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Saturday, October 17, 2020

 जांच करने गई पुलिस पर बोला धावा, मामला दर्ज

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-गांव की एक महिला ने भी धावा बोलने वाले व्यक्ति पर दर्ज करवाया है मामला 

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 कनीना। कनीना खंड के गांव भोजावास में मारपिटाई के मामले में पहुंचे पुलिस दल पर एक शराबी ने बोला धावा। एक कर्मी हुआ चोटिल। पुलिस ने मामला दर्ज कर धावा बोलने वाले को पकड़ लिया है।
 पुलिस को 100 नंबर पर शिकायत मिली कि प्रमिला नामक महिला को उसका पति सत्यवीर सिंह उर्फ मि_ू शराब के नशे में मार पीट रहा है। जब एसपीओ अशोक कुमार तथा उर्मिला मौके पर पहुंचे तो बाहर भारी भीड़ लगी हुई थी।
एक व्यक्ति गाली गलौज कर रहा था। आसपास के लोगों ने मौके पर पहुंची पुलिस को बताया कि उक्त व्यक्ति ने जीना हराम कर रखा है, गंदी गंदी गालियां देता है तथा मार पिटाई करता है। अपनी पत्नी के साथ भी मार पिटाई करता रहा है।
 जब पुलिस उस घर पर पहुंची तो टी-शर्ट और काली पैंट पहने एक व्यक्ति पुलिस पार्टी को देखते ही छत पर चढ़कर पत्थर फेंकने लगा और उनको गंदी गालियां देने लगा। घटना में अशोक कुमार पीएसओ चोटिल हो गया। इस पर धावा बोलने वाला व्यक्ति मौका देख कर छत से कूद कर भाग गया।
कनीना पुलिस ने विभिन्न धाराओं के तहत व्यक्ति के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
 वही भोजावास कि महिला की शिकायत पर भी उपरोक्त व्यक्ति के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।
बीना ने शिकायत दर्ज करवाई है कि
सत्यवीर उर्फ मि_ू उन्हें तथा उनकी देवरानी के साथ गाली गलौज करता है, गंदी गंदी गालियां देता है। यदि जब उसे गंदी गालियां न देने की बात कहते हैं तो कुल्हाड़ी लाकर जान से मारने की धमकी देता है। पूरी पूरी रात उन्हें गंदी गालियां देता है।
 16 अक्टूबर को बीना की देवरानी बिंदु मकान के दरवाजे पर खड़ी थी। सत्यवीर ने उनका हाथ पकड़ लिया और गंदी हरकत करने लगा। जब बीना ने अपनी देवरानी का शोर सुना तो बाहर आई और देवरानी को छुड़वाया। कनीना पुलिस ने बीना की शिकायत पर भी व्यक्ति के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है और व्यक्ति को पकडऩे में कामयाबी हासिल की है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।


