कोर्ट के आदेश पर फिर से यूजी और पीजी कोर्स के लिए पोर्टल खोले गए
- 23 अक्टूबर तक कर सकते हैं आवेदन
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कनीना की आवाज। सत्र 2024- 25 के यूजी और पीजी कोर्सेज के लिए न्यायालय के आदेश पर एक बार फिर से सभी कालेजों में प्रवेश प्रक्रिया के लिए पोर्टल खोल दिया गया है। यह पोर्टल 23 अक्टूबर तक खुला रहेगा। इस संबंध में उच्च शिक्षा विभाग ने एक पत्र जारी कर दिया है। जो विद्यार्थी यह एसजीआरपीजी कोर्सेज में प्रवेश लेना चाहे उनके लिए यह बेहतर अवसर होगा।
हैफेड की खरीद का चौथा दिन
चौथे दिन में 350 किसानों से खरीदा 9030 क्विंटल बाजरा
-जमकर किसान आ रहे हैं बाजरा बेचने
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कनीना की आवाज। हरियाणा स्टेट वेयरहाउस के बाद विगत चार दिनों से हैफेड द्वारा बाजरे की खरीद की जारी है। चौथे दिन नई अनाज मंडी कनीना स्थित चेलावास में 350 किसानों से खरीदा 9030 क्विंटल बाजरा खरीदा गया। इस प्रकार कुल 1582 किसानों से 39523 क्विंटल बाजरा खरीद लिया है। 27500 बैग बाजरे का उठान भी किया जा चुका है। विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेड के भरपूर सिंह ने बताया कि अब हैफेड द्वारा ही बाजरे की खरीद जारी है। भरपूर सिंह ने कहा कि किसान अपनी बाजरे की पैदावार को अच्छी प्रकार सुखाकर लाये ताकि बेचने में किसी प्रकार की कोई समस्या आड़े न आए। उन्होंने कहा कि हैफेड किसानों की बाजरे की फसल खरीदने के लिए तैयार है।
खरीद के तीसरे दिन नई अनाज मंडी कनीना स्थित चेलावास में 450 किसने की 11008 क्विंटल बाजरा खरीदा गया। इस प्रकार कुल 1232 किसानों से 30486 क्विंटल बाजरा खरीद लिया है। 8000 क्विंटल बाजरे का उठान भी किया गया है।
शुक्रवार दूसरे दिन नई अनाज मंडी कनीना स्थित चेलावास में 582 किसने की 14278 क्विंटल बाजरा खरीदा गया। इस प्रकार कुल 782 किसानों से 19478 क्विंटल बाजरा खरीद लिया है।
गुरुवार से हैफेड ने बाजरे की खरीद शुरू कर दी है और पहले ही दिन 200 किसानों से 5200 क्विंटल बाजरा खरीदा था।
फोटो कैप्शन 05: बाजरे की खरीद करते हुए कर्मी एवं अधिकारी
कनीना उप-नागरिक अस्पताल को मिले प्रथम परामर्श इकाई का दर्जा
-जल्द ही पदाधिकारी मिलेंगे स्वास्थ्य मंत्री से
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कनीना की आवाज। कनीना एवं आस पास के करीब 50 हजार लोगों के लिए चिकित्सा सुविधा हेतु कनीना में बनाई गई उप- नागरिक अस्पताल चाहे मूलभूत सुविधाओं से वंचित है किंतु इसे प्रथम परामर्श इकाई एफआरयू का दर्जा देने की मांग की गई है। इस संबंध में कनीना की सेवा भारती हरियाणा प्रदेश, शाखा कनीना ने मुख्यमंत्री सहित स्वास्थ्य मंत्री हरियाणा सरकार को भी विगत दिनों पत्र भेजा था। एक बार फिर से पत्र भज रहे हैं। इसके साथ ही कनीना के उप नागरिक अस्पताल में डाक्टरों के क्वाटर बनाये जाये ताकि वो यहां निवास कार सके। जब सभी स्टाफ सदस्यों के लिए क्वाटर होंगे तो वे यहां निवास कर मरीजों को बेहतर सेवा दे पाएंगे।
