Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Friday, May 5, 2023

 

आइआइटी मेंस में सफल होने पर बाघोत के विष्णु को जिला उपायुक्त ने किया पुरस्कृत
-स्कूल ने कमाया है कई क्षेत्रों में नाम
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कनीना की आवाज। जिला उपायुक्त नारनौल मोनिका गुप्ता ने ऑडिटोरियम बाघोत के विष्णु को आइआइटी मेंस में सफलता पाने पर पुरस्कृत किया तथा उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
बाघोत के पीजीटी भौतिक शास्त्र सुनील कुमार ने बताया कि विष्णु ने 2023 में आइआइटी मेंस में सफलता पाने पर स्मृति चिह्न देकर पुरस्कृत किया है। उन्होंने बताया कि इसी स्कूल के एक बच्चे ने सुपर-100 में जगह बनाई ,एक बच्चे ने एनएमएमएस पास किया तथा 2 विद्यार्थी बुनियाद में चयनित हुये हैं।
फोटो कैप्शन 11: जिला उपायुक्त बाघोत के बच्चे को पुरस्कृत करते हुए।









रामेश्वरदास आश्रम पर लगा भंडारा
-1974 में संत ने ली थी अंतिम सांस
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कनीना की आवाज। कनीना के डीएवी के पास स्थित बाबा रामेश्वरदास धाम पर उनकी 47वीं पुण्यतिथि पर भंडारे का आयोजन किया गया। इस मौके पर हवन भी आयोजित किया गया।
उल्लेखनीय है कि बाबा रामेश्वर दास की पुण्यतिथि पर प्रत्येक वर्ष भंडारा आयोजित किया जाता है। बाबा रामेश्वर दास कनीना के संत शिरोमणि मोलडऩाथ के समकालीन थे। विभिन्न स्थानों पर तप करने के बाद कनीना में आए थे। 1974 में आज ही के दिन उन्होंने समाधि ली थी। तब से उनकी पुण्यतिथि मनाई जाती है। रामेश्वर दास की याद में हर वर्ष भंडारा लगता है यही नहीं उनके शिष्य बाबा राधे दास भी दो वर्ष पूर्व समा गए थे। अब उनकी गद्दी पर बाबा राजेश दास विराजमान हैं। भंडारे में भारी संख्या में भक्त पहुंचे।








 गेहूं खरीद का था 29वां दिन
 -शुक्रवार को गेहूं की महज 19 क्विंटल हुई खरीद
- सरसों की खरीद नहीं, अभी भी 16 हजार बैग फड़ों पर
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कनीना की आवाज। कनीना की पुरानी अनाज मंडी में जहां गेहूं की खरीद 2125 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से अभी भी जारी है। शुक्रवार को 19 क्विंटल गेहूं खरीदा गया। इस प्रकार कुल खरीद 13067 क्विंटल पहुंच गई है। विस्तृत जानकारी देते हुए फिर वेयरहाउस मैनेजर आनंद यादव ने बताया कि प्रतिदिन गेहूं की खरीद होती है। किसान धीरे-धीरे गेहूं बेचने के लिए आ रहे हैं। शुक्रवार खरीद के 29वें दिन महज 19 क्विंटल गेहूं खरीदा गया।
 सरसों की खरीद बंद, उठान धीमा-
 उधर कनीना की नई अनाज मंडी चेलावास में सरसों की खरीद बंद है, उठान धीमी गति से जारी है। फड़ों पर 16000 बैग पड़े हुये है। शुक्रवार को 16 हजार बैग का उठान किया गया।
 उल्लेखनीय की नई अनाज मंडी में 5450 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से सरसों की खरीद की गई थी। सरसों की खरीद तेज गति से की गई। अब सरसों की खरीदी बंद है।
 फोटो कैप्शन 10: फड़ों से सरसों का उठान करते हुए।








दादा दादी की याद में धर्मशाला की रखी आधारशिला
--विट्ठलगिरी महाराज पहुंचे मौके पर
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कनीना की आवाज। उप-मंडल के गांव इसराना की ढाणी में धर्मशाला की आधारशिला रखी गई। अश्वनी कौशिक व बुद्धि प्रकाश शर्मा ने जानकारी देते हुए बताया कि यह धर्मशाला अपने दादा हरद्वारी लाल व दादी संतरा देवी व पिता राधेश्याम शर्मा की यादगार में बनाएंगे। उन्होंने कहा कि यह धर्मार्थ के लिए प्रयोग में ली जाएगी। इस मौके पर विशेष रूप से महंत लक्ष्मण गिरी विकलांग गौशाला के संचालक विट्ठलगिरी महाराज मौजूद रहे। वि_ल गिरी महाराज ने कहा कि धर्मशाला में आसपास क्षेत्र के लोग धार्मिक कार्य सहित सामाजिक कार्य कर सकते हैं। इस तरह के आयोजनों से बुजुर्गों की स्मृतियां आने वाली पीढ़ी को याद रहती है।  इस मौके पर पूर्व सरपंच विजेंद्र सिंह, मोहित शर्मा, नवीन शर्मा, रमेश, ओम प्रकाश शर्मा हनुमान सिंह उमेद सिंह बिजेंदर पवन कुमार मदनलाल विकास संजय आदि मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 08: धर्मशाला की न्यू रखते हुए महंत वि_ल गिरी महाराज व अन्य






