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Tuesday, February 18, 2020

महाशिवरात्रि की तैयारियां जोरों पर 
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 कनीना। महाशिवरात्रि पर्व 21 फरवरी को क्षेत्र में मनाए जाने की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। जहां बाघेश्वरी धाम पर विशाल मेला लगने जा रहा है वहीं कुछ कावड़ भी अर्पित की जाएंगी। इस मेले में लाखों भक्त जन स्वयंभू शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करते हैं। विगत सैकड़ों वर्षों से यहां महाशिवरात्रि के पर्व पर भारी भीड़ जुटती है। मेले को लेकर के तैयारियां शुरू हो गई है। इस मेले में दूरदराज से भक्तजन पहुंचेंगे। वहीं महाशिवरात्रि के दिन कनीना क्षेत्र में कई जगह तथा आसपास गांव में शिवालयों में महाशिवरात्रि पर्व मनाया जाएगा।
 कनीना के 21 फुट शिव प्रतिमा वाले पर गंगाजल अर्पित किया जाएगा। वहीं शिवालयों में धूम रहेगी। महाशिवरात्रि पर गाजर और बेर की बहुत अधिक मांग होती है। वही बेलपत्र के पत्ते भी अर्पित किए जाते हैं। ऐसे में और गाजर, बेर का प्रबंध भक्तजन करने में जुट गए हैं।
करीरा के महावीर सिंह किसान अब बेरों की तुड़ाई में लग गए हैं। महावीर सिंह किसान ने बताया कि उन्होंने 73 बेरी के पौधे अपने बाग में लगा रखे हैं। जिनके बेर पक कर तैयार हो गए हैं और वे महाशिवरात्रि के दिन सबसे अधिक बेचते हैं। उनके बेरों की दूरदराज तक मांग होती है। यही कारण है कि पहले से ही बेरों की तुड़ाई की गतिविधियां शुरू हो गई है। जल्द ही बेरों को तोड़कर पैकिंग की जाएगी और मेले स्थल पर बिक्री के लिए रखा जाएगा। महावीर सिंह किसान कई वर्षों से बेर की खेती में लगे हुए और अपार सफलता पा रहे हैं।
 उन्होंने बताया कि इस बार उन्होंने अपनी बेरी का बाग ठेके पर नहीं दिया और स्वयं ही पूरा परिवार बेेरी की देखभाल में जुटे हुए हैं। महावीर सिंह ने बताया कि इस बार ठंड अधिक पडऩे से जहां बेरों को अधिक नुकसान पहुंचा है वहीं ठंड से बेर गिर गए हैं। इतना होते हुए बेरों की अच्छी पैदावार होने के आसार है।
 उनके बेरी के बाग में जहां दो प्रकार की बेरी के पौधे लगे हुए हैं। एक मोटे बेर वाले तथा एक गोल बेर वाले। उन्होंने बताया कि जो बड़े बेर होते हैं उनका समय बीत चुका है। गोल बेर जिन्हें देशी बेर कहा जाता है पक कर तैयार हो चुके हैं।  पूरा परिवार जहां बगीचे की देखभाल कर रहा है। वहीं 21 फरवरी को विभिन्न स्थानों पर इन बेरों की बिक्री करेंगे।
उन्होंने बताया कि उन्होंने काली गाजर भी उगा रखी है। जिनकी मांग बहुत अधिक होती है। किंतु यह गाजर महाशिवरात्रि पर अर्पित करने के बाद इससे अनेक पदार्थ तैयार करेंगे। उल्लेखनीय है कि महावीर सिंह किसान हर वर्ष महाशिवरात्रि पर बेरों की बिक्री करते हैं। इस बार बेरों से कैंडी बनाने जा रहे हैं वहीं बाजरे के बिस्कुट भी बनाने की तैयारी में जुटे हुए हैं। उन्होंने बताया कि महाशिवरात्रि पर शिव भोले को बेर अर्पित करने के बाद
त्वरित गति से इस कार्य में जुट जाएंगे।
  शिवरात्रि को लेकर जहां बेर तथा गाजर के प्रबंध तैयारियां शुरू कर दी गई है। उल्लेखनीय है कि 21 फरवरी को बाघेश्वरी धाम पर महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जा रहा है वहीं जुलाई माह में शिवरात्रि के पर्व पर भारी संख्या में कावड़ अर्पित की जाती है। बागेश्वरी धाम प्राचीन धामों में से एक है तथा यहां स्रद्म कावड़ मेला भी पूरे ही भारत भर में प्रसिद्ध है।
फोटो कैप्शन 3 व 4: बेरी के बरों को निहारते महावीर किसान।


