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Thursday, May 14, 2020


शेल्टर होम हुए खाली
22 बसों में 750 श्रमिकों को रवाना किया

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 कनीना। कनीना के विभिन्न शेल्टर होम में रुके हुए करीब 750 श्रमिकों को विभिन्न बसों के द्वारा रेवाड़ी भेज दिया गया है। अब सभी शेल्टर होम पूर्ण रूप से खाली हो गए हैं।
मिली जानकारी अनुसार उत्तर प्रदेश के लोगों को ले जाने के लिए 5 बसें नगरपालिका के लिए निर्धारित की गई थी जिनमें करीब 150 श्रमिकों को बिठाकर उनके गृह प्रदेश के लिए रवाना कर दिया गया।
 विस्तृत जानकारी देते हुए सतीश जेलदार प्रधान ने बताया कि उनके पास जो खाना खा रहे थे वे उत्तर प्रदेश के 150 श्रमिक थे। उन्हें बसों में खाना, चाय, बिस्कुट आदि खिलाकर भेजा गया है। जाते वक्त अति विभोर हुए और बारंबार धन्यवाद करते हुए रवाना। हुए कुछ की आंखों में आंसू भी थे।
उधर राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना के नोडल अधिकारी रमन शास्त्री ने बताया कि 10 बसों में बिठा कर उनके प्रदेश बिहार के लिए रवाना किया गया। अब
शेल्टर होम में कोई भी प्रवासी नहीं बचा है,शेल्टर होम खाली हो गया है।
उधर राजकीय महाविद्यालय कनीना के नोडल अधिकारी प्रोफेसर डा हरिओम ने बताया कि उनकी 252 बिहार के श्रमिकों को 7 बसों में रवाना कर दिया गया। अब कोई भी नहीं प्रवासी नहीं बचा है। यह शेल्टर होम खाली हो गया है।
बसों को हरी झंडी दिखाते वक्त पालिका प्रधान सतीश जेलदार, पूर्व  प्रधान राजेंद्र सिंह लोढा, पंकज एडवोकेट, ओमप्रकाश ठेकेदार सहित विभिन्न जन मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 3: बसों को हरी झंडी दिखाते हुए सतीश जेलदार।



 
210 किसानों से खरीदी 5741 क्विंटल सरसों
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 कनीना। कनीना तथा इसके तहत आने वाली तीन खरीद केंद्रों पर बुधवार को 210 किसानों से 5741 क्विंटल सरसों खरीदी गई।
 हैफेड मैनेजर सत्येंद्र यादव ने बताया कि कनीना में 51 किसानों ने 1488 क्विंटल, सेहलंग में 62 किसानों ने 1875 क्विंटल  दौंगड़ा में 62 किसानों ने 1505 क्विंटल, करीरा में 35 किसानों ने 873 क्विंटल सरसों बेची वही गेहूं 87 किसानों से 4610 क्विंटल खरीदा गया।
फोटो कैप्शन 6: सरसों की खरीद करते हुए।

कोरोना योद्धा
अमरजीत लंबे समय से सेवा कर रहे हैं बाहर के लोगों की

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कनीना। मोहनपुर नांगल निवासी एवं कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत अमरजीत एक कोच के नाम से प्रसिद्ध है। वे स्कूल के विद्यार्थियों को कई बार नेशनल लेवल तकले गए हैं और विद्यार्थियों ने नाम कमाया है। अमरजीत विगत 31 मार्च से लगाता राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक में श्रमिकों की सेवा की तैनाती निभा रहे हैं। वे श्रमिकों के लिए हर प्रकार से सुविधा जुटा रहे हैं और उन को समय-समय पर फिजिकल डिस्टेंस में रखकर समय पर खाना खिलाने तथा दिन-रात उनकी सेवा में जुटे रहते है। उन्होंने कई बार अपनी जेब से पैसे खर्च कर श्रमिकों के बच्चों को बिस्कुट एवं खाद्य पदार्थ  दिये है।वे जहां श्रमिकों की सेवा के लिए जाने जाते अपितु स्काउट गाइड के भी इंचार्ज हैं।  उन्होंने दो अप्रैल से स्काउट गाइड के बच्चों की सहायता से भी बाहर के लोगों को खाना खिलवाकर मदद करवाई है
  31 मार्च को 86 श्रमिक होते थे जो अब 345  हो गए। इनको अभी उनके गृह प्रदेश में भेजा जाना है। इन श्रमिकों के बच्चों को समय-समय पर बिस्कुट आदि भी प्रदान करने के अलावा हाथ धोकर खाना खाने, मास्क का प्रयोग करने की जानकारी दी है। वे श्रमिकों को हल्का-फुल्का व्यायाम भी करवाते रहे हैं। स्कूल की विभिन्न गतिविधियों में तो सदा भाग लेते ही रहे हैं साथ में यह जिम्मेदारी उन्होंने निभाई है।
 फोटो कैप्शन अमरजीत तथा बच्चों को बिस्कुट देते बतौर स्काउट गाइड इंचार्ज।


