Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**

Wednesday, October 16, 2024


 
अनाज मंडी में 711 किसानों का 16475 कुंतल बाजरा खरीदा
-एक अक्टूबर से बाजरे की खरीद है जारी
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कनीना की आवाज।
 कनीना की नई अनाज मंडी स्थित चेलावास में बाजरे की खरीद लगातार जारी है। प्रतिदिन किसान बाजरा ला रहे हैं और बेचकर वापस घर जा रहे हैं। विगत दो सालों से कनीना की नई अनाज मंडी में ही खरीद जारी है।
 मैनेजर सीमा ने बताया कि 711 किसानों का 16475 क्विंटल बाजरा खरीदा गया है। उन्होंने किसानों का आगाह किया कि बाजरा साफ सुथरा तथा नमी रहित लेकर आए ताकि बेचने में कोई दिक्कत ना आए। अक्सर देखने में आया है कि इसके साथ सभी आढ़तियों को दिशा निर्देश दिए कि सभी आढ़ती किसानों की अलग-अलग ढेरी बनवाए, झरना लगवाए, साफ सफाई करवाकर के बाजरे की भराई की जाए। इस मौके पर सीमा पर्चेजर, सतीश मंडी सुपरवाइजर, बिरेंद्र कुमार नीलामी अभिलेखक, आदेश एआर, दीपक, नितिन, मनीष, यतीश इत्यादि उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 5: बाजरे की खरीद करते हुए अधिकारी एवं अन्य





विनेश की भौतिक शास्त्र में नेट
-मिली बधाइयां
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कनीना की आवाज।
दिनेश पत्नी मोहित यादव वार्ड नंबर 3 ने नेट/जेआरएफ में अखिल भारतीय स्तर पर 127वां स्थान प्राप्त किया है। उनकी उपलब्धि पर उनके दादा सुमेर सिंह, दादी कमला देवी, रमेश कुमार, बबीता देवी आदि ने बधाई दी है। विनेश पत्नी मोहित यादव ने पहले ही बार भौतिक शास्त्र में यह उपलब्धि हासिल की है। वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद नई दिल्ली द्वारा यूजीसी/नेट की परीक्षा आयोजित की गई थी जिसमें विनेश नेे शानदार उपलब्धि हासिल की है।
 फोटो कैप्शन: विनेश





