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Saturday, May 30, 2020


एसडीएम को ज्ञापन सौंप मांगा मुआवजा

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कनीना। गत दिवस कनीना खंड के विभिन्न गांवो मेें हुई भारी ओलावृष्टि से कपास की फसल तबाह हो गई। जिसको लेकर उपमंडल के विभिन्न गांवो के दर्जना पीडि़त किसान कनीना एसडीएम कार्यालय पहुंचे तथा उनके कार्यालय न होने के कारण उनके रीडर से मिलकर अपना दुखड़ा रोया व मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन देकर ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई की मांग भी की।
इस ज्ञापन में किसानों ने बताया कि गत दिवस अचानक तेज हवा के साथ भारी ओलावृष्टि हुई जिसके कारण घरो पर लगी लोहे व सीमेंट की चदरो के अन्दर छेद हो गए तथा उनके नीचे जो पशु बंघे हुए थे उनको भी चोटे लगी। वही दूसरी और किसानो द्वारा इस कोरोना काल में बडी भारी मुश्किल से जो कपास की बिजाई कि थी वह खत्म हो गई है। उन्होंने मुआवजे की मांग सरकार से की है।
फोटो कैप्शन 6: मुआवजे की मांग का ज्ञापन सौंपते लोग।

जांच का काम शुरू,चार टीमें गठित

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कनीना। विगत दिनों सरसों के मामले में जहां पांच फर्मों के विरुद्ध मामला दर्ज हो गया है वहीं मार्केट कमेटी सचिव सस्पेंड हो चुके हैं। अब हैफेड तथा हरियाणा स्टेट वेयरहाउस की संघन जांच शुरू हो गई है।
  जांच के लिए चार टीमें एसडीएम रणवीर सिंह के नेतृत्व में गठित कर दी गई है जिनमें युद्धवीर सिंह बीडीपीओ, अमित कुमार नायब तहसीलदार, एसडीओ पंचायतीराज दिवाकर राय तथा अभयराम खंड शिक्षा अधिकारी कनीना की टीमें गठित की गई हैं। ये टीमें वेयरहाउस एवं हैफेड गोदामों की सघन जांच कर पता लगायेगी कि गड़बड़ कहा हो रही है साथ में रिकार्ड भी खंगाल रही है। एसडीएम का कहना है कि दोषी को किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा।
 



बेहतर प्रबंध किये गये थे खाने के 
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कनीना। कोरोना के वक्त कनीना खंड के गांव धनैंदा में जहां शेल्टर होम बनाया गया था जहां 60 से 70 लोग ठहरे भी थे। वहां पर लोगों को साथ अच्छा व्यवहार किया गया। उनके खाने-पीने रहने के लिए प्रबंध किए गए थे। खाने में नाश्ता, दोपहर का भोजन और शाम को चाय का प्रबंध एवं रात्रि का भोजन भी था।
 उनके सोने के लिए गद्दों का प्रबंध किया गया था। हालांकि कनीना खंड में बहुत कम गांव ऐसे थे जहां लोग ठहरे थे। जहां श्रमिक काम कर रहे थे वही उनको ठहराने का आदेश दिया था जिसके चलते शेल्टर होम खाली रहे थे। महज कनीना शेल्टर होम में भारी गहमागहमी 2 महीने तक चली।
  धनौंदा सरपंच रूपेंद्र ने बताया कि उनके यहां शहीद महेश पाल स्टेडियम में बाहर के लोगों के लिए भोजन पानी की व्यवस्था की गई थी। यहां तक कि जब यहां से अपने गांव के लिए रवाना हुए तब भी उन्हें बेहतर ढंग से खाना नाश्ता करवाकर विदा किया था। केवल श्रमिक ही खुश नहीं थे बल्कि वे भी श्रमिकों के व्यवहार से प्रसन्न थे। वहीं उन्होंने खुश होकर उन्हें भोजन खिलाया। रूपेंद्र सरपंच का कहना है कि
सरपंच सरपंच रूपिंदर ने बताया कि जहां ठहरने के लिए गद्दे लगाए गए थे जो टेंट हाउस से लाए गए थे वहीं भोजन के लिए हलवाई लगाए गए थे।  एक इंसानियत के नाते उन्होंने अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाई। यहां तक कि उनके नहाने ,धोने का प्रबंध भी अच्छा रहा। जब ये लोग घर लौट रहे थे तो कुछ एक की आंखों में आंसू भी थे क्योंकि वे बहुत प्रभावित थे।  उधर धनौंदा के ओमबीर का कहना है कि सरपंच ने जो भूमिका निभाई वह इंसानियत के नाते बेहतर कदम था। खाने-पीने रहने सोने आदि का जो प्रबंध किया उसमें कोई कसर नहीं छोड़ी गई थी। यद्यपि उनका यह शेल्टर होम कम दिनों तक चला। अधिकांश श्रमिक और बाहर के लोग कनीना में ठहरे हुए थे, ऐसे में गांव में सरपंचों को कुछ कम मौका मिला ताकि उनकी सेवा की जा सके। उन्होंने बताया कि सरपंच ने बार बार उनके शेल्टर होम में जाकर उनसे समस्याएं पूछी। खाने-पीने का प्रबंध बेहतर रहा।
फोटो कैप्शन: सरपंच रूपेंद्र सिंह तथा ओमबीर सिंह।



