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Sunday, May 24, 2020

गर्मी ने तोड़े रिकार्ड, घर से निकलना मुश्किल
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 कनीना। एक ओर जहां कोरोना की मार वही भीषण गर्मी के चलते घर से बाहर निकलना कठिन हो गया है। एक और जहां कोरोना के तहत रात्रि के समय बच्चे और बूढ़ों को घर से बाहर न निकलने की हिदायत दी हुई है वही अब दिन के समय गर्मी पडऩे से वे बाहर नहीं निकल सकते। ऐसे में पूरा समय घर के अंदर ही बिताना होगा। वैसे भी कोरोना रोग के समय अंदर रहने की हिदायत दी गई है उसे गर्मी ने पूरा कर दिखलाया है। तापमान 45 डिग्री से अधिक पहुंच गया है जिसके चलते छोटे बेलदार पौधे जलने लगे हैं। पेयजल संकट छाने लगा है।

5.33 लाख बैग सरसों के खरीदे 

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 कनीना। कनीना तथा इसके तहत आने वाले 3 खरीद केंद्रों पर अब तक 5.33 लाख बैग सरसों की खरीदी जा चुके हैं।
 विस्तृत जानकारी देते हुए फिर मैनेजर यादव ने बताया कि कनीना में 222615 बैग
सेहलंग में 114241 दिन में एक लाख 1344 करीरा में 95151 बैग, दौंगड़ा अहीर में 101344 बैग तथा करीरा में 95151 बैग सरसों के खरीदे जा चुके हैं और इस प्रकार कुल खरीद 533351 हो चुकी है।
जूठे किसानों की जांच करने की मांग की संवाद सहयोगी,कनीना। कनीना मंडी में कुछ झूठे किसान बनकर रजिस्ट्रेशन करवा हजारों क्विंटल सरसों बेच चुके हैं। उनकी जांच करने की मांग किसानों ने उठाई है।
यहां मार्केट कमेटी कनीना, एसडीएम, हैफेड मैनेजर आदि को शिकायत देते हुए हनुमान शर्मा, अगिहार, शिवकुमार खेड़ी, मुकेश यादव गुढ़ा, धर्मपाल कैमला, नरेंद्र सिंह, प्रवीण सिंह, राज सिंह, गायत्री देवी, ब्रह्म प्रकाश, सतबीर सिंह आदि ने बताया है कि कुछ मुनाफा खोर किसानों ने जिनके पास 5 मरला तक जमीन नहीं है और हजारों क्विंटल सरसों बेच डाली है। उन्होंने फर्जी रजिस्ट्रेशन करवाया है और सरकार को चूना लगाया है। किसानों ने मांग की है कि फर्जी  किसानों की जांच की जाए जो झूठे हैं
निकले उनके विरुद्ध कार्रवाई की जाये। उल्लेखनीय है कि पहले भी एक शिकायत झूठा किसान होने की आई थी।


दो दिन से नहीं हुई सरसों की खरीद 

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 कनीना। कनीना तथा इसके तहत आने वाले खरीद केंद्रों पर 2 दिनों से सरसों की खरीद नहीं हो पाई है। अभी भविष्य में जारी शेड्यूल पर निर्भर करता है कि खरीद होगी या नहीं हो पाएगी?
उल्लेखनीय है कि कनीना तथा इसके तहत करीरा, सेहलंग, दौंगड़ा अहीर में सरसों की खरीद जारी थी किंतु करीरा में सभी फर्मों के लाइसेंस रद्द कर देने से वहां खरीद केंद्र लगभग बंद हो गया है। जो किसान बचे हैं उन्हें कनीना ही सरसों बेचने के लिए आना पड़ेगा।
 उधर दौंगड़ा अहीर और सेहलंग में खरीद केंद्र जारी है। विभिन्न खरीद केंद्रों पर लगभग एक दर्जन विभिन्न फर्मों के जिला उपायुक्त ने लाइसेंस रद्द कर दिये हैं। अभी करीब 1200 किसान विभिन्न खरीद केंद्रों पर सरसों बेचने के लिए तैयार बैठे हैं। जल्दी ही सरसों की खरीद किए जाने की संभावना है।


