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Tuesday, October 29, 2024


 


विस चुनाव उत्कृष्ट कार्य करने पर किया सम्मानित  
-एसडीएम कनीना ने 10 लोगों को किया सम्मानित
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कनीना की आवाज।
विस चुनाव 2024 में उत्कृष्ट कार्य करने वालों को मंगलवार को एसडीएम कनीना अमित कुमार ने प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया। सुनील कुमार के साथ-साथ तहसीलदार कनीना संजीव नागर, निर्वाचन कानूनगो पूनम, अभिमन्यु लिपिक, ध्यान सिंह खादय आपूर्ति विभाग, पुरुषोत्तम एसडीओ, पंचायती राज, हरीश एसईपीओ, मनीष कंप्यूटर आपरेटर सहित 10 कर्मचारियों को भी प्रशंसा पत्र देकर सम्मानित किया गया।
   इस अवसर पर एसडीएम अमित कुमार ने कहा कि विधान सभा चुनावों में वैसे तो सभी कर्मचारियों को योगदान रहा है। लेकिन इन 10 कर्मचारियों ने दिन-रात देखे बिना अपनी डयूटी भली-भांति निभाया है। उन्होंने कहा इस तरह का अपनी फिल्ड से हटकर कार्य करने वालों को सम्मानित किया जाता है। ताकि भविष्य में इन कर्मचारियों से सीख लेकर अन्य कर्मचारी भी आगे आए। इस मौके पर अनिल कुमार डिप्टी सुपरिटेंडेंट, जितेंद्र रीडर, देवेंद्र लिपिक, देवेंद्र सुपरवाइजर सरल केंद्र, वीरेंद्र सिंह विकास, विजय आदि स्टाफ के कर्मचारी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 13: एसडीएम कनीना उत्तम कार्य करने वालों को सम्मानित करते हुए.







आरकेवाई में दीपोत्सव पर छात्र-छात्राओं ने बनाए आकर्षक दीपक
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कनीना की आवाज।
कोसली रोड स्थित आरकेवाई स्कूल प्रांगण में दीपावली उत्सव मनाया गया। कार्यक्रम  के दौरान विद्यालय के बच्चों द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए गए। कक्षा  प्ले से लेकर  पांचवीं तक के बच्चों ने  राम-लक्ष्मणऔर सीता बनकर मनमोहक  नाटक प्रस्तुत किया और स्कूल प्रांगण में झांकियां निकाली।  कक्षा छठी से आठवीं तक के  बच्चों ने कक्षा  सजावट, थाली सजावट, दीये बनाओ, रंगोली बनाओ, फूल बनाओ, बंदरवार बनाओ प्रतियोगिताओं में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। कक्षा 9वीं से 12वीं तक के छात्र- छात्राओं ने विभिन्न प्रकार के खेलों में भाग लेकर मनोरंजन  किया। कार्यक्रम के अंत में विद्यालय संचालक सुरेश कुमार एवं संचालिका  निधि बाला ने सभी छात्र-छात्राओं को सर्वप्रथम दीपावली की अग्रिम शुभकामनाएं दी और प्रदूषण मुक्त आह्वान के साथ पर्व  मनाने की अपील की।
  डिप्टी डायरेक्टर और प्रधानाचार्य सतेन्द्रा यादव ने दीपावली के बारे में बताते हुए कहा कि दीपावली हिंदुओं का धार्मिक त्योहार है इस दिन श्री राम लक्ष्मण व सीता सहित 14 वर्ष का वनवास काट के अयोध्या पधारे थे जिसकी खुशी में सभी अयोध्यावासियों ने घरों में दीपक जलाए थे । उन्होंने बताया की दीपावली का त्योहार  हमारी संस्कृति  को उजागर करता है। इस अवसर पर समस्त स्टाफ मौजूद रहा।
फोटो कैप्शन 11: आरकेवाई में बच्चे विद्यार्थी  बनाते हुए।






राजकीय कन्या स्कूल में आयोजित हुई रंगोली प्रतियोगिता
-श्रेष्ठ को किया पुरस्कृत
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कनीना की आवाज।
राजकीय कन्या उच्च विद्यालय कनीना में आज छात्राओं ने रंगोली व दीप सजावट प्रतियोगिता में भाग लिया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान की विशेषज्ञ राजेश कुमार गुप्ता थे वही विशिष्ट अतिथि सेवानिवृत्त प्राचार्य डा. राजेंद्र शर्मा व भौतिक शास्त्र की प्रवक्ता पूजा कौशिक थे।
रंगोली प्रतियोगिता में प्रथम स्थान आठवीं कक्षा की रिया को दूसरा स्थान दीपिका ,खुशी व भवना को तथा तीसरा स्थान आठवीं कक्षा की रजिया  तथा रितु को संयुक्त रूप से मिला बड़ी मटकी सजावट प्रतियोगिता में प्रथम स्थान इशिका को दूसरा स्थान काजल को तथा तीसरा स्थान माही को मिला ।
 छोटी मटकी सजावट प्रतियोगिता में पहला स्थान अर्चित को मिला दूसरा स्थान इशिता को तथा तीसरा स्थान हिमांशी को मिला दीपक सजाओ प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्रिया को दूसरा स्थान प्रियांशी को तथा तीसरा स्थान छठी कक्षा के छात्र अंकित को मिला।
आज के कार्यक्रम में निर्णायक राजबाला यादव शालिनी प्रधान तथा शीतल रानी रहे। आज के कार्यक्रम में विद्यालय शिक्षा समिति की प्रधान सावित्री देवी कश्मीर निमल, कैलाश चंद गुप्ता संदीप कुमार राकेश कुमार बाबूलाल यादव प्रियंका शर्मा बस्तीराम यादव सहित समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 11: अव्वल छात्राओं को पुरस्कृत करते हुए नरेश कौशिक





