Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Tuesday, May 30, 2023

 

अंधड़ के साथ आई बारिश
-टीन शेड भी उड़े, पेड़ भी उखड़े
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कनीना की आवाज। कनीना क्षेत्र में मंगलवार शाम करीब 4:30 बजे से 5:15 बजे तक तेज बारिश एवं तेज अंधड़ के चलते कुछ पेड़ उखड़ गए हैं, घरों पर टीम से जुड़ गए। कनीना क्षेत्र में 6 एमएम बारिश हुई है। उधर बाघोत से महिपाल एवं सुरेश अत्री आदि ने बताया कि गांव में अनेक टीम शेड लगे हुए थे जो अंधड़ के कारण उड़ गए वहीं कपास की फसल खड़ी हुई है उसको भी  नुकसान होने की संभावना जताई जा रही है। कपास के खेतों में पानी लबालब भर गया है। उधर कनीना क्षेत्र में भी बारिश के चलते जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है सड़कों पर फिर से पानी भर गया है।
 फोटो कैप्शन 09: कनीना क्षेत्र में बाघोत गांव में अंधड़ से उड़ी छत का नजारा।








अच्छी पहल
35वें जन्मदिन पर पंच ने लगाया बरगद का पौधा
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कनीना की आवाज।  उपमंडल के गांव पाथेडा़ में जोगेन्द्र सिंह पंच ने अपने 35वें जन्मदिन पर बरगद का पौधा लगाया। जानकारी देते हुए मुकेश शर्मा ने बताया कि हरिजन चौपाल में छायादार पेड़ न होने की वजह से इस जन्मदिन अवसर पर यह पुण्य का काम किया है। जोगेंद्र सिंह हर वर्ष जन्मदिन के उपरांत एक पेड़ लगाते हैं व उसकी देखभाल करते हैं। उनका मानना है कि आज के युग में केक , गुब्बारे आदि पर पैसा खर्च न कर पर्यावरण के बारे में थोड़ी जिम्मेदारी निभाना प्राथमिकता होनी चाहिए। इस अवसर पर राहुल सिंह, हरिजन पंच ताराचंद सिंह, मास्टर अजय सिंह, मनीराम, सोनू, अशोक मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 08: जन्मदिन पर बरगद का पौधा लगाते हुए।









भूतपूर्व सैनिक व अर्धसैनिक कल्याण संगठन ने नायब तहसीलदार हरिओम को सौंपा ज्ञापन
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कनीना की आवाज। मंगलवार को महेंद्रगढ़ जिले के पूर्व सैनिकों की तरफ से कनीना एसडीएम के माध्यम से राष्ट्रपति प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री के नाम पूर्व सैनिकों की मांगों को लेकर मांग पत्र का ज्ञापन सौंपा गया। पूर्व सैनिक सुमेर सिंह ने कहा कि पूर्व सैनिकों ने कहा कि राष्ट्र रक्षा में समर्पित रहे लाखों पूर्व सैनिक युद्ध वीरांगनाओं और दिव्यांग पूर्व सैनिक लंबे समय से अपनी उचित मांगों के समाधान के लिए आंदोलनरत हैं। उन्होंने कहा कि इससे पहले भी पूर्व सैनिकों ने अपनी मांगों को लेकर ज्ञापन सौंप चुके हैं तथा दिल्ली के जंतर मंतर पर पूर्व सैनिक और वीरांगना धरने पर बैठे हुए हैं। पूर्व सैनिकों ने कहा कि सरकार ने बहुप्रतीक्षित वन रैंक वन पेशन व दूसरी मांगों को स्वीकार तो किया परंतु पूर्व सैनिकों के एक बहुत बड़े वर्ग जो  गैर अधिकारी है उसके संबंध में सही तथ्य प्रस्तुत नहीं किए और उनके साथ भेदभाव किया जा रहा है उन्होंने कहा कि आज भी जवानों को समान एमएसपी, समान फिटनेस फैक्टर, अधिकारियों के बराबर समान विकलांग पेंशन जवान व जेसीओ को भी लागू हो। प्रीमेच्योर रिटायरमेंट जवान और जेसीओ को भी वन रैंक वन पेंशन दिया जाए। पूर्व सैनिकों ने मांग की कि पूर्व सैनिक परिवारों की वीरांगनाओं की पारिवारिक पेंशन में न्याय संगत बढ़ोतरी सुनिश्चित की जाए। इससे पहले भूतपूर्व सैनिकों ने एक बैठक आयोजित की तथा बाद में मिलकर एक ज्ञापन देने की योजना बनाई।
फोटो कैप्शन 02: बैठक करते पूर्व सैनिक
              07: नायब तहसीलदार को ज्ञापन देते पूर्व सैनिक









विगत दिनों से हो रहा है सावन माह एहसास
-प्रतिदिन आने लगी है वर्षा
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कनीना की आवाज। कहने को तो दो सावन माह आ रहे हैं किंतु विगत दिनों से बार-बार अंधड़, बार-बार बारिश का आना किसी सावन से कम नजर नहीं आता। सावन माह में भी इतनी बारिश नहीं होती जितनी इस वर्ष मई माह में हो चुकी है। किसानों ने दिन-रात एक करके मौसम खुलते ही बाजरे की बिजाई कर डाली है। अगर अब मौसम साफ नहीं रहा तो उनकी बिजाई को नुकसान हो सकता है। मंगलवार की शाम को फिर से अंधड़ आया तथा बारिश हुई। वर्षा के कारण फिर से टूटी फूटी सड़कें जलमग्न हो गई हैं। कस्बा कनीना में सभी जोहड़ ओवरफ्लो हो रहे हैं। ऐसे में भविष्य में बड़ी समस्या आने की संभावना बन गई है।
इस इस बार जहां नौतपा को भी बारिश ने भुला दिया है। इस वक्त अधिक गर्मी पड़ती है किंतु वर्षा के कारण मौसम बहुत ठंडा हो जाता है। यही कारण है कि यूं ही नहीं लगता कि सावन माह अभी दूर है।









