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Saturday, May 16, 2020




एक परिवार-एक परिंडा मिशन चलाया बीएमडी ने

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कनीना। बीएमडी क्लब द्वारा सामाजिक सरोकारों के उत्थान हेतु एवं बेजुबान पक्षियों की संरक्षण के उद्देश्य के साथ-साथ मानवता का सन्देश देते हुए एक परिवार-एक परिंडा मिशन का शुभारम्भ किया। क्लब कार्यालय पर द्वर 15 सिकोरे लगाकर मिशन की शुरुआत की गई हैं।
अध्यक्ष लक्की सिगड़ा ने जानकारी देते हुए बताया की हर वर्ष की भांति संस्था इस वर्ष भी बेजुबान पक्षियों की संरक्षण का विशेष रख- रखाव कर रही हैं। एक परिवार एक परिंडा अभियान के तहत सड़कों पर जगह जगह प्याऊ लगाई जाएगी और पक्षियों के लिए परिंडों की व्यवस्था की जाएगी। इस अभियान के तहत परिंदो के लिए पार्कों, उद्यानों और अनेकों स्थानों सहित देश भर में 11000 परिंडे बांधे एवं वितरित किए जाएंगे।
उन्होंने कहा की पक्षी प्रकृति से गहराई से जुड़े होते हैं । पक्षी हमारे पर्यावरण के अभिन्न अंग हैं । हमें  पक्षियों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास करना चाहिए। पक्षियों का जीवन हमारे लिए अति आवश्यक है। परिंदे पर्यावरण में सहयोग करते हैं। पक्षियों से वातावरण में सौंदर्य बना रहता हैं।
लक्की सीगड़ा ने लोगो से अपील करते हुए कहा की यदि पक्षियों के लिए गर्मी में दाना -पानी की व्यवस्था नहीं हो पाती हैं तो उसके कारण कई पक्षी भूख और प्यास से मर जाते हैं। इस अवसर पर क्लब को-ऑर्डिनेटर डिम्पल यादव, सचिव इंद्रजीत शर्मा एवं चेयरमैन लक्की सीगड़ा, क्लब सदस्य अनिल कुमार, सुरेन्द्र भडफ़ भी उपस्थित थे।
फरोटो कैप्शन 5: परिंडे बांधते हुए बीएमडी क्लब सदस्य।








बीएमडी क्लब ने विश्वव डेंगू दिवस पर शुरू की अनोखी पहल |
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बीमारियों के प्रति ऑनलाइन कार्यक्रम का आयोजन कर किया जायेगा जागरूक |
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*******************************कनीना। वैश्विक महामारी कोरोना वायरस जैसी सवेदनशील स्थिति में लॉकडाउन के दौरान जहा एक और लोग घर से बहार नहीं जा सकते है वही दूसरी ओर बीएमडी क्लब द्वारा विश्वव डेंगू दिवस पर एक अनोखी जागरूकता पहल शुरू की जा रही हैं | फेसबुक पेज एवं अन्य सोशल मीडिया प्लेटफार्म का सहारा लेकर लोगों को ऑनलाइन जोड़ कर विशेषज्ञों द्वारा लोगो तक जानकारी पहुंचाई जाएगी |
बीएमडी क्लब कोऑर्डिनेटर डिम्पल यादव उर्फ़ पिंकी ने कहा की डेंगू जैसे घातक बीमारी से रोकथाम के लिए सर्तकता और जागरूकता जरूरी है। हर साल 16 मई को विश्व डेंगू दिवस के रूप में मनाया जाता है। और लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक किया जाता है। कोरोना जैसे महामारी को देखते हुए इस समय पर किसी प्रकार की जागरूकता रैली या सभा का आयोजन नहीं किया जा रहा हैं | इस दिवस के उद्देश्य की पूर्ति के लिए बीएमडी क्लब स्वास्थ्य विभाग के साथ मिलकर कोरोना संक्रमण के दौरान सोशल मीडिया के माध्यम से जन जागरूकता का प्रयास करेगा। इसमें छोटी-छोटी फिल्मों और स्लोगन के जरिए मच्छर जनित रोगों से बचाव की जानकारी दी जा रही है 
कोरोना को लेकर हर जगह गांवो वार्डों में साफ-सफाई पर विशेष ध्यान  दिया जा रहा है । साथ ही सैनिटाइजर के छिड़काव के कारण डेंगू की संभावना भी लगभग छीन हो गई है। बावजूद हमें सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि जमे हुए पानी में पैदा होने वाले मच्छर से फैलने वाले डेंगू बुखार को हड्डी का बुखार भी कहा जाता है। इससे बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना बेहद आवश्यक है।कोरोना को लेकर साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने और सैनिटाइजर के छिड़काव के कारण डेंगू की संभावना भी लगभग छीन हो गई है। बावजूद हमें सतर्क रहने की जरूरत है। उन्होंने बताया कि जमे हुए पानी में पैदा होने वाले मच्छर से फैलने वाले डेंगू बुखार को हड्डी का बुखार भी कहा जाता है। इससे बचने के लिए कुछ सावधानियां बरतना बेहद आवश्यक है।
डेंगू को लेकर सावधानी बरतने की सलाह देते हुए डिंपल यादव ने बताया कि अगर कोई व्यक्ति डेंगू बुखार की चपेट में आ गया हो तो उसे आराम करना चाहिए और शरीर में पानी की कमी को दूर करने के लिए समय समय पर पानी पीते रहना चाहिए। मच्छरों से बचने के लिए सोते समय मच्छरदानी लगाकर सोना चाहिए और पूरी बांह के कपड़े पहनना चाहिए ताकि मच्छर न काट सके। घर में पानी का किसी प्रकार का जमाव न होने दें।