प्रदूषण रहित दीवाली मनाएंगे, शहीदों को याद करेंगे
--मंदिरों में भी जलाएंगे दीप
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कनीना की आवाज।
 लोगों में धीरे धीरे आई जागरूकता के चलते इस बार प्रदूषण रहित दीवाली मनाने के लिए युवा एवं बुजुर्ग आगे आने लगे हैं। दीवाली के दिन दीये जलाकर, घर की मिठाई खाकर मनाएंगे। दीवाली को हंसी खुशी, भाईचारा एवं एकता के साथ एक दूसरे को मिठाई बांटकर मनाना चाहते हैं।  इस बार दीवाली पर युवा एवं बुजुर्ग जागृत हैं और वे प्रदूषण के विषय में जानते हैं। मैत्रीभाव से मिलकर दीवाली मनाने का निर्णय लेने वालों की होड़ लगी हुई है। दीये जलाने व शहीदों की याद में एक एक दीया जलाने का निर्णय लिया है। इस संबंध में कुछ लोगों से बात की गई जिनके विचार निम्र हैं--
पटाखों से भारी प्रदूषण होता है जहां कोर्ट के आदेशों के चलते राहत मिली है वहीं लोग जागरूक हुए हैं। यहां तक कि सांस लेना भी मुश्किल हो जाता है। ऐसे में वे पेड़ पौधे लगाकर तथा लोगों को सादगीपूर्ण दीवाली मनाने को प्रेरित करेंगे। उनको प्रदूषण खल रहा है। मंदिरों में भी दीप जलाकर तथा शहीदों को याद करके दीपावली मनएंगे।
   --विजय वधवा कनीना
देश के सबसे बड़े महापर्व पर प्रदूषण नहीं करेंगे। हवन आदि करके वातावरण को शुद्ध रखने का प्रयास किया जाएगा। लोगों को प्रेरणा देकर पटाखे न चलाने या बहुत कम चलाने पर बल दिया जाएगा। उनका कहना है कि गले मिलकर मिठाई का आदान प्रदान करके ही दीवाली का आनंद आएगा। सौहार्दपूर्ण मिलकर खुशी मनाएंगे।
-- सुनील कुमार प्राध्यापक
 प्रेम, भाईचारा, एकता का पर्व दीवाली है। इस पर्व पर प्रदूषण करके बुजुर्ग एवं रोगियों के लिए सांस लेने की तकलीफ पैदा हो जाती हैं।  ऐसे में अगर प्रदूषणरहित दीवाली सबके मन को लुभाएगी। उन्होंने मिठाइयां बांटकर दीवाली मनाने पर बल दिया।
   ---विनीता राव
 देसी घी को दीये में डालकर दीपावली के दिन बुजुर्ग पुराने समय से जलाते आ रहे हैं। बुजुर्ग बहुत बुद्धिमान थे। पर्व पर तेल या मोमबत्ती जलाना अशुभ मानते थे। अब उन्हीं के कदमों पर चलकर वे इस बार दीवाली को देसी घी के दीयों से मनाएंगे और दूसरों को भी प्रेरित करेंगे।
---राकेश कुमार, गाहड़ा
 देसी घी के दीये जलाकर हिंदुओं के महान पर्व को मनाना अति लाभदायक एवं फलदायक होता है। देसी घी के दीये जलाने प्रदूषण नामक बीमारी से बचा जा सकता है। वैसे भी घरों में पशुधन मिलता है और देसी घी भी आसानी से मिल जाता हे। ऐसे में इस पर्व पर देसी घी के दीये ही जलाएंगे।
---रमेश कुमार भारद्वाज
 न केवल स्वयं देसी घी के दीये जलाएंगे अपितु दूसरों को भी इस बार देसी घी के ही दीये जलाने के लिए प्रेरित करेंगे। उनके अनुसार देसी घी के दीये जलाना एक हवन या यज्ञ के बराबर होता है। पर्यावरण का प्रदूषण दूर होता है तथा सुगंधित वातावरण बन जाता है। दीये का प्रकाश जहां तक जाता है वहां तक हानिकारक कीट नष्ट हो जाते हैं।
---डा. मुंशीराम, मोहनपुर
फोटो कैप्शन 10: डा. मुंशीराम, राकेश कुमार, रमेश कुमार भारद्वाज, विनीता राव, सुनील कुमार प्राध्यापक, विजय वधवा