 नुक्कड नाटक के माध्यम से जल बचाने के लिए किया लोगो को किया जागरूक
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कनीना की आवाज। उप-मंडल के गांव भोजावास के बस स्टैंड पर ग्राम पंचायत के सौजन्य से अटल भू-जल योजना की तरफ से जांगिड़ एंड पार्टी ने हरियाणवी नाटक के माध्यम से लोगो को जल  बचाने के लिए जागरूक किया। इस दौरान किसानो को हरियाणा सरकार कि ओर से फसल पर सब्सिडी के बारे में जागरूक किया।  
संदीप कुमार युवा समाज सेवी ने बताया कि हमें पानी को व्यर्थ नही बहाना चाहिए।  पानी का सदुपयोग करना चाहिए। हरियाणा सरकार की सभी सुविधाएं गरीब , बीपीएल परिवार व किसानों को समय समय पर पहुंचाने का निरंतर कार्य करेंगे। इस मौके पर मौजूद लोगों ने जल बचाने की शपथ ली।
फोटो कैप्शन 09: भूजल संरक्षण का संदेश देते हुए जन।







पक्ष व विपक्ष के समर्थन के बावजूद नहीं हो पाया कट का काम शुरू
-धरना पहुंचा 54वें दिन में
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग पर बाघोत-सेहलंग के बीच कट के निर्माण की मांग को लेकर लोगों का धरना जारी है। धरना 54वें दिन में प्रवेश कर गया। शुक्रवार को धरने की मखन लाल स्वामी बसई ने अध्यक्षता की।
इस मौके पर संघर्ष समिति के संयोजक महावीर पहलवान बाघोत व एडवोकेट केपी यादव सेहलंग ने बताया कि पिछले 54 दिनों में धरना स्थल पर  सांसद, विधायक, पूर्व विधायक, जिला प्रमुख , बीडीसी चेयरमैन और अन्य जन धरने स्थल  पर अपना समर्थन देने आ चुके है और कुछ वर्तमान सांसद धरने स्थल पर आने की बात कह रहे है। धरना संघर्ष समिति और 40 गांवों की पंचायत इन चुने हुए प्रतिनिधियों का स्वागत करती है परंतु ये लोग पूछ रहे है कि सभी आते है और जल्द ही कार्रवाई करने की कहकर चले जाते है परंतु पिछले 54 दिनों से अभी जमीनी स्तर पर कुछ भी नहीं हुआ है।
 इस मौके पर संघर्ष समिति के चेयरमैन विजय सिंह नौताना, ठेकेदार शेर सिंह बाघोत, डॉक्टर लक्ष्मण सेहलंग, विनीत सरपंच सेहलंग,वीरपाल सरपंच स्याना,सत्यवीर एक्स सरपंच नौसवां,रवि प्रधान सेहलंग, रणधीर पहलवान बाघोत और आदि गणमान्य लोग मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 07: कट के लिए धरने पर बैठे लोग।






मोबाइल टावर रही ठप्प, देर शाम को हुआ पुन: बहाल
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कनीना की आवाज। शुक्रवार को कनीना के विभिन्न मोबाइल टावर काम करना बंद कर गई जिसके चलते नेट तो काम करता रहा किंतु मोबाइल फोन नहीं मिले जिसको लेकर लोग झुंझलाते नजर आये। चूंकि उपभोक्ता बगैर मोबाइल के एक पल भी नहीं रह सकते हैं और व्यापारी वर्ग का तो आधार ही मोबाइल है। मोबाइल टावर ठप्प रहने के कारणों का फोन न मिल पाने से पता नहीं लग पाया।




ठाकुर मंदिर में हेमादास की मूर्ति हुई स्थापित
-करीब 300 पहले हुये थे संत
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कनीना की आवाज। जिला के गांव भोजावास के ठाकुर मंदिर में समाजसुधारक, गौसेवक और राष्ट्रभक्त बाबा हेमादास की मूर्ति स्थापित की गई। महंत जमनादास, मंहत रामेश्वरदास, महंत हरिदास, महंत रामदास, महंत बिल्लूदास, महंत महानंद तथा सैंकड़ों श्रद्धालुओं के साथ मुख्य अतिथि अतरलाल एडवोकेट ने बाबा हेमादास की मूर्ति पर चादर चढ़ाकर इलाके तथा समाज में अमन चैन की कामना की। मुख्य अतिथि अतरलाल ने कहा कि 300 वर्ष पहले बाबा हेमादास ने गांव भोजावास में जन्म लेकर गौसेवा, समाजसेवा व भाईचारा को बढ़ाने का कार्य किया। उन्होंने आशा सिंह फौजी पुत्र रामनाथ का बाबा हेमादास की भव्य व सुंदर मूर्ति स्थापित करने के लिए धन्यवाद किया। उन्होंने श्रद्धालुओं से बाबा की शिक्षाओं पर चलने का आह्वान किया। इस अवसर पर हवन यज्ञ आयोजित किया गया। मंदिर में भंडारा आयोजित किया गया। जिसमें हजारों श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर मंहत बाबा सीताराम, सरपंच प्रतिनिधि पवन सिंह, भाग सिंह चेयरमैन, धर्मबीर, बलबीर, आशुसिंह, धर्मेन्द्र शास्त्री, कुक्कू पंडित, नरेन्द्र सिंह, कुलदीप तंवर, संतोश, निर्मला, बिमलेश, कमलेश, मुमताज, सीमा, तारादेवी, भगवती, सरोज देवी, महाराज बाबा तूफाननाथ, मूलचंद, दानसिंह प्रजापत, शेर सिंह यादव, खेमचंद, आदि सैंकड़ों श्रद्धालु एवं भगतजन उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 06: हेमादास की मूर्ति स्थापना करते हुए जन।