15 साल पहले गांव  धनौंदा में बने खेल स्टेडियम का कार्य आज तक पूरा नहीं
--जंगले तथा खिड़कियों का इंतजार कर रहा है खेल स्टेडियम
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कनीना की आवाज। लगभग 15 वर्ष पहले बने खेल स्टेडियम में आज तक  खिड़की व जंगले नहीं लग पाये हैं।आज भी वह खेल स्टेडियम खिड़की तथा जंगलों का इंतजार कर रहा है।
 यहां गौरतलब है कि फिल्म इंडस्ट्रीज के महान नायक रहे निर्माता निर्देशक स्व. सतीश कौशिक तथा हरियाणा सरकार में सीपीएस अनीता यादव द्वारा सरकार से मिलकर  लगभग 15 वर्ष पहले  कनीना के निकटवर्ती ग्राम धनौंदा में सरकार द्वारा एक खेल स्टेडियम का निर्माण कराया गया था जिसमें लगभग राशि एक करोड़ से ऊपर की लगी थी लेकिन 15 वर्ष बीत जाने के बाद भी आज तक उस खेल स्टेडियम में खिड़की जंगले व गेट नहीं लग पाई है जिसके कारण यह खेल स्टेडियम आवारा लोगों तथा शराबियों का अड्डा बन कर रह गया है।
 फिल्म निर्माता निर्देशक सतीश कौशिक जो गांव धनौंदा की मिट्टी में पैदा हुए थे जिन्होंने अपनी मेहनत के बलबूते पर मुंबई में जाकर फिल्म इंडस्ट्रीज में अपना नाम कमाया और साथ-साथ अपने गांव धनौंदा को भारत के मानचित्र पर ही नहीं संसार के मानचित्र पर  लाकर छोड़ा। उन्हीं के संघर्ष पर 15 वर्ष पहले फिल्म निर्माता निर्देशक सतीश कौशिक ने हरियाणा सरकार से मिलकर एक खेल स्टेडियम का प्रस्ताव हुड्डा सरकार को दिया था, जिस पर कांग्रेस सरकार ने लगभग एक से डेढ़ करोड़ रुपए का बजट पारित कर धनौंदा गांव में खेल स्टेडियम का निर्माण शुरू कराया था। जिसमें इतनी मोटी रकम लगने के बावजूद भी इस खेल स्टेडियम में आज तक खिड़की व जंगले तक नहीं लगे हैं आखिर इतना मोटा बजट आने के बावजूद भी कार्य पूरा न होना चर्चा का विषय बना हुआ है। जिसके कारण आज भी गांव धनौंदा में खेल स्टेडियम अपनी बदहाली  पर आंसू बहा रहा है। ग्रामीणों का यह भी कहना है फिल्म निर्माता निर्देशक सतीश कौशिक जी ने हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा से मिलकर गांव धनौंदा में एक बड़ा खेल स्टेडियम का निर्माण कराया था। यह खेल स्टेडियम आवारा शराबी व कुकर्मी लोगों का अड्डा बनकर रह गया है। ग्रामीणों का यह भी कहना है आखिर सतीश कौशिक द्वारा इतने पैसे दिलवाने के बावजूद भी आखिर खेल स्टेडियम का कार्य पूरा क्यों नहीं हुआ और वह पैसा कहां चला गया इसकी जांच होनी चाहिए और इसमें दोषी पाए जाने वाले अधिकारी व कर्मचारियों को कड़े से कड़ी सजा मिलनी चाहिए। गांव के खेल स्टेडियम को पूरा कराया जाना चाहिए। वही गांव की महिला सरपंच बिन्नू देवी से जब इस बारे में बात की गई तो उनका कहना था कि वास्तव में गांव में बने खेल स्टेडियम में गेट जंगले खिड़की नहीं होने के कारण यहां दिन और रात आवारा लोग बैठते हैं जिसे क्षेत्र में क्राइम बढ़ रहा है। उन्होंने पुलिस से मांग की है कि जब भी पुलिस धनौंदा गांव की और गश्त करें तो धनौंदा में बने खेल स्टेडियम को अवश्य ही देखें ताकि क्राइम पर रोक लगाई जा सके।
 फोटो कैप्शन04: खिड़की एवं जंंगलों का इंतजार करता हुआ खेल स्टेडियम




करीरा के महाराज ईश्वर दास का निधन
-पूरे गांव में परिक्रमा करने के बाद किया दाह संस्कार
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कनीना की आवाज।
 कनीना उप-मंडल के गांव करीरा की राजावाली बणी में विगत 30 वर्षों से संत की भूमिका निभा रहे ईश्वर दास 80 वर्ष का निधन हो गया। बुधवार को पूरे ही गांव करीरा में उनके शव की परिक्रमा करवाई गई। भारी संख्या में लोगों की उपस्थिति में उनका दाह संस्कार मंदिर परिसर राजावाली बणी में किया गया। इस मौके पर सीहा के महाराज समर्पणानंद महाराज, बिल्लू नंद , हरिदास, जसवंत दास, पुरुषोत्तम दास सहित गांव के मंदिर सेवा समिति सदस्य द्वारीलाल, धर्मवीर, महेंद्र कुमार, अशोक कुमार सहित भारी संख्या में गणमान्य जन  उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन: ईश्वरदास







