चने के हरे पेड़ भी बिकने लगे
-चने के हरे पौधे भी बिक रहे हैं 40 रुपये किलो
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कनीना। किसान जौ एवं चने की खेती करना भूलते जा रहे हैं। गर्मियों के मौसम में जौ की रोटी, राबड़ी तथा धानी आदि बनाकर प्राकृतिक ठंडक प्राप्त करते थे। अब तो चने के हरे पेड़ भी हर सब्जी की दुकान पर बिक रहे हैं। चने के हरे पेड़ 40 रुपये प्रति किलो बिक रहे हैं।
एक वक्त था जब कनीना क्षेत्र में हजारों एकड़ में जौ एवं चने की खेती की जाती थी। अब वो जौ कहीं दूसरे राज्यों से ही मंगवाएं जा रहे हैं। चने की पैदावार ही नहीं होने से किसानों ने इसकी खेती छोड़ दी है। अब इक्का दुक्का किसान ही अपने खेत में उगाता है। यहां तक चटनी आदि के लिए किसान एक या दो क्योरियों में ही चने उगाते हैं ताकि विभिन्न कार्यों में उपयोग कर सके।
किसान अजीत कुमार, सूबे सिंह एवं राजेंद्र सिंह ने बताया कि एक जमाना था जब हर घर में जौ एवं चने की खेती की जाती थी जिसे पूरी गर्मी आनंद से रोटी एवं अन्य रूपों में प्रयोग किया जाता था। अब जमाना लद गया है। जौ की खेती करना किसान भूल रहे हैं। जौ-चने की रोटी खाने के लिए या फिर धानी एवं भुगड़ा बनवाने के लिए दूसरे क्षेत्रों से जौ खरीदकर लाते हैं। कनीना क्षेत्र में करीब 200 हेक्टेयर भू भाग पर जौ उगाई गई है। चने की खेती कनीना क्षेत्र में 50 हेक्टेयर तक ही सिमट गई है। चने के पौधे के हरे पत्ते चटनी,खाटा का साग, कढ़ी आदि में डालते हैं वहीं हरे चने भी सब्जी एवं चटनी में काम में लेते हैं। हरे चने को भी तलकर ठेले वाले अपनी रोटी रोजी कमाते हैं। चने की खेती को आज भी किसान नहीं भूले हैं। नहरी पानी तथा खेतों की सिंचाई करने से चने की खेती नहीं हो पा रही है। चने को उगाने के लिए एक बार की बारिश ही पर्याप्त मानी जाती थी। सूखा चना 50 रुपये किलो तथा चने की दाल 55 रुपये किलो बिक रही है। होटलों, विवाह शादियों में मेसी रोटी प्रसिद्ध हो रही है वहीं चने के बेशन की कढ़ी ग्रामीण क्षेत्रों में बेहद प्रसिद्ध हो रही है।
हरे चने भी बिकने लगे---
चने की खेती न होने से चने के रहे पेड़ भी बिकने लग गए हैं। चने के पेड़ों पर लगी टाट से हरे चने निकाल कर जहां हरी सब्जियां बनाते हैं वही चटनी आदि के काम में भी लेते हैं। यही कारण है कि हरे चनों की मांग बढ़ती जा रही है और कुछ व्यक्ति विशेष तो हरे चनों से अपनी रोटी रोजी कमा रहे हैं। कुछ लोग तो गाडिय़ां भर कर चने लाते हैं और उन्हें बेचते हैं। मिली जानकारी अनुसार नांगल चौधरी तथा राजस्थान क्षेत्रों से भारी मात्रा में हरे चने लाए जा रहे हैं और यह पौधे युक्त चने बाजार में बेचे जा रहे हैं। जिनकी भारी मांग है। इन चनों को खरीदने वालों की भी कोई कमी नहीं है।
फोटो कैप्शन 7 एवं 8: हरे चनों को खरीदता एक ग्राहक।
पूरी निष्ठा से दे योगदान दे स्वयंसेवक-रविंद्र
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कनीना। कन्या राजकीय कन्या महाविद्यालय उन्हाणी में सोमवार से सात दिवसीय राष्ट्रीय सेवा योजना के तहत शिविर शुरू हुआ। इस मौके पर मुख्य अतिथि सरपंच रविंद्र कुमार
थे।
इस मौके पर रविंद्र कुमार ने कहा कि स्वयंसेवकों को पूरी निष्ठा से राष्ट्रीय सेवा योजना के अभियान में अपना योगदान देना चाहिए। राष्ट्रीय सेवा योजना एक बड़ी योजना है। उन्होंने कहा कि कहा कि किसी भी काम को छोटा नहीं समझना चाहिए। हर काम को बेहतर समझ कर करना चाहिए तभी जीवन में सफलता हासिल हो सकती है। छोटे छोटे कार्यों को भी करने में किसी प्रकार का हिचकिचाहट नहीं होना चाहिए।