हैफेड कर्मचारियों को न्यूट्रिशन पैकेट बांटे

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कनीना। संघ के स्वयंसेवकों ने कनीना मंडी के अधीन  चल रही दौंगडा आहीर खरीद केंद्र पर कर्मचारियों औरों मजदूर वर्ग को न्यूट्रिशन पैकेट् बांट।े इस दौरान प्रीतम प्रीतम सिंह ने लोगों को फिजिकल डिस्टेंसिंग और मास्क के उपयोग के बारे में बताया।
इस दौरान अशोक कोटिया, सूबे सिंह, दिनेश रोशन आदि उपस्थित रहे।


नवोदय के छात्रों को अब आनलाइन शिक्षा के साथ-साथ मोबाइल एप से भी दी जाएगी शिक्षा

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कनीन। प्राचार्य सुरेश कुमार नवोदय करीरा  ने बताया कि कोविड-19 के कारण सभी शिक्षण संस्थाएं बंद है जिससे  विद्यार्थियों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है, जिसके कारण अभिभावकगण भी परेशान हैं। इस महामारी के समय में सभी विद्यालय घर पर छात्रों को पढ़ाने के लिए नित नए नए प्रयोग कर रहे है। जिसमें बच्चों को आनलाइन माध्यम या वाटसएप माध्यम भी शामिल है। इसी कडी में जिले का एकमात्र जवाहर नवोदय विद्यालय भी अपने विद्यार्थियों को आनलाइन शिक्षा दे रहा है। इस कड़ी को और मजबूत करते हुए नवोदय विद्यालय समिति के दूरगामी व लक्ष्य परक कार्ययोजना के तहत  एड्यूफन टेक्नोलाजी प्राइवेट लिमिटेड की सहायता से प्रदत्त स्टेप एप (एण्ड्रायड) के संचालन द्वारा विद्यार्थियों को आनलाइन  अध्ययन की सुविधा प्रदान की जा रही है। इसके लिए जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा के विद्यार्थीयों को उनके द्वारा उपलब्ध करवाए गए मोबाइल नम्बर से उपरोक्त एप पर पंजीकृृत कर दिए गया है जिसका लिंक उनके पंजीकृत मोबाइल पर जल्द ही प्राप्त होगा।
 विद्यालय प्राचार्य सुरेश कुमार ने बताया कि विद्यालय के सभी अध्यापको ने अपने अपने विषय में यू-ट्यूब चैनल व वाटसएप गु्रप बनाए हुए है। सभी अध्यापक पुरी निष्ठा के साथ लगे हुए है। अब इस एप के माध्यम से अध्यापक अपने छात्रों की प्रतिदिन की गतिविधि को चैक कर सकते है। एप के बारे में जानकारी देते हुए विद्यालय प्राध्यापक डा. सुनील वत्स ने बताया कि उपरोक्त एप को लिंक प्राप्त होने के बाद ही इंस्टाल करना है। यह लिंक केवल एक नम्बर के लिए मान्य होगा। इस एप में सभी  विषय वस्तु व्युजवलाइलेजन मोड में उपलब्ध है। अभिभावकों से अनुरोध है कि उपलब्ध करवाए गए लिंक को ना तो डिलिट करें व ना ही किसी अन्य को शेयर करें। एप डाउनलाड करने के बाद में विद्यार्थी विशेष रूप से गणित व विज्ञान विषय का अध्ययन अपने विषय अध्यापकों के मार्गदर्शन में कर सकेंगे।
 इस अवसर पर विद्यालय प्राध्यापक विकम सिंह, योगेन्द्र सिंह, संजय कुमार सैनी व सुदेश कुमार भी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन: सुरेश कुमार प्राचार्य।


