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Wednesday, February 12, 2020

आत्म विश्वास जीवन में सफलता की कुंजी- प्रो कर्मवीर
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कनीना। श्रीकृष्ण राजकीय महाविद्यालय के तत्वाधान में राष्ट्रीय सेवा योजना का सात दिवसीय विशेष शिविर में दूसरे दिन श्रीकृष्ण धर्मशाला एवं पुस्तकालय भवन रामबास में सफाई अभियान चलाया और योग की शिक्षाएं ली।
 इस मौके पर प्रो कर्मवीर सिंह ने कहा कि आत्म विश्वास ही इंसान के जीवन में सफलता की कुंजी होती है। जिसमें आत्म विश्वास नहीं वो सफल नहीं हो पाएगा। उन्होंने कहा कि इंसान को कठिन से कठिन परिस्थितियों में नहीं घबराना चाहिए और आत्म विश्वास के साथ आगे बढऩा चाहिए। साथ में मेहनत से जी नहीं चुराना चाहिए।
उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को हमेशा समाज सेवा के लिए तत्पर रहना चाहिए अपना व्यक्तित्व का विकास करके समाज और राष्ट्र का निर्माण करना चाहिए और राष्ट्रीय सेवा योजना के द्वारा आज का युवा समाज के लिए आदर्श स्थापित कर सकता हैं।
  उन्होंने उपस्थित छात्र और छात्राओं को स्वच्छता के महत्व पर प्रकाश डालते हुए प्रेरित किया कि जहां साफ और सफाई होती है वही देवता निवास करते हैं। इसी दौरान बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के अभियान को आगे बढ़ाते हुए कहा कि बेटियां आज समाज में सबसे आगे सर्वोपरि है बेटियां हर क्षेत्र में आज अपने देश का नाम रोशन कर रही है चाहे वो खेल का मैदान हो सह शिक्षा का क्षेत्र हो चाहे राष्ट्रीय सेवा योजना हो।
 उन्होंने कहा कि विद्यालय के सभी छात्र और छात्राओं को राष्ट्रीय इकाई से जुडऩा चाहिए इससे उनमें स्वावलंबन और राष्ट्रीय सेवा की भावना जागृत होगी जिससे एक समृद्ध राष्ट्र का निर्माण होगा। इस मौके पर स्वयंसेवकों ने सफाई अभियान चलाया और पुस्तकालय की सफाई की।
  उल्लेखनीय है कि मंगलवार को कंवाली कालेज द्वारा गोद लिए गांव रामबास में सात दिवसीय एनएसएस शिविर का शुभारंभ श्रीकृष्ण राजकीय महाविद्यालय के प्राचार्य डा पदमभूषण आर्य ने किया था।। इस अवसर पर महाविद्यालय कव्वाली से पधारे कार्यक्रम अधिकारी सुमित्रा यादव, डॉ राकेश भारती, पूर्व पार्षद सत्येंद्र यादव, पंचायत समिति सदस्य चांद सिंह, फूल सिंह हजारीलाल, राजेंद्र सिंह, हंसराज, बाबू बिहारी लाल, श्रीकृष्ण धर्मशाला एवं पुस्तकालय समिति के सदस्य सहित गणमान्य जन उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 1: सफाई करने के लिए उद्यत एनएसएस स्वयंसेवक।

जीआर स्कूल में किया गया एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन

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कनीना। जीआर इंटरनेश्नल स्कूल कनीना में बुधवार को आक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा एक कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें सबीना पिल्लई प्रशिक्षिका के तौर पर उपस्थित रही। उन्होंने उपस्थित स्टाफ सदस्यों को बच्चों के सर्वांगीण विकास में उठाए जाने वाले कदमों पर विस्तृत चर्चा करते हुए अपने विचार साझा किए।
 उन्होंने बताया कि वर्तमान समय प्रतियोगिता का समय है। ऐसे समय में हमें अंग्रेजी भाषा पर बल देकर विद्यार्थियों में इसकी रुचि जागृत करनी चाहिए। प्रतिस्पर्धा के इस युग में हमें दूसरी भाषाओं का ज्ञान भी होना चाहिए। उन्होंने स्टाफ सदस्यों के समक्ष बच्चों को अंग्रेजी भाषा सिखाने के अनेक गुर बताए। इस अवसर पर विद्यालय के संचालक विजयपाल यादव व प्राचार्य दीपक वशिष्ठ भी मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 2: जीआर स्कूल में सबीना का स्वागत करते प्राचार्य।




