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Saturday, May 9, 2020

 तीन लड़ाइयां लडऩे वाले कप्तान प्रभु दयाल का देहांत 
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 कनीना। कनीना के पूर्व कांग्रेसी नेता तथा समाजसेवी सज्जन सिंह बोहरा के पिता कप्तान(अवैतनिक) प्रभु दयाल (88)का देहांत हो गया।  उन्होंने तीन लड़ाईया 1962,1965 और 1971 की लड़ी थी। वे 1978 में सेवानिवृत्त होकर घर आए थे। शनिवार को उनका देहांत हो गया। वे अपने पीछे 3 पुत्र, चार पुत्रियां, तीन पौऋ तथा एक परपोत्र छोड़ गए हैं। उनकी पत्नी सूरजकौर का अप्रैल 2007 में निधन हो गया था। उनकी मृत्यु पर क्षेत्र में गहरा सदमा है तथा भारी संख्या के लोग उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए। उनका अंतिम संस्कार कनीना में बाबा मोलड़ नाथ आश्रम के पास शनिवार शाम को किया गया।


286 किसानों की 7574 क्विंटल सरसों खरीदी 
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  कनीना। कनीना अनाज मंडी में सरसों तथा इसके तहत तीन खरीद केंद्रों पर शुक्रवार को 286 किसानों की 7574 क्विंटल सरसों खरीदी है।
 विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेड मैनेजर सत्येंद्र यादव ने बताया कि कनीना 115 किसानों ने 3220 क्विंटल, करीरा के 56 किसानों ने 1314 क्विंटल,सेहलंग में 50 किसानों ने 1366 क्विंटल, दौंगड़ा में 64 किसानों ने 1674 क्विंटल सरसों बेची  है जबकि 61 किसानों ने 2300 क्विंटल गेहूं बेचा है।

गौशाला में दिए 6500 रुपये

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कनीना। कनीना पालिका के सभी जीते हुए 13 पार्षदों ने अपनी चुनाव की सिक्योरिटी राशि अब निकलवाकर उसे कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला में दान कर दी है। सतीश जेलदार पालिका प्रधान ने बताया कि अब यह राशि निकलवाई है जो प्रति पार्षद 500 रुपये थी।

तीन लड़ाइयां लडऩे वाले कप्तान प्रभु दयाल का देहांत 

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 कनीना। कनीना के पूर्व कांग्रेसी नेता तथा समाजसेवी सज्जन सिंह बोहरा के पिता कप्तान(अवैतनिक) प्रभु दयाल (88)का देहांत हो गया।  उन्होंने तीन लड़ाईया 1962,1965 और 1971 की लड़ी थी। वे 1978 में सेवानिवृत्त होकर घर आए थे। शनिवार को उनका देहांत हो गया। वे अपने पीछे 3 पुत्र, चार पुत्रियां, तीन पौऋ तथा एक परपोत्र छोड़ गए हैं। उनकी पत्नी सूरजकौर का अप्रैल 2007 में निधन हो गया था। उनकी मृत्यु पर क्षेत्र में गहरा सदमा है तथा भारी संख्या के लोग उनके अंतिम संस्कार में शामिल हुए। उनका अंतिम संस्कार कनीना में बाबा मोलड़ नाथ आश्रम के पास शनिवार शाम को किया गया।

