Not sure how to add your code? Check our installation guidelines **KANINA KI AWAZ **कनीना की आवाज**: May 2020

Sunday, May 31, 2020

 कड़ी धूप में भी बंदरों से पेड़ों की करनी होती है सुरक्षा
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कनीना। कनीना कस्बे में बंदरों की समस्या सिर चढ़कर बोल रही है। लंबे अरसे से कनीना में बंदर बेहद परेशान कर रहे हैं। हर घर में हजारों रुपए का नुकसान प्रतिवर्ष कर देते हैं। यदि बागवानी, फल फूल पौधे लगा लिए जाये तो कुछ ही दिनों में बंदरों द्वारा उखाड़ दिये जाते हैं। कस्बा की सुमंत देवी का कहना है कि वह दिन भर पेड़ पौधों के पास धूप और छांव में बैठी रहती है। क्योंकि बंदर न जाने का उनके फलों को तोड़ जाते हैं। पौधों को क्षत विक्षत कर जाते हैं तथा छोटे पौधों को तो उखाड़ कर रख देते हैं। बंदरों द्वारा काटने, परेशान करने, नुकसान पहुंचाने की घटनाएं आम हो गई है। एक बार कनीना नगर पालिका ने कुछ बंदर पकड़वा कर छुड़वाए थे और अब फिर से उन्हें दूर छुड़वाने की मांग उठ रही है।
सुमंत देवी का कहना है कि पौधे बड़ी मेहनत से लगाए जाते हैं और कुछ ही मिनटों में ये बंदर तोड़ जाते हैं। यहां तक कि बच्चों को डराते हैं और काटने का डर भी होता है।
उधर पालिका प्रधान सतीश जैलदार का कहना है कि जल्द ही बंदरों को पकड़वा कर दूर छुड़वा दिया जाएगा।
 फोटो कैप्शन 2: सुमंत देवी दोपहर में पेड़ों की सुरक्षा करते हुए।


स्याणा में व्यक्ति ने खाई फांसी 
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 कनीना। कनीना खंड के गांव स्याणा में एक व्यक्ति ने घर में ही फांसी का फंदा लगा आत्महत्या कर ली। मिली जानकारी अनुसार कर्मवीर स्याना निवासी जो टीबी एवं दमा का मरीज था। लंबे समय से बीमारी पीडित होने से तंग आकर आत्महत्या कर ली है। उसके एक लड़का और एक लड़की भी है। उनके भाई ने रामफल ने  पुलिस में दर्ज मामले में कहा गया है कि लंबे समय से बीमारी से परेशान होने के कारण उन्होंने आत्महत्या कर ली है।


सभी दुकानें रही बंद 

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 कनीना। कनीना क्षेत्र में रविवार को सभी दुकानें बंद रही। कोरोना के चलते दुकानें रविवार को बंद रखने का आदेश है जिसका पालन किया गया। महज बीज की दुकानें और आपातकालीन सुविधाएं जरूर खुली रही।

मुआवजा देने की मांग की

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कनीना। पूर्व डिप्टी स्पीकर संतोष यादव ने सरकार से ओलावृष्टि से हुये फसल नुकसान का मुआवजा देने की मांग की है। उन्होंने जारी एक बयान में कहा है कि जिला महेंद्रगढ़ के बहुत से गांवों में कपास की और सब्जी की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है। इस नुकसान को देखते हुए अविलंब गिरदावरी करवाकर मुआवजा देने की मांग की है।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार की शाम को भारी ओलावृष्टि हुई जिसके चलते सब्जी की फसलों  एवं कपास फसलों को भारी नुकसान हुआ है।

दुष्कर्म करने के प्रयास का मामला दर्ज

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,कनीना। कनीना के गांव उच्चत में गांव के ही एक युवक द्वारा गांव की एक लड़की के साथ जबरदस्ती करने का मामला प्रकाश में आया है। मिली जानकारी के अनुसार उपमंडल के गांव उच्चत की एक पीडि़ता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि शुक्रवार को वह अपने ताऊ के घर से वापस अपने घर आ रही थी रास्ते में पहले से खड़े गांव के ही एक युवक द्वारा उसका मुंह दबाकर उसको पास के एक खाली प्लाट में खिंच ले गया जहां उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश की। जब पीडि़ता ने शेर मचाया तो आवाज आवाज सुनकर परिजन दौड़ कर आए। तब तक वह छोड़ कर भाग तथा उसने भागते हुए यह भी कहा कि भविष्य उसे उठवा दूंगा जिससे कि तेरा पता भी नही चलेगा।
वही पीडि़ता ने बताया कि जब वे शिकायत देकर वापस अपने घर लौटे तो उसके परिजनों ने उनके साथ गाली-गलोच कि तथा जान से मारने की सरेआम धमकी दी है जिसकी सूचना पुलिस को दूरभाष पर देकर सारे मामले से अवगत कराया गया है। वही पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार पीडि़ता के बयान पर गांव के ही युवक सचिन के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर पीडि़ता के न्यायालय में 164 के बयान दर्ज करा जांच आरंभ कर दी है। अभी तक कोई गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।


क्षेत्र में हुई 45  एमएम बारिश, किसान चले बाजरे की ओर 

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कनीना। क्षेत्र में दो दिनों में 34 एमएम बारिश हो चुकी है। जहां शनिवार की रात 24 एमएम बारिश और तेज हवाएं चली वही शुक्रवार की रात को आंधी, बारिश एवं ओलावृष्टि हुई।

रविवार को 11 एमएम बारिश हुई शुक्रवार की रात 10 एमएम बारिश हुई। इस प्रकार क्षेत्र में दो दिनों में 45 एमएम बारिश हो चुकी है। किसान बाजरे की बिजाई करने के लिए उत्सुक नजर आए। वीडियो की दुकानों पर हलचल बढ़ गई है। बीज विक्रेता कुलदीप सिंह तथा महेश बोहरा ने बताया कि अब बारिश ठीक-ठाक होने से किसान बाजरे की बीजाई करना चाहते हैं। यही कारण है कि बीजों की बिक्री में इजाफा हुआ है। उधर किसानों की इच्छा है कि अधिक से अधिक बाजरा पैदावार लिया जाये। हर वर्ष मई के अंतिम सप्ताह में बारिश होती है। बारिश के चलते बिजाई प्रारंभ हो जाती लेकिन कई बार बीजाई खराब चली जाती है। बार बार बारिश होने से किसानों की बिजाई प्रभावित हो जाती है।

ओलावृष्टि ने कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ा

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कनीना। कनीना तथा आसपास क्षेत्रों में शुक्रवार शाम को भारी ओलावृष्टि हुई जिसने पिछले कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बुजुर्ग कहते हुए हैं मौन हो जाते हैं कि उन्होंने जीवन में इतने भारी मात्रा में और इतने बड़े साइज वाले ओले कभी नहीं देखे। इस वक्त फसल पककर तैयार नहीं थी, केवल खेतों में कपास खड़ी हुई है जो पूर्णतया नष्ट हो गई है।
कनीना क्षेत्र के  रामबास, मोड़ी, इसराणा, मानपुरा,भोजावास, गोमला, बोहका आदि क्षेत्रों से होकर भारी ओलावृष्टि हुई है जबकि बाकी क्षेत्रों में ओलावृष्टि बहुत कम हुई है।
 65 वर्षीय गजराज सिंह किसान बताते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार इतनी भारी मात्रा में ओले देखें और वे भी इतने बड़े की फसल को पूर्णतया नष्ट कर दिया है। किसान बेहद मायूस हैं। कपास उगाने वालों की कपास पूर्णता लुप्त हो गई है सबसे बड़ी बात देखने को मिली कि धरती इस प्रकार सफेद हो गई कि एक इंच जगह भी नहीं बची और तो और टीन शेड, पानी की टंकी आदि आदि में भी छेद हो गए हैं। फसल पर जब ओले पड़े तो यूं लग रहा था फसल नाम की कोई चीज नहीं है।
मोड़ी के किसान अजय कुमार के फव्वारा पाइपों में छेद हो गए। किसानों को भारी क्षति उठानी पड़ी है। बुजुर्ग बताते हैं कि इतने बड़े ओले कभी उनके जीवन में नहीं पड़े। अंधड़ ने पेड़ों को क्षति पहुंचाई है । किसान गजराज मोड़ी, कांता मोड़ी ने बताया कि सब्जी, फलदार पौधे, कपास, ंबाजर आदि पूर्णरूप से नष्ट हो गए।
बस जिससे भी पूछा जाए वह ओलावृष्टि से बहुत दुखी है। वह कहते हैं कि ऐसी ओलावृष्टि अगर खड़ी फसल और पकी हुई फसल पर हो जाए तो शायद एक दाना भी नहीं बच पाए। किसान एक और जहां ओलों की साइज तो दूसरी और ओलों की मात्रा से बहुत अधिक भयभीत है। उनका कहना है अगर ऐसे समय में पशु भी कोई बाहर होता तो उसको भी भारी क्षति होती। पक्षियों की मौत हो गई। जिन पौधों के फूल आए हुए थे वे खत्म हो गए। इसराणा के किसान अजय जो सब्जी उगाते हैं, का कहना है कि उनकी सब्जी की ऑर्गेनिक फसल पूर्णतया नष्ट हो गई है। पोलीहाउस में छेद हो गये। इतनी भारी मात्रा में ओलों से किसान ही नहीं आमजन भी चकित है। बाजर की फसल बर्बाद हो गई।
उन्होंने जहां दीवारों पर भी निशान बना दिए हैं। ओलों से दीवारों पर निशान बन गए हैं और उन पर की गई पेंटिंग भी समाप्त हो गई है। किसानों ने क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा देने की मांग की है।
 फोटो कैप्शन 1: दीवारों पर गायब हुई पेंटिंग और पड़ हुए ओलों के निशान।


