मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया
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कनीना। कनीना क्षेत्र में मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया। घरों में चूरमा एवं दाल पकाया गया। बुजुर्गों को जगाने की प्रथा भी कुछ देखने को मिली। रातभर आग जलाकर लोग उसके चारों ओर बैठे रहे।
मकर संक्रांति पर्व पर दुकानों पर भारी भीड़ रही। लोहड़ी पर्व की रात्रि को ही लोग नहा धोकर आग के पास बैठ गए। गजक, मूंगफली, शकरकंदी आदि खाते देखे गए। सुबह होने तक यह क्रम जारी रहा। बुजुर्गों को जगाने का रिवाज भी देखने को मिला। जागते हुए लोगों को फिर से जगाया जाता है। विभिन्न गौशालाओं में गायों को चारा एवं मीठा खाना परोसा गया और लोगों ने दान दक्षिणा दी। उधोदास गौशाला में बाबा लालदास महाराज ने अपने हाथों से हवन करवाया और अपने हाथों से गायों को मीठा खाना खिलाया। दिनभर दान दक्षिणा दी गई।
घरों में खीर चूरमा तथा दाल चूरमा बनाया गया। दिनभर खीर चूरमा और दाल चूरमा का भोग लगाते देखे गए हैं। वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है। इस दिन इस पर्व पर खीर चूरमा और दाल चूरमा बनाया जाता है। उधर बुजुर्गों ने बताया कि वर्षों से वह देखते आ रहे हैं कि उनके पूर्वज भी कभी दाल चूरमा ही बनाते आता है। किसी समय में दाल चूरमा ही क्षेत्र का प्रसिद्ध पकवान होता था उसे आज भी प्रयोग में ला रहे हैं।
उधर डीजे एवं बैंड बाजे पर बुजुर्गों को जगाकर दान पुण्य की परंपरा को दिनभर आगे बढ़ाया गया। गरीबों को दान, गायों की सेवा, गौशालाओं में मीठा भोजन, सार्वजनिक स्थानों पर गायों के लिए चारा आदि डालकर लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त की।
दिनभर लगी सवामणी---
कनीना की श्रीकृष्ण गोशाला, उधोदास गौशाला जैनाबाद, बूचावास गौशाला आदि में दिनभर जहां गायों की सेवा करते भक्त नजर आए वहीं सवामणी लगाई गई। महिलाएं सज धज कर अपने साथ गुड़, मीठा चारा तथा कई अन्य पदार्थ लेकर गायों की सेवा करती नजर आई। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला के पूर्व प्रधान यादवेंद्र सिंह यादव ने दिन भर गायों की सेवा की और कहा कि गायों की सेवा करने से सभी पुण्य मिलते हैं। उन्होंने कहा कि गायों की सेवा प्रतिदिन करनी चाहिए। गायों की सेवा भगवान श्रीकृष्ण करते थे इसलिए गोपाल कहलाए। उधर उधोदास गौशाला में गायों की सेवा करते संत लालदास ने हुए कहा कि गायों की सेवा से सभी कष्ट नष्ट हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने गायों की सेवा सबसे बड़ी सेवा करार दी।
खाद्य पदार्थ की आवक हुई।
उल्लेखनीय की कभी गायों के लिए कनीना में खुले स्थान पर खाद्य पदार्थ डाले जाते थे। अब न तो खुले में इतनी गाय उपलब्ध हैं और न खुला स्थान उपलब्ध है। इसलिए वे गौशाला में जाकर लोग सेवा कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन एक: आग के पास मकर संक्रांति को बैठे हुए बच्चे।
मेले में बही भक्ति की रसधार
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव कोटिया में बृजेश्वर महाराज धाम पर मेला आयोजित हुआ वहीं जागरण के भक्ति रस में भक्तजन डूबे रहे। भडफ़ के बड़ीवाला स्थल पर मेला लगा एवं हवन आयोजित किया गया। बाबा बृजेश्वर महाराज का कोटिया में पुराना धाम है जिस पर करीब 15 वर्षों से मेला भरता आ रहा है। विभिन्न भक्ति कलाकारों ने भक्ति की रसधारा बहाई। भारी संख्या में लोग पहुंचे। मकर संक्रांति को मेला लगा, प्रसाद वितरित किया गया। भंडारे आयोजित किए गए वहीं दूरदराज से आए भक्तों ने मिश्री एवं बतासों का प्रसाद वितरित किया।
