Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Saturday, May 27, 2023

 
तेज अंधड से बिजली का तार टूटने से करंट लगकर एक युवक की मौत
-गुस्साए लोगों ने लगाया जाम
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कनीना की आवाज। महेंद्रगढ़ जिले के गांव खैरानी निवासी एक निजी स्कूल के अध्यापक की टूटे हुए बिजली के तारों की चपेट में आने से मौत हो गई। वही इस घटना काफी समय बाद तक कोई बिजली कर्मचारी नहीं पहुंचा तो ग्रामीणों ने विरोध जताया।घटना की सूचना ग्रामीणों ने पुलिस दी। इसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी।
मृतक हेमंत कुमार उर्फ सचिन अटेली के एक निजी स्कूल में अध्यापक के पद पर कार्यरत था। वह बाइक द्वारा अपने गांव से अटेली स्कूल में ड्यूटी पर जा रहा था। तब रास्ते में टूटे हुए बिजली के तारों की चपेट में आ गया।जिससे करंट लग गया। जिसके कारण मौके पर ही उसकी मौत हो गई। आसपास के लोगों ने मौके पर पहुंचकर इसकी सूचना पुलिस व बिजली निगम को दी।सरपंच राहुल यादव ने बताया कि यह हादसा बिजली निगम की लापरवाही के कारण हुआ है।बिजली विभाग के कर्मचारी लाइनों को ठीक नही करते है।रात्रि के टूटे हुए बिजली के तार को सुबह तक भी ठीक नही किया। गुस्साए ग्रामीणों ने कनीना अटेली मार्ग को जाम कर दिया जिससे वाहनों की लाइन लग गई। बाद में एसएचओ संतोष कुमार व कनीना एसडीएम सुरेंद्र सिंह ने लोगो को समझा कर जाम खुलवाया। पुलिस ने शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्ट्म कर लिए भेज दिया।ओर केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है।
फोटो कैप्शन 09 एवं 10: बिजली का टूटा तार एवं घटना, जाम लगाते हुए लोग।








कालेज में पौधारोपण किया
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कनीना की आवाज। राजकीय महाविद्यालय नारनौल के पर्यावरण क्लब और  वनस्पति शास्त्र विभाग के सौजन्य से और प्राचार्य डॉ पूर्ण प्रभा की अध्यक्षता में  पौधारोपण और पक्षियों के लिए शिकोरो को लगाने का आयोजन किया गया। इस मौके पर  हरियाणा शिक्षा बोर्ड के  ज्वाइंट सेक्रेट्री डॉ पवन कुमार शर्मा  मुख्य अतिथि रहे? उन्होंने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि वृक्ष इस धरती के गहने है । पौधारोपण यानी पौधे लगाना। प्रकृति में संतुलन बनाए रखने के लिए तथा अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ बनाए रखने के लिए पेड़-पौधे लगाना बहुत ज़रूरी है। पेड़-पौधों के माध्यम से प्रकृति सभी प्राणियों पर अनंत उपकार करती है। प्राचार्य डॉ पूर्ण प्रभा ने विधार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि जीवित रहना चाहते हैं और अच्छे जीवनयापन करना चाहते हैं तो अधिक से अधिक पेड़ों के बारे में जानना चाहिए और और पौधारोपण में हमें बढ़चढ़ कर हिस्सा लेना चाहिए। वृक्ष ऑक्सीजन के  भंडार है और जीवन  के प्रमुख आधार है। वृक्ष हानिकारक गैसों को अवशोषित करते हैं जिससे वायु शुद्ध और ताज़ी बनती है। तरह  तरह के हरे-भरे पेड़ होंगे अधिक ऑक्सीजन का उत्पादन और अधिक विषैली गैसों को  वृक्ष अवशोषित करेंगे। इस दौरान  एम आर  ग्रुप ऑफ इंस्टिट्यूशन के  चैयरमेन सिया राम विशिष्ट अतिथि रहें। पर्यावरण क्लब के नोडल अधिकारी डॉ चंद्रमोहन ने बताया कि वर्तमान परिदृश्य में जलवायु परिवर्तन का असर साफ तौर पर दिखाई दे रहा है इस लिए हमें अधिक से अधिक पौधारोपण को करना और उनकी हमेशा    देखरेख करना अनिवार्य है। हमें ऑक्सिजन के प्लांट्स लगाने की जरूरत नहीं है बल्कि नेचुरल प्लांट लगाने की आवश्यकता है।वनस्पति विज्ञान के अध्यक्ष और महाविद्यालय के कुलसचिव डॉ सत्य पाल सुलोदिया की देखरेख में पौधारोपण के साथ पक्षियों के लिए  महाविद्यालय में अनेक स्थानों पर सीकोरे भी लगाएं गए। इस मौके  उपप्राचार्य डॉ जेएस मोर, डॉ महेंद्र मुदगिल ,डॉ नरेश, डॉ अनीश और पर इस मौके पर सभी स्टाफ सदस्यों के साथ सेंकड़ों विधार्थियों ने इस कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
