Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Sunday, May 28, 2023

 


एक हजार किलोमीटर दूर से चलकर शिष्य अपने गुरु से मिलने के लिए आया
-आज भी है गुरु शिष्य परंपरा कायम, 1994 में अंतिम बार मिले थे
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कनीना की आवाज। गुरु शिष्य की परंपरा द्वापर एवं त्रेता युग में तो सदा मशहूर रही है किंतु वर्तमान समय में भी कुछ शिष्य अपने गुरु को किसी भी हाल में नहीं भुला सकते। कनीना में 60 वर्षीय शिष्य जब 78 वर्षीय अपने गुरु से मिला तो उनकी आंखें नम हो गई। मग सिंह भाटी शिष्य के रूप में जैसलमेर से चलकर करीब एक हजार किमी दूरी तय करके कनीना अपने गुरु का पता पूछते हुए पहुंचे और कनीना में बद्री प्रसाद शर्मा अपने गुरु से भेंट की। उनके साथ उनके पुत्र चंद्रपाल सिंह भी थे। वर्तमान में मग सिंह भाटी शहीद उमेद सिंह राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय बडोड़ा गांव जैसलमेर में प्राचार्य बतौर कार्यरत है जबकि बद्री प्रसाद शर्मा जिनका निकास अलवर से हैं तथा वर्तमान में कनीना में लंबे समय से रह रहे हैं। 78 वर्षीय बद्री प्रसाद शर्मा बडोड़ा गांव में गुरु जी के नाम से प्रसिद्ध है। इतना अर्सा बीत गया है फिर भी उन्हें गुरुजी के नाम से पुकारते हैं। उनके गुरू वरिष्ठ अध्यापक 1971 से 94 तक बडोड़ा गांव में रहे। अमर सिंह भाटी का कहना है कि उनके लिए उनसे बड़ा कोई आदर्श गुरु भी नहीं हुआ है। उनसे आत्मिक लगाव और अपनत्व है। उनकी याद सदा दिल में रही है। जब वे 18 वर्ष के थे अपने गुरु बद्री प्रसाद शर्मा से शिक्षा ग्रहण करते थे तत्पश्चात यह संयोग ही था कि बडोड़ा गांव में गुरु और शिष्य दोनों एक स्कूल में शिक्षक भी रहे। 1994 में बद्री प्रसाद शर्मा सेवानिवृत्त होकर कनीना आ गए परंतु उनका शिष्य मग सिंह भाटी उनसे मिलने के लिए लालायित रहने लगा। उनके पास किसी प्रकार उनके गुरू के फोन नंबर उपलब्ध हो गए और उनसे संपर्क कर उनसे मिलने की इच्छा जाहिर की। गुरु ने अपने शिष्य को मिलने के लिए सहर्ष स्वीकार कर लिया। 10 साल तक शिक्षा पाने वाले शिष्य मग सिंह भाटी आज अपने गुरु से मिलकर गदगद हो गए। उन्होंने कहा कि ऐसे गुरु सभी शिष्यों को मिले। अपने गुरु की जानकारी देते हुए मग सिंह भाटी ने बताया कि उस जमाने में गर्मी की छुट्टियों के दिनों में भी उनके गुरु अलवर नहीं जाते थे। अपितु गांव में ही चंदा इकट्ठा करते थे। पूणे में चंदा लेने के लिए गए। चंदा इकट्ठा किया कर उस वक्त में 5 कमरों का निर्माण करवाया। न केवल निर्माण करवाया अपितु अपने हाथों से कमरों की नींव खोदकर काम पूरा करवाया।
आज अपने गुरु से मिलकर मगर सिंह भाटी ने कहा कि सचमुच आज का दिन शुभ है कि अपने गुरु से भेंट की। उन्होंने कहा कि ऐसा गुरू सभी शिष्यों को मिले तो निश्चित रूप से भविष्य उनका उज्ज्वल बन सकेगा। उनसे मिलकर घर जैसा  महसूस हुआ। उनके लिए वही आदर्श गुरु है ।इस मौके पर आसपास के भारी संख्या में लोग गुरु शिष्य के मिलन को देखकर गदगद हो गए।
गुरु शिष्य मिलन को देखने के लिए मुकेश शर्मा, रूप शर्मा ,नरेंद्र निदेशक सहित कई जन मौजूद रहे।
 फोटो कैप्शन 6: अपने गुरु से आशीर्वाद लेते हुए मग सिंह भाटी।