उधर भडफ़ के बड़ी वाला आश्रम पर भी वर्षों से मेला लगता आ रहा है। मेले से पूर्व ग्रामवासी हवन आयोजित करते हैं। इस मेले में अनोखी परंपरा के अनुसार विभिन्न प्रकार के प्रसाद वितरित करते हैं जिनमें शक्कर का प्रसाद प्रमुख है। गांव के सरपंच महेंद्र कुमार ने बताया कि इस मेले की सबसे बड़ी विशेषता है कि पूरे गांव के लोग पहुंचते हैं और अपनी श्रद्धा अनुसार जोहड़ के पास मिट्टी छांटने की कार्रवाई करते हैं और प्रसाद बांट कर बाबा को धोक लगाते हैं। इस मौके पर महेंद्र सिंह सरपंच, रामस्वरूप, हरि प्रकाश, वेदप्रकाश, मनफूल, रामफल पंच, ईश्वर एवं रामपाल आदि मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 2: भडफ़ में मेले से पूर्व हवन करते ग्रामवासी।
सात दिवसीय एनएसएस शिविर का हुआ समापन
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कनीना। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बेवल में चल रहे राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर का समापन हो गया। प्राचार्य दारा सिंह के मार्गदर्शन में इस कैंप का समापन हुआ।
इस अवसर पर राम सिंह सेवानिवृत्त प्रवक्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
राम सिंह यादव ने शिविर के महत्व एवं कार्यों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि ये शिविर एकता एवं अनुशासन की भावना पैदा करने के लिए लगाए जाते हैं। यहां से प्राप्त ज्ञान को समाज में बांटना चाहिए, समाज की बुराइयों को मिटाने में भी अहम योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो अनुशासन यहां सीखने को मिलता है वह अन्यत्र कहीं नहीं मिल सकता। इसी प्रकार का अनुशासन यदि समाज और देश में कायम किया जाए तो देश सोने की चिडिय़ा बन सकता है।
इस अवसर पर हेमंत शर्मा एसएमसी प्रधान तथा कालीचरण एनएसएस प्रभारीने भी अपने विचार व्यक्त किए। स्वयंसेवकों ने भी अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर श्रेष्ठ स्वयंसेवकों और अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए सम्मानित किया। समापन अवसर पर सत्यवीर सिंह वरिष्ठ प्रवक्ता,अरविंद यादव प्रवक्ता, लाल सिंह, राजेंद्र डीपीई, धर्मपाल एलए, दारा सिंह बाबू, तेजपाल सिंह एवं सभी स्वयंसेवक उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन दो : बेवल में एनएसएस समापन समारोह से संबधित
फोटो कैप्शन 3: बेवल में श्रेष्ठ स्वयंसेवकों को पुरस्कृत करते प्राचार्य दारा सिंह
लड़कियों की संख्या लड़कों से ज्यादा, सरपंचों को किया पुरस्कृत
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कनीना। जिले के कई गांवों में लड़कियों की संख्या लड़कों से काफी ज्यादा है। ऐसे गांवों के सरपंचों को आंगनबाड़ी वर्कर्स द्वारा पुरस्कृत किया।
खंड कनीना के गांव नांगल मोहनपुर तथा भडफ़ में लड़कियों की संख्या लड़कों के मुकाबले में ज्यादा है। इसी को लेकर महिला एवं बाल विकास की सुपरवाइजर मनीषा यादव द्वारा गांव के विभिन्न घरों में पैदा हुई तीसरी कन्या की खुशी में उनकी माताओं व गांव के सरपंच को विभाग द्वारा शील्ड तथा तीसरी बच्ची के जन्म पर उनकी माताओं को बाल किट देकर उनका भव सम्मान किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए मनीषा यादव ने कहा कि बेटा और बेटी में कोई फर्क नही है जिस प्रकार से आज समाज में जो कार्य बेटा कर सकता है ठीक उसी तरहा से बेटी भी समाज के सभी कार्यों को करने में सक्षम होती है। इसलिए बेटियों को बेटों से कम नही समझना चाहिए। इस अवसर पर स्कूल हेड मीना तंवर ने कहा कि बेटी जन्म एक घर में लेती है लेकिन वो संसार के दो घरो ंको उज्ज्वल करती है इस लिए हमें बेटा होने पर जो खुशी होती है ठीक उसी तरहा बेटी होने पर भी हमें खुल कर खुशी मनानी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस संसार में बेटी नहीं होती तो किसी भी मानव को मां कैसे मिलती जो संसार की सबसे प्रिय होती है। उन्होंने कहा कि अगर संसार