धरने पर बैठे क्षेत्र के लोगों को समर्थन देने दीपेन्द्र हुड्डा पहुंचेंगे 7 मई को
-बेरली में जनसभा संबोधन के बाद आएंगे
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कनीना की आवाज। जिला महेन्द्रगढ़ डा. एसोसिएशन के प्रधान डा. धर्मेन्द्र धनखड ने बताया कि सात मई को राज्यसभा सांसद धरना स्थल पर पहुंचकर लोगों का समर्थन करेंगे। इससे पहले वे बेरली में एक जनसभा को संबोधित भी करेंगे।
उन्होंने बताया कि सेहलंग और बाघोत के बीच एंट्री और एग्जिट कट की मांग को लेकर लोग लगातार पिछले 53 दिन से धरने पर बैठे हैं। यहां कट बनाए जाने की सख्त आवश्यकता है। सरकार और जनप्रतिनिधियों की तरफ से आश्वासन तो काफी मिल चुके हैं लेकिन अभी तक धरातल पर कोई काम नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि  यहां पर सभी पार्टियों के जन प्रतिनिधि धरने पर आकर कार्य को जल्द करवाने का आश्वासन दे चुके है परन्तु धरातल पर अभी तक कुछ भी नही हुआ है।
इसी कडी में राज्यसभा सांसद दीपेन्द्र सिंह हुड्डा धरने पर बैठे लोगों का मनोबल बढ़ाने हेतु आ रहे हैं।