शाखा पदाधिकारियों का कहना है कि कनीना की मूलभूत आवश्यक चिकित्सा सुविधाएं स्वास्थ्य संबंधी समस्या है किंतु कनीना अप नागरिक अस्पताल में कोई सुविधा नहीं है। ना कोई बड़ी मशीन उपलब्ध है और ना कोई एमडी,एमएस या गाइनी डाक्टर उपलब्ध है। अस्पताल में सुविधा होने के कारण क्षेत्र वासियों को समय रहते इलाज न मिलने कारण अप्रिय घटना घट रही हैं। ऐसे में इसे प्रथम परामर्श इकाई फस्र्ट रेफरल यूनिट घोषित करने की मांग की गई है। अब तो जल्द हीपदाधिकारी अटेली विधायक एवं स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव से मिलेंगे और इस बात को प्रमुखता से उठाएंगे ताकि क्षेत्र का हित हो सके।
क्या कहते हैं पदाधिकारी --
जिला महेंद्रगढ़ की सबसे पुरानी प्रमुख मंडी कनीना है जो एक प्रमुख व्यापार का केंद्र बना हुआ है। जिसके तहत 53 गांव शामिल किए गए हैं। लोगों का प्रतिदिन आवागमन रहता है। वर्तमान में कनीना अस्पताल में 400 मरीजों की प्रतिदिन ओपीडी लगती है परंतु चिकित्सा सुविधा नहीं होने कारण उचित इलाज नहीं मिलता और लोगों को मजबूरन रेवाड़ी या नारनौल जाना पड़ता है। सचिवालय बनने के बाद यह संख्या और भी अधिक बढऩे की संभावना है। ऐसे में स्वास्थ्य संबंधित समस्या का सही निदान तभी संभव हो पाएगा जब इस प्रथम परामर्श इकाई का दर्जा मिल जाएगा। साथ में इस हरियाणा के बजट में स्टाफ क्वाटर भी बनाये जाए।
सुरेश शर्मा अध्यक्ष, सेवा भारती हरियाणा प्रदेश शाखा कनीना
कनीना क्षेत्र विशेष कर चिकित्सा सुविधा में सदा पिछड़ता रहा है जबकि गरीब, मजदूर, किसान एवं पिछड़ा समाज से यह क्षेत्र भरा हुआ है जो इलाज के लिए दूर दराज जाने में सक्षम नजर नहीं आते। मजबूरीवश वे कनीना के अस्पताल आते जाते है किंतु यहां किसी प्रकार की कोई चिकित्सा संबंधित सुविधा नहीं मिल पाती जिसके कारण मरीजों के साथ अप्रिय घटना स्वाभाविक है। कनीना के उप नागरिक अस्पताल में भवन की कोई कमी नहीं है, बेहतरीन भवन बना हुआ है किंतु कमी है तो डॉक्टरों की। ऐसे में इसे एफआरयू घोषित कर दिया जाए तो क्षेत्र का के लोगों को लाभ मिल सकेगा। उन्होंने उप नागरिक अस्पताल के समस्त स्टाफ के लिए क्वाटर बनाने की मांग भी की है।
...योगेश अग्रवाल सेवा भारती, हरियाणा प्रदेश शाखा कनीना
क्षेत्र के कई हजार लोगों के हित की भावना को देखते हुए कनीना के उप नागरिक अस्पताल को अविलंब एफआरयू की सुविधा देनी चाहिए। चूंकि यहां गरीब तबके के लोग बड़ी आशा के साथ यहां आते हैं और सुविधा न मिलने के कारण निजी अस्पतालों में लुटते पिटते रहते हैं। जब सभी सुविधाएं उपलब्ध हैं तो उनका लाभ क्षेत्र के लोगों को दिया जाना चाहिए।
--जगदीश आचार्य जिला अध्यक्ष, सेवा भारती हरियाणा
फोटो कैप्शन 07: कनीना का उप-नागरिक अस्पताल साथ में योगेश अग्रवाल,जगदीश आचार्य तथा सुरेश शर्मा
मेरा शिक्षा का सफर पुस्तक से साभार-37
मेरी नौकरी तक जीवित नहीं रह पाये मेरे पिता
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कनीना की आवाज। कनीना निवासी होशियार सिंह बतौर विज्ञान अध्यापक जाने जाते हैं और वो शिक्षक बतौर 40 सालों की सेवा करके 30 अप्रैल 2024 को सेवानिवृत हो चुके हैं। उन्होंने अपने पिता के विषय में एक प्रसंग सुनाया जो उनकी पुस्तक में वर्णित है। सुनिये होशियार सिंह की ही जुबानी--