गाहड़ा में जेसीबी से अतिक्रमण हटवाया

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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव गाहड़ा में गांव से धनौंदा जाने वाले रास्ते से पीले पंजे के माध्यम से अतिक्रमण हटाया गया। अतिक्रमण में घरों के सामने साथ 8 फीट दूर तक बनाई गई सीढिय़ों(खुरा) को हटाया। गांव के लोगों ने इस रास्ते पर इंजन लगाकर अतिक्रमण किया हुआ था।  रास्ते में कुरडिय़़ां, ईंधन तथा  पत्थर आदि भी डाले  हुए थे । जिसकी वजह से खेतों में जाने वाले किसानों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब इस रास्ते पर अतिक्रमण हटा दिया गया है।
 गांव के सरपंच राजू इंदौरा ने बताया कि अब इस रास्ते पर इंटरलाक टाइल के माध्यम से रास्ते को पक्का किया जाएगा जिससे गांव से धनौंदा की तरफ जाने वाले किसानों को कोई किसी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़े। सरपंच अनुसार गाहड़ा गांव में कहीं भी अतिक्रमण किसी ने कर रखा है तो उसको हटा ले नहीं तो मुनादी करवाकर पीले पंजे के माध्यम से उसको हटाया जाएगा। इससे पहले गांव से लिसान का सड़क मार्ग, गांव की गोचर भूमि का जिन्होंने अतिक्रमण किया हुआ था उसको भी हटाया गया था। गांव में हुए हो रहे अतिक्रमण की शिकायत ग्रामीणों ने सरपंच दी थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए गांव के अधिकतर जगह से अतिक्रमण हटा दिया है।
 सरपंच राजू इंदौर ने मय पंच बंटी व कृष्ण सिंह ज्ञानी तथा सचिव जितेंद्र ने मिलकर जेसीबी को बुलाया और सारे मार्ग पर अतिक्रमण साफ कर दिया है।  भविष्य में भी इस प्रकार की कोई अतिक्रमण की समस्या होगी उसे नहीं बख्शा जाएगा। सरपंच ने साफ सुथरे मार्ग देने का वादा किया ताकि दुर्घटनाओं पर काबू पाया जा सके।
फोटो कैप्शन 8: गाहड़ा में जेसीबी से अतिक्रमण हटाते हुए।

किसी भी सूरत में नहीं बिकेगा बाहर का बाजरा
-भरा ट्रक मिला बाजरे का

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कनीना। कनीना के एसडीएम रणबीर सिंह ने कहा है कि किसी भी हाल में बाहर से आया हुआ बाजरा नहीं बिकने दिया जाएगा। जगह-जगह चेकिंग लगाई जाएगी कि कहीं बाहर से बाजरा तो नहीं आ रहा अगर, आ रहा है तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी। केवल क्षेत्र के किसानों का ही बाजरा बिक पाएगा।
 शुक्रवार की रात को कनीना एसडीएम कविभिन्न वाहनों की चैंकिंग कर रहे थे तो बाजरे से भरा ट्रक पकड़ा किंतु ट्रक चालक ने बताया कि मुर्गी फार्म के लिए कनीना में यह बाजरा आया है। एसडीएम ने समस्त जानकारी हासिल की। एसडीएम ने इसकी समुचित जानकारी हासिल करनी शुरू कर दी है कहीं बाजरा बेचने के लिए तो नहीं लाया जा रहा था। एसडीएम ने कहा कि यदि दोषी पाया गया तो ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

गाहड़ा में जेसीबी से अतिक्रमण हटवाया

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कनीना। कनीना उपमंडल के गांव गाहड़ा में गांव से धनौंदा जाने वाले रास्ते से पीले पंजे के माध्यम से अतिक्रमण हटाया गया। अतिक्रमण में घरों के सामने साथ 8 फीट दूर तक बनाई गई सीढिय़ों(खुरा) को हटाया। गांव के लोगों ने इस रास्ते पर इंजन लगाकर अतिक्रमण किया हुआ था।  रास्ते में कुरडिय़़ां, ईंधन तथा  पत्थर आदि भी डाले  हुए थे । जिसकी वजह से खेतों में जाने वाले किसानों को बड़ी परेशानी का सामना करना पड़ता था। अब इस रास्ते पर अतिक्रमण हटा दिया गया है।
 गांव के सरपंच राजू इंदौरा ने बताया कि अब इस रास्ते पर इंटरलाक टाइल के माध्यम से रास्ते को पक्का किया जाएगा जिससे गांव से धनौंदा की तरफ जाने वाले किसानों को कोई किसी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़े। सरपंच अनुसार गाहड़ा गांव में कहीं भी अतिक्रमण किसी ने कर रखा है तो उसको हटा ले नहीं तो मुनादी करवाकर पीले पंजे के माध्यम से उसको हटाया जाएगा। इससे पहले गांव से लिसान का सड़क मार्ग, गांव की गोचर भूमि का जिन्होंने अतिक्रमण किया हुआ था उसको भी हटाया गया था। गांव में हुए हो रहे अतिक्रमण की शिकायत ग्रामीणों ने सरपंच दी थी। जिस पर कार्रवाई करते हुए गांव के अधिकतर जगह से अतिक्रमण हटा दिया है।
 सरपंच राजू इंदौर ने मय पंच बंटी व कृष्ण सिंह ज्ञानी तथा सचिव जितेंद्र ने मिलकर जेसीबी को बुलाया और सारे मार्ग पर अतिक्रमण साफ कर दिया है।  भविष्य में भी इस प्रकार की कोई अतिक्रमण की समस्या होगी उसे नहीं बख्शा जाएगा। सरपंच ने साफ सुथरे मार्ग देने का वादा किया ताकि दुर्घटनाओं पर काबू पाया जा सके।
फोटो कैप्शन 8: गाहड़ा में जेसीबी से अतिक्रमण हटाते हुए।