इस वर्ष 15 जुलाई 2023 को श्रावण शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा-ऋषिराज शर्मा
-इस बार हैं दो सावन माह
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कनीना की आवाज। श्रावण मास की शुरुआत 04 जुलाई से हो रही है, जिसकी समाप्ति 31 अगस्त को होगी। यानी इस साल सावन 30 नहीं बल्कि 59 दिनों का होगा और भक्त 8 सावन सोमवार का व्रत रखेंगे।
परशुराम थे पहले कावडिय़ा-
पंडित ऋषिराज शर्मा ज्योतिषाचार्य कनीना का कहना है कि सबसे पहले भगवान परशुराम ने उत्तर प्रदेश के बागपत के पास स्थित पुरा महादेव का कावड़ से गंगाजल लाकर जलाभिषेक किया था। परशुराम, इस प्राचीन शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए गढ़मुक्तेश्वर से गंगा जी का जल लाए थे।
महाशिवरात्रि के दिन चारों पहर में पूजा करने का विशेष महत्व होता है. चार पहर का अर्थ है सूर्य अस्त के बाद का समय और सूर्य उदय से पहले का समय. इस समय में भोलेनाथ की आराधना करने से भोलेनाथ अतिशीर्घ प्रसन्न हो जाते हैं. चार पहर जिस में भोलेनाथ की आराधना करें वो इस प्रकार हैं. शाम 6 से 9 बजे तक पहला पहर, रात 9 से 12 बजे तक दूसरा पहर, रात 12 बजे से 3 बजे तक तीसरा पहर और 3 बजे से सुबह 6 बजे तक चौथा पहर।
शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी स्नानादि कर निवृत्त हो जाए। घर के मंदिर में भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करें और व्रत का संकल्प लें।
पूजा करते समय याद रखें कि आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। शिवरात्रि के दिन आप पूरे दिन का व्रत भी रख सकते है।
इस दिन व्रत निराहार ही रखें, पूरेदिन में आप केवल दूध, फल या जूस का सेवन कर सकते हैं.
शाम के समय वापस स्नानादि करने के बाद घर के मंदिर में भोलेनाथ और शिवलिंग की पूजा करें.
पूजा की शुरुआत गणेश जी से करें और उसके बाद शिव जी का पूजन शुरू करें।
उन्होंने बताया कि तीन जुलाई की गुरू पूर्णिमा है जब भारी संख्या में भक्त कावड़ लाने के लिए हरिद्वार एवं नीलकंठ जाएंगे। बाघोत स्थित बाघेश्वर धाम पर अर्पित करेंगे।
फोटो कैप्शन: ऋषिराज शर्मा











गंगा दशहरा के दिन भागीरथ गंगा को लाए थे धरती पर, पर्व 30 मई को
---की जाती है गंगा मैया की पूजा
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कनीना की आवाज। गंगा दशहरा जेष्ठ शुक्ल दशमी 30 मई को कनीना एवं आसपास मनाया जा रहा है। कनीना ही नहीं अपितु विभिन्न गांवों में इस दिन पूजा अर्चना , अखंड पाठ एवं विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किये जजा रहे हैं। इस दिन गंगा नदी को भागीरथ धरती पर लेकर आए थे। पुराणों में कथा प्रचलित है कि राजा सगर ने अश्वमेध यज्ञ किया था इनके साठ हजार उत्तर पुत्र बांधव थे जो अश्वमेघ घोड़े के पीछे चल रहे थे। अश्वमेघ यज्ञ के घोड़े को देवराज इंद्र ने चुरा कर कपिल मुनि के आश्रम में बांध दिया था। जब सगर के पुत्र पुत्र कपिल मुनि के आश्रम पहुंचे तो उन्हें आभास हुआ कि कपिल मुनि ने ही उनके घोड़े को चुरा लिये। उन्होंने कपिल मुनि को कटु वचन कहने शुरू कर दिये जिसके चलते कपिल मुनि ने सगर के साठ हजार पुत्रों को भस्म कर दिया। तत्पश्चात अंशुमान उनके आश्रम में गए क्षमा मांगी और घोड़ा लेकर आ गए। साथ में उन्हें अपने पूर्वजों का उद्धार करने की प्रार्थना की जिसके लिए कपिल मुनि ने उन्हें गंगा को धरती पर लाने की बात कही। अंशुमान घोड़े को लाया और अश्वमेध यज्ञ पूरा किया तत्पश्चात सगर गंगा को धरती पर लाने के लिए तप करते करते स्वर्ग सिधार गए। अंशुमान अपने पुत्र दिलीप को राज सिंहासन पर बैठा कर गंगा को धरती पर लाने का प्रयास किया किंतु वह भी स्वर्ग सिधार गए। तत्पश्चात दिलीप के पुत्र भागीरथ ने गंगा को धरती पर लाने का प्रयास किया। उन्होंने गंगा को प्रसन्न किया किंतु गंगा के हठी स्वभाव के कारण उसे धरा पर गिरकर  पाताल में धंस जाने की बात कही जिसके चलते शिव भोले को प्रसन्न कर गंगा को अवतरित करने की प्रार्थना की। शिव भोले ने गंगा को अपनी जटाओं में उलझा लिया तत्पश्चात जटाओं से धरती पर गिराया। इस दिन ही गंगा धरती पर अवतरित हुई थी और सगर के पुत्रों पुत्रों का उद्धार किया था। यद्यपि गंगा को धरती पर भागीरथ ने लाने के लिए तथा उनके पूर्वजों के भस्म स्थल तक पहुंचाने के लिए बहुत कष्ट झेले थे जिसके कारण आज भी उनके नाम पर भागीरथी प्रयास शब्द प्रचलित है। यह दिन बहुत शुभ माना जाता है। इसलिए इस दिन गंगा की पूजा की जाती है।
क्या कहते हैं प्रवेश पंडित-
कनीना के प्रवेश पंडित का कहना है कि यह दिन अति शुभ होता है। इस दिन धर्म एवं कर्म में विश्वास रखकर भगवान भालेनाथ को याद करना चाहिए तथा गंगा मैया की पूजा करनी चाहिए। इससे इष्ट फल प्राप्ति होती है।
फोटो कैप्शन: प्रवेश पंडित