मयंक ने आनलाइन प्रतियोगिता के कविता लेखन में पाया प्रथम स्थान

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कनीना। लॉकडाउन में बच्चों के समय का सदुपयोग एवं उनमें सृजनात्मक भाषाई कौशल अभिव्यक्ति के विकास के उद्देश्य से पहला कदम फाउन्डेशन (रजि.)ने कोरोनावायरस महामारी पर आधारित कक्षा तीसरी से बारहवीं तक के छात्रों की राष्ट्रीय स्तर की पेंटिंग, कविता, निबंध, स्लोगन लेखन की आनलाइन प्रतियोगिता करवाई जिसमें पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक छत्तीसगढ़ से 10 राज्यों के 150 बच्चों ने भाग लिया।
 प्रतियोगिता में बच्चों ने कोरोनावायरस से बचने और कोरोना योद्धाओं को सलाम अपने अपने अंदाज में व्यस्त किए सभी बच्चों ने अपने अपने घर से अपनी प्रविष्टियां मेल के माध्यम से भेजी।
फाउन्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश वशिष्ठ ने मयंक के पिता राजेश कुमार को मेल पर जानकारी देकर बताया कि उनके पुत्र ने कविता लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाया है और ई- प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है।
राजेश कुमार ने फाउन्डेशन के सदस्यों का आभार जताते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताओं से बच्चों के समय का सदुपयोग होने के साथ-साथ उनमें सृजनात्मक भाषाई कौशल व अभिव्यक्ति का विकास होता है ।
फोटो : मयंक।

11 हजार रुपये कोरोना राहत कोष में भेजे

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कनीना। श्रीश्याम मंडल कनीना द्वारा मुख्यमंत्री राहत कोष में 11 हजार रुपये भेजे हैं। मंडल सदस्यों ने यह राशि एसडीएम कनीना को सौंपी है।
कनीना के श्रीश्याम मंडल की महिलाओं महिलाओं द्वारा कनीना एसडीएम रणबीर सिंह को राहत कोष के लिए एक चेक भेंट किया। चेक भेेंट करने वालों में सुनीता, सरोज, रीना, शकुन्ती और मुकेेश प्रमुख थी जिन्होंने कोरोना रोग से लड़ रहे लोगों की सहायतार्थ एक चेक उपमंडल अधिकारी कनीना रणबीर सिंह को दिया। कोरोना से लडऩे के लिए मुख्यमंत्री राहत कोष में दिए गए इस योगदान के लिए उपमंडल अधिकारी नागरिक ने महिला मंडल का आभार व्यक्त किया।
फोटो कैप्शन 2: एसडीएम कनीना को राहत कोष में राशि का चेक भेेंट करते श्रीश्याम मित्र मंडल के सदस्य।


मयंक ने आनलाइन प्रतियोगिता के कविता लेखन में पाया प्रथम स्थान।
कनीना। लॉकडाउन में बच्चों के समय का सदुपयोग एवं उनमें सृजनात्मक भाषाई कौशल अभिव्यक्ति के विकास के उद्देश्य से पहला कदम फाउन्डेशन (रजि.)ने कोरोनावायरस महामारी पर आधारित कक्षा तीसरी से बारहवीं तक के छात्रों की राष्ट्रीय स्तर की पेंटिंग, कविता, निबंध, स्लोगन लेखन की आनलाइन प्रतियोगिता करवाई जिसमें पंजाब, दिल्ली, राजस्थान, महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश उत्तरप्रदेश, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, कर्नाटक छत्तीसगढ़ से 10 राज्यों के 150 बच्चों ने भाग लिया।
 प्रतियोगिता में बच्चों ने कोरोनावायरस से बचने और कोरोना योद्धाओं को सलाम अपने अपने अंदाज में व्यस्त किए सभी बच्चों ने अपने अपने घर से अपनी प्रविष्टियां मेल के माध्यम से भेजी।
फाउन्डेशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजेश वशिष्ठ ने मयंक के पिता राजेश कुमार को मेल पर जानकारी देकर बताया कि उनके पुत्र ने कविता लेखन प्रतियोगिता में प्रथम स्थान पाया है और ई- प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया है।
राजेश कुमार ने फाउन्डेशन के सदस्यों का आभार जताते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रतियोगिताओं से बच्चों के समय का सदुपयोग होने के साथ-साथ उनमें सृजनात्मक भाषाई कौशल व अभिव्यक्ति का विकास होता है ।
फोटो : मयंक।



घर में घुसता है पानी

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कनीना। कनीना कस्बा में घरों में बारिश का पानी घुसने से लोग परेशान हैं। नाली का पानी निकलवाने की गुहार लगाई है।
 कस्बा के वार्ड एक निवासी जगमाल सिंह यादव, मल्ली देवी, विद्या देवी, महेन्द्र सिंह, कृष्ण सिंह आदि ने जानकारी देते हुए बताया कि उनके घर के सामने से नाली निकली हुई है जिसमें पड़ोसियों ने मिटी डालकर दबा दिया गया है जिसके कारण इस नाली से पानी नही निकलता है तथा कस्बे में थोड़ी सी बारिश हो जाने के बाद पानी घरों में ही घुस जाता है जिसके कारण  काफी मुश्किल हो रही है। उन्होंने नाली का पानी निकासी की गुहार लगाई है।

