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Wednesday, October 21, 2020

 एल्बेंडाजोल गोलियां खिलाने का लक्ष्य  90 प्रतिशत के पार पहुंचा

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कनीना। 12 अक्टूबर से शुरू हुये तथा 20 अक्टूबर तक चले राष्ट्रीय कृमि नाशी दिवस के तहत कनीना उप नागरिक अस्पताल ने अपना निर्धारित लक्ष्य  90 प्रतिशत से अधिक कैा पूरा कर लिया है।
 विस्तृत जानकारी देते हुए एसएमओ कनीना डा धर्मेंद्र यादव ने बताया कि कनीना प्राथमिक चिकित्सालय के तहत 12939 बच्चों का लक्ष्य रखा था जिसमें 12836 बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोली दी गई जबकि बचे हुए बच्चों को भी दोबारा से गोलियां दी गई।
इसी प्रकार प्राथमिक चिकित्सालय भोजावास  के तहत 9308 बच्चों का टारगेट रखा था जिसके तहत 9224 बच्चों को अल्बेंडाजोल खिलाई गई। मुंडिया खेड़ा प्राथमिक चिकित्सालय के तहत जहां 8190 बच्चों को एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाने का लक्ष्य रखा था जिसके तहत 8149 बच्चों को गोलियां खिलाई गई। इस प्रकार उप नागरिक अस्पताल के तहत 30437 बच्चों का गोलियां खिलाने का लक्ष्य रखा था जिसके तहत 30209 बच्चों को गोलियां खिलाकर अपना लक्ष्य 99.2 प्रतिशत का प्राप्त कर लिया है।


बुधवार को खरीदा 190 किसानों का बाजरा
-अब तक 1697 किसानों का 48627 क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है
-8 ढेरियों का बाजरा नहीं खरीदा

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कनीना। बुधवार को कनीना मंडी में 190 किसानों का बाजरा खरीदा गया। गुरुवार को 200 किसानों का बाजरा खरीदा जाएगा।
 कनीना अनाज मंडी हैफेड खरीद एजेंसी की ओर से बाजरे की खरीद 21वें दिन भी जारी है। बुधवार को 190 किसानों का 2150 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से 5918 क्विंटल बाजरे की खरीद की गई है। किसानों की बार-बार मांग के चलते संख्या दोगुनी कर दी गई है कितु कनीना में सबसे अधिक खरीद होने के बावजूद भी जिले की मंडियों की अपेक्षा प्रतिदिन कम किसान बुलाये जा रहे हैं।
अब तक खरीद इस प्रकार रही-
कनीना मंडी में बाजरे की खरीद इस प्रकार हुई है-
                किसान      खरीदा बाजर
1 अक्टूबर    49 किसान    1437 क्विंटल
2 अक्टूबर     को कोई खरीद नहीं हुई
3 अक्टूबर     48 किसान   1549 क्विंटल
4 अक्टूबर     19 किसान     602 क्विंटल
5 अक्टूबर      21 किसान   608 क्विंटल  
6 अक्टूबर      102 किसान  3107 क्विंटल
7 अक्टूबर       55 किसान  1437 क्विंटल
8 अक्टूबर       102 किसान  2476 क्विंटल
9 अक्टूबर       114 किसान  3236 क्विंटल
10 अक्टूबर       खरीद नहीं हुई
11 अक्टूबर       खरीद नहीं हुई
12 अक्टूबर     114 किसान     3323 क्विंटल
13 अक्टूबर     132 किसान  3562 क्विंटल      
14 अक्टूबर     121 किसान   2935 क्विंटल      15 अक्टूबर     116 किसान   3194 क्विंटल
16 अक्टूबर      115 किसान 2939 क्विंटल
17 अक्टूबर       8 किसान    253 क्विंटल
18 अक्टूबर      कोई खरीद नहीं हुई
19 अक्टूबर      194 किसान  5600 क्विंटल
20 अक्टूबर       197 किसान 6456 क्विंटल
21 अक्टूबर       190 किसान  5918 क्विंटल
अब तक 1697 किसानों का 48627 क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है
कनीना अनाज मंडी में प्रथम अक्टूबर से खरीद शुरू हुई थी। आज तक तीन दिन कोई खरीद नहीं की गई है। 18 अक्टूबर तक प्रतिदिन एक सौ किसानों का शेड्यूल डाला जाता रहा है जो बढ़ाकर दो सौ कर दिया गया है किंतु जिले की अन्य मंडियों की तुलना में कम किसान बुलाये जा रहे हैं।
15 नवंबर तक बाजरा खरीदे जाने की संभावना है।
8271 बैग उठान बाकी-
कनीना की अनाज मंडी में बुधवार तक लगभग 8271 बैग का उठान बाकी था। बुधवार को 13900 बैगों का उठान किया गया। अब तक 88983 बैग का उठान किया जा चुका है।
गुरुवार 200 किसानों का बाजरा खरीदा जाएगा-
हैफेड मैनेजर सतेंद्र सिंह यादव ने बताया कि मंगलवार को 200 किसानों का बाजरा खरीदा जाएगा। इससे किसानों को राहत मिलने के आसार हैं। 22 अक्टूबर को 200 तो 23 अक्टूबर को 201 किसानों के बाजरा बेचने के लिए शेड्यूल जारी हुआ है।
आठ ढेरियां रद्द की-
हैफेड मैनेजर सतेंद्र यादव ने बताया कि निर्धारित मानदंडों को पूरा न कर पाने के चलते आठ ढेरियां रद्द कर दी गई है। जिनमें अमूमन 235 क्विंटल बाजरा था।


