पुलिस कर्मचारी मुंह बोली बेटी से करता रहा दुष्कर्म, महिला थाना में केस दर्ज कनीनाः जिला महेंद्रगढ़ के एक गांव की लड़की से उसी गांव का व्यक्ति अशोक उर्फ आकाश जो पुलिस में कार्यरत है तथा वायरलेस ऑपरेटर लगा हुआ है, मुंहबोली बेटी से लंबे समय तक दुष्कर्म करता रहा। यहां तक की लड़की की शादी होने के बाद भी उनके संपर्क में रहा, जिसके चलते पति पत्नी में भी दरार आ गई। आखिरकार लड़की ने परिजनों के साथ नारनौल महिला थाने में जाकर मामला दर्ज करवाया है।
जिला महेंद्रगढ़ के गांव की लड़की कालेज में एमएससी करती थी जबकि उसी गांव का व्यक्ति जो पुलिस में वायरलेस ऑपरेटर होता था, जो वर्तमान में चंडीगढ़ डाक ले जाने का कार्य करता है का लड़की के परिवार से आना जाना था और उसे बेटी कह कर पुकारता था, जिसके चलते परिवार वाले उस पर विश्वास करते थे। अपनी अल्टो गाड़ी द्वारा गांव से उसे रेवाड़ी छोड़ता था। तत्पश्चात लड़की कॉलेज में पढऩे के लिए आगे चलकर जाती थी। लड़की के परिजनों को विश्वास था इसलिए उसे रोजाना गाड़ी में बिठा कर ले जाने की अनुमति दे रखी थी। जुलाई 2018 में उसकी नीयत में खोट आ गया और गांव से गाड़ी में बिठाकर लड़की को रेवाड़ी की ओर ले गया, जहां रास्ते में उसे कोल्ड ड्रिंक में कोई नशीला पदार्थ पिला दिया। तत्पश्चात लड़की से दुष्कर्म किया। उसे रेवाड़ी छोड़ दिया। लड़की होश में आई चक्कर आने लगे और उसे सारी कहानी का ज्ञान हुआ। तत्पश्चात दुष्कर्मी ने लड़की को बताया कि उसकी वीडियो बना ली है। यदि वह किसी को बताएगी तो सोशल मीडिया पय छोड़ दी जाएगी। लड़की घबराकर अपने परिजनों को नहीं बता पाई और ऐसे में वो पुलिस की धौंस दिखाकर बार-बार गलत संबंध बनाता रहता था। यहां तक रेवाड़ी के सैंडपाइपर और मेहताब नामक होटल में भी उसके साथ दुष्कर्म किया। बार-बार वीडियो बनाई पुलिस की धौंस दिखाई और बताया कि वह सभी कानून की धाराओं को जानता है। यदि कुछ किसी को बताने का प्रयास किया तो उसके परिजनों तथा उन्हें जान से मार दिया जाएगा।
तत्पश्चात लड़की की 19 नवंबर 2019 को लड़की की शादी हो गई और लड़की के पति को भी इस संबंध में फोन पर धमकी दी और बताया कि के सभी फोटो व वीडियो उनके पास है। 27 दिसंबर 2019 को लड़की का पति लड़की को गांव में छोड़ गया। जब लड़की ने दुष्कर्मी से उसे अमन चैन की जिंदगी जीने की प्रार्थना की तो 31 दिसंबर को वायरलेस ऑपरेटर ने लड़की को अमन चैन से जीने देने का विश्वास दिलाया।
मगर एक जनवरी को को दुष्कर्म करने वाला लड़की के घर के सामने जा पहुंचा ब्लैक मेल करने लगा, उसे रेवाड़ी भेजने की धोंस दिखाई। फिर से जान से मारने की धमकी दी तथा वीडियो वायरल करने की धमकी दी। लड़की वाले बेहद तंग आ गए।आखिरकार लड़की ने महिला थाना नारनौल में जाकर मामला दर्ज करवाया।
गाजर की खेती बन रही है वरदान
कनीना। कनीना उपमंडल के मोड़ी गांव के किसान सर्दी के मौसम में गाजर उगाकर लाखों रुपए का मुनाफा ले रहे हैं। वे एक नहीं अपितु दो-दो फसल ले रहे हैं। गाजर उखाडऩे के बाद मेथी, मटर, टमाटर, मिर्च लगाकर अतिरिक्त लाभ कमाते हैं।
मोड़ी के मनोज कुमार, दिनेश कुमार, विजयपाल, रणधीर सिंह, बलबीर सिंह, नरेंद्र, अजय कुमार आदि ने बताया कि उन्होंने गाजर की खेती है और वर्ष 2008 से लगातार गाजर उगाते आ रहे हैं। इसे उखाडऩे के बाद मेथी,टमाटर, मिर्ची की फसल पैदावार बतौर रबी फसल ले रहे है। जिसमें भी मुनाफा होता है। वर्तमान में 7 एकड़ में गाजर की बिजाई की गई थी 3 एकड़ से गाजर उखाड़ी जा चुकी है जो अगैती फसल थी।
उन्होंने बताया अगेती फसल में अधिक मुनाफा होता है। 28 से 32 रुपये प्रति किलो के भाव से गाजर बेची गई। एक एकड़ में 90 से 95 क्विंटल गाजर की पैदावार हुई जिससे 2.40 लाख रुपये का लाभ हुआ है। किसानों ने बताया कि पछेती गाजर पैदावार अधिक देती है किंतु भाव अच्छे नहीं मिलते। गाजर की पैदावार के लिए बीज बोने, गाजर साफ करने की सभी मशीनें ला रखी है किंतु अभी तक इन उपकरणों पर सरकार द्वारा कोई अनुदान नहीं दिया गया। 2008 में उन्हें हुआ था। कई बार अगेती फसल के भाव अधिक मिलते हैं किंतु विषम परिस्थितियों में नष्ट हो जाती है। गाजर बेचने के लिए उन्हें महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, कुंड सब्जी मंडियों में जाना पड़ता है।