कड़ी धूप में भी बंदरों से पेड़ों की करनी होती है सुरक्षा

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कनीना। कनीना कस्बे में बंदरों की समस्या सिर चढ़कर बोल रही है। लंबे अरसे से कनीना में बंदर बेहद परेशान कर रहे हैं। हर घर में हजारों रुपए का नुकसान प्रतिवर्ष कर देते हैं। यदि बागवानी, फल फूल पौधे लगा लिए जाये तो कुछ ही दिनों में बंदरों द्वारा उखाड़ दिये जाते हैं। कस्बा की सुमंत देवी का कहना है कि वह दिन भर पेड़ पौधों के पास धूप और छांव में बैठी रहती है। क्योंकि बंदर न जाने का उनके फलों को तोड़ जाते हैं। पौधों को क्षत विक्षत कर जाते हैं तथा छोटे पौधों को तो उखाड़ कर रख देते हैं। बंदरों द्वारा काटने, परेशान करने, नुकसान पहुंचाने की घटनाएं आम हो गई है। एक बार कनीना नगर पालिका ने कुछ बंदर पकड़वा कर छुड़वाए थे और अब फिर से उन्हें दूर छुड़वाने की मांग उठ रही है।
सुमंत देवी का कहना है कि पौधे बड़ी मेहनत से लगाए जाते हैं और कुछ ही मिनटों में ये बंदर तोड़ जाते हैं। यहां तक कि बच्चों को डराते हैं और काटने का डर भी होता है।
उधर पालिका प्रधान सतीश जैलदार का कहना है कि जल्द ही बंदरों को पकड़वा कर दूर छुड़वा दिया जाएगा।
 फोटो कैप्शन 5: सुमंत देवी दोपहर में पेड़ों की सुरक्षा करते हुए।


पक्षियों के लिए रखे सिकोरे

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जगह जगह रखे जा रहे हैं सिकोरे
कनीना । कोरोना महामारी संक्रमण से बचाव के लिए देश व्यापी लॉकडाउन के चलते मनुष्य तो बोल कर अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति कर लेता है लेकिन बेजुबान पशु पक्षियों की दशा बहुत ही सोचनीय है।  इसलिए बीएमडी क्लब एवं काफि़ला ग्रुप  के द्वारा कस्बे के धनौंदा गांव में रमन सिंह के नेतृत्व में परिंडा बांधने की मुहिम शुरू की गई। इस मुहिम को आगे बढ़ाते हुए संगठन के सदस्य नरेंद्र सिंह ने बाबा समाधि स्थल पर,तथा युवराज व रिषभ ने मंदिर स्थान पर परिंडे लगाए ।
 मुन्नी देवी ने मोहल्ले में लगे हुए नीम के पेड़ पर परिंडे लगाए। संस्था के सदस्यों ने अपने अपने घरों पर परिंडे बांधकर बेजुबान जीवों के लिए तपती गर्मी में पीने के पानी की व्यवस्था की । बीएमडी क्लब
संस्था के चेयरमैन लक्की सीगड़ा व काफिला ग्रुप की अध्यक्ष रमन सिंह ने संयुक्त रूप से बताया कि वे लोगों को जागरूक कर रहे हैं कि बेजुबान परिंदों को दाना पानी की व्यवस्था करवाई जाए। इस मुहिम में हरियाणा के अलावा राजस्थान, उत्तर प्रदेश,पंजाब आदि राज्यों के लोग भी जुड़े हुए हैं जो अपने-अपने राज्यों में इस मुहिम को आगे बढ़ा रहे हैं।
  उधर कनीना में आपका सहयोग संघ के अध्यक्ष योगेश कुमार ने भी पार्क में अनेकों सिकोरे रखे हैं। वे प्रतिदिन उनमें पानी डालते हैं।
फोटो कैप्शन 6: बीएमडी क्लब सिकोरे रखते हुए।