फोटो कैप्शन 07 पौधारोपण करते कालेज के अधिकारी एवं अन्य।










सत्यनारायण यादव को भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा का प्रभार दिए जाने पर भिवानी व दादरी में कार्यकर्ताओं ने किया भव्य स्वागत
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कनीना की आवाज। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता रहे पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सत्यनारायण यादव को दिल्ली के मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल द्वारा भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा का अध्यक्ष नियुक्त करने पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा भिवानी व दादरी में उनका ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार व भव्य स्वागत किया गया।
अपनी इस नवनियुक्ति पर एडवोकेट सत्यनारायण ने संदीप पाठक राष्ट्रीय संगठन महामंत्री व राज्यसभा सदस्य डा. सुशील गुप्ता आम आदमी पार्टी प्रभारी अनुराग ढांडा वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक तवर कैंपेनिंग कमेटी सदस्य का आभार जताया।
 उन्होंने कहा कि एक छोटे व साधारण कार्यकर्ता पर पार्टी द्वारा इतनी बड़ी जिम्मेवारी देकर मेरा जो मान सम्मान किया है इसे मैं कभी झुकने नहीं दूंगा और पार्टी की नीतियों को घर-घर पहुंचाने का कार्य करूंगा। सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर कंधे से कंधा मिलाकर आने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में पार्टी की सेवा करने में मेरी तरफ से किसी प्रकार की कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
इस मौके पर आम आदमी पार्टी के अनेक कार्यकर्ता व पदाधिकारी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 08: सत्यनारायण यादव को स्वागत करते हुए भिवानी के कार्यकर्ता।









निर्जला एकादशी 31 मई को
-तैयारियां हो गई हें शुरू
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कनीना की आवाज। ग्रामीण क्षेत्रों में सबसे अधिक मीठा जल पिलाने की परंपरा को कायम करते हुए निर्जला एकादशी का पर्व मनाया जाता है। 31 मई को यह पर्व पड़ रहा है। ऐसे में अभी से तैयारियां शुरू कर दी हैं। इस दिन हर गली और मोहल्ले में मीठा पानी, तरबूज एवं फल खिलाने की परंपरा होती है। कहने को तो जेठ की दुपहरी होती है किंतु दुपहरी को भी कहीं भी सड़कों पर जाए तो मीठा जल उपलब्ध हो जाता है। वैसे तो निर्जला एकादशी को जल पिलाने की परंपरा चली आ रही है किंतु वर्तमान में पर्व से पहले तथा इस पर्व के बाद भी मीठा जल पिलाया जाता है।
 दिनेश कुमार, रविंद्र कुमार, सौरभ आदि ने बताया कि इस बार बस स्टैंड पर मीठे जल की व्यवस्था की जाएगी। मीठा जल पिलाना शुभ माना जाता है तथा इस दिन व्रत रखने की भी परंपरा है। महाभारत के भीम के नाम पर भीमसेन एकादशी भी कहा जाता है।








15 जुलाई के कांवड़ मेले को लेकर भक्त करने लगे तैयारियां
