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Thursday, January 30, 2020

उच्च स्तरीय जांच की मांग की 
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कनीना। दी महेंद्रगढ़ सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक में वर्ष 2013 से अब तक करोड़ों रुपए के घोटाले की जांच पूर्ण किए जाने और अभी तक मामले में संलिप्त को दोषी करार नहीं दिए जाने के चलते सीएम विंडो में शिकायतकर्ता अशोक वर्मा ने अब संपूर्ण मसले की उच्च स्तरीय जांच करवाने की मांग की है।
 यहां उन्होंने जारी बयान में कहा कि अभी तक इस मसले को लीपापोती चल रही हैं। जांच अधिकारी आते हैं और लीपापोती कर जाते हैं। जाते हैं। वर्ष 2019 से लगातार शिकायत पर शिकायत करने के बावजूद भी महज एक बार चंडीगढ़ से अधिकारी जांच के लिए आए हैं। उन्होंने कहा कि उच्च अधिकारी कोई कार्रवाई नहीं करते तो आखिरकार व न्यायालय की जारण में  जाएंगे।
अशोक वर्मा ने बताया कि जब वर्ष 2019 में उन्हें पता चला कि कुछ उपभोक्ताओं के एएफडी में घपला है तो उनकी भाभी सुनीता की भी एक एफडी दो लाख की थी। वे तुरंत भी दी महेंद्रगढ़ केंद्रीय सहकारी बैंक कनीना पहुंचे और एफडी प्रीमेच्योर करवाई। तत्पश्चात वे उन लोगों से मिले जिनकी एफडी में घपला होने की संभावना थी। उन्होंने तत्पश्चात सीएम को शिकायत की।
 उन्होंने विभिन्न कागज दिखाते हुए कागजात दिखाते हुए बताया कि करीब दो दर्जन उपभोक्ता ऐसे हैं जिनमें की आशंका है। उनके अनुसार इस मसले में दो तीन कर्मी एवं अधिकारी दोषी है जिनकी उन्होंने बार-बार उनकी शिकायत की है। उन्होंने कहा कि अभी तक सीएम विंडो की शिकायत पर एक बार कार्रवाई हुई है। बार बार उच्चाधिकारियों को लिखा जा रहा है लेकिन कोई सही जवाब नहीं आ रहा है। श्री वर्मा का कहना है कि जिन अधिकारियों द्वारा घपले की आशंका है यदि उनका विगत समय जहां-जहां कार्यरत थे का रिकॉर्ड खंगाला जाए तो घपला और भी बड़ा उजागर होने की उम्मीद है। उन्होंने सीएम विंडो के साथ-साथ उच्च अधिकारियों को शिकायत की है और इस मसले को गंभीरता से लेते हुए  उपभोक्ताओं के साथ हुई धोखाधड़ी की समस्त उच्चस्तरीय जांच करवाने और दोषियों को किसी हाल में न बख्शा जाने की मांग की है।
 उधर कंवर सिंह
चेयरमैन दी महेंद्रगढ़ सेंट्रल कोऑपरेटिव बैंक महेंद्रगढ़ से फोन पर हुई बातचीत में उन्होंने बताया कि इस मामले की वे भी तह तक जाना चाहते हैं। इस संबंध में उन्होंने भी एमडी चंडीगढ़ भी फोन किया था कि इस मसले की जांच की जाए और दोषियों को किसी हाल में न बख्शा जाए। उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाए।
बहरहाल मसाले की अभी तक एक बार जांच हो पाई है। उच्च अधिकारी समस्त जांच संबंधी कागजात भी चंडीगढ़ ले गए हैं किंतु अशोक कुमार को आशंका है कि फिर से लीपापोती होगी। उन्होंने इसकी उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग की है।




बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया 

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 कनीना। कनीना क्षेत्र में बसंत पंचमी का पर्व धूमधाम से मनाया गया। इस मौके पर कई कार्यक्रम आयोजित किए गए। पीले वस्त्र धारण करके पीले खाद्य पदार्थ खाए गए। बच्चों की शिक्षा दीक्षा के लिए भी आज से ही कार्यक्रम की शुरूआत हुई।  बसंत पंचमी के दिन जहां पीले फूलों की चहुं और बहार आ गई है वहीं वसंत पंचमी को धूमधाम से मनाते हुए हवन आयोजित किए गए। विभिन्न शिक्षण संस्थानों में आज कार्यक्रम आयोजित किए गए तथा वसंत पंचमी के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इस मौके पर छोटे-छोटे बच्चों को अच्छी शिक्षा देने का कार्यक्रम भी शुरू हुआ।
  उधर हेरिटेज वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय मोहनपुर में बसंत पंचमी के त्योहार मनाया गया। मां सरस्वती समक्ष चेयरमैन ओमप्रकाश शर्मा ने मां सरस्वती समस्त स्टाफ ने पुप अर्पित किए और दीप प्रज्वलित किया। बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किए। विद्यालय के चेयरमैन ओमप्रकाश शर्मा ने सभी बच्चों को बसंत पंचमी की बधाई दी और मां सरस्वती का आशीर्वाद आप सभी पर बना रहे यह कामना की। इस अवसर पर विद्यालय के प्राचार्य कृष्ण सिंह, विद्यालय समिति के संस्थापक व सभी अध्यापकगण उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 4: हेरिटेज स्कूल में मां सरस्वती को पुष्प अर्पित करते हुए।


छोटूराम जयंती मनाई गई

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कनीना। गांव धनौन्दा में किसान मजदूर सम्मेलन आयोजित कर दीनबंधु चौधरी छोटूराम की जयंती मनाई गई। मुख्य अतिथि बहुजन समाज पार्टी के नेता ठाकुर अतरलाल ने की। उन्होंने चौधरी छोटूराम के चित्र पर माल्यार्पण कर सम्मेलन का उद्घाटन किया।
  सम्मेलन में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर केन्द्र व राज्य सरकार से स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट तत्काल लागू करने, सतलुज यमुना लिंक कनाल का निर्माण कार्य शीघ्र शुरू करवाने, मजदूरों की दिहाड़ी 400 रुपये करने तथा रोजगार को मौलिक अधिकार बनाने की मांगे की गई। प्रस्तावों पर चर्चा करते हुए अतरलाल ने चौधरी छोटूराम को किसान, मजदूर, पिछड़ों व गरीबों का मसीहा बताते हुए कहा कि उनकी कथनी करनी एक थी। उन्होंने किसान, मजदूर व गरीबों के हित में कानून बनाए। जिससे किसान व किसानी बची।
उन्होंने दो हेक्टेयर भूमि वाले किसानों को भी भारत आयुष्मान योजना का लाभ देने की मांग की। किसान नेता संदीप सिंह ने राज्य सरकार से प्रदेश में उपलब्ध कुल नहरी पानी का जिलेवार समान बटवारा कर महेन्द्रगढ़ की नहरों में भी महीने में 24 दिन नहरी पानी चलाने की मांग की है। सम्मेलन में उक्त मांगों के लिए दो माह तक जनजागरण अभियान चलाकर लोगों को आंदोलन के लिए लामबंद करने का भी निर्णय लिया। राजकुमार यादव, शेर सिंह, नरेन्द्र, मदन, रवि कौशिक, कैलाश, दलीप, दान सिंह आदि ने भी सम्मेलन को संबोधित किया।
फोटो कैप्शन 5: अतरलाल चौधरी छोटूराम के चित्र पर माल्यार्पण करते हुए।