सभी दुकानें बंद रही 

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कनीना। दुकान खोलने के नए रोस्टर के लागू होने से रविवार को सभी दुकानें बंद रही। महज आपातकालीन सेवाएं जरूर जारी रही।  दुकान खोलने का रोस्टर बनाया हुआ है जिसमें रोस्टर एक और दो नाम दिया गया है। रोस्टर के तहत सप्ताह में 3 दिन दुकान खोली जा सकती है।

उप नागरिक अस्पताल का भेंट की दो सेनिटाइजर मशीन 

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कनीना। उप नागरिक अस्पताल कनीना में आरपीएस एजुकेशन ग्रुप के चेयरमैन डा ओपी यादव ने दो नो हैंड नो टच सैनिटाइजर मशीन भेंट की। इससे पहले नगरपालिका कनीना में भी वे इस प्रकार की मशीन दे चुके हैं।
आरपीएस इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा बनाया गई नो हैंड नो टच सैनिटाइजर बिना हाथ या सिर से छूये अर्थात पैर से चलती है । जहां एक तरफ पुलिस कर्मी, स्वास्थ्य कर्मी, समाजसेवी लगातार कोरोना वायरस से लडऩे के लिए लगे हुए हैं। वहीं दूसरी तरफ आरपीएस इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थी भी एक नई सैनिटाइजर मशीन बना रहे हैं।
आरपीएस ग्रुप के चेयरमैन डा ओपी यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि आरपीएस इंजीनियरिंग कॉलेज के विद्यार्थी लॉक डाउन में कोरोना वायरस से लडऩे के लिए एक पैर से चलित मशीन बनाई हैं। इस मशीन से यह फायदा है कि इसको पैर से टच करो और ऊपर से सैनिटाइज निकलेगा। जिससे बिना हाथ लगाए अपने हाथ को सैनिटाइज कर सकते हैं। वही चेयरमैन ओपी यादव ने आगे जानकारी देते हुए बताया कि अभी तक हम इस तरीके की चार मशीन जिला उपायुक्त नारनौल को दे चुके हैं। दो मशीन एसपी कार्यालय दे चुके हैं  दो मशीन एसडीएम महेंद्रगढ़ कार्यालय दे चुके हैं। चार मशीन महेंद्रगढ़ राजकीय हॉस्पिटल में दे चुके हैं । दो मशीन पुलिस प्रशासन को दे चुके हैं। एक मशीन ब्रह्मदेव चौक पर लगाई हुई है। पांच मशीन बैंकों में दे चुके हैं। एक मार्केट कमेटी कनीना में दी है। एक एसडीएम कार्यालय कनीना तथा एक जुडिशल कार्यालय कनीना में दे रहे हैं।
    उन्होंने कहा कि कनीना में जहां भी जरूरत होगी हम वहां पर हम यह मशीन निशुल्क उपलब्ध करवा देंगे। डॉ यादव  ने आगे यह भी बताया कि हम एक रोबोट भी बना रहे हैं। यह रोबोट राजकीय हॉस्पिटलों में दिया जाएगा। इस रोबोट की खासियत यह है कि यह अपने आप दवाई मरीज तक पहुंचाएगा। अपने आप उनके हाथ सैनिटाइज करेगा।  जिस तरह की कमांड इस रोबोट को दी जाएगी उसी तरह का एक कार्य करेगा ।
डॉ यादव ने कहां की उप नागरिक अस्पताल कनीना में हम एक बड़ी मशीन गिफ्ट करेंगे । उप नागरिक अस्पताल कनीना में नियमितरूप से बहुत सारे मरीज आते हैं। यह बड़ी मशीन मेन गेट पर लगा दी जाएगी।  जिससे अंदर आने वाला व्यक्ति पूरी तरीके से सैनिटाइज हो जाए । इससे बीमारियां फैलने  का खतरा कम होगा।
  इस मौके पर पालिका प्रधान सतीश जेलदार, पालिका के पूर्व प्रधान मा दलीप सिंह, राजेंद्र सिंह लोढ़ा, डा अंकित, डा नेहा, डा विनय शर्मा, डा दीपांशु ,सुनील कुमार सहित विभिन्न पदाधिकारी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 1: सेनिटाइजर मशीन कनीना उप नागरिक अस्पताल को भेंट करते हुए।