यूरो स्कूल में फैंसी ड्रेस और दीया सजाओ प्रतियोगिता का हुआ आयोजन

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कनीना की आवाज।
यूरो स्कूल एक बेहतर शिक्षा के साथ.साथ अपनी संस्कृति व परंपराओं के बारे में भी विस्तृत जानकारी प्रदान करने के लिए कर्तव्यबद्ध है। आज इस दीपावली के पावन अवसर पर कक्षा पहली और दूसरी में फैंसी ड्रेस और कक्षा तीसरी से आठवीं तक दीया सजाओ और रंगोली बनाओ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। ये प्रतियोगिताएँ अंतर सदनीय स्तर पर हुई। इन प्रतियोगिताओं में सभी सदनों के विद्यार्थियों ने बड़े उत्साह से बढ़.चढ़ कर भाग लिया। कक्षा पहली व दूसरी के नन्हें.मुन्ने विद्यार्थियों ने भगवान श्री रामए लक्ष्मण और सीता के बड़े ही आकर्षक व सुंदर.सुंदर परिधान धारण करके सभी को भाव विभोर कर दिया। उन्होंने अपनी सुंदर.सुदंर वेशभूषा के द्वारा हमारी संस्कृति व परंपराओं से हमें रूबरू करवाया। कक्षा तीसरी से आठवीं तक विद्यार्थियों ने अपनी कला कौशल का उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए दीपों को सजाया और सुंदर.सुंदर रंगोलियां बनाकर सभी को मंत्र.मुग्ध कर दिया। इस शुभावसर पर स्कूल प्रधानाचार्य सुनील यादव व उप-प्राचार्या संजू यादव ने स्कूल के सभी सदस्यों व विद्यार्थियों को दीपावली की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि हमारा देश उत्सवों व पर्वों का देश है। यहां प्रत्येक उत्सव व पर्व हमारी संस्कृति व सभ्यता से हमारा परिचय कराते हैं। यह दीपावली का उत्सव भगवान श्री राम की तरह सादगी और आदर्श पूर्ण जीवनी जीने की प्रेरणा देता है। साथ ही उन्होंने बताया कि हमें प्रत्येक उत्सव व पर्व प्रेमपूर्वक और हर्षोल्लास से मनाने चाहिए। साथ ही उन्होंने अपने स्कूल के सदस्यों व विद्यार्थियों को सजगता का संदेश देते हुए कहा कि हमें इस उत्सव को प्रदूषण रहित मनाना चाहिए। इसी कड़ी में उन्होंने विजेताओं को बधाई दी और पुरस्कृत कर उनका सम्मान किया। इस शुभावसर पर को-र्डिनेटर रविंद्र सिंह, रितू तंवर, तनु गुप्ता, सुमन यादव, गतिविधि प्रभारी मधू और समस्त अध्यापकगण एवं विद्यार्थी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 08: यूरो स्कूल के अव्वल रहे विद्यार्थी।

















































क्षेत्र में मनाया गया धन तेरस का पर्व, खरीदे बर्तन
-दीपावली महापर्व की हो गई शुरूआत
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कनीना की आवाज।
 कनीना क्षेत्र में मंगलवार को धन तेरस का पर्व मनाया गया। बाजार में बर्तनों की दुकानों पर भार भीड़ देखने को मिली। कई दिनों से बर्तनों की दुकानें सजी हुई थी और ग्राहक आने का इंतजार था। शाम तक जमकर बर्तन खरीदे गये।
  जहां दीवाली का शुभारंभ इसी दिन से होती है तथा भैया दूज तक पर्व चलते हैं। धनवंतरि को याद करते हुए लोगों ने नये बर्तन खरीदे। अब धीरे-धीरे बाजार सजने लगे हैं।  धीरे-धीरे बाजार में रौनक आने लगी है और भीड़ के चलते आवागमन में परेशानी होने लगी है। मुख्य मार्गों पर भी दुकानों की वजह से मार्ग संकीर्ण बन गए हैं।
  बर्तन विक्रेता महेश कुमार ने बताया कि इस दिन का लंबे समय से इंतजार होता है। इस दिन अन्य दिनों की बजाय सबसे ज्यादा बर्तन बिकते हैं। इस दिन लगभग हर घर से बर्तन खरीदने के लिए बाजार आते हैं। बर्तन वालों के लंबी कतार देखने को मिली। बेशक सुबह के समय कम खरीददार रहे किंतु शाम को ग्राहक पर्याप्त आये।
  ऐसा माना जाता है कि धन तेरस के दिन ही राक्षसों एवं देवताओं के बीच हुए समुद्र मंथन से अमृत निकला था जिसे पाने के लिए देवता अपना अपना बर्तन लिए बैठे थे और धनवंतरि सभी को अमृत बांट रहे थे। उसी दिन से माना जाता है कि धनवंतरि उन्हें अमृत बाटने आते हैं। इस दिन लोग नए बर्तन में धनवंतरि से अमृत पाने की इच्छा से बर्तन खरीदते हैं।
फोटो कैप्शन 09: बर्तन की दुकानों पर बर्तन बेचते एवं खरीदते लोग।