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कनीना की आवाज। 15 जुलाई को कनीना उप-मंडल के गांव बाघोत के बाघेश्वर धाम पर  हजारों की संख्या में कावड़ अर्पित की जाती है और विशाल मेला लगता है जिसमें लाख भक्त करीब 7 दिनों में पहुंचते हैं। कांवड़ के दृष्टिगत ग्रामीण क्षेत्रों में अभी से ही तैयारियां शुरू हो गई हें हरिद्वार एवं नीलकंठ जाने वाले भक्तों ट्रेन टिकट बुक करवाने शुरू कर दिये हैं। कनीना क्षेत्र से सुमेर सिंह, मनोज कुमार, सुरेंद्र दिनेश आदि ने बताया कि हर वर्ष कांवड़ लाते हैं तथा इस बार भी लाएंगे। तीन जुलाई को गुरु पूर्णिमा लग रही है इसके पश्चात हरिद्वार से कांवड़ उठाने का सिलसिला शुरू हो जाता है जो आगामी 10 दिनों तक लगातार चलता रहता है। अपार भक्ति बाघेश्वरधाम के प्रति देखने को मिलती है। यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब हजारों की संख्या में कांवड़ लाने वाले भक्त तैयारियां कर रहे हैं। अनेक रूपों में कावड़ को लाया जाता है।








एनएच-152 डी पर सेहलंग-बाघोत गांवों के बीच कट के लिए धरना 76वें दिन भी जारी
- लोगों में भारी आक्रोश।
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग  152 डी सेहलंग-बाघोट के बीच कट के लिए धरना 76वें दिन भी जारी रहा। धरने की अध्यक्षता बाबूलाल सेहलंग ने की।
धरना कमेटी के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन नौताना ने बताया कि आज धरने को 76 दिन हो गए है। सरकार तक हम अपनी बात कई बार पहुंचा चुके हैं पर सरकार ने अभी तक कोई उचित कार्यवाई नही की है। लोगों की परेशानी को समझते हुए इस काम को जल्द से जल्द पूरा किया जाए। उनका कहना है कि जब तक काम शुरू नही होगा तब तक धरना जारी रहेगा।
  उन्होंने कहा कि विगत 76 दिनों में भारी संख्या में नेता, एमपी एवं विधायक आये हैं और धरने को समर्थन दिया है वहीं हजारों विभिन्न लोगों एवं संस्थाओं ने आकर समर्थन दिया है और मांग को पूरा करने की बात कही है किंतु अभी तक बात सिरे नहीं चढ़ पाई है जिसका भारी रोष है। महज आश्वासनों के सहारे धरने पर बैठे हैं।
इस मौके पर सोनू तंवर , रमेश क्रांति हिंदू, सरपंच रामनिवास बंसल तलवाना, कप्तान मामराज ,सूबेदार अनुपाल सिंह , भरत सिंह, सरपंच हरिओम पोता, मातादीन पंच, नरेंद्र शास्त्री, विक्रम,मनफूल, सत्यवीर एक्स सरपंच नौसवा, मांगेराम शर्मा,शारीरिक शिक्षक महिपाल , मास्टर धर्मपाल, लीलाराम बाघोत, डॉक्टर लक्ष्मण, वेदप्रकाश, भीम सिंह, भोलेराम, हेमराज साहब व तथा कई अन्य गणमान्य जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 02: धरने पर बैठे ग्रामीण।




कनीना क्षेत्र में भी 10 एमएम हुई बारिश, गत दिवस हुई थी 25 एमएम बारिश
- बाजरे की बिजाई रुक गई है
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कनीना की आवाज। कनीना और आसपास क्षेत्रों में  गुरुवार की रात को जमकर बारिश हुई। शनिवार को फिर से 10 एमएम  बारिश हुई। कुछ जगह ओलावृष्टि हुई वही। बारिश के चलते किसानों में खुशी की लहर दौड़ आई है। विगत वर्ष की भांति इस बार भी जल्दी बारिश हो चुकी है। अभी मौसम विभाग और बूंदाबांदी की संभावना जता रहा है।  किसान बाजरे की बिजाई के लिए तैयार हैं।
इस संबंध में पूर्व कृषि विशेषज्ञ डा. देवराज यादव ने बताया कि यह समय बिजाई के लिए अनुकूल है। जून माह के प्रथम सप्ताह में अक्सर बिजाई की जाती है। इस वक्त बीजाई कर देने से अगेती फसल बेहतर हो पाएगी और भावी पसल के लिए समय भी बच पाएगा जिसके चलते किसान यह पैदावार भी ले सकते और रबी फसल की  बिजाई भी समय पर कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि बाजार में अनेकों वैरायटी बाजरे की आई हुई है जो उगाई जा सकती है। वैसे भी इस वक्त खेतों में कपास और चारा देने वाली फसलें खड़ी हुई है जिन पर भी अब आ गई है। किसान खुश है तथा अपनी खरीफ फसल की बिजाई की तैयारियों में लग गए हैं।
बारिश से रास्तों में जमा हुआ पानी-
शनिवार को बारिश के बाद फिर से रास्तों में पानी जमा हो गया है। आवागमन में परेशानी हो रही है। गत दिनों हुई बारिश का पानी अभी कुछ कम हुआ था किंतु शनिवार की बारिश ने फिर से गड्ढों को भर दिया है। सड़क मार्गों की हालात खराब हो चुकी है।
नालों की हो सफाई--