शिविर संपन्न हुआ,  श्रेष्ठ कैडेट्स को किया सम्मानित

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कनीना। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय दड़ौली में चल रहे दस दिवसीय एनसीसी शिविर का समापन हो गया। इस मौके पर अव्वल रहे कैडेट्स को पुरस्कृत किया गया।
 दड़ौली में जहां 10 दिवसीय प्रशिक्षण में जहां कमांडिंग आफिसर कर्नल जीएस सिद्धू की देखरेख में जहां विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है वही उनको समय-समय पर विभिन्न मोटिवेटर द्वारा मोटिवेट किया जा रहा है। एनसीसी कैडेट्स को जहां अनुशासन का पाठ पढ़ाया गया वही फायरिंग, फायर फाइटिंग का प्रशिक्षण भी दिया गया। इस मौके पर 385 विद्यार्थियों ने एनसीसी की ए सर्टिफिकेट की परीक्षा भी दी। इस मौके पर अव्वल रहे कैडेट्स को पुरस्कृत भी किया।
उल्लेखनीय है कि दस दिवसीय इस कैंप में  जिला महेंद्रगढ़ के 14 स्कूल भाग ले रहे थे। उन्होंने बताया राजकीय माडल स्कूल महेंद्रगढ़, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय अटेली, कृष्ण नगर,रावमावि भोजावास, यदुवंशी शिक्षा निकेतन नारनौल, जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा, रावमावि बवानिया, रावमावि कनीना, निजामपुर, नांगल चौधरी, दौंगड़ा अहीर, यदुवंशी शिक्षा निकेतन महेंद्रगढ़, एनपीएस डालनवास, केपीएस खटोटी आदि स्कूलों के एनसीसी कैडेट्स ने भाग ले रहे थे।
इस मौके पर डिप्टी कैंप कमांडेंट कर्नल टीएस भंडारी,रणवीर सिंह एएनओ, गिरधारीलाल एएनओ, रमन शास्त्री एएनओ, अरविंद कुमार एएनओ, राकेश कुमार एएनओ, हवलदार शिव कुमार, सुरेश कुमार,  सुनील कुमार, हवलदार ज्योति लाल सहित एनसीसी कैडेट्स उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 6: सूबेदार ब्रह्मप्रकाश अव्वल रहे कैडेट्स को पुरस्कृत करते हुए।

पहाड़ी वाली देवी का मेला एक को  

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कनीना। कनीना खंड के 55 गांवों में से एकमात्र गांव सेहलंग में पहाड़ी है जहां देवी खिजम का मनमोहक मंदिर जहां प्रत्येक वर्ष बसंत सप्तमी को मेला लगता है। एक फरवरी को यह मेला लग रहा है जो अति आकर्षण का केंद्र है।
  सेहलंग गांव से करीब डेढ़ किमी दूर छोटी सी पहाड़ी पर गांववालों ने भव्य मंदिरों का निर्माण करवाकर आकर्षण का केंद्र बना दिया है। इस गांव का सबसे प्रमुख देवी खिजम हुई हैं जिनका पहाड़ी पर भव्य मंदिर है। ऐसे ही देवी मंदिर भीलमाल जिला जालौर तथा टोडा नजदीक टोंक में स्थित हैं। जहां पहाड़ी पर चढऩे के लिए करीब 212 सीढिय़ा बनाई गई हैं वहीं सीढिय़ों पर चढऩे से पहले सत्संग भवन बना हुआ है। यहां साधु संत निवास के लिए भी हाल गना हुआ है।
 रमणीक पहाड़ी पर सबसे ऊंचा मंदिर खिजम माता का है साथ में हनुमान मंदिर एवं ािवालय भी है। माता के विषय में विजय सिंह सेहलंगिया बताते हैं कि यह गांव के बसने से पूर्व ही यहां देवी का निवास था। वो एक चमत्कारी माता होने के कारण जब गांव बसा तो गांववासी बस उन्हीं के पास अपने कार्र्याें को पूर्ण करवाने के लिए जाने लगे।
  जब देवी समाधिस्त हो गए तो उनके नाम पर पहाड़ी पर ही एक मढ़ी का निर्माण करवा दिया गया। इसी मढ़ी पर विशेषकर सेहलंगिया गोत्र के लोग आकर पूजा करने लगे। उल्लेखनीय है कि उस वक्त गांव सेहलंग में सेहलंगिया गोत्र के लोगों का ही वर्चस्व था। धीरे-धीरे अन्य गोत्रों के लोग भी यहां आ बसे और सभी बाबा के दीवाने हो गए। समय बीता गया और लोगों एवं भक्तों का रुझान बढ़ता ही चला गया परिणामस्वरूप लोगों ने मढ़ी के ऊपर एक भव्य मंदिर का निर्माण करवाया। इसी मंदिर का नाम माता खिजम मंदिर है। लोग इसे पहाड़ी वाली देवी नाम से भी पुकारते हैं।
इसी मंदिर में लोग व भक्तजन आकर दीप प्रज्वलित करके बाबा का सुमरते हैं। सेहलंगिया गोत्र के लोग जहां किसी गांव में बसते हैं वे इस बाबा स्थल पर मेले के दिन आते हैं। इसी पहाड़ी का पत्थर वे अपने साथ ले जाते हैं और उसकी पूजा करते हैं। प्रसाद चढ़ाकर झाड़ू माता के चरणों में भेंट करते हैं। इस मंदिर पर बसंत सप्तमी को भरने वाले मेले में लोग आकर अपने बच्चों के बाल उतरवाते हैं और नवविवाहित जोड़ों के गठजोड़े की जात लगाई जाती है।
फोटो कैप्शन 3 व 4: खिमज देवी मंदिर सेहलंग/पहाड़ी वाली देवी मंदिर।