बात वर्ष 1989 की है जब मैं प्राइवेट स्कूलों में शिक्षण कर रहा था। उस समय पढ़ाई भी साथ-साथ जारी थी लेकिन यह दुर्भाग्य है कि मेरे पिता जयनारायण मेरी किसी भी खुशी को नहीं देख पाए। मेरे पिताजी जयनारायण गोपालक नाम से जाने जाते हैं। उनकी दुकान आज के दिन कनीना में चल रही है जिसे छोटे रूप में तथा ग्रामीण लहजे में जैनिया की दुकान नाम से बच्चे बच्चे की जुबान पर मशहूर है। वो पशुपालक होने के साथ-साथ बहुत बेहतर लाठी के खिलाड़ी थे। उनके भाई अर्जुन सिंह तो दूर दराज तक लाठी चलाने के लिए मशहूर थे और आज भी जाने जाते हैं जिनका युवावस्था में निधन हो गया था। जयनारायण बांसुरी के अच्छे वादक थे, बहुत सुंदर कविताएं एवं प्रसंग सुनाते थे, पटा चलाने में विख्यात थे। यह दुर्भाग्य है कि उनसे हमारा परिवार कोई चीज अच्छी प्रकार उनसे नहीं सीख पाए। जब 24 फरवरी 1989 का उनका उनका देहांत हुआ उसे समय तक कनीना की प्रसिद्ध दुकान चल रही थी वही मैं शिक्षण कार्य कर रहा था, जबरदस्त ट्यूशन चला था। एक 30 से 40 बच्चों का एक एक समूह होता था। मुझे सुबह और शाम में कोई अंतर नजर नहीं आता था चूंकि हर वक्त ट्यूशन ही ट्यूशन चलता था। परंतु यह दुर्भाग्य है कि मैं उसे समय सरकारी नौकरी में नहीं लगा था। वो चाहते थे कि होशियार सिंह की शादी हो जाए लेकिन वह भी उनके रहते हुए नहीं हो पाई। उनके देहांत के वक्त महज उनका एक पोता योगेश कुमार जो आज दुकान चलाता है, छोटी उम्र का था परंतु जिस सुख के लिए उन्होंने कष्ट झेले उन सुखों की शुरुआत हुई तो उनका निधन हो गया। इस बात का बड़ा मलाल है। परंतु मां ने सभी घर के सभी सुख देखे, विकास देखे परंतु पिता का साया जल्दी उठ गया।
आज पिता होते और हमें इस हालत में देखते तो सच में वो गदगद हो जाते परंतु अफसोस उनका आज से 34 साल पहले निधन हो चुका है और उनके निधन के 6 वर्षों बाद नौकरी मिली। मां ने हमारा साथ दिया और मेरी पत्नी सुमन यादव जो 2010 में स्वर्ग सिधार चुकी थी गई उसके 6 वर्षों बाद मां का भी निधन हो गया। आज माता-पिता और पत्नी की विदाई का गम बहुत सताता है। एक दिन ऐसा भी आएगा कि मैं भी जहां से रुखसत हो जाऊंगा और लोग कहते रहेंगे कि लो चला गया आज वह भी जिसने अपने दम पर वह मुकाम हासिल किया बड़ी कठिनाई से प्राप्त होता है।
ट्रैफिक नियमों का पालना कराने को लेकर पुलिस का जागरूकता अभियान जारी
-कनीना स्कूल में विद्यार्थियों को यातायात नियमों की जानकारी दी।
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कनीना की आवाज। पुलिस अधीक्षक अर्श वर्मा के निर्देशानुसार थाना यातायात प्रभारी निरीक्षक नरेश कुमार ने सीनियर सेकेंडरी स्कूल कनीना के विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के नियम बताए। उन्होंने विद्यार्थियों को बताया कि सड़क पर चलते समय किसी भी अप्रिय घटना से खुद को बचाने के लिए सड़क सुरक्षा नियम की जानकारी होना आवश्यक है। ट्रैफिक थाना प्रभारी ने आसान तरीकों से विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के नियम बताए। इसके साथ ही स्कूल बस ड्राइवरों को भी यातायात नियमों की पालना करने के लिए जागरूक किया गया। बस चालकों को बताया गया कि शराब का सेवन ना करें, बसों के कागजात पूर्ण रखें, चलाने से पहले वाहन को अच्छी तरह से जांचें कि कहीं कोई कमी तो नहीं है। वाहन को तेज गति से ओवरटेक ना करें, सुरक्षित दूरी में अपना वाहन चलाएं, मुड़ते समय इंडिकेटर का प्रयोग करें। बसों के परिचालकों को बताया को बच्चों को बस में चढ़ाते और उतारते समय ध्यान रखें और सावधानी से रोड क्रास कराएं। ट्रैफिक पुलिस की टीम द्वारा वीडियो के माध्यम से ट्रैफिक नियमों की जानकारी दी गई।