कक्षा ग्यारहवीं में रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए आवेदन की अंतिम तिथि 31 मई
-नवोदया डॉट जीओवी डाट इन पर दिए गए लिंक पर जाकर कर सकते हैं आनलाइन आवेदन
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कनीना की आवाज। जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा में शैक्षणिक सत्र 2023-24 के लिए कक्षा ग्यारहवीं ,सत्र 2023-24  में रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए 31 मई तक नवोदया डाट जीओवी डाट इन पर दिए गए लिंक पर जाकर कर आनलाइन आवेदन कर सकते हैं।
यह जानकारी देते हुए विद्यालय के प्राचार्य राजीव कुमार सक्सेना ने बताया कि कक्षा ग्यारहवीं ,सत्र 2023-24  में रिक्त सीटों पर प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा की तिथि 22 जुलाई निर्धारित की गई है। उन्होंने बताया कि जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा पूर्णत: निशुल्क, सह-शिक्षा, आवासीय विद्यालय है। छात्र-छात्राओं के लिए अलग-अलग छात्रावास, विभिन्न खेलों में उत्तम व्यवस्था, स्काउट गाइड, कला तथा संगीत की विशेष शिक्षा व सुसज्जित पुस्तकालय की उत्तम व्यवस्था विद्यार्थियों को उपलब्ध करवाई जाती है । उन्होंने बताया कि अभ्यर्थी महेन्द्रगढ़ जिले के किसी भी सरकारी व सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त विद्यालय में कक्षा दसवीं में पूर्ण शैक्षणिक सत्र 2022-23 में अध्ययनरत होना चाहिए। अभ्यर्थी का आधार कार्ड जिला महेंद्रगढ़ का होना चाहिए।



टीबी और लारवा जनित रोगों की दी गई जानकारी 

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कनीना। आंगनबाड़ी कनीना में महिलाओं को टीबी और लारवा जनित रोगों की जानकारी दी गई। जानकारी आंगनवाड़ी वर्कर मुन्नी देवी, एमपीएचडब्ल्यू सुनील कुमार आदि ने दी। सुनील कुमार ने बताया कि टीबी एक लाइलाज बीमारी नहीं रही है। अगर टीबी की दवा नियमित रूप से ली जाये तो रोगी का रोग दूर हो जाता हे। इसके लिए डाटस कार्यक्रम चलाया हुआ है। देना जरूरी है इसके लिए नोट्स कार्यक्रम भी चलाया हुआ है जिससे टीबी की बीमारी को दूर किया जा सकता है। उधर मुन्नी देवी आंगनवाड़ी वर्कर ने बताया कि आजकल बारिश होनी शुरू हो गई है। बारिश का पानी खिड़कियों और गड्ढों में जमा होता रहता है जिनमें मच्छर का लारवा पनपता है। उन्होंने ऐसे जल को लगातार हटाने की बात कही। उन्होंने कहा कि कूलर एवं टंकियों का जल सप्ताह में कम से कम एक बार साफ कर देना चाहिए। अगर पानी लंबे समय से खड़ा है तो उसमें तेल डालने की बात कही। उन्होंने कहा कि लंबे समय से खड़े पानी में मच्छर के लारवा पनपते हैं जो  मलेरिया जैसे रोग का कारण बनते हैं।
फोटो केप्शन 04: टीबी रोग की जानकारी देते सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू।






राजकीय स्कूल धनौंदा में  अभिभावक-अध्यापक संगोष्ठी का आयोजन
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कनीना की आवाज। शिक्षा विभाग हरियाणा के आदेशानुसार सरकारी स्कूलों में पीटीएम का आयोजन किये जाने के आदेशों की पालना करते हुए राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय धनौंदा में में मंगलवार को शिक्षक-अभिभावक संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें अभिभावकों ने अपने बच्चों की समस्त जानकारी अभिभावकों तक उपलब्ध कराई गई। इस अवसर पर विद्यालय के समस्त शिक्षकों एवं प्राचार्य सतीश कुमार ने अभिभावकों का स्वागत करते हुए कहा कि शिक्षा विद्यार्थी को जीवन जीने के लिए नई दिशा प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि शिक्षा विद्यार्थी को न केवल शिक्षित बनाती है, बल्कि उसे संस्कृति और सभ्यता से परिचित करवाकर उसे राष्ट्र निर्माण की ओर प्रेरित करती है। शिक्षा अध्यापक व अभिभावक दोनो के दिशा-निर्देशन व सहयोग से ही संपूर्ण होती है। एक विद्यार्थी को शिक्षित करने में जितना योगदान एक गुरु का होता है, उतनी ही भूमिका माता-पिता की होती है। सभी विद्यार्थियों को अपने गुरू व अभिभावकों का सम्मान करना चाहिए। अभिभावकों ने अध्यापकगण से अपने बच्चों के शैक्षिक एवं कक्षा कक्ष के व्यवहार आदि की जानकारी लेने के पश्चात कहा कि इस प्रकार की अभिभावक-अध्यापक संगोष्ठी का आयोजन करना बहुत ही आवश्यक है जिससे बच्चों की कमियों को शिक्षक व अभिभावक मिलकर दूर करके उन्हें संमार्ग पर ले जाए और उनके भविष्य को उज्ज्वल बना सके।
 प्राचार्य ने कहा कि पीटीएम छात्र के शैक्षणिक और गैर-शैक्षणिक प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए आयोजित किया जाता है।  यह हमें बच्चे के बेहतर प्रदर्शन को जानने और काम करने में मदद करता है। माता-पिता शिक्षक बैठक बच्चे के प्रदर्शन की बेहतरी के लिए एक दूसरे के साथ बातचीत करने का एक प्रभावी और उपयोगी तरीका है।  यहां पीटीएम में शिक्षक और माता-पिता दोनों ने बातचीत की और अपनी समस्याओं और मुद्दों पर चर्चा की जो वे छात्र के लिए महसूस करते हैं।  माता-पिता और शिक्षकों के बीच आमने-सामने संचार उनके बच्चे की सीखने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। कक्षा 6 से 12 तक के विद्यार्थियों की पीटीएम आयोजित हुई।
इस मौके पर समस्त कक्षा प्रभारियों ने अभिभावकों से बातचीत की। बच्चों की कमियां बताई और सुधारने के तरीके भी बताए। इस मौके पर राजेश कुमार प्रवक्ता, डा मुंशीराम, डा होशियार सिंह यादव, महिपाल सिंह, रणवीर सिंह, विनोद कुमार, संतोष देवी, सूबे सिंह, विजय महक, नरेश कुमार आदि सहित समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
फोटो कैप्शन 03: धनौंदा के राजकीय स्कूल में पीटीएम।