डेंगू दिवस पर डेंगू से बचने की अपील की 

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कनीना। डॉ धर्मेंद्र एसएमओ उप नागरिक अस्पताल कनीना के दिशा निर्देश अनुसार कनीना उप नागरिक अस्पताल में डेंगू दिवस मनाया गया जिसमें लोगों को डेंगू के बारे में जागरूक किया गया।
 विस्तृत जानकारी देते हुए सुनील कुमार एमपीएचडब्ल्यू ने बताया कि हर वर्ष डेंगू से बचने के लिए विशेष अभियान चलाया जाता है जिसके तहत साफ-सफाई पर विशेष ध्यान देने पर बल दिया जाता है। उन्होंने बताया कि डेंगू नामक मच्छर साफ पानी में पनपता है तथा दिन के समय काटता है। पानी के बर्तनों को सप्ताह में एक दिन सुखाना चाहिए विशेषकर सूर्य उदय एवं अस्त होने के बाद शरीर को ढुकने वाले कपड़े पहनने चाहिए।
 उन्होंने बताया कि ऐसे समय में एस्प्रीन और डिस्प्रिन बिल्कुल नहीं लेनी चाहिए। बुखार होने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर संपर्क करना चाहिए। इस मौके पर शीशराम एचआई की अध्यक्षता में विशेष जानकारी से अवगत कराया गया।
 फोटो कैप्शन 4: डेंगू के बारे में जानकारी देते हुए।


रविवार को रहेगी संपूर्ण मार्केट बंद 

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 कनीना। लोकडाउन के चलते हर रविवार को कनीना मार्केट पूर्ण रूप से बंद रहती है। दुकानदार परेशान है किंतु जन हित को देखते उन्हें सभी को दुकानें बंद रखनी पड़ती है। रविवार को केवल आपातकालीन सुविधाएं जरूर उपलब्ध रहती है। जिला प्रशासन के आदेशानुसार यह कदम उठाया जा रहा है।



सब्जी उगाने वाले किसान बेहद परेशान 

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कनीना। कनीना क्षेत्र में सब्जी उगाकर वर्षों से जो किसान लाभ कमा रहे थे इस बार उनकी पूंजी भी नहीं वसूल हो रही है। भारी पैसा खर्च करने के बाद भी बाजार में सब्जी नहीं बिक पा रही है।
 किसानों ने बताया कि टमाटर दस रुपये मिलो  ठेले पर मिलता है जबकि थोक में अधिकतम दो रुपये किलो बेचा जाता है। किसानों का कहना है कि इससे बेहतर है कि वह पशुओं को सब्जी खिलाए। क्षेत्र में तोरई को देखें 20 रुपये किलो बिक रही है, टमाटर 10 किलो बिक रहा है। शिमला मिर्च 20 रुपये किलो बिक रही है वही लोकी 10 रुपये, खीरा 20 रुपये किलो, पत्ता गोभी 20 रुपये, ककड़ी दस रुपये किलो बिक रही है। कहने का अर्थ है कि अधिकतम 20 रुपये किलो के हिसाब से सब्जियां बिक रही हैं।
 यदि किसी प्रकार की कोई सब्जी की कमी होत अधिकतम 25 से 30 रुपये किलो तक पहुंच जाती है। दुकानदार मुकेश, केसू, दिनेश ने बताया कि अब सब्जी के खरीददार कम हो गए हैं। ऐसे में वे थोक भाव में बहुत कम सब्जी लेकर आते हैं और जितना जल्दी हो सके बेचकर अपने घर चले जाने का प्रयास करते हैं। सब्जी की मांग घट गई है। कोरोनावायरस के चलते किसान रो रहे हैं। किसान सूबे सिंह, गजराज सिंह, अजीत कुमार आदि ने बताया किसान सब्जी उगाकर बेहद परेशान हैं। यदि सब्जी उगा ली है तो उसे पशुओं को डाल देना ही बेहतर होगा या उसे मुफ्त में लोगों को बांट देना बेहतर होगा। उन्होंने कहा कि सब्जी पर जो पूंजी खर्च की गई है वह भी वसूल नहीं हो पा रही है। एक तो कैोरोना का भय उस पर सब्जी से कोरोना फैलने की बात सुनकर अब सब्जी भूले से भी लोग नहीं खरीद रहे हैं। यही कारण है किसान इस बार बेहद परेशान हैं।