इस संबंध में जिला वानिकी अधिकारी डॉ मनदीप यादव ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में गोठरी, नियामतपुर, मोरूंड में करीब 500 एकड़ में अगैती गाजर की पैदावार ली जाती है जो अगस्त माह में उगा दी जाती है और अक्टूबर-नवंबर में उखाड़ कर उसके स्थान पर दूसरी पैदावार लेते हैं। इस फसल सब्जी में डेढ़ लाख रुपए तक आया प्राप्त होती है लेकिन अब तो सरकार ने भावांतर भरपाई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत 7 किलो के हिसाब से 100 क्विंटल पैदावार का निर्धारित की है। इस प्रकार 70 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से सरकार भावांतर भरपाई योजना के तहत नुकसान की भरपाई कर सकती है। उन्होंने बताया कि अभी तक सब्जी उगाने वाले यंत्रों पर पूरे हरियाणा में ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया है जो अगले वर्ष संभव है। एक हाथ लंबी गाजर मूली की पैदावार होती है जो देखने मे बेहतर होती हैं तथा भाव अच्छे मिलते हैं।
फोटो कैप्शन 1 : गाजर की लहलहाती फसल दिखाता
फोटो कैप्शन 2: लंबी और बेहतर गाजर दिखाता हुआ किसान
दूर दराज तक विख्यात है कनीना का बाबा लालगिरी
8 जनवरी को मेला लगेगा, खेल होंगे आयोजित
कनीना। संत लालगिरी जिला महेंद्रगढ़ के कनीना उप-मंडल में हुए हैं जिन्हें आज भी श्रद्धा के साथ दूर दराज के लोग नमन करते हैं। 8 जनवरी को उनकी 44वीं पुण्यतिथि श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। कनीना के वो एक उन संतों में से थे जिनका अपने समय में शरद पूर्णिमा का पर्व मनाते हुए देह अवसान किया। उनकी पुण्यतिथि पर विशाल मेला एवं खेल मेला एवं जागरण आयोजित किया जाएगा। शमशानी बाबा के नाम से प्रसिद्ध रहे लालगिरी महाराज ने कई जगह तप किया और कनीना में समाधि स्थल पर देह अवसान किया था।
कनीना के सरकारी कालेज के पास ही शमशानघाट बना हुआ है जहां सालों से स्वर्गवासियों को मिट्टी दी जाती है। इसी शमशानघाट के पास विशाल क्षेत्र पर बाबा लालगिरी की कुटिया बनी हुई है। सरल एवं मृदु स्वभाव के बाबा लालगिरी कनीना के परम संत मोलडऩाथ के समकालीन थे। उन्हाणी गांव में लंबे समय तक तप करने के बाद ही कनीना में आए और उनके स्थल के आस पास शमशानघाट होने के कारण शमशानी बाबा कहलाए। कनीना में लंबे समय तक अपने तप एवं ज्ञान का आभास कराते हुए आखिरकार 1976 में ब्रह्मलीन हो गए। आज जिस जगह उनकी समाधि बनी हुई है वहीं पर उन्होंने देह का त्याग किया था और यहीं पर उन्हें मिट्टी दी गई थी। तभी से लेकर आज तक भक्त उनकी समाधि पर धोक लगाते आ रहे हैं।
जब से बाबा ने पोष माह की तेरस को 38 वर्ष पूर्व देह अवसान किया है तभी से भक्त उनकी याद में इस दिन विशाल भंडारा लगाने लगे हैं। तीन वर्षों से उनकी याद में मेला लग रहा है। दूर दराज से इस दिन भक्त आकर बाबा की समाधि पर धोक लगाते हैं और प्रसाद वितरित करते हैं।
बाबा ने जहां देह अवसान किया वहां पर बाबा की मूर्ति विद्यमान की हुई है। पास में बाबा के काल का धूना बना हुआ है जहां साधु संत आकर विश्राम करते हैं। लालगिरी आश्रम में बहुत पुराना सती स्थल है। यहां एक बात प्रचलित है कि इस सती स्थल पर वो भक्त आते हैं जिनके मस्सा हो गया है।
फोटो कैप्शन 3: बाबा लालगिरी स्थल का नजारा।
शिक्षा अधिकारियों को बहाल करने की मांग
कनीना। प्रजा भलाई संगठन के सुप्रीमो समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने राज्य सरकार द्वारा कई शिक्षा अधिकारियों को बर्खास्त किए जाने को शिक्षा विरोधी व जन विरोधी कदम बताते हुए बर्खास्त किए गए शिक्षा अधिकारियों को तत्काल बहाल करने की मांग की है।
