अस्थाई सब्जी मंडी लगने से दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ी
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कनीना। कनीना में सब्जी मंडी तो लंबे समय से मांग करने के बावजूद भी स्थापित नहीं हो पाई किंतु असथाई सब्जी मंडियां जगह जगह स्थापित हो गई हैं।
कनीना के 132केवी सबस्टेशन समक्ष लंबे समय से अस्थाई सब्जी मंडी लगने लग रही है। यह सब्जी मंडी सुबह से लगने लगती है और देर रात तक चलती है। इस अस्थाई सब्जी मंडी के लगने से जहां मार्ग संकीर्ण हो रहा है वहीं अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। यहां दुर्घटनाओं की आशंका बनने लगी है।
उल्लेखनीय है कि जहां पावर हाउस के पास हनुमान मंदिर है जहां मंगलवार को भारी भीड़ रहती है वहीं कनीना मंडी मार्ग पर बीच में डिवाइडर बना हुआ है वही दोनों तरफ संकीर्ण जगह के चलते पहले ही वाहनों के आवागमन में परेशानी हो रही है वहीं अब अस्थाई सब्जी मंडी बनती जा रही है जो और भी परेशानी का कारण बन रही है। ठेला लगाने वाले, खच्चर रेहड़ी पर सब्जी बेचने वाले तथा अन्य अपनी सब्जी की दुकान यहां लेग रही हैं। और तो और यहां आए दिन इन सब्जी की अस्थाई रेहडिय़ों व ठेलों की संख्या बढ़ती जा रही है उससे परेशानी बढऩे लगी है।
अस्थाई सब्जी मंडी लगने से जहां लोगों में भारी रोष है अजीत कुमार, रवि कुमार, सुरेश कुमार, महेश कुमार, दिनेश कुमार आदि का कहना है कि अस्थाई सब्जी मंडी लगने से जहां अतिक्रमण बढ़ रहा है वहीं सड़क दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है। एक ओर जहां पालिका क्षेत्र में इस प्रकार के अतिक्रमण भविष्य के लिए खतरा बन सकता है। यह सब्जी के ठेले कभी घूमते हुए सब्जी बेचकर गुजारा करते थे किंतु विगत दिनों से ऐसी होड़ लगी है कि पावर हाउस समक्ष अस्थाई सब्जी मंडी का निर्माण कर डाला है।
नगर पालिका प्रधान ने कहा कि इस अस्थाई सब्जी मंडी को हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण को हटाना उनकी प्राथमिकता है इस अतिक्रमण में यह अस्थाई सब्जी मंडी भी एक है।
बहरहाल अतिक्रमण का बोलबाला है वहीं अस्थाई सब्जी मंडी के बनने से स्थायी सब्जी की दुकान लगाने वालों का कहना है कि यूं ही सब्जी की अस्थाई दुकानें लगती रही तो उनकी रोटी रोजी भी छिन जाएगी। कनीना के राजकीय कन्या उच्च विद्यालय के द्वार के आस पास भी अस्थाई सब्जी मंडी पनप रही है वहीं महेंद्रगढ़ मार्ग पर पेट्रोल पंप के सामने एवं आस पास फलों की रेहडिय़ां लगी रहती हैं।
कनीना क्षेत्र में गेहूं की बेहतर पैदावार होने की संभावना
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कनीना। कनीना क्षेत्र में इस बार गेहूं की बेहतर पैदावार होने की संभावना बनी हुई है। इस वर्ष करीब 12 हजार हेक्टेयर गेहूं की फसल उगाई गई है जबकि सरसों की 20 हजार हेक्टेयर सरसों की फसल उगाई गई है। विगत वर्ष की तुलना में गेहूं की फसल कम क्षेत्रफल पर उगाई है।
ठंडा मौसम होने के चलते दोनों फसलों के लिए अनुकूल माना जा रहा है। ऐसे में गेहूं पैदावार बहुत बेहतर होने के आसार बन जाते हैं। उल्लेखनीय क्षेत्र में जहां सरसों फसल की ओर रुझान बढ़ा है। वहीं गेहूं की फसल का विगत वर्ष की तुलना में थोड़ा सा घटा है।