राजकीय मॉडल स्कूल कनीना में प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित
-एसडीएम कनीना रहे मुख्य अतिथि
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कनीना की आवाज। राजकीय माडल संस्कृति वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में प्रतिभा सम्मान समारोह का आयोजन किया गया जिसमें सुरेंद्र सिंह एसडीएम कनीना मुख्य अतिथि बतौर उपस्थित रहे। कार्यक्रम की अध्यक्षता विद्यालय प्राचार्य रवि यादव ने की।
 समारोह बोर्ड परीक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया जिसमें दसवीं एवं बारहवीं कक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले छात्र छात्राओं को पुरस्कृत किया गया।  कार्यक्रम में विद्यालय की पूर्व छात्रा दीपिका को विशेषरूप से सम्मानित किया गया जिन्होंने संयुक्त स्नातक प्रवेश परीक्षा/सीजीएल में पूरे भारत में 61वां रैंक हासिल करके का नाम रोशन किया है। इस मौके पर नरेश कुमार हिंदी प्राध्यापक, पूर्व प्राचार्य रमन शास्त्री, विद्यालय के समस्त विद्यार्थी एवं स्टाफ उपस्थित रहा।
फोटो कैप्शन 01: राजकीय माडल स्कूल कनीना में अव्वल रहे विद्यार्थियों को पुरस्कृत करते हुए एसडीएम कनीना सुरेंद्र सिंह।






क्या हैं अष्ट सिद्धि और नव निधियां?
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कनीना की आवाज। शिति कण्ठा ज्योतिष केंद्र कनीना के ज्योतिषाचार्य  पंडित ऋषिराज शर्मा
ने बताया  है कि अष्ट सिद्धि आणिमा, महिमा, गरिमा, लघिमा, प्राप्ति, प्रकाम्य, ईशत्त्व, वशित्त्व। ये अष्ट सिद्धियां हैं। साधक इन्हें प्राप्त कर चमत्कार कर जनमानस को आश्चर्य में डालकर उसका मनमाना उपयोग कर सकता है, पर यह संभावना साधनजन्य सिद्धियों में तो है, पर कृपा से प्राप्त सिद्धियों में कदापि नहीं। हमारे पुराणों में तथा श्रीरामचरितमानस में ज्ञानिनामग्रगण्यम् हनुमान जी को ये सिद्धियां पहले से ही प्राप्त थीं, परंतु मां भगवती श्रीसीता जी ने हनुमान जी को आशीर्वाद देकर उनकी सिद्धियों को अनंतगुना कर दिया।
गणेश जी और हनुमान जी के पास अष्ट सिद्धियाँ हैं और वे अष्ट सिद्धियों तक पहुँच प्रदान कर सकते हैं।
अष्ट सिद्धियाँ (8 दैवीय शक्तियाँ) हैं:
अणिमा: इच्छा के अनुसार सूक्ष्म बनने की क्षमता।
महिमा: अनिह्मा के विपरीत। कोई जितना चाहे उतना बड़ा बन सकता है।
लघिमा: लगभग भारहीन हो जाने और सेकंड के एक अंश में हजारों मील की यात्रा करने की क्षमता।
गरिमा: लघिमा के विपरीत। असीम रूप से भारी बनने की क्षमता।
प्राप्ति: उच्चतम चीजों (चंद्रमा, सूर्य और यहां तक ??कि सितारों) को छूने की क्षमता, वांछित वस्तुओं को प्राप्त करने की क्षमता, भविष्य की घटनाओं की भविष्यवाणी करने की क्षमता, टेलीपैथी और विचार-पढऩे की क्षमता आदि। जानवरों और पक्षियों की भाषाओं को समझने की क्षमता और अज्ञात भाषाओं को समझें। सभी रोगों को दूर करने की क्षमता।
प्राकाम्य: जो कुछ भी चाहता है उसे पूरा करने की क्षमता। इसे दूसरे के शरीर में प्रवेश करने की शक्ति (परकाया प्रवेश) के रूप में भी परिभाषित किया गया है। यह किसी भी लम्बे समय तक यौवन जैसा दिखने की शक्ति भी है।
वास्तव: जंगली जानवरों को वश में करने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए लोगों को मंत्रमुग्ध करने की शक्ति।
इस्तवा: मृतकों को जीवन बहाल करने की क्षमता।
क्या हैं नव निधियां?
हनुमानजी को अष्ट सिद्धियां और नव निधियां सूर्यदेव से प्राप्त हुई थीं -
पद्म निधि: पद्मनिधि लक्षणो से संपन्न मनुष्य सात्विक होता है तथा स्वर्ण चांदी आदि का संग्रह करके दान करता है।
महापद्म निधि: महाप निधि से लक्षित व्यक्ति अपने संग्रहित धन आदि का दान धार्मिक जनों में करता है।
नील निधि: निल निधि से सुशोभित मनुष्य सात्विक तेज से संयुक्त होता है। उसकी संपति तीन पीढ़ी तक रहती है।
मुकुंद निधि: मुकुन्द निधि से लक्षित मनुष्य रजोगुण संपन्न होता है वह राज्य संग्रह में लगा रहता है।
नन्द निधि: नन्दनिधि युक्त व्यक्ति राजस और तामस गुणों वाला होता है वही कुल का आधार होता है।
मकर निधि : मकर निधि संपन्न पुरुष अस्त्रों का संग्रह करने वाला होता है।
कच्छप निधि : कच्छप निधि लक्षित व्यक्ति तामस गुण वाला होता है वह अपनी संपत्ति का स्वयं उपभोग करता है।
शंख निधि : शंख निधि एक पीढ़ी के लिए होती है।
खर्व निधि : खर्व निधिवाले व्यक्ति के स्वभाव में मिश्रित फल दिखाई देते हैं।