Saturday, May 30, 2020


एसडीएम को ज्ञापन सौंप मांगा मुआवजा

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कनीना। गत दिवस कनीना खंड के विभिन्न गांवो मेें हुई भारी ओलावृष्टि से कपास की फसल तबाह हो गई। जिसको लेकर उपमंडल के विभिन्न गांवो के दर्जना पीडि़त किसान कनीना एसडीएम कार्यालय पहुंचे तथा उनके कार्यालय न होने के कारण उनके रीडर से मिलकर अपना दुखड़ा रोया व मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन देकर ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई की मांग भी की।
इस ज्ञापन में किसानों ने बताया कि गत दिवस अचानक तेज हवा के साथ भारी ओलावृष्टि हुई जिसके कारण घरो पर लगी लोहे व सीमेंट की चदरो के अन्दर छेद हो गए तथा उनके नीचे जो पशु बंघे हुए थे उनको भी चोटे लगी। वही दूसरी और किसानो द्वारा इस कोरोना काल में बडी भारी मुश्किल से जो कपास की बिजाई कि थी वह खत्म हो गई है। उन्होंने मुआवजे की मांग सरकार से की है।
फोटो कैप्शन 6: मुआवजे की मांग का ज्ञापन सौंपते लोग।

जांच का काम शुरू,चार टीमें गठित

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कनीना। विगत दिनों सरसों के मामले में जहां पांच फर्मों के विरुद्ध मामला दर्ज हो गया है वहीं मार्केट कमेटी सचिव सस्पेंड हो चुके हैं। अब हैफेड तथा हरियाणा स्टेट वेयरहाउस की संघन जांच शुरू हो गई है।
  जांच के लिए चार टीमें एसडीएम रणवीर सिंह के नेतृत्व में गठित कर दी गई है जिनमें युद्धवीर सिंह बीडीपीओ, अमित कुमार नायब तहसीलदार, एसडीओ पंचायतीराज दिवाकर राय तथा अभयराम खंड शिक्षा अधिकारी कनीना की टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें वेयरहाउस एवं हैफेड गोदामों की सघन जांच कर पता लगायेगी कि गड़बड़ कहा हो रही है साथ में रिकार्ड भी खंगाल रही है। एसडीएम का कहना है कि दोषी को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा।
 



बेहतर प्रबंध किये गये थे खाने के 
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कनीना। कोरोना के वक्त कनीना खंड के गांव धनैंदा में जहां शेल्टर होम बनाया गया था जहां 60 से 70 लोग ठहरे भी थे। वहां पर लोगों को साथ अच्छा व्यवहार किया गया। उनके खाने-पीने रहने के लिए प्रबंध किए गए थे। खाने में नाश्ता, दोपहर का भोजन और शाम को चाय का प्रबंध एवं रात्रि का भोजन भी था।
 उनके सोने के लिए गद्दों का प्रबंध किया गया था। हालांकि कनीना खंड में बहुत कम गांव ऐसे थे जहां लोग ठहरे थे। जहां श्रमिक काम कर रहे थे वही उनको ठहराने का आदेश दिया था जिसके चलते शेल्टर होम खाली रहे थे। महज कनीना शेल्टर होम में भारी गहमागहमी 2 महीने तक चली।
  धनौंदा सरपंच रूपेंद्र ने बताया कि उनके यहां शहीद महेश पाल स्टेडियम में बाहर के लोगों के लिए भोजन पानी की व्यवस्था की गई थी। यहां तक कि जब यहां से अपने गांव के लिए रवाना हुए तब भी उन्हें बेहतर ढंग से खाना नाश्ता करवाकर विदा किया था। केवल श्रमिक ही खुश नहीं थे बल्कि वे भी श्रमिकों के व्यवहार से प्रसन्न थे। वहीं उन्होंने खुश होकर उन्हें भोजन खिलाया। रूपेंद्र सरपंच का कहना है कि
सरपंच सरपंच रूपिंदर ने बताया कि जहां ठहरने के लिए गद्दे लगाए गए थे जो टेंट हाउस से लाए गए थे वहीं भोजन के लिए हलवाई लगाए गए थे।  एक इंसानियत के नाते उन्होंने अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई। यहां तक कि उनके नहाने ,धोने का प्रबंध भी अच्छा रहा। जब ये लोग घर लौट रहे थे तो कुछ एक की आंखों में आंसू भी थे क्योंकि वे बहुत प्रभावित थे।  उधर धनौंदा के ओमबीर का कहना है कि सरपंच ने जो भूमिका निभाई वह इंसानियत के नाते बेहतर कदम था। खाने-पीने रहने सोने आदि का जो प्रबंध किया उसमें कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी। यद्यपि उनका यह शेल्टर होम कम दिनों तक चला। अधिकांश श्रमिक और बाहर के लोग कनीना में ठहरे हुए थे, ऐसे में गांव में सरपंचों को कुछ कम मौका मिला ताकि उनकी सेवा की जा सके। उन्होंने बताया कि सरपंच ने बार बार उनके शेल्टर होम में जाकर उनसे समस्याएं पूछी। खाने-पीने का प्रबंध बेहतर रहा।
फोटो कैप्शन: सरपंच रूपेंद्र सिंह तथा ओमबीर सिंह।



कड़ी धूप में भी बंदरों से पेड़ों की करनी होती है सुरक्षा

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कनीना। कनीना कस्बे में बंदरों की समस्या सिर चढ़कर बोल रही है। लंबे अरसे से कनीना में बंदर बेहद परेशान कर रहे हैं। हर घर में हजारों रुपए का नुकसान प्रतिवर्ष कर देते हैं। यदि बागवानी, फल फूल पौधे लगा लिए जाये तो कुछ ही दिनों में बंदरों द्वारा उखाड़ दिये जाते हैं। कस्बा की सुमंत देवी का कहना है कि वह दिन भर पेड़ पौधों के पास धूप और छांव में बैठी रहती है। क्योंकि बंदर न जाने का उनके फलों को तोड़ जाते हैं। पौधों को क्षत विक्षत कर जाते हैं तथा छोटे पौधों को तो उखाड़ कर रख देते हैं। बंदरों द्वारा काटने, परेशान करने, नुकसान पहुंचाने की घटनाएं आम हो गई है। एक बार कनीना नगर पालिका ने कुछ बंदर पकड़वा कर छुड़वाए थे और अब फिर से उन्हें दूर छुड़वाने की मांग उठ रही है।
सुमंत देवी का कहना है कि पौधे बड़ी मेहनत से लगाए जाते हैं और कुछ ही मिनटों में ये बंदर तोड़ जाते हैं। यहां तक कि बच्चों को डराते हैं और काटने का डर भी होता है।
उधर पालिका प्रधान सतीश जैलदार का कहना है कि जल्द ही बंदरों को पकड़वा कर दूर छुड़वा दिया जाएगा।
 फोटो कैप्शन 5: सुमंत देवी दोपहर में पेड़ों की सुरक्षा करते हुए।


पक्षियों के लिए रखे सिकोरे

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जगह जगह रखे जा रहे हैं सिकोरे
कनीना । कोरोना महामारी संक्रमण से बचाव के लिए देश व्यापी लॉकडाउन के चलते मनुष्य तो बोल कर अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर लेता है लेकिन बेजुबान पशु पक्षियों की दशा बहुत ही सोचनीय है।  इसलिए बीएमडी क्लब एवं काफि़ला ग्रुप  के द्वारा कस्बे के धनौंदा गांव में रमन सिंह के नेतृत्व में परिंडा बांधने की मुहिम शुरू की गई। इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए संगठन के सदस्य नरेंद्र सिंह ने बाबा समाधि स्थल पर,तथा युवराज व रिषभ ने मंदिर स्थान पर परिंडे लगाए ।
 मुन्नी देवी ने मोहल्ले में लगे हुए नीम के पेड़ पर परिंडे लगाए। संस्था के सदस्यों ने अपने अपने घरों पर परिंडे बांधकर बेजुबान जीवों के लिए तपती गर्मी में पीने के पानी की व्यवस्था की । बीएमडी क्लब
संस्था के चेयरमैन लक्की सीगड़ा व काफिला ग्रुप की अध्यक्ष रमन सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि वे लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि बेजुबान परिंदों को दाना पानी की व्यवस्था करवाई जाए। इस मुहिम में हरियाणा के अलावा राजस्थान, उत्तर प्रदेश,पंजाब आदि राज्यों के लोग भी जुड़े हुए हैं जो अपने-अपने राज्यों में इस मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं।
  उधर कनीना में आपका सहयोग संघ के अध्यक्ष योगेश कुमार ने भी पार्क में अनेकों सिकोरे रखे हैं। वे प्रतिदिन उनमें पानी डालते हैं।
फोटो कैप्शन 6: बीएमडी क्लब सिकोरे रखते हुए।