युवती हुई लापता, पुलिस ने किया मामला दर्ज 

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कनीना। कनीना उपमंडल के एक गांव से घर से कूड़ा डालने गई युवती के घर वापस नहीं लौटी है। परिजनों की ािकायत पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
  लापता युवती के परिजनों ने पुलिस में बताया कि 16 फरवरी को उनकी लड़की सुबह घर से कूड़ा डालने के लिए गई थी। जिसके बाद वह वापस घर नहीं लौटी। कई स्थानों पर तलाश करने के बाद भी नहीं मिली है। उन्होंने राजस्थान के रवि पर शंका जताई है कि उन्होंने उनकी लड़की को किसी अज्ञात स्थान पर छुपा रखा है। पुलिस ने युवती के परिजनों की शिकायत पर राजस्थान निवासी रवि के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।


 विद्यार्थियों पर ध्यान दें अभिभावक-रामेश्वर दयाल

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 कनीना। विद्यार्थियों पर सभी अभिभावक कम से कम एक घंटा ध्यान दें तो निसंदेह विद्यार्थियों में निखार आएगा। ये विचार रामेश्वर दयाल वरिष्ठ प्रवक्ता डाइट ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा में आयोजित मेगा पीटीएम( भिभावक शिक्षक संगोष्ठी) में व्यक्त किए।
 उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूल के शिक्षक किसी प्रकार किसी से कम नहीं हैं और विद्यार्थी भी कम नहीं होते हैं किंतु फर्क इतना है कि सरकारी स्कूल के विद्यार्थियों पर अभिभावक ध्यान नहीं देते। यहां तक कि विद्यार्थियों को हर प्रकार की सुविधा सरकारी तौर पर मिल रही किंतु उनका सदुपयोग नहीं करते। अगर निजी स्कूलों को देखें तो वहां जाने वाले विद्यार्थियों पर पूरा ध्यान अभिभावक देते हैं। जिसके चलते अभिभावक और विद्यार्थी दोनों पढऩे को मजबूर हो जाते हैं। यहां तक कि सरकारी स्कूलों में विद्यार्थी घर पर जाने के बाद अभिभावक उन पर ध्यान नहीं देते। उन्होंने कहा कि यदि अभिभावक समय समय पर स्कूल आए, शिक्षकों से मिले, विद्यार्थी की रिपोर्ट ले, किसी प्रकार की समस्या हो तो उसे अवगत कराएं। तब जाकर विद्यार्थी नियमित हो जाएंगे और अच्छे अंक प्राप्त करेंगे।
इस अवसर पर प्राचार्य कृष्ण सिंह ने कहा कि  विद्यार्थी समय पर स्कूल नहीं आते और अनुपस्थित अधिक रहते हैं जिसके चलते परीक्षा परिणाम बेहतर नहीं आते। यदि  अभिभावक अपने विद्यार्थियों को नियमित रूप से स्कूल भेजे तो आने वाले समय में परिणाम बेहतर और सुखद आएंगे। उन्होंने विद्यार्थियों पर पूरा ध्यान देने पर बल दिया। इस अवसर पर इएसएचएम महिपाल सिंह, शिक्षक राजवीर सिंह मालड़ा, प्राध्यापक अनूप सिंह, हंसराज प्राध्यापक सहित विभिन्न अभिभावक मौजूद थे।
फोटो कैप्शन ़1: रामेश्वर दयाल अभिभावकों को पीटीएम की जानकारी देते हुए।