उन्होंने छात्र-छात्राओं को बताया कि सड़क पर चलते समय हमें सतर्क रहना चाहिए। नियमों का पालन नहीं करने वाला अपने ही नहीं दूसरों के जीवन को भी खतरा बन सकता है। इस दौरान विद्यार्थियों ने उनसे ट्रैफिक को लेकर सवाल-जवाब किए। थाना प्रभारी ने विद्यार्थियों से कहा कि 18 वर्ष से कम आयु में वाहन नहीं चलाएं। दुपहिया वाहन पर प्रेशर हार्न का प्रयोग नहीं करना चाहिए, तेज रफ्तार से वाहन नहीं चलाना चाहिए। उन्होंने रोड पार करने के दौरान बरती जाने वाली सावधानियों के बारे में भी अवगत करवाया।
यातायात नियमों का पालन नहीं करने वालों के खिलाफ कार्रवाई मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। इसलिए 18 वर्ष से पहले बगैर लाइसेंस वाहन न चलाएं। लर्निंग लाइसेंस केवल वाहन सीखने के लिए होता है। इस दौरान भी कोई एक्सपर्ट साथ होना जरूरी है। उन्होंने विद्यार्थियों को सड़क सुरक्षा के प्रति प्रेरित करते हुए कहा कि नियमों की जानकारी होने से हादसे से बचा जा सकता है।
फोटो कैप्शन 06: यातायात नियमों की जानकारी देते हुए पुलिस अधिकारी।
भारोतोलन में पाया नाम, मिली बधाइयां
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कनीना की आवाज। कनीना के छात्र अंकित कुमार ने सोनीपत के खरखौदा में आयोजित प्रताप सिंह मेमोरियल राज्य स्तरीय भारोतोलन प्रतियोगिता में अंडर 17 ,67 किलो ग्राम वर्ग में कास्य पदक प्राप्त किया ।
अंकित की इस उपलब्धि के लिए कनीनावासियों ने बधाई दी है। इस अवसर पर बधाई देने वालों में नरेश कौशिक,संयोजक पूनम देवी, नितेश शर्मा व शिक्षक राकेश कुमार आदि प्रमुख हैं।
मैनहोल का ढक्कन खुला होने के कारण दुर्घटना को दे रहा है निमंत्रण
-ध्यान देने वाला कोई नहीं
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कनीना की आवाज। कनीना बस स्टैंड से मंडी में जाने वाली सड़क मार्ग के बीचों बीच सीवर का ढक्कन खुला होने के कारण सीवर दुर्घटनाओं को निमंत्रण दे रहा है। परंतु ध्यान देने वाला लगता है कोई नहीं है।
कस्बे के समाजसेवी सज्जन कुमार यादव, मनोज एडवोकेट ,योगेश कुमार अग्रवाल, महेश कुमार, दीपांशु तंवर, राज रोहिल्ला, दीपक रोहिल्ला भीम प्रधान के अलावा अन्य लोगों ने जानकारी देते हुए बताया कि नहर के पास सीवर का ढक्कन टूटा हुआ है तथा लगभग सीवर 4 से 5 फीट गहरा है। अगर इसमें कोई गिर गया तो उसे निकालना जोखिमभरा हो जाएगा। लोगों का यह भी कहना है यह बस स्टैंड से मंडी और मंडी से बस स्टैंड जाने का मुख्य रास्ता है और इस सीवर का ढक्कन लगभग खुला और टूटा ही रहता है लेकिन प्रशासन नकारा साबित हो रहा है और इस तरफ कोई ध्यान नहीं दे रहा है जिसके कारण इस सीवर में कभी भी कोई वाहन दुर्घटना का शिकार हो सकता है। लोगों का यह भी कहना है इस समस्या को लेकर लोग कई बार प्रशासन से मौखिक तौर पर अपनी बात रख चुके हैं। लोगों ने मांग कर इस मैनहोल को स्थायी रूप से बंद करने की गुहार लगाई है ताकि यहां कोई दुर्घटना ना हो सके।
फोटो कैप्शन 04: मैनहोल का टूटा हुआ ढक्कन
दीये बनाने में व्यस्त है एक समाज विशेष
-विदेशी वस्तुएं दीपावली पर न खरीदने की बात कही
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कनीना की आवाज। दीपावली पर खुशियों को व्यक्त करने के लिए परम्परागत रूप से जलाए जाने वाले दीयों को बनाने में एक जाति विशेष कुम्हार जाति, के लोगों द्वारा दीये बनाकर अपनी रोटी रोजी कमाने वाले जी जान से जुटे हुये हैं।