कामाख्या-जैसलमेर का कनीना खास रेलवे स्टेशन पर ठहराव हो

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 कनीना। लंबे समय से कनीना खास रेलवे स्टेशन पर फास्ट तथा सुपरफास्ट ट्रेनों के ठहराव किए जाने की मांग कनीनावासी एवं दैनिक रेल यात्री संघ करते आ रहे हैं। बार-बार धरना प्रदर्शन करने के उपरांत मंत्रियों एवं विधायकों को ज्ञापन देने के बावजूद भी कनीना खास उपमंडल के रेलवे स्टेशन पर फास्ट एवं सुपर फास्ट ट्रेन ठहराव नहीं कर रही हैं।
यहां जारी एक बयान में मुकेश नंबरदार पार्षद, रवि कुमार, सुरेश कुमार, सुरेंद्र सिंह, अजीत कुमार, भीम सिंह, राजेंद्र सिंह आदि ने ने कहा कि विधायकों, सांसदों एवं मंत्रियों की सुस्ती के चलते हैं कामाख्या-जैसलमेर ट्रेन जहां सतनाली रेलवे स्टेशन पर रुकने लग गई है वही उपमंडल कनीना के स्टेशन कनीना खास पर ठहराव नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि बड़ी संख्या वोट इस क्षेत्र से उनको  मिले थे लेकिन फिर भी उनकी उदासीनता दर्शा रहे हैं। जिसके चलते कनीना और आसपास के लोग ट्रेन रोके जाने की मांग को लेकर परेशान है। उन्होंने कहा कि यदि इस ट्रेन का कनीना खास पर ठहराव शुरू हो जाए तो दूर-दराज तक यात्रियों को आने जाने में सुविधा मिलेगी वहीं सांसद एवं मंत्रियों के आभारी रहेंगे।
 उल्लेखनीय है कि कनीना खास रेलवे स्टेशन उपमंडल कनीना का रेलवे स्टेशन होने के अतिरिक्त सैनिकों की नगरी नाम से जाना जाता है। यहां फास्ट एवं सुपरफास्ट ट्रेन ठहराव की विशेष आवश्यकता है। उपमंडल के कार्यों के दृष्टिगत भी यहां ट्रेन का ठहरा किया जाए। क्षेत्रवासियों के  प्रयास के बावजूद भी कनीना खास रेलवे स्टेशन पर ट्रेन का ठहराव तक नहीं किया जा रहा है।
  क्या-क्या सुविधाएं हैं अनाज मंडी में-
कनीना अनाज मंडी जहां 1939 की बड़ी अनाज मंडी है वहीं सभी बैंकिंग सुविधाएं, व्यापारिक प्रतिष्ठान, कालेज, उपमंडल के सभी कार्यालय, एक दर्जन स्कूल, आधा दर्जन सरकारी स्कूल तथा
कई अन्य संस्थानों के अतिरिक्त कैंटीन भी यहां सैनिकों की कैंटीन भी यहां है। इतना होते हुए भी कनीना खास रेलवे स्टेशन को नकारा गया है।  मूलभूत सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं। बार बार निवेदन करने के पश्चात ही बुकिंग खिड़की शुरू हुई है किंतु अभी तक कोई भी फास्ट सुपर फास्ट ट्रेन ठहराव नहीं करती है।
क्या कहते हैं यहां के लोग-
 कनीना मंडी के मुकेश नंबरदार का कहना है कि कनीना खास रेलवे स्टेशन 1939 से पहले का बना हुआ है और उपमंडल का दर्जा होते हुए भी ट्रेन की सुविधाओं से महरूम है। विभिन्न अधिकारी, व्यापारी, दैनिक यात्री, भारी संख्या में दिल्ली चंडीगढ़, बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर आदि स्थानों पर जाते हैं किंतु उनके लिए कोई ट्रेन सुविधा नहीं है। उन्हें ट्रेन पकडऩे के लिए भी कम से कम 35 किलोमीटर दूर रेवाड़ी जाना पड़ता है। ऐसे में कनीना खास रेलवे स्टेशन पर ट्रेन ठहराव की सुविधा दी जाए।
सुमेर सिंह पूर्व चेयरमैन कनीना कस्बा के निवासी है जिसका कहना है कि कनीना कस्बे के भारी संख्या में दैनिक यात्री, नौकरी, रोजगार के लिए तथा अधिकारियों को दिल्ली तथा दूरदराज जाना पड़ता है। किंतु उनके लिए ट्रेन की सुविधा नहीं है। ट्रेन पकडऩे के लिए भी उन्हें 35 किलोमीटर दूर रेवाड़ी जाना पड़ता है। नौकरी,साक्षात्कार वगैरह के लिए उन्हें रात को भी जाना पड़ता है। ऐसे में उनको बड़ी भारी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। ऐसे में सभी ट्रेनों का ठहराव होना चाहिए।
कनीना बस स्टैंड के रविंद्र कुमार का कहना है कि कनीना में कम से कम 300 दुकाने है जिनसे सैकड़ों दुकानदार प्रतिदिन सामान लेने के लिए भी दूरदराज आने को मजबूर है। कनीना खास रेलवे स्टेशन से उनको कोई सुविधा नहीं मिल रही है। ऐसे में उनकी मांग है कि कनीना की हर प्रकार से जायज मांगे, सभी फास्ट ट्रेन, सुपरफास्ट ट्रेनों का ठहराव तुरंत पूरी की जाए। उन्होंने उनका कहना है कि बार-बार आंदोलन कर चुके हैं और उनके आंदोलन को इसलिए रुकवा दिया जाता है कि जल्दी ट्रेन का जल्द ही ठहराव करेंगे किंतु ट्रेनों का ठहराव नहीं किया जा रहा है।
 फोटो कैप्शन 3: कनीना खास रेलवे स्टेशन तथा मुकेश नंबरदार रविंद्र कुमार सुमेर सिंह चेयरमैन।