एसडी सीनियर सेकंडरी स्कूल ककराला में दीया डेकोरेशन कार्यक्रम का आयोजन
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कनीना की आवाज। 
एसडी सीनियर सेकंडरी स्कूल ककराला  में दीपावली के अवसर पर दीया डेकोरेशन कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में स्कूल के विद्यार्थियों ने भाग लिया और अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन किया।
कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल के चेयरमैन जगदेव यादव जी ने दीप प्रज्ज्वलित करके की। इसके बाद विद्यार्थियों ने दीयों को सजाने का काम शुरू किया। विद्यार्थियों ने दीयों पर विभिन्न डिज़ाइन बनाए और उन्हें रंगीन और आकर्षक बनाया।
इस कार्यक्रम में स्कूल के विद्यार्थियों ने न केवल अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन कियाए बल्कि उन्होंने दीपावली के महत्व को भी समझा। दीपावली का त्योहार हमें अच्छाई की जीत और ज्ञान की विजय की याद दिलाता है।
स्कूल के प्राचार्य ओमप्रकाश यादव जी ने कहा- दीया डेकोरेशन कार्यक्रम हमारे विद्यार्थियों को अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करने का अवसर प्रदान करता है। यह कार्यक्रम हमारे विद्यार्थियों को दीपावली के महत्व को समझने में भी मदद करता है।
स्कूल के विद्यार्थियों ने अपने द्वारा सजाए गए दीयों का प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शनी में विद्यार्थियों की रचनात्मकता और कलात्मकता का प्रदर्शन हुआ।
इस कार्यक्रम के आयोजन से स्कूल के विद्यार्थियों में दीपावली के प्रति उत्साह और जोश बढ़ा। स्कूल के विद्यार्थियों ने इस कार्यक्रम को बहुत पसंद किया और अपनी रचनात्मकता का प्रदर्शन करने का अवसर प्राप्त किया। स्कूल के प्राचार्य ओमप्रकाश यादव ने सभी विद्यार्थियों और शिक्षकों को दीपावली की शुभकामनाएं दीं।
इस अवसर पर प्राचार्य औमप्रकाश, उप-प्राचार्य पूर्ण सिंह, सीईओ आर एस यादव, सुनिल कुमार, ईश्वर सिंह, जोगेन्द्र, इन्दु गेरा, प्रियंका आदि समस्त स्टाफ सदस्य उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 07: दीया प्रतियोगिता में अव्वल रहे विद्यार्थी।




 नरेंद्र सिंह को सर्वसम्मति से चुना गया प्रधान
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कनीना की आवाज।
हरियाणा गवर्नमेंट पीडब्ल्यूडी मैकेनिकल वर्कर्स यूनियन  कनीना का त्रिवार्षिक चुनाव महेंद्रगढ़ स्थित चौधरी रणबीर सिंह हुड्डा पार्क में संपन्न हुए। चुनाव पर्यवेक्षक के रूप में जिला चेयरमैन कौशल यादव, जिला प्रधान सुनील यादव, जिला सचिव विजेंद्र शर्मा तथा जिला कैशियर नरेंद्र कुमार की अध्यक्षता में चुनाव सर्वसम्मति से संपन्न हुआ। इस दौरान जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग, शाखा कनीना से ब्रांच प्रधान नरेंद्र सिंह को चुना गया तथा ब्रांच सचिव नवीन कुमार कोषाध्यक्ष सूबे सिंह, उप प्रधान सतीश कुमार मुंडिया खेड़ा, आडिटर प्रदीप कुमार, प्रचार सचिव सचिन रंगा, शह सचिव पूर्ण सिंह तथा संगठन सचिव के रूप में दीपक कुमार को चुना गया।
फोटो कैप्शन 06: चुनाव से संबंधित है।