मानपुरा में ज्यादा मुर्गा फार्म खुलने से गांव में छाई गंदगी 

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कनीना। उपमंडल के गांव मानपुरा में गंदगी का आलम होने से महामारी फैलने की बनी हुई है आशंका बनी है। इसे रोकने वाला कोई नहीं है। मानपुरा निवासी सूर्या यादव, सत्यवीर यादव, बिमला देवी, कप्तान महेन्द्र सिंह, योगेश यादव, रविकांत शर्मा, नीरू यादव के अलावा अन्य ग्रामीणों ने जानकारी देते हुए बताया कि एक तरफ तो केन्द्र व प्रदेश की मनोहर सरकार गांवों में स्वच्छता को लेकर लाखो रुपये खर्च कर रही है वही दूसरी तरफ इसी कड़ी में खंड के गांव मानपुरा में चारों और खुले मुर्गी फार्मों के कारण इस गांव इतनी गंदगी बढ़ है जिससे ग्रामीणों का जीना दूभर हो गया है जिसको लेकर ग्रामीणों ने इसकी शिकायत प्रशासन से लेकर मुख्य मंत्री मनोहरलाल तक कर चुके है लेकिन इसके बाद भी इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है जिसके कारण इन मुर्गी फार्म वालों के हौसले बुलंद है।
ग्रामीणों का कहना है कि इन अवैध रूप ये मुर्र्गी फार्म चलाने वालों के कारण इनके आस-पास आवारा कुत्तों का झुंड रहता है जिसके कारण इस गांव में आने वाले तथा इस गांव से जाने वाले लोगों के लिए खतरा बना रहता है जिसको लेकर कई बार इसकी शिकायत उच्च अधिकारियों को कर चुके है लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगती। ग्रामीणों ने गृह मंत्री अनिल विज से मांग कर गांव में अवैध रूप से बने मुर्गी फार्म बंद कराने की गुहार लगाई है ताकि मानपुरा के लोगों का जीवन बर्बाद होने से बच सके।


एक मजदूर बेहोश हुआ 

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कनीना। राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना में शेल्टर होम में एक श्रमिक बेहोश हो गया, उसे कनीना अस्पताल पहुंचाया गया जहां से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया है। मिली जानकारी अनुसार प्रमोद तिवारी गांव भगवानपुर जिला सिवान बिहार का रहने वाला है। यहां पर शेल्टर होम में रह रहा था। अचानक बेहोश हो गया जिसकी सूचना पुलिस को दी। पुलिस मौके पर पहुंची और एंबुलेंस द्वारा उसे अस्पताल पहुंचाया अस्पताल से उन्हें हायर सेंटर रेफर कर दिया है। बताया जा रहा है कि शराब पीने से वह बेहोश हो गया था और गिरकर चोट लगी।

कोरोना योद्धा
अमरजीत लंबे समय से सेवा कर रहे हैं बाहर के लोगों की

 कनीना। मोहनपुर नांगल निवासी एवं कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में कार्यरत अमरजीत एक कोच के नाम से प्रसिद्ध है जो स्कूल के विद्यार्थियों को कई बार नेशनल लेवल तक न केवल खिलाने के लिए ले गए हैं अपितु विद्यार्थियों ने नाम कमाया है वही अमरजीत विगत 31 मार्च लगाता राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक में श्रमिकों की सेवा की तैनाती निभा रहे हैं। न केवल श्रमिकों के लिए हर प्रकार से सुविधा जुटा रहे अपितु उन को समय-समय पर फिजिकल डिस्टेंस में रखकर समय पर खाना खिलाना तथा दिन-रात इनकी सेवा में जुटे रहने का श्रेय प्राप्त है। उन्होंने यही नहीं अपनी जेब से पैसे खर्च कर श्रमिकों के बच्चों को बिस्कुट एवं खाद्य पदार्थ समय समय पर दिये है। इस प्रकार ने केवल वह जहां श्रमिकों की सेवा के लिए जाने जाते अपितु स्काउट गाइड के भी इंचार्ज हैं। ऐसे में उन्होंने दो अप्रैल से स्काउट गाइड के बच्चों की सहायता से भी बाहर के लोगों को खाना खिलवाया मदद करवाई।
  31 मार्च को 86 श्रमिक होते थे जो अब 345  हैं। इनको अभी उनके गृह प्रदेश में भेजा जाना है।
इन श्रमिकों के बच्चों को समय-समय पर बिस्कुट आदि भी प्रदान करने के अतिरिक्त हाथ धोकर खाना खाने, मास्क का प्रयोग करने की जानकारी भी दी है। वे श्रमिकों को हल्का-फुल्का व्यायाम भी करवाते रहे हैं। स्कूल की विभिन्न गतिविधियों में तो सदा भाग लेते ही रहे हैं किंतु यह जिम्मेदारी उन्होंने निभाई है।
 फोटो कैप्शन अमरजीत तथा बच्चों को बिस्कुट देते बतौर स्काउट गाइड इंचार्ज।





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