 10 हजार विद्यार्थी जिला महेंद्रगढ़ से देंगे नीट की परीक्षा
-गुडग़ांव, फरीदाबाद, हिसार, दिल्ली आदि  देने जाते हैं परीक्षा
-लौटकर आते हैं रात को, परीक्षा केंद्र बनाये जाये पास
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कनीना की आवाज। इस बार नीट(नेशनल एलिजिब्लिटी कम एंट्रेंस टेस्ट) केवल एनटीए(नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) दिल्ली द्वारा हर वर्ष की भांति 7 मई को आयोजित करवाई जा रही है जिसमें पूरे भारत से 20.87 लाख विद्यार्थी बैठेंगे। अकेले कनीना एवं उपमंडल से एक हजार तथा  जिला महेंद्रगढ़ से 10000 के करीब विद्यार्थी परीक्षा देंगे। परीक्षा के लिए विद्यार्थी 7 मई को विभिन्न विभिन्न परीक्षा केंद्रों पर जाएंगे लेकिन उनके लिए कोई स्पेशल बस। सुविधा नहीं है विद्यार्थी हर बार यह परीक्षा देने जाते जिनकी संंख्या अधिक होती है किंतु न तो जिला महेंद्रगढ़ और आसपास कोई परीक्षा केंद्र बनाया जाता और न हीं विद्यार्थी परेशानी से बच सकते। एक बार एनटीए ने रेवाड़ी एवं महेंद्रगढ़ जिलों के केंद्र तो भरवाए लेकिन परीक्षा केंद्र किसी विद्यार्थी को नहीं दिया गया।
 क्या है नीट की परीक्षा-
10 + 2 की परीक्षा के बाद नीट की परीक्षा दी जाती है। जो विद्यार्थी दस जमा दो की परीक्षा दे रहे हैं वो भी यह मौका ले सकते हैं। नीट में बेहतर अंक आने पर एमबीबीएस/बीडीए/बीएएमएस/ बीयूएमएस/बीएससी नर्सिंग आदि क्षेत्रों में जाकर कोर्स पूरा किया जाता है। हर वर्ष यह परीक्षा आयोजित कर क्वालीफाइंग अंक निर्धारित किए जाते हैं। उससे ऊपर के विद्यार्थियों में से टाप मेरिट के विद्यार्थियों को काउंसलिंग के जरिये पूरे भारत के विभिन्न कालेजों में मौका दिया जाता है ताकि एमबीबीएस कर सके। जिनका चयन एमबीबीएस में नहीं हो पाया उन्हें बीडीएस/बीएएमएस आदि में मौका मिल जाता है। इस परीक्षा के लिए कोई आयु निर्धारित नहीं है। 10 + 2 की परीक्षा पास करने के बाद चाहे कितने भी मौके ले सकता है और बार-बार परीक्षा दे सकता है। अकेले कनीना क्षेत्र से 200 विद्यार्थी दस जमा दो की परीक्षा सीबीएसई से पास करके निकलेंगे जबकि कनीना से ही एक सौ विद्यार्थी हरियाणा विद्यालय शिक्षा बोर्ड से परीक्षा पास करके निकलेंगे। इससे करीब 5 गुना अधिक विद्यार्थी विभिन्न वर्षों की भांति इस बार भी परीक्षा दे रहे हैं ।कुल मिलाकर कनीना क्षेत्र से ही हजारों की संख्या में विद्यार्थी नीट की परीक्षा देंगे। कहां कहां बनाए गए हैं सेंटर--
 नीट की परीक्षा के लिए यूं तो पूरे भारत में परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं जिनकी संख्या 499 है किंतु जिला महेंद्रगढ़ के आसपास भिवानी, गुडग़ांव, फरीदाबाद तथा दिल्ली आदि परीक्षा केंद्र बनाए गए हैं जहां विद्यार्थी परीक्षा देने के लिए रविवार 7 मई को पहुंचेंगे। परीक्षा का समय शाम दो से पांच बजकर 20 मिनट तक का होगा अर्थात 3 घंटे 20 मिनट में परीक्षा पूर्ण करनी होती है।
उत्साह है विद्यार्थियों में-
 विद्यार्थियों में नीट की परीक्षा देने के लिए विद्यार्थी उत्साहित है। कनीना क्षेत्र के तथा आसपास के विद्यार्थियों से संबंध में बात ही सुजल का कहना है कि विगत वर्ष भी परीक्षा में बैठे थे किंतु इस बार फिर से परीक्षा में अपना भाग्य आजमाएंगे। इस बार उनकी अच्छी तैयारी है तथा विश्वास है कि इस बार भी एमबीपीएस में जरूर चयनित हो जाएंगे।
 अमीश का कहना है कि इस परीक्षा में पूरे उत्साह से बैठेंगे और उन्हें उम्मीद है इस बार बेहतर अंक प्राप्त करेंगे ताकि भारत भर के किसी अच्छी कालेज में उनका एमबीबीएस के लिए नंबर पड़ जाए।
 दीपिका विगत वर्ष किसी कारणवश परीक्षा में नहीं बैठ पाई। इस बार परीक्षा में बैठेंगी तथा उनमें भी पूरा उत्साह है। उनका कहना है कि परीक्षा देने तो जाएंगे किंतु जिला महेंद्रगढ़ आसपास कोई परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया है जिसके चलते उन्हें आसपास कोई परीक्षा केंद्र नहीं बनाया गया है जिसके चलते उन्हें दूरदराज जाने में भारी परेशानी उठानी पड़ती है। अभिभावकों को साथ ले जाना पड़ता है।
 मेघा ने बताया कि परीक्षा के लिए पूर्ण रूप से तत्पर है अच्छी तैयारी की है किंतु ने खेद है कितने दूर दूर जाना पड़ता है जहां परीक्षा देखकर देर रात तक पहुंचना पड़ता है इस प्रकार आने-जाने में उन्हें भारी समस्याओं का सामना करना पड़ता है।
 इसी प्रकार रितिक, दिनेश, महेश, अमित, रीना रानी एवं महिमा आदि से बात की गई। उन्होंने बताया कि वे परीक्षा के लिए तत्पर है और परीक्षा देने के लिए जल्दी सुबह अपने साधनों से जाएंगे। विद्यार्थियों ने बताया कि वह अपने निजी साधनों से परीक्षा देने जाते हैं जिसमें उनका 10,000 रुपये तक खर्चा आ जाता है। वे चाहते हैं कि सरकार कोई उन्हें साधन उपलब्ध करवाएं।
 होना चाहिए चाहिए परीक्षा केंद्र आसपास-
इतनी अधिक संख्या में विद्यार्थी जब परीक्षा देने जाते हैं तो भी एनटीए(नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) जो विभिन्न प्रकार की परीक्षाएं आयोजित करवाती है, यहां तक की नेट की परीक्षा और विभिन्न नौकरी के लिउए आयोजित परीक्षाएं करवा कर नाम कमा रही है, उन्हें जिला महेंद्रगढ़ और रेवाड़ी में परीक्षा केंद्र बनाने चाहिए।
 शिक्षाविदों की माने तो उनका कहना है कि जिला महेंद्रगढ़ शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी है। यह बात सत्य है हर बार अधिक संख्या में विद्यार्थी विभिन्न परीक्षाएं पास करके निकालते हैं किंतु अफसोस है कि इस क्षेत्र को पिछड़ा मानते हुए अक्सर परीक्षा इस क्षेत्र में आयोजित नहीं करवाई जाती। ऐसे में विद्यार्थियों की मांग है कि उनके साथ  जाने को मजबूर होते हैं। आसपास परीक्षा केंद्र जाए ताकि उनके निजी साधनों से जाने से बचा जा सके। यहां तक कि देर रात तक लौट पाते हैं। इस समस्या से उनके अभिभावक भी परेशान हो जाते हैं। अभिभावकों को साथ जाना पड़ता है। इस समस्या से निपटाने के लिए भी परीक्षा केंद्र पास बनाए जाने चाहिए।
 चलाई चलाई जानी चाहिए अतिरिक्त बसें-
 इस दिन के लिए अतिरिक्त बसें चलाई जानी चाहिए। क्योंकि भारी संख्या में विद्यार्थी जाते हैं, बहुत परेशानी झेल कर पहुंचते हैं, ऐसे में प्रशासन द्वारा 7 मई रविवार के लिए भिवानी, गुडग़ांव, दिल्ली एवं फरीदाबाद आदि के लिए विशेष बस चलाई जानी चाहिए ताकि विद्यार्थी खुशी-खुशी यह परीक्षा दे सके।
क्या कहना है अभिभावकों का-
अभिभावक कुलदीप ने बताया कि जब यह परीक्षा आयोजित होती है तो वे अपने बच्चों के साथ विशेषकर जब बच्ची होती है तो उसके साथ जाना जरूरी होता है। क्योंकि यह परीक्षा 5 बजे बाद संपन्न होती है और घर आते आते देर रात हो जाती है। ऐसे में अकेली बच्ची को भेज पाना बहुत कठिन होता है। सभी अभिभावक परेशान होते हैं। श्रीकिशन शर्मा ने बताया की जब नीट की परीक्षा आयोजित होती है तो अभिभावकों की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है। कोई निजी साधन करते हैं या फिर एक दिन पहले केंद्र के पास जाकर ठहरना पड़ता है ताकि समय पर केंद्र पर पहुंचा जा सके और समय पर घर आया जा सके। यही कारण है कि उन्हें अतिरिक्त संसाधन जुटाने पड़ते हैं। अगर प्रशासन चाहे तो इस दिन स्पेशल बसें चला सकता है तथा एनटीए एजेंसी इस प्रकार की परीक्षाएं पास में केंद्र बनाकर आयोजित कर सकती है।
 फोटो कैप्शन: दीपिका, मेघा, सुजल, अमीश तथा अभिभावक श्रीकिशन  एवं कुलदीप।