किसी भी सूरत में नहीं बिकेगा बाहर का बाजरा
-भरा ट्रक मिला बाजरे का

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कनीना। कनीना के एसडीएम रणबीर सिंह ने कहा है कि किसी भी हाल में बाहर से आया हुआ बाजरा नहीं बिकने दिया जाएगा। जगह-जगह चेकिंग लगाई जाएगी कि कहीं बाहर से बाजरा तो नहीं आ रहा अगर, आ रहा है तो तुरंत कार्रवाई की जाएगी। केवल क्षेत्र के किसानों का ही बाजरा बिक पाएगा।
 शुक्रवार की रात को कनीना एसडीएम कविभिन्न वाहनों की चैंकिंग कर रहे थे तो बाजरे से भरा ट्रक पकड़ा किंतु ट्रक चालक ने बताया कि मुर्गी फार्म के लिए कनीना में यह बाजरा आया है। एसडीएम ने समस्त जानकारी हासिल की। एसडीएम ने इसकी समुचित जानकारी हासिल करनी शुरू कर दी है कहीं बाजरा बेचने के लिए तो नहीं लाया जा रहा था। एसडीएम ने कहा कि यदि दोषी पाया गया तो ट्रक चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया जाएगा।

किसान के खेत से फव्वारा चोरी 

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कनीना। कनीना के सज्जन सिंह पुत्र मामचंद वार्ड नंबर 3 में कनीना पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई है कि उनके 10  फव्वारा, एक बड़ी नोजल, एक टी तथा दो बैंड चार अक्टूबर को चोरी हो गये। उन्होंने बताया कि वे चार अक्टूबर को अपने खेत में फव्वारा सेट लगाकर मोटर चला कर छोड़ कर आए थे। उनकी मोटर स्वचालित है लेकिन जब छह अक्टूबर को अपने खेत में जाकर देखा फव्वारे चलते हुए नहीं दिखाई दिए। उन्होंने आस पड़ोस से भी पता किया किंतु फव्वारा सेट का कोई पता नहीं लगा।  आखिरकार छानबीन करके 16 अक्टूबर को फव्वारे चोरी होने की शिकायत पुलिस में दी। पुलिस में शिकायत दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। मामले की जांच कर रही है।

कनीना पुलिस ने चलाया सर्च अभियान
-40 वाहनों की चेकिंग 

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कनीना। कनीना पुलिस ने वाहन सर्च अभियान चलाया। इसमें पुलिस चौकी प्रभारी इंस्पेक्टर गोविंद सिंह और उनके स्टाफ सहित सुबह 8 बजे से ही वाहनों की चेकिंग शुरू कर दी जिसमें  जिसमें तकरीबन 40 वाहन चेक किए गए। पुलिस अनुसार नवरात्रों का शुभारंभ है। इस दौरान शहर में विभिन्न गांव के लोग सामान खरीदने के लिए आते हैं। सामान खरीदने की आड़ में
 कोई विस्फोटक सामान या शराब आदि अन्य कोई सामग्री आदि को ध्यान में रखते हुए चेकिंग की गई है। चेकिंग दौरान किसी भी गाड़ी से कोई अनावश्यक चीज नहीं पाई गई।
उल्लेखनीय है कि कोविड-19 के दृष्टिगत चालान काटने की कार्रवाई गई थी। अब सुरक्षा के लिए इस प्रकार की कार्रवाई की गई है। जहां विगत दिनों पुलिस ने मास्क न पहनने वालों के चालान काटे थे अब सर्च अभियान जारी है।
फोटो कैप्शन 6 व 7: गोविंद सिंह एएसआई सर्च अभियान करते हुए।