इस मौके पर प्राचार्य डॉ विक्रम यादव ने महाविद्यालय की गतिविधियों पर प्रकाश डालते हुए राष्ट्रीय सेवा योजना को एक उसके एक अभिन्न हिस्से के रूप में कार्य करने के लिए छात्राओं को प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि एकता एवं अनुशासन द्वारा स्वयंसेवक ऊंचाइयों को छू सकते हैं। उन्हें कभी भी इन्हें नहीं भूलना चाहिए। उन्होंने कहा कि अनुशासन का पाठ हर जगह सिखाया जाता है जिसकी हर स्थान पर आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि एनएसएस शिविर भी अनुशासन सिखाने का एक बेहतर तरीका है।
राष्ट्रीय सेवा योजना के कार्यक्रम अधिकारी कांता यादव ने भी अपनी सामाजिक भूमिका को सर्वोपरि स्थान देने, राष्ट्रीय सेवा भावना उत्पन्न करने और अपने द्वारा की गई राष्ट्रीय सेवा कार्यों की सूची तैयार करने के संदर्भ में जानकारी दी। इस मौके पर सूबे सिंह, विजेंद्र सिंह, सोमेश अनिल, हरपाल, कविता, दिनेश सिंह आदि भी उपस्थित थे। इस अवसर पर प्राचार्य डा विक्रम सिंह ने रविंद्र कुमार सरपंच को स्मृति चिन्ह भेंट किया।
फोटो कैप्शन 5: रविंद्र कुमार सरपंच को स्मृति चिन्ह भेंट करते विक्रम सिंह।
महेंद्रगढ़ एवं नूह में खोले जाए कैंसर अस्पताल
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कनीना। के नेता समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने महेन्द्रगढ़ तथा नूह (मेवात) में बनाए जाने वाले प्रस्तावित कैंसर अस्पतालों की जगह बदलकर अब अम्बाला तथा टोहाना में कैंसर अस्पताल बनाए जाने की राज्य सरकार की घोषणा को दक्षिणी हरियाणा के खिलाफ बताते हुए केन्द्र सरकार से दोनों अस्पतालों को पूर्व प्रस्तावित जगह महेन्द्रगढ़ तथा नूह में ही बनाए जाने की मांग की है।
बसपा नेता ने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री डा हर्षवर्धन को लिखे एक ज्ञापन में कहा है कि पूर्व केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा ने 29 जुलाई 2017 को भिवानी में मेडिकल कालेज की आधारशिला रखते वक्त महेन्द्रगढ़ और मेवात में दो अलग-अलग कैंसर अस्पताल केन्द्र सरकार की तरफ से खोलने की घोषणा की थी। उस वक्त उन्होंने दोनों अस्पतालों पर अलग-अलग 45-45 करोड़ रुपये आवंटन की भी घोषणा की थी। परन्तु अब हरियाणा सरकार ने इन दोनो कैंसर अस्पतालों की जगह बदलकर अम्बाला और टोहाना में खोलने की घोषणा की है। अतरलाल ने राज्य सरकार के उक्त कदम को दक्षिणी हरियाणा के लोगों के साथ धोखा बताते हुए कहा कि असली जरूरत तो महेन्द्रगढ़ में कैंसर अस्पताल खोलने की है।
उन्होंने कहा कि जिला महेन्द्रगढ़ में कैंसर मरीजों की संख्या ज्यादा है और उन्हें इलाज के लिए 150-200 किलोमीटर दूर दिल्ली और जयपुर जाना पड़ता है और वहां इलाज भी बहुत मंहगा होता है। एक कैंसर मरीज को इधर - उधर से करके भी 10-15 लाख कम से कम खर्च करना पड़ता है। इसलिए उन्होंने केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री को ज्ञापन भेजकर मांग की है कि वह स्वयं हस्तक्षेप करके महेन्द्रगढ़ तथा मेवात में प्रस्तावित कैंसर अस्पतालों को महेन्द्रगढ़ तथा मेवात में ही खोलने के लिए कारगर कदम उठाएं। महेन्द्रगढ़ जिला में प्रस्तावित कैंसर