दीपावली के आगमन से करीब एक माह पूर्व ही कुम्हार जाति के लोग मिट्टïी लाकर दीपक बनाते हैं तत्पश्चात उन्हें पकाकर घर-घरकरते हैं। एक जमाना था जब दीपावली के शुभ दिन पर घी के दीये जलाते थे किंतु अब दीयों के प्रति रुझान भी बदल गया है। श्रीराम के 14 वर्षों का वनवास पूरा करके, रावण पर विजय पाकर जब सीता सहित राम, लक्ष्मण व हनुमान अयोध्या लौटे थे तो लोगों ने खुशी के मारे घरों में घी के दीये जलाए थे और तत्पश्चात प्रति वर्ष उसी याद को दिलों में संजोकर प्रतिवर्ष घी के दीये जलाते आ रहे हैं। परंतु अब तो लोग तेल के दीये भी नहीं जलाते अपितु मोमबत्ती जलाकर ही खुशी व्यक्त करते हैं। कुम्हार जाति के लोगों ने बताया कि एक वक्त था जब दीपावली के दिन इतने दीये बिकते थे कि उनके परिवार का गुजर बसर आसानी से हो जाता था किंतु अब तो रोटी रोजी के भी लाले पड़ गए हैं। अब तो दीये बनाकर पकाने का काम भी धीमा पड़ गया है। कुम्हारों ने तो अपना यह धंधा ही बदल लिया है या फिर दीये खरीदकर लाते हैं और उन्हें घरों में बेचते हैं।
गृहणियों आशा, शकुंतला, नीलम ने बताया कि दीयों को देशी घी से जला पाना कठिन हो गया है क्योंकि देशी घी का भाव भी 1000 रुपये किलो तक पहुंच गया है वहीं रुई की बाती बनानी पड़ती हैं और दीपकों को पानी में भीगोकर रखना पड़ता है ताकि वे घी कम चूसे। बाद में तेल के दीये जलाने की प्रथा चली क्योंकि तेल का भाव भी 180 रुपये किलो से कम नहीं होता है ऐसे में तेल के दीये जलाना भी आसान काम नहीं है। अब तो दीपावली के दिन मोमबत्तियां ही जलाई जा रही है।
कुम्हार जाति के लोगों ने बताया कि एक वक्त था जब दीपावली के दिन इतने दीये बिकते थे कि उनके परिवार का गुजर बसर आसानी से हो जाता था किंतु अब तो रोटी रोजी के भी लाले पड़ गए हैं। अब तो दीये बनाकर पकाने का काम भी धीमा पड़ गया है। कुम्हारों ने तो अपना यह धंधा ही बदल लिया है या फिर दीये खरीदकर लाते हैं और उन्हें घरों में बेचते हैं।
स्वदेशी वस्तु की ओर रुझान बढऩे लगा--
बेशक दीयों का स्थान मोमबत्तियों ने ले लिया है, माटी के तवों की बजाए लोहे के तवे आ गए हैं, लकड़ी तथा अन्य बर्तनों की जगह धातुओं के बर्तन आ गए हैं किंतु धीरे धीरे स्वदेशी की ओर लोग जागरूक हो रहे हैं तथा फिर से पुरानी वस्तुओं का उपयोग करने के लिए कटिबद्ध हो गए हैं।
उल्लेखनीय है कि बाजार में विभिन्न स्थानों पर मोमबत्ती की जगह दीये, करवे, सुराही आदि बेची जा रही है वहीं सेहत के लिए उत्तम तवे मिट्टी के बने हुए भी बेचे जा रहे हैं। लोग जहां सुराही, दीयों लकड़ी के बर्तनों की ओर आकर्षित हो रहे है वही मिट्टी के बर्तनों, मिट्टी के तवे की और विशेष रूप से आकर्षित हो रहे हैं। जहां बाबा रामदेव द्वारा देसी वस्तुओं का प्रयोग करने पर बल दिया जा रहा है वही विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करने की भी तैयारी की जा रही है। यूं तो बाजार में चाइनीज आइटम आए हुए है किंतु स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने से उन्हें नहीं रोक पा रहे हैं।
कनीना के राहुल कुमार, महेंद्र शर्मा झाड़ली, रवि कुमार कनीना मंडी आदि ने बताया देसी वस्तुओं के बल पर हम अपनी सेहत को बचा सकते हैं वहीं से देसी वस्तुएं अपना अपने देश को उन्नति के मार्ग पर अग्रसर कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस दीपावली पर भी स्वदेशी वस्तुएं ही खरीदेंगे विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार करेंगे वहीं घी के दीये नहीं तो कम से कम तेल के दीये तो जलाएंगे ही। उधर कनीना मंडी के रविंद्र कुमार बंसल, कनीना के सुरेश कुमार, कृष्ण कुमार, योगेश कुमार आदि ने बताया कि इस बार घी के दिए जलाकर ही दीपावली की खुशियां मनाएंगे वहीं स्वदेशी वस्तुओं को अपनाने का प्रयास करेंगे, घर की बनी मिठाइयां खाएंगे।