यहां जारी एक ब्यान में अतरलाल ने कहा कि राज्य सरकार परदे के पीछे से शिक्षा का निजीकरण करने पर आमादा है। इसलिए बिना बात ईमानदार तथा कत्र्तव्यनिष्ठा शिक्षा अधिकारियों को बर्खास्त कर निजीकरण की भूमिका बना रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने फतेहाबाद के जिला शिक्षा अधिकारी दयानंद सिहाग, भिवानी जिला के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश, महेन्द्रगढ़ खंड के खंड शिक्षा अधिकारी आरपी कौशिक नांगल चौधरी खंड के खंड शिक्षा अधिकारी नंद किशोर तंवर तथा अटेली खंड के खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी मदनलाल भाटिया को निलम्बित करके शिक्षा विरोधी, जनविरोधी तथा छात्र अभिभावक विरोधी कदम बताते हुए कहा कि सरकार थोक में शिक्षा अधिकारियों तथा सरकारी कर्मचारियों को निलंम्बित कर प्रदेश में निजीकरण का माहौल बनाने पर अडिग है।
उन्होंने कहा कि उक्त शिक्षा अधिकारियों पर सरकार ने जो गलत डेपुटेशन करने का आरोप लगाया है वह वाजिब नहीं है क्योंकि शिक्षकों के सभी डेपुटेशन और तबादले पंचायतों के प्रस्ताव, स्कूल पर तालाबंदी रोकने तथा छात्रों की पढ़ाई को सुचारू चलाने के उद्देश्य से किए गए हैं। इसलिए प्रजा भलाई संगठन सरकार की शिक्षा अधिकारियों को बर्खास्त करने की कार्यवाही की कटु निंदा व विरोध करते हुए बर्खास्त शिक्षा अधिकारियों को तत्काल बहाल करने की मांग करता है।
मांगों के समर्थन में बैठक 6 को
कनीना। एससी/बीसी वर्कर्स यूनियन की मीटिंग बैठक 132केवी पावर हाउस कनीना स्थित हनुमान मंदिर के पास संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता सज्जन गाहड़ा यूनिट प्रधान ने की। बैठक में मुख्य रूप से राजेंद्र सिंह ने थाना डिप्टी जनरल सेक्रेट्री सेंट्रल काउंसिल उपस्थित थे। इस मौके पर धर्मपाल एसएसए ने बताया कि कर्मचारियों की लंबित मांगों के लिए 6 जनवरी को दस बजे विद्युत सदन हिसार में बैठक आयोजित की गई है जिसमें कर्मचारियों की लंबित मांगों पर विचार विमर्श करके आगामी आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी। इस मौके पर राजेश एलएम सब यूनिट सचिव, मनोज एलएम, शिशुपाल, बाबूलाल, कैलाश आदि कर्मचारी मौजूद थे।
लुइस ब्रेल की जानकारी दी
- विद्यार्थियों ने निकाली प्रभातफेरी
संवाद सहयोगी,कनीना। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में चल रहे सात दिवसीय एनएसएस शिविर में शनिवार को स्पेशल शिक्षक अमृत सिंह ने विद्यार्थियों को लुइस ब्रेल के जन्मदिन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि लुइस ब्रेल बचपन में दिव्यांग हो गए थे किंतु हिम्मत नहीं हारी और ब्रेल लिपि की खोज की। उसी के आधार पर दिव्यांग व्यक्ति भी पढ़ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वे महान व्यक्ति थे जिन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को कभी भी अपनी हिम्मत नहीं आनी चाहिए, नित्य प्रति अपने काम में संलग्न रहना चाहिए तभी एक दिन सफलता निश्चित होगी। तत्पश्चात विद्यार्थियों ने स्कूल प्रांगण की सफाई करके प्रभात फेरी लगाई। प्रभात फेरी की अध्यक्षता एनएसएस प्रभारी कमल सिंह ने की। प्रभात फेरी स्कूल से चलकर कस्बे से होती हुई वापस स्कूल पहुंची।
प्रभात फेरी में एनएसएस स्वयंसेवकों ने लोगों को सामाजिक बुराइयों के प्रति जागरूक किया और इन बुराइयों से बचने की अपील की। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, बाल विवाह, बाल मजदूरी, दहेज प्रथा आदि समाज में प्रचलित हैं। यदि इन बुराइयों को हटा दिया जाए तो समाज एक दिन बेहतर समाज बन पाएगा, रामराज्य आ सकता है। इस मौके पर अमरजीत तथा विभिन्न शिक्षक मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 4: अमृत सिंह लुइस ब्रेल की जानकारी देते हुए
फोटो कैप्शन 5: प्रभात फेरी निकालते हुए एनएसएस स्वयंसेवक।
दो दिनों से कोहरा गायब
कनीना। कस्बा कनीना और आसपास क्षेत्र में विगत 2 दिनों से कोहरा नहीं पड़ रहा है। सुबह से ही सूरज चमकता है और दिन भर हल्की ठंड रहती है। मौसम साफ रहने से तथा चिलचिली धूप निकलने से लोग अपने घरों से बाहर घूमते देखे गए। बाजार में हलचल बढ़ गई है वहीं फसल के लिए या मौसम अनुकूल नहीं बताया जा रहा है।
उधर मौसम विभाग हिसार के अनुसार आगामी दिनों में बारिश बूंदाबांदी होने के आसार है। ऐसे में जहां इस वर्ष सर्दी अभी तक कम पड़ी है वहीं फसलों को लगातार सर्दी की जरूरत बताई जा रही है।
किसान अजीत कुमार, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि यदि ठंड नहीं पड़ेगी तो फसलों को नुकसान हो जाएगा। गेहूं सरसों एवं रबी फसलों के लिए सर्दी पडऩा जरूरी है। ऐसे में किसानों की नजरें मौसम पर टिकी हुई है। मौसम में लगातार बदलाव आता जा रहा है।