अस्पताल को अटेली विधानसभा क्षेत्र के गांव मिर्जापुर बाछौद में खोला जाए। गांव की पंचायत अस्पताल के लिए भूमि उपलब्ध करवाने के लिए तैयार है। उन्होंने ज्ञापन की प्रतियां भिवानी महेन्द्रगढ़ के सांसद चौधरी धर्मवीर, केन्द्रीय राज्य मंत्री राव इन्द्रजीत सिंह, हरियाणा के राज्य मंत्री औमप्रकाश यादव तथा अटेली-महेन्द्रगढ़ व नांगल चौधरी के विधायकों क्रमश: सीताराम यादव, राव दान सिंह व डॉ. अभय सिंह को भेजकर महेन्द्रगढ़ में ही कैंसर अस्पताल खुलवाने के लिए जोरदार पैरवी करने की मांग की है।
50 लोगों को कपड़े वितरित
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कनीना। मंगौरी देवी माता मन्दिर सेवा समिति और आम जन विकास सेवा समिति ने कनीना में भिन्न भिन्न जगह झुग्गियों में रहने वाले जरुरतमंद लोगों को 50 सूट, साड़ी व बच्चों को कपड़ों का वितरण किया।
मंगौरी देवी माता मंदिर सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष तिलक राज शर्मा बाघोत और कनीना पालिका के उप प्रधान कनीना अशोक ठेकेदार ने बताया कि झुग्गियों में रहने वाले लोगों को इन कपड़ों की जरूरत थी ऐसे में उन्होंने ये कपड़े खुशी खुशी ग्रहण किए। इस मौके पर अशोक कुमार ठेकेदार उप प्रधान ने कहा कि जनसेवा से बड़ी कोई सेवा नहीं है। जनसेवा करने वाले सदा नाम कमाते हैं और ऐसे लोगों को समाज की आवश्यकता है। अगर समाज में ऐसे लोगों का समूह बन जाए तो किसी के दुख तकलीफ को दूर किया जा सकता है।
झुग्गी बस्तियों में रहने वालों ने उनको कपड़े पहुंचाने के लिए मंगौरी सेवा समिति और आम जन विकास सेवा समिति को धन्यवाद दिया और बीच-बीच में आने के लिए समिति के लोगों से निवेदन भी किया। आम जन विकास सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप शर्मा झांसवा ने समिति की तरफ से सभी कनीना वासियों से आग्रह किया की यदि आपके पास ऐसे गर्म एवं सामान्य कपड़े हैं जो किसी जरूरतमंद को देने योग्य हैं और अच्छी स्थिति में हैं तो हमें सूचित करें। जिन्हें वे जरूरतमंद लोगों तक पहुंचाएंगे। इससे जन सेवा का उद्देश्य पूरा हो जाएगा।
इस मौके पर समिति की ब्लाक प्रधान माया देवी कनीना, प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप शर्मा झांसवा, उप सचिव शिव नारायण पूनिया पंच झाल, जिला रेवाड़ी प्रधान ओमप्रकाश सुरेहली, सन्नी कुमार गुरुग्राम, समाजसेवी संजीव कुमार लूखी, संदीप कुमार इत्यादि सदस्य मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 3: झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को कपड़े वितरित करती संस्था।
शादी में गए युवक की हादसे में मौत
-चार बहनों पर इकलौता पुत्र था
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कनीना। कनीना से 20 किमी दूर दौगडा अहीर के पास हुए सड़क हादसे में सुन्दरह के मनोज की मौत हो गई। मृतक की मां की शिकायत पर कार्रवाई करते हुए शव का महेंद्रगढ़ अस्पताल में पोस्टमार्टम करवा परिजनों को सौंप दिया।
पुलिस से प्राप्त जानकारी के अनुसार मृतक की मां इंद्रावती ने दी शिकायत में बताया कि सोमवार की शाम उसके लड़के मनोज को गांव का ही लड़का घर से शादी में लेकर गए थे। रात समय तीन चार लोग उसके लड़के मनोज को गाड़ी में डालकर लाए उसे बेहोशी की हालत में चारपाई पर सुलाकर चले गए। इसके बाद वह अपने लड़के मनोज को भोजावास के निजी डॉक्टर के पास लेकर गई वहां चिकित्सक ने उसे मृत बताया।