सफाई कर्मियों को बांटे साबुन और तेल

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 कनीना। कनीना नगर पालिका में कार्यरत 40 सफाई कर्मियों को आज पालिका प्रधान ने हैंड वास के लिए डिटाल साबुन और तेल की बोतल वितरित किए।
 सतीश जेलदार पालिका प्रधान ने बताया कि सफाई कर्मी दिन-रात सफाई कार्य करते हैं। ऐसे में इनके हाथ साफ करवाना और शरीर की सफाई करना बहुत जरूरी है। इसलिए सभी को 3-3 डिटोल साबुन तथा तीन-तीन बोतल तेल की वितरित की है ताकि ये घर का भी गुजर बसर कर सके। वही अपने शरीर की साफ-सफाई कर सके। उन्होंने कहा कि करीब 2 माह तक श्रमिकों को यहां भोजन कराया गया जिसका परिणाम सार्थक आया है। इसी चलते अब उन्होंने निर्णय किया है कि सभी सफाई कर्मियों को भी कुछ राहत दी जाए और उन्हें खाद्य सामग्री के रूप में  खाद्य तेल तथा स्नान करने वास्ते साबुन दिए हैं । इस मौके पर राजाराम सचिव, हितेश कुमार जेई, पूर्व प्रधान राजेंद्र लोढ़ा, विक्की पार्षद, शिवचरण शर्मा लेखाकार आदि मौजूद थे।
ओलावृष्टि ने कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ा
संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना तथा आसपास क्षेत्रों में शुक्रवार शाम को भारी ओलावृष्टि हुई जिसने पिछले कई दशकों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है। बुजुर्ग कहते हुए हैं मौन हो जाते हैं कि उन्होंने जीवन में इतने भारी मात्रा में और इतने बड़े साइज वाले ओले कभी नहीं देखे। इस वक्त फसल पककर तैयार नहीं थी, केवल खेतों में कपास खड़ी हुई है जो पूर्णतया नष्ट हो गई है।
कनीना क्षेत्र के  रामबास, मोड़ी, इसराणा, मानपुरा,भोजावास, गोमला, बोहका आदि क्षेत्रों से होकर भारी ओलावृष्टि हुई है जबकि बाकी क्षेत्रों में ओलावृष्टि बहुत कम हुई है।
 65 वर्षीय गजराज सिंह किसान बताते हैं कि उन्होंने अपने जीवन में पहली बार इतनी भारी मात्रा में ओले देखें और वे भी इतने बड़े की फसल को पूर्णतया नष्ट कर दिया है। किसान बेहद मायूस हैं। कपास उगाने वालों की कपास पूर्णता लुप्त हो गई है सबसे बड़ी बात देखने को मिली कि धरती इस प्रकार सफेद हो गई कि एक इंच जगह भी नहीं बची और तो और टीन शेड, पानी की टंकी आदि आदि में भी छेद हो गए हैं। फसल पर जब ओले पड़े तो यूं लग रहा था फसल नाम की कोई चीज नहीं है।
मोड़ी के किसान अजय कुमार के फव्वारा पाइपों में छेद हो गए। किसानों को भारी क्षति उठानी पड़ी है। बुजुर्ग बताते हैं कि इतने बड़े ओले कभी उनके जीवन में नहीं पड़े। अंधड़ ने पेड़ों को क्षति पहुंचाई है । किसान गजराज मोड़ी, कांता मोड़ी ने बताया कि सब्जी, फलदार पौधे, कपास, ंबाजर आदि पूर्णरूप से नष्ट हो गए।
बस जिससे भी पूछा जाए वह ओलावृष्टि से बहुत दुखी है। वह कहते हैं कि ऐसी ओलावृष्टि अगर खड़ी फसल और पकी हुई फसल पर हो जाए तो शायद एक दाना भी नहीं बच पाए। किसान एक और जहां ओलों की साइज तो दूसरी और ओलों की मात्रा से बहुत अधिक भयभीत है। उनका कहना है अगर ऐसे समय में पशु भी कोई बाहर होता तो उसको भी भारी क्षति होती। पक्षियों की मौत हो गई। जिन पौधों के फूल आए हुए थे वे खत्म हो गए। इसराणा के किसान अजय जो सब्जी उगाते हैं, का कहना है कि उनकी सब्जी की ऑर्गेनिक फसल पूर्णतया नष्ट हो गई है। पोलीहाउस में छेद हो गये। इतनी भारी मात्रा में ओलों से किसान ही नहीं आमजन भी चकित है। बाजर की फसल बर्बाद हो गई।
उन्होंने जहां दीवारों पर भी निशान बना दिए हैं। ओलों से दीवारों पर निशान बन गए हैं और उन पर की गई पेंटिंग भी समाप्त हो गई है। किसानों ने क्षतिग्रस्त फसलों का मुआवजा देने की मांग की है।
 फोटो कैप्शन 1: दीवारों पर गायब हुई पेंटिंग और पड़ हुए ओलों के निशान।
 फोटो कैप्शन 2: ओलों से सफेद हुई धरती और चारों तरफ ओलों की सफेद चादर।
3. मोड़ी का किसान अजय सब्जी।

