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Thursday, May 7, 2020


कोरोना रिलीफ फंड में 62 हज़ार रुपये

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कनीना। राजकीय महाविद्यालय कनीना के एक्सटेंशन लक्चररो ने मुख्य मंत्री कोरोना रिलीफ़ फंड में 62 हजार रुपये दिए हैं। यह राशि एसडीएम रणबीर सिंह को चेक के माध्यम से दी। 
    लेक्चरर बलराज सिंह व अनीता यादव ने संयुक्त रूप से बताया कि हमारा यह ग्रुप अभी ऑनलाइन विद्यार्थियों को पढ़ा रहा है। हमारा ग्रुप आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों को पुस्तकें भी उपलब्ध करवा रहा हैं । एसडीएम रणबीर सिंह ने एक्सटेंशन लेक्चरर का आभार जताया और इनकी प्रशंसा की । एसडीएम ने कहा के इस तरीके की पहल हर कालेज में होनी चाहिए।
 उधर श्याम मित्र मंडल कनीना ने नगर पालिका प्रशासन को जरूरतमंद एमनीएवं असहाय जनों की निशुल्क व्यवस्था के लिए 41000 रुपये दिए है। विस्तृृत जानकारी देते हुए समाजसेवी सचिन कुमार ने बताया कि इससे पहले भी 1000 मास्क निशुल्क वितरित कर चुका है। साथ में 21 दिन तक लगातार निस्सहाय जन की निशुल्क भोजन व्यवस्था भी कर चुका है।
उधर कनीना उप नागरिक अस्पताल के तहत पीएचसी मुंडियाखेड़ा, पीएचसी भोजावास तथा एसडीएच कनीना के 66 कर्मचारियों व अधिकारियों ने मिलकर 2,34,210 रुपये की राशि सीएम कोरोना रिलीफ फंड में भेजी है। विस्तृत जानकारी देते हुए एसएमओ डॉ धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि सभी कर्मचारियों अधिकारियों ने अपने अपने वेतन से यह राशि सीएम रिलीफ फंड में भेजी है।
फोटो कैप्शन 3: एसडीएम कनीना को कालेज प्रोफेसर चेक देते हुए।






बागपत और शामली भेजे 500 श्रमिक 
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कनीना। कनीना से उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को उनके गांव भेजने का सिलसिला जारी है। पहले जो ट्रेन से उन्हें भेजे जाना था वो रद्द करके उनके स्थान पर रोडवेज की बसें उन्हें लेकर जा रही हैं।
 15 बसों में बिठाकर 500 श्रमिकों को रवाना किया गया है। ये बसें कल तक उन्हें उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचा देंगी।

6500 लोगों का हुआ मेडिकल चैकअप 

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 कनीना। कनीना उप नागरिक अस्पताल के डॉक्टर विनय कुमार की अध्यक्षता में दो विभिन्न दलों ने अब तक 6500 के करीब श्रमिकों का मेडिकल कर लिया है।
 ये लोग मेडिकल करवाकर अपने गंतव्य स्थानों पर जाने को तैयार हैं। कुछ चले भी गए हैं। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकांश मजदूर हैं।


272 किसानों की 7587 क्विंटल सरसों खरीदी

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  कनीना। कनीना अनाज मंडी में सरसों तथा इसके तहत तीन खरीद केंद्रों पर गुरुवार को 272 किसानों की 7587 क्विंटल सरसों खरीदी है।
 विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेड मैनेजर सत्येंद्र यादव ने बताया कि कनीना 135 किसानों ने 3950 क्विंटल, करीरा के 32 किसानों ने 739 क्विंटल,सेहलंग में 61 किसानों ने 1781 क्विंटल, दौंगड़ा में 44 किसानों ने 1117 क्विंटल सरसों बेची  है जबकि 55 किसानों ने 2271 क्विंटल गेहूं बेचा है।


कैमला के किसान की रोकी पेमेंट 

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 कनीना। कनीना मार्केट कमेटी में आई एक शिकायत  के चलते कैमला के एक किसान की पेमेंट रोक दी है।
 शिकायत में कहा गया है कि राकेश नामक व्यक्ति ने 40 क्विंटल सरसों गलत तरीके से पंजीकरण करके बेची है। मार्केट कमेटी ने सचिव ने मैनेजर हैफेड को इनकी पेमेंट जांच पूर्ण होने तक न करने का आदेश दिया है। सूचना एसडीएम को भी प्रेषित की गई है।


चक्कर पर चक्कर लगा रहे श्रमिक 

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 कनीना। इस बार दूसरे प्रांतों से दो जून की दो वक्त की रोटी कमाने के लिए आए श्रमिकों को भारी परेशानी का भी सामना करना पड़ रहा है। वहीं क्षेत्र के उन व्यक्तियों ने भी भारी परेशानी झेलनी पड़ रही है जिनके यहां ये मजदूर रुके हुए हैं। एक और जहां यह मजदूर बड़ी आशा से हरियाणा के विभिन्न गांवों में आए हैं लेकिन लॉकडाउनलोड  एवं कोरोनावायरस के चलते वापिस जाने में भारी दिक्कत आ रही है। 6000 से भी अधिक श्रमिकों ने मेडिकल करवा लिया है।      ये विभिन्न कार्यालयों में चक्कर लगाते रहते हैं ताकि उनको किसी प्रकार उनके राज्य में भेजा जाए लेकिन केवल निराशा हाथ लगती है। ये लोग अपने निजी साधनों से भी नहीं जा सकते क्योंकि इनको किसी प्रकार की कोई अनुमति नहीं मिल पा रही है।
 उधर जिन गांव के लोगों ने इनको लावणी के लिए बुलाया था उनके लिए भी मुसीबत ही बन गए हैं। 20 और 25 लोगों को प्रतिदिन रोक पाना और वह भी पिछले एक महीने से रोक पाना बहुत कठिन हो गया है। अब इसी प्रकार के लोग अपने प्रदेश में चले जाए इसलिए खंड विकास कार्यालय, एसडीएम कार्यालय, नगर पालिका कार्यालय तथा विभिन्न कार्यालयों के यहां इधर-उधर घूमते नजर आते हैं।
 200 के करीब श्रमिक नगर पालिका में आंदोलन कर बैठे कि उनके राज्य में भिजवाया जाए। मौके पर जहां पालिका प्रधान सतीश जेलदार अन्य अधिकारियों ने समझाया कि उनके राज्यों में भेजना उनके हाथ नहीं है। प्रशासन उनको समय अनुसार भेज रहा है, वे उनकी मांग प्रशासन तक पहुंचा सकते हैं। सतीश जेलदार ने बताया कि यह लोग बेहद परेशान हैं जब इनको दूसरे राज्य में भेजा जाना है, मेडिकल हो चुका है तो क्यों न इनको तुरंत उनकेे राज्य में राज्य में भेज दिया जाए।
लेकिन हर बार इनको परेशानी झेलनी पड़ रही है। एक और जहां कनीना में तीन शेल्टर होम स्थापित है जहां भारी संख्या में पूरे खंड कनीना के मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार के श्रमिक आए हुए हैं। यद्यपि मध्यप्रदेश के श्रमिकों को अटेली भेजकर और ट्रेन द्वारा भेजा जा रहा है किंतु उत्तर प्रदेश तथा बिहार के लोगों को कनीना से भेजा जा रहा है।  एक ही शहर के सभी मजदूरों को एक साथ न भेजे जाने से भी इनमें रोष पनप रहा है।
ऐसा लगता है कि जिले में कोई इनकी सुनवाई करने वाला नहीं है। यदि किसी भी शेल्टर होम में जाकर देखा जाए तो बेचारी मायूस हुए ये श्रमिक इधर उधर बैठे देखे जा सकते हैं पुलिस प्रशासन भी बैठा हुआ है पर वे प्रशासन के समक्ष असहाय नजर आते हैं। एक और जहां इनके लिए खाने का प्रबंध करना भी कठिन हो गया है क्योंकि इनकी निश्चित संख्या नहीं होना,जो मुसीबत बन रही है। नगर पालिका कनीना ने पूरे ही हरियाणा में खाना बनाकर इनको खिलाने में नाम कमाया है किंतु वे भी मजबूर है कि इनकी संख्या घटती बढ़ती रहती है। इन मजदूरों की मांग है कि ने अविलंब उनके राज्य में भेजा जाए।




संशमनी रोग-प्रतिरोध क्षमता बढ़ती है-डा शशी मोरवाल

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कनीना। आयुष मंत्रालय द्वारा जारी रोग-प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाने के लिए संशमनी वटी के किट बाट कर लोगों को कोरोना से बचने के उपाय बता कर जागरूक किया।
 आयुष विभाग की वरिष्ठ चिकित्सक डाक्टर शशी मोरवाल ने कस्बा कनीना में बस स्टैंड, अनाज मंडी, रेलवे रोड़, बिजली विभाग व अन्य मार्केट में आयुष विभाग द्वारा जारी रोग प्रतिरोध क्षमता के लिए संसमन वटी किट वितरित किए।
 इस अवसर पर बोलते हुए डा मोरवाल ने बताया कि जिला आयुर्वेदिक अधिकारी डा अजीत सिंह आदेशानुसार  पिछले पांच दिन से उनकी समूची टीम कस्बे में विभिन्न स्थानों पर उक्त किट देकर लोगों को कोरोना नामक महामारी को लेकर बचाव के प्रति जागरूक अभियान चलाया हुआ है।
 टीम में डा पूजा, महेन्द्र कुमार डिस्पेंसर, विनोद कुमार डिस्पेंसर आदि द्वारा लोगों को उनके नीजि स्थानों पर जाकर उक्त किट उपलब्ध कराए गए है ताकि देश व प्रदेश के लोग इस महामारी से बच सके। वही टीम की सदस्या डाक्टर पूजा ने भी लोगों को कहा कि इस महामारी से बचने के लिए रोजाना संसमन वटी की एक टेबलेट सुबह और एक सांय गर्म पानी के साथ लेनी चाहिए तथा आए दिन दूध में हल्दी डालकर पीना चाहिए। दाल चीनी, अदरक का काढ़ा बना कर पीना चाहिए तथा खाने में हरी सब्जियों का प्रयोग करना चाहिए तथा अपने घरों में रह कर शरीर की इम्यूनिटी पावर को बढ़ा कर इस महामारी से अपने तथा अपने परिवार को बचाना चाहिए। वही डा शशी मोरवाल ने यह भी बताया कि इस जागरूक अभियान में लगभग आज पांच सौ किट लोगों को बाट कर कोरोना से बचने के उपाय भी बताए हैं।
फोटो कैप्शन 2: कोरोना से बचने के लिए संशमनी वटी बाटते हुए डा शशी मोरवाल।

रोजवेज बसों में भरकर भेजे पांच सौ प्रवासी श्रमिक

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कनीना। क्षेत्र में हजारों की तादाद में आए प्रवासी मजदूरों को उनके राज्यों में भेजने के लिए लिए प्रशासन ने हरियाणा रोड़वेज की बसें तथा रेलवे का इंतजाम कराया है। यहा गोरतलब है कि गत दिवस यूपी, एमपी तथा बिहार से जिला महेन्द्रगढ़ में दो वक्त की रोटी कमाने आए मजदूरों को लोकडाउन की वजय से यहां कार्य ठप होजाने के कारण दो जून की रोटियों के लाले पड़ गए थे जिसको लेकर मजदूरों ने कई बार ग्राम सरपंचों से लेकर खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी व प्रशासन तक के अधिकारियों के कार्यालयों के चक्कर लगा-लगा कर उनको अपने गांव भिजवाने या फिर दो वक्त की रोटी उपलब्ध कराने की मांग करते रहे हैं।
 आखिरकार उपमंडल कनीना के विभिन्न गांवों से लगभग पांच सौ प्रवासी मजदूरों लगभग एक दर्जन रोडवेज बसें भर कर उनके राज्य के विभिन्न जिलों पर भिजवाने का कार्य किया जिसको लेकर प्रवासी मजदूरों ने खुशी जताई है। लगभग पांच सौ मजदूरों को उन्हाणी कालेज से शामली, बागपत तथा लखीमपुर खीरी भिजवाया है तथा जल्द ही और यूपी के मजदूरों को भिजवाने का कार्य किया जाएगा। इस अवसर पर उपमंडल अधिकारी, नायब तहसीलदार, खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी युद्धवीर सिंह के अलावा अन्य समाज सेवी लोग उपस्थित थे।
फोटो कैप्शन 3: उन्हाणी से बसों में मजदूरों को ले जाते हुए बस।


 कोरोना महायोद्धा के रूप में उभरे हैं सतीश जेलदार

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 कनीना। कनीना पालिका के प्रधान सतीश जेलदार कोरोना महायोद्धा के रूप में उभर कर सामने आए हैं जिन्होंने 25 मार्च से लगातार प्रतिदिन 2000 लोगों को
खाना खिलवाया है। बाहर के लोगों के खाने, ठहराने की अहम भूमिका अदा की है। जहां पालिका के सभी पार्षदों ने अपने दो-दो माह का पारिश्रमिक खाने के लिए दिया वही गांवों से तथा कनीना के लोगों ने जमकर दान दिया जिसके चलते यहां ठहरने खाने-पीने की समुचित व्यवस्था बाहर के लोगों के लिए बन पाई है जो अभी तक जारी है। इसमें सबसे अहम भूमिका सतीश जेलदार की रही है। उन्होंने छह बार कनीना को सैनिटाइज करवाया तीन बार फोगिंग करवाई, तीन बार मास्क वितरित करवाए,सैनिटाइजर दिए तथा हाथ में पहनने के लिए दस्तानों का वितरण भी करवाया।
यही नहीं उन्होंने पालिका में कार्यरत कर्मियों के लिए जूते, सॉक्स, सैनिटाइजर, मास्क, दस्ताने, जैकेट आदि भी उपलब्ध करवाई ताकि कनीना को साफ सुथरा रख सके। उनके कार्य की पूरे राज्य और सीएम कार्यालय तक सराहना की गई है जिसके चलते वे एक कोरोना महायोद्धा के रूप में उभरे हैं।
उनका कहना है कि भविष्य में भी वे यह प्रकार के खाने का प्रबंध रखेंगे जब तक प्रशासन,कनीना  और कनीना के आसपास के लोगों का सहयोग जारी रहेगा। कनीना में जहां कहने को  दो शेल्टर होम थे किंतु मुख्य सेंटर होम कनीना पालिका के समक्ष था जिसमें कहने को 52 लोग ठहरते थे किंतु दो हजार लोगों को प्रतिदिन खाना खिलाया जा रहा था जिसके पीछे भी उन्हीं का अहम योगदान था।
पालिका प्रधान सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को जिम्मेदारी देकर खाने की व्यवस्था करवा रखी है। अधिकारी से लेकर कर्मचारी तक सभी बाहर के लोगों को खाना खिलाते रहे हैं जिनमें राजाराम सचिव, पूर्व पालिका प्रधान राजेंद्र सिंह लोढ़ा, पालिका उपप्रधान अशोक ठेकेदार, महेंद्र सिंह हलवाई, पोंडा हलवाई तथा ठेकेदार ओमप्रकाश लेखाकार शिवचरण शमा ,केशव सहित सभी ने अहम भूमिका निभाई और कनीना कस्बे को पूरे हरियाणा भर में एक नंबर पर लाकर सिद्ध कर दिया कि सतीश जेलदार की अध्यक्षता में सभी कार्य सही सुचारू रूप से चल सकते हैं।
फोटो कैप्शन : सतीश जेलदार।