 पेयजल सप्लाई केंद्र का मुख्य द्वार बना कबाड़ घर, ईंधन,कुरड़ी, कृषि उपकरण हैं पड़े
-चारदीवारी जर्जर, ऊंची पेयजल टंकी खराब
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कनीना की आवाज। कनीना में रेवाड़ी रोड़ पर 21 दिसंबर 1975 को पूर्व कृषि मंत्री स्व. कर्नल महा सिंह ने पेयजल सप्लाई केंद्र का उद्घाटन किया था। तत्पश्चात 22 मई 2011 में श्रुति चौधरी सांसद तथा अनीता यादव पूर्व सीपीएस ने नहर पर आधारित पेयजल तथा सीवरेज व्यवस्था का उद्घाटन भी यहीं पर किया था किंतु पेयजल केंद्र   का मुख्य द्वार दोनों तरफ कुरडियों, कूड़ा कचरा, ईंधन एवं कृषि के उपकरण आदि से सजा रखा है। दूर से कबाड़घर प्रतीत होता है। वर्षों पुरानी चारदीवारी जर्जर और बहुत छोटी होने की वजह से केवल दीवार की बजाय ईंधन एवं कबाड़ पड़ा नजर आता है।
 जहां पेयजल केंद्र के अंदर जाकर देखा जाए तो 40 वर्षों से अधिक पुरानी खराब ऊंची पेयजल टंकी बनी हुई है जो काम नहीं कर रही। अंदर नहर के पेयजल को साफ करने के वर्षों पुराने हौद बने हुए हैं जो कोई काम नहीं आ रहे और उनमें पेड़ पौधे एवं झाड़ झंखाड़ खड़ा है। कस्बा कनीना के करीब 20 हजार लोगों को पेयजल प्रदान करने वाले केंद्र का इतना बदहाल देखकर लगता है कि स्वास्थ्य की ओर प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा है। 48 साल पहले जिस चारदीवारी और  पेयजल केंद्र का उद्घाटन किया गया था आज उसके जीर्णोद्धार की आवश्यकता है।
द्वार पर पड़े हुए कूड़ा कचरा, ईंधन आदि के चलते कोई भी सरीसृप आसानी से पेयजल केंद्र में घुस सकता है। छोटी चारदीवारी के चलते आवारा जानवर भी इसके अंदर घुस सकते हैं। ऐसे में इसकी चारदीवारी को ऊंचा करने की सख्त जरूरत है वही भावी जनसंख्या को देखते हुए पेयजल केंद्र में अतिरिक्त सुविधाएं उपलब्ध करवाने की जरूरत है।
अगर यूं ही मुख्य द्वार पर कूड़ा कचरा, ईंधन आदि डाला जाता रहा तो निकट भविष्य में पेयजल केंद्र न होकर इसका नाम कूड़ा कचरा केंद्र बन जाएगा। यहां पुरानी ऊंची टंकी को हटवाने, पुराने हौद के स्थान पर नये हौद बनवाकर पेयजल की अतिरिक्त सुविधा प्रदान करने, चारदीवारी को ऊंचा उठाने तथा बदहाल पेयजल केंद्र को आधुनिक बनाने की मांग उठ रही है।
 क्या कहते हैं जनस्वास्थ्य अधिकारी -
जन स्वास्थ्य विभाग के जेई सुरेंद्र कुमार से बात हुई। उन्होंने बताया पेयजल केंद्र में अतिरिक्त सुविधाएं जुटाने के लिए भी उच्च अधिकारियों को सूचित किया हुआ है किंतु इसके द्वार पर कूड़ा कचरा  डालने वालों को जल्द ही नोटिस दिया जाएगा तथा इसके मुख्य द्वार को साफ सुथरा बनाकर आकर्षक बनाने का प्रयास किया जाएगा।
फोटो कैप्शन 03: पेयजल की छोटी चारदीवारी को दर्शाते हुए
04: पेयजल केंद्र पर खराब पड़ी वर्षों पुरानी पेयजल टंकी
05: पेयजल केंद्र का मुख्य द्वार ईंधन और कूड़े कचरे से ढका हुआ।