कनीना क्षेत्र के नालों की सफाई की जरूरत है। सभी नाले गाद से भरे खड़े हैं जिनसे गंदा पानी निकासी की जरूरत समझी जा रही है। भविष्य में मानसून आने वाली है। अगर नाले साफ नहीं किये तो गंदा पानी निकल पाना कठिन हो जाएगा।
फोटो कैप्शन 01: सड़कों पर जमा गंदा पानी।








आंबेडकर जनजागरण समिति की बैठक 28 मई को
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कनीना की आवाज। 28 मई को वाल्मीकि धर्मशाला कनीना में डा भीमराव आंबेडकर जनजागरण समिति की बैठक आयोजित की गई है जिसमें विभिन्न मुद्दों पर चर्चा होगी। विस्तृत जानकारी देते हुए समिति के प्रधान केके पूनिया ने बताया कि बैठक में ग्रामीण क्षेत्रों के कुछ मुद्दों पर चर्चा होगी वहीं समिति सदस्यों की संख्या बढ़ाने पर विचार करेगी।









यूरो स्कूल में अभिभावक-अध्यापक संगोष्ठी का आयोजन
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कनीना की आवाज। यूरो स्कूल कनीना में शनिवार को शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें अभिभावकों ने अपने बच्चों की प्रथम इकाई परीक्षा परिणाम की रिपोर्ट प्राप्त की। इस अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य सुनील यादव और शैक्षणिक निर्देशक डॉ. राजेन्द्र यादव ने अभिभावकों का स्वागत करते हुए कहा कि शिक्षा विद्यार्थी को जीवन जीने के लिए नई दिशा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विद्यार्थी को न केवल शिक्षित बनाती है, बल्कि उसे संस्कृति और सभ्यता से परिचित करवाकर उसे राष्ट्र निर्माण की ओर प्रेरित करती है। शिक्षा अध्यापक व अभिभावक दोनो के दिशा-निर्देशन व सहयोग से ही संपूर्ण होती है। एक विद्यार्थी को शिक्षित करने में जितना योगदान एक गुरु का होता है, उतनी ही भूमिका माता-पिता की होती है। सभी विद्यार्थियों को अपने गुरू व अभिभावकों का सम्मान करना चाहिए। अभिभावकों ने अध्यापकगण से अपने बच्चों के रिपोर्ट कार्ड एवं उत्तर पुस्तिकाएं प्राप्त करते हुए अध्यापकों का धन्यवाद किया और कहा कि समय पर अभिभावक-अध्यापक संगोष्ठी का आयोजन करना बहुत ही आवश्यक है जिससे बच्चों की कमियों को शिक्षक व अभिभावक मिलकर दूर करके उन्हें सद्मार्ग पर ले जाए और उनके भविष्य को उज्ज्वल बना सके।
फोटो कैप्शन 06: यूरो स्कूल में पीटीएम का नजारा।








फिरौती मांगने, जान से मारने की धमकी देने का मामला दर्ज
-सनोज भोजावास ने कनीना थाने में करवाया दो नामजद एवं अन्य के विरुद्ध मामला
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव भोजावास निवासी सनोज ने उनसे फिरौती मांगने, जान से मारने की धमकी देने मामला दर्ज करवाया है। कनीना पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।
 सनोज भोजावास ने कहा है मेरा जनरल स्टोर भोजावास में मेरे ही आफिस के पास स्थित हे।। शक्रवार की शाम को मेरे जनरल स्टोर पर 8-10 लड़के आये और कहते हैं कि हमें क्रांति ने पैसों के लिए भेजा है। इन लड़कों में से एक लड़का अपने आपको चरखी दादरी का बता रहा था और एक लड़का मैं जानता है जिसका भी नाम पता मालूम नहीं है। इन लोगों ने स्टोर पर आकर कहा कि व्यक्ति को मारने में समय नहीं लगता, पैसे समय पर भेज देना नहीं तो अभी मारपीट हो जाएगी, वारदात भी हो जाएगी। उन्होंने आरोप लगाया कि पीछे से एक लड़के ने कहा कि इसी बस स्टैंड पर क्रांति ने उसके साथ में गोली चलाई थी किस्मत अच्छी थी वो तो बच गया, तेरा पता नहीं, साथ देगी या नहीं, सोच लेना। हम साथ हथियार लेकर आए हैं, आठ लाख रुपये भेज देना। इतना कहकर चिल्लाते व बड़बड़ाते निकल गए। चलते चलते कह गये कि इस तरह की घटनाएं वारदात करना हमारे बाएं हाथ का खेल है। साथ में कहा कि घरों को ताला लगाकर निकलते हम तो मारने के लिए तैयार है, तेरी और तेरे परिवार की सोच क्या होगा?