बढ़ते ही जा रहे फल और सब्जियों के भाव
कनीना। कड़ाके की ठंड पडऩे से जहां फल सब्जियों के पौधों को नुकसान हुआ है वही फल सब्जियों के दामों में भारी वृद्धि हो गई है। जो सब्जी 20 रुपये किलो बिकती थी वही सब्जी आज 40 रुपये किलो बिक रही है। एक और जहां गमलों के पौधे, हरी पत्तेदार सब्जियां ठंड के कारण नष्ट हो गई है वहीं बड़े फलदार पौधों पर भी सर्दी का कुप्रभाव पड़ा है। कस्बा कनीना में सतीश कुमार फल एवं सब्जी विक्रेता ने बताया कि जहां अमरूद 50 रुपये किलो,
केले 70 रुपये दर्जन बिक रहे हैं वही किन्नू 50 रुपये किलो बिक रहे हैं। यही नहीं अन्य फलों में भारी वृद्धि हुई है। सब्जियों में टमाटर विगत दिनों 20 रुपये किलो बिक रहे थे किंतु आज बाजार में 40 रुपये किलो के भाव हो गए। प्याज के भाव तो आसमान छू रहे हैं और लंबे समय से आसमान छूते आ रहे हैं। अभी भी प्याज 150 रुपये किलो बिक रही है। हरी प्याज के बाजार में दर्शन दुर्लभ हो गए हैं वहीं आल प्याज, सूखी प्याज की राह पर चल रही है। बैंगन
भी 50 रुपये किलो बिक रहा है वहीं गोभी 40 रुपये किलो हो गई है जबकि विगत दिनों 20 किलो बिक रही थी। हरा धनिया महंगा हो गया है वही आलू भी 30 रुपये किलो बिक रहे। अन्य सब्जियों के भाव में दोगुनी बढ़ोतरी हो गई है।
सब्जी विके्रेताओं का कहना है कि ठंड पडऩे के कारण सब्जी नष्ट हो गई है इसलिए सब्जी के भाव में वृद्धि हुई है। उपभोक्ता पहले ही सब्जियों के भाव से परेशान थे वे अब हरी सब्जी के रूप में क्षेत्र में मिलने वाले बथुआ का उपयोग जमकर कर रहे हैं। वैसे भी यह किसानों के खेतों में मुफ्त में उपलब्ध हो जाता है।
वैद्य श्रीकिशन और बालकिशन का कहना है कि बथुआ भी पालक व मेथी आदि की भांति गुणकारी है और उन्होंने अधिक से अधिक सेवन करने की सलाह दी है। उधर ही पालक मेथी की गुच्छी 5 रुपये की बजाय अब 10रुपये तक की बिक रही है।
फोटो कैप्शन 7: फल एवं सब्जी विके्रेता फल सब्जियों के भाव बताते हुए।
पहले गांव में आंवले के लड्डू बनाए अब दे रहे ट्रेनिंग
कनीना। महाबीर सिंह करीरा किसान अब आंवले के उत्पादों की ट्रेनिंग दे रहे हैं। पहले उन्होंने घर पर ही ये उत्पाद बनाकर लोगों को ट्रेनिंग दी थी।
उपमंडल कनीना के गांव करीरा स्थित प्रगतिशील किसान महावीर सिंह ने कभी बागवानी में रुचि रखते हुए आंवले के लड्डू एवं आंवले के विभिन्न पदार्थ बनाकर गांव में तथा आसपास गांव में बेचने का कार्य किया और बेहतर नाम कमाया वहीं कृषि मेला में जाकर भी आंवले के लड्डू ने प्रदेशभर में प्रसिद्धि पाई। अब महावीर सिंह किसान एक उद्यमी किसान के रूप में ट्रेनिंग दे रहे हैं और आंवले के मुरब्बा, अचार, आंवला का शरबत, कैंडी आदि बनाने की विधि बता रहे हैं। महावीर ने महिलाओं को सभी उत्पादों की विधि इससे जुड़े आर्थिक पहलुओं पर अपने अनुभव साझा किए हैं। महावीर सिंह ने बताया कि 5 जनवरी तक कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ में चल रही आर्या परियोजना के तहत कराई जा रही है। ट्रेनिंग में महिलाओं को वह खाद्य प्रसंस्करण के तहत आंवले के उत्पाद बनाने की विधियां बता रहे हैं। इससे पहले भी वे करीरा में लोगों को आंवले से विभिन्न पदार्थ बनाने की विधियां बताते आए हैं। उन्होंने बताया कि आंवला से विभिन्न पदार्थ बनाए जा सकते हैं जिससे न केवल किसान और गृहणी आत्मनिर्भर हो सकते अपितु आय का बेहतर जरिया बन सकता है।
उन्होंने बताया कि वे जहां कहीं भी जाते हैं आंवले से बनने वाले पदार्थों के विषय में लोगों को जागरूक करते हैं। रोहतक में विगत वर्ष आयोजित कृषि मेले में उनके आंवले के लड्डू ने वह नाम कमाया कि पूरे ही प्रदेश में चर्चा चली थी।
महावीर सिंह ने बताया कि उन्होंने बवानिया, वसुंदराह, दौंगड़ा जाट आदि गांव की महिलाओं को ट्रेनिंग देने का सिलसिला जारी कर रखा है और 5 जनवरी तक उनकी ट्रेनिंग चलेगी।