सफाई कर्मियों को बांटे साबुन और तेल

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 कनीना। कनीना नगर पालिका में कार्यरत 40 सफाई कर्मियों को आज पालिका प्रधान ने हैंड वास के लिए डिटाल साबुन और तेल की बोतल वितरित किए।
 सतीश जेलदार पालिका प्रधान ने बताया कि सफाई कर्मी दिन-रात सफाई कार्य करते हैं। ऐसे में इनके हाथ साफ करवाना और शरीर की सफाई करना बहुत जरूरी है। इसलिए सभी को 3-3 डिटोल साबुन तथा तीन-तीन बोतल तेल की वितरित की है ताकि ये घर का भी गुजर बसर कर सके। वही अपने शरीर की साफ-सफाई कर सके। उन्होंने कहा कि करीब 2 माह तक श्रमिकों को यहां भोजन कराया गया जिसका परिणाम सार्थक आया है। इसी चलते अब उन्होंने निर्णय किया है कि सभी सफाई कर्मियों को भी कुछ राहत दी जाए और उन्हें खाद्य सामग्री के रूप में  खाद्य तेल तथा स्नान करने वास्ते साबुन दिए हैं । इस मौके पर राजाराम सचिव, हितेश कुमार जेई, पूर्व प्रधान राजेंद्र लोढ़ा, विक्की पार्षद, शिवचरण शर्मा लेखाकार आदि मौजूद थे।
ओलावृष्टि ने कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ा
संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना तथा आसपास क्षेत्रों में शुक्रवार शाम को भारी ओलावृष्टि हुई जिसने पिछले कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बुजुर्ग कहते हुए हैं मौन हो जाते हैं कि उन्होंने जीवन में इतने भारी मात्रा में और इतने बड़े साइज वाले ओले कभी नहीं देखे। इस वक्त फसल पककर तैयार नहीं थी, केवल खेतों में कपास खड़ी हुई है जो पूर्णतया नष्ट हो गई है।
कनीना क्षेत्र के  रामबास, मोड़ी, इसराणा, मानपुरा,भोजावास, गोमला, बोहका आदि क्षेत्रों से होकर भारी ओलावृष्टि हुई है जबकि बाकी क्षेत्रों में ओलावृष्टि बहुत कम हुई है।
 65 वर्षीय गजराज सिंह किसान बताते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार इतनी भारी मात्रा में ओले देखें और वे भी इतने बड़े की फसल को पूर्णतया नष्ट कर दिया है। किसान बेहद मायूस हैं। कपास उगाने वालों की कपास पूर्णता लुप्त हो गई है सबसे बड़ी बात देखने को मिली कि धरती इस प्रकार सफेद हो गई कि एक इंच जगह भी नहीं बची और तो और टीन शेड, पानी की टंकी आदि आदि में भी छेद हो गए हैं। फसल पर जब ओले पड़े तो यूं लग रहा था फसल नाम की कोई चीज नहीं है।
मोड़ी के किसान अजय कुमार के फव्वारा पाइपों में छेद हो गए। किसानों को भारी क्षति उठानी पड़ी है। बुजुर्ग बताते हैं कि इतने बड़े ओले कभी उनके जीवन में नहीं पड़े। अंधड़ ने पेड़ों को क्षति पहुंचाई है । किसान गजराज मोड़ी, कांता मोड़ी ने बताया कि सब्जी, फलदार पौधे, कपास, ंबाजर आदि पूर्णरूप से नष्ट हो गए।
बस जिससे भी पूछा जाए वह ओलावृष्टि से बहुत दुखी है। वह कहते हैं कि ऐसी ओलावृष्टि अगर खड़ी फसल और पकी हुई फसल पर हो जाए तो शायद एक दाना भी नहीं बच पाए। किसान एक और जहां ओलों की साइज तो दूसरी और ओलों की मात्रा से बहुत अधिक भयभीत है। उनका कहना है अगर ऐसे समय में पशु भी कोई बाहर होता तो उसको भी भारी क्षति होती। पक्षियों की मौत हो गई। जिन पौधों के फूल आए हुए थे वे खत्म हो गए। इसराणा के किसान अजय जो सब्जी उगाते हैं, का कहना है कि उनकी सब्जी की ऑर्गेनिक फसल पूर्णतया नष्ट हो गई है। पोलीहाउस में छेद हो गये। इतनी भारी मात्रा में ओलों से किसान ही नहीं आमजन भी चकित है। बाजर की फसल बर्बाद हो गई।
उन्होंने जहां दीवारों पर भी निशान बना दिए हैं। ओलों से दीवारों पर निशान बन गए हैं और उन पर की गई पेंटिंग भी समाप्त हो गई है। किसानों ने क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा देने की मांग की है।
 फोटो कैप्शन 1: दीवारों पर गायब हुई पेंटिंग और पड़ हुए ओलों के निशान।
 फोटो कैप्शन 2: ओलों से सफेद हुई धरती और चारों तरफ ओलों की सफेद चादर।
3. मोड़ी का किसान अजय सब्जी।

ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई करे सरकार -सुनीता वर्मा************************************

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कनीना। समाजसेवी अतरलाल ने भोजावास, ढाणा, पड़तल, रामबास, मोड़ी, गोमला, इसराना, मुंडिया खेड़ा, बेवल, दौंगड़ा जाट, दौंगड़ा अहीर, खैराना, खैरानी, कलवाड़ी, मोहलडा़, रातां, खारीवाड़ा, गढी रुथल, कारिया, मोहनपुर, गुजरवास, महासर आदि अनेक गांवों में शुक्रवार को हुई तेज ओलावृष्टि से उनके गांव के किसानों की कपास, सब्जी तथा हरा चारा ज्वार आदि की फसलें चौपट होने पर दुख व्यक्त किया हैं। ओले बड़े थे। ऐसी ओलावृष्टि पहले कभी नहीं हुई। ओले सीमेंट तथा लोहे की चादरों को तोड़कर पार निकल गए। भयंकर ओलों की मार से कपास, सब्जी, बागों के फलदार पौधे तथा हरा चारा के लिए उगाई गई फसलों को भारी नुकसान हुआ है। मंदी तथा लॉकडाउन की मार से अभी तक किसान उबरा भी नहीं था कि यह नई मुसीबत आन पड़ी। उन्होंने मुआवजा देने की मांग की है।
 उधर पार्षद सुनीता वर्मा ने कहा कि तेज ओलों की मार से जहां हजारों बेजुबान पक्षियों को अपना जीवन गंवाना पड़ा वहीं घरों में पालतू पशुओं के लिए बनाई गई झोपडिय़ां भी तबाह हो गई। गरीब मजदूर किसान लाचार नजर आये। उन्होंने बताया कि  मोड़ी, खैराना, और राता के आस पास के लगते करीब 10 गांव ज्यादा प्रभावित हुए हैं। ओलावृष्टि से गोमली में एक घर ढह गया है।
वर्मा ने सरकार से मांग की की जल्द इन नुकसान का आकलन करके पीडि़त परिवारों को राहत पहुंचाई जाये। फसल में हुए नुकसान की भी गिरदावरी कराके उचित मुआवजा दिया जाए।
फोटो कैप्शन 4: ओलावृष्टि से फटे हुए पोलीहाउस का नजारा।

जोहड़ भरने की मांग

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संस,कनीना। बहुजन समाज पार्टी के नेता ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन से अटेली हलके के सूखे जोहड़ों को तत्काल नहरी पानी से भरवाने की मांग की है।
 अतरलाल ने कहा कि उन्हें विधानसभा क्षेत्र के गांव पाथेड़ा, अगिहार, खेड़ी, सेहलंग,नौताना, स्याणा, बाघोत, मुंडिया खेड़ा, दौंगड़ा जाट, दौंगड़ा अहीर, अटाली, सागरपुर, तिगरा, खोड़, छितरोली, झाड़ली, धनौन्दा, खरकड़ा बास, कैमला, उन्हानीए चेलावास, झिगावण, रामबास, इसराना, मोहनपुर, गुढ़ा, उच्चत, कोका, कपूरी, करीरा, कारिया, तलवाना, दुलोठ जाट, कटकई, पड़तल, भोजावास, ढाणा, मोड़ी, खैराणा, खैरानी, बोचडिय़ा, महासर, गढी रुथल, खारीवाड़ा, कांटीए बांस, खेड़ी, रामपुरा, नावदी, नीरपुर, सैदपुर पृथ्वीपुरा, राजपुरा आदि गांवों के ग्रामीणों से शिकायत मिली है कि उनके गांव के जोहड़ इस भयंकर गर्मी में सूखे पड़े हैं। कई गांवों में तो नहरी पानी पर आधारित जोहड़  तालाब भी सूखे पड़े हैं। परिणाम स्वरूप मवेशी, पशु ,पक्षियों को पीने के पानी का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन से तत्काल जोहड़ों को नहरी पानी से भरने की मांग करते हुए उन जोहड़ों को भी पक्के खालें बनाकर नहरी पानी से भरने की मांग की, जो अब तक नहरी पानी से नहीं जोड़े गए हैं।


मार्केट कमेटी में पाए गोलमाल के मसले में पांच फर्मों पर केस दर्ज
संस,कनीना। कनीना मंडी में अवैध रूप से सरकारी कैंटर में भर कर लाई गई सरसों के मामले को लेकर सरकार ने  शिकंजा कसना शुरू कर दिया है और कनीना मार्केट कमेटी के सचिव को तुरन्त प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार महेन्द्रगढ़ कृषि विपणन बोर्ड विभाग की शिकायत पर कनीना पुलिस ने देर रात को कनीना अनाज मंडी की मनीष ट्रेडिंग कंपनी, बोहरा जी ट्रेडिंग कंपनी दौंगड़ा अहीर, बालाजी इंटर प्राइजेज, शिव नरेश ट्रेडिंग फर्म सेहलंग, डिंपल ट्रेंडिंग फर्म सेहलंग के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है।
यहां गौरतलब है कि कनीना व इसके आसपास की विभिन्न फर्मों द्वारा अपनी गोलमाल की चर्चा जोरों पर रही जिसको लेकर सरकार द्वारा इसकी जांच हरियाणा के मुख्य प्रशासक डाक्टर डा जे गणेशन को दी गई जिसको लेकर उन्होंने दिवस जिले की विभिन्न मंडियों का जायजा लिया तथा जिन-जिन मंडियों में कमी पाई गई उनके सचिवों को तुरन्त प्रभाव से निलंबित करने के आदेश भी जारी कर दिये गये।
 वही इस आदेश के उपरांत क्षेत्र के समाजसेवियों एवं प्रबुद्ध लोगों ने हरियाणा के मुख्य प्रशासक डाक्टर जे गणेशन व हरियाणा सरकार का तहेदिल से धन्यवाद किया है। 



नरेश सिंह शेखावत को हाईकोर्ट के अटारनी जरनल की नियुक्ति पर खुशी जताई

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कनीना। हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश सिंह शेखावत को हरियाणा सरकार द्वारा सीनियर अटारनी जरनल बनाए जाने पर क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है। यहां गौरतलब है कि नरेश सिंह शेखावत वरिष्ठ अधिवक्ता रोहताश सिंह शेखावत के पुत्र है।