पोस्टर पर बनवा दिया शादी का कार्ड
-ककराला के कृष्ण कुमार हैं डा.अंबेडकर भक्त
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कनीना की आवाज। कनीना उपमंडल के गांव ककराला के कृष्ण कुमार ने अपने बेटे की शादी के लिए डा. भीमराव अंबेडकर का पोस्टर ही शादी का कार्ड बनवा दिया है। इस पोस्टर में जहां डा. अंबेडकर की फोटो एवं जीवनी लिखी है वहीं  नीचे शादी का ब्यौरा एवं निमंत्रण दिया गया है। इस निमंत्रण को देखकर लोग चौक जाते हैं।
 पूछे जाने पर कृष्ण कुमार ने बताया ये एक ऐसे महापुरुष थे जिन्होंने भारत का संविधान लिखा था। यही कारण है कि संविधान निर्माता को प्रचारित करने के लिए और शादी का निमंत्रण भी भेजने अर्थात एक पंथ दो काज की यह योजना बनाई है जो लोगों को पसंद आ रही है। उल्लेखनीय है कि कृष्ण कुमार कनीना के जन स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत है।
 फोटो कैप्शन 02: शादी का कार्ड या पोस्टर।










एक्स-रे मशीन के लिए भी तरस रहा है कनीना का उप-नागरिक अस्पताल
-2 माह पहले एक्स-रे मशीन तो आई किंतु रातों-रात दूसरी जगह भेजी
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कनीना की आवाज। कनीना का उप-नागरिक अस्पताल आज के दिन एक्सरे मशीन के लिए भी तरस रहा है। सैकड़ों मरीज या तो निजी चिकित्सालयों या दूरदराज जाने को मजबूर हो रहे हैं। कनीना उप नागरिक अस्पताल भविष्य में 100 बेड का बनने जा रहा है किंतु हालात एक गांव से भी बदतर हो चली है। एक्स-रे की मशीन करीब दो माह पहले आई और मशीन के लिए कमरे की व्यवस्था भी कर दी गई थी किंतु रातों-रात मशीन दूसरे क्षेत्र में भेज दी गई। लंबे समय से एक्सरे की मांग चल रही है किंतु अस्पताल के मरीज एक्सरे के लिए तरस रहे हैं। क्या कहते हैं कनीना क्षेत्रवासी।
 कनीना के प्रसिद्ध समाजसेवी भगत सिंह का कहना है कि कनीना उप-नागरिक अस्पताल के लिए 2 माह पहले एक मशीन एक्स-रे मशीन आई थी जो रातोंरात सेहलंग भेज दी गई। जहां वह नई मशीन डब्बों में बंद पड़ी हुई है और कनीना क्षेत्र के मरीज तरस रहे हैं। उन्होंने विधायक से मांग की है कि उस मशीन को वापिस कनीना भिजवाया जाए।    योगेश अग्रवाल का कहना है कि कनीना उप नागरिक अस्पताल करीब 55 गांवों के लोग आश्रित हैं। यहां अल्ट्रासाउंड, एक्सरे मशीन, आपरेशन टेबल आदि जरूरी सामान उपलब्ध करवाये जाए ताकि उपमंडल स्तरीय अस्पताल की ओर लोगों का रुझान बढ़। तीन मंजिल का यहां भवन तो है किंतु संसाधन नहीं है।
 कनीना की रविंद्र कुमार का कहना है कि गरीब तबके के लिए एकमात्र कनीना का उप-नागरिक अस्पताल अनेक सुविधाओं के लिए तरस रहा है। एक्सरे जैसी मशीन ही नहीं अल्ट्रासाउंड मशीन, सर्जन  तथा आपरेशन टेबल की अस्पताल में बड़ी आवश्यकता है किंतु उपलब्ध नहीं होने के कारण मरीज दूसरे स्थानों पर लुट पीट रहे हैं। उन्होंने ये उपकरण उपलब्ध करवाने की मांग की है।
 कनीना के मनोज शर्मा का कहना है कि दुर्भाग्य की बात है कनीना का उप-नागरिक अस्पताल दूर-दूर तक विख्यात है किंतु यहां पर एक्स-रे तक की मशीन नहीं है। 50 साल पहले भी यहां एक्सरे मशीन होती थी और अब जब अस्पताल का  दर्जा बढ़ गया तो एक्सरे मशीन, अल्ट्रासाउंड मशीन तथा अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं हैं। उन्होंने ये उपकरण अविलंब प्रदान करने की मांग की है ताकि ग्रामीण क्षेत्र के मरीज इसका लाभ उठा सकें। अस्पताल के डाक्टरों ने बताया कि यहां 2 माह पहले मशीन आने का संदेश मिला था जिसके लिए दो कमरे तैयार कर दिए गए थे किंतु रातों-रात मशीन कहीं और जगह भेज दी गई, मशीन नहीं आई।
 फोटो कैप्शन 01: कनीना का तीन मंजिला उप-नागरिक अस्पताल
 साथ में भगत सिंह, योगेश अग्रवाल, मनोज शर्मा एवं रविंद्र कुमार की पीपी।