डॉ रमेश कुमार वरिष्ठ संयोजक कृषि ज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ ने बताया कि महावीर सिंह किसान बेहतर ट्रेनिंग दे रहे हैं और उनकी ट्रेनिंग के बाद महिलाएं आत्मनिर्भर हो सकती है। उल्लेखनीय है कि महावीर सिंह के सामने करीरा में जहां बागवानी पर नींबू अमरुद, बेर, लेहसुआ आंवला, लहसुन, प्याज आदि पर कार्य किया है वही केंचुआ पालन पर भी कार्य करके मुनाफा कमाया है।
फोटो कैप्शन फोटो कैप्शन 8 महिलाओं को आंवले से बनने वाले पदार्थों की ट्रेनिंग देते हुए महावीर सिंह किसान।
जिला महेंद्रगढ़ के गांव की लड़की कालेज में एमएससी करती थी जबकि उसी गांव का व्यक्ति जो पुलिस में वायरलेस ऑपरेटर होता था, जो वर्तमान में चंडीगढ़ डाक ले जाने का कार्य करता है का लड़की के परिवार से आना जाना था और उसे बेटी कह कर पुकारता था, जिसके चलते परिवार वाले उस पर विश्वास करते थे। अपनी अल्टो गाड़ी द्वारा गांव से उसे रेवाड़ी छोड़ता था। तत्पश्चात लड़की कॉलेज में पढऩे के लिए आगे चलकर जाती थी। लड़की के परिजनों को विश्वास था इसलिए उसे रोजाना गाड़ी में बिठा कर ले जाने की अनुमति दे रखी थी। जुलाई 2018 में उसकी नीयत में खोट आ गया और गांव से गाड़ी में बिठाकर लड़की को रेवाड़ी की ओर ले गया, जहां रास्ते में उसे कोल्ड ड्रिंक में कोई नशीला पदार्थ पिला दिया। तत्पश्चात लड़की से दुष्कर्म किया। उसे रेवाड़ी छोड़ दिया। लड़की होश में आई चक्कर आने लगे और उसे सारी कहानी का ज्ञान हुआ। तत्पश्चात दुष्कर्मी ने लड़की को बताया कि उसकी वीडियो बना ली है। यदि वह किसी को बताएगी तो सोशल मीडिया पय छोड़ दी जाएगी। लड़की घबराकर अपने परिजनों को नहीं बता पाई और ऐसे में वो पुलिस की धौंस दिखाकर बार-बार गलत संबंध बनाता रहता था। यहां तक रेवाड़ी के सैंडपाइपर और मेहताब नामक होटल में भी उसके साथ दुष्कर्म किया। बार-बार वीडियो बनाई पुलिस की धौंस दिखाई और बताया कि वह सभी कानून की धाराओं को जानता है। यदि कुछ किसी को बताने का प्रयास किया तो उसके परिजनों तथा उन्हें जान से मार दिया जाएगा।
तत्पश्चात लड़की की 19 नवंबर 2019 को लड़की की शादी हो गई और लड़की के पति को भी इस संबंध में फोन पर धमकी दी और बताया कि के सभी फोटो व वीडियो उनके पास है। 27 दिसंबर 2019 को लड़की का पति लड़की को गांव में छोड़ गया। जब लड़की ने दुष्कर्मी से उसे अमन चैन की जिंदगी जीने की प्रार्थना की तो 31 दिसंबर को वायरलेस ऑपरेटर ने लड़की को अमन चैन से जीने देने का विश्वास दिलाया।
मगर एक जनवरी को को दुष्कर्म करने वाला लड़की के घर के सामने जा पहुंचा ब्लैक मेल करने लगा, उसे रेवाड़ी भेजने की धोंस दिखाई। फिर से जान से मारने की धमकी दी तथा वीडियो वायरल करने की धमकी दी। लड़की वाले बेहद तंग आ गए।आखिरकार लड़की ने महिला थाना नारनौल में जाकर मामला दर्ज करवाया।
गाजर की खेती बन रही है वरदान
कनीना। कनीना उपमंडल के मोड़ी गांव के किसान सर्दी के मौसम में गाजर उगाकर लाखों रुपए का मुनाफा ले रहे हैं। वे एक नहीं अपितु दो-दो फसल ले रहे हैं। गाजर उखाडऩे के बाद मेथी, मटर, टमाटर, मिर्च लगाकर अतिरिक्त लाभ कमाते हैं।
मोड़ी के मनोज कुमार, दिनेश कुमार, विजयपाल, रणधीर सिंह, बलबीर सिंह, नरेंद्र, अजय कुमार आदि ने बताया कि उन्होंने गाजर की खेती है और वर्ष 2008 से लगातार गाजर उगाते आ रहे हैं। इसे उखाडऩे के बाद मेथी,टमाटर, मिर्ची की फसल पैदावार बतौर रबी फसल ले रहे है। जिसमें भी मुनाफा होता है। वर्तमान में 7 एकड़ में गाजर की बिजाई की गई थी 3 एकड़ से गाजर उखाड़ी जा चुकी है जो अगैती फसल थी।
उन्होंने बताया अगेती फसल में अधिक मुनाफा होता है। 28 से 32 रुपये प्रति किलो के भाव से गाजर बेची गई। एक एकड़ में 90 से 95 क्विंटल गाजर की पैदावार हुई जिससे 2.40 लाख रुपये का लाभ हुआ है। किसानों ने बताया कि पछेती गाजर पैदावार अधिक देती है किंतु भाव अच्छे नहीं मिलते। गाजर की पैदावार के लिए बीज बोने, गाजर साफ करने की सभी मशीनें ला रखी है किंतु अभी तक इन उपकरणों पर सरकार द्वारा कोई अनुदान नहीं दिया गया। 2008 में उन्हें हुआ था। कई बार अगेती फसल के भाव अधिक मिलते हैं किंतु विषम परिस्थितियों में नष्ट हो जाती है। गाजर बेचने के लिए उन्हें महेंद्रगढ़, रेवाड़ी, कुंड सब्जी मंडियों में जाना पड़ता है।