सनोज ने पुलिस में कहा है कि कुछ दिन पहले भी एक लड़का आया था और इस तरह की बात करके गया था। उसने भी क्रांति से मेरी बात करवाई थी, उसने भी पैसे का जिक्र किया था परंतु समझा कि गांव का लड़का है नादानी कर गया होगा। लेकिन क्रांति ने शुक्रवार को लड़कों को भेजकर सिद्ध कर दिया है। उसने स्वयं ,परिवार एवं जान माल के खतरे की संभावना जताई है। पुलिस ने  विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया जांच जारी है।









नौतपा की मौसम ने बना डाली पींग
-25 मई से 2 जून का समय है नौतपा, इसमें घटेगा ताप
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कनीना की आवाज। गर्मियों में 25 मई से दो जून तक का समय नौतपा अर्थात नौ दिनों तक सूर्य की तपन बढऩे का होता है किंतु इस बार मौसम में बदलाव ने 25 मई से नौतपा की पींग बना दी है। आए दिन बारिश, अंधड़, बादलाई होने से उस कष्टमय गर्मी से राहत मिलने के आसार बन गये हैं। नौतपा के दो दिन बीत चुके हैं और तीन दिनों में मौसम ठंडा रहा है। शनिवार को सुबह जमकर बारिश हुई। गुुरुवार एवं शुक्रवार को भी बारिश हुई थी। मौसम विभाग आगे भी मौसम बदलने की बात कह रहा है।
नियमानुसार नौतपा के दिनों में सूर्य की किरणें धरती पर सीधी पड़ती हैं तथा सूरज धरती के पास से गुजरता है जिसके चलते गर्मी पड़ती है किंतु इस बार मौसम ने नौतपा को तड़पा दिया है। नौतपा इंसानों को सताता किंतु मौसम बारिश से खुशगवार बन गया वहीं नौतपा की रेल बना डाली है।
 पहाड़ की 165  मीटर की ऊंचाई पर जाने पर 1 डिग्री तापमान कम हो जाता है। अगर गर्म प्रदेश से हवा आ रहीं हैं तो तापमान और बढ़ेगा। कारखानों, वाहनों के अधिक होने वाले क्षेत्र में गर्मी ज्यादा होगी। समुद्र के आसपास वाले क्षेत्र में तापमान अधिक नहीं होता है क्योंकि पानी देर से गर्म होता है देर से ठंडा होता है। इसलिये समुद्र के आस-पास के क्षेत्र में न अधिक गर्मी पङ़ती है न अधिक ठंड पङ़ती है। सूर्य की परिक्रमा करती पृथ्वी से देखने पर सूर्य के पीछे रोहिणी नक्षत्र आ जाता है। 365 दिन में पृथ्वी की परिक्रमा अवधि के कारण सूर्य के पीछे रोहिणी नक्षत्र आना एक खगोलीय घटना है। लगभग इन दिनों हर साल गर्मी पडऩे की घटना होती है। नौतपा में ही निर्जला एकादशी का पर्व आता है।
सावधानियां-
यदि नौतपा में लू का प्रकोप होता है तो आप खाली पेट घर से बाहर न निकले। सिर को कपड़े से ढक कर बाहर जाये। भोजन में प्याज का सेवन करे। दिन में अधिक पानी का सेवन करे। नींबू का सेवन भी अधिक से अधिक करे।









इंसान की पर्यावरण से छेड़छाड़ जीवों के लिए बन रही है मुसीबत
-भीषण गर्मी एवं जल अभाव के कारण हो रही है जीवों की मौत
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कनीना की आवाज। जंगल से तीतर बटेर, शशक, हरिण लुप्त होने के कगार पर हैं। काला तीतर राज्य पक्षी घोषित है किंतु यह लुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। पेड़ पौधे एवं जंगल कम होने के कारण तथा गर्मियों में जल एवं भोजन अभाव के अतिरिक्त आखेट के कारण विलुप्ति के कगार पर पहुंच गए हैं। आने वाले समय में मारिशश देश के डोडो पक्षी की भांति ये पुस्तकों में पढऩे को मिलेंगे।
  बुजुर्ग सुमेर सिंह, राम सिंह, रामकुमार आदि बताते हैं एक समय था जब महलों की बजाय झोपड़ी होती थी और चिडिय़ां भारी संख्या में मिलती थी। वन अधिक होने से तीतर, बटेर, हरियल, फाख्ता, टीटीहरी, काला तीतर, हरिण, शशक एवं नाना प्रकार के जंगली जीव मिलते थे। आज उनके दर्शन दुर्लभ हो गए हैं जिनके पीछे इंसान की पर्यावरण से छेड़छाड़ मानी जाती है। पेड़ पौधों की कटाई, अंधाधुंध उर्वरक एवं पीड़कनाशी खेतों में डालना, पक्के मकान बनाए जाना, वनों का विनाश, औद्योगीकरण, बढ़ता प्रदूषण, आखेट पर कड़ा प्रतिबंध न लग पाना, शौकीनी के लिए जीवों को पालना, जीवों को पालतू बनाने की होड़, सांपों को पकड़कर सपेरे की भूमिका निभाना, गर्मी एवं सर्दी से जीवों को बचने के शरणस्थल न होना, खुले कुओं की जगह बोर बनाया जाना, सूखता जल, नदियों एवं नहरों में पानी का अभाव, भोजन न मिल पाना, आहार शृंंखला का छोटा होना एवं जीवों के लिए संरक्षण कानून सख्त न होना आदि प्रमुख कारण है जिनके चलते जीव जंतु दिनोंदिन लुप्त होते जा रहे हैं।