फोटो कैप्शन 02: मिट्टी के बने हुए तवे को निहारता युवक
03: दीये निहारता एक ग्राहक
मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया का कनीना में हुआ अभिनंनदन
--कनीना के राजकीय स्कूल का किया दौरा
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कनीना की आवाज। भारत सरकार के शहरी विकास व ऊर्जा मंत्री मनोहर लाल खट्टर के मुख्य मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया ने कनीना में जनप्रतिनिधियों व कनीना के क्षेत्र के गणमान्य लोगों द्वारा आयोजित अभिनंदन समारोह में लोगों का धन्यवाद ज्ञापित किया ।
अपने संबोधन में श्री कटारिया ने कहा की हरियाणा के चुनाव के नतीजे प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर की दूरदर्शी सोच व जन कल्याण की मानसिकता को ध्यान में रखकर किए गए रचनात्मक कार्यों का नतीजा है ।
क्षेत्र की अंबेडकर जन जागरण समितियां द्वारा रमन शास्त्री के नेतृत्व में कनीना की श्याम वाटिका में आयोजित सम्मान समारोह में सुदेश कटारिया ने बताया कि मनोहर लाल खट्टर ने अपने साढ़े नो वर्ष के कार्यकाल में अपनी दूरदर्शी सोच के साथ समाज के आखिरी व्यक्ति तक सुविधाएं पहुंचाने का काम किया तथा प्रदेश की जनता ने भाजपा की नीतियों में आस्था व्यक्त करते हुए खर्ची पर्ची वालों को बाहर का रास्ता दिखाया। इसी क्रम मे आगे बढ़ते हुए प्रदेश के दूसरी बार मुख्यमंत्री बने नायब सिंह सैनी ने खुद मुख्यमंत्री की
शपथ लेने से पहले प्रदेश के 24000 को युवाओं को मेरिट के आधार पर नौकरी देकर दिवाली पर उनके जीवन का सबसे बेहतरीन तोहफा दिया है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला प्रमुख डा. राकेश कुमार ने की तथा मुख्य अतिथि सुदेश कटारिया का स्वागत किया तथा बताया कि पूरे अहीरवाल में जनता ने खुले मन से भाजपा को समर्थन दिया है तथा भारी बहुमत से सरकार बनाने में अपना योगदान दिया है। मंच संचालन हेडमास्टर नरेश कौशिक किया ।
कनीना नगर पालिका के पूर्व अध्यक्ष अशोक ठेकेदार ने नगर की तरफ से पगड़ी पहना कर उनका अभिनंदन किया तथा अंबेडकर सभा स्मृति चिन्ह देकर अभिनंदन किया गया। इस अवसर पर अंबेडकर सभा धनौंदा, अंबेडकर सभा कनीना, भोजावास से राज कुमार, भडफ़ से अमरजीत, कोटिया से धर्मवीर सरपंच, इसराना के सरपंच हनुमान सिंह, मानपुरा के सरपंच कर्मवीर सिंह, सुरेश सरपंच झाड़ली, भूदत गढ़ी रुथल, पवन कुमार कनीना, अजय सरपंच करीरा, कुलदीप सरपंच उच्चत, सुरेश ककराला सरपंच, अनिल प्रवक्ता, मनोज कुमार व प्र्रीतम, सचिन, पूर्व शिक्षक डीघराम, मुख्याध्यापक सूरत सिंह, विजय कुमार ,पूर्व पार्षद रामेश्वरदास, पूर्व उप- प्रधान अशोक ठेकेदार कनीना, केके पूनिया सहित भारी संख्या में गणमान्य जन उपस्थित रहे।
मुख्य मीडिया सलाहकार ने किया कनीना स्कूल का दौरा-
भारत सरकार के आवास ,शहरी विकास एवं विद्युत मंत्री मनोहर लाल खट्टर के मुख्य मीडिया सलाहकार सुदेश कटारिया ने राजकीय कन्या उच्च विद्यालय का दौरा किया तथा विद्यालय की स्थिति का जायजा लिया। विद्यालय में उनका स्वागत विद्यालय के मुख्याध्यापक व हरियाणा प्रगतिशील दिव्यांग शिक्षा अधिकारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष नरेश कौशिक ने किया। प्रदेश में दिव्यांग कर्मचारियों की पदोन्नतियों में आ रही बढ़ाओ को दूर करने के लिए एक मांग पत्र सौंपा।