कनीना क्षेत्र में मिले आठ संक्रमित 

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कनीना। कनीना क्षेत्र में बुधवार को आठ संक्रमित मिले हैं। उप नागरिक अस्पताल के सुनील ने जानकारी देते हुए बताया कि कनीना क्षेत्र में बुधवार को 8 संक्रमित मिले हैं। जिसमें गोमला गांव से तीन संक्रमित मिले हैं। गोमला गांव में शनिवार को एक युवक संक्रमित मिला था। उसी के परिवार से संक्रमित  यक्ति का भाई है उसकी ताई संक्रमित  मिले हैं। इनके साथ ही एक 63 वर्षीय बुजुर्ग भी संक्रमित  मिला है। मुंडिया खेड़ा गांव के 33 वर्षीय एक महिला संक्रमित  मिली है। महिला ने रविवार को राजकीय अस्पताल महेंद्रगढ़ में अपना सैंपल जमा करवाया था। इस महिला को खांसी जकाम व सांस लेने में तकलीफ हो रही थी । इस वजह से रविवार को राजकीय अस्पताल महेंद्रगढ़ में उन्होंने सैंपल जमा करवाया। जिसकी रिपोर्ट मंगलवार को पाजिटिव आ गई । कनीना में 65 वर्षीय एक बुजुर्ग संक्रमित  मिला है। बवानिया गांव की 35 वर्षीय एक महिला संक्रमित  मिली है। कनीना के खेतों में रहने वाली 30 वर्षीय महिला संक्रमित  मिली है। महिला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला की रहने वाली है। वह अपने परिवार के साथ कनीना के कुआं पर रहकर खेती में मजदूरी का कार्य करती है । महिला को लगातार बुखार आ रहा था। उसके साथ खांसी जुकाम व कमर दर्द भी था।  इस वजह से उन्होंने शनिवार को उप नागरिक अस्पताल कनीना में अपना सैंपल जमा करवाया जिसके रिपोर्ट बुधवार को पाजिटिव आ गई। पड़तल गांव का एक व्यक्ति संक्रमित  मिला है ।
 हेल्थ इंस्पेक्टर शीशराम रसूलपुर ने जानकारी देते हुए बताया कि संक्रमित  व्यक्तियों के संपर्क में आए व्यक्तियों की लिस्ट तैयार की जा रही है। जल्दी ही उन सभी का सैंपल लिया जाएगा जो संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए थे । एसएमओ डा धर्मेंद्र यादव ने कहा कि इस वक्त आमजन से अपील है कि अपने घरों में कूलर में पानी भरा हुआ ना छोड़े नहीं तो उसने डेंगू मलेरिया के मच्छर पैदा हो सकते हैं। सामाजिक दूरी बनाते हुए मास्क का प्रयोग करना है। बाजार से मिठाई की एक्सपायरी डेट देख कर ही मिठाई खरीदें ।


एसडीएम कनीना द्वारा जी आर स्कूल के विद्यार्थियों को किया गया सम्मानित

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कनीना। जीआर इंटरनेशनल स्कूल कनीना में एसडीएम रणवीर सिंह के द्वारा नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
एसडीएम ने कहा कि वर्तमान समय में विद्यार्थियों के पास पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। ऐसे में विद्यार्थियों को स्व-अध्ययन की जरूरत से दूर नही रहना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों के साथ बातचीत कर उनकी हौसला अफजाई की एवं उन्हें जीवन में सफलता हासिल करने के लिए शुभकामनाएं दी।
    चेयरमैन विजयपाल ने बताया कि स्कूल के कुल 11 छात्रों मे से  10 छात्रों ने नीट उत्तीण की है। जिसमें छात्र कोस्तूब ने 593, अजय यादव ने 584, यशवीर ने 561, काजल यादव ने 435 एवं सूजल ने 423 अंक प्राप्त कर वरीयता सूची में स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य दीपक वशिष्ठ ने स्कूल की तरफ  से एसडीएम साहब का आभार व्यक्त किया। विद्यालय संचालक विजयपाल यादव ने बताया कि भविष्य में स्कूल इसी प्रकार से क्षेत्रीय विद्यार्थियों शैक्षिक विकास हेतु प्रयासरत रहेगा। इस अवसर पर लेखपाल उमेद सिंह जाखड़, विज्ञान अध्यापक यशपाल, ओपी यादव एवं डा ज्योति यादव उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 8: एसडीएम कनीना रणबीर सिंह नीट में नाम कमाने वाले जीआर स्कूल के विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुये।


एडीसी नारनौल ने कनीना अनाज मंडी का किया दौरा
-दी महत्वपूर्ण हिदायतें

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 कनीना। एडीसी नारनौल अभिषेक मीणा ने कनीना अनाज मंडी का दौरा करके उपस्थित अधिकारियों और कर्मियों को जरूरी हिदायतें भी दी। इस मौके पर उन्होंने बाजरे की ढेरियों का निरीक्षण किया। रणवीर सिंह एसडीएम उनके साथ थे।
उन्होंने हैफेड मैनेजर सत्येंद्र यादव तथा अन्य कर्मचारियों को समझाते हुए बताया कि किसी भी प्रकार से बाहर का बाजरा कनीना में न बिकने पाये। बार-बार बाजरे की जांच की जाए। ऐसे में किसी प्रकार का घटिया और बाहर का बाजरा न खरीदा जाए। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई पर ध्यान देना जरूरी है।
 उन्होंने किसानों एवं आढ़तियों से भी बात की।
इस मौके पर एडीसी ने आढ़तियों को अलग अलग ढेरियां  लगाने की हिदायत दी। अक्सर दो ढेरियां आपस में मिल जाती हैं। जिससे किसानों का बाजरा आपस में मिल जाता है। किसानों का बाजरा अलग-अलग ढेरियों में ही डाला जाए।
उन्होंने किसानों की समस्या को भी जाना तथा किसानों से भी बातचीत की। एडीसी ने कहा कि किसान जी जान एक करके एक-एक दाना उगाते हैं और उन्हें बाजार तक बड़ी ही आशा के साथ लाते हैं। उनकी भावनाओं को किसी प्रकार की कोई ठेस नहीं पहुंचने चाहिए, ऐसे में अन्नदाता इस धरती के लोगों का पेट भरते हैं। यदि उनके साथ किसी प्रकार की कोताही बरती जाती है तो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने इस मौके पर कुछ और भी हिदायतें दी और कहा कि बाजरा समय पर, निर्धारित किसानों का ,उचित ढंग से अनलाक के नियमों का पालन करते हुए खरीदना चाहिए।
फोटो कैप्शन 09 एवं 10: बाजरे जांच करते एडीसी अभिषेक मीणा साथ में एसडीएम कनीना रणवीर सिंह।