Friday, May 29, 2020



ओलावृष्टि ने कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ा

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 कनीना। कनीना तथा आसपास क्षेत्रों में शुक्रवार शाम को भारी ओलावृष्टि हुई जिसने पिछले कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बुजुर्ग कहते हुए हैं मौन हो जाते हैं कि उन्होंने जीवन में इतने भारी मात्रा में और इतने बड़े साइज वाले ओले कभी नहीं देखे। सौभाग्य रहा की फसल पककर तैयार नहीं थी, केवल खेतों में कपास खड़ी हुई है जो पूर्णतया नष्ट हो गई है।
कनीना क्षेत्र के  रामबास, मोड़ी, इसराणा, पड़तल,भोजावास, गोमला, मोहनपुर आदि क्षेत्रों से होकर भारी ओलावृष्टि हुई है जबकि बाकी क्षेत्रों में ओलावृष्टि बहुत कम हुई है।
 65 वर्षीय गजराज सिंह किसान बताते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार इतनी भारी मात्रा में ओले देखें और वे भी इतने बड़े की फसल को पूर्णतया नष्ट कर दिया है। किसान बेहद मायूस हैं। कपास उगाने वालों की कपास पूर्णता लुप्त हो गई है सबसे बड़ी बात देखने को मिली कि धरती इस प्रकार सफेद हो गई कि एक इंच जगह भी नहीं बची और तो और टीन शेड, पानी की टंकी आदि आदि में भी छेद हो गए हैं। फसल पर जब ओले पड़े तो यूं लग रहा था फसल नाम की कोई चीज नहीं है।
बुजुर्ग राम सिंह बताते हैं कि उनकी उम्र 80 साल के करीब है। उन्होंने कई बार भारी मात्रा में ओले पड़ते देखे हैं किंतु इतने भारी मात्रा में कभी ओले नहीं आए। कई दिनों से गर्मी पड़ रही थी जिसके बाद बारिश हुई। अंधड़ ने पेड़ों को क्षति पहुंचाई है वहीं 10 एमएम बारिश हुई। दो बार ओलावृष्टि आई। पहली बार अधिक तो दूसरी बार काम ओलावृष्टि हुई। बारिश का लाभ हो सकता था किंतु ओलावृष्टि ने तबाही मचा दी है। कनीना मंडी और खरीद केंद्र पर इस बार किसी प्रकार का कोई अनाज न होने से अनाज को नुकसान नहीं हो पाया।
बस जिससे भी पूछा जाए वह ओलावृष्टि से बहुत दुखी है। वह कहते हैं कि ऐसी ओलावृष्टि अगर खड़ी फसल और पकी हुई फसल पर हो जाए तो शायद एक दाना भी नहीं बच पाए। किसान एक और जहां ओलों की साइज तो दूसरी और ओलों की मात्रा से बहुत अधिक भयभीत है। उनका कहना है अगर ऐसे समय में पशु भी कोई बाहर होता तो उसको भी भारी क्षति होती। पक्षियों पर कितना कुप्रभाव पड़ा बाद में पता जग पायेगा लेकिन जिन पौधों के फूल आए हुए थे वे खत्म हो गए। इसराणा के मनोज कुमार जो सब्जी उगाते हैं, का कहना है कि उनकी सब्जी की ऑर्गेनिक फसल पूर्णतया नष्ट हो गई है। इतनी भारी मात्रा में ओलों से किसान ही नहीं आमजन भी चकित है।
उन्होंने जहां दीवारों पर भी निशान बना दिए हैं। ओलों से दीवारों पर निशान बन गए हैं और उन पर की गई पेंटिंग भी समाप्त हो गई है।
 फोटो कैप्शन 8: दीवारों पर गायब हुई पेंटिंग और पड़ हुए ओलों के निशान।
 फोटो कैप्शन 9: ओलों से सफेद हुई धरती और चारों तरफ ओलों की सफेद चादर।

रामबास व इसराणा के ग्रामीणों की गई स्क्रीनिंग
- 22 लोगों की गई सेंपलिंग 

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कनीना। पिछले 5 दिनों में कस्बे में कोरोना के 2 पॉजीटिव केस आ चुके हैं। कस्बे में कोरोना के दोनों पॉजिटिव मरीज गांवों से संबंध रखते हैं। दोनों पॉजिटिव मरीज दिल्ली से आए हैं । अब शहर से गांव आ रहे लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। सुरक्षा की दृष्टि से दो गांवों के लोगों की स्क्रीनिंग की गई वहीं 22 लोगों के सेंपल भी लिये गए।
ग्रामीणों ने मांग की है कि दिल्ली से कोई भी व्यक्ति आ रहा है उसके ऊपर प्रशासन विशेष तौर पर निगरानी रखें क्योंकि रामबास व इसराणा गांव में दोनों व्यक्ति दिल्ली से आए हैं ।
शुक्रवार को इसराना गांव के तकरीबन 430 ग्रामीणों की स्क्रीनिंग की गई । उनके साथ ही कोरोना पॉजिटिव सीआरपीएफ जवान के घर के आसपास रहने वाले 14 ग्रामीणों की सेंपलिंग की गई ।
   ड्यूटी डॉक्टर दिनेश कुमार, हेल्थ इंस्पेक्टर राजकुमार के निर्देशन में कोरोना पॉजिटिव मरीज के आसपास का एरिया की निगरानी रखी जा रही है। जिनमें उनके साथ एएनएम वह आशा वर्कर सहयोग कर रही हैं ।
कोरोना पॉजिटिव मरीज के आसपास की गलियों को सील किया हुआ है। स्वास्थ्य विभाग की टीम का गांव के सरपंच, नंबरदार, चौकीदार भी सहयोग कर रहे हैं। डॉक्टर दिनेश का कहना है कि कोरोना से बचाना ही कोरोना का उपाय है। घर से बाहर ना निकले और लोगों से ना मिले ।
वहीं दूसरी तरफ रामबास गांव के तरीबन 1380 ग्रामीणों की स्क्रीनिंग की गई तथा कोरोना  पॉजिटिव मरीज के परिवार के आठ व्यक्तियों की सैंपलिंग की गई ।
ड्यूटी डॉक्टर दिनेश कुमार ने बताया के घर के आस-पास वाली  को सील कर दिया गया है।
एसएमओ डॉ धर्मेंद्र ने लोगों से अपील की है कि कोरोना वायरस अभी खत्म हुआ नहीं हुआ है । इससे बचाव के लिए कोविड-19 की गाइडलाइन की अनुपालना करें।
फोटो कैप्शन 5: रागबास में लोगां की स्क्रीनिंग करते हुए।


8 एमएम बारिश हुई, ओले पड़े 

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 कनीना। कनीना क्षेत्र में शुक्रवार दोपहर पश्चात बारिश हुई वहीं कुछ गांवों में जमकर ओले पड़े। कपास की तथा चारा देने वाली फसलों को नुकसान हुआ।
खंड के गांव भोजावास, मोड़ी, पड़ताल, ढाणा आदि क्षेत्रों में ओलावृष्टि हुई। मोड़ी गांव के पूर्व सरपंच गजराज सिंह, अजय कुमार, कांता देवी आदि ने बताया कि उनके यहां जमकर ओलावृष्टि हुई है जिसके चलते धरती सफेद हो गई। इस वक्त कपास एवं चारा देने वाली फसलें खड़ी है। उनको नुकसान हुआ है वहीं फल, सब्जियों के पौधों को भी क्षति पहुंची है।
 किसान गजराज सिंह ने बताया कि किन्नू के पौधों पर छोटे-छोटे फल आ गए थे। वे सभी नष्ट हो गए। कपास की फसल को भारी नुकसान हुआ है। उधर अनाज मंडी में उठान होने से नुकसान नहीं हुआ। अधिकांश बैग सरसों एवं गेहूं का उठान हो चुका है। गुरुवार की रात को भी क्षेत्र में बारिश हुई थी। एक बार फिर से यहां बारिश हुई है।
इस वक्त किसानों ने कपास की फसल उगा रखी थी जो बड़ी हो गई है। 8 एमएम बारिश फसल के लिए नुकसानदायक नहैीु रही और बारिश से राहत मिली है किंतु ओलावृष्टि फसल के लिए जरूर घातक साबित हुई है।
गजराज सिंह किसान ने बताया कि उनके फसलों को ओलों ने ढक दिया। फसल दिखाई देनी बंद हो गई। इतनी भारी मात्रा में ओले पड़े कि घरों में कई कई किलो ग्राम ओले इक_े हो गए। ओलों की साइज भी बड़ा था जिसको लेकर के वे बेहद परेशान नजर आए। किसानों ने बताया कि एक तरफ कोरोना की मार वहीं अब उनकी उगाई हुई फसल को ओलों ने नुकसान कर दिया। ऐसे में उन्होंने सरकार से मांग की है कि जिन किसानों की कपास की फसल को नुकसान हुआ है उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए ताकि कोरोना के समय किसानों को कुछ आर्थिक मदद मिल सके।
 फोटो कैप्शन 6: फसल पर जमा ओले ओले
7: घर के एक कोने में जमा हुए कई किलो ओले।
 


बदल गया है चौपालों का स्वरूप
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कनीना। कोरोना तो डर के चलते गांवों में  चौपालों का स्वरूप ही बदल गया है। हुक्का,चाय, चिलम सभी बंद, चौपाल पड़ी हैं सुनसान और दिनभर बोलते हैं कांग।
 वास्तव में ग्रामीण क्षेत्रों में प्रत्येक गांव में चौपाल बनी हुई है, प्रत्येक जाति की चौपाल भी मिल सकती है। लेकिन इन चौपालों में जहां दिनभर व्यस्तता होती थी वर्तमान में वहां  कोई जन नजर नहीं आता। यहां दिनभर हुक्का चलता था विचारों का आदान-प्रदान चलता था वह लगभग समाप्त हो गया है। कोरोना के डर से लोग आपस में पास बैठने से कतराने लगे हैं। ऐसे में चौपाल चौपाल नहीं रह पाई है। अपना अस्तित्व खो रही है।
वैसे भी हाथों में दस्ताने, मुंह पर मास्क पहनकर बाहर निकलते हैं।एक दूसरे से खुलकर बात नहीं कर सकते, हुक्का, चिलम आदि पर मुंह लगाना पड़ता है। मुंह लगाने का मतलब है कि रोगाणु को अपने शरीर में ग्रहण करना। यही कारण है कि अब ये चीजे तो दूर इंसान ही चौपालों में नहीं आते हैं।
एक समय था जब चौपालों पर बैठकर लोग अपने सुख दुख की बातें एक दूसरे आदान प्रदान करते थे वही किसी समस्या को निपटाने के लिए भी इक_े बैठते थे किंतु अब कोरोना डर है। ऐसे में वे एम दूसरे के पास आने से ही कतराने लगे हैं। कहीं जहां दुकानों के आसपास भी भारी भीड़ देखने को मिलती थी अब न तो भीड़ है और न हुक्का मिलता है।
जब हुक्के की बात चलती है तो लोग चुप हो जाते हैं। एक और जहां सरकार ने बीड़ी, सिगरेट तंबाकू पर प्रतिबंध लगा रखा है वही कोरोना ने ही इस पर प्रतिबंध लगाने में अहम भूमिका निभाई है। चौपालों में इंसान एवं हुक्का दोनों मिलते थे वे दोनों गायब हो गये हैं। बुजुर्ग इंसान एवं हुक्के घरों में छुप गए हैं। जहां तंबाकू बेचने वालों के तंबाकू खरीददार नहीं हें। चौपाल अपना पहले वाला स्वरूप में आने में भविष्य में कितना समय लगेगा यह कहना कठिन है।
वैसे भी कोरोना बच्चे, बूढ़े और  महिलाओं में अधिक होता है और उन चौपालों पर अधिकांश बुजुर्ग और अनुभवी व्यक्ति बैठते थे और उनमें ही कोरोना का अधिक खतरा बना है। इसलिए उन्होंने चौपालों में आना छोड़ दिया है। बुजुर्ग तो ढूंढे नहीं मिल रहे हैं। ऐसे में युवा वर्ग ही बेशक कहीं बैठकर गपशप जरूर लगा लेता है। वो भी मुंह पर मास्क लगाकर दो-चार बात बोल कर चलते बनते हैं।
कोरोना के चलते कनीना के महेश बोहरा, मोहन पार्षद, कुलदीप कुमार, रवि कुमार, श्यामसुंदर मासी आदि से चर्चा की तो उन्होंने कहा कि आप उन्होंने हुक्का ही छोड़ दिया है। वैसे भी उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा प्रतिबंधित है और 31 मई को विश्व मद्यपान निषेध भी मनाया जा रहा है। ऐसे में उक्त छोडऩे में ही उन्होंने भलाई समझी। चौपालों पर चाय भी चलती थी किंतु अब तो चाय की बिक्री घट गई है। क्योंकि चाय की दुकानों पर जो कप व गिलास प्रयोग किए जाते हैं वे इस रोग को फैलाने में मददगार साबित हो सकते हैं। हुक्का,चाय, चिलम यहीं पर समय बिताने के साधन होते थे अब बंद हो चुके हैं।
फोटो कैप्शन 4: चौपाल का रूप लिये बैठे युवा।