श्री कौशिक बताया कि यह विद्यालय इस क्षेत्र का सबसे पुराना प्रतिष्ठित विद्यालय है जिसमें क्षेत्र के अनेक गणमान्य लोगों ने शिक्षा ग्रहण की है।
इस अवसर पर श्री कटारिया ने विद्यालय में चारदीवारी का निर्माण शीघ्र करवाने विद्यालय के कमरों को ऊंचा उठाने विद्यालय में बंदरों की समस्या हल करवाने तथा संघ की मांग को मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा शीघ्र पूरा करवाने का आश्वासन दिया। उन्होंने कहा कि श्री खट्टर के कार्यकाल में ही पहली बार दिव्यांगों के लिए एक साथ हजारों नियुक्तियां हुई तथा उन्हें सभी वर्गों में डीम्ड डेट पदोन्नति दी गई तथा अब भी सरकार उनके लिए प्रतिबद्ध है तथा दिव्यांगों के हितों के मामले में जो भी अधिकारी रोड़ा अटकाएगा उसके विरुद्ध सख्त कार्रवाई की जाएगी ।इस अवसर पर उनके साथ अशोक ठेकेदार ,जसवंत सिंह सहित गणमान्य लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 01: स्कूल कनीना का दौरा करते हुए सुदेश कटारिया।
सेवानिवृत्त कर्मी लगा रहे हैं कार्यालयों के चक्कर
-परिवार पहचान पत्र में नहीं घट रही इनकम
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कनीना की आवाज। जब तक सरकारी कर्मचारी सेवा में होता है उसे वेतन मिलता है जिसके आधार पर परिवार पहचान पत्र तो बना दिए गए हैं किंतु सेवानिवृत्त होने के बाद पेंशन बहुत कम रह जाती है और बहुत से कैसों में तो पेंशन भी नहीं होती। ऐसे में जो इनकम परिवार पहचान पत्र में दर्शाई जाती है वह कम करवाने के लिए कितने ही कर्मचारी मारे-मारे फिर रहे हैं। न तो कोई संतोषजनक जवाब मिलता और न ही यह पता लग पा रहा कि कैसे ठीक हो पाएगी। सीएससी सेंटर वाले प्रयास करते हैं किंतु उसे रिजेक्ट कर दिया जाता है। ऐसा एक बार नहीं कई कई बार होने के बाद पूर्व कर्मचारी विभिन्न कार्यालयों के चक्कर लगाने को मजबूर हो गए हैं। यहां तक की कई पूर्व कर्मचारियों ने तो सीएम विंडो में भी शिकायत कर दी है। यही नहीं परिवार पहचान पत्र हेल्पलाइन पर भी इस समस्या को लेकर बात की गई परंतु निष्कर्ष नहीं निकला। उनकी इनकम कम नहीं की जा रही है। अब तक यही नहीं पता चल पा रहा कि यह इनकम कम करने का अधिकार किसके पास है और कौन इस इनकम को कम कर पाएगा ताकि हकीकत में मिल रही पेंशन अपने परिवार पहचान पत्र में दर्शा सके।
पूर्व कर्मी सुनील कुमार, दिनेश कुमार, महेंद्र सिंह ने बताया कि वे सीएससी सेंटरों पर पांच पपंाव बार दुरुस्तगी के लिए पेंशन पास बुक सहित सभी कागत पत्र अपलोढ़ कर चुके हैं किंतु बार बार आवेदन प्रक्रिया रिजेक्ट हो जाती है। सीएससी सेंटरों पर पैसे देकर कागज परिवार पहचानपत्रों पर अपलोढ़ करवाकर जेब से खर्चा वहन कर चुके हैं किंतु परिणाम शून्य ही रहा। कनीना नगरपालिका में एडीसी कार्यालय का एक अधिकारी विकास बैठता है जिससे भी कई बार मिले किंतु उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि इनकम को दुरुस्त करने की उनके पास कोई पावर नहीं है और कोई आप्शन है। हां, भविष्य में ऐसी सुविधा होगी तो उन्हें सूचित कर दिया जाएगा। एक अधिकारी रमेश कुमार का कहना है कि जब जब इनकम टैक्स रिटर्न भरते हैं तो स्वयं ही दुरुस्त हो जाएगी किंतु इसके लिए तो कम से कम दो साल इंतजार करना होगा। बहरहाल तुरंत प्रभाव से इस समस्या को हल करने के लिए अधिकारी मौन हैं।