कनीना क्षेत्र में मिले तीन कोरोना संक्रमित 

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कनीना। शुक्रवार को कनीना क्षेत्र में तीन व्यक्ति संक्रमित मिले। उप नागरिक अस्पताल के सुनील ने जानकारी देते हुए बताया कि कनीना क्षेत्र में तीन व्यक्ति संक्रमित  मिले है । जिसमें सबसे पहले कनीना के वार्ड नंबर 7 का रहने वाला व्यक्ति संक्रमित  मिला है। इस व्यक्ति को हल्की सर्दी खांसी जुकाम हो रखा था । जिसकी वजह से इसने 14 अक्टूबर को उप नागरिक अस्पताल कनीना में अपना सैंपल जमा करवाया। 16 अक्टूबर को इसकी रिपोर्ट पाजिटिव आ गई। दूसरा केस कनीना के वार्ड नंबर 5 का मिला है। वार्ड नंबर 5 के व्यक्ति को सांस लेने में थोड़ी सी कठिनाई आ रही थी। व्यक्ति ने जागरूकता दिखाते हुए तुरंत कनीना उप नागरिक अस्पताल में अपना सैंपल 14 अक्टूबर को जमा करवाया था। जिसकी  रिपोर्ट 16 अक्टूबर को पाजिटिव आ गई । तीसरा केस धनोंदा गांव का मिला है। धनोंदा गांव के युवक ने सीएचसी सेहलंग में 14 अक्टूबर को अपना सैंपल जमा करवाया था । जिसकी रिपोर्ट 16 अक्टूबर को पाजिटिव आ गई ।

या देवी सर्वभूतेषु, शक्तिरूपेण संस्थिता:............
एक अनपढ़ महिला की बेटी पहुंची सहायक प्रोफेसर पद पर
-माता और पिता शिवभक्त 