कभी डरते थे,आज खाते हैं चाव से 

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कनीना। मशरूम जिसे खुंभ/ खुंबी एवं कुकुरमुत्ता आदि नामों से जाना जाता है। जिसे खाना तो दूर जहरीला और गंदे स्थानों पर उगने वाला सफेद रंग का पौधा मानते थे किंतु अब बड़े चाव से खाते हैं। विवाह शादियों,संभ्रांत घरों एवं पार्टियों में स्थान बना लिया है।
 खुंब की ओर किसानों का रुझान बढ़ता ही जा रहा है। खुंबी को कुकुरमुत्ता कहते हैं क्योंकि बुजुर्ग मानते थे कि यह उन स्थानों पर उगती है जा कुकर अर्थात कुत्ता और मुत्ता अर्थात मूतता है किंतु अब पता गया है कि यह गले सड़े पदार्थों पर उगती है इसलिए इसके लिए विशेष प्रकार के बेड की जरूरत होती है। एक ही जगह पर कई वर्षों तक उगाई जा सकती जिसके लिए विशेष बेड बनाना पड़ता है। कभी इसको जहरीला मानते थे आज सिद्ध हो चुका है कि इसमें बहुत अधिक मात्रा में प्रोटीन, विटामिन, खनिज लवण और विशेषकर विटामिन डी पाई जाती है जो अन्य फल एवं सब्जियों में नहीं पाई जाती।
वर्तमान में 150-200 रुपये किलो तक भाव पहुंच गए है किंतु इसे बड़े चाव से लोग खाते हैं। विवाह शादियों, होटलों, रेस्तरां में बहुत चाही सब्जी बनी हुई है। यहां तक कि इसके महावीर करीरा ने अचार बनाकर कृषि मेलों में प्रदर्शित कर सिद्ध कर दिया कि इसका अचार बनाकर भी उपयोग में लाया जा सकता है। विभिन्न सब्जियों में इसे प्रयोग करते हैं और सबसे बड़ी विशेषता है कि से पकाने के लिए अधिक समय एवं ऊर्जा की जरूरत नहीं होती। जिला महेंद्रगढ़ में 5000 ट्रे मशरूम उगाई हुई है। डीगरोता, महेंद्रगढ़, शेखपुरा सीहोर, गुढा आदि जगह किसानों ने उगा रखी है। पर जहां सरकार भी अनुदान दे रही है। ऐसे में भी को उगाने के लिए दिनों दिन किसान आगे आ रहे हैं। कोटिया एवं करीरा में भी विगत वर्षों उगाई थी।
गुढ़ा के सुमेश, सीहोर के किसान राजवीर एवं संदीप आदि ने बताया कि खुंबी उत्पादन से अपनी रोटी रोजी तो कमा लेते हैं परंतु आय का साधन भी बेहतर है। उन्होंने हम भी उगा रखी है और बेहतर पैदावार भी ले रहे हैं। खुंबी की सब्जी मंडी आसपास अन्य होने से किसानों को दिक्कत आ रही है किंतु जब कभी विवाह शादी तथा उत्सव होते हैं तो खुंबी को रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, नारनौल, चरखी दादरी आदि स्थानों से लाकर सब्जी बनाकर परोसते हैं। अब यह प्रसिद्ध होती जा रही है।
खुंभी के लिए एक नहीं कई लेयर का बेड बनाया जा सकती है। एक बेड से हम भी खत्म हो जाती है तो दूसरे बेड पर तैयार हो जाती है। इस प्रकार लगातार सर्दी के मौसम में खूब खुंब उगाई जाती है। खुंबी उत्पादन में जिला महेंद्रगढ़ धीरे-धीरे अग्रणी बनता जा रहा है।
जिला वानिकी अधिकारी डा मनदीप सिंह यादव का कहना है कि दिनोंदिन जमीन घट रही है। ऐसे में घटती जमीन का बेहतर विकल्प खुंबी है। थोड़ी सी जगह पर यहां तक कि प्लाट पर छह माह में अपनी पूंजी को दोगुना किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि सरकार इस पर अनुदान दे रही है। ऐसे में खेती आसानी से की जा सकती है। थोड़ी जमीन पर भी बेहतर पैदावार ली जा सकती है जो प्रोटीन का बेहतर स्रोत है।
फोटो कैप्शन 5,6 एवं 7: खुंबी से संबंधित है।