हेरिटेज स्कूल में दीपावली महोत्सव पर आयोजित हुए सांस्कृतिक कार्यक्रम
संवाद सहयोगी,जागरण.कनीना। उप मंडल कनीना में स्थित हेरिटेज पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल मोहनपुर में दीपावली त्योहार को बड़े ही धूमधाम से मनाया गया । सबसे पहले विद्यालय के संचालक महोदय ने मां सरस्वती मां लक्ष्मी श्री गणेश के चरणों में पुष्प अर्पित करके और माता रानी का आशीर्वाद लेकर इस कार्यक्रम की शुरुआत करवाई। इसके बाद बच्चों ने रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत करके सब का मन मोह लिया सातवीं कक्षा की  छात्रा चंचल और सोनाक्षी आयो रे शुभ दिन आयो रे गाने  पर  नृत्य पेश किया छोरी मै हरियाणा की पहली कक्षा की छात्र प्रीत ने  नृत्य पेश किया सातवीं कक्षा की छात्राओं ने समझ लो हरियाणा से गाने पर डांस प्रस्तुत किया कक्षा नौवीं  से अंशिका ने कविता के माध्यम से दीपावली महोत्सव के बारे में बताया कक्षा नौवीं की छात्राओं ने कविता के माध्यम से दीपावली महोत्सव को क्यों मनाया जाता है के बारे में संपूर्ण विस्तार से बताया। आठवीं कक्षा की छात्रा युक्ति ने मेरे राम आए हैं गाने पर बहुत ही शानदार नृत्य पेश किया। इस प्रकार सभी बच्चों ने अपनी बहुत ही अच्छी प्रतिभा दिखाई । दीपावली के पावन पर्व पर विद्यालय में विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन करवाया गया नर्सरी कक्षा से पांचवी कक्षा तक बच्चों में दिया मेकिंग प्रतियोगिता का आयोजन व छठी कक्षा से आठवीं कक्षा तक बच्चों में रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें बच्चों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया और इन बच्चों को पहली दूसरी तीसरी पोजीशन हासिल की जिसमें बच्चों को इनाम के साथ सम्मानित किया। दीपावली के उत्सव पर सभी अध्यापक गण तथा नान टीचिंग स्टाफ को सम्मानित किया। कार्यक्रम के अंत विद्यालय के संचालक महोदय श्रीमान मनीष शर्मा ने सभी को हेरिटेज संस्था की तरफ से दीपावली की बहुत-बहुत शुभकामनाएं दी और बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की। इस उपलक्ष्य पर विद्यालय के सीईओ कैलाश शर्मा, मनीष कुमार, डायरेक्टर खुशीराम शर्मा, प्रधानाचार्य कृष्ण सिंह, तेजपाल डीपी, कोआर्डिनेटर सुमन , सुदेश कुमार तथा समस्त अध्यापक उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 05: हेरिटेज स्कूल में दीपोत्सव पर कार्यक्रम

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विश्व बचत दिवस- 30 अक्टूबर
थोड़ा-थोड़ा बचाने से बना सकता है बड़ा काम -विशाल
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कनीना की आवाज। 
विश्व बचत दिवस 30 अक्टूबर को भारत में मनाया जा रहा है। अपनी कमाई में कुछ धन अगर बैंक या डाकघर में जमा कर दिया जाता है तो भविष्य में सुखद परिणाम आ सकते हैं। यह बचाई हुई राशि भविष्य में काम आ सकती है। यह दिवस 1924 में सबसे पहले मनाया गया था। तत्पश्चात से हर वर्ष मनाया जाता आ रहा है। अल बचत वह राशि है जो सभी खर्च करने के बाद कुछ निश्चित अवधि के बाद बच जाती है। इसका उपयोग डाकघर या बैंक में राशि को जमा करके प्राप्त किया जा सकता है। अल्प बचत भविष्य के लिए अच्छा परिणाम देने वाली हो सकती है। ऐसे में अल्प बचत की आदत डालने पर जोर दिया जाता है।
विभिन्न अधिकारियों एवं डाकघर एजेंट से बचत दिवस पर विचार लिए गये जिनके विचार अलग-अलग रहे।
*** विश्व बचत का अर्थ है कि सभी कुछ न कुछ राशि जमा करे। अल्प बचत एक ऐसा माध्यम है कि जीवन में खुशहाली ला सकता है। स्माल सेविंग एफडी, एमआइएस,एनएससी, केवीपी आते हैं। कनीना डाकघर के तहत 16 उप-शाखा कार्यालय आते हैं। साथ में कनीना, उन्हाणी और चेलावास शामिल किए गए हैं। विगत वर्षों से लोगों का रुझान अल्प बचत की ओर बढ़ा है। उन्होंने बताया कि महिलाओं के लिए एक विशेष योजना शुरू की गई है जिसका नाम महिला सम्मान सेविंग सर्टिफिकेट है। 2 साल के लिए महिला अधिकतम दो लाख रुपये तक राशि जमा कर सकती है जिसमें ब्याज 7.5 प्रतिशत मिलता है। उन्होंने कहा कि बैंकों की बजाय डाकघर की ओर रुझान अधिक देखने को मिल रहा है। अच्छा धन  लोग डाकघर में कर रहे हैं। उन्होंने इस प्रकार की आदत को डालने और आगे बढ़ाने की भी मांग की है।
-- गौतम यादव उप-डाकपाल कनीना
सरकार ने अल्प बचत योजनाएं शुरू कर रखी है जिनमें प्रमुख रूप से एफडी, आरडी, केवीपी, एनएससी आदि आती हैं।  सरकार ने आरडी योजना चला रखी है जो कम से कम 100 रुपये से शुरुआत होती है तथा कितनी भी राशि जमा कर सकते हैं। इस पर 6.7 प्रतिशत ब्याज मिलता है। जबकि एफडी एक व दो वर्ष की करने पर 6.9 प्रतिशत तथा तीन साल से अधिक के लिए जमा राशि पर अधिक ब्याज मिलता है। 5 वर्ष तक की अवधि पर ब्याज दर 7.4 फीसदी है। लोगों का रुझान एफडी की ओर अधिक देखने को मिलता है।
---शिवचरण, डाकघर एजेंट कनीना
आज के दिन सरकार ने बचत के कई माध्यम बनाये हुये हैं। एफडी अधिक प्रचलन में है। कभी एनएससी एवं केवीपी का दौर होता था जब सरकार साढ़े पांच वर्ष में धन दोगुना कर देती थी किंतु अब इन दोनों योजनाओं में नौ सात सात माह में लगाई गई राशि दोगुनी होती है। यही कारण है कि लोगों का इन योजनाओं की ओर रुझान घट गया है।  बैंक हो या डाकघर कहीं भी बचत की जा सकती है किंतु डाकघर में ब्याज बैंक के मुकाबले कम ब्याज मिलता है।
   ---बालकिशन करीरा डाकघर एजेंट
फोटो कैप्शन: गौतम यादव, शिवचरण एवं बालकिशन।