ओलावृष्टि से हुए नुकसान की भरपाई करे सरकार -सुनीता वर्मा************************************

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कनीना। समाजसेवी अतरलाल ने भोजावास, ढाणा, पड़तल, रामबास, मोड़ी, गोमला, इसराना, मुंडिया खेड़ा, बेवल, दौंगड़ा जाट, दौंगड़ा अहीर, खैराना, खैरानी, कलवाड़ी, मोहलडा़, रातां, खारीवाड़ा, गढी रुथल, कारिया, मोहनपुर, गुजरवास, महासर आदि अनेक गांवों में शुक्रवार को हुई तेज ओलावृष्टि से उनके गांव के किसानों की कपास, सब्जी तथा हरा चारा ज्वार आदि की फसलें चौपट होने पर दुख व्यक्त किया हैं। ओले बड़े थे। ऐसी ओलावृष्टि पहले कभी नहीं हुई। ओले सीमेंट तथा लोहे की चादरों को तोड़कर पार निकल गए। भयंकर ओलों की मार से कपास, सब्जी, बागों के फलदार पौधे तथा हरा चारा के लिए उगाई गई फसलों को भारी नुकसान हुआ है। मंदी तथा लॉकडाउन की मार से अभी तक किसान उबरा भी नहीं था कि यह नई मुसीबत आन पड़ी। उन्होंने मुआवजा देने की मांग की है।
 उधर पार्षद सुनीता वर्मा ने कहा कि तेज ओलों की मार से जहां हजारों बेजुबान पक्षियों को अपना जीवन गंवाना पड़ा वहीं घरों में पालतू पशुओं के लिए बनाई गई झोपडिय़ां भी तबाह हो गई। गरीब मजदूर किसान लाचार नजर आये। उन्होंने बताया कि  मोड़ी, खैराना, और राता के आस पास के लगते करीब 10 गांव ज्यादा प्रभावित हुए हैं। ओलावृष्टि से गोमली में एक घर ढह गया है।
वर्मा ने सरकार से मांग की की जल्द इन नुकसान का आकलन करके पीडि़त परिवारों को राहत पहुंचाई जाये। फसल में हुए नुकसान की भी गिरदावरी कराके उचित मुआवजा दिया जाए।
फोटो कैप्शन 4: ओलावृष्टि से फटे हुए पोलीहाउस का नजारा।