विश्व के पहले पत्रकार महर्षि नारद की जयंती मनाई

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 कनीना। विश्व के प्रथम पत्रकार नारद की जयंती ऑनलाइन मनाई गई। नारद जयंती के उपलक्ष्य पर आनलाइन परिचर्चा में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, समाजसेवी एवं पत्रकार शामिल हुए।
 ऑनलाइन जयंती में मुख्य वक्ता विभाग प्रचार प्रमुख कैलाश पाली थे। इस मौके पर कैलाश पाली ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि नारद दुनिया के पहले पत्रकार थे जिनके पास तीनों लोकों में विचरने की क्षमता थी। वे युगों तक अपने जनहितकारी कार्यों में लगे रहे।  हिंदी का प्रथम समाचार पत्र उदंड मार्तंड के शीर्ष पर नारद की फोटो छपती थी।
उन्होंने कहा कि हिंदी का प्रथम समाचार पत्र जो 30 मई 1826 में प्रकाशित हुआ और 4 दिसंबर 1827 तक प्रकाशित होता रहा। इसी अखबार के जरिए भी नारद को याद किया गया था। समय समय पर नारद को याद किया जाता रहा है।  उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में जहां कोरोना से पीडि़त हैं। ऐसे समय में भी पत्रकारों को अपनी अहम भूमिका निभाते हुए बेहतरीन समाज सेवा की समाचार अधिक से अधिक प्रकाशित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि अफवाहों से बचने के लिए लोगों को जागरूक करना चाहिए तभी हमारा देश महान बनेगा।
 उन्होंने कहा कि समय-समय पर अनेकों हिंदी के पत्र  एवं पत्रिकाएं महर्षि नारद को याद करती रही हैं। आज भी नारद सभी के दिलों दिमाग में बसे हुए हैं। उन्होंने कहा कि दुर्भाग्य कुछ लोग नारद को मनमुटावा बढ़ाने वाला बताते हैं।
जबकि नारद ने समस्त जीवन में कभी किसी का अहित नहीं किया, सदा जनकल्याण के लिए जुटे रहे। इस अवसर पर कार्य जिला कार्यवाह प्रेमचंद ने भी अपने विचार रखे और कहा कि आज के दिन भी पत्रकारों की भूमिका अहं होनी चाहिए।  उन्हें समाज हित की खबरोंभूमि की खबरें अधिक प्रकाशित करनी चाहिए।  इस अवसर पर महेंद्रगढ़ जिला के प्रचार प्रमुख धर्मपाल, सह प्रचार प्रमुख मणिप्रकाश आदि ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।

खरीद दौरान बची हुई सरसों भी खरीदी 

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 कनीना। सरकार के आदेश अनुसार जहां खरीद सरसों की खरीद केंद्रों पर 15 के गुणज में बची हुई सरसों खरीदी जाती है जबकि इस गुणज मेंनहीं है उसे घर लाना पड़ता है।
कनीना के रामकिशन ने बताया कि उनकी 35 किलो सरसों बच गई थी जिसको उन्हें मजबूरन कर लाना पड़ा जो कोई काम की नहीं है। उनका कहना है कि बची हुई सरसों भी खरीदी जानी चाहिए। उन्होंने बताया कि सरकार के नियमानुसार 15 के गुणज में अगर सरसों है तो वह खरीदी जा सकती है वरना वह सरसों खरीदी नहीं जाएगी। उनकी 35 से किलो अधिक होने के कारण खरीदी नहीं गई इसके स्थान अगर 45 किलो होती तो बिक जाती। उनका कहना है कि भगवान ने उन्हें यह सरसों दी है वह खरीदी जानी चाहिए। ऐसे में उन्होंने मांग की है कि सरसों की एक-एक दाना खरीदा जाना चाहिए।