एसडीएम कनीना द्वारा जी आर स्कूल के विद्यार्थियों को किया गया सम्मानित

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कनीना। जीआर इंटरनेशनल स्कूल कनीना में एसडीएम रणवीर सिंह के द्वारा नीट परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों को सम्मानित किया।
एसडीएम ने कहा कि वर्तमान समय में विद्यार्थियों के पास पर्याप्त सुविधाएं उपलब्ध हैं। ऐसे में विद्यार्थियों को स्व-अध्ययन की जरूरत से दूर नही रहना चाहिए। उन्होंने विद्यार्थियों के साथ बातचीत कर उनकी हौसला अफजाई की एवं उन्हें जीवन में सफलता हासिल करने के लिए शुभकामनाएं दी।
    चेयरमैन विजयपाल ने बताया कि स्कूल के कुल 11 छात्रों मे से  10 छात्रों ने नीट उत्तीण की है। जिसमें छात्र कोस्तूब ने 593, अजय यादव ने 584, यशवीर ने 561, काजल यादव ने 435 एवं सूजल ने 423 अंक प्राप्त कर वरीयता सूची में स्थान प्राप्त किया। इस अवसर पर विद्यालय प्राचार्य दीपक वशिष्ठ ने स्कूल की तरफ  से एसडीएम साहब का आभार व्यक्त किया। विद्यालय संचालक विजयपाल यादव ने बताया कि भविष्य में स्कूल इसी प्रकार से क्षेत्रीय विद्यार्थियों शैक्षिक विकास हेतु प्रयासरत रहेगा। इस अवसर पर लेखपाल उमेद सिंह जाखड़, विज्ञान अध्यापक यशपाल, ओपी यादव एवं डा ज्योति यादव उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 8: एसडीएम कनीना रणबीर सिंह नीट में नाम कमाने वाले जीआर स्कूल के विद्यार्थियों को सम्मानित करते हुये।


एडीसी नारनौल ने कनीना अनाज मंडी का किया दौरा
-दी महत्वपूर्ण हिदायतें

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 कनीना। एडीसी नारनौल अभिषेक मीणा ने कनीना अनाज मंडी का दौरा करके उपस्थित अधिकारियों और कर्मियों को जरूरी हिदायतें भी दी। इस मौके पर उन्होंने बाजरे की ढेरियों का निरीक्षण किया। रणवीर सिंह एसडीएम उनके साथ थे।
उन्होंने हैफेड मैनेजर सत्येंद्र यादव तथा अन्य कर्मचारियों को समझाते हुए बताया कि किसी भी प्रकार से बाहर का बाजरा कनीना में न बिकने पाये। बार-बार बाजरे की जांच की जाए। ऐसे में किसी प्रकार का घटिया और बाहर का बाजरा न खरीदा जाए। उन्होंने कहा कि साफ-सफाई पर ध्यान देना जरूरी है।
 उन्होंने किसानों एवं आढ़तियों से भी बात की।
इस मौके पर एडीसी ने आढ़तियों को अलग अलग ढेरियां  लगाने की हिदायत दी। अक्सर दो ढेरियां आपस में मिल जाती हैं। जिससे किसानों का बाजरा आपस में मिल जाता है। किसानों का बाजरा अलग-अलग ढेरियों में ही डाला जाए।
उन्होंने किसानों की समस्या को भी जाना तथा किसानों से भी बातचीत की। एडीसी ने कहा कि किसान जी जान एक करके एक-एक दाना उगाते हैं और उन्हें बाजार तक बड़ी ही आशा के साथ लाते हैं। उनकी भावनाओं को किसी प्रकार की कोई ठेस नहीं पहुंचने चाहिए, ऐसे में अन्नदाता इस धरती के लोगों का पेट भरते हैं। यदि उनके साथ किसी प्रकार की कोताही बरती जाती है तो किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं होगी। उन्होंने इस मौके पर कुछ और भी हिदायतें दी और कहा कि बाजरा समय पर, निर्धारित किसानों का ,उचित ढंग से अनलाक के नियमों का पालन करते हुए खरीदना चाहिए।
फोटो कैप्शन 09 एवं 10: बाजरे जांच करते एडीसी अभिषेक मीणा साथ में एसडीएम कनीना रणवीर सिंह।




पुलिस के अमर शहीदों की याद में मनाया जाता है स्मृति दिवस - डीएसपी विजय देशवाल 

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कनीना । हमारे देश की सीमाओं की रक्षा सैनिकों के हाथों में सुरक्षित है और अनेक सैनिक मातृभूमि की रक्षा करते हुए प्राण न्यौछावर कर चुके हैं, लेकिन पुलिस जवान भी इसी तर्ज पर फर्ज निभा रहे हैं। पुलिस शहीदी दिवस पर पूरा प्रदेश फर्ज के लिए जान कुर्बान करने वाले हरियाणा पुलिस के जांबाज जवानों को श्रद्धांजलि दे रहा है। इसी कड़ी में डीएसपी विजय देशवाल, एसएचओ विनय कुमार एसआई रामेश्वर आदि ने शहीद सूबे सिंह सिंह एसआई के घर गांव सुंदरह में शहीद सूबे सिंह की पत्नी कौशल्या देवी को शाल ओढ़ाकर सम्मानित किया।
 सहायक उप निरीक्षक सूबे सिंह 461 हिसार पुत्र दिनाराम गांव वासुदा जिला रेवाड़ी हाल आबाद गांव सुंदरह थाना कनीना जो सन 1971 में पुलिस विभाग में भर्ती हुआ था। जो 30 मार्च 1993 को ढाणी लाम्बा गांव घासवा थाना रतिया जिला हिसार के क्षेत्र में आतंकवादी होने की सूचना पर एएसआई सूबे सिंह व पुलिस पार्टी ने आतंकवादियों को घेर लिया था। आतंकवादियों से मुठभेड़ में प्रसिद्ध व खतरनाक आतंकवादी बलविंदर सिंह उर्फ बुलेट को मार दिया था । मुकाबले में एसआई सूबे सिंह भी शहीद हो गए थे। इस अवसर पर डीएसपी विजय देशवाल ने कहा कि इन वीर जवानों की शहादत से हमें प्रेरणा लेनी चाहिए। अमर शहीदों की याद में मनाया जाता है स्मृति दिवस। पुलिस शहीदी दिवस पर डीएसपी विजय देशवाल, एसएचओ विनय कुमार, एसआई रामेश्वर, एलएचसी रितु, पूर्व सरपंच देशराज पूर्व सरपंच लक्ष्मण प्रेम प्रकाश बोहरा मुंडायन, नरेश सतीश आदि ने शहीद सूबे सिंह की फोटो पर पुष्प अर्पित कर 2 मिनट का मौन रखा। शहीद सूबे सिंह के बेटे सत्येंद्र सिंह जो कि जीएचआई ऐयरपोर्ट दिल्ली पर नौकरी कर रहे है उनको पुलिस विभाग की तरफ से स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया ।
फोटो कैप्शन 5: शहीद सूबे सिंह के बेटे को स्मृति चिह्न भेंट करते विजय देशवाल डीएसपी कनीना।