किसानों का मानना है कि क्षेत्र के लोग खाने के लिए दूसरे प्रदेशों से बेहतर गेहूं मंगवा कर खाते हैं। किसान बिक्री के लिए अधिक से अधिक पैदावार लेने का प्रयास करते हैं, यही कारण है कि पर्याप्त मात्रा में किसान खाद व उर्वरक डालकर गेहूं की बंपर पैदावार लेते हैं। अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में गेहूं की फसल पैदावार आने लग जाती है। वर्तमान में बेहतर फसल खड़ी हुई है।
क्या कहते हैं अधिकारी
खंड कृषि अधिकारी डा सज्जन सिंह का कहना है कि मौसम अनुकूल रहा तो अप्रैल के प्रथम सप्ताह में गेहूं की बंपर पैदावार आनी शुरू हो जाएगी। मौसम अनुकूल के चलते बेहतर पैदावार होने की संभावना बन गई है।
फोटो कैप्शन 1: खेतों में खड़ी हुई गेहूं की फसल।
कोहरा पडऩे से दोपहर तक रही परेशानी
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कनीना। कनीना क्षेत्र में शनिवार की सुबह कोहरा पड़ा। कोहरे के चलते परेशानी झेलनी पड़ी। आवागमन बाधित रहा। वाहन घोंघे की चाल से चलते दिखाई दिए। कोहरा इतना सघन था कि दोपहर तक कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था। कोहरे के चलते जहां ठंड बढ़ी वही विभिन्न संस्थाओं में कुछ कर्मचारी भी परेशानी झेलकर कार्यालय पहुंचे। कोहरे के चलते स्कूल विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उल्लेखनीय क्षेत्र में इस बार कभी कोहरा पड़ता है तो कभी कोहरा पडऩा कुछ दिन बंद हो जाता है। दोपहर बाद कोहरा अपने आप हट गया और सूर्य तेजी से चमकता नजर आया। किसान इस कोहरे को फसल के लिए लाभकारी बता रहे हैं। उनका कहना है कि अगर कोहरा पड़ता रहा तो ठंड बढ़ती रहेगी और फसल को लाभ मिलेगा।
फोटो कैप्शन 2: कोहरे में मुख्य सड़क का नजारा।
अश्वनी कुमार चोपड़ा के निधन पर लोगों में गहरा शोक
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कनीना। पंजाब केसरी गु्रप के संचालक एवं भाजपा के करनाल से पूर्व सांसद रहे अश्वनी कुमार चोपड़ा के निधन को लेकर स्थानीय कनीना में समाज के सैकड़ों लोगों ने श्रद्धांजली सभा का आयोजन कर उनकी दिवंगत आत्मा की शांति के लिए एक शोक सभा का आयोजन किया गया।
इस सभा में क्षेत्र के विभिन्न समाज के लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर बोलते हुए राजपूत समाज के ठाकुर रतन सिंह तंवर, राजकुमार सिंह शेखावत, यादव समाज से अनिल यादव, गुजर समाज से महाबीर पहलवान, जाट समाज से सत्यपाल सिंह के अलावा अन्य समाज के लोगों ने अश्वनी कुमार के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है तथा दो मिन्ट का मौन धारण कर उनकी आत्म शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की।
इस अवसर पर श्री चोपड़ा को एक निर्भीक व समाज के आइना करार दिया जिन्होंने अपनी कलम से समाज में फैली विभिन्न बुराइयों को खत्म करने में अहं भूमिका निभाई है। उनकी क्षति को इस भारत देश की बड़ी क्षति बताया जिसकी भरपाई किसी भी कीमत पर नही की जा सकती है।
सभी पहलुओं का मूल आधार है कौशल विकास