पर्यावरण विषय की परीक्षाएं 29 मई को
-प्रायोगिक एवं लिखित परीक्षा एक ही दिन
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कनीना की आवाज। राजकीय महाविद्यालय कनीना के बीए, बीएससी एवं बीकॉम द्वितीय सेमेस्टर के नियमित एवं रिअपीयर के विद्यार्थियों को सूचित किया जाता है कि पर्यावरण अध्ययन विषय की प्रायोगिक एवं लिखित परीक्षा दिनांक 29 मई 2023 सोमवार को प्रात: दस बजे से होगी। अत: सभी संबंधित विद्यार्थियों को निर्देश दिए जाते हैं कि वे 29 मई 2023 सोमवार को सुबह नौ बजे महाविद्यालय में अपने पहचान पत्र अर्थात कालेज एडमिट कार्ड एवं यूनिवर्सिटी एडमिट कार्ड एवं पर्यावरण अध्ययन विषय की प्रायोगिक नोटबुक सहित उपस्थित होंगे तथा लिखित एवं प्रायोगिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिका पर विश्वविद्यालय एवं महाविद्यालय के रोल नंबर अवश्य लिखें किसी भी परीक्षार्थी को बिना पहचानपत्र कार्ड एवं यूनिवर्सिटी प्रवेश कार्उ के बिना परीक्षा में प्रविष्ट नहीं होने दिया जाएगा इस परीक्षा में पास होना अत्यंत आवश्यक है अन्यथा विद्यार्थी को किसी भी हालत में ग्रेजुएशन की डिग्री नहीं मिलती है।
महाविद्यालय के रजिस्ट्रार डा हरिओम भारद्वाज ने बताया कि  कंप्यूटर अवेयरनेस की परीक्षा दिनांक 30 मई 2023 को सुबह के सत्र में 9:30 से 12:30 बजे तक होगी। अत: बीए, बीएससी सेकंड सेमेस्टर के विद्यार्थी अपने कंप्यूटर की प्रायोगिक नोटबुक के साथ महाविद्यालय में उपस्थित हो। यह परीक्षा भी ग्रेजुएशन की डिग्री के लिए अनिवार्य है। कंप्यूटर अवेयरनेस एवं पर्यावरण अध्ययन विषय की परीक्षा पास किए बिना किसी भी विद्यार्थी को डिग्री प्रदान नहीं की जाती है अत: दोनों परीक्षाओं को पास करना सुनिश्चित करें। उपरोक्त समय सारणी के बाद किसी भी विद्यार्थी को इन परीक्षाओं में प्रविष्ट होने का कोई अन्य मौका नहीं दिया जाएगा।







इस वर्ष 15 जुलाई 2023 को श्रावण शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा
-इस बार हैं दो सावन माह
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कनीना की आवाज। श्रावण मास की शुरुआत 04 जुलाई से हो रही है, जिसकी समाप्ति 31 अगस्त को होगी। यानी इस साल सावन 30 नहीं बल्कि 59 दिनों का होगा और भक्त 8 सावन सोमवार का व्रत रखेंगे।
परशुराम थे पहले कावडिय़ा-
पंडित ऋषिराज शर्मा ज्योतिषाचार्य कनीना का कहना है कि सबसे पहले भगवान परशुराम ने उत्तर प्रदेश के बागपत के पास स्थित पुरा महादेव का कावड़ से गंगाजल लाकर जलाभिषेक किया था। परशुराम, इस प्राचीन शिवलिंग का जलाभिषेक करने के लिए गढ़मुक्तेश्वर से गंगा जी का जल लाए थे।
महाशिवरात्रि के दिन चारों पहर में पूजा करने का विशेष महत्व होता है. चार पहर का अर्थ है सूर्य अस्त के बाद का समय और सूर्य उदय से पहले का समय. इस समय में भोलेनाथ की आराधना करने से भोलेनाथ अतिशीर्घ प्रसन्न हो जाते हैं. चार पहर जिस में भोलेनाथ की आराधना करें वो इस प्रकार हैं. शाम 6 से 9 बजे तक पहला पहर, रात 9 से 12 बजे तक दूसरा पहर, रात 12 बजे से 3 बजे तक तीसरा पहर और 3 बजे से सुबह 6 बजे तक चौथा पहर।
शिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी स्नानादि कर निवृत्त हो जाए। घर के मंदिर में भोलेनाथ की पूजा-अर्चना करें और व्रत का संकल्प लें।
पूजा करते समय याद रखें कि आपका मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर होना चाहिए।
ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार करें। शिवरात्रि के दिन आप पूरे दिन का व्रत भी रख सकते है.
इस दिन व्रत निराहार ही रखें, पूरेदिन में आप केवल दूध, फल या जूस का सेवन कर सकते हैं.
शाम के समय वापस स्नानादि करने के बाद घर के मंदिर में भोलेनाथ और शिवलिंग की पूजा करें.
पूजा की शुरुआत गणेश जी से करें और उसके बाद शिव जी का पूजन शुरू करें।
याद रहें ये पूजा 4 पहर के समय ही करें.
भोलेनाथ को फल, फूल, चंदन, बिल्व पत्र, धतूरा, धूप व दीप से शिवजी की पूजा करनी चाहिए।
शिवलिंग पर दूध, दही, घी, शहद और शक्कर से अलग-अलग तथा सबको एक साथ मिलाकर पंचामृत से शिवलिंग को स्नान कराकर जल से अभिषेक करना चाहिए।
आखिर में भोलेनाथ के इन आठ नामों भव, शर्व, रुद्र, पशुपति, उग्र, महान, भीम और ईशान को लेकर फूल अर्पित करें, साथ ही शिव जी की आरती और परिक्रमा करें