में बेटी नहीं होगी तो इस संसार में कुछ नही बचेगा ओर समाज का ताना-बाना सब कुछ फैल हो जाएगा। इसलिए हमें कभी भी बेटी होने पर दु:खी नहीं होना चाहिए। इस अवसर पर भावना, श्रुति, शीतल आदि बेटियों की माताओं को चाईल्ड किट देकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर सरपंच महेंद्र सिंह को उनके गांव में लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक होने पर पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर उन्हें एक स्मृति चिन्ह आंगन बाड़ी सुपरवाइजर की ओर से भेंट किया गया। इस मौके पर ओमप्राकश पंच, मनफूल पंच, रामफल पंच, रतन सिंह पंच, ऊषा देवी पंच, सुनीता देवी पंच एवं ग्रामवासी उपस्थित थे।
इस अवसर वर्कर सोनम, विद्याबाई, रजनी हेल्पर सुनीता, पे्रम कविता के अलावा अन्य ग्रामीण महिलाएं उपस्थित थी।
फोटो कैप्शन 4: मोहनपुर नांगल की महिलाओं को पुरस्कृत करती आंगनबाड़ी सुपरवाइजर
5: भडफ़ के सरपंच महेंद्र सिंह को पुरस्कृत करते हुए आंगनबाड़ी सुपरवाइजर।
मुलजिम को न्यायालय में पेश किया
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कनीना। हिसार जेल में बंद चेलावास के सचिन को मंगलवार के दिन कनीना न्यायालय में पेश किया जिसे 28 जनवरी को फिर से पेश किया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार कनीना थाने में सचिन के विरुद्ध मामले दर्ज है जिसको लेकर कनीना न्यायालय में उन्हें हिसार पुलिस द्वारा पेश किया गया। इससे पहले भी वह न्यायालय में पेश किया जा चुका है। अब फिर से 28 जनवरी को इसी मसले में न्यायालय में पेश किया जाएगा।
रक्त देने से शरीर में नहीं आती कोई कमजोरी-डा सुरेंद्र सिंह
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव छीथरोली में बाबा धूनीगर की 71वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर जहां मेला आयोजित किया हुआ है वहीं रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। रक्तदान शिविर में 50 यूनिट रक्त इकट्ठा किया गया। नारनौल रेडक्रास के डा सुरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में रक्त एकत्रित किया गया।
इस अवसर पर सुरेंद्र डा सुरेंद्र सिंह ने कहा कि रक्त देने से शरीर में किसी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं आती। समय-समय पर हर इंसान को जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम है रक्तदान करते रहना चाहिए। यह रक्त उन मरीजों के काम आता है जिन्हें रक्त की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि जो रक्तदान किया जाता है उसकी पूर्ति कुछ ही दिनों में हो जाती है। ऐसे में यह नहीं समझना चाहिए कि रक्त देने से किसी प्रकार की शरीर में कमजोरी या विकार आएगा। उन्होंने कहा कि रक्तदान से जहां किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आएगी वहीं उनका उनके द्वारा दिया गया रक्त कितने ही लोगों की जिंदगी को बचा सकता है। इस अवसर पर महिला सरपंच सरपंच यशवंती देवी तथा गणमान्य जन उपस्थित थे। इस अवसर पर जहां मेला आयोजित किया गया वहीं विभिन्न प्रकार की खेलकूद प्रतियोगिताएं जिनमें कबड्डी, कुश्तियां, ट्रैक्टर ट्राली रेस आयोजित की गई, जो देर रात देर रात तक पूर्ण होने की संभावना है।
फोटो कैप्शन 6: रक्तदान करते हुए छितरोली में युवक।
प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित
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कनीना। कनीना खंड के गांव ईसराना में प्रतिभा सम्मान समारोह व दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें देशसेवा, शिक्षा, पर्यावरण, लेखन व सामाजिक कार्य करने वाले लगभग 150 प्रतिभाओंं को रिटायर्ड डीजीपी शील मधुर द्वारा संस्था का प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सर्वजन युवा वाहिनी की ओर से यह सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