भूल जाओ अब दाल रोटी को
-सबसे महंगा है दाल रोटी का खाना
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कनीना की आवाज।
 एक वक्त था जब दाल रोटी गरीब व्यक्ति प्रेम से खाते थे। जब भी रोटी रोजी की कोई चर्चा चलती थी तो यही शब्द कहते सुना जाता था कि दाल रोटी का जुगाड़ हो रहा है। दाल रोटी कभी होटल में अधिक प्रसिद्ध होती थी। दाल मुफ्त में मिलती थी रोटी के पैसे देने पड़ते थे। समय-समय की बात है आज के दिन दाल रोटी कोई गरीब नहीं खा सकता। अगर खाता है तो वह बहुत अमीर है क्योंकि दाल बनाने के लिए टमाटर सो रुपये किलो से कम नहीं है, प्याज 70 रुपये किलो से कम नहीं है, लहसुन 350 रुपये किलो से कम नहीं है, तेल 150 रुपये लीटर पहुंच गया है, वही दाल एक सौ रुपये से 140 रुपये किलो चल रही है। यही नहीं दाल में अगर देशी घी डाल दे तो जायका तो बदल जाएगा किंतु एक हजार रुपये किलो से कम नहीं है। और भी कुछ आइटम डालते हैं तो वो भी सस्ते नहीं हैं। ऐसे में दाल बनाना बहुत कठिन कार्य हो गया है। अब तो फिर से चटनी रोटी का युग आ गया है।
 एक वक्त था जब अकसर ग्रामीण क्षेत्रों में चटनी, दूध और रोटी खाई जाती थी जबकि सुबह के वक्त चटनी, छाछ एवं रोटी खाई जाती थी और वो बड़े मजे के साथ खाते थे। परंतु आजकल न तो घरों में दूध रहा और न ही छाछ रही, बहुत कम लोग हैं जिनके घरों में दूध एवं छाछ मिलेगी, वो खुशनसीब हैं। देशी घी के भाव 1000 रुपये किलो  से अधिक पहुंच गए हैं। ऐसे में दूध,घी एवं छाछ अब दुर्लभ हो गए हैं। एक वक्त था जब कहावत थी- देसा में देस हरियाणा जित दूध-दही का खाना। अभी कहावत भी धीरे-धीरे धूमिल होती जा रही है। न तो छाछ रही और न दूध रहा। अब तो सब्जियों के भाव आसमान छू रहे हैं। ऐसे में लोग सब्जी खाने से परहेज करने लगे हैं। बाजार में कोई भी सब्जी आज के दिन सस्ती नहीं कहीं जा सकती, अभी कुछ समय लगेगा फिर पर्याप्त मात्रा में सर्दियों की सब्जी पैदा हो जाएगी और फिर से ये सब्जियां गरीब इंसान को नसीब होंगी। अभी तक तापमान अधिक होने के कारण सब्जियां पैदा नहीं हो रही है। घीया एवं तोरई भी अब समाप्त होने के कगार पर हैं।
फोटो कैप्शन 01:  टमाटर जो हुए महंगे





महिला गुम गुमशुदगी का मामला दर्ज
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कनीना की आवाज।
 कनीना उप मंडल के एक गांव से 30 वर्षीय महिला घर पर बगैर बताये घर से गायब हो गई। उसके पति द्वारा पुलिस में गुमशुदगी का मामला दर्ज करवा दिया है। मामला दर्ज करवाते हुए महिला के पति ने कहा कि 11 अक्टूबर को सुबह 8 बजे उसकी पत्नी घर से बगैर बताये कहीं चली गई। हर जगह तलाश की किंतु नहीं मिली। उनकी शिकायत पर दौंगड़ा अहीर पुलिस चौकी में गुमशुदगी का मामला दर्ज कर लिया है।





वाल्मीकि जयंती 17 अक्टूबर को
संवाद सहयोगी,जागरण. कनीना।
 रामायण के रचयिता महर्षि वाल्मीकि की जयंती 17 अक्टूबर को मनाई जाएगी। एक और जहां 17 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा का पर्व है वहीं वाल्मीकि जयंती भी इसी दिन मनाई जाती है। वाल्मीकि ऐसे महर्षि हुए हैं जिन्होंने रामायण घटित होने से पहले ही लेखन कर दिया था। ग्रामीण क्षेत्र शहरी एवं शहरी क्षेत्र में महर्षि वाल्मीकि को श्रद्धा से याद किया जाता है। महर्षि वाल्मीकि जयंती मनाई जाने की तैयारी चल रही है।