गुड़ की मिठाई हो रही है प्रसिद्ध
-लेनदेन में कर रहे हें प्रयोग
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कनीना की आवाज।
 कनीना और आसपास क्षेत्र में आजकल गुड़ की मिठाई प्रसिद्ध हो रही है क्योंकि मिठाइयों में मिलावट की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता जिसके चलते अब लोग पुराने समय से मिठाई के रूप में प्रयोग किया जा रहा गुड़ ही खरीदने लगे हैं।  बर्फी की तरह पैक किया हुआ गुड़ अब बाजार में उपलब्ध है, जिसे मिठाई की बजाय सस्ती दरों पर भी उपलब्ध हो जाता है और अपने साथियों को भी लेनदेन में काम में ले रहे हैं। देखने में ऐसा लगता है जैसे बर्फी की पैकिंग हो किंतु गुड़ की पैकिंग होती है जिसमें तिल आदि डालकर उसका स्वाद बढ़ाने का प्रयास किया गया है। पहली बार इस क्षेत्र में मिठाई की दुकानों पर गुड़ की मिठाई देखकर लोग चकित है वहीं खुश भी है कि गुड़ में इतनी अशुद्धियां एवं मिलावट नहीं हो सकती जितनी अन्य मिठाइयों में हो सकती है। यही कारण है की लेनदेन के लिए गुड़ की मिठाई नाम से यह डब्बे प्रसिद्ध हो रहे हैं और खूब लिए दिए जा रहे हैं। फोटो कैप्शन 3: गुड़ की मिठाई का एक नजर




 


दीया मेकिंग प्रतियोगिता एवं रंगोली प्रतियोगिता का हुआ आयोजन
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कनीना की आवाज।
दीपोत्सव के पांच दिवसीय त्योहार पर सरस्वती पब्लिक स्कूल भडफ़  के प्रांगण में दीया मेकिंग प्रतियोगिता एवं रंगोली प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। बच्चों ने दीपावली से संबंधित रामायण के संदर्भ में शिक्षाप्रद लघु नाटिका में रामायण के पात्रों का जीवंत चित्रण किया गया। इसमें ट्विंकल एवं सखियों ने मनमोहक प्रस्तुति दी संस्था के अध्यक्ष रमेश कुमार भारद्वाज ने रामायण से संबंधित विभिन्न पात्रों जैसे राम लक्ष्मण भरत शत्रुघ्न जैसा भ्रातृत्व  सीता जैसा सतीत्व कौशल्या जैसी माता हनुमान जैसा सेवक आदि के चरित्र के बारे में बच्चों को विस्तार से बताया। उन्होंने बताया कि हमें पढ़ाई के साथ.साथ भारतीय संस्कृति की जानकारी भी होनी जरूरी है। हमें इन पात्रों के जीवन चरित्र को अपने जीवन में ढालना चाहिए प्राचार्य मनोज कुमार ने रंगोली व दिया मेकिंग प्रतियोगिता में भाग लेने वाले बच्चों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने बताया कि हमारी संस्कृति से जुड़े हुए क्रियाकलापों से भी हमें जुड़े रहना चाहिए हमारी संस्था के बच्चे समय अनुसार इस तरह की प्रतियोगिता में भाग लेते रहे हैं जो की काफी सराहनीय विषय है। साथ ही उन्होंने बताया कि अभी हाल में संपन्न जिला स्तरीय विज्ञान प्रतियोगिता जो की भिवानी बोर्ड की तरफ से सूरज स्कूल नारनौल में 25 अक्टूबर 2024 को आयोजित की गई थी जिसमें 25 विद्यालय की टीमों ने भाग लिया था, जिसमें विद्यालय की टीम ने प्रथम स्थान प्राप्त करके जोनल स्तर की परीक्षा के लिए अपना स्थान निश्चित किया। समय सापेक्ष शिक्षा का ऐसा उदाहरण अन्यत्र दुर्लभ है। इस अवसर पर विद्यालय के डायरेक्टर गजराज सिंह यादव ने विद्यालय के बच्चों एवं समस्त स्टाफ को पटाखा रहित प्रदूषण मुक्त एवं पर्यावरण अनुकूल दिवाली मनाने के लिए शपथ दिलवाई और बच्चों को शपथ दिलवाई की अब की बार हम घर की बनी मिठाई ही प्रयोग करेंगे।
फोटो कैप्शन 03: प्रदूषणरहित दिवाली की शपथ दिलवाते हुए।