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कनीना। प्रतिभा ग्रामीण क्षेत्रों में भी पाई जाती है। प्रतिभा किसी अमीर या गरीब को नहीं देखती है। जिस किसी के मां बाप कम लिखे पढ़े हो तो उस घर में भी विशेष प्रतिभा उभर सकती है। ऐसी ही एक प्रतिभा कनीना की कुमारी शर्मिला है। कनीना के वार्ड एक में एक गरीब परिवार में एक बच्ची शर्मिला ने अल्प आयु में ही सहायक प्रोफेसर पद तक पहुंचने एवं उच्च शिक्षा हासिल कर परिवार का नाम एवं मान बढ़ाया है। पूरा परिवार ही नहीं अपितु क्षेत्र के लोगों को उन पर नाज है। पर माता पिता पक्के शिवभक्त हैं।
  कनीना के वार्ड एक में भरपूर सिंह नामक एक दुकानदार जो अधिक लिखा पढ़ा नहीं है मुश्किल से बारहवीं तक की शिक्षा हासिल की है साथ में उनकी पत्नी शकुंतला देवी जो अनपढ़ है किंतु उनकी पुत्री कुमारी शर्मिला ने पूरे परिवार का नाम रोशन किया है। भरपूर सिंह अधिक कांवर(कांवड़) लाकर कनीना में शिवालय बनवाने में नाम जरूर कमाया है किंतु शिक्षा के क्षेत्र में बहुत प्रतिभावान नहीं रहे हैं। पूरे परिवार में धार्मिक आस्था जरूर देखने को मिलती है।
1989 को उनके परिवार में कुमारी शर्मिला ने जन्म लिया और कनीना के विभिन्न सरकारी स्कूलों में पढ़ते हुए राजकीय कन्य वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना मंडी से बारहवीं की शिक्षा पाने के बाद महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से इतिहास से स्नातकोत्तर की परीक्षा पास की। महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय से ही एम फिल की परीक्षा विश्वविद्यालय परिसर में रहते हुए हासिल की और अब पीएचडी पूर्ण कर चुकी है। उन्होंने 2013 में यूजीसी नेट/जेआरएफ की परीक्षा पास करके न केवल सरकार से जेआएफ स्कोलरशिप प्राप्त किया अपितु उन्होंने विश्वविद्यालय कैंपस में शिक्षण कार्य एवं शिक्षा पाने का काम दोनों बेहतर ढंग से हासिल किए हैं। विभिन्न कालेजों में भी उनका चयन हुआ है और वर्तमान में वे महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय रोहतक कैंपस में शिक्षण का कार्य कर रही है। इससे पूर्व भी शिक्षण संस्थानों में बतौर प्राध्यापक रह चुकी है।
  एक ग्रामीण क्षेत्र में रहकर यह मुकाम हासिल करने पर न केवल उनकी चर्चाएं होती हैं अपितु कनीना की अधिक लिखी पढ़ी बच्चियों में उनका नाम है। माता पिता को भी अपनी बच्ची पर गर्व है। माता पिता अति धार्मिक प्रवृति के हैं और वे परमात्मा की कृपा को ही बच्ची को इस मुकाम तक पहुंचने का कारण मान रहे हैं। जब कभी शर्मिला घर पर आती है तो वो अपने छोटे भाइयों एवं बहनों को शिक्षण देने से नहीं चूकती।
क्या कहती है शर्मिला कुमारी-
शर्मिला अपने दुख के दिनों को याद कर रो पड़ती है किंतु हिम्मत की मिसाल है। घर में खाना बनाकर सभी काम करके शिक्षा पाने जाती थी। कक्षा में कमजोर रहकर भी हिम्मत नहीं हारी। मां बीमार रहती है फिर भी उनकी सेवा का दायित्व निभाया और जो पैसा चाहिए उतना ही मुश्किल से खर्च कर नाम रोशन किया है।
शिवभक्त के रूप में जाना जाता है परिवार-
कुमारी शर्मिला, उनकी मां शकुंतला देवी, पिता भरपूर सिंह तथा भाई रोहित कुमार पक्के शिवभक्त के रूप में जाने जाते हैं। भरपूर सिंह ने 13 कांवड़ हरिद्वार से लाकर बाघेश्वर धाम पर अर्पित की और फिर कनीना में विशाल शिवालय का निर्माण करवाया जहां शकुंतला देवी और उनके परिवार के सदस्य सुबह जाकर सफाई करके पूजा करते हैं। इस प्रकार परिवार भी एक मिशाल बन चुका है।
फोटो कैप्शन: शर्मिला।




विधि विधान से करे मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-प्रदीप शास्त्री

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कनीना। नवरात्रों में मां दुर्गा के दूसरे रूप में पूजित ब्रह्मचारिणी की पूजा विधि विधान से करनी चाहिए। ये विचार प्रदीप शास्त्री पुजारी खाटू श्याम मंदिर कनीना ने पहले दिन की देवी मां शैलपुत्री की पूजा अर्चना करने के उपरांत व्यक्त किये।
मां
ब्रह्मचारिणी की पूजा के नियम बताते हुए उन्होंने कहा कि मां ब्रह्मचारिणी की उपासना के समय पीले या सफेद वस्त्र पहनें। मां को सफेद वस्तुएं अर्पित करें जैसे- मिश्री, शक्कर या पंचामृत. फिर स्वाधिष्ठान चक्र पर ज्योति का ध्यान करें या उसी चक्र पर अर्ध चन्द्र का ध्यान करें।  मां ब्रह्मचारिणी के लिए ऊं ऐं नम: का जाप करें और जलीय और फलाहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सुख आसन का परित्याग करना चाहिए और जब तक माता रानी का व्रत करें तो जमीन में आसन में शयन करना चाहिए। माता रानी की आराधना के समय हमें मन की शांति के लिए एक अग्रिम चित्र से माता रानी की स्तुति करनी चाहिए।
फोटो कैप्शन 5: मां ब्रह्चारिणी की पूजन विधि बताते पुजारी पडितं प्रदीप शास्त्री।