गंगा दशहरा पर चला रामचरितमानस का अखंड पाठ
-गंगा दशहरे की कथा सुनाई, बुधवार को होगा हवन
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कनीना की आवाज। गंगा दशहरा पर श्री सीताराम शिव मंदिर सदर थाना कनीना के पास गंगा दशहरे के दिन कनीना के प्रवेश पंडित ने रामचरितमानस का अखंड पाठ किया तथा गंगा दशहरे की कथा सुनाई। प्रवेश पंडित ने बताया कि यह 80वां अखंड पाठ है जिसका समापन बुधवार को विधि विधान से किया जाएगा तथा हवन आयोजित होगा। उधर कनीना ही नहीं अपितु विभिन्न गांवों में पूजा अर्चना , अखंड पाठ एवं विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये गये। इस दिन गंगा नदी को भागीरथ धरती पर लेकर आए थे।
 प्रवेश पंडित ने गंगा दशहरे की कथा सुनाते हुए कहा कि पुराणों में कथा प्रचलित है कि राजा सगर ने अश्वमेध यज्ञ किया था इनके साठ हजार उत्तर पुत्र बांधव थे जो अश्वमेघ घोड़े के पीछे चल रहे थे। अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े को देवराज इंद्र ने चुरा कर कपिल मुनि के आश्रम में बांध दिया था। जब सगर के पुत्र पुत्र कपिल मुनि के आश्रम पहुंचे तो उन्हें आभास हुआ कि कपिल मुनि ने ही उनके घोड़े को चुरा लिये। उन्होंने कपिल मुनि को कटु वचन कहने शुरू कर दिये जिसके चलते कपिल मुनि ने सगर के साठ हजार पुत्रों को भस्म कर दिया। तत्पश्चात अंशुमान उनके आश्रम में गए क्षमा मांगी और घोड़ा लेकर आ गए। साथ में उन्हें अपने पूर्वजों का उद्धार करने की प्रार्थना की जिसके लिए कपिल मुनि ने उन्हें गंगा को धरती पर लाने की बात कही। अंशुमान घोड़े को लाया और अश्वमेध यज्ञ पूरा किया तत्पश्चात सगर गंगा को धरती पर लाने के लिए तप करते करते स्वर्ग सिधार गए। अंशुमान अपने पुत्र दिलीप को राज सिंहासन पर बैठा कर गंगा को धरती पर लाने का प्रयास किया किंतु वह भी स्वर्ग सिधार गए। तत्पश्चात दिलीप के पुत्र भागीरथ ने गंगा को धरती पर लाने का प्रयास किया। उन्होंने गंगा को प्रसन्न किया किंतु गंगा के हठी स्वभाव के कारण उसे धरा पर गिरकर  पाताल में धंस जाने की बात कही जिसके चलते शिव भोले को प्रसन्न कर गंगा को अवतरित करने की प्रार्थना की। शिव भोले ने गंगा को अपनी जटाओं में उलझा लिया तत्पश्चात जटाओं से धरती पर गिराया। इस दिन ही गंगा धरती पर अवतरित हुई थी और सगर के पुत्रों पुत्रों का उद्धार किया था। यद्यपि गंगा को धरती पर भागीरथ ने लाने के लिए तथा उनके पूर्वजों के भस्म स्थल तक पहुंचाने के लिए बहुत कष्ट झेले थे जिसके कारण आज भी उनके नाम पर भागीरथी प्रयास शब्द प्रचलित है। यह दिन बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन गंगा की पूजा की जाती है।
फोटो कैप्शन: प्रवेश पंडित






31 मई विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर विशेष-
तंबाकू अनेकों रोगों का कारण, तंबाकू सेवन छोड़कर अब हैं कई जन खुश
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कनीना की आवाज। तंबाकू एक जानलेवा पदार्थ है जिसे लत डालने वाला पदार्थ कहते हैं। जो एक इसका प्रयोग शुरू कर दे तो लंबे समय तक इंसान उससे छुटकारा नहीं पा सकता। यहां तक कि अनेक बीमारियां शरीर में घर कर जाती है। कैंसर जिनमें से एक हैं। यदि आत्मविश्वास और जिजीविषा हो तो तंबाकू की लत से मुक्ति पाई जा सकती है। विश्व तंबाकू निषेध दिवस पर कुछ कनीना क्षेत्र के ऐसे व्यक्तियों से बात हुई जिन्होंने यह बुराई अब छोड़ दी है और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक हैं। बहुत से व्यक्तियों से तंबाकू के विषय में चर्चा की तो उन्होंने तंबाकू को छोडऩे के लाभ गिनाये।
 सुरेश कुमार कनीना का कहना है कि 25 वर्ष की उम्र तक खूब सिगरेट एवं बीड़ी पीते थे किंतु जब से उन्हें इसके शरीर पर पडऩे वाले घातक प्रभावों की जानकारी मिली तब से उन्होंने पूर्ण रूप से त्याग दिया। उनकी उम्र 48 वर्ष और बीड़ी सिगरेट नहीं पीते बल्कि दूसरे पीने वालों को भी शिक्षा दे रहे हैं।
 कंवर सैन वशिष्ठ अध्यापक नेता है जो कभी बीड़ी सिगरेट के आदि होते थे। लंबे समय तक इन्होंने बीड़ी सिगरेट की धुआं हवा में उड़ाई। तत्पश्चात उन्होंने इनकी हानियों के बारे में विस्तार से जानकारी हासिल की। उनकी उम्र करीब 69 वर्ष है। वर्ष 2008 से बीड़ी सिगरेट का त्याग किए हुए हैं। सिगरेट की हानियों के विषय में विशेष रूप से लोगों को जागरूक कर रहे हैं। उन्हें कोई सिगरेट पीने वाला मिलता है तो स्पष्ट कहते हैं कि इसका त्याग ज्यादा बेहतर होगा। दूसरों को बेहतर अच्छे पद चिन्हों पर चलने की प्रेरणा दे रहे हैं और किसी प्रकार की लत से दूर रहने की प्रेरणा दे रहे हैं। मामराज अग्रवाल की उम्र 66 साल है और 10 वर्ष पहले उन्होंने बीड़ी सिगरेट का त्याग कर दिया था।  वे परचून की दुकान चलाते हैं किंतु बीड़ी सिगरेट के कट्टर विरोधी हो गए हैं। उनका कहना है कि बीड़ी सिगरेट के कारण उन्हें एक बार सभा में एहसास हुआ जब उन्हें खांसी आ रही थी। सभी लोग उनकी तरफ देख रहे थे। तब से उन्हें महसूस हुआ कि इस बीड़ी सिगरेट के कारण से आज इतना जलील होना पड़ रहा है और उन्हें सदा सदा के लिए बीड़ी सिगरेट का त्याग कर दिया। वे अब दूसरों को शिक्षा दे रहे हैं कि बीड़ी सिगरेट आदि प्रयोग न करे।
 महेश बोहरा की उम्र 47 वर्ष हो चुकी है। वे भी कभी हुक्का खूब प्रयोग करते थे। तत्पश्चात ज्यों ज्यों उनकी उम्र बढ़ी उन्हें इसके शरीर पर बुरे प्रभाव पड़ते नजर आए और उन्होंने पूर्ण रूप से इस बुराई को त्याग दिया। आज बीड़ी सिगरेट पीने वालों को शिक्षा देते हैं। दूसरे लोगों को भी इस प्रकार की लत से बचने की अपील कर रहे हैं। उधर वेद प्रकाश का कहना है कि बीड़ी सिगरेट आदि लत डालने वाले पदार्थ होते जिनमें निकोटीन जहर पाया जाता है जो हमारे फेफड़ों को बर्बाद कर ही देता हैं वही अनेकों बीमारियां शरीर में घर कर जाती है जिनमें उच्च रक्तचाप, हृदयाघात, कैंसर आदि प्रमुख है। उन्होंने कहा कि यदि इंसान समय रहते नहीं चेते तो भयंकर परिणाम बीड़ी सिगरेट पीने वालों को वहन करने पड़ते हैं। उन्होंने इस प्रकार के पदार्थों का अविलंब त्याग करने की लोगों से अपील की है ताकि वे सुखी और संपन्न जीवन जी सके।
फोटो कैप्शन: डा वेद प्रकाश, कंवर सेन वशिष्ठ, मामराज अग्रवाल, सुरेश कुमार, महेश बोहरा।