इस मौके पर लड़के व लड़कियों की 400 मीटर दौड़ व लड़कों की 800 मीटर दौड़ आयोजित की गई। 400 मीटर महिलाओं में प्रथम स्थान रितिका मुंडियाखेड़ा, मोनिका तिगरा द्वितीय तथा मंजू ककराला तृतीय स्थान पर रही वहीं लड़कों की दौड़ में हिम्मत खरकड़ा प्रथम, छोटेलाल द्वितीय तथा मोहित इसराना तृतीय स्थान पर रहे और क्रमश: 2100,1100 व 500 रुपये का नकद पुरुस्कार दिया गया।
इस मौके पर बुजुर्गों की दौड़ आकर्षण रही जिसमे 73 साल के बुजुर्ग रामकिशन ने दौड़ जीती। मुख्य अतिथि शील मधुर जी ने बताया कि समाज सेवा के कार्य से बड़ा पुण्य का कार्य नहीं है जिसे पूरा करने के लिए समाज के हर वर्ग का साथ होना जरूरी है।
सर्वजन युवा वाहिनी के नानकराम ने बताया कि समाज सेवा के लिए जितने भी वर्ग कार्य करते हैं उन्हें एकजुट होकर समाज के लिए कार्य करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि नानकराम भारद्वाज ने सभी प्रतिभागियों को मैडल पहनाकर स्वागत किया। इस मौके पर नवीन कौशिक बिजेंद्र सिंह पूर्व सरपंच, रमेश सरपंच ईसराणा,कृष्ण फौजी, मोहित शर्मा, ऋषिराज, गजे सिंह, उपेन्द्र ढिल्लू तथा सैकड़ों जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 7: पूर्व डीजीपी शील मधुर प्रतिभाओं को सम्मानित करते हुए।
वित्त मंत्री जी सुनिये
किसान सम्मान राशि बढ़ाई जाए
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कनीना। किसान बाहुल्य ग्रामीण क्षेत्रों से जहां अब किसान आगे आने लगे हैं वहीं उन्होंने वित्त मंत्री से मांग की है कि उन्हें भी सम्मानजनक जीवन जीने का हक है। ऐसे में यदि उनकी आय अधिक होगी तो इस सम्मान पूर्वक जीवन जी पाएंगे।
क्षेत्र के किसानों अग्रणी किसानों में गजराज सिंह मोड़ी ने कहा कि अब तक किसान उनको जो उपकरण खरीदते हैं जिनमें खाद, उर्वरक, पीड़कनाशी आदि प्रमुख हैं पर जीएसटी लगाया गया है। जिसके चलते उन्हें यह चीजें महंगे दामों पर मिलती है। यदि बजट में जीएसटी घटा दिया जाए या समाप्त कर दिया जाए तो किसानों को ये चीजे सस्ते में मिल पाएंगी और वे अपना सम्मान पूर्वक जीवन जी पाएंगे। क्योंकि इससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि अब तक कोई भी चीज लेते हैं तो उस पर भी जीएसटी लगाया जाता है। जिसके चलते वह चीज उन्हें महंगे दामों पर मिल रही है। यदि जीएसटी की दर 5 फ़ीसदी से घटाकर 3 फ़ीसदी कर दी जाए या खत्म कर दी जाए तो उनको ज्यादा लाभ हो पाएगा।
करीरा के महावीर सिंह अग्रणी किसान ने कहा कि एक और जहां कर्मचारियों को प्रतिवर्ष अधिक वेतन मिलता है किंतु किसानों को प्रति वर्ष उस अनुपात में अधिक दाम नहीं मिलते। सरकार समर्थन मूल्य तो बढ़ाती है लेकिन बहुत कम बढ़ा पाती है। ऐसे में उनका कहना है कि उनकी आय बढ़ाने के तरीकों में जहां उन्हें सस्ते से सस्ते उपकरण उपलब्ध करवाए जाए तथा उनके मिलने वाली वाले कृषि उपकरणों पर जीएसटी पूर्णता समाप्त कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए सम्मान राशि 2000 रुपये दी जाती है उसे बढ़ा दिया जाए तो इससे वे अपनी आय बढ़ा पाएंगे जिसकी उन्हें राहत मिलेगी। उनका कहना है कि वर्तमान में जीएसटी 5 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक लगता है जिसे समाप्त किया जाए।
अग्रणी किसान सूबे सिंह कनीना का कहना है कि किसानों के लिए किसान उत्पाद समर्थन मूल्य आयोग स्थापित किया जाना चाहिए ताकि जिस प्रकार कर्मचारियों को हर साल वेतन में बढ़ोतरी होती है उसी प्रकार किसानों के उत्पादों में के मूल्य में भी बढ़ोतरी हो सकेगी। इससे उनकी आय भी बढ़ेगी तथा उन्हें भी कर्मचारियों की भांति लाभ मिल सकेगा। ऐसे में सूबे सिंह का कहना है कि लंबे समय से इस प्रकार की मांग उनकी चली आ रही है लेकिन उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया है जिसके चलते किसान माली हालात में जी रहे हैं। इन्हें तुरंत प्रभाव से आयोग स्थापित करने की मांग की।