सुनिए वित्त मंत्रीजी
इंश्योरेंस पर है अधिक जीएसटी  

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कभी इंश्योरेंस पालिसी पर किसी प्रकार का कोई टैक्स नहीं होता था। लोग अपना इंश्योरेंस करवा कर खुश और खुशहाल रहते थे किंतु सरकार ने पहले 5 फीसदी तत्पश्चात 8 फीसदी और उसके बाद तो 12 फीसदी कर दिया। वर्तमान में 18 फीसदी जीएसटी लगाया हुआ है जिसके चलते अब उपभोक्ता इंश्योरेंस करवाते वक्त हिचकिचाते हैं और बहुत अधिक जीएसटी होने की बात कहते हैं। जीएसटी अधिक होने से उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में यह जीएसटी 18 फीसदी से घटाकर 5 फीसदी किया जाए। **योगेश कुमार अग्रवाल, इंश्योरेंस एजेंट कनीना।

वर्तमान में हेल्थ इंश्योरेंस, जनरल इंश्योरेंस, टर्म इंश्योरेंस पर 18 फीसदी जीएसटी लग रहा है। आज के दिन इंश्योरेंस की सभी को जरूरत है। कभी कोई बीमार हो सकता है तो उसे हेल्थ इंश्योरेंस की जरूरत होती है। यही नहीं गाडिय़ां खरीदते हैं तो इंश्योरेंस की जरूरत होती है। जनरल इंश्योरेंस, टर्म इंश्योरेंस करवाते हैं तो भी उन्हें भारी जीएसटी देना पड़ता है जिससे परेशानी बढ़ रही है। जीएसटी 18 फीसदी है इसे घटाकर 5 फीसदी किया जाए तो हर उपभोक्ता इंश्योरेंस करवाने के लिए राजी हो जाएगा।
- मुरारीलाल मित्तल, इंश्योरेंस एजेंट, कनीना।