पर्यावरण संरक्षण की मुहिम में गांव कर रहा है प्रयास -मनोज 

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कनीना। कनीना खंड के गांव रामबास में पर्यावरण-संरक्षण की मुहिम लगातार जारी है। मनोज कुमार रामबास ने बताया की हम लगातार पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास कर रहे हैं।  गाव के सार्वजनिक स्थानों पर लगाये गये पौधों के संरक्षण की जिम्मेदारी निभाने के लिए प्रयासरत हैं। पौधों के संरक्षण के साथ-साथ समय समय पर पानी डालते है। गाव रामबास लगातार पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रयास कर रहा है। अगर करीब एक हजार पौधे लगाये जा चुके हैं। उनका कहना है कि पर्यावरण संरक्षण करना है तो एक सकारात्मक सोच के साथ आगे बढऩा होगा। पौधा लगाना सिर्फ 3 मिनट का काम है एक मिनट में पौधे लगाया 2 मिनट में सेल्फी लेकर सोशल मीडिया पर डालना, अगर आपको पर्यावरण संरक्षण करना है तो पौधा संरक्षण करना ही होगा और इस मुहिम में युवा पीढ़ी अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
फोटो कैप्शन 6: पेड़ पौधों में पानी देते हुए मनोज कुमार एवं उनकी टीम सदस्य। जागरण