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कनीना। स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस के अवसर पर हरियाणा खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग की ओर से मनाए जा रहे राष्ट्रीय युवा सप्ताह के तहत शनिवार को गांव गाहड़ा के आंगनवाड़ी केन्द्र में बीएमडी क्लब के सहयोग से व्यवसायिक प्रशिक्षण व ग्रामीण युवाओं द्वारा तैयार की गई वस्तुओं,कलाकृतियों व चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी ज्योति रानी के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदर्शनी के माध्यम से कौशल विकास का सन्देश दिया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि फिल्म निर्देशक इंद्रजीत शर्मा थे। विशिष्ट अतिथि वालंटियर कर्मपाल थे। कलाकृतियों व चित्रों की प्रदर्शनी में रजनी,प्रियंका,सुमन,पूनम,पिंकी,राजेश एवं सरोज ने भाग लिया एवं सभी को विभाग की ओर से पुरस्कार दिया गया।
फिल्म निर्देशक इंद्रजीत शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा की कौशल ने देश के युवाओं को आजीविका के नए अवसर प्रदान किए हैं। उन्होंने युवाओं से अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पूरी लगन के साथ काम करने का आग्रह करते हुए कहा, यदि आप किसी विशेष कौशल में दक्षता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए अपनी प्रतिभा का भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले अवसरों की तलाश करना आसान नहीं था, लेकिन आज मंत्रालय की मदद से सरकार ने प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था की है।
इस मौके पर लक्की सीगड़ा ने भी कहा की कौशल प्रशिक्षण हमेशा से ही भारत की सांस्कृतिक और पारंपरिक शिक्षा पद्धति का अभिन्न हिस्सा रहा है। कौशल विकास सभी पहलों का मूल आधार है और इसके पीछे प्रेरक शक्ति भारत के युवा हैं। कौशल विकास को सफल करने के लिए आगे बढ़कर काम करना होगा।
इस अवसर पर वाईसीओ संदीप संघी,आंगनवाड़ी वर्कर मंजू देवी,कैलाश,हेल्पर निर्मला ,सुनीता ,प्रियंका ,कर्मपाल,सविता देवी,रामकला ,सुरेश,पूनम ,सरोज,बिमला ,मुकेश,संजोगिता ,पूजा,रेखा सहित संस्था के अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 3: गाहड़ा में कला प्रदर्शनी में भाग लेती महिलाएं।
विज्ञान प्रदर्शनी में रितु प्रथम
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कनीना। राजकीय उच्च विद्यालय रसूलपुर में विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय मुख्य अध्यापिका मंजू रानी व मौलिक मुख्याध्यापक महावीर सिंह के दिशा निर्देश विद्यार्थियों ने विभिन्न मॉडल स्कूल स्तर पर बनाए और उनकी प्रदर्शनी आयोजित की गई। वाटर रिसाइकलिंग, वर्षा जल संरक्षण, पर्यावरण, गणित के कुछ मॉडल रखकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन मॉडल के जरिए किया गया। इस मौके पर रितु कक्षा दसवीं प्रथम, पूनम यादव एवं खुशी द्वितीय तथा उषा तृतीय स्थान पर रही। मंजू रानी मुख्य अध्यापिका ने बताया कि विद्यार्थी छोटी-छोटी विज्ञान प्रदर्शनी के बल पर अपनी प्रतिभा का परिचय देते हैं। धीरे-धीरे यह बड़े स्तर पर प्रदर्शनों में भाग लेंगे। इनके मॉडल किसी भी प्रकार से बड़ी प्रदर्शनी से कम नहीं होते हैं। अभी स्कूल स्तर पर भाग ले रहे तत्पश्चात ब्लॉक स्तर पर भी भाग लेंगे।
इस अवसर पर वीरेंद्र सिंह शास्त्री, रविंद्र कुमार, अमित पीटीआई, विनोद कुमार, धीर सिंह, सुभाष चंद्र, सुरेंद्र सिंह, तेज सिंह,धर्मवीर बाबू आदि उपस्थित रहे धर्मवीर सिंह बाबू आदि उपस्थित थे फोटो कैप्शन 5: विज्ञान प्रदर्शनी के
वॉटर रीसाइकलिंग के मॉडल को प्रस्तुत करती छात्राएं।
कई-कई दिनों तक दुकानों के आगे जल नहीं सूखता