जोहड़ भरने की मांग

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संस,कनीना। बहुजन समाज पार्टी के नेता ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन से अटेली हलके के सूखे जोहड़ों को तत्काल नहरी पानी से भरवाने की मांग की है।
 अतरलाल ने कहा कि उन्हें विधानसभा क्षेत्र के गांव पाथेड़ा, अगिहार, खेड़ी, सेहलंग,नौताना, स्याणा, बाघोत, मुंडिया खेड़ा, दौंगड़ा जाट, दौंगड़ा अहीर, अटाली, सागरपुर, तिगरा, खोड़, छितरोली, झाड़ली, धनौन्दा, खरकड़ा बास, कैमला, उन्हानीए चेलावास, झिगावण, रामबास, इसराना, मोहनपुर, गुढ़ा, उच्चत, कोका, कपूरी, करीरा, कारिया, तलवाना, दुलोठ जाट, कटकई, पड़तल, भोजावास, ढाणा, मोड़ी, खैराणा, खैरानी, बोचडिय़ा, महासर, गढी रुथल, खारीवाड़ा, कांटीए बांस, खेड़ी, रामपुरा, नावदी, नीरपुर, सैदपुर पृथ्वीपुरा, राजपुरा आदि गांवों के ग्रामीणों से शिकायत मिली है कि उनके गांव के जोहड़ इस भयंकर गर्मी में सूखे पड़े हैं। कई गांवों में तो नहरी पानी पर आधारित जोहड़  तालाब भी सूखे पड़े हैं। परिणाम स्वरूप मवेशी, पशु ,पक्षियों को पीने के पानी का संकट पैदा हो गया है। उन्होंने राज्य सरकार तथा जिला प्रशासन से तत्काल जोहड़ों को नहरी पानी से भरने की मांग करते हुए उन जोहड़ों को भी पक्के खालें बनाकर नहरी पानी से भरने की मांग की, जो अब तक नहरी पानी से नहीं जोड़े गए हैं।


मार्केट कमेटी में पाए गोलमाल के मसले में पांच फर्मों पर केस दर्ज
संस,कनीना। कनीना मंडी में अवैध रूप से सरकारी कैंटर में भर कर लाई गई सरसों के मामले को लेकर सरकार ने  शिकंजा कसना शुरू कर दिया है और कनीना मार्केट कमेटी के सचिव को तुरन्त प्रभाव से निलंबित कर दिया है।
मिली जानकारी के अनुसार महेन्द्रगढ़ कृषि विपणन बोर्ड विभाग की शिकायत पर कनीना पुलिस ने देर रात को कनीना अनाज मंडी की मनीष ट्रेडिंग कंपनी, बोहरा जी ट्रेडिंग कंपनी दौंगड़ा अहीर, बालाजी इंटर प्राइजेज, शिव नरेश ट्रेडिंग फर्म सेहलंग, डिंपल ट्रेंडिंग फर्म सेहलंग के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी है।
यहां गौरतलब है कि कनीना व इसके आसपास की विभिन्न फर्मों द्वारा अपनी गोलमाल की चर्चा जोरों पर रही जिसको लेकर सरकार द्वारा इसकी जांच हरियाणा के मुख्य प्रशासक डाक्टर डा जे गणेशन को दी गई जिसको लेकर उन्होंने दिवस जिले की विभिन्न मंडियों का जायजा लिया तथा जिन-जिन मंडियों में कमी पाई गई उनके सचिवों को तुरन्त प्रभाव से निलंबित करने के आदेश भी जारी कर दिये गये।
 वही इस आदेश के उपरांत क्षेत्र के समाजसेवियों एवं प्रबुद्ध लोगों ने हरियाणा के मुख्य प्रशासक डाक्टर जे गणेशन व हरियाणा सरकार का तहेदिल से धन्यवाद किया है। 



नरेश सिंह शेखावत को हाईकोर्ट के अटारनी जरनल की नियुक्ति पर खुशी जताई

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कनीना। हाई कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता नरेश सिंह शेखावत को हरियाणा सरकार द्वारा सीनियर अटारनी जरनल बनाए जाने पर क्षेत्र में खुशी की लहर दौड़ गई है। यहां गौरतलब है कि नरेश सिंह शेखावत वरिष्ठ अधिवक्ता रोहताश सिंह शेखावत के पुत्र है।



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