390 उत्तर प्रदेश के प्रवासियों को लेकर बसें रवाना

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कनीना। उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों के 390 प्रवासी लोगों को आज स्थानीय प्रशासन ने हरियाणा रोडवेज की सात बसों में बैठाकर उनके गृह क्षेत्र को रवाना कर दिया है। वही उत्तर प्रदेश के जाने वाले प्रवासी मजदूरों ने नम आंखों से घर जाने की खुशी के आंसुओं के साथ हरियाणा सरकार व प्रशासन का तह दिल से आभार जताया है।
इस अवसर पर बसों में बैठते हुए यूपी के प्रवासी मजदूरों ने कहा कि नगरपालिका कनीना ने न केवल बेहतर ढंग से रखा अपितु बहुत बेहतर भोजन देकर जो सेवा की है। प्रशासन ने आज हमें रोडवेज की बस सुविधा देकर घर पहुंचाने का जो कार्य किया है इससे हम बहुत ही खुश है। उन्होंने यह भी बताया कि हमें घर के लिए रास्ते में खाने के लिए नगरपालिका प्रशासन ने सुखी सब्जी तथा पूरी का पैकेट देकर विदा किया है इसके लिए हम सभी यूपी के प्रवासी हरियाणा सरकार व नगरपालिका प्रशासन का आभार व्यक्त करते है।
       विस्तृत जानकारी देते हुए पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि आज रोड़वेज की तेहरह बसों में लगभग 390 प्रवासी मजदूरों को एसडीएम कनीना ने रोडवेज की बसों में बैठाकर रवाना कर दिया है ये बसे इनको उत्तर प्रदेश में इनके गृह जिलों में पहुंचाने का कार्य करेगी वही इससे पहले भी कई दर्जन रोडवेज बसें प्रवासी मजदूरों को देश के विभिन्न राज्यों में उनके जिलों तक पहुंचाने का कार्य कर चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि बाकी बची प्रवासी लेबर को जल्द से जल्द उनके प्रदेशों में छुड़वाया जाएगा। इस अवसर पर स्थानीय प्रशासन के सभी अधिकारी व कर्मचारी मौजूद थे।
फोटो कैप्शन एक: रोडवेज की बस से उप्र के लिए रवाना होते प्रवासी।


पोती होने पर प्रवासियों को खाना खिलाया

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कनीना। कनीना के नगर पालिका परिसर में प्रवासी लोगों को हनुमान के यहां पोती होने की खुशी में खाना खिलाए।
 मिली जानकारी के अनुसार दिनेश पुत्र हनुमान के यहां पोती हुई जिसके चलते इसी खुशी में उन्होंने लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए प्रवासी लोगों को मीठा भोजन कराया। उन्होंने कहा कि पोती होने की खुशी में वे खुश हैं। उल्लेखनीय है कि 17 मई को प्रवसियों को खाना खिलाने का कार्यक्रम संपन्न हो रहा है। इस दिन पालिका प्रधान सतीश जेलदार के यहां पोती होने पर मीठा भोजन कराएंगे और विधि विधान से खाना खिलाना बंद करेंगे। रोग फैलने के भय से ऐसा निर्णय लिया गया है।