बिजली के पोल पर लगे अवैध होर्डिंग दे रहे हैं हादसों को न्यौता 

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कनीना। शहर के मुख्य मार्गों पर लगे बिजली आपूर्ति लाइन के तारों व बिजली के पोल पर प्रचार प्रसार के लिए हार्डिंग लगाए जा रहे हैं। एक पोल पर चार से पांच होर्डिंग लगे हैं। इससे वाहन चालकों का ध्यान तो भटकता ही है साथ में हादसा होने का डर हमेशा बना रहता है। पिछले दिनों नगर पालिका प्रशासन ने दुकानों के सामने अवैध तरीके से किए गए अतिक्रमण को हटाया था, लेकिन बिजली के खंभों पर लगे अवैध होर्डिंग हटाना भूल गए। बिजली के खंभों पर लगे होर्डिंग को लेकर जब नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार से बात की गई तो उन्होंने कहा कि जल्दी ही बिजली के खंभों पर अवैध होर्डिंग लगाए हुए हैं उन सभी को हटाया जाएगा। बिना किसी अनुमति के धड़ल्ले से बिजली के खंभों का उपयोग प्रचार करने के लिए किया जा रहा है।
 उल्लेखनीय है कि शहर के रेलवे रोड, नगरपालिका के सामने वाला रोड, बस स्टैंड के सामने, गाहड़ा रोड, उप नागरिक अस्पताल रोड, सीनियर सेकेंडरी स्कूल के पास का रोड, मंडी रोड, समेत हर वार्ड की गलियों में लगे बिजली के खंभों पर निजी संस्थान अपना प्रचार करने को लेकर होर्डिंग लगा रहे हैं। खंभों पर होल्डिंग लगने से हादसा होने का अंदेशा हमेशा बना रहता है साथ ही खराब बिजली की समस्या को ठीक करने के लिए बिजली कर्मियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है समस्या पर संज्ञान लेते हुए नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने बताया कि कस्बा वासियों को इस समस्या से जल्दी ही निजात दिलाई जाएगी तथा अवैध रूप से हार्डिंग लगाने वालों के विरुद्ध कार्यवाही की जाएगी।
क्या कहते हैं एसडीएम कनीना-
नियम अनुसार बिजली के खंभों का उपयोग अनुमति लेने के बाद ही किया जा सकता है बिना अनुमति के खंभों पर होर्डिंग लगाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने का प्रावधान है। इस संदर्भ में एसडीएम रणबीर सिंह ने बताया कि शहर में बिजली के पोल व स्ट्रीट लाइट के खंभों पर लगे होर्डिंग को हटवाने के लिए नगर पालिका प्रशासन को निर्देश दिए हैं। उधर नगर पालिका प्रशासन का कहना है कि खंभों पर लगे होर्डिंग अवैध तरीके से लगे हैं इनको हटाया जाएगा।
फोटो कैप्शन 6 व 7: बिजली के खंभों पर लगे बैनर एवं होर्डिंग।

नीट परीक्षा में यूरो स्कूल के विद्यार्थियों का परिणाम रहा सराहनीय

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कनीना। हाल ही में घोषित मेडिकल प्रवेश परीक्षा (नीट) के परिणाम में यूरो ग्रुप आफ स्कूल के 86 विद्यार्थियों ने बाजी मारी। प्राचार्य सुनील यादव ने बताया कि 720 अंक की इस परीक्षा में 27 विद्यार्थियों ने 500 से अधिक अंक हासिल किये। कनीना स्कूल के 20 विद्यार्थियों ने सफलता प्राप्त की है, जिनमे 9 विद्यार्थियों ने 500 से अधिक अंक प्राप्त किये हैं। कनीना स्कूल के अजयने 604, प्रिया ने 598, मनीष ने 590, वर्षा पुत्री ने 589, आरजू ने 560, ललिता ने 559, ज्योति ने 540, प्रीति ने 536 एवं सोनाली ने 530 अंक हासिल किए। इस उपलब्धि पर यूरो के चेयरमैन सत्यवीर यादव, निदेशक नितिन यादव एवं प्रबन्धक निदेशक अत्तर सिंह एवं प्राचार्य सुनील कुमार ने सभी सफल विद्यार्थियों, अभिभावकों एवं अध्यापकों को बधाई दी एवं विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
 उधर  एसडी विद्यालय ककराला के  छात्र प्रदीप कुमार ने नीट परीक्षा में 720 अंको में से 651 अंक प्राप्त कर नाम कमाया है।
  प्राचार्य औमप्रकाश यादव ने बताया कि  27 छात्र इस परीक्षा में उत्तीर्ण हुए है। प्रदीप कुमार जो कि साधारण किसान परिवार में पैदा होने वाला बच्चा है अध्यापकों के मार्गदर्शन , नियमित परिश्रम व अभिभावकों के सहयोग से सफलता के मार्ग पर अग्रसर है।            
 विद्यालय निदेशक ने सफल रहे विद्यार्थियों को बधाई दी हैं।
फोटो कैप्शन: प्रदीप



रामलीला की बस यादें रह गई, कई पात्र आज भी जीवित हैं
-कनीना की रामलीला थी दूर दराज तक प्रसिद्ध

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 कनीना। कनीना मंडी में 14 वर्षों तक चली रामलीला के प्रमुख किरदार निभाने वाले कई किरदार आज भी जिंदा हैं और रामलीला मंचन का समय आने पर अपनी पुरानी यादें ताजा करके प्रसन्न हो जाते हैं। उनके पास अपने द्वारा अभिनीत भूमिकाओं के संग्रह मौजूद हैं।
  रामलीला के मुख्य लीलाएं धनुष यज्ञ, कोप भवन, सीता हरण, लक्ष्मण मूर्छा की लीलाएं अपने इलाके में प्रसिद्ध थी। कनीना की रामलीला में मंच पर मदिरा सेवन करने वालों तथा नृतकियों को कभी नहीं आने दिया गया। कनीना की रामलीला पूर्णरूप से मर्यादित होती थी। रामलीला यशवंत सिंह व राधेश्याम रामायण पर आधारित मंचित होती थी।
   कनीना में वर्ष 1977 से 1991 तक चली रामलीला में विष्णु, राम एवं वेदमति आदि की भूमिका निभाने वाले ओमप्रकाश लिसानिया ने बताया कि राम को चौदह वर्षों का वनवास मिला था ठीक उसी प्रकार 14 सालों तक ही रामलीला चली थी। उनको सारे संवाद मौखिक याद थे और राम का रोल करके अति प्रसन्न होते थे किंतु कनीना पालिका के वर्ष 1991 के चुनावों के कारण तथा अपरिहार्य कारणों के चलते रामलीला को बंद करना पड़ा था। अपने जमाने के प्रसिद्ध कलाकार एवं रावण की भूमिका निभाने वाले कलाकार मुरारीलाल आज इस दुनिया में नहीं है किंतु उनकी यादें आज भी लोगों के जहन में जिंदा हैं। उनकी मोटी एवं तेज आवाज और 'मर गया तो अपने घर गया यहां क्या धर गयाÓ व 'गाने वाली को पेश किया जाएÓ आज भी लोगों के कानों में गूंजती हैं। क्षेत्र की प्रमुख रामलीला कनीना की मानी जाती थी।  पवन कुमार ने हनुमान की भूमिका निभाई थी। वे अपने किरदार को देखकर खुश हो जाते हैं।
  कनीना की रामलीला में जहां रावण की भूमिका निभाने वाले मुरारीलाल, हास्य कलाकार की भूमिका निभाने वाले जगदीश प्रसाद एवं श्रीचंद आज भगवान को प्यारे हो चुके हैं किंतु लक्ष्मण की भूमिका निभाने वाले सुरेश एवं महेंद्र, सीता की भूमिका निभाने वाले सुभाष एवं रमेश,परशुराम, मंथरा की भूमिका निभाने वाले ओमप्रकाश सहगल, सुग्रीव एवं बाली की भूमिका निभाने वाले केदार नाथ, कामदेव, श्रवण, सुमंत, केकैई, मेघनाद आदि की भूमिका निभाने वाले शेर सिंह टेलर, अंगद एवं हनुमान की भूमिका निभाने वाले पवन गोयल, भरत की भूमिका निभानेवाले नवीन मित्तल, मारिच, कुंभकर्ण तथा कई अन्य रोल निभाने वाले शिब्बू पंसारी, कौशल्या एवं अन्य भूमिकाएं निभाने वाले महाबीर दुधिया आदि कलाकार आज भी अपने पुराने किरदारों को महज अपने एलबम में देख प्रसन्न हो जाते हैं।
क्या कहते हैं उस जमाने के कलाकार
राम -ओमप्रकाश लिसानिया जो राम की भूमिका निभाते थे का कहना है कि राम का रोल शीतलता, मधुरवाणी एवं मर्यादित रहकर निभाते थे। उन दिनों पर मां मेदिनी पर ही सोते थे और एक वक्त का भोजन लेते थे तत्पश्चात शुद्ध विचार लेकर ही रोल निभाते थे।
केकैई व मेघनाद-
 केकैई व मेघनाद का रोल निभाने वाले शेर सिंह का कहना है कि रामलीला करने वाले एवं देखने वालों में इतना भाईचारा था कि उन 14 वर्षों में रामलीला मंचन के वक्त कोई अप्रिय घटना नहीं घटित हुई तथा कोई विवाद नहीं छिड़ा।
फोटो कैप्शन 4: राम एवं रावण भूमिका निभाने से पहले।
कलाकार ओमप्रकाश लिसानिया, शेर सिंह , नवीन मित्तल, शिब्बू पंसारी की फोटो साथ हैं।
 

नमो देव्यै महा देव्यै.................
गोल्डन गर्ल नाम से जानी जाती है डा आकांक्षा