फोटो कैप्शन: महावीर सिंह, गजराज सिंह मोड़ी तथा सूबे सिंह कनीना।
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कनीना। कनीना क्षेत्र में मकर संक्रांति का पर्व धूमधाम से मनाया गया। घरों में चूरमा एवं दाल पकाया गया। बुजुर्गों को जगाने की प्रथा भी कुछ देखने को मिली। रातभर आग जलाकर लोग उसके चारों ओर बैठे रहे।
मकर संक्रांति पर्व पर दुकानों पर भारी भीड़ रही। लोहड़ी पर्व की रात्रि को ही लोग नहा धोकर आग के पास बैठ गए। गजक, मूंगफली, शकरकंदी आदि खाते देखे गए। सुबह होने तक यह क्रम जारी रहा। बुजुर्गों को जगाने का रिवाज भी देखने को मिला। जागते हुए लोगों को फिर से जगाया जाता है। विभिन्न गौशालाओं में गायों को चारा एवं मीठा खाना परोसा गया और लोगों ने दान दक्षिणा दी। उधोदास गौशाला में बाबा लालदास महाराज ने अपने हाथों से हवन करवाया और अपने हाथों से गायों को मीठा खाना खिलाया। दिनभर दान दक्षिणा दी गई।
घरों में खीर चूरमा तथा दाल चूरमा बनाया गया। दिनभर खीर चूरमा और दाल चूरमा का भोग लगाते देखे गए हैं। वर्षों से यह परंपरा चली आ रही है। इस दिन इस पर्व पर खीर चूरमा और दाल चूरमा बनाया जाता है। उधर बुजुर्गों ने बताया कि वर्षों से वह देखते आ रहे हैं कि उनके पूर्वज भी कभी दाल चूरमा ही बनाते आता है। किसी समय में दाल चूरमा ही क्षेत्र का प्रसिद्ध पकवान होता था उसे आज भी प्रयोग में ला रहे हैं।
उधर डीजे एवं बैंड बाजे पर बुजुर्गों को जगाकर दान पुण्य की परंपरा को दिनभर आगे बढ़ाया गया। गरीबों को दान, गायों की सेवा, गौशालाओं में मीठा भोजन, सार्वजनिक स्थानों पर गायों के लिए चारा आदि डालकर लोगों ने प्रसन्नता व्यक्त की।
दिनभर लगी सवामणी---
कनीना की श्रीकृष्ण गोशाला, उधोदास गौशाला जैनाबाद, बूचावास गौशाला आदि में दिनभर जहां गायों की सेवा करते भक्त नजर आए वहीं सवामणी लगाई गई। महिलाएं सज धज कर अपने साथ गुड़, मीठा चारा तथा कई अन्य पदार्थ लेकर गायों की सेवा करती नजर आई। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला के पूर्व प्रधान यादवेंद्र सिंह यादव ने दिन भर गायों की सेवा की और कहा कि गायों की सेवा करने से सभी पुण्य मिलते हैं। उन्होंने कहा कि गायों की सेवा प्रतिदिन करनी चाहिए। गायों की सेवा भगवान श्रीकृष्ण करते थे इसलिए गोपाल कहलाए। उधर उधोदास गौशाला में गायों की सेवा करते संत लालदास ने हुए कहा कि गायों की सेवा से सभी कष्ट नष्ट हो जाते हैं और पुण्य की प्राप्ति होती है। उन्होंने गायों की सेवा सबसे बड़ी सेवा करार दी।
खाद्य पदार्थ की आवक हुई।
उल्लेखनीय की कभी गायों के लिए कनीना में खुले स्थान पर खाद्य पदार्थ डाले जाते थे। अब न तो खुले में इतनी गाय उपलब्ध हैं और न खुला स्थान उपलब्ध है। इसलिए वे गौशाला में जाकर लोग सेवा कर रहे हैं।
फोटो कैप्शन एक: आग के पास मकर संक्रांति को बैठे हुए बच्चे।
मेले में बही भक्ति की रसधार
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव कोटिया में बृजेश्वर महाराज धाम पर मेला आयोजित हुआ वहीं जागरण के भक्ति रस में भक्तजन डूबे रहे। भडफ़ के बड़ीवाला स्थल पर मेला लगा एवं हवन आयोजित किया गया। बाबा बृजेश्वर महाराज का कोटिया में पुराना धाम है जिस पर करीब 15 वर्षों से मेला भरता आ रहा है। विभिन्न भक्ति कलाकारों ने भक्ति की रसधारा बहाई। भारी संख्या में लोग पहुंचे। मकर संक्रांति को मेला लगा, प्रसाद वितरित किया गया। भंडारे आयोजित किए गए वहीं दूरदराज से आए भक्तों ने मिश्री एवं बतासों का प्रसाद वितरित किया।