आम के फल लगाकर दिखाए
-सूबे सिंह का है भरसक प्रयास
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कनीना की आवाज।  कनीना के दो किसान राजेंद्र सिंह तथा सूबे सिंह भाइयों ने यूं तो अपने प्लाट पर  बाड़ करेला, देशी चौला, देशी पेठा, देशी टिंडा, देशी जामुन, देशी परवल आदि सफलतापूर्वक उगाए हैं किंतु उनके खेत में विभिन्न पौधों पर आम के फल लगाकर असंभव को संभव बना दिया है। छह पेड़ आम के लगा रखे हैं जिन पर फल लगे हुए हैं। विगत वर्षों से पेड़ पर ही आम को पकाकर दिखाने में कामयाब हो पाये हैं। कनीना में कई अन्य स्थानों पर भी आम के फल लगे हुये हैं जिनमें भीम ट्रंक हाउस, सिहोर वाटर पंप तथा बिमला देवी पत्नी डा वेद के यहां आम लगे हुए हैं। दोनों किसान भाई वर्तमान में इलाइची उगाकर प्रयोग कर रहे हैं। उन्होंने न केवल अच्छे आम पेड़ पर पकाकर दिखाया था अपितु लोगों को मीठे आम खिलाकर यह सिद्ध कर दिया है कि असंभव कुछ भी नहीं है।  इस बार भी दोनों भाइयों ने बताया कि भारी मात्रा में आम के पेड़ों पर फल लगे हैं और वे एक दिन पकाकर दिखाएंगे। कृषि वैज्ञानिक मानते हैं कि यहां की जलवायु आम के अनुकूल नहीं है और आम पैदा नहीं हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि तराई का क्षेत्र विशेषकर नदियों वाला क्षेत्र इस पैदावार के लिए बेहतर है जहां नीम एवं पीपल की भांति आम के पेड़ लगे हैं। अधिक गर्मी भी आम सहन नहीं कर सकता है और परागण में भी परेशानी आती है। इतना कुछ होते हुए भी वे बेहतर आम पैदा कर चुके हैं।
फोटो कैप्शन 03: आम के पेड़ पर आम दिखाते सूबे सिंह किसान।








किसान जुटे खरीफ फसल के कृषि कार्यों में
-35 एमएम हो चुकी है बारिश, अगैती फसल के लिए अनुकूल
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कनीना की आवाज। हिम्मत के साथ क्षेत्र के किसान एक बार फिर से खरीफ फसल की तैयारियों में लग गए हैं। रबी फसल दौरान ओलावृष्टि, ठंड पडऩे तथा अनुकूल मौसम न होने से रबी फसल पैदावार कम हुई है। अन्न को बेचकर किसान फिर से खरीफ फसल के लिए जुट गए हैं।
  कनीना की कृषि योग्य भूमि 52 हजार हेक्टेयर होने से बावनी नाम से जानी जाती है। किसान हिम्मत बांधकर फिर से खरीफ फसल की तैयारी में जुट गए हैं। वैसे तो किसानों की प्रमुख फसल गेहूं की है। किसान गेहूं को खाने के लिए सबसे अधिक प्रयोग करते हैं वहीं बाजरे की फसल चारे के लिए अधिक उपजाई जाती है और खाने के लिए कम। रबी फसल बेहतर पैदावार नहीं दे पाई। कुछ पैदावार हुई बेचकर घर के कामों के लिए धन प्राप्त किया है। इस बार कनीना मंडी में कम गेहूं की आवक इस बात का प्रमाण है कि पैदावार कम हुई है।
 अब किसान खरीफ फसल की तैयारी में लग गया है। खेतों में खाद डालने विशेषकर गोबर का खाद  ऊंटगाड़ी, ट्रैक्टर एवं ट्राली से डाल चुके हैं और अब 35 एमएम बारिश होने के बाद कृषि कार्यों में जुट गये हैं। बीज की दुकानों पर भारी भीड़ है। अच्छे बीज एूंढ रहे हैं।
  कनीना के किसान अजीत सिंह, योगेश कुमार, रोहित कुमार ने बताया कि रबी फसल पैदावार लेने के तुरंत बाद किसान अपनी खरीफ फसल में लग जाता है। इस बार समय पर बारिश हो चुकी है। इस दौरान बाजरा, ग्वार आदि उगा रहे हैं। दिन रात ट्रैक्टरों द्वारा जुताई एवं बीजाई का काम चल रहा है।  किसानों ने बताया कि खरीफ फसल पूर्णरूप से बारिश पर आश्रित है। बारिश होने के बाद अब किसान व्यस्त हो गये हैं।
  किसान पशु पालक होने के कारण पशुओं के गोबर से खाद बनाते हैं या फिर गोबर से कंपोस्ट व केंचुआ खाद बनाकर खेतों में डालते। इस बार करीब 17 हजार हेक्टेयर पर बाजरा उगाये जाने की संभावना है।
इस संबंध में पूर्व कृषि विशेषज्ञ डा. देवराज यादव ने बताया कि यह समय बिजाई के लिए अनुकूल है। जून माह के प्रथम सप्ताह में अक्सर बिजाई की जाती है। इस वक्त बीजाई कर देने से अगेती फसल बेहतर हो पाएगी और भावी पसल के लिए समय भी बच पाएगा जिसके चलते किसान यह पैदावार भी ले सकते और रबी फसल की  बिजाई भी समय पर कर सकेंगे। उन्होंने बताया कि बाजार में अनेकों वैरायटी बाजरे की आई हुई है जो उगाई जा सकती है। वैसे भी इस वक्त खेतों में कपास और चारा देने वाली फसलें खड़ी हुई है जिन पर भी अब आ गई है। किसान खुश है तथा अपनी खरीफ फसल की बिजाई की तैयारियों में लग गए हैं।
फोटो कैप्शन 4: किसान खरीफ फसल के लिए तैयारी में जुटे हुये।