जोहड़ भरने की मांग

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कनीना। बहुजन समाज पार्टी के नेता ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन से अटेली हलके के सूखे जोहड़ों को तत्काल नहरी पानी से भरवाने की मांग की है।
 अतरलाल ने कहा कि उन्हें विधानसभा क्षेत्र के गांव पाथेड़ा, अगिहार, खेड़ी, सेहलंग,नौताना, स्याणा, बाघोत, मुंडिया खेड़ा, दौंगड़ा जाट, दौंगड़ा अहीर, अटाली, सागरपुर, तिगरा, खोड़, छितरोली, झाड़ली, धनौन्दा, खरकड़ा बास, कैमला, उन्हानीए चेलावास, झिगावण, रामबास, इसराना, मोहनपुर, गुढ़ा, उच्चत, कोका, कपूरी, करीरा, कारिया, तलवाना, दुलोठ जाट, कटकई, पड़तल, भोजावास, ढाणा, मोड़ी, खैराणा, खैरानी, बोचडिय़ा, महासर, गढी रुथल, खारीवाड़ा, कांटीए बांस, खेड़ी, रामपुरा, नावदी, नीरपुर, सैदपुर पृथ्वीपुरा, राजपुरा आदि गांवों के ग्रामीणों से शिकायत मिली है कि उनके गांव के जोहड़ इस भयंकर गर्मी में सूखे पड़े हैं। कई गांवों में तो नहरी पानी पर आधारित जोहड़  तालाब भी सूखे पड़े हैं। परिणाम स्वरूप मवेशी, पशु ,पक्षियों को पीने के पानी का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन से तत्काल जोहड़ों को नहरी पानी से भरने की मांग करते हुए उन जोहड़ों को भी पक्के खालें बनाकर नहरी पानी से भरने की मांग की, जो अब तक नहरी पानी से नहीं जोड़े गए हैं।


मार्केट कमेटी में पाए गोलमाल को लेकर हरियाणा के मुख्य प्रशासन ने कसा शिकंजा, कनीना के सचिव को किया निलंबित

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कनीना। कनीना मंडी में अवैध रूप से सरकारी कैंटर में भर कर लाई गई सरसों के मामले को लेकर सरकार ने  शिकंजा कसना शुरू कर दिया है।और कनीना मार्केट कमेटी के सचिव को तुरन्त प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार महेन्द्रगढ़ कृषि विपणन बोर्ड विभाग की शिकायत पर कनीना पुलिस ने देर रात को कनीना अनाज मंडी की मनीष ट्रेडिंग कंपनी, बोहरा जी ट्रेडिंग कंपनी दौंगड़ा अहीर, बालाजी इंटर प्राइजेज, शिव नरेश ट्रेडिंग फर्म सेहलंग, डिंपल ट्रेंडिंग फर्म सेहलंग के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है।
यहां गौरतलब है कि कनीना व इसके आसपास की विभिन्न फर्मों द्वारा अपनी गोलमाल की चर्चा जोरों पर रही जिसको लेकर सरकार द्वारा इसकी जांच हरियाणा के मुख्य प्रशासक डाक्टर डा जे गणेशन को दी गई जिसको लेकर उन्होंने दिवस जिले की विभिन्न मंडियों का जायजा लिया तथा जिन-जिन मंडियों में कमी पाई गई उनके सचिवों को तुरन्त प्रभाव से निलंबित करने के आदेश भी जारी कर दिये गये।
 वही इस आदेश के उपरांत क्षेत्र के समाजसेवियों एवं प्रबुद्ध लोगों ने हरियाणा के मुख्य प्रशासक डाक्टर जे गणेशन व हरियाणा सरकार का तहेदिल से धन्यवाद किया है। 



नरेश सिंह शेखावत को हाईकोर्ट के अटारनी जरनल की नियुक्ति पर खुशी जताई

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कनीना। हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश सिंह शेखावत को हरियाणा सरकार द्वारा सीनियर अटारनी जरनल बनाए जाने पर क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है। यहां गौरतलब है कि नरेश सिंह शेखावत वरिष्ठ अधिवक्ता रोहताश सिंह शेखावत के पुत्र है।

Thursday, May 28, 2020

उच्च अधिकारियों ने आकर मार्केट कमेटी में रिकार्ड खंगाला 
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 कनीना। कनीना मार्केट कमेटी के तहत हो रही सरसों की खरीद जहां विभिन्न एजेंसियों द्वारा की गई है और जारी है उसमें करीब 4000 बैग कम पाए जाने की जांच कार्रवाई अब जोर पकडऩे लगी है।
 गुरुवार को हरियाणा मार्केटिंग बोर्ड के सीए डा जे गणेशन मौके पर पहुंचे तथा समस्त रिकार्ड खंगाला। इस अवसर पर उनके साथ जिला उपायुक्त जगदीश शर्मा,  एसपी सुलोचना गजराज,एसडीओ रणवीर सिंह, हैफेड मैनेजर सत्येंद्र यादव, कनीना मार्केट कमेटी चेयरमैन राजकुमार कनीनवाल उपाध्यक्ष ओमप्रकाश लिसानियां आदि मौजूद थे।
 इस मौके पर कनीना मंडी के आढ़ती अधिकारी से समस्या लेकर मिले जिनका विगत दिनों लाइसेंस रद्द कर दिया गया था। आढ़तियों ने अधिकारी से बताया कि उन पर पेनल्टी लगा दी गई है, लाइसेंस भी रद्द कर दिया गया है जो कि कनीना अनाज मंडी में जगह का अभाव है जिसके चलते अलग-अलग ढेरियां नहीं लगाई जा सकी। किसानों की आवक की एक ही ढऱी लगा दी गई थी। उन्होंने मांग की कि उनके लाइसेंस बहाल किए जाए तथा पेनाल्टी वापिस ली जाए।
 इस मौके पर डा जे गणेशन ने कहा कि उन्होंने समस्त रिकार्ड इकट्ठे कर लिए है, जांच की जाएगी। कोई भी दोषी पाया गया उसको किसी हाल में नहीं बख्शा जाएगा।
 फोटो कैप्शन 3: जी गणेश मार्केट कमेटी में
उदार कनीना मार्केट कमेटी में जांच करने के लिए।




 पक्षियों के लिए सिकोरे रखें 
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कनीना। रविदास मोहल्ला वार्ड 8 में पक्षियों के लिए शिकोरे रखे। इस मौके पर  विभिन्न स्थानों पर पक्षियों के लिए दाना पानी का प्रबंध किया। इस मौके पर 20 विभिन्न शिकोरे रखे गए।
 सतीश कुमार सिंह ने कहा कि गर्मियों में तापमान 45 डिग्री के आसपास पहुंच जाता है। पक्षियों की सुरक्षा करना जरूरी बन जाता हैं। उनके लिए दाना पानी का प्रबंध किया जाना उचित है।
उल्लेखनीय है कि हर वर्ष या युवा वर्ग पक्षियों के लिए सिकोरे का प्रबंध करता रहा है। इस मौके पर उमराव सिंह पूर्व सरपंच, सुदरलाल, शिवमदत्त, सतीश कुमार, सिद्धार्थ अनुज, विजयपाल, डा प्रशांत, अनुज आदि उपस्थित थे।
 भीषण गर्मी के चलते एक ओर जहां पक्षियों का जीना कठिन हो रहा है वहीं उनकी संख्या घटने के पीछे भीषण गर्मी भी एक कारण है। लेकिन लोगों के जागरूक हो जाने के कारण अब घरों की छतों पर सिकोरे रखे जाने लगे हैं वहीं दाने भी डाले जाते हैं।
   वर्तमान में लोग भी जीव जंतुओं के प्रति जागरूक हो गए हैं। वे अपने घरों की छतों पर तथा दीवारों पर निरीह पक्षियों के लिए गर्मियों में सिकोरे रखते आ रहे हैं। इन सिकोरों में सुबह एवं शाम को पानी भरते हैं ताकि पक्षी जल पी सके और भीषण गर्मी से बच सके। कनीना के राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह,तथा महेश कुमार प्रतिदिन शिकोरों में पानी भरते हैं।
    बाबा मोलडऩाथ, बाबा राधेदास, विभिन्न मंदिर कनीना के पास ही पक्षियों के लिए विशेष चबूतरे बनाए गए हैं जहां भक्त देवी देवता के दर्शन के लिए जाते हैं तो अपने साथ अन्न ले जाते हैं। इस अन्न को पक्षियों के लिए डाल देते हैं। पक्षी इसी अन्न को खाते हैं।
फोटो कैप्शन 1: पक्षियों के लिए सिकोरे का प्रबंध करते समाजसेवी।