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कनीना। कनीना अनाज मंडी मार्ग पर दुकानों के सामने खड़ा हुआ गंदा पानी कई-कई दिनों तक नहीं सूखता। एक बार बारिश हो जाती है तो 10 दिन सूखने में लग जाते हैं। विगत दिनों कनीना क्षेत्र में भी बूंदाबांदी का पानी आज भी दुकानों के सामने खड़ा हुआ है।
कनीना के दुकानदार सुरेंद्र सिंह,मामराज, डा अजीत कुमार, सुरेंद्र कुमार आदि ने बताया कि जब कभी बारिश होती है या बूंदाबांदी होती तो उनके लिए एक बड़ी आफत बन जाती है। दुकानों के सामने गंदा जल खड़ा हो जाता है जो सूखने का नाम नहीं लेता जिसके चलते ग्राहक इस गंदे जल से होकर गुजरते हैं और सामान खरीदने को मजबूर है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस प्रकार की समस्या से उन्हें निजात दिलाए।
उन्होंने बताया कि एक दुकान नहीं कई दुकानें जिनके सामने पानी खड़ा होता है। जिसके पीछे सड़क निर्माण में सही न होना एक कारण माना जा रहा है। इस पानी की निकासी का प्रबंध भी नहीं है जिसके चलते यह समस्या बढ़ती ही जा रही है। दुकानदारों ने बताया वर्षों से यह सड़क मार्ग जल निकासी के लिए परेशानी का कारण बनता रहा है और बार बार सड़क निर्माण की मांग को लेकर विगत वर्षों निर्मित किया गया था। किंतु सड़क निर्माण में फिर भी कुछ कमियां छोड़ दी गई जिसके चलते गंदा जल दुकानों के सामने खड़ा रहता है।
फोटो कैप्शन 6: दुकानों के सामने खड़ा गत दिनों हुई बूंदाबांदी का गंदा जल।
वित्तमंत्री जी सुनिये
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गारमेंट पर जीएसटी घटाना चाहिए
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कनीना। सिले सिलाए कपड़े बेचने वाले अधिक जीएसटी से परेशान हैं। उनकी मांग है कि जीएसटी कम किया जाए। वर्तमान में पांच फीसदी लग रहा है। उन्होंने वित्त मंत्री से मांग की है कि लोगों की मांग को देखते हुए या तो जीएसटी घटाना चाहिए या समाप्त कर देना चाहिए।
महेंद्र शर्मा का कहना है कि अभी भी बहुत से लोग देश में गरीब हैं। गरीब लोगों को कपड़े की जरूरत होती है। महंगे कपड़े खरीद नहीं सकते। महंगाई के कारण भी ऐसा हो रहा है। उनका कहना है कि कपड़े की जरूरत हर इंसान को होती है चाहे वो गरीब, बच्चा, बूढ़ा, बच्ची या औरत क्यों न हो? सभी कपड़े पहनते हैं कपड़े सिलवाने में अधिक खर्चा आता आता है वही सिले हुए कपड़े ही पहनना पसंद करते हैं। उन्हें 5 फीसदी जीएसटी देना पड़ा है। यदि यह समाप्त कर दिया जाए तो कपड़े सस्ते में मिल जाएंगे। उन्होंने कपड़ों पर जीएसटी समाप्त करने की मांग की है।
धर्मपाल का कहना है कि आधुनिक पीढ़ी सिले सिलाई कपड़े अधिक पसंद करती हैं। यदि महंगे कपड़े मिलेंगे तो अतिरिक्त बाहर उनके परिवार वालों पर पड़ेगा। उन्होंने इन कपड़ों पर जीएसटी खत्म करने की मांग की है ताकि हर व्यक्ति सिले हुए कपड़े सस्ते में पहन सकें। उनका कहना है कि ज्यों ज्यों आबादी बढ़ती जा रही है उनके लिए कपड़ों की जरूरत होती है। कपड़े सस्ते मिलेंगे तो सभी आसानी से कपड़े खरीद सकेंगे।
इंद्रजीत का कहना है कि कपड़े हर इंसान की जरूरत है। हर इंसान की जरूरत तभी पूरी हो सकती जब सस्ते में कपड़े उपलब्ध हो पाएंगे। सिले हुए कपड़े आसानी से आज जगह उपलब्ध हो जाते हैं। यदि वे सस्ते मिल जाए तो हर इंसान बढिय़ा दर्जे के कपड़े पहन पाएगा। कपड़े महंगे होने के पीछे एक कारण अधिक जीएसटी होना है। उन्होंने जीएसटी कम करने की मांग की ताकि हर वर्ग हर जाति और हर धर्म के लोगों को सस्ते में कपड़े उपलब्ध हो पाए।