आज के दिन किसी कोई भी व्यक्ति गंभीर बीमारी से पीडि़़त हो सकता है या किसी के साथ भी कोई हादसा हो सकता है तथा किसी को भी वाहन की जरूरत हो सकती है। इन पर इंश्योरेंस करवाना जरूरी है। इंश्योरेंस करवाने पर 18 फीसदी जीएसटी दिया जा रहा है जिसके चलते उपभोक्ताओं की कमर टूट रही है। पहले ही भारी खर्चा इंश्योरेंस पालिसी पर उपभाक्ता वहन करते हैं उस पर अधिक जीएसटी दिया जाता है। यदि जीएसटी घटा दिया जाए तो हर उपभोक्ता इंश्योरेंस करवाने के लिए राजी होगा और खुशी-खुशी इंश्योरेंस की राशि देने को तैयार रहेगा। जिससे न केवल सरकार को लाभ होगा अपितु इंश्योरेंस करवाने वाले भी खुश होंगे। ऐसे में जीएसटी इंश्योरेंस पर घटाकर या तो पूर्ण खत्म कर दिया जाए या अधिकतम 5 फीसदी लगाया जाए। पहले भी जीएसटी 5 फीसदी होता था और उससे पहले तो कोई जीएसटी नहीं देना पड़ता था। एक बार वही नियम फिर से लागू किया जाए।
- सवाई सिंह, इंश्योरेंस एजेंट, कनीना।
फोटो कैप्शन: सवाई सिंह, योगेश अग्रवाल, मुरारीलाल मित्तल।


शिक्षक भगवान का रूप होता है-सुनील दत्त 

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कनीना। नौकरी मिलने के समय जो खुशी होती है वही खुशी सेवानिवृत्ति पर सौ गुणा बढ़ जाती है। ये विचार जिला  मौलिक शिक्षा अधिकारी सुनील दत्त यादव ने कनीना खंड शिक्षा अधिकारी शेरसिंह खिच्ची के सेवानिवृत्ति पूर्व आयोजित समारोह में राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में खंड के सभी स्कूलों से आए प्राचार्यों व मुख्याध्यापकों, मुख्य शिक्षकों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। 31 जनवरी को बीइओ सेवानिवृत्त हो रहे हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए श्री दत्त ने कहा कि कनीना के खण्ड शिक्षा अधिकारी के रूप में कार्य कर रहे शेर सिंह ने अपनी 36 वर्ष छह माह पांच दिन की सर्विस में पूरी मेहनत व लग्न से करैते हुए पूर्ण की है जिसके लिए बधाई के पात्र है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्होंने अपनी सर्विस के दौरान हमेशा अपने स्कूल के कार्यों को प्राथमिकता दी और उनको सही ढंग से निपटाने का कार्य भी किया।
वही इस विदाई समारोह में समूचे खण्ड के प्राचार्यों ने उनकी खूब प्रशंसा की तथा उन्हें मृदुभाषी बताया। वही विभिन्न स्कूलों से आए स्टाफ द्वारा उनको विभिन्न प्रकार के स्मृति चिन्ह भेंट कर जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी के माध्यम से सम्मान सूचक पगड़ी भेंट कर उनका भव्य सम्मान किया गया।
  इस अवसर खंड शिक्षा अधिकारी अटेली राजेन्द्र सिंह ने कहा कि जब एक कर्मी सेवा आता है तो उसकी सेवानिवृत्ति की तिथि घोषित हो जाती है। हर कर्मी को इस दिन से होकर गुजरना ही होता है। कभी वो दूसरों की सेवानिवृत्ति को देखता है तो कभी अपनी सेवानिवृत्ति में शामिल होता है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का योगदान अमर है तथा अमर रहेगा। उन्होंने कहा कि कितना हर्ष का विषय है कि बेदाग छवि के व्यक्तित्व शेर सिंह की सेवानिवृत्ति में भारी संख्या में जन उपस्थित हुए हैं। इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी शेर सिंह ने बताया कि उन्होंने 1983 में बतौर एसएस अध्यापक कार्यभार ग्रहण किया था और बाद में प्राचार्य पद पर पदोन्नति पाई।
इस अवसर कृष्ण सिंह प्राचार्य धनौंदा,वरिष्ठ प्राचार्य अभयराम , सुरेश शर्मा,  बाबूलाल प्रधान, लाल सिंह, जयप्रकाश, ज्ञान सिंह, बाबूलाल प्रधान,पंकज कुमार हेडमास्टर, राज कुमार पड़तल, मदनलाल शास्त्री, सोमनाथ चित्रकार, राजकुमार सिंह, औमप्रकाश सिंह, प्राचार्या सुविरा यादव, गीताबाई, कुलदीप सिंह, सरला यादव, ओमरति यादव, सुमन देवी, सुरेश चन्द सरोहा, विरेंद्र सिंह कैमला,सुनील कुमार, ईश्वर सिंह के अलावा अन्य प्राचार्य व स्टाफ मौजूद था।
फोटो कैप्शन 01: शेर सिंह खिच्ची बीइओ के सेवानिवृत्ति समारोह में उपस्थित अधिकारी।