इस संबंध में जिला वानिकी अधिकारी डॉ मनदीप यादव ने बताया कि जिला महेंद्रगढ़ में गोठरी, नियामतपुर, मोरूंड में करीब 500 एकड़ में अगैती गाजर की पैदावार ली जाती है जो अगस्त माह में उगा दी जाती है और अक्टूबर-नवंबर में उखाड़ कर उसके स्थान पर दूसरी पैदावार लेते हैं। इस फसल सब्जी में डेढ़ लाख रुपए तक आया प्राप्त होती है लेकिन अब तो सरकार ने भावांतर भरपाई योजना शुरू की है। इस योजना के तहत 7 किलो के हिसाब से 100 क्विंटल पैदावार का निर्धारित की है। इस प्रकार 70 हजार प्रति एकड़ के हिसाब से सरकार भावांतर भरपाई योजना के तहत नुकसान की भरपाई कर सकती है। उन्होंने बताया कि अभी तक सब्जी उगाने वाले यंत्रों पर पूरे हरियाणा में ऐसा कोई प्रावधान नहीं किया है जो अगले वर्ष संभव है। एक हाथ लंबी गाजर मूली की पैदावार होती है जो देखने मे बेहतर होती हैं तथा भाव अच्छे मिलते हैं।
फोटो कैप्शन 1 : गाजर की लहलहाती फसल दिखाता
फोटो कैप्शन 2: लंबी और बेहतर गाजर दिखाता हुआ किसान
दूर दराज तक विख्यात है कनीना का बाबा लालगिरी
8 जनवरी को मेला लगेगा, खेल होंगे आयोजित
कनीना। संत लालगिरी जिला महेंद्रगढ़ के कनीना उप-मंडल में हुए हैं जिन्हें आज भी श्रद्धा के साथ दूर दराज के लोग नमन करते हैं। 8 जनवरी को उनकी 44वीं पुण्यतिथि श्रद्धा के साथ मनाई जाती है। कनीना के वो एक उन संतों में से थे जिनका अपने समय में शरद पूर्णिमा का पर्व मनाते हुए देह अवसान किया। उनकी पुण्यतिथि पर विशाल मेला एवं खेल मेला एवं जागरण आयोजित किया जाएगा। शमशानी बाबा के नाम से प्रसिद्ध रहे लालगिरी महाराज ने कई जगह तप किया और कनीना में समाधि स्थल पर देह अवसान किया था।
कनीना के सरकारी कालेज के पास ही शमशानघाट बना हुआ है जहां सालों से स्वर्गवासियों को मिट्टी दी जाती है। इसी शमशानघाट के पास विशाल क्षेत्र पर बाबा लालगिरी की कुटिया बनी हुई है। सरल एवं मृदु स्वभाव के बाबा लालगिरी कनीना के परम संत मोलडऩाथ के समकालीन थे। उन्हाणी गांव में लंबे समय तक तप करने के बाद ही कनीना में आए और उनके स्थल के आस पास शमशानघाट होने के कारण शमशानी बाबा कहलाए। कनीना में लंबे समय तक अपने तप एवं ज्ञान का आभास कराते हुए आखिरकार 1976 में ब्रह्मलीन हो गए। आज जिस जगह उनकी समाधि बनी हुई है वहीं पर उन्होंने देह का त्याग किया था और यहीं पर उन्हें मिट्टी दी गई थी। तभी से लेकर आज तक भक्त उनकी समाधि पर धोक लगाते आ रहे हैं।
जब से बाबा ने पोष माह की तेरस को 38 वर्ष पूर्व देह अवसान किया है तभी से भक्त उनकी याद में इस दिन विशाल भंडारा लगाने लगे हैं। तीन वर्षों से उनकी याद में मेला लग रहा है। दूर दराज से इस दिन भक्त आकर बाबा की समाधि पर धोक लगाते हैं और प्रसाद वितरित करते हैं।
बाबा ने जहां देह अवसान किया वहां पर बाबा की मूर्ति विद्यमान की हुई है। पास में बाबा के काल का धूना बना हुआ है जहां साधु संत आकर विश्राम करते हैं। लालगिरी आश्रम में बहुत पुराना सती स्थल है। यहां एक बात प्रचलित है कि इस सती स्थल पर वो भक्त आते हैं जिनके मस्सा हो गया है।
फोटो कैप्शन 3: बाबा लालगिरी स्थल का नजारा।
शिक्षा अधिकारियों को बहाल करने की मांग
कनीना। प्रजा भलाई संगठन के सुप्रीमो समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने राज्य सरकार द्वारा कई शिक्षा अधिकारियों को बर्खास्त किए जाने को शिक्षा विरोधी व जन विरोधी कदम बताते हुए बर्खास्त किए गए शिक्षा अधिकारियों को तत्काल बहाल करने की मांग की है।
यहां जारी एक ब्यान में अतरलाल ने कहा कि राज्य सरकार परदे के पीछे से शिक्षा का निजीकरण करने पर आमादा है। इसलिए बिना बात ईमानदार तथा कत्र्तव्यनिष्ठा शिक्षा अधिकारियों को बर्खास्त कर निजीकरण की भूमिका बना रही है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने फतेहाबाद के जिला शिक्षा अधिकारी दयानंद सिहाग, भिवानी जिला के जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी जयप्रकाश, महेन्द्रगढ़ खंड के खंड शिक्षा अधिकारी आरपी कौशिक नांगल चौधरी खंड के खंड शिक्षा अधिकारी नंद किशोर तंवर तथा अटेली खंड के खंड मौलिक शिक्षा अधिकारी मदनलाल भाटिया को निलम्बित करके शिक्षा विरोधी, जनविरोधी तथा छात्र अभिभावक विरोधी कदम बताते हुए कहा कि सरकार थोक में शिक्षा अधिकारियों तथा सरकारी कर्मचारियों को निलंम्बित कर प्रदेश में निजीकरण का माहौल बनाने पर अडिग है।