फोटो कैप्शन: इंद्रजीत, महेंद्र शर्मा, धर्मपाल।
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कनीना। कनीना में सब्जी मंडी तो लंबे समय से मांग करने के बावजूद भी स्थापित नहीं हो पाई किंतु असथाई सब्जी मंडियां जगह जगह स्थापित हो गई हैं।
कनीना के 132केवी सबस्टेशन समक्ष लंबे समय से अस्थाई सब्जी मंडी लगने लग रही है। यह सब्जी मंडी सुबह से लगने लगती है और देर रात तक चलती है। इस अस्थाई सब्जी मंडी के लगने से जहां मार्ग संकीर्ण हो रहा है वहीं अतिक्रमण बढ़ता ही जा रहा है। यहां दुर्घटनाओं की आशंका बनने लगी है।
उल्लेखनीय है कि जहां पावर हाउस के पास हनुमान मंदिर है जहां मंगलवार को भारी भीड़ रहती है वहीं कनीना मंडी मार्ग पर बीच में डिवाइडर बना हुआ है वही दोनों तरफ संकीर्ण जगह के चलते पहले ही वाहनों के आवागमन में परेशानी हो रही है वहीं अब अस्थाई सब्जी मंडी बनती जा रही है जो और भी परेशानी का कारण बन रही है। ठेला लगाने वाले, खच्चर रेहड़ी पर सब्जी बेचने वाले तथा अन्य अपनी सब्जी की दुकान यहां लेग रही हैं। और तो और यहां आए दिन इन सब्जी की अस्थाई रेहडिय़ों व ठेलों की संख्या बढ़ती जा रही है उससे परेशानी बढऩे लगी है।
अस्थाई सब्जी मंडी लगने से जहां लोगों में भारी रोष है अजीत कुमार, रवि कुमार, सुरेश कुमार, महेश कुमार, दिनेश कुमार आदि का कहना है कि अस्थाई सब्जी मंडी लगने से जहां अतिक्रमण बढ़ रहा है वहीं सड़क दुर्घटनाओं की संभावना बढ़ गई है। एक ओर जहां पालिका क्षेत्र में इस प्रकार के अतिक्रमण भविष्य के लिए खतरा बन सकता है। यह सब्जी के ठेले कभी घूमते हुए सब्जी बेचकर गुजारा करते थे किंतु विगत दिनों से ऐसी होड़ लगी है कि पावर हाउस समक्ष अस्थाई सब्जी मंडी का निर्माण कर डाला है।
नगर पालिका प्रधान ने कहा कि इस अस्थाई सब्जी मंडी को हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण को हटाना उनकी प्राथमिकता है इस अतिक्रमण में यह अस्थाई सब्जी मंडी भी एक है।
बहरहाल अतिक्रमण का बोलबाला है वहीं अस्थाई सब्जी मंडी के बनने से स्थायी सब्जी की दुकान लगाने वालों का कहना है कि यूं ही सब्जी की अस्थाई दुकानें लगती रही तो उनकी रोटी रोजी भी छिन जाएगी। कनीना के राजकीय कन्या उच्च विद्यालय के द्वार के आस पास भी अस्थाई सब्जी मंडी पनप रही है वहीं महेंद्रगढ़ मार्ग पर पेट्रोल पंप के सामने एवं आस पास फलों की रेहडिय़ां लगी रहती हैं।
कनीना क्षेत्र में गेहूं की बेहतर पैदावार होने की संभावना
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कनीना। कनीना क्षेत्र में इस बार गेहूं की बेहतर पैदावार होने की संभावना बनी हुई है। इस वर्ष करीब 12 हजार हेक्टेयर गेहूं की फसल उगाई गई है जबकि सरसों की 20 हजार हेक्टेयर सरसों की फसल उगाई गई है। विगत वर्ष की तुलना में गेहूं की फसल कम क्षेत्रफल पर उगाई है।
ठंडा मौसम होने के चलते दोनों फसलों के लिए अनुकूल माना जा रहा है। ऐसे में गेहूं पैदावार बहुत बेहतर होने के आसार बन जाते हैं। उल्लेखनीय क्षेत्र में जहां सरसों फसल की ओर रुझान बढ़ा है। वहीं गेहूं की फसल का विगत वर्ष की तुलना में थोड़ा सा घटा है।
