजन का साधन भी रेडियो होता था किंतु अब समय के साथ-साथ बदलाव आ गया है और रेडियो से दूरी बढ़ती चली जा रही है। मोबाइल क्रांति ने तो रेडियो ही खा लिया है परंतु वह आज परंतु वह आज रेडियो के शौकीन है। उधर रेडियो विक्रेेता रवि कुमार एवं सुरेश कुमार ने बताया कि अब वह जमाना लद गया है जब रेडियो की मांग थी। कभी दिन में कई कई रेडियो बिकते थे वो अब सप्ताह में एक या दो बिक पाते हैं। जबकि आज के दिन रेडियो में ही चिप लगने लग गई है। टीवी एवं मोबाइल क्रांति के चलते रेडियो की मांग घटी है और उनकी रोटी रोजी मोबाइल ने छीन ली है। कभी रेडियो सुधारने एवं नए रेडियो बेचने का कार्य करते थे किंतु अब यह रोटी रोटी का साधन सिमटता जा रहा है और वे मजबूरन किसी अन्य किसी रोटी रोजी के साधन की ओर लालायित हो रहे हैं।
फोटो कैप्शन 4: स्टेट अवार्डी पूर्व प्राध्यापक बनवारीलाल ककराला।

No comments: