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Monday, May 4, 2020


अब दुकान खुलेंगी प्रात: 9 से शाम 4 बजे तक 

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-अंतिम निर्णय मंगलवार को 
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 कनीना। कनीना एसडीएम कार्यालय में विभिन्न अधिकारियों एवं पदाधिकारियों की एक बैठक आयोजित की गई जिसकी अध्यक्षता एसडीएम रणवीर सिंह ने की। बैठक में मुख्य मुद्दा दुकान खोले जाने का था जिस पर सभी की सहमति से तथा भारत सरकार के एमएचए के आदेशानुसार दुकानों को प्रात: 9 बजे से शाम 4 बजे तक खोले जाने पर निर्णय लिया गया लेकिन दुकानें किस प्रकार ओड या इवेन अपनाया जाए या अन्य कोई तरीका अपनाया जाए इस पर मंगलवार को अंतिम निर्णय लिया जाएगा। परंतु यह निश्चित हो गया कि बुधवार से दुकानें शाम 4 बजे तक खुली रहेंगी।
बैठक में निर्णय लिया गया कि प्रवासी लोगों के 6000 का रजिस्ट्रेशन एवं मेडिकल हो चुका है लेकिन अभी तक करीब 820 लोग बिना रजिस्ट्रेशन एवं बिना मेडिकल के बचे है।  कनीना क्षेत्र के इन श्रमिको का रजिस्ट्रेशन होना बाकी है तथा उनकी मेडिकल भी करवाया जाएगा। तत्पश्चात उनको उनके प्रदेश में भेजने की सरकार की हिदायतों अनुसार प्रबंध किया जाएगा। यह भी निर्णय लिया गया कि दूसरे प्रांतों से आने वाले लोगों के लिए गांव में स्थित स्कूलों में क्वारेंटाइन किया जाए चाहे वो कोई भी अधिकारी या कर्मचारी या अन्य श्रमिक हो उसे उस गांव के स्कूल में ही रखा जाएगा।
बैठक में यह भी अन्य मुद्दों पर भी चर्चा की गई। इस मौके पर डीएसपी साधुराम बिश्नोई, सचिव नगरपालिका राजाराम, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी युद्धवीर सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी अभय राम यादव, पार्षद मुकेश रॉकी, व्यापार मंडल प्रकोष्ठ के उपाध्यक्ष रविंद्र बंसल सहित विभिन्न जन मौजूद थे।
उल्लेखनीय है कि दुकान खोले जाने को लेकर के सोमवार दिन भर दुकानदार दुकानों के सामने बैठे रहे तथा किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाने के कारण वापिस घर चले गए थे। कुछ दुकानदार एसडीएम से भी मिले थे। एसडीएम ने अंत में यह निर्णय लिया कि एक बैठक आयोजित की जाए जिसके चलते की बैठक आहूत की गई थी।
 फोटो कैप्शन 3: आयोजित बैठक का एक नजारा।









खराब मौसम को देखते हुए पीछे के बच्चे हुए किसानों की हो पाई खरीद 

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 कनीना। हैफेड द्वारा कनीना तथा इसके तहत तीन विभिन्न खरीद केंद्रों पर खराब मौसम को देखते हुए केवल पीछे से बचे हुए किसानों की खरीद हो पाई। सत्येंद्र यादवहैफेड मैनेजर ने बताया कि कनीना के  39 किसानों की 1439 क्विंटल सरसों ही खरीदी गई। सेहलंग,करीरा, दौंगड़ा अहीर में कोई सरसों नहीं खरीदी गई जबकि गेहूं 75 किसानों ने 2500 क्विंटल बेचा।
फोटो कैप्शन 4: सरसों की खरीद करते अधिकारी।



 

 
820 दूसरे प्रदेशों के लोगों का होगा मेडिकल

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कनीना। कनीना उप-नागरिक अस्पताल के 37 गांवो तथा सेहलंग सातुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के गांवों के तहत करीब 5910 प्रवासियों का मेडिकल हो चुका है। सोमवार को जवाहर नवोदय विद्यालय के 20 विद्यार्थियों का मेडिकल किया गया वहीं अब मंगलवार से नगरपालिका कनीना में 820 लोगों का मेडिकल होगा तत्पश्चात ये अपने प्रदेशों में लौटने को तैयार हो जाएंगे। भविष्य में इन्हें अपने प्रदेश में जाना है।
 कनीना के एसएमओ डॉ धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि विभिन्न गांवों के सरपंचों के बुलावे पर उन्हें सभी गांव में जाकर के ठहरे हुए 5910 प्रवासियों का मेडिकल किया है। उन्होंने बताया कि कनीना उप नागरिक अस्पताल के तहत 37 गांव आते हैं जबकि सेहलंग अस्पताल के तहत भी कुछ गांव आते हैं। रिकॉर्ड अनुसार इन श्रमिकों की संख्या 5910 है किंतु आंकड़े 6000 को पार कर गए हैं। उन्होंने बताया कि कुछ स्थानों पर सरपंचों ने बताए कम लेकिन हकीकत में ज्यादा लोग मिले हैं। ऐसे में सभी की मेडिकल हो चुका है। यह विभिन्न राज्यों बिहार, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश आदि के रहने वाले हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को जवाहर नवोदय विद्यालय करीरा के 20 विद्यार्थियों का मेडिकल किया गया है जो आंध्र प्रदेश में जाएंगे जबकि मंगलवार से नगरपालिका कार्यालय में 820 ऐसे लोगों का मेडिकल किया जाएगा।
 उल्लेखनीय है कि कनीना और आसपास क्षेत्र में फसल कटाई शुरू होती है तब भारी संख्या में लोग आते हैं। ये लोग आ गए तत्पश्चात लाकडाउन के चलते वापस नहीं जा पाए। अब इनको घर की याद सताने लगी है। आखिरकार सरकार ने निर्णय लेते हुए उन्हें उनके राज्यों में भेजने का कदम उठाया है। भविष्य में इनको विभिन्न राज्यों में भेजा जाएगा।


