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Monday, May 18, 2020


डिपो धारकों की शिकायत की

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कनीना। धनौंदा गांव के डिपो धारकों की एक बार फिर से एसडीएम कनीना के यहां शिकायत की है।
 यहां गौरतलब है कि पिछले तीन माह पूर्व खंड के गांव धनौन्दा के दर्जन भर लोगों ने गांव के ही दो डिपो धारकों के खिलाफ शिकायत देकर यह आरोप लगाया था कि डिपो धारकों ने गांव के ही कुछ बीपीएल काड धारकों का कई माह का राशन न देकर उनके राशन को हजम कर लिया है। जिसकी शिकायत ग्रामीणों द्वारा जिला के आला अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री हरियाणा सरकार तक भेज कर उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने की गुहार लगाई थी जिसको लेकर खाद्य आपूर्र्ति विभाग ने तीन अधिकारियों की एक कमेटी गठित कर जांच भी कराई गई थी। जिसमें कमेटी ने जांच में गोलमाल होना पाया गया था तो विभाग ने सख्ती दिखाते हुए उक्त डिपो धारकों की सप्लाई को सस्पेंड कर दिया था लेकिन इतना सब कुछ होने के बाद भी एक बार फिर विभाग ने उन डिपो धारको की सप्लाई को बहाल कर दिया।
 इसी बात को लेकर आज एक बार फिर गांव के लगभग आधा दर्जन लोगों ने कनीना उपमंडल अधिकारी को उक्त डिपो धारकों की शिकायत देकर न्याय कि गुहार लगाई है ताकि ग्रामीणों के साथ हो रहे अन्याय को न्याय मिल सके। वही शिकायत कर्ता अजय कुमार के अलावा अन्य ग्रामीणों ने बताया कि उपमंडल अधिकारी न मिलने के कारण उन्होंने शिकायत उनके रीडर को देकर डिपो धारकों व उनके साथ जुड़े अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज कराने की मांग की है।

सड़क दुर्घटना में पूर्व पंच व हलवाई घायल

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कनीना। सड़क दुर्घटना में पूर्व पंच व एक हलवाई घायल हो गए।
मिली जानकारी के अनुसार खंड के गांव धनोन्दा निवासी पूर्व पंच ठाकुर घनश्याम सिंह व नरेन्द्र उर्फ लालराम हलवाई दोनों अपनी बाईक पर सवार होकर गांव धनौन्दा से अपने निजी कार्य के लिए कनीना आ रहे थे कि आगे से तेज गति से आ रही एक गाड़ी ने उन्हें टक्कर मारदी जिसमें वे दोनों बुरी तरहा से घायल हो गए वही प्रत्यक्षर्शयों ने उन्हें कनीना सरकारी हस्पताल पहुंचाया जहां चिकित्सकों ने उनकी गंभीर हालात देखते हुए उन्हें महेन्द्रगढ़ सरकारी अस्पताल में रेफर कर दिया है। समाचार लिखे जाने तक पुलिस द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई थी।

बढ़ती जा रही गर्मी, जनजीवन बेहाल 
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में गर्मी बढ़ती ही जा रही जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। गर्मी के चलते लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं। तापमान बढऩे से पेड़ पौधों को भी नुकसान होने का अंदेशा हो गया है वहीं पक्षियों पर भी कुप्रभाव पड़ रहा है।