विधि विधान से होगा 17 मई को शेल्टर होम का समापन 

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 कनीना। कनीना नगर पालिका में विगत करीब डेढ़ माह से चला आ रहा प्रवासियों को खाना खिलाने का सिलसिला 17 मई को विधि विधान से समापन हो रहा है। इस दिन कई कार्यक्रम आयोजित होंगे।
 विस्तृत जानकारी देते हुए पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि 17 मई को अनेकों कार्यक्रम आयोजित होंगे।
इन कार्यक्रमों में जहां सतीश जेलदार के यहां पोती होने की खुशी में शेल्टर होम में कोरोना से बचने के सभी नियमों का पालन करते हुए सामाजिक कार्यकर्ताओं एवं समाजसेवियों को खीर, हलवा, पूरी, सब्जी आदि खिलाई जाएगी वहीं उन्हें बेहतर कार्य करने के उपलक्ष्य में सम्मानित भी किया जाएगा। सीताराम यादव विधायक अटेली के पहुंचने की संभावना ह।
 उन्होंने बताया कि इस दिन गरीब लोगों को भी खाना खिलाया जाएगा और यह कार्यक्रम संपन्न किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 22 मार्च से यह कार्यक्रम शुरू किया गया था। प्रतिदिन 2000 लोग खाना खा रहे थे। पूरे ही प्रदेश में कनीना का नाम रोशन हुआ है। प्रधान ने खुशी जताई कि कनीना के आसपास गांव के लोगों ने भी बढ़-चढ़कर सहयोग किया जिसके चलते इतने दिनों तक यह कार्यक्रम जारी रहा।


शेल्टर  खाली फिर भी खाना खिलाने का कार्य जारी

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 कनीना। कनीना नगर पालिका कार्यलय परिसर में अभी भी खाना खिलाने का कार्य जारी है यद्यपि शेल्टर होम खाली हो गए हैं लेकिन अभी भी समीपी गांवों के तथा कुओं  पर रहने वाले किसानों के यहां रुके हुए श्रमिक एवं मजदूर खाना खाने प्रतिदिन आते हैं। कस्बे के कुछ ऐसे लोग भी आ रहे हैं जिनके पास कोई काम धंधा नहीं है। ऐसे में नगरपालिका का संपूर्ण स्टाफ बेहतर ढंग से प्रतिदिन खाना खिला रहा है। जहां शेल्टर होम के वक्त भारी भीड़ होती थी अब उतनी भीड़ नहीं रही इसलिए इस शेल्टर होम में खाना खिलाना 17 मई से बंद किया जा रहा है।




हमें खाना खिलवा दो साहब और पैरों में हुए घावों पर दवाई लगवा दो

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कनीना। हमें खाना खिलवा दो साहब, आपकी बड़ी मेहरबानी होगी क्योंकि हम दो दिन पहले लुहारू से चले थे और बड़ी ही मुश्किल से कनीना पहुंचे हैं।
प्रवासी मजदूरों ने अपना दुख व्यक्त करते हुए सतीश जेलदार प्रधान को बताया कि  हम दो वक्त की रोटी के जुगाड़ में यहां आए थे तथा कुछ पैसा कमा कर जोड़ा भी था कि अपने पीछे घर पर रहने वालों को जाकर देंगे जिससे बहन, बेटी की शादी हो जाएगी लेकिन कोरोना नामक आई इस महामारी के कारण जिसके खेत व ट्यूबवैल पर काम कर कुछ पैसा जोड़ा था जोड़ा हुआ था वो भी साथ आए परिवार पर खर्च हो गया और इस हालत में पैदल चलने पर विवश होना पड़ा। कई दिनों से भूख व प्यास के साथ पैरों में मिले घावों के कारण कनीना में ही रुक कर बसो का इंतजार करना पड़ेगा।
उन पर रहम खाकर रात के वक्त पालिका प्रधान ने उनके लिए खाना बनवाकर खिलाया। वही इन मजदूरों के साथ आए लगभग दस वर्ष के एक बच्चे के पैरों की हालत को देखकर पत्थर दिल की भी आँखों में पानी भर आएगा लेकिन इसके बाद भी इनकी और ध्यान देने वाला कोई नही है।
मिली जानकारी के अनुसार अब इनके खाने-दाने व मरहम पट्टी का खर्च नगरपालिका द्वारा उठाया जा रहा है। वही इससे पहले भी इस क्षेत्र में आए हजारों प्रवासियों को रहने तथा खाने पीने की सेवा क्षेत्र के समोजसेवियों द्वारा की गई थी। प्रवासी मजदूरों ने जिला प्रशासन व सरकार से मांग करते हुए गुहार लगाई है कि उन्हें जल्द से जल्द अपने प्रदेश में भिजवाया जाए।
फोटो कैप्शन 2: पैदल चलकर कनीना आए लोग अपनी व्यथा सुनाते हुए।