नंगल हरनाथ के पूर्व सरपंच पतराम का निधन
-92 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस
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कनीना की आवाज। कनीना उप-मंडल के गांव नंगल हरनाथ में के पूर्व सरपंच पतराम का निधन हो गया। वे 92 वर्ष के थे। गांव के विकास में और समाज सेवा में उनका अहम योगदान रहा है। वे अपने पीछे 2 पुत्र दिनेश व बाबूलाल तथा दो पौत्र, 4 पौत्री सहित भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। इस अवसर पर उनके अंतिम संस्कार में अजेंद्र सरपंच, प्रदीप कुमार, श्रीचंद प्राध्यापक, रोहतास सचिव, महावीर, दयाराम, अमित आदि शामिल हुये। उन्होंने दिवंगत आत्मा को महान सेवक बताते हुए श्रद्धा सुमन अर्पित किए। उनका अंतिम संस्कार गांव में विधि विधान से किया गया।
 फोटो कैप्शन : स्व पतराम







पक्ष और विपक्ष की सहमति के बाद भी निर्माण कार्य में देरी
-धरने का था 77वां दिन
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कनीना की आवाज। राष्ट्रीय राजमार्ग 152-डी पर बाघोत एवे सेहलंग गांवों के बीच कट की मांग को लेकर ग्रामीणों का धरना 77वें दिन में प्रवेश कर गया है। धरने की अध्यक्षता पहलवान सत्यवीर सिंह बाघोत ने की। कट अभी तक न बनाये जाने का ग्रामीणों में रोष है।
इस मौके पर संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय सिंह चेयरमैन नौताना व संयोजक महावीर पहलवान ने बताया कि हमारी बात सरकार तक पहुंच चुकी है। पक्ष और विपक्ष इस कट  को बनवाने पर सहमत है और जल्द से जल्द सेहलंग बाघोत कट का निर्माण करवाया जाए।
 संघर्ष समिति के संयोजक नरेंद्र शास्त्री छितरोली व ठेकेदार शेर सिंह बाघोत ने बताया कि यहां पर प्राचीन कालीन शिव मंदिर है और लाखों लोग पूरे देश भर से यहां पर दर्शन करने के लिए हर साल आते हैं। यह क्षेत्र आशाओं से व अवसर से भरा हुआ है क्योंकि यहां पर 4 जिलों की सीमा प्रसिद्ध प्राचीन कालीन शिव मंदिर बागेश्वर धाम , प्रदेश का एकमात्र केंद्रीय विश्वविद्यालय पाली , एनटीपीसी प्लांट झाड़ली, 13 सीमेंट कारखाने, निर्माणधीन औद्योगिक क्षेत्र खुडाना।
इस अवसर पर सत्यवीर सिंह व युवा राहुल राव पोता  ने बताया कि यदि इतना कुछ किसी रेलवे ट्रैक के साथ होता है तो वहां पर रेलवे प्लेटफार्म व रेलवे  ठहराव की औपचारिकताएं पूरी हो जाती है और रेलवे का ठहराव हो जाता है परंतु एनएचएआई हाइवे अथारटी को अभी यह अवसर दिखाई नहीं दे रहे हैं तभी तो इस कट के निर्माण में देरी हो रही है।
इस मौके पर धर्मपाल, मनोज कुमार पीटीआई महिपाल सिंह,राम कुमार, सतवीर, मक्खन लाल स्वामी, दिलीप सिंह शेखावत ,बलवान सिंह आर्य सरपंच छितरोली, एक्स सरपंच सत्यवीर सिंह नौशवा,रागनी गायक बाबूराम सेहलंग,रतिराम शर्मा , रणधीर पहलवान,मातादीन पंच,मास्टर विजयपाल,मास्टर विजय सिंह, राष्ट्र पाल, जगदीश प्रसाद साहब,लखन लाल जांगड़ा प्रधान भारत विकास परिषद कनीना, अजय पाल बाबूजी सीहोर व नारी शक्ति अनोफी, सुरस्ती, संतरा,नारायणी, सुनेहरी आदि नारी शक्ति धरने पर उपस्थित थी।
फोटो कैप्शन 02: धरने की मांग को लेकर धरनास्थल पर बैठे ग्रामीण।