31 मई को मनाई जाएगी निर्जला एकादशी
-भीमसेन एकादशी नाम से भी जाना जाता है निर्जला एकादशी को
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कनीना की आवाज। निर्जला एकादशी का पर्व पूरे ही देश में मनाया जाएगा। इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। जगह जगह मीठे पानी की छबीले लगाई जाती हैं वहीं दान किया जाता है। त्योहारों और व्रतों में से एक निर्जला एकादशी भी है। ज्येष्ठ शुक्ला एकादशी दान पुण्य, विवाह शादी, व्रत रखने, ठंडा-मीठा जल पिलाने के रूप में जाना जाता है।   महाभारत के भीम द्वारा चलाया हुआ तथा महर्षि वेद व्यास द्वारा बताया हुआ निर्जला एकादशी को भीमसेनी एकादशी नाम से भी जाना जाता है।
       निर्जला एकादशी यूं तो प्रचंड गर्मी के दिन आती है तथा दिन भी कुछ लंबा होता है। पानी की चहुं ओर कमी महसूस होती है किंतु इस दिन ग्रामीण क्षेत्रों में ठंडा मीठा जल सुबह से ही जगह-जगह पिलाना शुरू हो जाता है जो देर शाम तक चलता है। पानी की कमी का इस दिन आभास ही नहीं होता है। स्त्री व पुरुष सुबह से शाम तक व्रत रख दान पुण्य करते हैं। गांवों में बर्फ, कुलफी, तरबूज, खरबूजा आदि बांटकर जन हर्षित होते हैं और अपने को धन्य समझते हैं। यही कारण है कि इसे मीठली एकादशी नाम से भी जाना जाता है। व्रत रखने की परंपरा अति पुरानी है। इस दिन विवाह-शादियों का जोर रहता है।  
  गांवों में वृद्ध महिलाओं में तो इस व्रत एवं त्योहार का विशेष महत्व होता है। प्रात:काल उठकर स्नानादि करके महिलाएं व्रत धारण करती हैं।  वेद व्यास ने इसका महत्व बताया तो एक दिन भीम ने पूछा-गुरूदेव, में तो बगैर खाए पीए नहीं रह सकता। मेरे लिए व्रत करना तो अति कठिन होगा। मुझे कोई मार्ग सुझाओ ताकि स्वर्ग प्राप्त हो सके। वेद व्यास ने अविलंब कहा-आप एक दिन का व्रत अर्थात निर्जला एकादशी व्रत करके भी स्वर्ग प्राप्त कर सकते हैं। कहते हैं कि भीमसेन ने भी यह व्रत रखा और तभी से इसे भीमसेन एकादशी नाम से जाना जाता है। भीमसेन द्वारा चलाई गई प्रथा आज भी चली आ रही है।
वेद व्यास ने इसका महत्व भी बताया है। तो एक दिन पांडव भीम ने पूछा-गुरूदेव, मैं तो बगैर खाए पीए नहीं रह सकता। मेरे लिए व्रत करना तो अति कठिन होगा। मुझे कोई मार्ग सुझाओ ताकि स्वर्ग प्राप्त हो सके। वेद व्यास ने अविलंब कहा-आप एक दिन का व्रत अर्थात निर्जला एकादशी व्रत करके भी स्वर्ग प्राप्त कर सकते हैं। कहते हैं कि भीमसेन ने भी यह व्रत रखा और तभी से इसे भीमसेन एकादशी नाम से जाना जाता है। भीमसेन द्वारा चलाई गई प्रथा आज भी चली आ रही है। निर्जला एकादशी का व्रत अन्य 24 एकादशियों में सर्वोत्तम एवं श्रेष्ठ फल देने वाला होता है। महर्षि की प्रेरणा से भीमसेन द्वारा चलाया गया व्रत भीमसेन एकादशी व्रत का आज भी उतना ही महत्व है।  निर्जला एकादशी यूं तो प्रचंड गर्मी के दिन आती है तथा दिन भी कुछ लंबा होता है। पानी की चहुं ओर कमी महसूस होती है किंतु इस दिन ग्रामीण क्षेत्रों में ठंडा मीठा जल सुबह से ही जगह-जगह पिलाना शुरू हो जाता है जो देर शाम तक चलता है। पानी की कमी का इस दिन आभास ही नहीं होता है।