  उधर राजेंद्र सिंह पर्यावरणविद एवं पीएफए/पीपुल फार एनिमल्स के पदाधिकारी का कहना है कि अभ्यारण्य जैसे स्थल स्थापित करने की अनुमति दी जाए ताकि जीवों को मरने से बचाया जा सके। उनका कहना है कि जंगली जीवों को बचाने के अब सघन प्रयास करने पड़ेंगे वरना जंगली जीव अब लुप्त हो जाएंगे।  जंगली जीवों को बचाने के लिए पेड़ पौधों को बचाना जरूरी है। पेड़ पौधे अकसर गर्मी में जल की कमी के चलते नष्ट हो जाते हैं वहीं सर्दी में झुलस जाते हैं।
प्राणी शास्त्री रविंद्र कुमार बताते हैं किसान अपने खेतों से जाटी पेड़ का विनाश करने पर तुले हुए हैं जिसके चलते तीतर, काला तीतर, फाख्ता आदि विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके हैं। शशक एवं गीदड़ क्षेत्र में भारी मात्रा में देखने को मिलते थे किंतु जंगलों की सफाई कर देने से सुरक्षित स्थल बचे नहीं हैं जिसके चलते वे विलुप्त होने के कगार पर हैं। प्रसव काल में उनकी संख्या बढ़ सकती है किंतु उस वक्त आखेट करने वाले कुत्ते एवं कुछ आखेट करने वाले जन उनके अंडे चोरी कर लेते हैं या फिर पक्षियों को मारकर खा जाते हैं। कानून सख्त नहीं होने से आखेट चोरी छिपे जारी है।  जंगली जीवों को बचाने के लिए जंगलों की आग पर काबू पाना होगा वहीं पर्यावरण को दूषित होने से बचाना जरूरी हो गया है। जीवों को पिंजरे में बंद करने वाले या सांप आदि दिखाने वाले सपेरों, जीवों के साथ मजाक करने वाले मदारी आदि पर सख्त नजर रखनी होगी ताकि पक्षियों, सरीसृपों एवं जंगली जीवों को बचाया जा सके।
 प्रदूषण, आखेट पर कड़ा प्रतिबंध न लग पाना, शौकीनी के लिए जीवों को पालना, जीवों को पालतू बनाने की होड़, सांपों को पकड़कर सपेरे की भूमिका निभाना, गर्मी एवं सर्दी से जीवों को बचने के शरणस्थल न होना, खुले कुओं की जगह बोर बनाया जाना, सूखता जल, नदियों एवं नहरों में पानी का अभाव, भोजन न मिल पाना, आहार शृंंखला का छोटा होना एवं जीवों के लिए संरक्षण कानून सख्त न होना आदि प्रमुख कारण है जिनके चलते जीव जंतु दिनोंदिन लुप्त होते जा रहे हैं।
    पर्यावरण को बचाने के लिए बेहतर प्रयास कर रहे सुनील कुमार का कहना है कि इंसान अपने पैरों पर स्वयं प्रहार कर रहा है। अधिक पैदावार लेने के लिए पेड़ पौधों को काट रहा है वहीं अधिक पैदावार लेने के लिए भारी मात्रा में दवाएं छिड़क रहा है। इंसान की भूख कभी खत्म नहीं होती है। वह जीवों को मारकर खा रहा है वहीं जंगली जीवों को समाप्त करने में घरों में पाले जाने वाले कुत्ते भी अहं भूमिका निभा रहे हैं। कहीं इंसान अपने मनोरंजन के लिए जीवों को पकड़ रहा है जिससे उनकी अंतत: मृत्यु हो जाती है। जंगल जहां जीव जंतु छुपकर प्रसव करते थे वो स्थल अब बचे नहीं हैं। जिस जगह इंसान दिन के समय भी जाने से डरता था वहां रात के वक्त भी जगमगाहट दिखाई पड़ती है। इंसान जीवों को रक्षा की नजर से नहीं देखेगा तब तक जीवों का यूं ही अंत होता चला जाएगा।
  उधर भारी संख्या में जीवों की रक्षा करने वाले तथा उनके लिए पानी का प्रबंध शिकोरे के रूप में करने वाले समाजसेवी सूबे सिंह का कहना है कि गर्मियों तथा सर्दियों में पक्षियों एवं जंगली प्राणियों की रक्षा की जाए तो उनकी बची हुई आबादी भी कुछ समय और बच सकती है। उनका कहना है कि गर्मियों में भीषण गर्मी तथा सर्दियों में कड़ाके की सर्दी पड़ती है जिससे जीव मर जाते हैं। उन्होंने कहा कि जंगलों में आग लग जाती है जिससे जंगली जीव मर रहे हैं। वे इस क्षेत्र में एक सामाजिक संगठन खड़ा करके जीवों को गर्मियों में बचाने के लिए निश्चित जगहों पर अन्न डाल रहे हैं वहीं उनके लिए शिकोरा जगह जगह पेड़ों पर टंगवा रहे हैं ताकि जीवों को मरने से बचाया जा सके।