बसपा नेता ने ग्रामीण क्षेत्रों में लोक संवाद कार्यक्रम आयोजित
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कनीना की आवाज।  बसपा नेता अतरलाल एडवोकेट ने कोटिया, गुढ़ा, रसूलपुर तथा चेलावास गांवों में लोक संवाद कार्यक्रम आयोजित कर ग्रामीणों की समस्याओं को सुना।
अतरलाल ने इस मौके पर  कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने अटेली विधानसभा क्षेत्र में जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित न करके अटेली हलके के साथ न केवल भेदभाव किया है बल्कि अटेली हलके का अपमान भी किया है। लोगों को आशा थी कि मुख्यमंत्री के अटेली में आने से अटेली को उपमंडल का दर्जा, दौंगड़ा अहीर को उप तहसील का दर्जा, बदहाल सड़कों का नवीनीकरण, कनीना तथा अटेली में बनाए गए दमकल केंद्रों का शुभारंभ, राष्ट्रीय राजमार्ग152डी पर सेहलंग बाघोत के पास कट बनाने तथा तोबड़ा में रेलवे अंडरपास बनाने, अटेली में आईएमटी स्थापित करने तथा युवाओं को रोजगार के नए अवसर उपलब्ध कराने जैसे कामों को गति मिलेगी। परंतु मुख्यमंत्री का कार्यक्रम न होने के कारण अटेली हलके की जनता निराश और ठगा सा महसूस कर रही है। इसलिए उन्होंने विपक्ष के नेता के तौर पर अटेली में लोक संवाद कार्यक्रम आयोजित कर जनता का दुख-दर्द सुनने का निर्णय लिया है। इस अवसर पर ग्रामीणों ने परिवार पहचान पत्र में आ रही दिक्कतों को जी का जंजाल बताते हुए इसे रद्द करने की मांग की। अनेक युवाओं ने बेरोजगारी पोर्टल बंद होने का हवाला देते हुए इसे चालू करने की मांग की। गांव गुढ़ा में गुढ़ा से कैमला तथा गुढ़ा से रसूलपुर लिंक रोड के नवीनीकरण की मांग जनता ने जोरशोर से उठाई। ग्रामीणों ने महेंद्रगढ़ से रेवाड़ी रोड पर अटेली टी-प्वाइंट से लेकर रेवाड़ी की प्वाइंट तक बदहाल सड़क का निर्माण करने, कनीना से सिहोर लिंक रोड, धनौन्दा से झाड़ली लिंक रोड, सेहलंग से स्याणा लिंक रोड का भी पुनर्निर्माण करवाने की मांग की। कार्यक्रमों में कैलाश सेठ, भाग सिंह चेयरमैन, प्रहलाद सिंह, आशुतोष शास्त्री, दान सिंह प्रजापत ने मुख्यमंत्री के जनसंवाद कार्यक्रम को क्षेत्र के लिए लाभकारी नहीं बताया। इस अवसर पर हवा सिंह, राजवीर, कैलाश, लीलाराम, हजारीलाल, सतपाल, गुलजारी, राकेश, रोहतास, बबलू, लीला राम प्रजापत, नाहर सिंह, राजेश कुमार, महेंद्र धोनी,  बसंत शर्मा, राजेंद्र, हंसराज, हनुमंत शर्मा, सुभाष, हरि सिंह, बनवारीलाल, रामकिशन, प्रीतम, सोमप्रकाश, दयाराम, वेद प्रकाश, नत्थू राम, योगेंद्र, दिनेश कुमार, विक्रम प्रजापत, बलजीत शर्मा, अजय यादव, सुनील कुमार, मोनू, उदय प्रकाश, धर्मेंद्र, रामकिशन पंच सहित सभी गांवों के अनेक ग्रामीण उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 05: लोक संवाद कार्यक्रम में अतरलाल एडवोकेट।






 नाली को लेकर हुआ झगड़ा तीन लोगों पर हुआ मामला दर्ज
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कनीना की आवाज। कनीना उप- मंडल के गांव कपूरी की ढाणी में दो भाइयों के बीच नाली को लेकर झगड़ा हुआ इसमें 3 लोगों के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है। मामला जोगेंद्र सिंह ने दर्ज करवाया है।
 उन्होंने पुलिस ने कहा कि मैं तथा मेरा भाई शीशराम कपूरी की ढाणी में खेतों में रहते हैं और अपना अपना मकान बना रखा है। 21 मई को शीशराम ने जोगिंद्र के मकान से निकलने वाले पानी की नाली को बंद कर दिया। जब जोगिंद्र इस नाली को खोलने के लिए आया तो शीशराम का लड़का अजीत फरसा लेकर आया और शीशराम डंडा लेकर आया। जोगिंद्र पर प्रहार किया जिससे उनके हाथ पर चोट आई। पड़ोसियों ने आकर अजीत का फरसा पकड़ लिया तभी अजीत की मां कौशल्या आ गई उन्होंने जोगेंद्र की पत्नी पर वार किया। लोगों के आने से बीच बचाव हो गया।
 पुलिस पुलिस को सूचना दी। पीसीआर वैन पहुंची। जोगेंद्र को कनीना अस्पताल ले जाया गया जहां उनका प्राथमिक उपचार कर हायर सेंटर रेफर कर दिया। जोगेंद्र के बयान पर तीन लोगों अजीत, कौशल्य और शीशराम के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।






सत्यनारायण यादव को भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा का प्रभार दिए जाने पर भिवानी व दादरी में कार्यकर्ताओं ने किया भव्य स्वागत
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कनीना की आवाज। आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता रहे पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सत्यनारायण यादव को दिल्ली के मुख्यमंत्री  अरविंद केजरीवाल द्वारा भिवानी महेंद्रगढ़ लोकसभा का अध्यक्ष नियुक्त करने पर पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा भिवानी व दादरी में उनका ढोल नगाड़ों के साथ जोरदार व भव्य स्वागत किया गया।
अपनी इस नवनियुक्ति पर एडवोकेट सत्यनारायण ने संदीप पाठक राष्ट्रीय संगठन महामंत्री व राज्यसभा सदस्य डा. सुशील गुप्ता आम आदमी पार्टी प्रभारी अनुराग ढांडा वरिष्ठ उपाध्यक्ष अशोक तवर कैंपेनिंग कमेटी सदस्य का आभार जताया।
 उन्होंने कहा कि एक छोटे व साधारण कार्यकर्ता पर पार्टी द्वारा इतनी बड़ी जिम्मेवारी देकर मेरा जो मान सम्मान किया है इसे मैं कभी झुकने नहीं दूंगा और पार्टी की नीतियों को घर-घर पहुंचाने का कार्य करूंगा। सभी कार्यकर्ताओं को साथ लेकर कंधे से कंधा मिलाकर आने वाले लोकसभा व विधानसभा चुनाव में पार्टी की सेवा करने में मेरी तरफ से किसी प्रकार की कसर नहीं छोड़ी जाएगी।
इस मौके पर आम आदमी पार्टी के अनेक कार्यकर्ता व पदाधिकारी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 01: सत्यनारायण यादव को स्वागत करते हुए भिवानी के कार्यकर्ता।