शरीर एवं समाज के लिए घातक है तंबाकू का सेवन-डा सुंदरलाल
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कनीना की आवाज। युवाओं के लिए तंबाकू का सेवन करना एक फैशन बनता जा रहा है। लेकिन तंबाकू का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए बहुत ही हानिकारक होता है। अगर इस पर काबू न किया जाए तो ये आपकी जान भी ले सकता हैं। तंबाकू का सेवन शरीर में समस्याओं के अलावा कुछ देता ही नहीं है। तंबाकू का सेवन मुंह, गला, फेफड़ा, गला, कंठ, खाद नली, गुर्दे आदि स्थानों में कैंसर पैदा कर सकता है।
कनीना उप नागरिक अस्पताल के एसएमओ डा सुंदरलाल ने बताया कि तंबाकू का सेवन बीडी, सिगरेट, खैनी, गुटखा आदि के रूप में किया जाता हे। तंबाकू का या धूम्रपान का धुंआ मानव शरीर की जिस भी कोशिका के संपर्क में आता है उसे हानि पहुंचाता है।
एसएमओ ने बताया कि तंबाकू सेवन से हृदय एवं रक्त संबंधी बीमारियां खतरा बढ़ जाता है। तंबाकू खाने वाले ज्यादातर लोग पूरी तरह अपना मुंह नहीं खोल पाते हैं। देश आबादी का एक बड़ा हिस्सा इस खतरनाक आदत की चपेट में है।  तंबाकू खाने वाले व्यक्ति में मुंह, गले या फिर फेफड़ों का कैंसर होने की प्रबल संभावना रहती है।  व्यक्ति में फेफड़े संबंधी अन्य रोग बढ़ जाते हैं। तंबाकू सेवन करने वाली महिलाओं में गर्भपात की दर सामान्य महिलाओं से तकरीबन 15 फीसदी अधिक होती है। तम्बाकू सेवन के कारण महिलाओं में फेफड़ों का कैंसर, दिल का दौरा, सांस की बीमारी, प्रजनन सम्बन्धी विकार, निमोनिया, माहवारी से जुड़ी समस्याएं ज्यादा होती है। इससे पुरुषों की मर्दानगी पर भी बुरा असर पड़ता है। तंबाकू का सेवन टाइप 2 डायबिटीज, एसिडिटी की समस्या, दृष्टिदोष का भी कारण बनता है, और हड्डियों से कैल्शियम कम कर देता है। तम्बाकू का इस्तेमाल करने के नुकसान आपके दिल को बहुत ही कमजोर बनाने का काम करते हैं। उनकी दिल की धड़कन बहुत ज्यादा बढ़ जाती हैं।  
डा सुंदरलाल ने तंबाकू अर्थात निकोटिन के जहर से बचने की सलाह दी है। उनका कहना है कि धीरे धीरे इस बुराई से पीछा छुड़वा ले वरना समाज एवं देश को भी हानि होती है। तंबाकू से जो प्रदूषण बढ़ता है वो पूरे समाज एवं संसार के लिए घातक है वहीं तंबाकू पीने वाले के पास बैठने से भारी नुकसान पहुंचाता है।
फोटो कैप्शन डा सुंदरलाल एसएमओ कनीना






कैमला में आयोजित हुई विज्ञान प्रदर्शनी
-अव्वल रहे विद्यार्थी हुये पुरस्कृत
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कनीना की आवाज।  राजकीय माध्यमिक विद्यालय कैमला में विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें सभी बच्चों ने रुचि के साथ भाग लिया और  आज के पर्यावरण और पाठ्यक्रम पर आधारित मॉडल व चार्ट आदि बनाएं जो गतिविधियों पर आधारित शिक्षण का आधार रहे इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सतीश कुमार प्राचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय  धनौन्दा व दीपक शर्मा प्राचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी तलवाना रहें। उन्होंने विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए सभी मॉडल से संबंधित अनेकों प्रश्नों पूछे जिनका सभी ने आत्मविश्वास के साथ उत्तर दिया और सभी के मॉडल  अच्छे व ज्ञानवर्धक थे। जिसमें वर्तमान पर्यावरण पर आधारित मानवी कक्षा सातवीं का मॉडल प्रथम रहा और मनजीत व दीपांशु द्वारा बनाया गया मॉडल वेल्डिंग मशीन द्वितीय रहा एवं शिवानी , दीपिका, कशिश , भूपेंद्र,राधिका ,प्रीति, कोयल,जयन्त,हीना,यश कुमार,सावन, यशिका, पूर्व आदि के मॉडल भी अच्छे रहें  मौलिक मुख्य अध्यापक वीरेंद्र सिंह ने आये मेहमानों का आभार व्यक्त करते हुए सभी प्रतिभागियों को बधाई दी और मनवीर सिंह विज्ञान अध्यापक के कार्यों की प्रशंसा की और बताएं कि उन्होंने अपनी देख-रेख में विधार्थियों की  प्रतिभा को जानकर विज्ञान के विषय में प्रति रुचि पैदा की है प्रत्येक प्रकार की गतिविधियों से विधार्थियों में  आत्मविश्वास की भावना जागृत होती है और बच्चे को सफलता की राह पर ले जाती है इस अवसर पर विद्यालय के वरिष्ठ अध्यापक होशियार सिंह, सतवीर सिंह ,भगत सिंह ,राजेश कुमार ,सुबे सिंह ,सुनील कुमार, प्रदीप कुमार आदि उपस्थित रहें।
फोटो कैप्शन 5:कैमला स्कूल में विज्ञान प्रदर्शनी का अवलोकन करते प्राचार्य।