  दशहरे तक चलता है सांझी पर्व

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 कनीना।  गांवों में दशहरे तक चलने वाला 'सांझी का पर्वÓ शुरू हो चुका है। एकता और भाईचारे का पर्व सांझी भगवान् राम के गुणों को बखान करने वाली रामलीला की भांति मनाया जाता है। गांवों में गोबर तथा सरकंडों से सांझी दिवार पर बनाई जाती है जिसे बच्चियां 'सिंझाÓ कहती हैं। प्रतिदिन गीत गाकर और भोजन कराकर बच्चियों का समूह अपने घर चला जाता है। दस दिनों तक शाश्वत चलने वाली क्रिया का अंत दशहरे पर होता है। राजस्थान का गणगौर का उत्सव इससे मिलता जुलता है।
    सांझी को देवी मां की संज्ञा दी जाती है जो नवरात्रों में नौ रूपों में पूजी जाती है। गांवों में तो सांझी मनोरंजन का अच्छा साधन बन गया है। अश्विन अमावस्या के दिन गांवों में छोटे-छोटे बच्चे एवं बच्चियां मिलकर गोबर, चूड़ी के टुकड़े, कपड़ों की कतरन व कई साजोसामान से देवी मां की  झलक देने वाली सांझी दिवार पर बना देती हैं। तत्पश्चात प्रतिदिन शाम के वक्त पास पड़ोस की बच्चियां इक_ïी होकर सांझी को खाना खिलाती हैं तथा गीत गाती हैं।
    सांझी के निर्माण में बच्चियां अपनी बुद्धि व कौशल का परिचय देती हैं। जिस प्रकार सांझी मां के हाथ व पैरों को सजाया और संवारा जाता है।  बाल कलाकारों की यह अनोखी कलाकारी मन को मोह लेती है। भोजन कराने की क्रिया अश्विन शुक्ल दशमी अर्थात दशहरे तक चलती है। दशहरे के दिन सांझी को भोजन कराकर एक मटकी में डाला जाता है और मटकी के किनारों पर छेद करके मोमबत्ती जलाकर अंदर रख दी जाती है। छुपते छुपाते किसी जोहड़ में सांझी को बहा दिया जाता है। जब बच्चियां सांझी को जोहड़ में प्रवाहित करने ले जाती हैं तो लड़कों का समूह मटकी को छीनकर तोडऩे का प्रयास करते हैं। यहां तक कि जोहड़ में तैरती हुई मटकी को भी तोडऩे का प्रयास किया जाता है। बच्चियां सांझी को बचाने के लिए लड़कों को मीठा भोजन कराती हैं किंतु लड़के मटकी को तोड़कर ही दम लेते हैं। वर्षों से यह अनोखी परम्परा चली आ रही है।
         एक अनोखी परम्परा के अनुसार सांझी के समक्ष जितने भी बच्चे एवं बच्चियां मिलकर गीत गाते हैं वे प्रतिदिन अपनी बारी के अनुसार गीत समाप्त होने के बाद बाकली या बतासे बांटते हैं। बारी-बारी से प्रत्येक घर का बच्चा यह प्रसाद लाता है और बांटकर खाते हैं। सांझी को जोहड़ में प्रवाहित करने का फैसला भी सामूहिक होता है।  
क्यों करते हैं नौ दिन पूजा-
मां जगदंबा के नौ रूप होते हैं। प्रतिदिन बच्चे मां के एक रूप को पूजते हुए उसे खाना खिलाते हैं और बाद में स्वयं खाना खाते हैं। यह परंपरा वर्षों से चली आ रही है।
 इस पर्व से जुड़ा है बच्चों का मनोरंजन तथा साथ में उन्हें एकता, सहयोग एवं गीतीकेय के गुण पैदा होते हैं। कनीना के राजेंद्र सिंह का कहना है कि बच्चे मिलकर खाना खिलाते हैं और मां के गुणगान करते हैं इससे धार्मिक आस्था बढ़ती है वहीं सहयोग की ताकत पैदा होती है।
दशहरे के दिन किसी जलाशय जैसे जोहड़ आदि में बच्चियां मां को प्रवाहित करने जाती हैं तो कुछ बच्चे उनकी सांझी को तोडऩे का प्रयास करते हैं। गांव के बुजुर्ग मानते हैं कि ये बच्चे उन राक्षसों का रूप होते हैं जिन्होंने मां को सताने का प्रयास किया था किंतु मां के हाथों उनका वध हो गया था। आज भी बच्चे वो ही रोल करते हैं।
फोटो कैप्शन 3 व 4 : सांझी एवं उसका गुणगान करती बच्चियां।



दीपावली पर दो रविवार खुली रहेंगी दुकानें
-18 अक्टूबर को रविवार के चलते दुकानें रहेंगी बंद

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कनीना। प्रशासन के आदेशनुसार कोरोना काल में रविवार को दुकानें बंद रहती है किंतु दीपावली से पूर्व 1 नवंबर तथा 8 नवंबर को दुकानें खोलने की छूट दी जाएगी। विस्तृत जानकारी देते हुए कनीना पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि लोगों द्वारा दुकानें रविवार को भी खोलने की बार-बार मांग आ रही है। किंतु अभी तक प्रशासन का कोई आदेश नहीं है। 1 और 8 नवंबर को दीपावली के कारण दुकाने रविवार को खोलने की पालिका की ओर से छूट दी जाएगी। उन्होंने कहा कि 14 नवंबर की दीपावली है, इसलिए कुछ बिक्री बढ़ सके और दुकानदारों की मांग के चलते, यह निर्णय नगर पालिका ले रही है।
 प्रधान ने स्पष्ट किया कि इस रविवार को दुकानें पूर्णता बंद रहेगी। उन्होंने कहा कि आदेशों का पालन सख्ती से होना चाहिए। यदि कोई दुकान खुली पाई गई तो दुकानदार के विरूद्ध कार्रवाई की जाएगी। केवल आपातकालीन सेवाएं ही खुली रहेंगी। बाकी दुकानें विगत रविवार को की भांति पूर्ण रूप से बंद रहेंगी।
उल्लेखनीय है कि कोरोना काल तत्पश्चात अनलाक में दुकानदार बहुत दुखी रहे हैं, उनकी दुकानें रविवार को तो बंद रही हैं वहीं बाकी समय भी दुकानें बंद रखने के आदेशों का पालन किया है। इसलिए बार-बार मांग कर रहे की दुकान खोलने की अनुमति दी जाए। दुकानदार रवि कुमार, महेश कुमार, सुरेश कुमार आदि का कहना है कि पहले भारी नुकसान सहन कर चुके हैं। लंबे समय दुकानें बंद रही है। अब कुछ राहत मिले तो बेहतर हो।