मिली जानकारी के अनुसार मनोज गांव के ही एक लड़के के साथ उसकी बाइक पर कहीं शादी में गया था। वापस आते समय गांव दौगडा अहीर के पास बाइक का दुर्घटना हो गई जिसमें दोनों को चोटें लगी। इस सड़क हादसे में लगी चोटों के कारण उसके भतीजे का देहांत हो गया।
मृतक मनोज घर में चार बहनों का इकलौता भाई था। चार बहनों का इकलौता भाई था। मनोज मेहनत मजदूरी का काम करता था जो अविवाहित था। एक अन्य युवक को कनीना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जिसे गंभीर चोटें आई है जिसको अस्पताल के चिकित्सकों ने रोहतक रेफर कर दिया है। पुलिस ने मृतक का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया तथा पुलिस इंस्पेक्टर सुमन ने बताया कि हमने मृतक के परिजनों के बयान पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है। वही इस दर्दनाक हादसे की सुचना के बाद समूचे गांव में मातम छाया है।
कनीना बस अड्डे पर आवारागर्दी बढ़ी
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कनीना। कनीना बस स्टैंड पर आवारागर्दी बढ़ गई है जिसको लेकर यहां आने वाले यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है।
कनीना बस स्टैंड पर आई सुमित्रा, रजनी, प्यारेलाल, सुनीता ने बताया कि लब वे कनीना आकर बस स्टैंड पर उतरे तो इस स्टैंड पर कुछ आवारा लोगों ने हुड़दंग मचा रखा था जो सरेआम सबको गंदी-गंदी गाली-गलोच कर रहे थे। वही दूसरी तरफ ताश खेलने वाले की भी यहां भीड़ लगी हुई थी जिसको देख कर ऐसा लग रहा था कि ये बस स्टैंड नही बल्कि आवारागर्दी की शरणस्थली बना हुआ है। महिलाओंं ने प्रशासन से मांग कर बस स्टैंड पर शराब पीकर आने वाले तथा यहा ताश खेलने वालों पर शिकंजा कसने की गुहार लगाई है ताकि बस स्टैंड पर आने वाली बहन-बेटियों को किसी भी प्रकार की समस्या पैदा न हो सके। वही सीटी इंचार्ज गोबिन्द यादव ने बताया कि उन्हें इस बाबत कोई सूचना नहीं दी थी और भविष्य में यहां विशेष ध्यान रखा जाएगा।
कड़ी मशक्कत से भागते हैं बंदर
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कनीना। कनीना क्षेत्र में बंदर एक बड़ी समस्या बन कर उभर रहे हैं। बंदरों को भगाने के लिए दिनभर कड़ी मशक्कत करनी पड़ती है। पटाखे, गुलेल आदि से उन को भगाया जाता है। पिछले दो साल में करीब आधा दर्जन व्यक्तियों को बंदरों ने काटा है।
कनीना क्षेत्र में करीब 200 बंदर विभिन्न स्थानों पर घूमते रहते हैं। बंदरों को भगाने के लिए दिनभर प्रयास किए जाते हैं। यह बंदर इतने शरारती है कि पानी की टंकी, एंटीना, तार आदि को तोड़ कर ही दम लेते हैं यह बंदर अगर भगाने का प्रयास करें तो काट खाते हैं। महिलाओं सहित करीब आधा दर्जन व्यक्तियों को अब तक बंदरों ने काटा है। बंदरों को भगाने के लिए विभिन्न प्रयास किए जाते किंतु असफल रहते हैं। बंदरों को पकड़वाने के लिए शिव कुमार अग्रवाल कनीना मंडी में बार-बार प्रयास किया है और उनके बार-बार आरटीआई के चलते अब तक एक बार ही करीब एक सौ बंदरों को पकड़ा गया है। एक बार फिर से बंदरों को पकड़वाकर दूर भिजवाने की मांग उठ रही है। कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार का कहना है कि बंदरों को पकड़वाकर दूर छुड़वाने के लिए पालिका प्रयास कर रही है। जल्द ही कोई समाधान निकल आने की संभावना है।
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