कट के लिए धरने का रहा 79वां दिन
-लोगो में है रोष
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कनीना की आवाज। बाघोत-सेहलंग कके बीच राष्ट्रीय राजमार्ग पर कट लिए ग्रामीण 79 दिनों से धरने पर हैं। धरने की अध्यक्षता सूरत सिंह पोता ने की।
 धरना संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन ने बताया कि बुजुर्गों को  बहुत ही परेशानी हो रही है,उन्होंने बुजुर्गों से अपील की कि धैर्य बनाए रखें उनको उनकी मेहनत का फल जरूर मिलेगा।  धरने पर बैठे लोगों का कहना है कि वे धैर्य के साथ धरने पर बैठकर सरकार से कट की मांग कर रहे हैं जहां विभिन्न नेता, विधायक, सांसद एवं मंत्री पहुंचकर आश्वासन तो दे रहे हैं किंतु उनकी मांग को पूरा नहीं कर रहे हैं। जबकि यह कट बन जाये तो क्षेत्र का विकास संभव है। लाखों लोगों को आवागमन का लाभ मिलेगा।
 नरेंद्र शास्त्री व डॉ सुरेंद्र सिंह  ने बताया हम बाघेश्वर धाम नगरी में भोले बाबा की छत्रछाया में बैठे हैं।  बागोत सेहलग कट हमारे लिए बहुत ही जरूरी है। विधायक, सांसद,मंत्रियों, कर्मचारियों व अधिकारियों से अनुरोध है कि कट को राजनीतिक मुद्दा न बनाकर  सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी जी से मिलकर इस कार्य को जल्द से जल्द शुरू किया जाए ढ्ढइस मौके पर  प्रकाश सिंह, मांगेराम,शर्मा डॉ लक्ष्मण सिंह, रणधीर सिंह पहलवान,सतवीर सिंह, दाताराम,रामकुमार,पूर्व सरपंच सतवीर,मास्टर विजय सिंह, बाबूलाल आदि  गणमान्य लोग उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 06: कट की मांग को लेकर धरने पर बैठे लोग।







पालिका चुनाव बने प्रतिष्ठा का सवाल, अभी चुनाव लडऩे वाले हैं मौन
--अभी चुनाव होते नजर नहीं आते