इंसान की पर्यावरण से छेड़छाड़ जीवों के लिए बन रही है मुसीबत

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कनीना। जंगल से तीतर बटेर, शशक, हरिण लुप्त होने के कगार पर हैं। काला तीतर राज्य पक्षी घोषित है किंतु यह लुप्त होने की कगार पर पहुंच गए हैं। आने वाले समय में मारिशश देश के डोडो पक्षी की भांति ये पुस्तकों में पढऩे को मिलेंगे।
 जब झोपड़ पट्टी होती थी और चिडिय़ां भारी संख्या में मिलती थी। वन अधिक होने से तीतर, बटेर, हरियल, फाख्ता, टीटीहरी, काला तीतर, हरिण, शशक एवं नाना प्रकार के जंगली जीव मिलते थे। आज उनके दर्शन दुर्लभ हो गए हैं जिनके पीछे इंसान की पर्यावरण से छेड़छाड़ मानी जाती है। पेड़ पौधों की कटाई, अंधाधुंध उर्वरक एवं पीड़कनाशी खेतों में डालना, पक्के मकान बनाए जाना, वनों का विनाश, औधोगिकरण, बढ़ता प्रदूषण, आखेट पर कड़ा प्रतिबंध न लगा पाना, शौकीनी के लिए जीवों को पालना, जीवों को पालतू बनाने की होड़, सांपों को पकड़कर सपेरे की भूमिका निभाना, गर्मी एवं सर्दी से जीवों को बचने के शरणस्थल न होना, खुले कुओं की जगह बोर बनाया जाना, सूखता जल, नदियों एवं नहरों में पानी का अभाव, भोजन न मिल पाना, आहार शृंंखला का छोटा होना एवं जीवों के लिए संरक्षण कानून सख्त न होना आदि प्रमुख कारण है जिनके चलते जीव जंतु दिनोंदिन लुप्त होते जा रहे हैं।
  उधर राजेंद्र सिंह पर्यावरणविद का कहना है कि अभ्यारण्य जैसे स्थल स्थापित करने की अनुमति दी जाए ताकि जीवों को मरने से बचाया जा सके। उनका कहना है कि जंगली जीवों को बचाने के अब सघन प्रयास करने पड़ेंगे वरना जंगली जीव अब लुप्त हो जाएंगे।  जंगली जीवों को बचाने के लिए पेड़ पौधों को बचाना जरूरी है। पेड़ पौधे अकसर गर्मी में जल की कमी के चलते नष्ट हो जाते हैं वहीं सर्दी में झुलस जाते हैं। किसान अपने खेतों से जाटी पेड़ का विनाश करने पर तुले हुए हैं जिसके चलते तीतर, काला तीतर, फाख्ता आदि विलुप्ति के कगार पर पहुंच चुके हैं।





रामबास के भूतपूर्व सैनिकों ने भेजी 53630 राशि राहत कोष में 

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कनीना। कनीना खंड के गांव रामबास में के भूतपूर्व सैनिकों ने प्रधानमंत्री राहत कोष में 53600 रुपये की राशि भेजी हैं। उन्होंने यहां एसडीएम कनीना रणवीर सिंह को एक चेक भेंट करते हुए कहा कि वीरों का सदा देशभक्तों का सदा योगदान रहा है। इस राशि में विभिन्न सैनिकों ने योगदान दिया है। उन्होंने अपील की कि इसी प्रकार की सभी सहायता करें तो देश महान बन सकता है। इस सहायतार्थ राशि में सीआरपीएफ, बीएसएफ, आर्मी, गुजरात पुलिस के जवान शामिल हुए। इस मौके पर लालाराम, वेद प्रकाश, किशन लाल आदि मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 1:एसडीएम को चेक भेंट करते रामबास के सैनिक
 





लगभग प्रवासियों को उनके घर पहुंचाया 
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 कनीना। कनीना क्षेत्र में के जहां भारी संख्या में प्रवासी आए हुए थे उनको लगभग घर पहुंचा दिया है। करीब 7000 से अधिक प्रवासियों को विभिन्न साधनों के मार्फत उनके गृह क्षेत्र या रेलवे स्टेशन तक पहुंचा दिया है। प्रवासियों को लेकर के जहां शेल्टर होम लबालब भरे रहे वहीं कनीना नगर पालिका ने अहम भूमिका निभाई लेकिन प्रवासियों के खाने-पीने और रहने में किसी प्रकार की कोई कसर कनीनावासियों ने नहीं छोड़ी।
कुछ खट्टा अनुभव लेकर गए हैं प्रवासी -
यद्यपि प्रवासियों के किसी प्रकार की खाने-पीने रहने आदि में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन उनका काफी पैसा रहते रहते खर्च हो गया। वहीं परेशानी बढ़ी है। जिस आशा को लेकर के वे क्षेत्र में पहुंचे थे उनकी सभी आशाएं उस समय धूमिल हो गई जो कोरोना ने खलल डाल दी। जिसके चलते उन्हें कम काम मिला वहीं घर की चिंता अधिक सताती रही। आखिरकार उन्हें घर जाना पड़ा लेकिन बहुत दुख दर्द सहन करके। उनका यहां रहते रहते काफी पैसा कमाया था वह भी खर्च हो गया जिसके चलते प्रवासी रामवीर, दिलसुख, पवन कुमार ने जाते-जाते बताया कि उन्होंने जो पैसा कमाया था उसका अधिक भाग अपने दैनिक जीवन के कार्यों में खर्च करना पड़ा है जिसके चलते हर वर्ष जितनी धनराशि ले जाते हैं इतनी धनराशि नहीं ले जा सके। यहां तक कि इस बार में परेशानियों का सामना भी अधिक हुआ है।




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