कारगर हो रही है संरक्षित खेती

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कनीना। कनीना क्षेत्र के किसान अब बेहतर पैदावार एवं लाभ कमाने के उद्देश्य से संरक्षित खेती की ओर आकर्षित होने लगे हैं। ढाणा, भोजावास, करीरा एवं मोड़ी आदि गांवों के किसान इसी विधि का उपयोग कर रहे हैं। अब तो गांव गांव में किसान इसी विधि का उपयोग कर रहे हैं।
  खुले में कृषि करना समस्याओं एवं जोखिम भरा कार्य है। ऐसे में किसानों के विकास एवं लाभ के लिए संरक्षित खेती करने किसानों को इस पर अनुदान देने व प्रशिक्षण देने का काम त्वरित गति से चल रहा है। संरक्षित खेती से अभिप्राय है कि खेती को मौसम के जोखिम से बचाकर रखा जाए। संरक्षित खेती के लिए किसान अनेक तरीके अपनाने लगे हैं जिनमें पाली हाउस ग्रीन हाउस तथा नेट हाउस काम में लाए जा रहे हैं। अपनी उपयोगिता के अनुसार किसान अपने खेत में लगा रहे हैं तथा अनुदान प्राप्त कर रहे हैं।
  ढाणा के अग्रणी किसान महाबीर सिंह अनुसार सरकार कुल लागत पर अनुदान दे रही है। एक एकड़ में पाली हाउस की लागत करीब 30 लाख रुपये खर्चा आता है जिस पर करीब दस लाख किसान को चुकाना पड़ता है तथा शेष सरकार वहन करती है। एक एकड़ में नेट हाउस जिसे जालीदार गृह भी कहते हैं कि लागत करीब 22 लाख रुपये खर्चा आता है जिस परआठ लाख किसान को चुकाना पड़ता है तथा शेष सरकार वहन करती है।
  मोड़ी का किसान गजराज सिंह करीरा का किसान महाबीर सिंह भोजावास का किसान सत्यवीर सिंह आदि इस प्रकार के हाउस लगाकर न केवल फसल अपितु सब्जियां उगाकर लाभ कमा रहे हैं।
  पूर्व कृषि अधिकारी डा देवराज यादव ने बताया कि पाली हाउस एक एकड़ में बना लोहे के पाइपों से बना ढांचा होता है जिस पर पोलीथिन ढका होता है ताकि धूप तेज बरसात हानिकारक कीटों से बचाया जा सके। पाली हाउस एवं नेट हाउस इजरायल देश की देन है। नेट हाउस में लोहे से बना एक ढांचा होता है जिसे जाली से ढका जाता है ताकि हानिकारक कीट व आवारा जंतु न आ जा सके। सरकार द्वारा पाली व नेट हाउस पर प्रथम बार फसल उगाने पर एक एकड़ के लिए खाद व बीज आदि का अनुदान दिया जाता है जो बेहतर पहल एवं सकारात्मक पहल है।
फोटो कैप्शन 2: संरक्षित फसल का एक दृश्य।