उधर भडफ़ के बड़ी वाला आश्रम पर भी वर्षों से मेला लगता आ रहा है। मेले से पूर्व ग्रामवासी हवन आयोजित करते हैं। इस मेले में अनोखी परंपरा के अनुसार विभिन्न प्रकार के प्रसाद वितरित करते हैं जिनमें शक्कर का प्रसाद प्रमुख है। गांव के सरपंच महेंद्र कुमार ने बताया कि इस मेले की सबसे बड़ी विशेषता है कि पूरे गांव के लोग पहुंचते हैं और अपनी श्रद्धा अनुसार जोहड़ के पास मिट्टी छांटने की कार्रवाई करते हैं और प्रसाद बांट कर बाबा को धोक लगाते हैं। इस मौके पर महेंद्र सिंह सरपंच, रामस्वरूप, हरि प्रकाश, वेदप्रकाश, मनफूल, रामफल पंच, ईश्वर एवं रामपाल आदि मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 2: भडफ़ में मेले से पूर्व हवन करते ग्रामवासी।
सात दिवसीय एनएसएस शिविर का हुआ समापन
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कनीना। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय बेवल में चल रहे राष्ट्रीय सेवा योजना शिविर का समापन हो गया। प्राचार्य दारा सिंह के मार्गदर्शन में इस कैंप का समापन हुआ।
इस अवसर पर राम सिंह सेवानिवृत्त प्रवक्ता मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
राम सिंह यादव ने शिविर के महत्व एवं कार्यों पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने कहा कि ये शिविर एकता एवं अनुशासन की भावना पैदा करने के लिए लगाए जाते हैं। यहां से प्राप्त ज्ञान को समाज में बांटना चाहिए, समाज की बुराइयों को मिटाने में भी अहम योगदान देना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो अनुशासन यहां सीखने को मिलता है वह अन्यत्र कहीं नहीं मिल सकता। इसी प्रकार का अनुशासन यदि समाज और देश में कायम किया जाए तो देश सोने की चिडिय़ा बन सकता है।
इस अवसर पर हेमंत शर्मा एसएमसी प्रधान तथा कालीचरण एनएसएस प्रभारीने भी अपने विचार व्यक्त किए। स्वयंसेवकों ने भी अपने अनुभव साझा किए। इस अवसर पर श्रेष्ठ स्वयंसेवकों और अतिथियों को स्मृति चिन्ह भेंट किए गए सम्मानित किया। समापन अवसर पर सत्यवीर सिंह वरिष्ठ प्रवक्ता,अरविंद यादव प्रवक्ता, लाल सिंह, राजेंद्र डीपीई, धर्मपाल एलए, दारा सिंह बाबू, तेजपाल सिंह एवं सभी स्वयंसेवक उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन दो : बेवल में एनएसएस समापन समारोह से संबधित
फोटो कैप्शन 3: बेवल में श्रेष्ठ स्वयंसेवकों को पुरस्कृत करते प्राचार्य दारा सिंह
लड़कियों की संख्या लड़कों से ज्यादा, सरपंचों को किया पुरस्कृत
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कनीना। जिले के कई गांवों में लड़कियों की संख्या लड़कों से काफी ज्यादा है। ऐसे गांवों के सरपंचों को आंगनबाड़ी वर्कर्स द्वारा पुरस्कृत किया।
खंड कनीना के गांव नांगल मोहनपुर तथा भडफ़ में लड़कियों की संख्या लड़कों के मुकाबले में ज्यादा है। इसी को लेकर महिला एवं बाल विकास की सुपरवाइजर मनीषा यादव द्वारा गांव के विभिन्न घरों में पैदा हुई तीसरी कन्या की खुशी में उनकी माताओं व गांव के सरपंच को विभाग द्वारा शील्ड तथा तीसरी बच्ची के जन्म पर उनकी माताओं को बाल किट देकर उनका भव सम्मान किया गया। इस अवसर पर बोलते हुए मनीषा यादव ने कहा कि बेटा और बेटी में कोई फर्क नही है जिस प्रकार से आज समाज में जो कार्य बेटा कर सकता है ठीक उसी तरहा से बेटी भी समाज के सभी कार्यों को करने में सक्षम होती है। इसलिए बेटियों को बेटों से कम नही समझना चाहिए। इस अवसर पर स्कूल हेड मीना तंवर ने कहा कि बेटी जन्म एक घर में लेती है लेकिन वो संसार के दो घरो ंको उज्ज्वल करती है इस लिए हमें बेटा होने पर जो खुशी होती है ठीक उसी तरहा बेटी होने पर भी हमें खुल कर खुशी मनानी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि अगर इस संसार में बेटी नहीं होती तो किसी भी मानव को मां कैसे मिलती जो संसार की सबसे प्रिय होती है। उन्होंने कहा कि अगर संसार में बेटी नहीं होगी तो इस संसार में कुछ नही बचेगा ओर समाज का ताना-बाना सब कुछ फैल हो जाएगा। इसलिए हमें कभी भी बेटी होने पर दु:खी नहीं होना चाहिए। इस अवसर पर भावना, श्रुति, शीतल आदि बेटियों की माताओं को चाईल्ड किट देकर सम्मानित किया गया।