महाराणा प्रताप जयंती मनाई

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कनीना।  अखिल भारतीय राजपूत महासभा, हरियाणा प्रदेश के तत्वावधान में जिला के गांव धनौन्दा में महान स्वतंत्रता सेनानी, अमर शहीद एवं वीर शिरोमणि महाराणा प्रताप की जयंती मनाई गई। महासभा के प्रदेश अध्यक्ष ठाकुर अतरलाल एडवोकेट के नेतृत्व में लोगों ने शारीरिक दूरी तथा लॉकडाउन के नियमों का पालन करते हुए महाराणा प्रताप के चित्र पर श्रद्धासुमन अर्पित किए। अतरलाल ने लोगों से महाराणा प्रताप के त्याग मय एवं संघर्षशील जीवन से प्रेरणा लेने की अपील करते हुए कहा कि उनकी कुर्बानी को देश हमेशा याद रखेगा। उन्होंने केंद्र तथा राज्य सरकार से महाराणा प्रताप के जीवन पर शोध करने के लिए पाली स्थित केंद्रीय विश्वविद्यालय में महाराणा प्रताप शोध पीठ स्थापित करने की मांग की। इस अवसर पर लोगों ने महाराणा प्रताप के आदर्शों पर चलने का व्रत लिया।
फोटो कैप्शन 1: महाराणा प्रताप जयंती मनाई गई।


1122 श्रमिकों को 42 रोड़वेज बसों में रवाना किया

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कनीना। आनन फानन में में सरकार ने 42 बसों में 1122  बिहार के विभिन्न जिलों के श्रमिकों को रोड़वेज की बसों में बैठाकर रेवाड़ी तक पहुंचाया जहां से वे बिहार में विभिन्न ट्रेनों द्वारा पहुंचेंगे।
 बिहार के सैकड़ों विगत दो दिन से राजकीय माध्यमिक स्कूल में रुके हुए थे जिन्हें रातभर ठीक ढंग से खाना मिल पाया किंतु बसों में बैठाकर उनको खाना एवं पानी सहित विदा किया।
कनीना के डीएवी के पास 34 अलग अलग बसों में फिजिकल डिस्टेंश के अनुसार एक बस में 27 मजदूरों को बैठाकर रवाना किया गया वहीं आठ बसें महेंद्रगढ़ की श्रमिकों सहित आकर कुल काफिला 42 बसों का बन गया। बिहार जाने वाले प्रवासी मजदूरो को बसों मेें बैठा कर राजी-खुशी रवाना किया।
यहा गौरतलब है कि जब से देश में लाकडाउन हुआ है तब से कनीना में कुछ शेल्टर होम बनाए गए थे जिसमें भारी संख्या में प्रवाही मजदूर रखे ठहरे हुए हैं जिनका खाने पीने का खारा खर्चा कस्बावासियों एवं क्षेत्र के समाजसेवियों तथा  लोगों द्वारा उठाया जा रहा था जिसमें जो खाना खिलाया जा रहा था उसकी प्रशंसा यूपी के लोगों द्वारा उत्तर प्रदेश के अधिकारियों तक की गई। जिसका मान सम्मान जिले के प्रशासन को मिला लेकिन जब इन मजदूरों को रखने अथवा खाने की व्यवस्था जब प्रशासन के हाथ में आई तो वही प्रवासी मजदूरों द्वारा शिकायतों का दौर शुरू हो गया।
खाने के संबंध में यद्यपि पत्रकारों द्वारा एसपी नारनौल, एसडीएम कनीना से प्रश्र भी किए गए किंतु उनका कहना था कि अभी तक कोई शिकायत उन तक नहीं पहुंची है। एक अधिकारी ने कहा कि लंबे समय से ये श्रमिक रोके हुए थे किंतु ये अपने घर जाने की बार बार बात कह रहे हैं। ऐसे में उन्हें जल्दी से घर भेजा जाए, इस बात का दाब बढ़ाने के लिए हो सकता है कि मजदूरों ने खाने की शिकायत मौके पर की हो किंतु अभी तक प्रशासन के पास कोई शिकायत नहीं है।
  इस अवसर पर जिला पुलिस कप्तान  सुलोचना गजराज, डीएसपी साधुराम, थाना प्रभारी विकास कुमार, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी युद्धवीर सिंह, सीटी इंचार्ज गोविन्द यादव के अलावा अन्य विभागों के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 2 व 3: एसपी नारनौल एवं एसडीएम कनीना सहित अधिकारी श्रमिकों की बस को रवाना करते हुए।

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