किसानों का मानना है कि क्षेत्र के लोग खाने के लिए दूसरे प्रदेशों से बेहतर गेहूं मंगवा कर खाते हैं। किसान बिक्री के लिए अधिक से अधिक पैदावार लेने का प्रयास करते हैं, यही कारण है कि पर्याप्त मात्रा में किसान खाद व उर्वरक डालकर गेहूं की बंपर पैदावार लेते हैं। अप्रैल माह के प्रथम सप्ताह में गेहूं की फसल पैदावार आने लग जाती है। वर्तमान में बेहतर फसल खड़ी हुई है।
क्या कहते हैं अधिकारी
खंड कृषि अधिकारी डा सज्जन सिंह का कहना है कि मौसम अनुकूल रहा तो अप्रैल के प्रथम सप्ताह में गेहूं की बंपर पैदावार आनी शुरू हो जाएगी। मौसम अनुकूल के चलते बेहतर पैदावार होने की संभावना बन गई है।
फोटो कैप्शन 1: खेतों में खड़ी हुई गेहूं की फसल।
कोहरा पडऩे से दोपहर तक रही परेशानी
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कनीना। कनीना क्षेत्र में शनिवार की सुबह कोहरा पड़ा। कोहरे के चलते परेशानी झेलनी पड़ी। आवागमन बाधित रहा। वाहन घोंघे की चाल से चलते दिखाई दिए। कोहरा इतना सघन था कि दोपहर तक कुछ भी नहीं दिखाई दे रहा था। कोहरे के चलते जहां ठंड बढ़ी वही विभिन्न संस्थाओं में कुछ कर्मचारी भी परेशानी झेलकर कार्यालय पहुंचे। कोहरे के चलते स्कूल विद्यार्थियों को परेशानी का सामना करना पड़ा। उल्लेखनीय क्षेत्र में इस बार कभी कोहरा पड़ता है तो कभी कोहरा पडऩा कुछ दिन बंद हो जाता है। दोपहर बाद कोहरा अपने आप हट गया और सूर्य तेजी से चमकता नजर आया। किसान इस कोहरे को फसल के लिए लाभकारी बता रहे हैं। उनका कहना है कि अगर कोहरा पड़ता रहा तो ठंड बढ़ती रहेगी और फसल को लाभ मिलेगा।
फोटो कैप्शन 2: कोहरे में मुख्य सड़क का नजारा।
अश्वनी कुमार चोपड़ा के निधन पर लोगों में गहरा शोक
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कनीना। पंजाब केसरी गु्रप के संचालक एवं भाजपा के करनाल से पूर्व सांसद रहे अश्वनी कुमार चोपड़ा के निधन को लेकर स्थानीय कनीना में समाज के सैकड़ों लोगों ने श्रद्धांजली सभा का आयोजन कर उनकी दिवंगत आत्मा की शांति के लिए एक शोक सभा का आयोजन किया गया।
इस सभा में क्षेत्र के विभिन्न समाज के लोगों ने भाग लिया। इस अवसर पर बोलते हुए राजपूत समाज के ठाकुर रतन सिंह तंवर, राजकुमार सिंह शेखावत, यादव समाज से अनिल यादव, गुजर समाज से महाबीर पहलवान, जाट समाज से सत्यपाल सिंह के अलावा अन्य समाज के लोगों ने अश्वनी कुमार के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया है तथा दो मिन्ट का मौन धारण कर उनकी आत्म शांति के लिए भगवान से प्रार्थना की।
इस अवसर पर श्री चोपड़ा को एक निर्भीक व समाज के आइना करार दिया जिन्होंने अपनी कलम से समाज में फैली विभिन्न बुराइयों को खत्म करने में अहं भूमिका निभाई है। उनकी क्षति को इस भारत देश की बड़ी क्षति बताया जिसकी भरपाई किसी भी कीमत पर नही की जा सकती है।
सभी पहलुओं का मूल आधार है कौशल विकास
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कनीना। स्वामी विवेकानंद के जन्मदिवस के अवसर पर हरियाणा खेल एवं युवा कार्यक्रम विभाग की ओर से मनाए जा रहे राष्ट्रीय युवा सप्ताह के तहत शनिवार को गांव गाहड़ा के आंगनवाड़ी केन्द्र में बीएमडी क्लब के सहयोग से व्यवसायिक प्रशिक्षण व ग्रामीण युवाओं द्वारा तैयार की गई वस्तुओं,कलाकृतियों व चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। जिला खेल एवं युवा कार्यक्रम अधिकारी ज्योति रानी के मार्गदर्शन में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रदर्शनी के माध्यम से कौशल विकास का सन्देश दिया गया। इस मौके पर मुख्य अतिथि फिल्म निर्देशक इंद्रजीत शर्मा थे। विशिष्ट अतिथि वालंटियर कर्मपाल थे। कलाकृतियों व चित्रों की प्रदर्शनी में रजनी,प्रियंका,सुमन,पूनम,पिंकी,राजेश एवं सरोज ने भाग लिया एवं सभी को विभाग की ओर से पुरस्कार दिया गया।