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-मेनत के बल पर एक साथ जीते थे 12 स्वर्ण पदक
 कनीना। एक ओर इंसान काम न करके हाथ पर हाथ रखे बैठे किस्मत का रोना रोते हैं वहीं कनीना की लड़की आकांक्षा ने एक साथ 12 स्वर्ण पदक लेकर गोल्डन गर्ल का खिताब जीता है। अपने बलबूते पर एमबीबीएम कर चुकी है और एमडी की तैयारी में जुटी हुई है। उनके भाई भी जार्जिया से एमबीबीएस कर रहे हैं।
  कनीना की बेटी ने वर्ष 2019 में एमबीबीएस करते हुये पूरे भारत में ही नहीं अपितु 12 गोल्ड मेडल एमबीबीएस के विभिन्न विषयों में विश्वविद्यालय टापर रहने पर दिये गये। इस प्रकार गोल्डन गर्ल का खिताब जीता है।
कनीना में ही पढ़ी,पली तथा बड़ी हुई आकांक्षा ने अपने मेहनत के बल पर सिद्ध कर दिया है कि एक मध्यम वर्ग में पैदा हुआ बच्चा भी पूरे विश्व में नाम कमा सकता है उनके भाई जहां एमबीबीएस कर रहे हैं। आगरा विश्वविद्यालय में एमबीबीएस करते हुये 11 अक्टूबर को विभिन्न क्षेत्रों में 12 गोल्ड मेडल हासिल किये। उनके पिता सत्यवीर सिंह तथा मा सरला देवी शिक्षक पद पर विराजमान है जहां पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात कहे तो मध्यम वर्ग में आते हैं किंतु होनहार बच्ची के बल पर माता-पिता ने भी नाम कमाया है। आकांक्षा ने जहां प्रथम क्लास से बारहवीं कक्षा तक की परीक्षाएं प्रथम श्रेणी में हासिल की वहीं अपने मेहनत के बल पर एमबीबीएस में प्रवेश पाया। एमडी करके जनसेवा में जुडऩा चाहती है और उनकी हार्दिक इच्छा है कि वह जन सेवा करें क्योंकि जन सेवा से ही इंसान का जीवन सफल होता है। भारत में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारा चला हुआ है सत्यवीर एवं सरला ने अपनी बच्ची को पढ़ा लिखा कर इस काबिल बना दिया है कि वे आज नाम कमा रही है। प्रारंभिक शिक्षा से होनहार रही छात्रा आकांक्षा आज पूरे विश्व विद्यालय में नाम कमा चुकी है और सिद्ध कर दिया है कि शिक्षा बल पर छात्राएं घर की चारदीवारी से बाहर आकर नाम कमा सकती है। जहां खेलों में भी आकांक्षा ने नाम कमाया है शिक्षा के क्षेत्र में भी नाम कमाया है।
  कनीना के जीएल स्कूल से दसवीं तथा बारहवीं करके आकांक्षा का प्रवेश मेडिकल कालेज आगरा में हुआ था और वहीं वे एमबीबीएस कर चुकी है। आकांक्षा का छोटा भाई आलोक जोर्जिया(अमेरिका) से एमबीबीएस कर रहा है।
आकांक्षा गायनी में एमएस करके महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए काम करना चाहती है। वे इस पल को हमेशा याद रखेंगी।  उपन्यास पढऩा, फिल्म देखना, नृत्य आदि उनके प्रमुख शौक हैं।
 आकांक्षा ने कनीना से 86 फीसदी अंक लेकर इंटर किया था और एमबीबीएस में चयन हुआ था। सदा ही अपना लक्ष्य लेकर चल रही है।
आकांक्षा के पिता सत्यवीर सिंह बताते हैं कि आकांक्षा एक मेधावी छात्रा रही है। उन्होंने हर परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की। आगरा के एचएफ मेडिकल कालेज में उनका एमबीबीएस में चयन हुआ था जहां आकांक्षा ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया है। डा आकांक्षा सिंह 1998 में जन्मी और 10वीं तथा 12वीं की परीक्षा जीएल स्कूल कनीना से पास की। तत्पश्चात इनका एमबीबीएस में चयन एफएच. मेडिकल कालेज आगरा में हुआ। उन्हें राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद ने वर्ष 2017 में भी स्वर्ण पदक से नवाजा था वही 11 स्वर्ण पदक 2019 में राज्यपाल आनंदीबेन ने विश्वविद्यालय एमबीबीएस के विभिन्न विषयों में अव्वल रहने पर दिए। इतने मैडम अपने आप में मायने रखते हैं एक साधारण परिवार में जन्म लेकर इन ऊंचाइयों को छू चुकी है, भविष्य में भी उनका उद्देश्य ऊंचाइयों को छूना चाहती है लेकिन किसी प्रकार के धन दौलत नहीं कमाना नहीं चाहती बल्कि जन सेवा में योगदान देना चाहती है और उनकी इच्छा है कि वे बड़ी होकर जन सेवा करें। अभी एमडी की तैयारी चल रही है उनके भाई भी एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र है। हरियाणा में जहां बच्ची को गर्भ में ही मार देते हैं उनके मुंह पर जोर का तमाचा है।
 फोटो कैप्शन 3: आकांक्षा को सम्मानित करते कालेज अधिकारी
तथा आकांक्षो
गोल्डन गर्ल नाम से जानी जाती है डा आकांक्षा
-मेनत के बल पर एक साथ जीते थे 12 स्वर्ण पदक

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 कनीना। एक ओर इंसान काम न करके हाथ पर हाथ रखे बैठे किस्मत का रोना रोते हैं वहीं कनीना की लड़की आकांक्षा ने एक साथ 12 स्वर्ण पदक लेकर गोल्डन गर्ल का खिताब जीता है। अपने बलबूते पर एमबीबीएम कर चुकी है और एमडी की तैयारी में जुटी हुई है। उनके भाई भी जार्जिया से एमबीबीएस कर रहे हैं।
  कनीना की बेटी ने वर्ष 2019 में एमबीबीएस करते हुये पूरे भारत में ही नहीं अपितु 12 गोल्ड मेडल एमबीबीएस के विभिन्न विषयों में विश्वविद्यालय टापर रहने पर दिये गये। इस प्रकार गोल्डन गर्ल का खिताब जीता है।
कनीना में ही पढ़ी,पली तथा बड़ी हुई आकांक्षा ने अपने मेहनत के बल पर सिद्ध कर दिया है कि एक मध्यम वर्ग में पैदा हुआ बच्चा भी पूरे विश्व में नाम कमा सकता है उनके भाई जहां एमबीबीएस कर रहे हैं। आगरा विश्वविद्यालय में एमबीबीएस करते हुये 11 अक्टूबर को विभिन्न क्षेत्रों में 12 गोल्ड मेडल हासिल किये। उनके पिता सत्यवीर सिंह तथा मा सरला देवी शिक्षक पद पर विराजमान है जहां पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात कहे तो मध्यम वर्ग में आते हैं किंतु होनहार बच्ची के बल पर माता-पिता ने भी नाम कमाया है। आकांक्षा ने जहां प्रथम क्लास से बारहवीं कक्षा तक की परीक्षाएं प्रथम श्रेणी में हासिल की वहीं अपने मेहनत के बल पर एमबीबीएस में प्रवेश पाया। एमडी करके जनसेवा में जुडऩा चाहती है और उनकी हार्दिक इच्छा है कि वह जन सेवा करें क्योंकि जन सेवा से ही इंसान का जीवन सफल होता है। भारत में बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ नारा चला हुआ है सत्यवीर एवं सरला ने अपनी बच्ची को पढ़ा लिखा कर इस काबिल बना दिया है कि वे आज नाम कमा रही है। प्रारंभिक शिक्षा से होनहार रही छात्रा आकांक्षा आज पूरे विश्व विद्यालय में नाम कमा चुकी है और सिद्ध कर दिया है कि शिक्षा बल पर छात्राएं घर की चारदीवारी से बाहर आकर नाम कमा सकती है। जहां खेलों में भी आकांक्षा ने नाम कमाया है शिक्षा के क्षेत्र में भी नाम कमाया है।
  कनीना के जीएल स्कूल से दसवीं तथा बारहवीं करके आकांक्षा का प्रवेश मेडिकल कालेज आगरा में हुआ था और वहीं वे एमबीबीएस कर चुकी है। आकांक्षा का छोटा भाई आलोक जोर्जिया(अमेरिका) से एमबीबीएस कर रहा है।
आकांक्षा गायनी में एमएस करके महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए काम करना चाहती है। वे इस पल को हमेशा याद रखेंगी।  उपन्यास पढऩा, फिल्म देखना, नृत्य आदि उनके प्रमुख शौक हैं।
 आकांक्षा ने कनीना से 86 फीसदी अंक लेकर इंटर किया था और एमबीबीएस में चयन हुआ था। सदा ही अपना लक्ष्य लेकर चल रही है।
आकांक्षा के पिता सत्यवीर सिंह बताते हैं कि आकांक्षा एक मेधावी छात्रा रही है। उन्होंने हर परीक्षा प्रथम श्रेणी से पास की। आगरा के एचएफ मेडिकल कालेज में उनका एमबीबीएस में चयन हुआ था जहां आकांक्षा ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवा दिया है।डा आकांक्षा सिंह 1998 में जन्मी और 10वीं तथा 12वीं की परीक्षा जीएल स्कूल कनीना से पास की। तत्पश्चात इनका एमबीबीएस में चयन एफएच. मेडिकल कालेज आगरा में हुआ। उन्हें राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविंद ने वर्ष 2017 में भी स्वर्ण पदक से नवाजा था वही 11 स्वर्ण पदक 2019 में राज्यपाल आनंदीबेन ने विश्वविद्यालय एमबीबीएस के विभिन्न विषयों में अव्वल रहने पर दिए। इतने मैडम अपने आप में मायने रखते हैं एक साधारण परिवार में जन्म लेकर इन ऊंचाइयों को छू चुकी है, भविष्य में भी उनका उद्देश्य ऊंचाइयों को छूना चाहती है लेकिन किसी प्रकार के धन दौलत नहीं कमाना नहीं चाहती बल्कि जन सेवा में योगदान देना चाहती है और उनकी इच्छा है कि वे बड़ी होकर जन सेवा करें। अभी एमडी की तैयारी चल रही है उनके भाई भी एमबीबीएस अंतिम वर्ष के छात्र है। हरियाणा में जहां बच्ची को गर्भ में ही मार देते हैं उनके मुंह पर जोर का तमाचा है।
 फोटो कैप्शन 3: आकांक्षा को सम्मानित करते कालेज अधिकारी
तथा आकांक्षा

माता कात्यायनी विधि विधान से पूजा करके, करे प्रसन्न-प्रदीप शास्त्री

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कनीना। शीतकालीन नवरात्रि का छठा दिन माता कात्यायनी के स्वरूप में आराधना होती है जिसे हम सभी भक्तों विधि विधान जय माता की पूजा करने से व्यक्ति को सफलता और प्रसिद्धि प्राप्त होती है। ये विचार कनीना के खाटू श्याम मंििदर पुजारी पंडित प्रदीप शास्त्री ने व्यक्त किये।
उन्होंने कहा कि माता कात्यायनी सभी मनोरथ को सिद्ध करने वाली हैं माता कात्यायनी को लाल रंग अति प्रसन्न है। माता को लाल पुष्प चढ़ाएं लाल गुलाब बहुत प्रिय है। माता की पूजा के समय लाल गुलाब अर्पित करें और दुर्गा चालीसा का पाठ करना चाहिए और आरती करें।
माता पार्वती का सबसे ज्वलंत स्वरूप जो कात्यायनी देवी हैं। माता कात्यायनी योद्धाओं की देवी है।असुरों के अंत और अत्याचार को देखते हुए देवताओं तथा ऋषियों की रक्षा के लिए माता पार्वती ने कात्यायन ऋषि के आश्रम में अपने स्वरूप में प्रगट हुई। कात्यायन ऋषि के आश्रम में प्रगट होने के कारण माता का नाम कात्यायनी पड़ा कात्यायन ऋषि उनको अपनी कन्या स्वीकार किया
माता कात्यायनी शेर पर सवारी करती हैं और माता कात्यायनी के चार भुजाएं होती हैं। वह अपने एक हाथ में कमल का पुष्प दूसरे हाथ में तलवार। एक हाथ में माता का अभय मुद्रा में आशीर्वाद देती हैं दाएं हाथ में वरद मुद्रा का आशीर्वाद देती हैं। माता कात्यायनी की पूजा सभी भक्तजनों को मनोरथ सफल करने वाली हैं। इसलिए
जिन कन्याओं का विवाह में विलंब होता है उन्हें माता कात्यायनी की आराधना करनी चाहिए जिससे अति शीघ्र उनकी मनोरथ सफल होती है। और माता रानी खुशहाल जीवन की आशीर्वाद देती हैं।अगर माता कात्यायनी को प्रसन्न करने के लिए किसी भी कामना को लेकर माता की 21 दिन तक आराधना एवं जाप करें तो मनोरथ सफल होता है।



वर्षों से लंबित है कनीना खास ट्रेन ठहराव की मांग

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कनीना। कनीना खास नामक रेलवे स्टेशन परअनलाक के वक्त दो ट्रेन चलनी शुरू हुई हैं किंतु दोनों ही नहीं रुकती। कोरोना से पूर्व कनीना खास रेलवे स्टेशन पर कुछ ट्रेनों का अस्थाई ठहराव किया गया था किंतु वो ठहराव भी कोरोना की भेंट चढ़ गया था। वर्षों से यहां ट्रेन न रुकने की समस्या चली आ रही है। वहीं दूसरी ओर छोटे रेलवे स्टेशन पर ट्रेन रुक जाती है और उपमंडल स्तरीय रेलवे स्टेशन पर कोई ठहराव न होने से परेशानी जस की तस रह जाती है।
व्यापार मंडल प्रकोष्ठ के उप प्रधान रविंद्र बंसल, मुकेश पार्षद, प्रहलाद पार्षद, मुकेश नंबरदार आदि ने बताया कि दुर्भाग्य कनीना खास के साथ ही रहा है। जहां कनीना खास रेलवे स्टेशन 20 हजार आबादी के कस्बे से बना सैनिक बाहुल्य सब-डिवीजन होते हुए भी हाल ही में दो ट्रेन जोधपुर- दिल्ली तथा बीकानेर- दिल्ली पुन: चलाई गई हैं किंतु इनका फायदा कनीना को नहीं हुआ।  उन्होंने कहा कि विगत इतिहास में हलका कनीना को तोड़ा जाना, जेबीटी को खत्म किया जाना कनीना खास रेलवे स्टेशन पर सभी ट्रेनों का ठहराव ने करना कनीना के साथ भेदभाव को इंगित करते हैं। यहां तक कि कनीना की पालिका को भी वर्ष 2000 में तोड़ दिया था और कनीना ग्राम पंचायत बनकार चुनाव करवा दिये थे। उनका कहना है कि कनीना में जहां नेताओं और मंत्रियों की फौजी दी है।  किसी जमाने में जहां पेप्सू रियासत के समय भी कनीना के सूबेदार ओंकार सिंह मंत्री होते थे, वही कनीना के राव दलीप सिंह मंत्री हुए हैं वहीं कर्नल राम सिंह भी कनीना से संबंध रखते थे। बनवारीलाल, सूबेदार लाल सिंह भी कनीना से विधायक रहे हैं। परंतु दुर्भाग्य है कि कनीना खास (1935) में रेलवे स्टेशन होते हुए भी कोई ट्रेन नहीं रुकती है। कहने को तो उपमंडल तो है परंतु सुविधाओं का टोटा है। ट्रेन पकडऩे के लिए भी कनीना वासियों को कम से कम 20 किलोमीटर दूर जाना पड़ता है।
कनीना खंड के ऐसे गांव भी है जिनमें से 50 प्रतिशत परिवारों के लोग आर्मी व अर्ध-सैनिक बलों में तैनात है। कनीना रेवले स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव न होने की वजह से इन सैनिकों को अपनी ड्यूटी पर जाने के लिए रेवाड़ी व महेंद्रगढ़ से ट्रेनों को पकडऩा पड़ता है जिसके चलते इन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। वर्ष 1935 में स्थापित कनीना खास रेलवे स्टेशन पर ब्रॉड गेज बनाने से पूर्व यहां से गुजरने वाली प्रत्येक ट्रेन का ठहराव था। किंतु वर्ष 2008 में ब्रॉडगेज बनने के बाद फास्ट एवं सुपरफास्ट ट्रेनों के ठहराव स्टेशन पर बंद कर दिया गया। कनीना से करीब 35 किलोमीटर दूर रेवाड़ी रेलवे स्टेशन तो कनीना से 20 किलोमीटर दूर महेंद्रगढ़ रेलवे स्टेशन पड़ता है। एक्सप्रेस ट्रेन पकडऩे के लिए लोगों को यहां से महेंद्रगढ़ या रेवाड़ी स्टेशनों में से किसी एक पर जाने को मजबूर होना पड़ता है।  
एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव न होने से व्यापारियों को भी हो रहा है भारी नुकसान
कनीना रेलवे स्टेशन पर एक्सप्रेस ट्रेनों का ठहराव न होने की वजह से व्यापारियों को भी भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। बता दे कि 20 हजार के करीब आबादी वाली अकेली कनीना मंडी में 100 दुकानें तथा दर्जनभर सरकारी कार्यालय, व्यापारिक प्रतिष्ठान, बैंक एवं मार्केट कमेटी, कनीना का सामान्य बस स्टैंड, नगरपालिका कनीना, बस स्टैंड पर 700 करीब पालिका की दुकानें, पंचायत समिति की दुकानें तथा निजी दुकाने ंहै। जिनके व्यापारियों को अपने काम से दिल्ली जाने के लिए रेवाड़ी से गाडिय़ों को पकडऩा पड़ता है जिससे उनका समय तो खराब होता ही है साथ ही आर्थिक हानि भी उठानी पड़ती है।
क्या कहते हैं क्षेत्रवासी-
 लक्की सीगड़ा समाज सेवी का कहना है कि
सैनिक बाहुल्य इस क्षेत्र में एक्सप्रेस गाडिय़ों का ठहराव नहीं होना क्षेत्रवासियों के लिए अपमान है। कनीना खास स्टेशन के साथ लगभग का बीस हजार की आबादी का क्षेत्र जुड़ा हुआ हैं। कृषि प्रधान लोगों के साथ-साथ सैनिकों और व्यापारियों का आवागमन हमेशा होता रहता हैं।
हरीश कुमार सुंदरह का कहना है कि उनके गांव में बहुत अधिक सैनिक है । सुपर फास्ट ट्रेन ना रुकने की वजह से सैनिकों को रेवाड़ी से ही ट्रेन बदलकर या बस के माध्यम से गांव तक आना पड़ता है जिसमें उनको बहुत अधिक परेशानी होती है। कनीना के आसपास क्षेत्र के विद्यार्थी दिल्ली विश्वविद्यालय में पढ़ाई करने के लिए जाते हैं । अगर सुपरफास्ट ट्रेन रुकने लग जाए तो उन सभी विद्यार्थियों को भी फायदा हो जाएगा।
अनुज यादव गाहड़ा का कहना है कि
आसपास के क्षेत्र के व्यापारी दुकानदार दिल्ली से सामान लेकर आते हैं उनके मुख्य समस्या यह है कि दिल्ली से रेवाड़ी तक तो सुपरफास्ट एक्सप्रेस ट्रेनों में सामान लेकर आ जाते हैं लेकिन रेवाड़ी आकर उनको बहुत अधिक परेशानी का सामना करना पड़ता है अगर सुपर फास्ट ट्रेनों का ठहराव कनीना में हो जाता है तो इनको बहुत अधिक फायदा होगा ।
 प्रियंका वर्मा धनोंदा का कहना है कि
कनीना क्षेत्र सैनिक बाहुल्य क्षेत्र है। सैनिक जब छुट्टी पर आता है तो उसकी इच्छा होती है कि अपने गांव के पास वाले स्टेशन पर ही उतर कर अपने घर जाऊं, लेकिन सुपरफास्ट ट्रेनों का कनीना में ठहराव नहीं है। जबकि कनीना उपमंडल है तकरीबन 20 हजार आबादी वाला क्षेत्र है।
फोटो कैप्शन 2.कनीना खास रेलवे स्टेशन का दृश्य साथ में अनुज गाहड़ा, लक्की सिंगड़ा, हरीश सुंदराह एवं प्रियंका


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