स्कूल ने पूर्व सरपंच को किया सम्मानित 

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कनीना। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी तलवाना में गांव के पूर्व सरपंच रामनिवास चौधरी को कोविड-19 के दौरान विद्यालय में प्रवासी मजदूरों को रोकने, उनकी देखभाल में सराहनीय योगदान देने के चलते प्राचार्य द्वारा सम्मानित किया गया।
 सम्मान पत्र में कहा गया है कि रामनिवास चौधरी ने स्कूल को सैनिटाइज करवाने में, प्रवासी मजदूरों को रोकने, उनकी देखभाल करने में अहम भूमिका निभाई है। इसलिए उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाता है।
 फोटो कैप्शन दो: रामनिवास को सम्मानित करते प्राचार्य राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी।


बुजुर्ग बेहतर ढंग से बिता रहे हैं अपनी दिनचर्या 

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कनीना। यूं तो कोरोना के चलते बुजुर्गों और बच्चों को शाम 7 बजे से प्रात: 7:00 बजे तक न निकलने की सलाह दी गई है किंतु बहुत से बुजुर्ग अपनी दिनचर्या बेहतर ढंग से बिता लेते हैं। कुछ हंस बोलकर तो कुछ अपने घर के पास घूम फिरकर। लेकिन सीगड़ा का एक दंपति घर के लिए सब्जी उगाने में समय बीता रहा है।
 सीगड़ा फार्म हाउस पर बुजुर्ग दंपति रणजीत सिंह तथा उनकी पत्नी मुकेश देवी अपना समय सब्जी देने वाले पौधों में बिता रहे हैं। सुबह शाम समय निकालकर सब्जी देने वाले पौधों की सेवा करते हैं। उन्होंने बताया कि वे घर के लिए तो प्रिया बेहतरीन सब्जी प्राप्त कर लेते हैं वहीं कुछ लागत प्राप्त करने के लिए भी खेत पर आए लोगों को सब्जी बेच देते हैं। दंपति ने बताया कि विगत 3 साल से यह कार्य मिर्च, बैंगन एवं टमाटर उगाने का कार्य कर रहे हैं और हर साल 15000 रुपये तक की सब्जी अकेले अपने खेत पर ही बेच देते हैं।
वे किसी को सब्जी देने घर नहीं जाते हैं। उन्होंने बताया कि इस बार का समय उनके लिए ज्यादा बेहतर साबित हुआ है ताकि वे यहां बैठ कर अपना समय भी बिता लें और बेहतरीन सब्जी भी पैदा कर ले।
दंपति ने बताया कि पिछले 4 साल से वे मिर्च आदि सब्जी उगा रहे हैं उनका उद्देश्य सब्जी बेचना नहीं है परंतु जब घर के लिए पर्याप्त मात्रा में सब्जी उपलब्ध होने के बाद अधिक सब्जी होती है तो वे उनके यहां आए हुए लोगों को बेच देते हैं।
उन्होंने बताया कि लोक डाउन के चलते इस बार उनकी सब्जी कम बिकी है किंतु उनकी मेहनत के परिणाम स्वरूप बेहतरीन मिर्च आदि तैयार कर ली है। उनका कहना है कि इससे उनका लॉक डाउन का समय भी व्यतीत तो जाता है और मन भी खुश रहता है। रही लागत की बात वह भी कुछ सब्जी बेचकर पूरी हो जाती है। इस प्रकार दंपति अपना समय बेहतरीन तरीके से बिता रहे हैं वरना अधिकांश लोग अपने घरों में पड़े हुए हैं और कोई कार्य नहीं कर रहे हैं।
 फोटो कैप्शन 3: दंपत्ति सब्जी उगाकर समय बीताते हुए।

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