ऐसे मनाएंगे दीपावली  
घर की मिठाई खाकर सादगी से मनाएंगे दीपावली
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कनीना की आवाज।
इस बार क्षेत्र के युवा घर की बनी मिठाई खाकर,चाइनीज आइटम नहीं खरीदेंगे और दीपावली सादगी से मनाएंगे। दीपावली को घी के दीये जलाकर एवं आपस में मिलकर दीपावली मनाना चाहते हैं। वे एक नारा लगा रहे हैं कि घर की मिठाई खाकर, आपस में मिलकर घी के दीये जलाएंगे।  उनका मानना है कि लाखों रुपये चाइनीज आइटम पर खर्च होते हैं वे खर्च नहीं किए जाएंगे। क्या कहते हैं दीपावली मनाने वाले-
चीन के बने सामान, लाइट आदि नहीं खरीदेंगे। देसी घी को दीये में डालकर दीपावली के दिन बुजुर्ग पुराने समय से जलाते आ रहे हैं। बुजुर्ग बहुत बुद्धिमान थे। अब उन्हीं के कदमों पर चलकर वे इस बार दीवाली को देसी घी के दीयों से मनाएंगे और दूसरों को भी प्रेरित करेंगे।  
   --डा. वेदप्रकाश
वे कई वर्षों से देसी घी के दीये जलाते आ रहे हैं। न केवल बड़ी या छोटी दिवाली अपितु मुख्य दिवाली के दिन घर में विभिन्न स्थानों पर रखे जाने वाले समस्त दीये देसी घी से ही जलते हैं। उनके अनुसार देसी घी का दीया जलाने का अर्थ है कि वातावरण की देखभाल करना तथा सभी के जीवन की मंगलकामना करना। उन्होंने इन दीयों को अंधकार दूर करने वाला तथा दिलों में शुद्धता भरने वाला प्रतीक बताया। चीन के बने दीपावली के आइटमों से दूर रहने की सलाह दी है।
---मनोज कुमार एडवोकेट
मैं घर पर बनी मिठाई खाऊंगा तथा दूसरों को प्रेरित करूंगा। न केवल स्वयं देसी घी के दीये जलाएंगे अपितु दूसरों को भी इस बार देसी घी के ही दीये जलाने के लिए प्रेरित करेंगे। उनके अनुसार देसी घी के दीये जलाना एक हवन या यज्ञ के बराबर होता है। पर्यावरण का प्रदूषण दूर होता है तथा सुगंधित वातावरण बन जाता है। दीये का प्रकाश जहां तक जाता है वहां तक हानिकारक कीट नष्ट हो जाते हैं।
-------डा. ज्ञान सिंह
हमारी संस्कृति के अनुसार घी के दीये जलाना शुभ माना जाता है और ऐसे में वे देशी घी के दीये स्वयं भी जलाते हैं और दूसरों को भी प्रेरित करते हैं। उन्होंने कहा कि बाजार की मिठाई नहीं खरीदेंगे, चाइनीज आइटमों का सदा बहिष्कार करते आये हैं।  दीये खरीदने पर बल देंगे।
-- बीजेंद्र सिंह
फोटो कैप्शन : बीजेंद्र सिंह, डा. ज्ञान, डा. वेद प्रकाश, मनोज एडवोकेट