मटर की खेती करके परेशान हैं किसान

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*****************************************  कनीना। कनीना क्षेत्र में हर वर्ष भारी मात्रा में मटर की खेती की जाती है। वर्तमान में मटर की खड़ी खेती आगामी 10 दिनों बाद पैदावार देने लग जाएगी। किसी कंपनी की ओर से बीज लेकर किसान बिजाई करते हैं किंतु उनको उचित लाभ नहीं मिल पाता है। ऐसे में किसान जहां सब्जी के रूप बेचना चाहे तो भी नहीं बिक पाता क्योंकि सब्जी मंडी का अभाव है। कनीना क्षेत्र में  लगभग हर गांव में मटर की खेती करते आ रहे हैं।
किसानों को सब्जी के रूप में मटर बेचने के लिए दूरदराज जाना पड़ता है। अभी तक कनीना क्षेत्र में सब्जी मंडी स्थापित नहीं हो पाई। सब्जी मंडी स्थापना की कार्रवाई जारी है। किसान सब्जी मंडी को लेकर भी परेशान है। मटर को सब्जी बतौर बेचने के लिए होने महेंद्रगढ़ या फिॅर रेवाड़ी आदि जाना पड़ता है।
किसान गजराज सिंह ने बताया कि उन्होंने 2 एकड़ में मटर की खेती की हुई है जिसमें से 1 एकड़ के मटर को सब्जी के रूप में बेचकर कुछ आय कमाना चाहते हैं किंतु उनके लिए सब्जी मंडी दूर पड़ रही है। कनीना में अगर सब्जी मंडी स्थापित हो गई होती तो वे अपनी नकदी फसल को वहां भेज पाएंगे।
अजय कुमार का कहना है कि हर वर्ष मटर नकदी फसल के रूप में उगाई जाती है किंतु उसका समुचित लाभ नहीं मिल पाता। यदि लाभ लेना चाहे तो भी ऐसा ही नजर आता क्योंकि सब्जी मंडी दूर स्थापित है। कंपनी बीज बतौर खरीदने के लिए ले जाती है लेकिन बेहतर दाम नहीं दे पाती। जहां मटर के बीज भी कंपनी देती है। तत्पश्चात उत्पादन होने के बाद खरीदने के लिए आती है किंतु पर्याप्त भाव नहीं मिलते हैं।
कांता ने बताया कि वह कंपनी से बीज लेती हैं और कंपनी 6000 प्रति क्विंटल के हिसाब से प्रति एकड़ 8 क्विंटल तक वापस देेती है। लेकिन यदि बढिय़ा दर्जे के उत्पादन न हो तो वह मटर बीज वापस नहीं लेती। ऐसे में सबसे मोटी दिक्कत आ जाती है कि वह अगर सर्दी आदि से खराब हो गई है तो उस समय किसान परेशान होता है। उनका कहना है कि यदि मटर को सब्जी के रूप में बेचा जाए तो 30 रुपये तक प्रति किलो बिक जाती है किंतु बेचने के लिए दूरदराज पड़ता है। ऐसे में किसानों को कई समस्याएं झेलनी पड़ रही है।
उधर जिला वानिकी अधिकारी मंदीप सिंह यादव ने बताया कि पूरे जिला महेंद्रगढ़ में करीब 1300 एकड़ पर मटर उगाई है। मटर उगाकर किसान बेहतर आय ले सकते हैं। यदि वे सब्जी के रूप में बेचना चाहे तो भी ठीक है वरना किसी कंपनी से लिखित एग्रीमेंट के आधार पर मटर बीज बतौर बेच सकते है। यह एक नकदी फसल है।
 फोटो कैप्शन पांच: मटर की खेती साथ में अजय, गजराज सिंह, कांता किसान।

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