रविवार को बाजरे की नहीं होगी खरीद
8 किसानों का खरीदा 248 क्विंटल बाजरा
-अब तक 1116 किसानों का 30648 क्विंटल बाजरा खरीदा बाजरा

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कनीना। कनीना अनाज मंडी हैफेड खरीद एजेंसी की ओर से बाजरे की खरीद 17वें दिन भी जारी है। शनिवार को पीछे के बचे हुये आठ किसानों की 2150 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से 248 क्विंटल बाजरे की खरीद की गई है और अब तक  कुल खरीद करीब 30648 क्विंटल पहुंच गई। किसानों की बार-बार मांग उठ रही है कि बाजरा बेचने वाले किसानों की संख्या बढ़ाई जाए। रविवार को कोई खरीद नहीं होगी।
अब तक खरीद इस प्रकार रही-
 कनीना मंडी में बाजरे की खरीद इस प्रकार हुई है-
                किसान      खरीदा बाजर
1 अक्टूबर    49 किसान    1437 क्विंटल
2 अक्टूबर     को कोई खरीद नहीं हुई
3 अक्टूबर     48 किसान   1549 क्विंटल
4 अक्टूबर     19 किसान     602 क्विंटल
5 अक्टूबर      21 किसान   608 क्विंटल  
6 अक्टूबर      102 किसान  3107 क्विंटल
7 अक्टूबर       55 किसान  1437 क्विंटल
8 अक्टूबर       102 किसान  2476 क्विंटल
9 अक्टूबर       114 किसान  3236 क्विंटल
10 अक्टूबर       खरीद नहीं हुई
11 अक्टूबर       खरीद नहीं हुई
12 अक्टूबर     114 किसान     3323 क्विंटल
13 अक्टूबर     132 किसान  3562 क्विंटल      
14 अक्टूबर     121 किसान   2935 क्विंटल      
15 अक्टूबर     116 किसान   3194 क्विंटल
़16 अक्टूबर     115 किसान   2939 क्विंटल
17 अक्टूबर      8 किसान      248 क्विंटल

इस प्रकार 1116 किसानों का 30648 क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है।
 कोई उठान बाकी नहीं-
कनीना की अनाज मंडी में शनिवार को करीब 5 हजार बैग का उठान किया गया। अब तक कुल उठान 61742 बैग हो चुका है।
4 ढेरी अस्वीकृत-
हैफेड मैनेजर सतेंद्र यादव ने बताया कि कनीना में चार ढेरियों बाजरा निर्धारित मानदंडों पर खरी न उतर पाने के कारण अस्वीकृत कर दिया है। उन्होंने किसानों से साफ सुथरा एवं निर्धारित नमी का बाजरा बाजार में लाने की अपील की।
रविवार को कोई खरीद नहीं-
मैंनेजर ने बताया कि रविवार को कोई खरीद नहीं होगी। वहीं शनिवार को महज आठ किसानों को बाजरा खरीदा है। ये किसान भी पूर्व दिनों में पैदावार नहीं बेच पाये थे।
फोटो कैप्शन 1: बाजरे की खरीद करते अधिकारी।





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