फिल्म निर्देशक इंद्रजीत शर्मा ने संबोधित करते हुए कहा की कौशल ने देश के युवाओं को आजीविका के नए अवसर प्रदान किए हैं। उन्होंने युवाओं से अपनी महत्वाकांक्षाओं को पूरा करने के लिए पूरी लगन के साथ काम करने का आग्रह करते हुए कहा, यदि आप किसी विशेष कौशल में दक्षता प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए अपनी प्रतिभा का भरपूर इस्तेमाल करना चाहिए। उन्होंने कहा कि पहले अवसरों की तलाश करना आसान नहीं था, लेकिन आज मंत्रालय की मदद से सरकार ने प्रशिक्षण की पूरी व्यवस्था की है।
इस मौके पर लक्की सीगड़ा ने भी कहा की कौशल प्रशिक्षण हमेशा से ही भारत की सांस्कृतिक और पारंपरिक शिक्षा पद्धति का अभिन्न हिस्सा रहा है। कौशल विकास सभी पहलों का मूल आधार है और इसके पीछे प्रेरक शक्ति भारत के युवा हैं। कौशल विकास को सफल करने के लिए आगे बढ़कर काम करना होगा।
इस अवसर पर वाईसीओ संदीप संघी,आंगनवाड़ी वर्कर मंजू देवी,कैलाश,हेल्पर निर्मला ,सुनीता ,प्रियंका ,कर्मपाल,सविता देवी,रामकला ,सुरेश,पूनम ,सरोज,बिमला ,मुकेश,संजोगिता ,पूजा,रेखा सहित संस्था के अन्य सदस्यगण उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 3: गाहड़ा में कला प्रदर्शनी में भाग लेती महिलाएं।
विज्ञान प्रदर्शनी में रितु प्रथम
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कनीना। राजकीय उच्च विद्यालय रसूलपुर में विज्ञान प्रदर्शनी का आयोजन किया गया जिसमें विद्यालय मुख्य अध्यापिका मंजू रानी व मौलिक मुख्याध्यापक महावीर सिंह के दिशा निर्देश विद्यार्थियों ने विभिन्न मॉडल स्कूल स्तर पर बनाए और उनकी प्रदर्शनी आयोजित की गई। वाटर रिसाइकलिंग, वर्षा जल संरक्षण, पर्यावरण, गणित के कुछ मॉडल रखकर अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन मॉडल के जरिए किया गया। इस मौके पर रितु कक्षा दसवीं प्रथम, पूनम यादव एवं खुशी द्वितीय तथा उषा तृतीय स्थान पर रही। मंजू रानी मुख्य अध्यापिका ने बताया कि विद्यार्थी छोटी-छोटी विज्ञान प्रदर्शनी के बल पर अपनी प्रतिभा का परिचय देते हैं। धीरे-धीरे यह बड़े स्तर पर प्रदर्शनों में भाग लेंगे। इनके मॉडल किसी भी प्रकार से बड़ी प्रदर्शनी से कम नहीं होते हैं। अभी स्कूल स्तर पर भाग ले रहे तत्पश्चात ब्लॉक स्तर पर भी भाग लेंगे।
इस अवसर पर वीरेंद्र सिंह शास्त्री, रविंद्र कुमार, अमित पीटीआई, विनोद कुमार, धीर सिंह, सुभाष चंद्र, सुरेंद्र सिंह, तेज सिंह,धर्मवीर बाबू आदि उपस्थित रहे धर्मवीर सिंह बाबू आदि उपस्थित थे फोटो कैप्शन 5: विज्ञान प्रदर्शनी के
वॉटर रीसाइकलिंग के मॉडल को प्रस्तुत करती छात्राएं।
कई-कई दिनों तक दुकानों के आगे जल नहीं सूखता
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कनीना। कनीना अनाज मंडी मार्ग पर दुकानों के सामने खड़ा हुआ गंदा पानी कई-कई दिनों तक नहीं सूखता। एक बार बारिश हो जाती है तो 10 दिन सूखने में लग जाते हैं। विगत दिनों कनीना क्षेत्र में भी बूंदाबांदी का पानी आज भी दुकानों के सामने खड़ा हुआ है।