करीब सवा सौ घरों में की गई स्क्रीनिंग

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 कनीना। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई टीमों ने कनीना उपमंडल के गांव रामबास में 124 घरों में 640 लोगों का स्क्रीनिंग की गई वहीं गांव कंटेंमेंट जोन जॉन थापित कर दिया गया है। इस गांव में आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
 गांव में दवा का छिड़काव करके सैनिटाइज किया है। पूरा प्रशासन उन पर नजर जमाए हुए हैं। मिली जानकारी अनुसार डॉ धर्मेंद्र के नेतृत्व में डॉ दिनेश कुमार, राजकुमार एच आई आदि की तीन टीमें गठित की गई थी तीनों टीमों ने प्रत्येक घर जाकर सभी लोगों की स्क्रीनिंग की है और अब गांव को कंटेंमेंट जोन घोषित कर दिया है।
पुलिस ने किया जागरूक ----
कनीना पुलिस प्रशासन ने पूरे कस्बे में लोगों को कोरोनावायरस के प्रति जागरूक किया और लोकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी।
 उन्होंने कहा कि मास्क प्रयोग करें, हाथों में दस्तानें प्रयोग करें तथा घर से बाहर ना निकले। शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक घर से बाहर ना निकले। महिला, बुजुर्ग, बच्चे घरों के अंदर ही रहे।



व्यक्ति ने की आत्महत्या

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वाद सहयोगी, कनीना। सिंहोर गांव में एक  युवक ने अपने घर पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उसके पिता द्वारा दिए गए बयान के अनुसार सरजीत खाना खा पीकर सोने के लिए गया था। सुबह उसे फांसी के फंदे पर मृत पाया गया। कनीना पुलिस ने 174 की कार्रवाई कर कर दी है।

घरों में रहने की अपील की

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 कनीना। कनीना उप नागरिक अस्पताल के एसएमओ डॉ धर्मेंद्र ने कहा है कि गर्मी बढ़ती जा रही है तथा कोरोना के चलते लोगों को घरों में रहना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लेना चाहिए तथा घर से बाहर नंगे हाथ पैर कभी नहीं घूमना चाहिए। वैसे भी कोरोना की वजह से घर से बाहर निकलना उचित नहीं है। ऐसे में उन्होंने हिदायत दी है कि लोगों को घर में आराम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अक्सर गर्मी के दिनों में डिहाइड्रेशन हो जाता है शरीर से पानी की कमी हो जाती है और समस्या बढ़ जाती है।


हेलो जागरण में की बात, फोन व्यस्त रहा

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 कनीना। कनीना क्षेत्र के लोगों में हेलो जागरण के प्रति उत्साह देखने को मिला। समय कम होने तथा फोन की व्यवस्था के चलते बहुत कम बात हो पाई। बार बार प्रयास करने पर भी बात नहीं हो पाई।
कनीना के महेश बोहरा ने सांसद चौधरी धर्मवीर से बात की और पूछा कि कनीना कस्बे में जो उपमंडल कार्यालय का निर्माण किया जाना था वही न्यायिक परिसर का भी निर्माण होना था और जिसका उद्घाटन भी कर दिया गया था लेकिन अभी तक इसकी एक ईंट भी नहीं लग पाई इसके पीछे कारण है? इस पर उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में उच्च अधिकारियों से इस संबंध में बात करेंगे, तभी कोई उत्तर दे पाएंगे।







कनीना क्षेत्र में एक और व्यक्ति और पॉजिटिव पाया गया
-अब तक रामबास में एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव  था 

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कनीना। कनीना क्षेत्र में एक और व्यक्ति और कोरोना पॉजिटिव पाया गया
अब तक रामबास में एक व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव था। जो विगत दिनों पटिकरा भेज दिया गया था। अब एक और कैस मिला है। अब कनीना क्षेत्र में कोरोना के दो पोजिटिव केस बन गए हैं।
 मिली जानकारी अनुसार सिकंदर इसराणा निवासी दिल्ली से 24 मई को यहां आया था। 25 को 25 मई को उसका सैंपल लिया गया जो पॉजिटिव आया है। उप नागरिक अस्पताल कनीना के एसएमओ डॉ धर्मेंद्र कनीना शाम 6:30 बजे उन्हें उनके गांव से एंबुलेंस द्वारा लाने तथा उन्हें पटिकरा छोडऩे की कार्रवाई में जुट गए हैं। इस प्रकार दूसरा केस सामने से एक बार फिर से हड़कंप मच गई है। प्रशासन कार्रवाई में जुट गया है।
फोटो कैप्शन 5: एसएमओ केस को उनके घर से लाने जाते हुए।

हैंड वास एवं सेनिटाइजर मशीन लगवाई 

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कनीना। कनीना न्यायालय परिसर में बार एसोसिएशन कनीना द्वारा हैंड वास एवं हैंड सेनीटाइजर मशीन लगाई गई। इस मौके पर एसोसिएशन प्रधान सतीश गाहड़ा ने कहा कि इस समय महामारी से बचाव के लिए एकमात्र यही विकल्प बाकी है।
आज कोई परिसर में आता है तो उसे पहले हैंड वास करना जरूरी हो जाता है। यही कारण है कि कोर्ट परिसर में यह मशीन लगाई गई है ताकि महामारी को बढऩे से रोका जा सके। उन्होंने कहा कि हमारे न्याय के मंदिर की सुरक्षा व साफ-सफाई रखना हम सभी की जिम्मेदारी है। इस अवसर पर संदीप यादव एडवोकेट, एडवोकेट विक्रम सिंह, एडवोकेट योगेश कुमार गुप्ता, दीपक चौधरी अखिल अग्रवाल ,संदीप सिंह आदि अधिवक्ता मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 2: कनीना न्यायिक परिसर में हैंड वास मशीन लगाते हुए बार एसोसिएशन कनीना।



सफाई कर्मियों को बांटे साबुन और तेल

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कनीना। कनीना नगर पालिका में कार्यरत 40 सफाई कर्मियों को आज पालिका प्रधान ने हैंड वास के लिए डिटाल साबुन और तेल की बोतल वितरित किए।
 सतीश जेलदार पालिका प्रधान ने बताया कि सफाई कर्मी दिन-रात सफाई कार्य करते हैं। ऐसे में इनके हाथ साफ करवाना और शरीर की सफाई करना बहुत जरूरी है। इसलिए सभी को 3-3 डिटोल साबुन तथा तीन-तीन बोतल तेल की वितरित की है ताकि ये घर का भी गुजर बसर कर सके। वही अपने शरीर की साफ-सफाई कर सके। उन्होंने कहा कि करीब 2 माह तक श्रमिकों को यहां भोजन कराया गया जिसका परिणाम सार्थक आया है। इसी चलते अब उन्होंने निर्णय किया है कि सभी सफाई कर्मियों को भी कुछ राहत दी जाए और उन्हें खाद्य सामग्री के रूप में  खाद्य तेल तथा स्नान करने वास्ते साबुन दिए हैं । इस मौके पर राजाराम सचिव, हितेश कुमार जेई, पूर्व प्रधान राजेंद्र लोढ़ा, विक्की पार्षद, शिवचरण शर्मा लेखाकार आदि मौजूद थे।
 फोटो कैप्शन 4: तेल तथा साबुन वितरित करते सतीश जेलदार



विगत 7 दिनों से सरसों खरीद नहीं, भविष्य में भी कोई संभावना नहीं 

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 कनीना। कनीना अनाज मंडी में विगत 7 दिनों से सरसों की कोई खरीद नहीं हो रही है। अभी आगामी दिनों में भी खरीद की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। अभी तक आगामी खरीद को लेकर के कोई शेड्यूल जारी नहीं हुआ है जिसको लेकर के किसान सकते में है।
 उल्लेखनीय है कि करीब 2000 किसान अभी भी सरसों बेचने के लिए लाइन में है लेकिन उनका एक बार भी नंबर नहीं आया है जिसको लेकर के वे परेशान है। सरकार अभी जांच कार्य में लग रही है जिसके चलते खरीद नहीं हो पा रही है।
उधर कनीना अनाज मंडी से उठान कार्य अभी जारी है। अभी फड़ों पर भारी मात्रा में सरसों पड़ी हुई है जिसका अभी उठान किया जाना है।
फोटो कैप्शन 1: कनीना अनाज मंडी में फड़ों पर पड़ी हुई सरसों।
 


हेलो जागरण में की बात, फोन व्यस्त रहा
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 कनीना। कनीना क्षेत्र के लोगों में हेलो जागरण के प्रति उत्साह देखने को मिला। समय कम होने तथा फोन की व्यवस्था के चलते बहुत कम बात हो पाई। बार बार प्रयास करने पर भी बात नहीं हो पाई।
कनीना के महेश बोहरा ने सांसद चौधरी धर्मवीर से बात की और पूछा कि कनीना कस्बे में जो उपमंडल कार्यालय का निर्माण किया जाना था वही न्यायिक परिसर का भी निर्माण होना था और जिसका उद्घाटन भी कर दिया गया था लेकिन अभी तक इसकी एक ईंट भी नहीं लग पाई इसके पीछे कारण है? इस पर उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में उच्च अधिकारियों से इस संबंध में बात करेंगे, तभी कोई उत्तर दे पाएंगे।

विगत 7 दिनों से सरसों खरीद नहींं, भविष्य में भी कोई संभावना नहीं

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कनीना। कनीना अनाज मंडी में विगत 7 दिनों से सरसों की कोई खरीद नहीं हो रही है। अभी आगामी दिनों में भी खरीद की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। अभी तक आगामी खरीद को लेकर के कोई शेड्यूल जारी नहीं हुआ है जिसको लेकर के किसान सकते में है।
 उल्लेखनीय है कि करीब 2000 किसान अभी भी सरसों बेचने के लिए लाइन में है लेकिन उनका एक बार भी नंबर नहीं आया है जिसको लेकर के वे परेशान है। सरकार अभी जांच कार्य में लग रही है जिसके चलते खरीद नहीं हो पा रही है।
उधर कनीना अनाज मंडी से उठान कार्य अभी जारी है। अभी फड़ों पर भारी मात्रा में सरसों पड़ी हुई है जिसका अभी उठान किया जाना है।
फोटो कैप्शन 1: कनीना अनाज मंडी में फड़ों पर पड़ी हुई सरसों।
 