  दीपावली पर्व नहीं महापर्व है
-धन तेरस से शुरू हो रहा है महापर्व
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कनीना की आवाज।।
दीपावली का पर्व एक पर्वों का समूह है। इस पर्व से पहले तथा बाद में भी दीपावली की धूम रहती है। मंगलवार से ही दीपावली पर्व की शुरूआत हो जाएगी। धन तेरस का पर्व मनाया जा रहा है जिसके बाद तो एक के बाद एक पर्व लगातार चलते रहेंगे।
    ग्रामीण अचल में मंगलवार धन तेरस के दिन से ही दिवाली के दीये जलाने शुरू कर दिए जाते हैं। इस दिन माना जाता है कि बर्तन खरीदना लाभकारी है। यही कारण है कि इस दिन बर्तनों की दुकानों पर भारी भीड़ मिलती है। धन तेरस के दिन ही बर्तन क्यों खरीदे जाते हैं। के विषय में माना जाता है कि देवताओं और दानवों के द्वारा समुद्र मंथन के पश्चात इसी दिन ही धनवंतरि अमृत कलश लेकर समुद्र से बाहर आए थे। अमृत पाने के लिए देवता बर्तन लेकर दौड़े थे। इसी कारण से यह दिन धनवंतरि त्रयोदशी कहलाता है। लोगों का मानना है कि धनवंतरि इस दिन ही सभी को अमृत बांटते हैं और अमृत पाने की लालसा को लेकर नए बर्तन खरीदे जाते हैं। प्रार्थना की जाती है कि उनका यह नया बर्तन अमृत से भरा रहे और परिवार खुश एवं खुशहाल रहे। वैद्य के लिए यह दिन अति शुभ माना जाता है।
   दिवाली के एक दिन पूर्व बुधवार नरक चतुर्दशी व छोटी दीपावली का त्योहार आता है। यह पर्व श्रद्धा एवं उल्लास से मनाया जाता है। इस दिन सुबह सवेरे स्नान करना लाभप्रद माना जाता है। अतरू लोग सूर्योदय से पूर्व ही स्नान करते हैं। इस पर्व को ग्रामीण क्षेत्रों में छोटी दिवाली का पर्व कहा जाता है। नरक चतुर्दशी का पर्व असुर नरकासुर की याद दिलाता हैं। अति अभिमानी और देवताओं को सताने वाला नरकासुर राक्षस का भगवान् श्रीकृष्ण ने इसी दिन वध किया था। कहीं मृत्यु का देवता उन्हें नरक न प्रदान करेए इस भय के मारे लोग यमराज की पूजा करते हैं। इसे दूसरे दिन की दिवाली भी कहा जाता है।
 गुरुवार को दिवाली का पर्व अंधेरे को मिटाने वाला तथा प्रकाश रूपी पुष्प भेजने वाला हिन्दुओं का महान पर्व है। जब भगवान् श्रीराम को 14 वर्षों का वनवास भेजा गया था तभी से प्रजाजन अति दु:खी थे और पल.पल उनको याद करते रहते थे। आखिरकार एक दिन रावण ने सीता का ही हरण कर लिया और उन्हें लंका ले गया। हनुमान की सहायता से जब सीता का पता लगाया तो भगवान् श्रीराम ने लंका पर धावा बोलकर रावण का वध कर दिया जिसे दशहरा नाम दिया गया । उस दिन पश्चात श्रीराम अयोध्या के लिए लौट चले थे। जब श्रीराम अयोध्या लौटे तो लोगों ने खुशी के मारे तीन दिन देशी घी के दीये जलाए थे। तभी से यह त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। अमावस्या के दिन घोर अंधेरा होता है किंतु दीप जलाकर इस अंधेरे को नष्ट कर दिया जाता है। इस त्योहार पर घरों और आवास को चमकाया जाता है। लक्ष्मी सरस्वती और गणेशजी की पूजा की जाती है।
   दिवाली के अगले दिन शुक्रवार को अन्नकूट का पर्व मनाया जाता है। इसे गोवर्धन नाम से भी जाना जाता है। इस दिन मंदिरों में खिचड़ी व कढ़ी बांटी जाती हैं जिसे प्रत्येक जन चाव से खाता है। गोवर्धन पर्व से जुड़ी है, श्रीकृष्ण और इन्द्र देव के बीच का प्रसंग। एक बार इंद्र देव भगवान् श्रीकृष्ण से कुपित हो गए और मूसलाधार वर्षा करने लगे। गोकुल में इतनी भारी वर्षा देखकर ग्रामीण भयभीत हो गए और चारों ओर त्राहि.त्राहि मच गई। जीव जल में डूबकर मरने लगे तो ग्रामीण दौड़कर भगवान् श्रीकृष्ण के पास आए। भगवान् श्रीकृष्ण ने उस वक्त गोवर्धन पर्वत ही अपनी अंगुली पर उठा लिया और गोकुलवासियों को उसके नीचे आने का आदेश दिया। इस प्रकार इंद्र का गर्व चूर.चूर हो गया और खुश होकर ग्रामीणों ने गोवर्धन पर्वत की पूजा की। इसी दिन आजकल गाय आदि की पूजा करने का विधान भी है। विश्वकर्मा जयंती भी मनाई जा रही है।
   दिवाली के दूसरे दिन शनिवार को भैया दूज नाम से जाना जाता है। यह पर्व भाई बहन के अटूट प्रेम को दर्शाता है। विवाहित महिलाएं इस दिन अपने भाई को बुलाकर उनका आदर सत्कार करती हैं। तथा उनके दर्शन किए बगैर अन्न भी ग्रहण नहीं करती हैं। बहन भाई को तिलक करके उसकी लंबी उम्र की कामना करती है। इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र के लिए यमराज की पूजा करती हैं। इस प्रकार दिवाली का पर्व पूरे पांच दिनों तक चलने वाला पर्व हैे जिसका महत्व आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में उतना ही है जितना पहले कभी होता था।








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