दो दिनों में हुआ 820 श्रमिकों को दी मेडिकल फिटनेस सर्टिफिकेट
-उनके प्रदेश में भेजे जाने की तैयारी

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 कनीना। कनीना के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र डा विनय कुमार की अध्यक्षता में कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में दो टीमों द्वारा श्रमिकों का मेडिकल चेक अप किया गया। दोनों टीमों ने दो दिनों में 820 श्रमिकों का मेडिकल किया। उन्हें उनके प्रदेश भेजा जाना है।
    मिली जानकारी अनुसार डॉ विनय कुमार शर्मा की अध्यक्षता में लखपत सिंह एवं शर्मिला स्टाफ नर्स की एक टीम ने करीब 400 श्रमिकों का मेडिकल किया जबकि शीशराम एचआई, राजेश कुमार एमपीएचडब्ल्यू, रणबीर सिंह एडस काउंसलर, राजबीर सिंह  एमपीएचडब्ल्यू ने मिलकर ने 400 लोगों का मेडिकल किया। कुल 820 श्रमिकों का मेडिकल किया गया।
 उल्लेखनीय है कि 5910 लोगों का पहले ही मेडिकल हो चुका है। 820 लोगों बुधवार तक मेडिकल हो गया है। अब सरकार की हिदायतों के अनुसार उन्हें उनके प्रदेश में भेजा जाएगा।
फोटो कैप्शन 1: श्रमिकों का मेडिकल करते हुए डॉक्टरों की टीम।













बागपत और शामली भेजे ५०० श्रमिक 

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कनीना। कनीना से उत्तर प्रदेश के श्रमिकों को उनके गांव भेजने का सिलसिला जारी है। पहले जो ट्रेन से उन्हें भेजे जाना था वो रद्द करके उनके स्थान पर रोडवेज की बसें उन्हें लेकर जा रही हैं।
 १५ बसों में बिठाकर ५०० श्रमिकों को रवाना किया गया है। ये बसें कल तक उन्हें उनके गंतव्य स्थान तक पहुंचा देंगी।

६५०० लोगों का हुआ मेडिकल चैकअप 

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 कनीना। कनीना उप नागरिक अस्पताल के डॉक्टर विनय कुमार की अध्यक्षता में दो विभिन्न दलों ने अब तक ६५०० के करीब श्रमिकों का मेडिकल कर लिया है।
 ये लोग मेडिकल करवाकर अपने गंतव्य स्थानों पर जाने को तैयार हैं। कुछ चले भी गए हैं। मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकांश मजदूर हैं।


२७२ किसानों की ७५८७ क्विंटल सरसों खरीदी

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 कनीना। कनीना अनाज मंडी में सरसों तथा इसके तहत तीन खरीद केंद्रों पर गुरुवार को २७२ किसानों की ७५८७ क्विंटल सरसों खरीदी है।
 विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेड मैनेजर सत्येंद्र यादव ने बताया कि कनीना १३५ किसानों ने ३९५० क्विंटल, करीरा के ३२ किसानों ने ७३९ क्विंटल,सेहलंग में ६१ किसानों ने १७८१ क्विंटल, दौंगड़ा में ४४ किसानों ने १११७ क्विंटल सरसों बेची  है जबकि ५५ किसानों ने २२७१ क्विंटल गेहूं बेचा है।

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