करीब सवा सौ घरों में की गई स्क्रीनिंग
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 कनीना। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई टीमों ने कनीना उपमंडल के गांव रामबास में 124 घरों में 640 लोगों का स्क्रीनिंग की गई वहीं गांव कंटेंमेंट जोन जॉन थापित कर दिया गया है। इस गांव में आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
 गांव में दवा का छिड़काव करके सैनिटाइज किया है। पूरा प्रशासन उन पर नजर जमाए हुए हैं। मिली जानकारी अनुसार डॉ धर्मेंद्र के नेतृत्व में डॉ दिनेश कुमार, राजकुमार एच आई आदि की तीन टीमें गठित की गई थी तीनों टीमों ने प्रत्येक घर जाकर सभी लोगों की स्क्रीनिंग की है और अब गांव को कंटेंमेंट जोन घोषित कर दिया है।
पुलिस कर रही है जागरूक ---
कनीना पुलिस प्रशासन ने पूरे कस्बे में लोगों को कोरोनावायरस के प्रति जागरूक किया और लोकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी।
 उन्होंने कहा कि मास्क प्रयोग करें, हाथों में दस्तानें प्रयोग करें तथा घर से बाहर ना निकले। शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक घर से बाहर ना निकले। महिला, बुजुर्ग, बच्चे घरों के अंदर ही रहे।


पर्यावरण के क्षेत्र में नाम कमाया है लक्की सिगड़ा ने

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 कनीना। लक्की सीगड़ा ने पर्यावरण क्षेत्र में भी अहम भूमिका अदा की है। जहां एक सामाजिक कार्यकर्ता बतौर जाने जाते हैं वहीं उन्होंने जीवों की सुरक्षा देखरेख तथा पर्यावरण को सुरक्षा प्रदान करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने जगह जगह जहां सिकोरे रखे हैं वहीं पेड़ पौधे भी लगा रहे हैं उन्होंने बताया कि पेड़ पौधे पेड़ पौधों से उन्हें बहुत अधिक लगाव है। यही कारण है कि जहां कहीं जाते हैं सबसे पहले पेड़ पौधों के बारे में जानकारी हासिल करते हैं। पेड़ पौधे जो हमारे जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं इसलिए पेड़ पौधों की सुरक्षा की जिम्मेवारी हम सभी की बनती है
उन्होंने कहा कि पेड़ पौधे ।की हर जगह आवश्यकता है। ऐसे में  जहां भी अवश्य को पेड़ पौधे जरूर लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अक्सर पौधों की कटाई अधिक करते हैं जिसके चलते पेड़ पौधे धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। पेड़ पौधे ही जीवन प्रदान करते हैं। इसलिए पेड़ पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हर बारिश में हर इंसान को एक-एक पौधा लगाना चाहिए। उन्होंने अपने घर के आसपास बारिश के मौसम में हर समय हजारों की संख्या में पेड़ पौधे लगाये हैं।
 उनका कहना है कि पेड़-पौधों से उनका लगाव है और वे चाहते हैं कि जीवन में अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाए।
फोटो : लक्की सिगड़ा


हेलो जागरण में की बात, फोन व्यस्त रहा

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कनीना। कनीना क्षेत्र के लोगों में हेलो जागरण के प्रति उत्साह देखने को मिला। समय कम होने तथा फोन की व्यवस्था के चलते बहुत कम बात हो पाई। बार बार प्रयास करने पर भी बात नहीं हो पाई।
कनीना के महेश बोहरा ने सांसद चौधरी धर्मवीर से बात की और पूछा कि कनीना कस्बे में जो उपमंडल कार्यालय का निर्माण किया जाना था वही न्यायिक परिसर का भी निर्माण होना था और जिसका उद्घाटन भी कर दिया गया था लेकिन अभी तक इसकी एक ईंट भी नहीं लग पाई इसके पीछे कारण है? इस पर उन्होंने कहा कि वे इस संबंध में उच्च अधिकारियों से इस संबंध में बात करेंगे, तभी कोई उत्तर दे पाएंगे।

विगत 7 दिनों से सरसों खरीद नहं, भविष्य में भी कोई संभावना नहीं 

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 कनीना। कनीना अनाज मंडी में विगत 7 दिनों से सरसों की कोई खरीद नहीं हो रही है। अभी आगामी दिनों में भी खरीद की कोई संभावना नजर नहीं आ रही है। अभी तक आगामी खरीद को लेकर के कोई शेड्यूल जारी नहीं हुआ है जिसको लेकर के किसान सकते में है।
 उल्लेखनीय है कि करीब 2000 किसान अभी भी सरसों बेचने के लिए लाइन में है लेकिन उनका एक बार भी नंबर नहीं आया है जिसको लेकर के वे परेशान है। सरकार अभी जांच कार्य में लग रही है जिसके चलते खरीद नहीं हो पा रही है।
उधर कनीना अनाज मंडी से उठान कार्य अभी जारी है। अभी फड़ों पर भारी मात्रा में सरसों पड़ी हुई है जिसका अभी उठान किया जाना है।
फोटो कैप्शन 1: कनीना अनाज मंडी में फड़ों पर पड़ी हुई सरसों।

Wednesday, May 27, 2020

करीब सवा सौ घरों में की गई स्क्रीनिंग
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 कनीना। स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाई गई टीमों ने कनीना उपमंडल के गांव रामबास में 124 घरों में 640 लोगों का स्क्रीनिंग की गई वहीं गांव कंटेंमेंट जोन जॉन थापित कर दिया गया है। इस गांव में आने-जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
 गांव में दवा का छिड़काव करके सैनिटाइज किया है। पूरा प्रशासन उन पर नजर जमाए हुए हैं। मिली जानकारी अनुसार डॉ धर्मेंद्र के नेतृत्व में डॉ दिनेश कुमार, राजकुमार एच आई आदि की तीन टीमें गठित की गई थी तीनों टीमों ने प्रत्येक घर जाकर सभी लोगों की स्क्रीनिंग की है और अब गांव को कंटेंमेंट जोन घोषित कर दिया है।


व्यक्ति ने की आत्महत्या

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 कनीना। सिंहोर गांव में एक  युवक ने अपने घर पर फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। उसके पिता द्वारा दिए गए बयान के अनुसार सरजीत खाना खा पीकर सोने के लिए गया था। सुबह उसे फांसी के फंदे पर मृत पाया गया। कनीना पुलिस ने 174 की कार्रवाई कर कर दी है।

घरों में रहे

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 कनीना। कनीना उप नागरिक अस्पताल के एसएमओ डॉ धर्मेंद्र ने कहा है कि गर्मी बढ़ती जा रही है तथा कोरोना के चलते लोगों को घरों में रहना चाहिए। ज्यादा से ज्यादा तरल पदार्थ लेना चाहिए तथा घर से बाहर नंगे हाथ पैर कभी नहीं घूमना चाहिए। वैसे भी कोरोना की वजह से घर से बाहर निकलना उचित नहीं है। ऐसे में उन्होंने हिदायत दी है कि लोगों को घर में आराम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अक्सर गर्मी के दिनों में डिहाइड्रेशन हो जाता है शरीर से पानी की कमी हो जाती है और समस्या बढ़ जाती है।

पुलिस ने किया जागरूक 

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कनीना। कनीना पुलिस प्रशासन ने पूरे कस्बे में लोगों को कोरोनावायरस के प्रति जागरूक किया और लोकडाउन के नियमों का सख्ती से पालन करने की हिदायत दी।
 उन्होंने कहा कि मास्क प्रयोग करें, हाथों में दस्तानें प्रयोग करें तथा घर से बाहर ना निकले। शाम सात बजे से सुबह सात बजे तक घर से बाहर ना निकले। महिला, बुजुर्ग, बच्चे घरों के अंदर ही रहे।

लोगों ने ठेका हटाने के लिए उच्च अधिकारियों को लिखा पत्र
संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना खंड के गांव करीरा के लोगों ने उच्चाधिकारियों को पत्र लिखकर वर्तमान में करीरा में जो ठेका खोला है उसे पहले वाले स्थान पर ही ले जाने की मांग की है। उन्होंने पुलिस एसएचओ तथा उच्चाधिकारियों को पत्र भेजा है जिसमें कहा गया है कि वर्तमान स्थिति में घनी आबादी है। इस आबादी में ठेका खोलना उचित नहीं है। उन्होंने मांग की है कि ठेके को पहले वाले या अन्यत्र स्थान पर ले जाया जाए। पत्र में करीब तीन दर्जन लोगों के हस्ताक्षर हैं।





1 किलो 40 ग्राम का पैदा किया बैंगन 

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 कनीना। किसान नया कुछ करने में सदा लगे रहते हैं। एक वैज्ञानिक की भांति कार्य करके नया कुछ कर दिखाते हैं।  कनीना उपमंडल के गांव मोड़ी निवासी अजय सिंह ने अपने खेत में 1 किलो 40 ग्राम का बैंगन पैदा किया है। उन्होंने कांटे पर तोलकर दिखाते हुए बताया कि उनके खेत में एक कनाल में बैंगन के पौधे उगाए हुए हैं जो पैदावार देने लग गए हैं। खेत में एक बैंगन 1 किलो 40 ग्राम का भी पैदा किया है। उन्होंने बताया कि वह तो खेत में छोटे-बड़े बैंगन खूब मात्रा में लग रहे लेकिन इतना वजनी बैंगन देखकर वह खुद भी चकित हैं। हर वर्ष अपने खेत में सब्जी उगा कर किसान नाम कमा रहा है। इस बार लाकडाउन की वजह से उनका यह बैंगन किसी प्रतियोगिता में नहीं भेजा जा सकेगा।  वरना इस बैंगन को किसी प्रतियोगिता में ले जाकर नाम कमाना चाह रहे हैं।
 फोटो कैप्शन 3 व 4. किसान अजय कुमार 1 किलो 40 ग्राम दिखाते हुए।


