कनीना क्षेत्र में रविवार को नहीं आया कोई भी कोरोना संक्रमण का केस
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कनीना। कनीना क्षेत्र के लोग धीरे-धीरे जागरूक हो रहे हैं । दुकानदार दुकानों में सेनीटाइज मास्क रख रहे हैं। जब कोई ग्राहक है सामान लेने के लिए आता है तो रजिस्टर में उसकी पूरी डिटेल नोट करते हैं। हाथ सेनीटाइज करवाते हैं उसके बाद ही कोई सामान देते हैं इसके साथ-साथ सोशल डिस्टेंस का भी पूर्ण रूप से पाल पालन करते नजर आ रहे हैं। इसी वजह से कोरोना के केस धीरे-धीरे कनीना क्षेत्र में कम होते नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी तरफ पुलिस प्रशासन भी बिना मासिक के घूमने वाले व्यक्तियों के मांस के चालान हर दिन काटती रहती है, जिसकी वजह से लोग मास्क लगाकर ही घर से बाहर निकलते हैं ।
एसएमओ डॉ धर्मेंद्र यादव ने बताया कि तकरीबन देखने को मिल रहा है कि शहर के लोगों के साथ-साथ गांव के लोग भी मास्क, सेनेटाइज व सोशल डिस्टेंस का पालन कर रहे हैं।
हाथरस घटना
भोजावास गाव ने किया मौन रोष प्रदर्शन
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कनीना। भोजावास में हाथरस की लड़की को न्याय दिलाने के लिए ग्रामवासियों ने एकजुट होकर न्याय दिलाने के लिए बाबा जिंदा देव गेट से डाक्टर भीमराव अंबेडकर चौक तक कैंडल मार्च निकाला और रोष प्रकट किया। ग्रामीणों और सामाजिक संगठनों की तरफ़ से सनोज भोजावास, एक मंच एक आवाज ने कहा कि हम सभी ग्रामवासी यूपी और केंद्र सरकार से आग्रह करते है कि इस हत्या कांड में सम्मिलित लोगों के खिलाफ उचित कार्यवाही होनी चाहिए और दोषियों को कठोर से कठोर दंड मिलना चाहिए। अपराधी केवल अपराधी होता है उसकी कोई जात या धर्म नहीं होता है। रोष प्रदर्शन में जीतू, मोहन फौजी, योगेश, महावीर प्रधान, रजनिस बाल्मीकि, ओम प्रकाश स्वामी , सुभाष , सचिन , संदीप, ऋषि ढाना, मोहित शर्मा, प्रीतम, जयंत राता कलां व सभी साथियों ने भी अपने अपने विचार रखे।
कनीना में भी कैंडल मार्च निकाला-
हाथरस कांड के विरोध स्वरूप डा आंबेडकर चौक पर कैंडल मार्च निकाला गया। यहां पर मौजूद व्यक्तियों ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की एवं विशेष कोर्ट का गठन करके दोषियों के विरुद्ध कठोर एवं जल्द कार्यवाही की मांग की। सरकारी तन्त्र द्वारा पीडि़ता के घरवालों को डराया जा रहा है जो की असहनीय है। अगर दोषियों के विरुद्ध जल्द से जल्द कार्यवाही नहीं हुई तो आगे से आंदोलन की शुरुआत की जाएगी।
इस अवसर पर किशनलाल मास्टर,सूरत सिंह धनोंदा, इंजीनियर लतिका,सुनीता मावता,राजेन्द्र नौतना,धरमपाल,पवन, रामेश्वर पूर्व पार्षद, सुरेन्द्र गुढ़ा, एडवोकेट दलीप सिंह,भगीरथ इसराना,सुनील,सतबीर, बीर सिंह,मोहन वाल्मीकि,हरीश सरपंच,आदि मौजूद थे।
फोटो कैप्शन 12: कैंडल मार्च निकालते हुये भोजावास के लोग।
रोडवेज बसों की कमी से परेशान है यात्री
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कनीना। कनीना के सामान्य बस स्टैंड से विशेषकर नारनौल और चरखी दादरी जाने वाली बसों की कमी से यात्री जूझ रहे हैं। कोरोना से पहले भी इन मार्गों पर शाम को कोई बस नहीं चलती थी और अब भी वही हालात है। जहां चरखी दादरी के लिए शाम 3:40 पर अंतिम बस चलती है वही नारनौल के लिए शाम 4:20 पर अंतिम बस रवाना होती है। रविवार को भारी संख्या में कनीना बस स्टैंड के बाहर और भीतर यात्री खड़े देखे गए।
क्या कहते यात्री-
यात्री राजेंद्र सिंह, सुभाष, गजानंद, बिल्लू, हेमंत राजेश कुमार, चंद्रभान, महिपाल, गणेश, राजीव गीता, सोनम, शर्मिला आदि ने बताया कि अनलाक के बावजूद भी बसें कम जा रही है। रविवार को ही कुछ फुर्सत मिलती है जिसमें वे अपने परिजनों और रिश्तेदारों में जा सकते हैं। परंतु बसों की असुविधा होती है। यही नहीं उन्होंने कहा कि बाकी दिन भी उन्हें खरीददारी के लिए आना जाना पड़ता है। इसलिए बार-बार बसों की समस्या उनके सामने आती है।
उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि कनीना से नारनौल और चरखी दादरी को अधिक बसें चलाई जाए।
चरखी दादरी के लिए बसें -
कनीना से चरखी दादरी के लिए प्रात: 7:40, 8:20, 8:50, 9:30, 10:15, 10:25, 11:15 दोपहर 12:15, 12:40, 1:15, 2:15, 3:15, 3:40 पर बसे चलती है। शाम 3:40 के बाद कोई बस चरखी दादरी के लिए नहीं चलती। शाम 5:20 पर एक बस चलती है जो जो महज सेहलंग तक ही जाती है। ऐसे में यात्री परेशान है परिचालक संदीप कुमार ने बताया कि चरखी दादरी के लिए बसों की सुविधा कम होने से देर शाम को यात्री परेशान रहते हैं। वैसे भी ट्रेन नहीं चल रही है जिसके चलते यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। शाम के वक्त अधिक बस चलाई जानी चाहिए
उधर कनीना से नारनौल के लिए पूरे दिन में आठ बसें चलती है जो प्रात: 7:30, 8:15, 9:20 10:20 दोपहर 12:00, 2:00 बजे 3:15 पर तथा अंतिम बस 4:20 पर चलती है। जहां चरखी दादरी के लिए 13 बसे चलती है वही नारनौल के लिए महज आठ बसें चलती है। ऐसे में यात्री परेशान हैं।
कितनी कितने यात्री चल रहे हैं-
इस वक्त जहां चरखी दादरी मार्ग पर अधिक यात्री चल रहे हैं और नारनौल मार्ग पर 10 से 15 यात्री प्रत्येक बस में जा रहे हैं। यात्रियों की संख्या कम है किंतु परेशानी अधिक है।
क्या कहते हैं बस स्टैंड इंचार्ज-
कनीना बस स्टैंड इंचार्ज सुधीर कुमार का कहना है कि नारनौल के लिए वाया सीहमा दौंगड़ा जाते वक्त सुंदराह के बाद यात्री कम होते चले जाते हैं जिसके चलते बसें घाटे में चल रही हैं किंतु वायां अटेली बसें चलती हैं तो कुछ यात्री मिल जाते हैं। ऐसे में वाया सीहमा बसे चलाने का अर्थ सरकार को घाटे ंमें डालना है। यही हालात चरखी दादरी मार्ग की है। इस मार्ग पर चिडिय़ा एवं दुधवा जाकर यात्री कम होते चले जाते हैं। ऐसे में इस मार्ग भी घाटा बढ़ जाता है।
फोटो कैप्शन 7,8 एवं 9: कनीना बस स्टैंड के बाहर एवं भीतर खड़े यात्री।
गाहड़ा में 15 एकड़ जमीन को करवाया कब्जा मुक्त
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कनीना। गाहड़ा गांव की बणी/जंगल से लगती हुई तकरीबन 15 एकड़ जमीन अनाधिकृत रूप से तकरीबन 40 व्यक्तियों द्वारा प्रयोग की जा रही थी। जिसको ग्राम पंचायत ने पैमाइश करवा कर कब्जा मुक्त करवाया ।
गांव के सरपंच राजू इंदौरा ने जानकारी देते हुए बताया कि कुछ समय पहले गांव में मुनादी करवा दी गई थी कि जिन लोगों ने अनाधिकृत रूप से ग्राम पंचायत की जमीन को बो रखा है वह उसको छोड़ दें, लेकिन जिन्होंने अनाधिकृत रूप से जमीन बो रखी थी उन लोगों ने जमीन नहीं छोड़ी । जिसके लिए रविवार को सुबह अनूप पटवारी, जितेंद्र सचिव, बंटी पंच, ज्ञानी पंच, शर्मिला पंच, गांव के नंबरदार ऋषिराज की मौजूदगी में तकरीबन 40 व्यक्तियों द्वारा बोई जा रही अनाधिकृत जमीन 15 एकड़ को कब्जा मुक्त करवा दिया गया । गौरतलब है कि कुछ समय पहले भी ग्राम पंचायत ने गांव से लिशान की तरफ जाने वाले रास्ते से भी कब्जा हटवाया था । इस मार्ग पर लोगों ने कूड़ा करकट इंधन गिरकर बाउंड्री करनी शुरू कर दी थी। जिसकी वजह से ग्राम पंचायत में एक सामूहिक बैठक करके और इस कब्जे को हटवा दिया गया था। गांव की बणी में भी कुछ लोगों ने कब्जा कर रखा है।
फोटो कैप्शन 10: कब्जे से छुड़वाई गई जमीन पर पंचायत लेवलिंग करवाते हुए।
रोडवेज बसों की कमी से परेशान है यात्री संवाद
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कनीना। कनीना के सामान्य बस स्टैंड से विशेषकर नारनौल और चरखी दादरी जाने वाली बसों की कमी से यात्री जूझ रहे हैं। कोरोना से पहले भी इन मार्गों पर शाम को कोई बस नहीं चलती थी और अब भी वही हालात है। जहां चरखी दादरी के लिए शाम 3:40 पर अंतिम बस चलती है वही नारनौल के लिए शाम 4:20 पर अंतिम बस रवाना होती है। रविवार को भारी संख्या में कनीना बस स्टैंड के बाहर और भीतर यात्री खड़े देखे गए।
क्या कहते यात्री-
यात्री राजेंद्र सिंह, सुभाष, गजानंद, बिल्लू, हेमंत राजेश कुमार, चंद्रभान, महिपाल, गणेश, राजीव गीता, सोनम, शर्मिला आदि ने बताया कि अनलाक के बावजूद भी बसें कम जा रही है। रविवार को ही कुछ फुर्सत मिलती है जिसमें वे अपने परिजनों और रिश्तेदारों में जा सकते हैं। परंतु बसों की असुविधा होती है। यही नहीं उन्होंने कहा कि बाकी दिन भी उन्हें खरीददारी के लिए आना जाना पड़ता है। इसलिए बार-बार बसों की समस्या उनके सामने आती है।
उन्होंने सरकार और प्रशासन से मांग की है कि कनीना से नारनौल और चरखी दादरी को अधिक बसें चलाई जाए।
चरखी दादरी के लिए बसें -
कनीना से चरखी दादरी के लिए प्रात: 7:40, 8:20, 8:50, 9:30, 10:15, 10:25, 11:15 दोपहर 12:15, 12:40, 1:15, 2:15, 3:15, 3:40 पर बसे चलती है। शाम 3:40 के बाद कोई बस चरखी दादरी के लिए नहीं चलती। शाम 5:20 पर एक बस चलती है जो जो महज सेहलंग तक ही जाती है। ऐसे में यात्री परेशान है परिचालक संदीप कुमार ने बताया कि चरखी दादरी के लिए बसों की सुविधा कम होने से देर शाम को यात्री परेशान रहते हैं। वैसे भी ट्रेन नहीं चल रही है जिसके चलते यात्रियों को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। शाम के वक्त अधिक बस चलाई जानी चाहिए
उधर कनीना से नारनौल के लिए पूरे दिन में आठ बसें चलती है जो प्रात: 7:30, 8:15, 9:20 10:20 दोपहर 12:00, 2:00 बजे 3:15 पर तथा अंतिम बस 4:20 पर चलती है। जहां चरखी दादरी के लिए 13 बसे चलती है वही नारनौल के लिए महज आठ बसें चलती है। ऐसे में यात्री परेशान हैं।
कितनी कितने यात्री चल रहे हैं-
इस वक्त जहां चरखी दादरी मार्ग पर अधिक यात्री चल रहे हैं और नारनौल मार्ग पर 10 से 15 यात्री प्रत्येक बस में जा रहे हैं। यात्रियों की संख्या कम है किंतु परेशानी अधिक है।
क्या कहते हैं बस स्टैंड इंचार्ज-
कनीना बस स्टैंड इंचार्ज सुधीर कुमार का कहना है कि नारनौल के लिए वाया सीहमा दौंगड़ा जाते वक्त सुंदराह के बाद यात्री कम होते चले जाते हैं जिसके चलते बसें घाटे में चल रही हैं किंतु वायां अटेली बसें चलती हैं तो कुछ यात्री मिल जाते हैं। ऐसे में वाया सीहमा बसे चलाने का अर्थ सरकार को घाटे ंमें डालना है। यही हालात चरखी दादरी मार्ग की है। इस मार्ग पर चिडिय़ा एवं दुधवा जाकर यात्री कम होते चले जाते हैं। ऐसे में इस मार्ग भी घाटा बढ़ जाता है।
फोटो कैप्शन 7,8 एवं 9: कनीना बस स्टैंड के बाहर एवं भीतर खड़े यात्री।
5 अक्टूबर को बेच पाएंगे 70 किसान बाजरा
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कनीना। कनीना अनाज मंडी में 5 अक्टूबर को 70 किसान अपनी फसल पैदावार बाजरा भेज पाएंगे पैदावार बेच पाएंगे। प्रतिदिन किसानों का शेड्यूल जारी किया जाता है।
कनीना अनाज मंडी में विगत 3 वर्षों से लगातार बाजरे की खरीद हो रही है। 10 वर्षों तक बाजरे कोई खरीद नहीं हुई, तत्पश्चात 3 वर्षों से खरीद जारी है। जहां गेहूं की खरीद कनीना के अतिरिक्त दौंगड़ा, सेहलंग, करीरा आदि गांवों में भी हुई थी किंतु किंतु बाजरे की खरीद अकेले कनीना में हो रही है, कनीना के गांवों में नहीं।
5 अक्टूबर को ये किसान बेच पाएंगे पैदावार-
5 अक्टूबर को अकबरपुर नांगल की आशा एवं अवन यादव,
संजीत बवानिया, अनिल बेवल, महेंद्र सिंह बेेवल, मंजू बेवल, लालाराम भालखी, महेंद्र सिंह भोजावास, आशा बुचावास, रिंकू धनोंदा, वेदपाल धनौंदा, बलवान, सूबे सिंह गुढ़ा, रवि यादव झाड़ली, जसवंत सिंह झीगावन, ओमप्रकाश झूक, जसवंत सिंह एवं रामकिशन ककराला, मनोज ,रामफल ,संयोगिता एवं सर्व सुख कलवाड़ी अनिल कुमार कनीना, रवि यादव कनीना, तरुण कुमार कनीना, अनिल कुमार कपूरी, भरत सिंह खेड़ी वाड़ा, मनजीत खेड़ीवाड़ा, अभय सिंह खैराना, भरत सिंह, कप्तान सिंह,महा सिंह खैराना पिंटू एवं प्रभाती खैराना, वीर सिंह, इंदर सिंह सत्यवीर सिंह, सविता, वीरेंद्र सभी कोटिया, विमला माजरा खुर्द, भूप सिंह, दीपक, परमवीर प्रतीक, स्रत्येंद्र, सुनीता एवं सुरेश मोड़ी से, कमलेश, कुलदीप, मंजू, मनोज देवी, संदीप, सर्व सुख एवं विजयपाल मुडिय़ा खेड़ा, कमलेश, करतार, रविंद्र, विजय सिंह पड़तल से, नरेश, पदम सिंह, सावित्री देवी पाथेड़ा से, रामअवतार रामबास से, रमेश कुमार, रसूलपुर, विमला सीसोट, गजराज सुंदराह, ओमप्रकाश, राजवीर रामकुमार, सूबे सिंह और वेदपाल उन्हाणी प्रमुख हैं।
धीमी हो रही है खरीद-
4 अक्टूबर तक महज 116 किसानों ने 3588 क्विंटल बाजरे की बिक्री की है। हैफेड मैनेजर सतेंद्र सिंह ने बताया कि कनीना अनाज मंडी के तहत 12725 किसानों ने रजिस्ट्रेशन करवा रखा है और बाजरे की खरीद 15 नवंबर तक जारी रहेगी। ऐसे में धीमी गति मानी जा रही है। किसान परेशान हैं। किसान सूबे सिंह, राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार, महेंद्र सिंह आदि ने बताया कि इस गति से बाजरे की खरीद हुई तो उन्हें लंबे समय तक इंतजार करना होगा। ऐसे में प्रतिदिन किसानों की संख्या बढ़ाने की मांग उठने लगी है। अन्नदाता सहयोगियों ने भी प्रशासन और सरकार से बाजरा बेचने के लिए किसानों की संख्या प्रतिदिन बढ़ाने की मांग की है।
एक ही खरीद एजेंसी -
इस बार केवल एक खरीद एजेंसी हैपॅेड बाजरे की खरीद कर रही, बाकी कोई खरीद एजेंसी नहीं है जिसके चलते 48 आढ़तियों के मार्फत बाजरे की खरीद 2150 रुपए प्रति क्विंटल के हिसाब से की जा रही है। किसानों की बाजरे खरीद दो पारियों में की जा रही है। हैफेड मैनेजर सतेंद्र सिंह ने बताया कि किसानों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आने दी जा रही है। बारदाने की कोई कमी नहीं है। उन्होंने कहा किसानों को नमी का ध्यान रखना चाहिए ।अधिक नमी के कारण परेशानी आ सकती है। उन्होंने अपनी बाजरे की पैदावार साफ-सुथरी तथा सुखाकर लाने की बात कही।
फोटो कैप्शन 6: कनीना मंडी में बाजरे की आवक का नजारा।
प्रतिदिन चार कार्यकर्ता दे रहे हैं कनीना मंडी में तैनाती
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कनीना। अन्नदाता सहयोगी दल के चार सदस्य प्रतिदिन कनीना मंडी में अपनी सेवा दे रहे हैं।
भारतीय जनता पार्टी मंडल कनीना भोजावास मंडल संयुक्त रूप से 24 अन्नदाता (किसान) सहयोगी दल बनाया गया जिसके इंचार्ज मुन्नी लाल साहब इनका इंचार्ज बनाया गया है। प्रतिदिन 4 कार्यकर्ताओं कनीना मंडी में लगाई जाती है । कनीना मंडल से कंवरसैन वशिष्ठ व दलीप सिंह यादव की तैनाती लगाई गई वहीं भोजावास मंडल से सुरेंद्र कुमार व मंडल अध्यक्ष थान सिंह मिलकर आठ बजे कनीना मंडी में किसानों की मदद के लिए पहुंचे।
उन्होंने बताया कि शनिवार को सरवर नहीं चल रहा है। कुछ देरी के मेहनत के बाद जब सरवर चला तो बहुत धीरे चल रहा था और शाम पांच बजे तक 48 टोकन कट पाए जिनमें 47 की खरीद हुई और एक नमी के कारण रद्द कर दिया गया। जबकि सरकार की तरफ से कुल 68 टोकन मैसेज भेजे गए थे। इस बारे में भी मुन्नी लाल, ओमप्रकाश लिशानियां मास्टर दलीप सिंह कंवर सैन वशिष्ठ ने मार्केट कमेटी सचिव यदुराज से मिलने गए किंतु वे अटेली मंडी गए हुए थे। वे सभी विजेंद्र मंडी सुपरवाइजर के बाद हैफेड मैनेजर सतेंद्र यादव से बात की तो उन्होंने बताया कि सरवर ने चलने से यह कठिनाई आ रही है। किसानों को जे-फार्म मिलने में भी दिक्कत आ रही है। इस से किसान की राशि भुगतान में भी देरी हो सकती है। वहां पर मौजूद किसान सत्यवीर, वीरेंद्र, संदीप, शकुंतला सीहोर व प्रदीप वीर सिंह खैराना ने बताया कि हम सुबह से बैठे हैं और किराये के साधन लाए हैं। 19 किसान बचे हुये थे। उनकी खरीद रविवार को करवाने का निर्णय लिया गया। उन्होंने प्रतिदिन कम से कम 300 किसानों को टोकन की सूचना रोज भेजे जाने की बात कही। कवंर सैन वशिष्ठ अन्नदाता सहयोगी ने बताया मार्केट कमेटी के सचिव जिसके पास दो जगह का चार्ज है। उसे दोनों जगह पर समय देना चाहिए यह उन्होंने सरकार को सुझाव दिया कि किसानों की समस्याओं का निपटारा त्वरित गति से हो।
फोटो कैप्शन 1: तैनाती देते अन्नदाता सहयोगी दल के सदस्य।
रविवार को बाजारा पूर्ण रूप से रहा बंद
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कनीना। कनीना में रविवार को बाजार पूर्ण रूप से बंद रहा। विगत लंबे समय से रविवार को अवकाश रहता है। किसी भी दुकानदार ने अपनी दुकान खोलने का प्रयास नहीं किया। विस्तृत जानकारी देते हुए पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि रविवार से पहले बताया जाता है कि रविवार को बंद रहेगा। यही कारण है कि मेडिकल स्टोर सहित आवश्यक सेवाओं को छोड़कर सभी प्रतिष्ठान बंद रहे।
फोटो कैप्शन 2 कनीना बंद का एक नजारा।
भूतपूर्व सैनिकों की बैठक संपन्न
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कनीना। भूतपूर्व सैनिक,अर्ध सैनिक कल्याण संगठन की बैठक संपन्न हुई। बैठक में राव तुलाराम पार्क बनाए जाने पर चर्चा की गई।
भूतपूर्व सैनिकों ने इस मौके पर एक ग्राम सभा बुलाई जिसमें ग्राम पंचायत से सरपंच राकेश कुमार भी मौजूद रहे। ग्राम सभा संगठन के अध्यक्ष कैप्टन समीर सिंह ने बुलाई जिसका उद्देश्य गांव में शहीद राव तुलाराम पार्क बनवाने के लिए जमीन आबंंटन करवाने के लिए प्रस्ताव पारित कराया गया। उन्होंने प्रस्ताव पंचायत समक्ष रखा जिसे सर्वसम्मति से पास कर दिया गया। जिसमें 2 एकड़ जमीन गांव के पश्चिम बणी में प्रदान की जाएगी। इसके लिए ग्राम पंचायत ने सहमति जताई।
इस मौके पर अध्यक्षता सूबेदार मेजर सुमेर सिंह ने की वहीं कैप्टन रामसिंह, विजयपाल पंच, जयराम थानेदार, विक्रम सिंह, कै वीरेंद्र सिंह, ग्राम प्रधान शिवलाल, प्रधान मातादीन, उपाध्यक्ष प्रदेश सचिव वेद प्रकाश आदि हाजिर थे।
फोटो कैप्शन 3: पूर्व सनिकों की बैठक का नजारा।
चौथे दिन 602 क्विंटल बाजरा खरीदा
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कनीना। कनीना अनाज मंडी में खरीद के चौथे दिन 19 किसानों के 602 क्विंटल बाजरे की खरीद की गई। रविवार के लिए कोई शेड्यूल जारी नहीं हुआ। शनिवार के शेड्यूल में 70 किसानों के गेट पास जारी किए जाने थे जिनमें से 19 किसानों की खरीद नहीं की जा सकी थी।
उल्लेखनीय है कि कनीना अनाज मंडी में 1 अक्टूबर से खरीद शुरू हुई है किंतु अभी तक 1 दिन आकाश रहा, वही एक दिन सरवर खराब रहा तथा चौथे दिन कोई शेड्यूल जारी नहीं हुआ। इस प्रकार धीमी गति से खरीद कार्य चल रहा है। सरवर की समस्या के चलते जहां शनिवार देर शाम तक 70 किसानों को गेटपास जारी होना था किंतु उनमें से 19 किसान बाजरा नहीं बेच पाये और उनका गेट पास जारी नहीं हुआ। रविवार को उनका गेट पास जारी किया गया और खरीद की गई। विस्तृत जानकारी देते हैं सतेंद्र यादव है हैफेड मैनेजर ने बताया कि ऊपर से जो आदेश होते हैं उन्हीं के अनुसार उन्हें कार्य करना होता है। रविवार को किसानों के लिए कोई नया शेड्यूल जारी नहीं हुआ जिसके चलते शनिवार के 19 बचे हुए किसानों की बाजरे की खरीद की गई है। उन्होंने कहा कि जो आदेश जारी होंगे उनका यथोचित पालन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि शनिवार को 68 किसानों का शेड्यूल जारी हुआ थाजिसमें एक किसान का नाम दो बार आ गया था तथा एक किसान की पैदावार में नमी अधिक होने से बिक्री नहीं हो पाई।
उधर किसान बेसब्री से अपनी फसल पैदावार बेचने के लिए तैयार है परंतु जिस गति से खरीददारी जारी है उससे नहीं लगता कि जल्द ही किसानों की फसल खरीदी जाएगी। किसान
अजीत कुमार, महेश कुमार, मोहन सिंह, दिनेश कुमार आदि ने बताया कि वे बेसब्री से अपनी बाजरे की फसल पैदावार बेचने के लिए तैयार हैं लेकिन उनके सामने मजबूरी है कि उनका नंबर अभी तक नहीं आया है। जब नंबर आएगा वह अपनी बाजरे की फसल पैदावार बेचकर रबी फसल की बिजाई में व्यस्त हो जाएंगे।
फोटो कैप्शन 4 अनाज मंडी में बाजरे की उठान करते मजदूर
5:कट्टे पैकिंग किये हुये।
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