15 जुलाई के कांवड़ मेले को लेकर भक्त करने लगे तैयारियां
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कनीना की आवाज। 15 जुलाई को कनीना उप-मंडल के गांव बाघोत के बाघेश्वर धाम पर  हजारों की संख्या में कावड़ अर्पित की जाती है और विशाल मेला लगता है जिसमें लाख भक्त करीब 7 दिनों में पहुंचते हैं। कांवड़ के दृष्टिगत ग्रामीण क्षेत्रों में अभी से ही तैयारियां शुरू हो गई हें हरिद्वार एवं नीलकंठ जाने वाले भक्तों ट्रेन टिकट बुक करवाने शुरू कर दिये हैं। कनीना क्षेत्र से सुमेर सिंह, मनोज कुमार, सुरेंद्र दिनेश आदि ने बताया कि हर वर्ष कांवड़ लाते हैं तथा इस बार भी लाएंगे। तीन जुलाई को गुरु पूर्णिमा लग रही है इसके पश्चात हरिद्वार से कांवड़ उठाने का सिलसिला शुरू हो जाता है जो आगामी 10 दिनों तक लगातार चलता रहता है। अपार भक्ति बाघेश्वरधाम के प्रति देखने को मिलती है। यही कारण है कि ग्रामीण क्षेत्रों में अब हजारों की संख्या में कांवड़ लाने वाले भक्त तैयारियां कर रहे हैं। अनेक रूपों में कावड़ को लाया जाता है।