पालिका चुनावों के लिए आरक्षण ड्रा पर टिक गई है नजर
-बीसी-ए को भी आरक्षण देने की सरकार ने कही बात
-पत्रकार, वकील एवं स्थानीय नेता भी दौड़ में
-कहीं सारे अरमान धरे न रह जाये
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कनीना की आवाज।  जिला महेंद्रगढ़ की कनीना नगरपालिका के भविष्य में चुनाव होने जा रहे हैं। 13 वार्डों में करीब 10 हजार वोटर है। ऐसे में अब चुनावी सरगर्मियां बढऩे लगी है। जहां भी देखें चुनावी चर्चा शुरू हो गई है। अब तो सरकार ने हाल ही में बीसी-ए को स्थानीय निकायों में आरक्षण देने की बात कही है। ऐसे में प्रधान पद अगर बीसी-ए के लिए आरक्षित हो जाए तो धुरंधर नेताओं के सपने धरे के धरे रह जाएंगे। अब तो कई परिवार सामने आये हैं जिनके पूरे परिवार के सदस्य चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं। बेटा, पत्नी, बाप, मां, भाई, बहना कूद सकते हैं मैदान में। निर्भर करता है कि ड्रा किसके पक्ष में जाएगा।
ग्रामीण परिवेश में चाय एवं हुक्का दोनो ही ऐसी चीजें हैं जहां कुछ लोग बैठकर चर्चा करते देखे जा सकते हैं। चाय की चुसकी तथा हुक्के की गुडग़ुड़ाहट में ही चुनावी चर्चा का असली मजा देखने को मिलता है। इस बार वैसे भी अधिकांश युवा आगे आ रहे हैं। वर्तमान प्रधान सतीश जेलदार ने तो पहले ही अपने लड़के की चुनाव लड़ाने की घोषणा कर दी है। चुनाव लडऩे वाले रातों रात रणनीति बना रहे हैं ताकि विजयी हो सके।
पूरा परिवार चुनाव का है इच्छुक--
इस बार के चुनावों में ड्रा के बाद ही स्पष्ट हो पाएगा कि कौन चुनाव लड़ेगा। यदि बड़ों का दबदबा रहा तो कुछ परिवारों में बाप चुनाव लड़ सकता है, युवा वर्ग का दबदबा नजर आया तो बेटा या भाई चुनाव लड़ेगा और अगर सीट महिला के लिए आरक्षित हुई तो किसी की मां तो किसी की पत्नी या किसी की बहन भी चुनाव लड़ सकती है। कई परिवारों ने ऐसे संकेत दिये हैं। कितुं इन चुनावों का आधार आरक्षण का ड्रा होगा जिसकी अभी तक कोई तिथि निर्धारित नहीं हुई है।
 71 वर्ष पुरानी हो चुकी है कनीना पालिका--
 कनीना नगर पालिका 1952 में अस्तित्व में आई थी। जिसमें समय-समय पर अनेक प्रधान रह चुके हैं। सबसे अधिक समय तक पूर्व प्रधान मा. दलीप सिंह एवं उनके पिता स्व. चौ. बलबीर सिंह पालिका में प्रधान रह चुके हैं।
 अब तक विकास कार्य न हो पाने के कारण कनीनावासी किसी ऐसे युवा की तलाश में है जो कनीना का कायापलट करके रख दे। युवा एवं जनहितैषी प्रधान की जरूरत है। वैसे भी 10.5 करोड़ रुपये के विकास कार्य रुके पड़े हैं। दो योजना महिलाएं प्रधान रह चुकी हैं वहीं वर्तमान पालिका प्रधान सतीश जेलदार सज्जनता के कारण विकास कार्यों को करवाने में ऊंचा मुकाम हासिल नहीं कर पाये। हर इंसान के दिल में उनके प्रति सहानुभूति देखने को मिल रही है।
 चुनाव लडऩे के दावेदार-
अभी तक पार्षद के चुनाव के लिए
1. महेश बोहरा वार्ड 13 से
2. वार्ड चार से योगेश कुमार
3. वार्ड एक से विजय चेयरमैन
4. वार्ड दो से सुरेंद्र सिंह पूर्व चेयरमैन चुनाव लडऩे के इच्छुक हैं। अभी अनेक युवा सामने नहीं आ रहे हैं।
इस बार चेयरमैन पद का चुनाव सीधा होगा अर्थात पूरे कनीना से प्रधानपद के लिए अलग से मतदान होगा जबकि उसी के साथ दूसरी मशीन से पार्षद का चुनाव होगा। जिसके चलते इस बार चेयरमैन पद के लिए अधिक लोग तैयारी में जुटे हुए हैं।
प्रधान पद के लिए दावेदार--
1.कनीना के सज्जन सिंह बोहरा
2. कनीना के वर्तमान चेयरमैन सतीश जेलदार के पुत्र प्रीतम जोनू
3. मनोज कुमार रोहिल्ला वरिष्ठ पत्रकार
4. कनीना के वार्ड 12 का निवासी अमित नंबरदार  
5. वार्ड 3 के निवासी राज सिंह
6. पूर्व प्रधान मा. दिलीप सिंह या उनके पुत्र दीपक चौधरी
7. पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा
8. एडवोकेट विनय यादव, एडवोकेट पंकज यादव, दीपक चौधरी एडवोकेट
9. उप प्रधान पद पर आसीन अशोक ठेकेदार,  मनीष पार्षद
10. सुमेर सिंह मैनेजर
11-सुमन यादव
आने लगा है चुनावी चर्चाओं में रस---
 दुकान हो या कोई चाय की दुकान, चुनावी चर्चा मिलने लगी है। विशेषकर जब से मतदाता सूचियों का प्राथमिक प्रकाशन हो चुका है तथा दावें एवं आपत्तियों का दौर जारी है। रातोंरात पार्षद और प्रधान पद के दावेदार ढूंढे जा रहे हैं। क्योंकि बहुत से लोग तो चुनाव तो लडऩा चाहते हैं किंतु आगे नहीं आना चाहते हैं वो ऐन मौके पर आगे आएंगे। ऐसे में चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं। चुनावी चर्चाओं में आनंद आने लगा है।
इंतजार है प्रधान पद आरक्षण का-
पालिका प्रधान के आरक्षण का अब तो बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। चुनाव लडऩे के इच्छुक जन अब स्पष्ट करने लगे हैं कि यदि सीट आरक्षण के तहत उनके पक्ष की रही तो ही चुनाव लडऩा संभव हो पाएगा वरना स्वत: ही चुनाव लडऩे से बाहर हो जाएंगे। पूर्व योजना में प्रधान पद एससी महिला के पक्ष में जाने से सारे पार्षदों के अरमान मिट्टी में मिल गये थे।
प्रधान पद जीतना तलवार की धार---
 इस बार चुनाव जीतना आसान नजर नहीं आता। क्योंकि अब तक पार्षदों के सहारे नैया पार होती रही है किंतु इस बार प्रधान को पार्षद नहीं बनाएंगे। उन्हें तो सीधे ही वोट मिलेंगे।
समय लग सकता है चुनाव होने में-
नगर पालिका के चुनाव लडऩे वाले अंदर खाते मतदाताओं के मन को टटोल रहे हैं। यदि मतदाता उनको अच्छा रिस्पांस देते हैं तो भी अपने उम्मीदवारी पक्की समझ रहे हैं। अभी से ही मतदाताओं से वोट देने की हां या ना करवा रहे हैं। चुनावों में लग सकता है समय। ऐसे भी कहते सुने  हैं कि मेरे लिए प्रधान पद के वोट दिलवा दो मैं तुम्हें पार्षद या  तुम्हारे द्वारा अनुमोदित पार्षद को अपने क्षेत्र के वोट दिलवा दूंगा। तेजी से आपसी गठबंधन बनता जा रहा है और रातों-रात चुनाव लडऩे वाले आगे आ रहे हैं। 13 वार्डों में 13 पार्षद चुने जाने है लेकिन कुछ वार्डों में चुनाव लडऩे वाले मौन नजर आ रहे हैं।


