थाना व चौकी को सैनिटाइज किया 

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कनीना। बढ़ते कोरोना प्रकोप के चलते ऐतिहात के नियम का पालन किया जा रहा है। नगर पालिका द्वारा दुकान खोलने का रोस्टर बनाया हुआ है किंतु कुछ लोग दुकान खोल लेते हैं उनको समझा कर बंद करवाई जाती है। अब जब कनीना खंड में एक जन कोरोना पॉजिटिव पाया गया है। ऐसे में कनीना पुलिस चौकी एवं थाना दोनों जगह सैनिटाइज करवाने की कार्रवाई नगर पालिका द्वारा की गई। सतीश जेलदार पालिका प्रधान ने बताया मेन बाजार, कनीना पुलिस चौकी, पुलिस थाना को ट्रैक्टर की सहायता से करवाया गया है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में ऐतिहात के और भी कठोर तरीके अपनाए जाएंगे ताकि क्षेत्र में किसी प्रकार कोरोना न फैल सके।
 


युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष बने जितेन्द्र जोनी
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कनीना। आरएसएस के कर्मठ पुर्णकालिक रहे जितेन्द्र जोनी को भारतीय जनता कार्यकर्ता मोर्चा के युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश उपाध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया है।
जितेन्द्र जोनी ने अपनी नियुक्ति पर कार्यकर्ता मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष पवन पंडित का आभार जताते हुए कहा कि कार्यकर्ता मोर्चा को हरियाणा प्रदेश के हर युवा तक पहुंचाकर मजबूती के साथ संवाद से समर्थन और समर्थन से सम्मान की बात की जाएगी। ताकि जो सामान्य कार्यकर्ता संगठन के लिए अपना जीवन समर्पित कर देते हैं उनके महत्व को समाज में सम्मान दिलाया जा सके। 
कार्यकर्ता मोर्चा के नवनियुक्त युवा प्रदेश उपाध्यक्ष जितेन्द्र जोनी ने जानकारी देते हुए बताया कि जल्दी ही युवा वर्ग में संगठन के विचारों का प्रचार प्रसार एवं संगठनात्मक गतिविधियां शुरू की  जाएंगी।

पर्यावरण के क्षेत्र में नाम कमाया है लक्की सिगड़ा ने

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 कनीना। लक्की सीगड़ा ने पर्यावरण क्षेत्र में भी अहम भूमिका अदा की है। जहां एक सामाजिक कार्यकर्ता बतौर जाने जाते हैं वहीं उन्होंने जीवों की सुरक्षा देखरेख तथा पर्यावरण को सुरक्षा प्रदान करने में अपनी अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने जगह जगह जहां सिकोरे रखे हैं वहीं पेड़ पौधे भी लगा रहे हैं उन्होंने बताया कि पेड़ पौधे पेड़ पौधों से उन्हें बहुत अधिक लगाव है। यही कारण है कि जहां कहीं जाते हैं सबसे पहले पेड़ पौधों के बारे में जानकारी हासिल करते हैं। पेड़ पौधे जो हमारे जीवन में अहम भूमिका निभाते हैं इसलिए पेड़ पौधों की सुरक्षा की जिम्मेवारी हम सभी की बनती है
उन्होंने कहा कि पेड़ पौधे ।की हर जगह आवश्यकता है। ऐसे में  जहां भी अवश्य को पेड़ पौधे जरूर लगाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अक्सर पौधों की कटाई अधिक करते हैं जिसके चलते पेड़ पौधे धीरे-धीरे कम होते जा रहे हैं। पेड़ पौधे ही जीवन प्रदान करते हैं। इसलिए पेड़ पौधों की सुरक्षा की जिम्मेदारी लेनी चाहिए। हर बारिश में हर इंसान को एक-एक पौधा लगाना चाहिए। उन्होंने अपने घर के आसपास बारिश के मौसम में हर समय हजारों की संख्या में पेड़ पौधे लगाये हैं।
 उनका कहना है कि पेड़-पौधों से उनका लगाव है और वे चाहते हैं कि जीवन में अधिक से अधिक पेड़ लगाए जाए।
फोटो कैप्शन 2:लक्की सीगड़ा।





6 दिनों से सरसों की खरीद नहीं 

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 कनीना। कनीना मंडी तथा इसके तहत आने वाली खरीद केंद्रों पर विगत 6 दिनों से कोई सरसों की खरीद नहीं हुई है। आगामी दिनों में भी खरीद की कोई संभावना नहीं है। हैफेड मैनेजर सतेंद्र यादव ने बताया कि अभी आगामी खरीद संबंधित कोई पत्र नहीं आया है। उठान कार्य जारी है। 21 के बाद कोई खरीद नहीं हुई है और न अभी खरीद के लिए सूचि जारी की गई है।
  उधर जो किसान सरसों बेचने से वंचित रह गये हैं उनमें रोष पनपने लगा है। वहीं गत दिवस कनीना मंडी में अवैध सरसों भी पकड़ी गई थी। कनीना मंडी से सात फर्मों के खरीद लाइसेंस भी जिला उपायुक्त रद्द कर चुका है।


पक्षियों के लिए सिकोरे रखें 

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कनीना। रविदास मोहल्ला वार्ड 8 में पक्षियों के लिए शिकोरे रखे। इस मौके पर  विभिन्न स्थानों पर पक्षियों के लिए दाना पानी का प्रबंध किया। इस मौके पर 20 विभिन्न शिकोरे रखे गए।
 सतीश कुमार सिंह ने कहा कि गर्मियों में तापमान 45 डिग्री के आसपास पहुंच जाता है। पक्षियों की सुरक्षा करना जरूरी बन जाता हैं। उनके लिए दाना पानी का प्रबंध किया जाना उचित है।
उल्लेखनीय है कि हर वर्ष या युवा वर्ग पक्षियों के लिए सिकोरे का प्रबंध करता रहा है। इस मौके पर उमराव सिंह पूर्व सरपंच, सुदरलाल, शिवमदत्त, सतीश कुमार, सिद्धार्थ अनुज, विजयपाल, डा प्रशांत, अनुज आदि उपस्थित थे।
 उभीषण गर्मी के चलते एक ओर जहां पक्षियों का जीना कठिन हो रहा है वहीं उनकी संख्या घटने के पीछे भीषण गर्मी भी एक कारण है। लेकिन लोगों के जागरूक हो जाने के कारण अब घरों की छतों पर सिकोरे रखे जाने लगे हैं वहीं दाने भी डाले जाते हैं।
   वर्तमान में लोग भी जीव जंतुओं के प्रति जागरूक हो गए हैं। वे अपने घरों की छतों पर तथा दीवारों पर निरीह पक्षियों के लिए गर्मियों में सिकोरे रखते आ रहे हैं। इन सिकोरों में सुबह एवं शाम को पानी भरते हैं ताकि पक्षी जल पी सके और भीषण गर्मी से बच सके। कनीना के राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह,तथा महेश कुमार प्रतिदिन शिकोरों में पानी भरते हैं।
    बाबा मोलडऩाथ, बाबा राधेदास, विभिन्न मंदिर कनीना के पास ही पक्षियों के लिए विशेष चबूतरे बनाए गए हैं जहां भक्त देवी देवता के दर्शन के लिए जाते हैं तो अपने साथ अन्न ले जाते हैं। इस अन्न को पक्षियों के लिए डाल देते हैं। पक्षी इसी अन्न को खाते हैं।
फोटो कैप्शन 1: पक्षियों के लिए सिकोरे का प्रबंध करते समाजसेवी।


नवोदय विद्यालय के शिक्षकों ने तैयार किया मोबाइल एप 

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कनीना। कोविड-19 के कारण सभी शिक्षण संस्थाएं बंद है जिससे  विद्यार्थियों की पढाई प्रभावित हो रही है, व बच्चों के पढ़ न पाने के कारण  अभिभावकगण भी परेशान हैं। इस महामारी के समय में सभी विद्यालय घर से ही छात्रों को पढ़ाने का प्रयास कर रहे है। जिसमें विद्यालय छात्रों को पढ़ाने के लिए वाटसएप या यूट्यूब चैनल का सहारा ले रहे है। इसी कड़ी में जिले के एकमात्र जवाहर नवोदय विद्यालय के अध्यापक भी इस  कार्य में पीछे नहीं है।
शिक्षण के कार्य को ओर आसान बनाते हुए विद्यालय के शिक्षकों ने कंप्यूटर विज्ञान, इंफारमेटिक्स प्रेक्टिसिज, बिजनेस स्ट्डीज व अकाउंटस विषय में कक्षा 11 व 12 के छात्रों के लिए दो विभिन्न मोबाइल एप का निर्माण किया है जो बच्चों को गूगल प्ले स्टोर पर (डा0 सुनील वत्स एप) के नाम से आसानी से उपलब्ध हो सकता है।
विद्यालय प्राचार्य सुरेश कुमार ने उपरोक्त विषय पर जानकारी देते हुए बताया कि विद्यालय के सभी अध्यापकों ने अपने अपने विषय में यू-ट्यूब चैनल व वाट्सएप गु्रप तो पहले से बनाए हुए थे। अब इस कार्य को ओर आसान करते हुए विद्यालय प्राध्यापक डा. सुनील वत्स व  विक्रम सिंह ने अपने अपने विषयों में मोबाइल एप बनाई है जिसके माध्यम से बच्चों को एक ही स्थान पर सभी विषय वस्तु मिल जाएगी। विद्यालय प्राचार्य ने शिक्षकों के इस प्रयास की सराहना करते हुए बताया कि ये एप विद्यार्थियों के लिए वरदान साबित होगी।
उपरोक्त एप के बारे में जानकारी देते हुए विद्यालय प्राध्यापक डा. सुनील वत्स व विक्रम सिंह ने बताया कि एप को बड़े ही सरल मोड में विकसित किया गया हैं। इस एप मे कक्षा 11 व 12 के सभी चैप्टर का स्टडी मेटिरियल पीडीएफ व विडियो मोड में उपलब्ध है। एप में विद्यार्थियों के लिए प्रश्न पत्र भाग अलग से जोडा  गया है। जिसके माध्यम से छात्र अपने ज्ञान का परीक्षण आसानी से कर सकते है।