शरद पूर्णिमा पर बनाई जाएगी खीर, श्वास रोगियों के लिए रामबाण
-विभिन्न गांवों में पर्व का होगा आयोजन, कार्तिक स्नान भी होगा शुरू
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कनीना की आवाज।
 17 अक्टूबर को क्षेत्र में शरद पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है। इस मौके पर रात के समय खीर बनाने तथा प्रसाद के रूप में अगले दिन बांटने की प्रथा चली आ रही है। मंदिरों में खीर बनाकर रात के समय चंद्रमा की किरणें डालकर खिलाने की परंपरा भी अनोखी है। 18 अक्टूबर को खिलाई जाएगी खीर। इसी दिन महर्षि वाल्मीकि जयंती भी मनाई जा रही है।
    घरों में तो खीर बनती ही है साथ में मंदिरों में भी खीर बनाने की परंपरा है। यह खीर रातभर रखी खुले आकाश के नीचे रखी जाती है तथा चंद्रमा की किरणें डालकर इसे रोग विनाशक बनाकर ही खिलाया जाता है। महंत लालदास का कहना है कि इस रात को चंद्रमा अपने आप में पूर्ण होता है बाकी किसी भी पूर्णिमा को इतना बेदाग नहीं होता है। यही कारण है कि इसकी किरणें डाली जाती है जो मन व मस्तिष्क पर अच्छा प्रभाव डालती हैं।
 उधोदास आश्रम के महंत लालदास ने बताया कि उनके यहां तो जो खीर बनाई जाती है उस मखमल के कपड़े से ढककर रख दिया जाता है ताकि अधिक मात्रा में चंद्रमा की किरणें गिर सके। इन्हीं किरणों के कारण खीर का स्वाद मधुर बन जाता है। तत्पश्चात इस खीरा को रात के बारह बजे बाद ही प्रसाद बतौर खिलाया जाता है। इस खीर का श्वास रोगियों के लिए बेहद लाभ होता है। उन्होंने बताया कि इस खीर में डालने के लिए कई प्रकार की औषधियां व पदार्थ मंगवाएं हैं ताकि खीर के प्रसाद से उनका रोग ठीक हो सके। रातभर भजन कीर्तन करते हुए ठाकुर जी का भोग लगाकर प्रसाद चखते हंै।  
क्या कहते हैं वैद्य-
वैद्य बालकिशन एवं श्रीकिशन का कहना है कि शरद पूर्णिमा का पर्व बहुत अहमियत रखता है। यह पर्व कई रोगों से छुटकारा दिलाने वाला ही नहीं अपितु इंसान में नया संचार जगाने वाला होता है। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण ने भी इस पर्व का विशेष महत्व बताया है तथा इस पर्व से सर्दी का मौसम जुड़ा है। सर्दी प्रारंभ होने से सेहत के लिए लाभकारी होती हैं। उन्होंने कहा कि इस दिन से जल्दी उठकर स्नान ध्यान करने से सभी कष्टï स्वत: छूट जाते हैं तथा मोक्ष की प्राप्ति होती है।
दीपक कौशिक आचार्य ने बताया कि इसी पर्व से जुड़ी है कार्तिक स्नान करने की परंपरा। महिलाएं पूरे एक माह तक चलता रहता है। एक माह बाद इसे संपन्न करती हैं। स्वास्थ्य की दृष्टिï से भी यह समय अनुकूल माना जाता है।
फोटो कैप्शन: लालदास महाराज