उन्होंने कहा कि उक्त शिक्षा अधिकारियों पर सरकार ने जो गलत डेपुटेशन करने का आरोप लगाया है वह वाजिब नहीं है क्योंकि शिक्षकों के सभी डेपुटेशन और तबादले पंचायतों के प्रस्ताव, स्कूल पर तालाबंदी रोकने तथा छात्रों की पढ़ाई को सुचारू चलाने के उद्देश्य से किए गए हैं। इसलिए प्रजा भलाई संगठन सरकार की शिक्षा अधिकारियों को बर्खास्त करने की कार्यवाही की कटु निंदा व विरोध करते हुए बर्खास्त शिक्षा अधिकारियों को तत्काल बहाल करने की मांग करता है।
मांगों के समर्थन में बैठक 6 को
कनीना। एससी/बीसी वर्कर्स यूनियन की मीटिंग बैठक 132केवी पावर हाउस कनीना स्थित हनुमान मंदिर के पास संपन्न हुई जिसकी अध्यक्षता सज्जन गाहड़ा यूनिट प्रधान ने की। बैठक में मुख्य रूप से राजेंद्र सिंह ने थाना डिप्टी जनरल सेक्रेट्री सेंट्रल काउंसिल उपस्थित थे। इस मौके पर धर्मपाल एसएसए ने बताया कि कर्मचारियों की लंबित मांगों के लिए 6 जनवरी को दस बजे विद्युत सदन हिसार में बैठक आयोजित की गई है जिसमें कर्मचारियों की लंबित मांगों पर विचार विमर्श करके आगामी आंदोलन की रूपरेखा बनाई जाएगी। इस मौके पर राजेश एलएम सब यूनिट सचिव, मनोज एलएम, शिशुपाल, बाबूलाल, कैलाश आदि कर्मचारी मौजूद थे।
लुइस ब्रेल की जानकारी दी
- विद्यार्थियों ने निकाली प्रभातफेरी
संवाद सहयोगी,कनीना। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में चल रहे सात दिवसीय एनएसएस शिविर में शनिवार को स्पेशल शिक्षक अमृत सिंह ने विद्यार्थियों को लुइस ब्रेल के जन्मदिन के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि लुइस ब्रेल बचपन में दिव्यांग हो गए थे किंतु हिम्मत नहीं हारी और ब्रेल लिपि की खोज की। उसी के आधार पर दिव्यांग व्यक्ति भी पढ़ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वे महान व्यक्ति थे जिन्होंने कभी हिम्मत नहीं हारी। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को कभी भी अपनी हिम्मत नहीं आनी चाहिए, नित्य प्रति अपने काम में संलग्न रहना चाहिए तभी एक दिन सफलता निश्चित होगी। तत्पश्चात विद्यार्थियों ने स्कूल प्रांगण की सफाई करके प्रभात फेरी लगाई। प्रभात फेरी की अध्यक्षता एनएसएस प्रभारी कमल सिंह ने की। प्रभात फेरी स्कूल से चलकर कस्बे से होती हुई वापस स्कूल पहुंची।
प्रभात फेरी में एनएसएस स्वयंसेवकों ने लोगों को सामाजिक बुराइयों के प्रति जागरूक किया और इन बुराइयों से बचने की अपील की। उन्होंने कहा कि भ्रूण हत्या, दहेज प्रथा, बाल विवाह, बाल मजदूरी, दहेज प्रथा आदि समाज में प्रचलित हैं। यदि इन बुराइयों को हटा दिया जाए तो समाज एक दिन बेहतर समाज बन पाएगा, रामराज्य आ सकता है। इस मौके पर अमरजीत तथा विभिन्न शिक्षक मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 4: अमृत सिंह लुइस ब्रेल की जानकारी देते हुए
फोटो कैप्शन 5: प्रभात फेरी निकालते हुए एनएसएस स्वयंसेवक।
दो दिनों से कोहरा गायब
कनीना। कस्बा कनीना और आसपास क्षेत्र में विगत 2 दिनों से कोहरा नहीं पड़ रहा है। सुबह से ही सूरज चमकता है और दिन भर हल्की ठंड रहती है। मौसम साफ रहने से तथा चिलचिली धूप निकलने से लोग अपने घरों से बाहर घूमते देखे गए। बाजार में हलचल बढ़ गई है वहीं फसल के लिए या मौसम अनुकूल नहीं बताया जा रहा है।
उधर मौसम विभाग हिसार के अनुसार आगामी दिनों में बारिश बूंदाबांदी होने के आसार है। ऐसे में जहां इस वर्ष सर्दी अभी तक कम पड़ी है वहीं फसलों को लगातार सर्दी की जरूरत बताई जा रही है।
किसान अजीत कुमार, राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि यदि ठंड नहीं पड़ेगी तो फसलों को नुकसान हो जाएगा। गेहूं सरसों एवं रबी फसलों के लिए सर्दी पडऩा जरूरी है। ऐसे में किसानों की नजरें मौसम पर टिकी हुई है। मौसम में लगातार बदलाव आता जा रहा है।
बढ़ते ही जा रहे फल और सब्जियों के भाव