-आए थे रोटी रोजी कमाने मिली यातनाएं

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 कनीना। वर्षों से प्रवासी क्षेत्र में मजदूरी करने आते हैं और कुछ धन कमाकर परिवार सहित खुशी-खुशी लौट जाते हैं परंतु इस बार कोरोना के चलते मजदूरों को भारी कष्टों का सामना करना पड़ा है। यहां तक कि अधिकांश मजदूर बिना कुछ धन कमाए ही वापस लौटने को मजबूर हुए।
 एक और जहां कोरोना के चलते काम नहीं मिला वहीं जिस भी ट्यूबवेल या गांव में रुके हुये थे उन्होंने जल्द से जल्द उनसे पीछा छुड़ाना चाहा है। कहने को तो उनको सुविधाएं दी गई लेकिन हकीकत उनके साथ अच्छा व्यवहार नहीं हुआ है खाने को भी समय पर रोटी नहीं मिली। जैसे-तैसे उनको शेल्टर होम में भेज दिया गया है। जिसे भी खेत मालिक के यहां 10 से 15 मजदूर काम करते थे इनको खाना खिलाना भी उनके लिए भारी पड़ गया था। यही कारण है कि मजदूरों को भारी कठिनाई झेलनी पड़ी यहां तक कि शेल्टर होम में भी उनको परेशानियां आई। जहां एक तरफ घर की चिंता वहीं दूसरी ओर इन शेल्टर होम में रोग फैलने का भय उन्हें दिन रात सताता रहा। प्रशासन द्वारा भी लंबे समय के बाद बस रूपी साधन उपलब्ध करवाए हैं जिसके चलते इन मजदूरों की इस बार बहुत अधिक परेशानी हुई। अब मजदूर ढूढे भी नहीं मिलेंगे। अब हालात यह बनेंगे कि मजदूर ढूंढे भी नहीं मिलेंगे और लोग मजदूरों के लिए तरसते नजर आएंगे।
सबसे बड़ी उपलब्धि इस दौरान करीना ने हासिल की। कनीना क्षेत्र के लोगों ने आसपास के गांवों ने कनीना नगरपालिका के प्रधान सतीश जेलदार से मिलकर जो खाने का प्रबंध किया वह पूरे ही प्रदेश में सराहनीय रहा जिसका परिणाम है आए दिन कुछ मजदूर बहुत दूर से आकर यहां रुकने को मजबूर हो रहे हैं। वैसे भी दूरदराज क्षेत्रों में यहां तक आने से कोई उन्हें नहीं रोक रहा है किंतु  जब यह रेवाड़ी जिले की सीमा में प्रवेश करते हैं तो डहीना में उन्हें जरूर रोक लिया जाता है। जिसके चलते कनीना आखिरी पड़ाव बन जाता है। ऐसे में कनीना पुणे दूरदराज तक ख्याति अर्जित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी। यद्यपि पालिका प्रधान अधिक अनुभव नहीं रखते लेकिन बहुत ही अनुभवी व्यक्ति बतौर उभर कर उन्होंने जो कदम उठाए वास्तव में सराहनीय कहे गए हैं।
अभी भी मजदूर दूरदराज से कनीना का नाम सुनकर आ रहे हैं जब उनसे पूछा जाता है तो वह अपनी सारी व्यथा सुनाते हुए बताते हैं कि किस प्रकार उनको यातनाएं सहन करनी पड़ी और महज कनीना में बेहतरीन खाना मिलने की सूचना भी उनको मिली। जिसके चलते चाहे पैदल चलकर आना पड़े। हाल ही में 30 मजदूर लोहारू से पैदल चलकर पहुंचे हैं जबकि कनीना 17 मई को खाने का कार्यक्रम बंद करने जा रहे ऐसी हालातों में हो सकता खाने के कार्यक्रम पर पुनर्विचार करना पड़ सकता है।






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