निधि शर्मा ने कंप्यूटर विज्ञान में पास की नेट
--मिली बधाइयां
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कनीना की आवाज। क्षेत्र के गांव झगड़ोली निवासी निधि शर्मा सुपुत्री शीला शर्मा एवं सुभाष चंद्र शर्मा ने कंप्यूटर साइंस में नेट की परीक्षा उत्तीर्ण करके अपने गांव तथा क्षेत्र का नाम रोशन किया है निधि ने बीटेक की पढ़ाई केंद्रीय विश्वविद्यालय महेंद्रगढ़ हरियाणा से तथा एमटेक की पढ़ाई केंद्रीय विश्वविद्यालय टोंक राजस्थान से उत्तीर्ण की है। वर्तमान में वे दिल्ली से पीएचडी की पढ़ाई कर रही हैं उन्होंने अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता तथा बड़े भाइयों को दिया है। गौरतलब है कि निधि के बड़े भाई कमल शर्मा भारतीय प्रशासनिक सेवा की परीक्षा उत्तीर्ण करके वर्तमान में दिल्ली पुलिस में एसीपी के पद पर तैनात हैं तथा छोटा भाई रविकांत महाराष्ट्र के कोल्हापुर में चिकित्सक है। गांव के सरपंच दिनेश सोनी, राजवीर नंबरदार,ताराचंद शर्मा,विष्णु भगवान तथा मदन मोहन कौशिक ने निधि के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है।
फोटो कैप्शन: निधि शर्मा
राष्ट्रीय नट्स दिवस-22 अक्टूबर
नट्स सेहत के लिए होते हैं बेहतर
-डाक्टर
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कनीना की आवाज। नट्स का नाम लेते ही बादाम, अखरोट, काजू, पिस्ता, मूंगफली और ऐसे अनेक फल शामिल किया गए हैं नट्स नाम से जाने जाते हैं। नट्स काई प्रकार की पोषक तत्व प्रदान करते हैं और शरीर को स्वस्थ रखते हैं। नट्स रोगों से बचने का सबसे बेहतरीन जरिया है। बाजार में अनेकों प्रकार के नट्स उपलब्ध होते हैं।
नट्स न केवल स्वादिष्ट होते हैं बल्कि रोजाना खाना शरीर के लिए अच्छा होता है। पोषक तत्व जैसे ओमेगा-3, फैटी एसिड, विटामिन, मिनरल्स भरपूर मात्रा में पाये जाते हैं। इनमें फाइबर भी पाए जाते हैं जो सेहत के दुरुस्त रखते हैं एवं आंतों की सफाई रखते हैं।
इस संबंध डाक्टर विनय शर्मा जो आयुर्वेद से संबंध रखते हैं, का कहना है कि नट्स बालों के झडऩे की समस्या में, वजन का बढऩा, मानसिक समस्या से जुड़ी समस्याओं से बचते हैं। हमें यूं तो संतुलित आहार के साथ-साथ नट्स प्रयोग में रहने के लिए नट्स को जरूर प्रयोग करना चाहिए। इस क्षेत्र में किशमिश, बादाम, खजूर, पिस्ता ,अखरोट आदि प्रमुख रूप से उपलब्ध हो जाते हैं।
डाक्टर के अनुसार नट्स में प्रोटीन, वसा, फाइबर की वजह से भूख को कम कर देते हैं। ये हृदयघात, कैंसर जैसे रोगों से बचाने का काम करते हैं। इनमें एंटीआक्सीडेंट और एंटीइनफिलामेटरी के गुण भी पाये जाते हैं। मस्तिष्क की कार्य प्रणाली को स्वस्थ रखने में मददगार साबित होते हैं। ऐसे में उनका कहना है कि हमें नट्स का उपयोग खाने के साथ-साथ नियमित रूप से करने की आदत डालनी चाहिए। अगर खाना कम भी खाया जाता है तो भी नट्स जरूर खाने चाहिए वैसे भी नट्स में कार्बोहाइड्रेट, लोहा, मैग्नीशियम, फास्फोर, सेलीनियम, मिनरल, विटामिन आदि सभी पर्याप्त मात्रा में पाए जाते हैं। लोग नाश्ते के रूप में भी नट्स लेते हैं जो लाभप्रद है। आजकल मिठाई वगैराह भी नट्स की बनाई जाती है जो आसानी से बच्चे भी खा सकते हैं।
फोटो कैप्शन: डाक्टर विनय शर्मा
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