दयानंद के पदचिह्नों पर चलने की जरूरत-मोहर सिंह

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कनीना। महर्षि दयानंद के जन्म दिन पर आर्य समाज मंदिर कनीना में हवन आयोजित किया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि प्रधान राव मोहर थे। स्वामी दयानंद का जन्म 18 फरवरी 1824 को हुआ था।
राव मोहर सिंह ने कहा कि आर्य समाज का काम समाज में व्याप्त बुराइयों का अंत करना है। आर्य समाज ने महर्षि दयानंद के वक्त से समाज में व्याप्त बुराइयों का नाश करना शुरू किया था जो आज भी उनके पदचिह्नों पर चलकर दूर की जा रही हैं। उन्होंने कहा की आज हम सबको स्वामी दयानंद  के बताए मार्ग पर चलने की शक्त जरूरत है वरना हमारा देश संस्कारों में काफी पीछे चला जाएगा। उन्होंने कहा की हमें आर्यव्रत समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने की जरूरत है जिससे हमारा तो भला होगा ही साथ में समाज में फैली बुराइयां भी दूर हो जाएगी और एक स्वच्छ समाज की शुरूआत होगी। समाज की बुराइयों को मिटाने में अहं योगदान दे सकती हैं। उन्होंने कहा की आज हम सबको स्वामी दयानंद  के बताए मार्ग पर चलने की  जरूरत है वरना हमारा देश संस्कारों में काफी पीछे चला जाएगा। उन्होंने कहा की समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने की सख्त से सख्त जरूरत है जिससे समाज का भला हो पाएगा वरना समाज गर्त में चला जाएगा।
इस अवसर पर राव मोहर सिंह, सरल लता , विनय एडवोकेट, मनफूल आर्य, प्रेम आर्य, बलवान आर्य ,ओमप्रकाश आर्य समेत अनेकों गणमान्य जन उपस्थित थे ।
फोटो कैप्शन 2: आर्य समाज मंदिर में हवन करते हुए आर्य समाजी।


वार्षिक परीक्षाएं 17 मार्च से

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कनीना। हरियाणा के सरकारी स्कूलों में कक्षा प्रथम से आठवीं तक की वार्षिक परीक्षाएं 16 मार्च से शुरू होकर 25 मार्च तक चलेगी। विस्तृत जानकारी देते हुए धर्मपाल शर्मा अध्यापक नेता ने बताया कि कक्षा प्रथम से पांचवीं कक्षा तक 19 मार्च को अंग्रेजी, 20 मार्च को हिंदी, 21 मार्च को गणित। कक्षा तीन  से पांच तक 25 मार्च को ईवीएस की परीक्षा आयोजित होगी।
कक्षा छठी में 17 मार्च को हिंदी, 18 मार्च अंग्रेजी, 19 मार्च संस्कृत, 20 मार्च विज्ञान, 21 मार्च कला, 24 मार्च सामाजिक विज्ञान तथा 25 मार्च गणित की परीक्षा आयोजित होगी। कक्षा सातवीं में 17 मार्च अंग्रेजी, 18 मार्च विज्ञान, 19 मार्च गणित, 20 मार्च संस्कृत ,21 मार्च सामाजिक विज्ञान, 24 मार्च हिंदी तथा 25 मार्च ड्राइंग की होगी। कक्षा आठवीं की 17 मार्च को गणित, 18 मार्च हिंदी, 19 मार्च अंग्रेजी, 20 मार्च सामाजिक विज्ञान, 21 मार्च संस्कृत, 24 मार्च ड्राइंग (कला) तथा 25 मार्च विज्ञान की परीक्षा आयोजित की जाएगी।


चार घायल सभी की हालात स्थिर

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कनीना। कनीना के उपमंडल कार्यलय के सामने सोमवार की रात एक सड़क दुर्घटना में चार व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हो गए। पुलिस ने मौके पर पंहुच उपचार के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचाया जहां प्राथमिक उपचार के बाद हायर सेंटर रेफर कर दिया गया। जहां उनकी हालात स्थिर है।
घायल बहु झोलरी के निवासी नीरज, भीम, संदीप एवं सोनू कुराहवटा मेले में गए थे। मेला सभी बाइक पर सवार होकर अपने गांव बहु झोलरी जा रहे थे। जब कनीना उपमंडल कार्यालय के सामने एक अज्ञात वाहन ने उनकी मोटरसाइकिल को टक्कर मार दी। जिससे वह सभी गंभीर रूप से घायल हो गए।कनीना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर प्राथमिक उपचार के बाद उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया गया है जहां सभी की हालात ठीक है। पुलिस मामले की जांच में लगी है।

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