कनीना के दुकानदार सुरेंद्र सिंह,मामराज, डा अजीत कुमार, सुरेंद्र कुमार आदि ने बताया कि जब कभी बारिश होती है या बूंदाबांदी होती तो उनके लिए एक बड़ी आफत बन जाती है। दुकानों के सामने गंदा जल खड़ा हो जाता है जो सूखने का नाम नहीं लेता जिसके चलते ग्राहक इस गंदे जल से होकर गुजरते हैं और सामान खरीदने को मजबूर है। उन्होंने प्रशासन से मांग की है कि इस प्रकार की समस्या से उन्हें निजात दिलाए।
उन्होंने बताया कि एक दुकान नहीं कई दुकानें जिनके सामने पानी खड़ा होता है। जिसके पीछे सड़क निर्माण में सही न होना एक कारण माना जा रहा है। इस पानी की निकासी का प्रबंध भी नहीं है जिसके चलते यह समस्या बढ़ती ही जा रही है। दुकानदारों ने बताया वर्षों से यह सड़क मार्ग जल निकासी के लिए परेशानी का कारण बनता रहा है और बार बार सड़क निर्माण की मांग को लेकर विगत वर्षों निर्मित किया गया था। किंतु सड़क निर्माण में फिर भी कुछ कमियां छोड़ दी गई जिसके चलते गंदा जल दुकानों के सामने खड़ा रहता है।
फोटो कैप्शन 6: दुकानों के सामने खड़ा गत दिनों हुई बूंदाबांदी का गंदा जल।
वित्तमंत्री जी सुनिये
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गारमेंट पर जीएसटी घटाना चाहिए
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कनीना। सिले सिलाए कपड़े बेचने वाले अधिक जीएसटी से परेशान हैं। उनकी मांग है कि जीएसटी कम किया जाए। वर्तमान में पांच फीसदी लग रहा है। उन्होंने वित्त मंत्री से मांग की है कि लोगों की मांग को देखते हुए या तो जीएसटी घटाना चाहिए या समाप्त कर देना चाहिए।
महेंद्र शर्मा का कहना है कि अभी भी बहुत से लोग देश में गरीब हैं। गरीब लोगों को कपड़े की जरूरत होती है। महंगे कपड़े खरीद नहीं सकते। महंगाई के कारण भी ऐसा हो रहा है। उनका कहना है कि कपड़े की जरूरत हर इंसान को होती है चाहे वो गरीब, बच्चा, बूढ़ा, बच्ची या औरत क्यों न हो? सभी कपड़े पहनते हैं कपड़े सिलवाने में अधिक खर्चा आता आता है वही सिले हुए कपड़े ही पहनना पसंद करते हैं। उन्हें 5 फीसदी जीएसटी देना पड़ा है। यदि यह समाप्त कर दिया जाए तो कपड़े सस्ते में मिल जाएंगे। उन्होंने कपड़ों पर जीएसटी समाप्त करने की मांग की है।
धर्मपाल का कहना है कि आधुनिक पीढ़ी सिले सिलाई कपड़े अधिक पसंद करती हैं। यदि महंगे कपड़े मिलेंगे तो अतिरिक्त बाहर उनके परिवार वालों पर पड़ेगा। उन्होंने इन कपड़ों पर जीएसटी खत्म करने की मांग की है ताकि हर व्यक्ति सिले हुए कपड़े सस्ते में पहन सकें। उनका कहना है कि ज्यों ज्यों आबादी बढ़ती जा रही है उनके लिए कपड़ों की जरूरत होती है। कपड़े सस्ते मिलेंगे तो सभी आसानी से कपड़े खरीद सकेंगे।
इंद्रजीत का कहना है कि कपड़े हर इंसान की जरूरत है। हर इंसान की जरूरत तभी पूरी हो सकती जब सस्ते में कपड़े उपलब्ध हो पाएंगे। सिले हुए कपड़े आसानी से आज जगह उपलब्ध हो जाते हैं। यदि वे सस्ते मिल जाए तो हर इंसान बढिय़ा दर्जे के कपड़े पहन पाएगा। कपड़े महंगे होने के पीछे एक कारण अधिक जीएसटी होना है। उन्होंने जीएसटी कम करने की मांग की ताकि हर वर्ग हर जाति और हर धर्म के लोगों को सस्ते में कपड़े उपलब्ध हो पाए।
फोटो कैप्शन: इंद्रजीत, महेंद्र शर्मा, धर्मपाल।
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