सक्रिय भूमिका निभाएगा मोहल्ला मोदीका--
मोहल्ला मोदीका से किसी भी पूर्व पालिका योजना में कोई प्रत्याशी पार्षद या प्रधान पद पर नहीं रहा। हर बार इस मोहल्ले को आश्वासन मिलता रहा है कि अगली योजना में तुम्हारे क्षेत्र का एक प्रतिनिधि चुनने में हम मदद करेंगे। यह बात सज्जन सिंह बोहरा ने यहां विभिन्न घरों में जाकर आयोजित बैठक में बताई है। ऐसे में इस बार मोहल्ला मोदीका से कम से कम एक प्रत्याशी प्रधान पद के लिए तथा एक प्रत्याशी पार्षद चुनाव के लिए खड़ा होगा। आगामी रणनीति बनाई जा रही है सज्जन सिंह बोहरा प्रमुख भूमिका निभाते हुए हर वार्ड से एक-एक पार्षद खड़ा करने की योजना बना रहे हैं। उन्होंने इस पत्रकार को बताया कि इस बार मौका नहीं चूकने देंगे। हर बार जो भी वार्ड एक से प्रत्याशी बना है वह यह आश्वासन देकर मोहल्ले से वोट ले चुका है कि अगली बार तुम्हारे क्षेत्र से किसी प्रतिनिधि को हम चुनाव में खड़ा होने पर वोट देंगे। अब वो समय आ गया है। ऐसे में इस बार इस मोहल्ले के लोग भी आश्वस्त हैं और चुनाव में सक्रिय भागीदारी निभाएंगे। अब ऐसे सशक्त प्रत्याशी की तलाश जारी है किंतु प्रधान पद के लिए सज्जन सिंह बोहरा पहले ही आगे आ चुके हैं। अब तक चार लोगों के नाम सामने आये हैं।

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