इस मौके पर सरपंच महेंद्र सिंह को उनके गांव में लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक होने पर पुरस्कृत किया गया। इस मौके पर उन्हें एक स्मृति चिन्ह आंगन बाड़ी सुपरवाइजर की ओर से भेंट किया गया। इस मौके पर ओमप्राकश पंच, मनफूल पंच, रामफल पंच, रतन सिंह पंच, ऊषा देवी पंच, सुनीता देवी पंच एवं ग्रामवासी उपस्थित थे।
इस अवसर वर्कर सोनम, विद्याबाई, रजनी हेल्पर सुनीता, पे्रम कविता के अलावा अन्य ग्रामीण महिलाएं उपस्थित थी।
फोटो कैप्शन 4: मोहनपुर नांगल की महिलाओं को पुरस्कृत करती आंगनबाड़ी सुपरवाइजर
5: भडफ़ के सरपंच महेंद्र सिंह को पुरस्कृत करते हुए आंगनबाड़ी सुपरवाइजर।
मुलजिम को न्यायालय में पेश किया
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कनीना। हिसार जेल में बंद चेलावास के सचिन को मंगलवार के दिन कनीना न्यायालय में पेश किया जिसे 28 जनवरी को फिर से पेश किया जाएगा। मिली जानकारी के अनुसार कनीना थाने में सचिन के विरुद्ध मामले दर्ज है जिसको लेकर कनीना न्यायालय में उन्हें हिसार पुलिस द्वारा पेश किया गया। इससे पहले भी वह न्यायालय में पेश किया जा चुका है। अब फिर से 28 जनवरी को इसी मसले में न्यायालय में पेश किया जाएगा।
रक्त देने से शरीर में नहीं आती कोई कमजोरी-डा सुरेंद्र सिंह
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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव छीथरोली में बाबा धूनीगर की 71वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य पर जहां मेला आयोजित किया हुआ है वहीं रक्तदान शिविर आयोजित किया गया। रक्तदान शिविर में 50 यूनिट रक्त इकट्ठा किया गया। नारनौल रेडक्रास के डा सुरेंद्र सिंह की अध्यक्षता में रक्त एकत्रित किया गया।
इस अवसर पर सुरेंद्र डा सुरेंद्र सिंह ने कहा कि रक्त देने से शरीर में किसी प्रकार की कोई कमजोरी नहीं आती। समय-समय पर हर इंसान को जिनकी उम्र 50 वर्ष से कम है रक्तदान करते रहना चाहिए। यह रक्त उन मरीजों के काम आता है जिन्हें रक्त की जरूरत होती है। उन्होंने कहा कि जो रक्तदान किया जाता है उसकी पूर्ति कुछ ही दिनों में हो जाती है। ऐसे में यह नहीं समझना चाहिए कि रक्त देने से किसी प्रकार की शरीर में कमजोरी या विकार आएगा। उन्होंने कहा कि रक्तदान से जहां किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आएगी वहीं उनका उनके द्वारा दिया गया रक्त कितने ही लोगों की जिंदगी को बचा सकता है। इस अवसर पर महिला सरपंच सरपंच यशवंती देवी तथा गणमान्य जन उपस्थित थे। इस अवसर पर जहां मेला आयोजित किया गया वहीं विभिन्न प्रकार की खेलकूद प्रतियोगिताएं जिनमें कबड्डी, कुश्तियां, ट्रैक्टर ट्राली रेस आयोजित की गई, जो देर रात देर रात तक पूर्ण होने की संभावना है।
फोटो कैप्शन 6: रक्तदान करते हुए छितरोली में युवक।
प्रतिभा सम्मान समारोह आयोजित
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कनीना। कनीना खंड के गांव ईसराना में प्रतिभा सम्मान समारोह व दौड़ प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें देशसेवा, शिक्षा, पर्यावरण, लेखन व सामाजिक कार्य करने वाले लगभग 150 प्रतिभाओंं को रिटायर्ड डीजीपी शील मधुर द्वारा संस्था का प्रशस्ति पत्र व स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया। सर्वजन युवा वाहिनी की ओर से यह सम्मान समारोह आयोजित किया गया।