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 कनीना। हरियाणा प्रदेश की 22 पालिकाओं और 4 परिषदों में अब चक्रानुक्रम से मिलेगा अनुसूचित और पिछड़ा वर्ग को प्रधान पद का आरक्षण।
समान अनुपात की स्थिति में ड्रा आफ अलाट से होगा प्रधान पद की स्थिति का निर्णय।
प्रधान पद के ड्रा आफ अलाट के इंतजार के बीच सरकार ने जारी की अधिसूचना।
निकाय चुनाव में प्रधान पद निर्धारित करने के लिए पहली बार अपनाया जाएगा चक्रानुक्रम
शहरी स्थानीय निकाय निदेशालय ने उपायुक्तों, पालिका आयुक्तों, कार्यकारी अधिकारियों और नगर पालिका सचिवों को जारी किया पत्र
परिवार सूचना डाटा के आधार पर अनुसूचित और बीएस-ए वर्ग की आबादी का पूरा ब्यौरा मांगा।
अध्यक्ष पद के लिए सामान्य श्रेणी, अनुसूचित जातियों, बीसी-ए से संबंधित व्यक्तियों-महिलाओं में से चक्रानुक्रम से तय होगा प्रधान पदअ हरियाणा प्रदेश में अंबाला सदर, थानेसर, सिरसा और पटौदी मंडी में परिषद के चुनाव होने हैं। जबकि नगर पालिका सूची में कलायत, बराड़ा, रादौर, इंद्री, नीलोखेड़ी, कलानौर, खरखौदा, बेरी, बवानी खेड़ा, लौहारू, सिवानी, हथीन, तावडू, फरुखनगर, कनीना, अटेली मंडी, आदमपुर, नारनौंद, कालांवाली, जुलाना और सीवन शामिल है।
नगरपालिका के प्रधान सतीश जेलदार ने 22 मई 2018 को शपथ ली थी तथा चुनाव 13 मई 2018 को हुये थे किंतु पत्र अनुसार उनका कार्यकाल 24 जून 2023 तक का निर्धारित कर दिया गया है।
पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने 22 मई 2018 को शपथ ली थी परंतु सोशल मीडिया के एक पत्र ने में स्पष्ट कर दिया है कि उनका कार्यकाल 24 जून 2023 तक रहेगा। इस संबंध में पालिका प्रधान सतीश जेलदार से भी बात हुई है किंतु अभी तक उनके पास उनके कार्यकाल समापन के विषय में कोई पत्र नहीं मिला है। स्पष्ट है कि उनका कार्यकाल भी अब 24 जून 2023 तक की रखा गया है। उधर पत्र अनुसार कनीना नगर पालिका की प्रधान पद के लिए आरक्षण हो चुका है परंतु आज आधिकारिक पत्र नहीं मिला है। यह पद महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है।  इस पत्र की सूचना को लेकर के अनेक प्रकार की भ्रांतियां क्षेत्र में फैली हुई है, कुछ लोग इसे फर्जी करार देते हैं परंतु इसमें प्रदेश की 22 पालिकाओं का वर्णन है फर्जी नहीं हो सकता है? सभी 22 पालिकाओं का सही सही आंकड़ा लिखा हुआ है। यह सत्य है कि इस पर किसी प्रकार का कोई एंडोर्समेंट नहीं है जिसको लेकर के इसे फर्जी माना जा रहा है परंतु जो कुछ हो, कनीनावासी हर प्रकार से चुनाव लडऩे के लिए तैयार है। अगर प्रधान पद महिला के लिए आरक्षित हो जाता है तो बहुत से धुरंधरों के लिए केवल पार्षद का चुनाव लडऩा मजबूरी बन जाती है जिसके चलते पार्षद पद का चुनाव कांटे की टक्कर तलवार की धार के समान होगा क्योंकि चुनाव लडऩा चाहने वाले लोग किसी प्रकार पीछे हटने वाले नहीं। यदि प्रधान पद के लिए उनके परिवार से कोई महिला तैयार नहीं होती है तो वे पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं। वैसे भी पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे वाले अभी तक बहुत कम लोग आगे आ रहे हैं क्योंकि प्रधान की शक्ति इस बार अधिक हो गई है, उसका चुनाव सीधा होने की वजह से उसे पार्षदों का काम कम हो गया है भविष्य में प्रधान बनने के बाद किसी प्रस्ताव को पारित करते समय इन पार्षदों की जरूरत हो सकती है। ऐसे में बड़ा और सशक्त पद प्रधान का बना दिया गया है जिसको लेकर के दर्जनों लोग तैयार थे किंतु जब से पत्र की सूचना सोशल मीडिया पर प्रसारित हुई है तब से लोग शांत बैठ गए हैं। उनका अब विचार और मंथन हो रहा है कि किस को मैदान में खड़ा किया जाए। यह सत्य है कि चुनाव लडऩे वाले अब अपनी मां, बहन, बेटी या पत्नी को चुनाव लड़ा सकते हैं, स्वयं भी पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे के लिए तैयार हो रहे हैं। कनीना के पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे वाले महेश बोहरा एक है। उनके पिता राव सत्यवीर बोहरा भी पार्षद रह चुके हैं। अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए पार्षद पद के चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं क्योंकि उन्होंने तो कभी से ही पार्षद पद के की घोषणा की है और पालिका प्रधान बनने की इच्छा नहीं रही की? विजय चेयरमैन भी पार्षद पद के चुनावों के लिए तैयार हैं। अब भविष्य में जब कोई आधिकारिक पत्र आएगा तब की कोई आगे की कार्रवाई चल पाएगी। बहरहाल अभी चुनाव होते नजर नहीं आ रहे हैं क्योंकि जून महीना बाकी है। यदि चुनाव जून में होते है तो अभी तक कोई कार्रवाई हो चुकी होती।  एक और जहां प्रधान का कार्यकाल भी 24 जून तक का किया हुआ है वहीं मतदाता सूचि का अंतिम प्रकाशन भी अभी तक नहीं हुआ है। ऐसे में नहीं लगता कि जून माह में कोई चुनाव हो सकेंगे। ऐसे में जून तक चुनाव नहीं होते तो पत्र में कहे अनुसार 31 दिसंबर 2023 से पहले पहले ही चुनाव करवाए जाएंगे। अब सभी की नजरें इन चुनावों पर टिकी हुई हैं।
कनीना नगर पालिका चुनावों पर टिकी हैं नजरें********
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कनीना नगर पालिका में सतीश जेलदार ने 13 मई 2018 को प्रधान पद की शपथ ली थी। उनका कार्यकाल 24 जून 2023 तक का निर्धारित कर दिया गया है। नगरपालिका के लिए जहां प्रधान पद के लिए आरक्षण भी घोषित हो चुका है। अब कनीना नगर पालिका का प्रधान पद महिला के लिए आरक्षित होगा, ऐसे संकेत मिल चुके हैं
 उल्लेखनीय है कि कनीना कस्बे में जहां पहले भी दो योजनाओं में दो महिलाएं प्रधान रह चुकी है, एक बार फिर से महिला को यह कमान संभाली जाएगी। कुछ भी हो महिला या पुरुष सभी चुनावों के लिए तैयार हैं। अधिकारिक पत्र आना अभी बाकी है।
इससे पहले भी शारदा और संतोष देवी पालिका प्रधान दो अलग-अलग योजनाओं में रह चुकी है। अब एक बार फिर से महिला को कमान दी जाएगी। सबसे बड़ी विडंबना है कि पूर्व प्रधान और वर्तमान प्रधान भी इस चुनाव प्रक्रिया में प्रधान पद के चुनाव से बाहर हो गए हैं, बेशक वे चाहे तो पार्षद के चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन प्रधान पद के चुनाव डायरेक्ट होने के चलते प्रधान नहीं बन पाएंगे। नए सिरे से चुनावी जोड़ दौड़ में लग गए हैं। चूंकि महिला को ही चुनाव लड़वाना पड़ेगा। क्या कहते हैं पालिका के वर्तमान और पूर्व प्रधान----
पालिका के वर्तमान प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि उनकी पुत्रवधू अनुराधा पढ़ी लिखी है जो यह चुनाव लड़ेगी तथा वो स्वयं तो पहले से ही चुनाव न लडऩे की बात कह चुके हैं। उनका पुत्र चुनाव लडऩे का इच्छुक है किंतु पालिका प्रधान आरक्षित होने के कारण अब वो भी चुनाव से बाहर हो गए हैं। हर प्रकार से चुनाव लडऩे के लिए महिला एवं पुरुष तैयार हैं। महिला के लिए प्रधान पद आरक्षित हो जाएगा तो पार्षद के चुनाव लडऩा और भी कठिन हो जाएगा क्योंकि प्रधान पद से वंचित रहे लोग पार्षद के लिए हाथ पैर मारेंगे।
उधर पालिका के पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा ने बताया वो स्वयं चुनाव न लड़ पाए किंतु उनके परिवार के सदस्य चुनाव जरूर लड़ेंगे। उन्होंने बताया कि पुत्रवधू दीप्ती राव उनके परिवार से चुनाव लड़ सकती है।
 वहीं पूर्व पालिका प्रधान मास्टर दिलीप सिंह की पुत्रवधू सुमन चौधरी चुनाव लड़ सकती है। एडवोकेट दीपक ने बताया कि वह चुनाव लडऩे के लिए तैयार था किंतु महिला के लिए प्रधान पद आरक्षित होने के कारण वे अपनी पत्नी सुमन चौधरी को चुनाव लड़वाएंगे। एकदम चुनाव लडऩे वालों के लिए आरक्षण ने समस्या पैदा कर दी है। जो पुरुष चुनाव लडऩा चाहते थे वह अब प्रधान पद से पीछे हट गए हैं। कनीना पालिका जहां चुनाव लडऩे वाले नए-नए चेहरे उभर सकते हैं। अशोक वर्मा वार्ड चार के घर से महिला चुनाव लडऩे के लिए तत्पर है।
कमल पूर्व पार्षद ने बताया कि उनके परिवार से भी एक महिला अवश्य चुनाव लड़ेगी किंतु उन्होंने नाम उजागर नहीं किया। उधर एडवोकेट पंकज यादव की मां संतोष देवी यह चुनाव लड़ सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले वो स्वयं चुनाव लडऩे का इच्छुक था किंतु आरक्षण के बाद उनकी मां चुनाव लड़ेगी जो वर्तमान में पार्षद है। ऐसे में अब कनीना में महिलाओं के लिए फिर से चुनाव लडऩे की प्रक्रिया शुरू हो गई है।



कोर्ट ने किया एक को भगोड़ा घोषित 

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 कनीना। कनीना सब डिविजनल ज्यूडिशल मजिस्ट्रेट मेनका सिंह ने गजेंद्र नामक अभियुक्त को कोर्ट में हाजिर न होने पर भगोड़ा घोषित कर दिया है। न्यायालय में बुलाए जाने पर गैरहाजिर रहने पर भगोड़ा घोषित करते हुए कनीना पुलिस को आदेश दिया है। कनीना पुलिस ने उसके विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।



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