फोटो कैप्शन 01: पक्षियों की जान बचाने के लिए सिकोरे रखते हुए किसान
साथ में सुनील कुमार, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह।


























पालिका चुनावों ने डाल दिया संशय में
-भारी संख्या में कनीनावासी लडऩा चाहते हें चुनाव
-कठिन डगर नजर आने लगी चुनाव की
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कनीना की आवाज। नगरपालिका के प्रधान सतीश जेलदार ने 22 मई 2018 को शपथ ली थी तथा चुनाव 13 मई 2018 को हुये थे किंतु पत्र अनुसार उनका कार्यकाल 24 जून 2023 तक का निर्धारित कर दिया गया है।
पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने 22 मई 2018 को शपथ ली थी परंतु सोशल मीडिया के एक पत्र ने में स्पष्ट कर दिया है कि उनका कार्यकाल 24 जून 2023 तक रहेगा। इस संबंध में पालिका प्रधान सतीश जेलदार से भी बात हुई है किंतु अभी तक उनके पास उनके कार्यकाल समापन के विषय में कोई पत्र नहीं मिला है। स्पष्ट है कि उनका कार्यकाल भी अब 24 जून 2023 तक की रखा गया है। उधर पत्र अनुसार कनीना नगर पालिका की प्रधान पद के लिए आरक्षण हो चुका है परंतु आज आधिकारिक पत्र नहीं मिला है। यह पद महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है।  इस पत्र की सूचना को लेकर के अनेक प्रकार की भ्रांतियां क्षेत्र में फैली हुई है, कुछ लोग इसे फर्जी करार देते हैं परंतु इसमें प्रदेश की 22 पालिकाओं का वर्णन है फर्जी नहीं हो सकता है? सभी 22 पालिकाओं का सही सही आंकड़ा लिखा हुआ है। यह सत्य है कि इस पर किसी प्रकार का कोई एंडोर्समेंट नहीं है जिसको लेकर के इसे फर्जी माना जा रहा है परंतु जो कुछ हो, कनीनावासी हर प्रकार से चुनाव लडऩे के लिए तैयार है। अगर प्रधान पद महिला के लिए आरक्षित हो जाता है तो बहुत से धुरंधरों के लिए केवल पार्षद का चुनाव लडऩा मजबूरी बन जाती है जिसके चलते पार्षद पद का चुनाव कांटे की टक्कर तलवार की धार के समान होगा क्योंकि चुनाव लडऩा चाहने वाले लोग किसी प्रकार पीछे हटने वाले नहीं। यदि प्रधान पद के लिए उनके परिवार से कोई महिला तैयार नहीं होती है तो वे पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं। वैसे भी पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे वाले अभी तक बहुत कम लोग आगे आ रहे हैं क्योंकि प्रधान की शक्ति इस बार अधिक हो गई है, उसका चुनाव सीधा होने की वजह से उसे पार्षदों का काम कम हो गया है भविष्य में प्रधान बनने के बाद किसी प्रस्ताव को पारित करते समय इन पार्षदों की जरूरत हो सकती है। ऐसे में बड़ा और सशक्त पद प्रधान का बना दिया गया है जिसको लेकर के दर्जनों लोग तैयार थे किंतु जब से पत्र की सूचना सोशल मीडिया पर प्रसारित हुई है तब से लोग शांत बैठ गए हैं। उनका अब विचार और मंथन हो रहा है कि किस को मैदान में खड़ा किया जाए। यह सत्य है कि चुनाव लडऩे वाले अब अपनी मां, बहन, बेटी या पत्नी को चुनाव लड़ा सकते हैं, स्वयं भी पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे के लिए तैयार हो रहे हैं। कनीना के पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे वाले महेश बोहरा एक है। उनके पिता राव सत्यवीर बोहरा भी पार्षद रह चुके हैं। अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए पार्षद पद के चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं क्योंकि उन्होंने तो कभी से ही पार्षद पद के की घोषणा की है और पालिका प्रधान बनने की इच्छा नहीं रही की? विजय चेयरमैन भी पार्षद पद के चुनावों के लिए तैयार हैं। अब भविष्य में जब कोई आधिकारिक पत्र आएगा तब की कोई आगे की कार्रवाई चल पाएगी। बहरहाल अभी चुनाव होते नजर नहीं आ रहे हैं क्योंकि जून महीना बाकी है। यदि चुनाव जून में होते है तो अभी तक कोई कार्रवाई हो चुकी होती।  एक और जहां प्रधान का कार्यकाल भी 24 जून तक का किया हुआ है वहीं मतदाता सूचि का अंतिम प्रकाशन भी अभी तक नहीं हुआ है। ऐसे में नहीं लगता कि जून माह में कोई चुनाव हो सकेंगे। ऐसे में जून तक चुनाव नहीं होते तो पत्र में कहे अनुसार 31 दिसंबर 2023 से पहले पहले ही चुनाव करवाए जाएंगे। अब सभी की नजरें इन चुनावों पर टिकी हुई हैं।