नेशनल सीबीएसई बाक्सिंग चैम्पियनशिप 2024 के लिए टीमों का हुआ आगमन
--किया जा रहा है जमकर स्वागत
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कनीना की आवाज।
एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, ककराला में नेशनल सीबीएसई बाक्सिंग चैम्पियनशिप 2024 के लिए टीमों का आगमन शुरू हो गया है। विद्यालय प्रवेश द्वार पर खिलाडिय़ों का स्वागत किया गया। चेयरमैन जगदेव यादव ने बताया कि जाने माने भीम अवार्डी व एशियन मेडलिस्ट, उप-निदेशक सतबीर सिंह एवं सुषमा यादव प्रथम भीम अवार्डी हरियाणा प्रात: 10 बजे चैम्पियनशिप का शुभारम्भ करेंगे।
सीबीएसई बोर्ड ने इस वर्ष 17 से 20 अक्टूबर को होने वाली नेशनल सीबीएसई बाक्सिंग चैम्पियनशिप के लिए एसडी वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय, ककराला को लगातार चौथी बार मेजबानी करने का अवसर प्रदान कर क्षेत्र की गौरवान्वित किया है। विद्यालय परिसर में सभी तैयारियां पूरी कर ली गई है। विद्यालय निदेशक जगदेव यादव ने सभी तैयारियों का विभिन्न खेल प्रशिक्षकों के साथ निरीक्षण किया।
विद्यालय प्रबंधन द्वारा विद्यालय परिसर में ठहरने की उचित व्यवस्था की गई है। खेल के दौरान देश-विदेश से आये खिलाडिय़ों के लिए उनके क्षेत्र व कल्चर के हिसाब से उचित खान-पान की व्यवस्था की गई है।
प्रतियोगिता के सफल आयोजन व सुरक्षा के दृष्टिकोण को ध्यान में रखते हुये एसडी विद्यालय प्रबन्धन समिति के साथ-साथ जिला प्रशासन का पुरा सहयोग लिया गया है।
इस प्रतियोगिता में शामिल होने के लिए देश-विदेश से विभिन्न दूर-दराज के क्षेत्रों से आने वाली टीमों का मंगलवार 15 अक्टूबर से ही आगमन शुरू हो गया। विद्यालय परिसर में आने वाली सभी मेहमान टीमों का विद्यालय प्रबन्धन समिति द्वारा जोरदार स्वागत किया गया।
विद्यालय निदेशक जगदेव यादव ने आने वाले सभी खिलाडिय़ों से बातचीत की व उनकी यात्रा व हाल-चाल के बारे में जाना तथा सभी खिलाडिय़ों को निर्भय व सहज महसूस करते हुए खेल प्रतियोगिता में आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया तथा अच्छी व्यवस्था प्रदान करने व किसी भी तरह की कोई परेशानी न आने देने का आश्वासन दिया।
विभिन्न राज्यों व देशों से प्रतिभागियों का आगमन कल से जारी हैं। समाचार लिखे जाने तक 426 बाक्सर खिलाड़ी अपना पंजीकरण करवा चुके हैं। सभी टीमें अपनी-अपनी स्पर्धा को लेकर उत्साहित नजर आई।
फोटो कैप्शन 02: एसडी स्कूल में वाक्सर खिलाडिय़ों का स्वागत करते हुए।






समाचार छपवाने वालों को चाहिए कि वो विज्ञापन दे    
-विगत तीन वर्षों से एक भी विज्ञापन नहीं मिला
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कनीना की आवाज।
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गीता प्रश्नोत्तरी चलेगी 17 नवंबर से
-विगत वर्ष 2000 लो














गों को जोड़ा था प्रश्नोत्तरी में
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कनीना की आवाज। विगत वर्ष की भांति इस बार भी भगवत गीता पर प्रश्नोत्तरी 17 नवंबर से शुरू होगी। यह 11 दिनों तक चलेगी और हर दिन 5 प्रश्र पूछे जाएंगे। सही उत्तर देने पर प्रतिदिन भी इनाम घोषित किये जाएंगे और सभी प्रश्नों के 11 दिन तक सही उत्तर देने पर भी अलग से ईनाम दी जाती है। विगत वर्ष भी कनीना के डा. होशियार सिंह ने 2000 लोगों को इस प्रश्नोत्तरी में जोड़ा था। अनुमान है कि इस बार भी इससे ज्यादा लोगों को जोड़ा जाएगा। क्योंकि इस प्रतियोगिता में विगत वर्ष जोड़े गए कई लोगों के कई इनाम आए थे। इस वर्ष भी विश्वास है कि इनाम लेकर रहेंगे। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी 5 प्रश्नों के संभावित उत्तर प्रतिदिन उपलब्ध करवा दिए जाएंगे और निर्धारित समय पर ही भरकर भेजना ।है प्रश्नों के उत्तर कितनी ही बार बदले जा सकते हैं। अंतिम बार बदला गया उत्तर माननीय होगा। ऐसे में सभी श्री कृष्ण के भक्तों और भागवत गीता के चाहने वालों से निवेदन है कि 17 नवंबर से शुरू होने वाले गीत प्रश्नोत्तरी में भाग लेने के लिए तैयार रहे। आगे की गतिविधियां समय समय पर उपलब्ध करवा दी जाएंगी। किसी भी जानकारी के लिए 9416348400 पर संपर्क करें या फिर मेरे दूसरे मोबाइल नंबर 9306300700 पर भी संपर्क कर सकते हैं।

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