युवती से छेड़छाड़ का मामला दर्ज 

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कनीना। कनीना थाने के तहत एक युवती के साथ ट्रक चालक द्वारा अलील हरकत करने एवं छेड़छाड़ करने का मामला कनीना पुलिस में दर्ज किया है।
 मिली जानकारी अनुसार लड़की शौच के लिए जा रही थी तभी सचिन पुत्र विजेंद्र सिंह ट्रक ड्राइवर घड़ी कलानौर निवासी अपने ट्रक को रोहतक की ओर ले जा रहे थे। लड़की को देख उन्होंने ट्रक को ब्रेक लगाए और लड़की के साथ अश्लील हरकत करते हुए उसे पकड़कर ट्रक में डालने का प्रयास किया किंतु लड़की ने जैसे-तैसे हाथ ट्रक ड्राइवर से छुड़वा कर शोर मचाया। शोर मचाने पर लोग इक_े हो गए और ट्रक चालक को पकड़ लिया। कनीना थाने में ट्रक चालक के खिलाफ भादसं की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है।




महावीर किसान के आंवला के लड्डू कमा रहे हैं नाम

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कनीना। कनीना कस्बे कनीना उपमंडल के गांव करीरा का अग्रणी किसान महावीर सिंह दिनों दिन अपने आंवला के लड्डू दिनोंदिन नाम कमा रहे हैं। हाल ही में घरौंडा से मशरूम के अचार एवं इन लड्डुओं पर प्रथम पुरस्कार कृषि मंत्री जेपी दलाल से प्राप्त करने के बाद बुधवार को कृषि विज्ञान केंद्र बावल में आयोजित कृषि मेले में अपने आंवले के लड्डू, मिक्स अचार तथा मशरूम का अचार आदि लेकर प्रदर्शनी लगाई जिसमें हिसार कृषि विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डॉ के पी सिंह ने भी उनके लड्डू चखकर खुशी जाहिर की।
 उल्लेखनीय है कि महावीर सिंह किसान अभी तक पूरे ही हरियाणा के विभिन्न स्थानों पर आयोजित कृषि मेलों में अपने इन लड्डुओं के बल पर नाम कमा रहे हैं। हर बार उन्हें कई पुरस्कार मिल रहे हैं। घर पर करीरा में उन्होंने जहां बागवानी की हुई है। अपनी बागवानी से ही प्राप्त फल एवं सब्जियों से अचार एवं खाद्य पदार्थ बनाते हैं। कृषि के साथ-साथ कृषि मेलों में नाम कमा रहे हैं। उल्लेखनीय है कि महावीर सिंह किसान के बेर दूरदराज तक प्रसिद्ध हैं। अपने फार्म पर उनके द्वारा बेरी के पौधे लगाए हुए जो प्रतिवर्ष लाखों रुपए के बेर प्रदान करते हैं। उनके बेर विशिष्टता लिए हुए होते हैं जो विशेष रूप से महाशिवरात्रि पर पककर तैयार हो जाते हैं। फरवरी माह में महाशिवरात्रि आ रही है। उधर जिला वानिकी अधिकारी मंदीप यादव ने खुशी जताई कि इस प्रकार के किसान  कृषि क्षेत्र में नाम रोशन कर रहे हैं।
 फोटो कैप्शन 02: महावीर सिंह किसान वाइस चांसलर को आंवले के लड्डू खिलाते हुए।


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