कनीना नगर पालिका चुनावों पर टिकी हैं नजरें********
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कनीना नगर पालिका में सतीश जेलदार ने 13 मई 2018 को प्रधान पद की शपथ ली थी। उनका कार्यकाल 24 जून 2023 तक का निर्धारित कर दिया गया है। नगरपालिका के लिए जहां प्रधान पद के लिए आरक्षण भी घोषित हो चुका है। अब कनीना नगर पालिका का प्रधान पद महिला के लिए आरक्षित होगा, ऐसे संकेत मिल चुके हैं
 उल्लेखनीय है कि कनीना कस्बे में जहां पहले भी दो योजनाओं में दो महिलाएं प्रधान रह चुकी है, एक बार फिर से महिला को यह कमान संभाली जाएगी। कुछ भी हो महिला या पुरुष सभी चुनावों के लिए तैयार हैं। अधिकारिक पत्र आना अभी बाकी है।
इससे पहले भी शारदा और संतोष देवी पालिका प्रधान दो अलग-अलग योजनाओं में रह चुकी है। अब एक बार फिर से महिला को कमान दी जाएगी। सबसे बड़ी विडंबना है कि पूर्व प्रधान और वर्तमान प्रधान भी इस चुनाव प्रक्रिया में प्रधान पद के चुनाव से बाहर हो गए हैं, बेशक वे चाहे तो पार्षद के चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन प्रधान पद के चुनाव डायरेक्ट होने के चलते प्रधान नहीं बन पाएंगे। नए सिरे से चुनावी जोड़ दौड़ में लग गए हैं। चूंकि महिला को ही चुनाव लड़वाना पड़ेगा। क्या कहते हैं पालिका के वर्तमान और पूर्व प्रधान----
पालिका के वर्तमान प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि उनकी पुत्रवधू अनुराधा पढ़ी लिखी है जो यह चुनाव लड़ेगी तथा वो स्वयं तो पहले से ही चुनाव न लडऩे की बात कह चुके हैं। उनका पुत्र चुनाव लडऩे का इच्छुक है किंतु पालिका प्रधान आरक्षित होने के कारण अब वो भी चुनाव से बाहर हो गए हैं। हर प्रकार से चुनाव लडऩे के लिए महिला एवं पुरुष तैयार हैं। महिला के लिए प्रधान पद आरक्षित हो जाएगा तो पार्षद के चुनाव लडऩा और भी कठिन हो जाएगा क्योंकि प्रधान पद से वंचित रहे लोग पार्षद के लिए हाथ पैर मारेंगे।
उधर पालिका के पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा ने बताया वो स्वयं चुनाव न लड़ पाए किंतु उनके परिवार के सदस्य चुनाव जरूर लड़ेंगे। उन्होंने बताया कि पुत्रवधू दीप्ती राव उनके परिवार से चुनाव लड़ सकती है।
 वहीं पूर्व पालिका प्रधान मास्टर दिलीप सिंह की पुत्रवधू सुमन चौधरी चुनाव लड़ सकती है। एडवोकेट दीपक ने बताया कि वह चुनाव लडऩे के लिए तैयार था किंतु महिला के लिए प्रधान पद आरक्षित होने के कारण वे अपनी पत्नी सुमन चौधरी को चुनाव लड़वाएंगे। एकदम चुनाव लडऩे वालों के लिए आरक्षण ने समस्या पैदा कर दी है। जो पुरुष चुनाव लडऩा चाहते थे वह अब प्रधान पद से पीछे हट गए हैं। कनीना पालिका जहां चुनाव लडऩे वाले नए-नए चेहरे उभर सकते हैं। अशोक वर्मा वार्ड चार के घर से महिला चुनाव लडऩे के लिए तत्पर है।
कमल पूर्व पार्षद ने बताया कि उनके परिवार से भी एक महिला अवश्य चुनाव लड़ेगी किंतु उन्होंने नाम उजागर नहीं किया। उधर एडवोकेट पंकज यादव की मां संतोष देवी यह चुनाव लड़ सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले वो स्वयं चुनाव लडऩे का इच्छुक था किंतु आरक्षण के बाद उनकी मां चुनाव लड़ेगी जो वर्तमान में पार्षद है। ऐसे में अब कनीना में महिलाओं के लिए फिर से चुनाव लडऩे की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

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