पालिका चुनाव बने प्रतिष्ठा का सवाल
-चुनाव लडऩे वालों में आई अभी से तेजी
-अभी चुनाव होते नजर नहीं आते
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कनीना की आवाज। नगरपालिका के प्रधान सतीश जेलदार ने 22 मई 2018 को शपथ ली थी तथा चुनाव 13 मई 2018 को हुये थे किंतु पत्र अनुसार उनका कार्यकाल 24 जून 2023 तक का निर्धारित कर दिया गया है।
पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने 22 मई 2018 को शपथ ली थी परंतु सोशल मीडिया के एक पत्र ने में स्पष्ट कर दिया है कि उनका कार्यकाल 24 जून 2023 तक रहेगा। इस संबंध में पालिका प्रधान सतीश जेलदार से भी बात हुई है किंतु अभी तक उनके पास उनके कार्यकाल समापन के विषय में कोई पत्र नहीं मिला है। स्पष्ट है कि उनका कार्यकाल भी अब 24 जून 2023 तक की रखा गया है। उधर पत्र अनुसार कनीना नगर पालिका की प्रधान पद के लिए आरक्षण हो चुका है परंतु आज आधिकारिक पत्र नहीं मिला है। यह पद महिला के लिए आरक्षित कर दिया गया है।  इस पत्र की सूचना को लेकर के अनेक प्रकार की भ्रांतियां क्षेत्र में फैली हुई है, कुछ लोग इसे फर्जी करार देते हैं परंतु इसमें प्रदेश की 22 पालिकाओं का वर्णन है फर्जी नहीं हो सकता है? सभी 22 पालिकाओं का सही सही आंकड़ा लिखा हुआ है। यह सत्य है कि इस पर किसी प्रकार का कोई एंडोर्समेंट नहीं है जिसको लेकर के इसे फर्जी माना जा रहा है परंतु जो कुछ हो, कनीनावासी हर प्रकार से चुनाव लडऩे के लिए तैयार है। अगर प्रधान पद महिला के लिए आरक्षित हो जाता है तो बहुत से धुरंधरों के लिए केवल पार्षद का चुनाव लडऩा मजबूरी बन जाती है जिसके चलते पार्षद पद का चुनाव कांटे की टक्कर तलवार की धार के समान होगा क्योंकि चुनाव लडऩा चाहने वाले लोग किसी प्रकार पीछे हटने वाले नहीं। यदि प्रधान पद के लिए उनके परिवार से कोई महिला तैयार नहीं होती है तो वे पार्षद पद के लिए चुनाव लड़ सकते हैं। वैसे भी पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे वाले अभी तक बहुत कम लोग आगे आ रहे हैं क्योंकि प्रधान की शक्ति इस बार अधिक हो गई है, उसका चुनाव सीधा होने की वजह से उसे पार्षदों का काम कम हो गया है भविष्य में प्रधान बनने के बाद किसी प्रस्ताव को पारित करते समय इन पार्षदों की जरूरत हो सकती है। ऐसे में बड़ा और सशक्त पद प्रधान का बना दिया गया है जिसको लेकर के दर्जनों लोग तैयार थे किंतु जब से पत्र की सूचना सोशल मीडिया पर प्रसारित हुई है तब से लोग शांत बैठ गए हैं। उनका अब विचार और मंथन हो रहा है कि किस को मैदान में खड़ा किया जाए। यह सत्य है कि चुनाव लडऩे वाले अब अपनी मां, बहन, बेटी या पत्नी को चुनाव लड़ा सकते हैं, स्वयं भी पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे के लिए तैयार हो रहे हैं। कनीना के पार्षद पद के लिए चुनाव लडऩे वाले महेश बोहरा एक है। उनके पिता राव सत्यवीर बोहरा भी पार्षद रह चुके हैं। अपने पिता के पद चिन्हों पर चलते हुए पार्षद पद के चुनाव की तैयारियों में जुटे हुए हैं क्योंकि उन्होंने तो कभी से ही पार्षद पद के की घोषणा की है और पालिका प्रधान बनने की इच्छा नहीं रही की? विजय चेयरमैन भी पार्षद पद के चुनावों के लिए तैयार हैं। अब भविष्य में जब कोई आधिकारिक पत्र आएगा तब की कोई आगे की कार्रवाई चल पाएगी। बहरहाल अभी चुनाव होते नजर नहीं आ रहे हैं क्योंकि जून महीना बाकी है। यदि चुनाव जून में होते है तो अभी तक कोई कार्रवाई हो चुकी होती।  एक और जहां प्रधान का कार्यकाल भी 24 जून तक का किया हुआ है वहीं मतदाता सूचि का अंतिम प्रकाशन भी अभी तक नहीं हुआ है। ऐसे में नहीं लगता कि जून माह में कोई चुनाव हो सकेंगे। ऐसे में जून तक चुनाव नहीं होते तो पत्र में कहे अनुसार 31 दिसंबर 2023 से पहले पहले ही चुनाव करवाए जाएंगे। अब सभी की नजरें इन चुनावों पर टिकी हुई हैं।
कनीना नगर पालिका चुनावों पर टिकी हैं नजरें********
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कनीना नगर पालिका में सतीश जेलदार ने 13 मई 2018 को प्रधान पद की शपथ ली थी। उनका कार्यकाल 24 जून 2023 तक का निर्धारित कर दिया गया है। नगरपालिका के लिए जहां प्रधान पद के लिए आरक्षण भी घोषित हो चुका है। अब कनीना नगर पालिका का प्रधान पद महिला के लिए आरक्षित होगा, ऐसे संकेत मिल चुके हैं
 उल्लेखनीय है कि कनीना कस्बे में जहां पहले भी दो योजनाओं में दो महिलाएं प्रधान रह चुकी है, एक बार फिर से महिला को यह कमान संभाली जाएगी। कुछ भी हो महिला या पुरुष सभी चुनावों के लिए तैयार हैं। अधिकारिक पत्र आना अभी बाकी है।
इससे पहले भी शारदा और संतोष देवी पालिका प्रधान दो अलग-अलग योजनाओं में रह चुकी है। अब एक बार फिर से महिला को कमान दी जाएगी। सबसे बड़ी विडंबना है कि पूर्व प्रधान और वर्तमान प्रधान भी इस चुनाव प्रक्रिया में प्रधान पद के चुनाव से बाहर हो गए हैं, बेशक वे चाहे तो पार्षद के चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन प्रधान पद के चुनाव डायरेक्ट होने के चलते प्रधान नहीं बन पाएंगे। नए सिरे से चुनावी जोड़ दौड़ में लग गए हैं। चूंकि महिला को ही चुनाव लड़वाना पड़ेगा। क्या कहते हैं पालिका के वर्तमान और पूर्व प्रधान----
पालिका के वर्तमान प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि उनकी पुत्रवधू अनुराधा पढ़ी लिखी है जो यह चुनाव लड़ेगी तथा वो स्वयं तो पहले से ही चुनाव न लडऩे की बात कह चुके हैं। उनका पुत्र चुनाव लडऩे का इच्छुक है किंतु पालिका प्रधान आरक्षित होने के कारण अब वो भी चुनाव से बाहर हो गए हैं। हर प्रकार से चुनाव लडऩे के लिए महिला एवं पुरुष तैयार हैं। महिला के लिए प्रधान पद आरक्षित हो जाएगा तो पार्षद के चुनाव लडऩा और भी कठिन हो जाएगा क्योंकि प्रधान पद से वंचित रहे लोग पार्षद के लिए हाथ पैर मारेंगे।
उधर पालिका के पूर्व प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा ने बताया वो स्वयं चुनाव न लड़ पाए किंतु उनके परिवार के सदस्य चुनाव जरूर लड़ेंगे। उन्होंने बताया कि पुत्रवधू दीप्ती राव उनके परिवार से चुनाव लड़ सकती है।
 वहीं पूर्व पालिका प्रधान मास्टर दिलीप सिंह की पुत्रवधू सुमन चौधरी चुनाव लड़ सकती है। एडवोकेट दीपक ने बताया कि वह चुनाव लडऩे के लिए तैयार था किंतु महिला के लिए प्रधान पद आरक्षित होने के कारण वे अपनी पत्नी सुमन चौधरी को चुनाव लड़वाएंगे। एकदम चुनाव लडऩे वालों के लिए आरक्षण ने समस्या पैदा कर दी है। जो पुरुष चुनाव लडऩा चाहते थे वह अब प्रधान पद से पीछे हट गए हैं। कनीना पालिका जहां चुनाव लडऩे वाले नए-नए चेहरे उभर सकते हैं। अशोक वर्मा वार्ड चार के घर से महिला चुनाव लडऩे के लिए तत्पर है।
कमल पूर्व पार्षद ने बताया कि उनके परिवार से भी एक महिला अवश्य चुनाव लड़ेगी किंतु उन्होंने नाम उजागर नहीं किया। उधर एडवोकेट पंकज यादव की मां संतोष देवी यह चुनाव लड़ सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि पहले वो स्वयं चुनाव लडऩे का इच्छुक था किंतु आरक्षण के बाद उनकी मां चुनाव लड़ेगी जो वर्तमान में पार्षद है। ऐसे में अब कनीना में महिलाओं के लिए फिर से चुनाव लडऩे की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

















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