कनीना। कड़ाके की ठंड पडऩे से जहां फल सब्जियों के पौधों को नुकसान हुआ है वही फल सब्जियों के दामों में भारी वृद्धि हो गई है। जो सब्जी 20 रुपये किलो बिकती थी वही सब्जी आज 40 रुपये किलो बिक रही है। एक और जहां गमलों के पौधे, हरी पत्तेदार सब्जियां ठंड के कारण नष्ट हो गई है वहीं बड़े फलदार पौधों पर भी सर्दी का कुप्रभाव पड़ा है। कस्बा कनीना में सतीश कुमार फल एवं सब्जी विक्रेता ने बताया कि जहां अमरूद 50 रुपये किलो,
केले 70 रुपये दर्जन बिक रहे हैं वही किन्नू 50 रुपये किलो बिक रहे हैं। यही नहीं अन्य फलों में भारी वृद्धि हुई है। सब्जियों में टमाटर विगत दिनों 20 रुपये किलो बिक रहे थे किंतु आज बाजार में 40 रुपये किलो के भाव हो गए। प्याज के भाव तो आसमान छू रहे हैं और लंबे समय से आसमान छूते आ रहे हैं। अभी भी प्याज 150 रुपये किलो बिक रही है। हरी प्याज के बाजार में दर्शन दुर्लभ हो गए हैं वहीं आल प्याज, सूखी प्याज की राह पर चल रही है। बैंगन
भी 50 रुपये किलो बिक रहा है वहीं गोभी 40 रुपये किलो हो गई है जबकि विगत दिनों 20 किलो बिक रही थी। हरा धनिया महंगा हो गया है वही आलू भी 30 रुपये किलो बिक रहे। अन्य सब्जियों के भाव में दोगुनी बढ़ोतरी हो गई है।
सब्जी विके्रेताओं का कहना है कि ठंड पडऩे के कारण सब्जी नष्ट हो गई है इसलिए सब्जी के भाव में वृद्धि हुई है। उपभोक्ता पहले ही सब्जियों के भाव से परेशान थे वे अब हरी सब्जी के रूप में क्षेत्र में मिलने वाले बथुआ का उपयोग जमकर कर रहे हैं। वैसे भी यह किसानों के खेतों में मुफ्त में उपलब्ध हो जाता है।
वैद्य श्रीकिशन और बालकिशन का कहना है कि बथुआ भी पालक व मेथी आदि की भांति गुणकारी है और उन्होंने अधिक से अधिक सेवन करने की सलाह दी है। उधर ही पालक मेथी की गुच्छी 5 रुपये की बजाय अब 10रुपये तक की बिक रही है।
फोटो कैप्शन 7: फल एवं सब्जी विके्रेता फल सब्जियों के भाव बताते हुए।
पहले गांव में आंवले के लड्डू बनाए अब दे रहे ट्रेनिंग
कनीना। महाबीर सिंह करीरा किसान अब आंवले के उत्पादों की ट्रेनिंग दे रहे हैं। पहले उन्होंने घर पर ही ये उत्पाद बनाकर लोगों को ट्रेनिंग दी थी।
उपमंडल कनीना के गांव करीरा स्थित प्रगतिशील किसान महावीर सिंह ने कभी बागवानी में रुचि रखते हुए आंवले के लड्डू एवं आंवले के विभिन्न पदार्थ बनाकर गांव में तथा आसपास गांव में बेचने का कार्य किया और बेहतर नाम कमाया वहीं कृषि मेला में जाकर भी आंवले के लड्डू ने प्रदेशभर में प्रसिद्धि पाई। अब महावीर सिंह किसान एक उद्यमी किसान के रूप में ट्रेनिंग दे रहे हैं और आंवले के मुरब्बा, अचार, आंवला का शरबत, कैंडी आदि बनाने की विधि बता रहे हैं। महावीर ने महिलाओं को सभी उत्पादों की विधि इससे जुड़े आर्थिक पहलुओं पर अपने अनुभव साझा किए हैं। महावीर सिंह ने बताया कि 5 जनवरी तक कृषि विज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ में चल रही आर्या परियोजना के तहत कराई जा रही है। ट्रेनिंग में महिलाओं को वह खाद्य प्रसंस्करण के तहत आंवले के उत्पाद बनाने की विधियां बता रहे हैं। इससे पहले भी वे करीरा में लोगों को आंवले से विभिन्न पदार्थ बनाने की विधियां बताते आए हैं। उन्होंने बताया कि आंवला से विभिन्न पदार्थ बनाए जा सकते हैं जिससे न केवल किसान और गृहणी आत्मनिर्भर हो सकते अपितु आय का बेहतर जरिया बन सकता है।
उन्होंने बताया कि वे जहां कहीं भी जाते हैं आंवले से बनने वाले पदार्थों के विषय में लोगों को जागरूक करते हैं। रोहतक में विगत वर्ष आयोजित कृषि मेले में उनके आंवले के लड्डू ने वह नाम कमाया कि पूरे ही प्रदेश में चर्चा चली थी।
महावीर सिंह ने बताया कि उन्होंने बवानिया, वसुंदराह, दौंगड़ा जाट आदि गांव की महिलाओं को ट्रेनिंग देने का सिलसिला जारी कर रखा है और 5 जनवरी तक उनकी ट्रेनिंग चलेगी।
डॉ रमेश कुमार वरिष्ठ संयोजक कृषि ज्ञान केंद्र महेंद्रगढ़ ने बताया कि महावीर सिंह किसान बेहतर ट्रेनिंग दे रहे हैं और उनकी ट्रेनिंग के बाद महिलाएं आत्मनिर्भर हो सकती है। उल्लेखनीय है कि महावीर सिंह के सामने करीरा में जहां बागवानी पर नींबू अमरुद, बेर, लेहसुआ आंवला, लहसुन, प्याज आदि पर कार्य किया है वही केंचुआ पालन पर भी कार्य करके मुनाफा कमाया है।
फोटो कैप्शन फोटो कैप्शन 8 महिलाओं को आंवले से बनने वाले पदार्थों की ट्रेनिंग देते हुए महावीर सिंह किसान।
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