इस मौके पर लड़के व लड़कियों की 400 मीटर दौड़ व लड़कों की 800 मीटर दौड़ आयोजित की गई। 400 मीटर महिलाओं में प्रथम स्थान रितिका मुंडियाखेड़ा, मोनिका तिगरा द्वितीय तथा मंजू ककराला तृतीय स्थान पर रही वहीं लड़कों की दौड़ में हिम्मत खरकड़ा प्रथम, छोटेलाल द्वितीय तथा मोहित इसराना तृतीय स्थान पर रहे और क्रमश: 2100,1100 व 500 रुपये का नकद पुरुस्कार दिया गया।
इस मौके पर बुजुर्गों की दौड़ आकर्षण रही जिसमे 73 साल के बुजुर्ग रामकिशन ने दौड़ जीती। मुख्य अतिथि शील मधुर जी ने बताया कि समाज सेवा के कार्य से बड़ा पुण्य का कार्य नहीं है जिसे पूरा करने के लिए समाज के हर वर्ग का साथ होना जरूरी है।
सर्वजन युवा वाहिनी के नानकराम ने बताया कि समाज सेवा के लिए जितने भी वर्ग कार्य करते हैं उन्हें एकजुट होकर समाज के लिए कार्य करना चाहिए। विशिष्ट अतिथि नानकराम भारद्वाज ने सभी प्रतिभागियों को मैडल पहनाकर स्वागत किया। इस मौके पर नवीन कौशिक बिजेंद्र सिंह पूर्व सरपंच, रमेश सरपंच ईसराणा,कृष्ण फौजी, मोहित शर्मा, ऋषिराज, गजे सिंह, उपेन्द्र ढिल्लू तथा सैकड़ों जन मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 7: पूर्व डीजीपी शील मधुर प्रतिभाओं को सम्मानित करते हुए।
वित्त मंत्री जी सुनिये
किसान सम्मान राशि बढ़ाई जाए
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कनीना। किसान बाहुल्य ग्रामीण क्षेत्रों से जहां अब किसान आगे आने लगे हैं वहीं उन्होंने वित्त मंत्री से मांग की है कि उन्हें भी सम्मानजनक जीवन जीने का हक है। ऐसे में यदि उनकी आय अधिक होगी तो इस सम्मान पूर्वक जीवन जी पाएंगे।
क्षेत्र के किसानों अग्रणी किसानों में गजराज सिंह मोड़ी ने कहा कि अब तक किसान उनको जो उपकरण खरीदते हैं जिनमें खाद, उर्वरक, पीड़कनाशी आदि प्रमुख हैं पर जीएसटी लगाया गया है। जिसके चलते उन्हें यह चीजें महंगे दामों पर मिलती है। यदि बजट में जीएसटी घटा दिया जाए या समाप्त कर दिया जाए तो किसानों को ये चीजे सस्ते में मिल पाएंगी और वे अपना सम्मान पूर्वक जीवन जी पाएंगे। क्योंकि इससे उनकी आय में बढ़ोतरी होगी। उन्होंने कहा कि अब तक कोई भी चीज लेते हैं तो उस पर भी जीएसटी लगाया जाता है। जिसके चलते वह चीज उन्हें महंगे दामों पर मिल रही है। यदि जीएसटी की दर 5 फ़ीसदी से घटाकर 3 फ़ीसदी कर दी जाए या खत्म कर दी जाए तो उनको ज्यादा लाभ हो पाएगा।
करीरा के महावीर सिंह अग्रणी किसान ने कहा कि एक और जहां कर्मचारियों को प्रतिवर्ष अधिक वेतन मिलता है किंतु किसानों को प्रति वर्ष उस अनुपात में अधिक दाम नहीं मिलते। सरकार समर्थन मूल्य तो बढ़ाती है लेकिन बहुत कम बढ़ा पाती है। ऐसे में उनका कहना है कि उनकी आय बढ़ाने के तरीकों में जहां उन्हें सस्ते से सस्ते उपकरण उपलब्ध करवाए जाए तथा उनके मिलने वाली वाले कृषि उपकरणों पर जीएसटी पूर्णता समाप्त कर दिया जाए। उन्होंने कहा कि किसानों के लिए सम्मान राशि 2000 रुपये दी जाती है उसे बढ़ा दिया जाए तो इससे वे अपनी आय बढ़ा पाएंगे जिसकी उन्हें राहत मिलेगी। उनका कहना है कि वर्तमान में जीएसटी 5 प्रतिशत से 18 प्रतिशत तक लगता है जिसे समाप्त किया जाए।
अग्रणी किसान सूबे सिंह कनीना का कहना है कि किसानों के लिए किसान उत्पाद समर्थन मूल्य आयोग स्थापित किया जाना चाहिए ताकि जिस प्रकार कर्मचारियों को हर साल वेतन में बढ़ोतरी होती है उसी प्रकार किसानों के उत्पादों में के मूल्य में भी बढ़ोतरी हो सकेगी। इससे उनकी आय भी बढ़ेगी तथा उन्हें भी कर्मचारियों की भांति लाभ मिल सकेगा। ऐसे में सूबे सिंह का कहना है कि लंबे समय से इस प्रकार की मांग उनकी चली आ रही है लेकिन उनकी मांग को पूरा नहीं किया गया है जिसके चलते किसान माली हालात में जी रहे हैं। इन्हें तुरंत प्रभाव से आयोग स्थापित करने की मांग की।
फोटो कैप्शन: महावीर सिंह, गजराज सिंह मोड़ी तथा सूबे सिंह कनीना।
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