लॉकडाउन में जनसेवा की है मुकेश रोकी ने 

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, कनीना। कनीना मंडी के  पार्षद मुकेश रॉकी ने न केवल लॅकडाउन में गरीब लोगों की हर प्रकार से किया है अपितु अपना सात माह का मानदेय भी लोगों के लिए खाने के प्रबंध में कर दिया है।
  मुकेश राकी लॉकडाउन के समय दिन-रात जुटे रहे और लोगों की सेवा करते देखे गए और पार्षदों ने मिलने वाला पारिश्रमिक भी कोरोना से लडऩे के लिए दान कर दिया। उन्होंने बताया कि उन्होंने सात माह का बतौर पार्षद का मिलने वाला पारिश्रमिक 31500 भी लोगों के लिए खाने वास्ते दान कर दिया। वार्ड सात के पार्षद मुकेश रोकी लॉकडाउन के समय से ही जनसेवा में जुटे हुए हैं।  उन्होंने समय-समय पर मास्क एवं सेनिटाइजर आदि वितरित किए हैं वहीं लोगों को समय-समय पर कोरोना के प्रति  जागरूक करते रहे हैं ताकि रोग से बचा जा सके। उन्होंने कनीना-अटेली-महेंद्रगढ़ तिराहे पर भी लंबे समय तक दूसरे प्रदेशों गरीब लोगों के लिए खाने का निजी स्तर पर प्रबंध किया और सेवा की।
   एक सेवक के रूप में मुकेश पार्षद ह्वह्य श्री श्याम मित्र मंडल के सहयोग से जनसेवा के विभिन्न कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लिया और जन सेवा की। उनका योगदान बेहतर रहा है।
फोटो केप्शन मुकेश राकी।



बारिश ने प्रभावित की कपास की बीजाई 

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 कनीना। कनीना क्षेत्र में विगत दिनों से चल रही कपास की बिजाई रविवार को शाम चार एमएम बारिश होने के बाद प्रभावित हो गई है।
 बारिश होने से जहां बिजाई की गई खेतों में भी पपड़ी बनने के आसार बन गए हैं। इसलिए बिजाई का काम रोक दिया गया है। वहीं किसान एक दो रोज और इंतजार करेंगे। तत्पश्चात बिजाई के काम में लगेंगे। क्षेत्र के किसानों राम सिंह, बलजीत, अजीत कुमार आदि ने बताया कि बारिश होना कपास की बिजाई में बाधक बन गया है। उधर कनीना बीज विक्रेता कुलदीप बोहरा एवं बिजेंद्र सिंह ने बताया कि बीजों में तेजी से बिक्री बढ़ी थी लेकिन बारिश होने के बाद अचानक बहुत कम हो गई है जिसके चलते लगता है कि अब लोग कुछ दिन और इंतजार करेंगे फिर बिक्री बढ़ेगी।











सड़क मार्ग पर तथा बैंकों में लगी भीड़ 

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 कनीना। जहां लोक डाउन में कुछ छूट देने के बाद सोमवार को सड़कों पर भारी संख्या में वाहन दिखाई दिए। कई दिनों तक वाहन घरों में खड़े रहने के पश्चात आखिरकार वाहन सड़कों पर उतर आए।
 जहां दुकानदार भी अपनी दुकानों के सामने बैठे दुकानें खुलने का इंतजार करते रहे वहीं बाद में उन्हें पता चला कि उनकी दुकानें अभी नहीं खोली जाएगी जिसके चलते दुकानदार मायूस बैठे नजर आए। दुकानों के बाहर सुबह सवेरे ही दुकान खोले जाने की संभावना से दुकानदार बैठे हुए थे।   

             उल्लेखनीय है कि रविवार से ही दिनभर पूछताछ जारी रही कि दुकानों की क्या हालात रहेगी? लेकिन स्थानीय प्रशासन ने दुकान खोले जाने के प्रति कोई संदेश नहीं दिया। तत्पश्चात सोमवार को दुकानदार दुकानों के बाहर मायूस बैठे देखे गए। कुछ दुकानदार तो अधिकारी से मिलने के लिए भी पहुंचे जिस पर कोई निर्णय लिए जाने की संभावना है। उधर एक बार फिर से बैंकों के बाहर जमावड़ा देखने को मिला भारी भीड़ वाहनों की भीड़ बैंकों के सामने देखी गई। लोग पैसे निकालने के लिए बैंक में तथा बाहर खड़े नजर आए। सभी बैंकों की शाखाओं के बाहर भीड़ लगी हुई थी, बेशक नियमों का पालन हो या न हो किंतु उन्हें तो बस अपने पैसे निकलवाने थे। ऐसे में हालात बिगडऩे के आसार बन गए हैं। एक तरफ जहां रविवार का अवकाश होने के कारण बैंक बंद रहे पैसे की जरूरत थी इसलिए भीड़ अधिक देखने को मिली वहीं वाहन भी आवागमन शुरू होने से भारी भीड़ देखने को मिली।
 फोटो कैप्शन एक:  बैंक की शाखा के सामने खड़ी भीड़ और वाहन।







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