कनीना अनाज मंडी में 301 किसानों का बाजरा खरीदा
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कनीना।कनीना अनाज मंडी में अचानक नया शेड्यूल आने से 301 किसानों का आजरा खरीदा गया। यह शेड्यूल पंचकूला से डाला गया था। शक्रवार को भी इतने ही किसानों का बाजरा खरीदा जाएगा।
विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेड मैनेजर
सतेंद्र यादव ने बताया यह शेड्यूल पंचकूला से डाला जाता। अचानक शेड्यूल 363 किसानों का डाला गया जिसके चलते खरीद शाम छह बजे बाद तक जारी रही। उन्होंने बताया कि गुरुवार को
301 किसानों की खरीद की गई। गुरुवार को 9600 क्विंटल बाजरा खरीदा गया। इस प्रकार कुल खरीद 58227 क्विंटल पहुंच गई है। शुक्रवार को भी 300 किसानों के बाजरे की खरीद की जाएगी। गुरुवार को 13476 बैग का उठान किया गया और इस प्रकार 13995 बैग अभी भी फड़ों पर पड़े हुए हैं। कुल उठान 102459 बैग का उठान हो चुका है। उन्होंने बताया कि पांच डेरिया मानदंडों के अनुरूप खरीदने उतरने के कारण रद्द कर दी गई। उन्होंने बताया कि खरीद लगातार जारी रहेगी। अभी तक शुक्रवार तक का शेड्यूल डाला हुआ है।
कनीना मंडी में अटेली विधायक सीताराम यादव के पुत्र प्रवीण कुमार ने भाजपा के पदाधिकारियों सहित कनीना मंडी में दौरा कर बाजरा खरीद का जायजा लिया।
फोटो कैप्शन 11: कनीना मंडी में बाजरे की खरीद देखते हुए प्रवीण पुत्र सीताराम विधायक अटेली।
पहले रहे माडल स्कूल और बनाया माडल संस्कृति स्कूल
-माडल संस्कृति स्कूल का उद्घाघटन शुक्रवार को
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कनीना। कभी कनीना का राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल माडल स्कूल बनाया हुआ था अब यह माडल संस्कृति स्कूल बना दिया है। इसमें सीबीएसई के तहत शिक्षा दी जाएगी। 23 अक्टूबर को सीताराम यादव विधायक इसका उद्घाटन कर रहे हैं।
वर्तमान में भी बेहतर स्कूलों में कनीना का राजकीय वरिष्ठ माडल स्कूल का नाम है। पूर्व में शिक्षा मंत्री रह चुके और वर्तमान में भी शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा ने इसे माडल का दर्जा दिया था। विशाल खेलों के मैदान, अपने जमाने का विख्यात मंच, इको क्लब की हरियाली तथा एनसीसी के अलावा एनएसएस की सुविधा उपलब्ध है। यहां से शिक्षा पा चुके विद्यार्थी विभिन्न क्षेत्रों में अधिकारी, डाक्टर, वैज्ञानिक, प्रोफेसर एवं इंजीनियर, लेखक, एवं विख्यात पत्रकार पदों तक पहुंच चुके हैं।
कनीना का राजकीय माडल स्कूल वर्ष 1998 में घोषित किया गया था। इससे पूर्र्व वर्ष 1971 से यह वर्तमान भवन में चल रहा था। इससे पूर्व जहां छात्राओं का राजकीय कन्या उच्च विद्यालय है वह राजकीय हायर सेकेंडरी के नाम से विख्यात था। यहां पर होशियार सिंह मलिक, बीके सचदेवा जैसे प्राचार्य रह चुके हैं जिनका नाम बाद में जिला शिक्षा अधिकारियों के रूप में विख्यात रहा है।
इस माडल स्कूल ने बहुत अधिक संख्या में विभिन्न क्षेत्रों में अधिकारी दिए हैं तो वैज्ञानिक, डाक्टर एवं इंजीनियरों की फौज भी निकाली है। इस विद्यालय के विद्यार्थी ही नहीं अपितु शिक्षक भी दूर दराज तक नाम कमा चुके हैं। इस विद्यालय का भवन जिला भर में शायद ही अन्यत्र कहीं देखने को मिलता है। इस विद्यालय का खेल का मैदान क्षेत्र में विशालतम है तथा मंच भी प्रदेशभर में विख्यात है।
कनीना माडल स्कूल का मंच कभी पूर्व मुख्यमंत्री चौ बंसीलाल के संबोधन के लिए बनाया गया था जो आज हर प्रकार के कार्यक्रम के लिए प्रसिद्ध माना जाता है। विद्यालय कई खूबियां लिए हुए है। इस विद्यालय में सफेद जांघिल नाम से इको क्लब बना हुआ है जहां विभिन्न प्रकार के औषधीय पौधे एवं बेहतर लान बने हुए हैं। नौकरी पाने में सहायक एनसीसी एवं एनएसएस भी है। विद्यालय में शिक्षा पाने वाले विद्यार्थियों की संख्या भी कम नहीं होती है जहां कला, विज्ञान एवं वाणिज्य की शिक्षा दी जाती है।
क्या कहते हैं प्राचार्य-
कनीना माडल स्कूल के प्राचार्य लाल सिंह- का कहना है कि इस विद्यालय का जहां पूर्व में नाम रहा है वहीं वर्तमान में भी नाम है। इलाके में बेहतर शिक्षा वो भी सरकारी स्कूलों में देने वाली संस्था है। उन्होंने कहा कि अभिभावक निजी स्कूलों की ओर जहां भाग रहे हैं उनको मालूम नहीं है कि सरकार की हर सुविधा बच्चों को यहां दी जाती है।
फोटो कैप्शन 9: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय कनीना का मुख्य द्वार।
सफाई कर्मी मिला संक्रमित
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कनीना। उप नागरिक अस्पताल कनीना में सफाई कर्मचारी संक्रमित मिला है। एसएमओ डॉ धर्मेंद्र यादव ने जानकारी देते हुए बताया कि उप नागरिक अस्पताल कनीना में सफाई कर्मचारी संक्रमित मिला है । यह सफाई कर्मचारी जून में भी संक्रमित मिला था । उसके बाद इसकी रिपोर्ट नेगेटिव आ गई थी। एक नागरिक अस्पताल में काम करने वाले अधिकारी व कर्मचारियों के सैंपल 20 अक्टूबर को लिए गए थे जिसमें 33 वर्षीय सफाई कर्मचारी संक्रमित मिला है। संक्रमित को सफाई कर्मचारी के संपर्क में आए सभी व्यक्तियों के सैंपल लिए जाएंगे।
खाद्य सुरक्षा सर्टिफिकेट के बारे में दी गई जानकारी
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कनीना। आरएस वाटिका में गुरुवार को खाद्य सुरक्षा अधिकारी डा. भंवर सिंह की अध्यक्षता में व्यापारियों की एक बैठक का आयोजन किया गया। जिसमें उन्होंने खाद्य पदार्थ बनाने और बेचने वाले दुकानदारों को खाद्य सुरक्षा सर्टिफिकेट के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि इस सर्टिफिकेट के बिना कोई भी दुकानदार अपना लाइसेंस नहीं बनवा सकता है। उन्होंने बताया कि फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने खाद्य पदार्थों की क्वालिटी बनाए रखने को कदम उठाए है। जिसके तहत खाद्य पदार्थ बनाने और बेचने वालों को एफएसएसएआई की फोस्टेक योजना के तहत ट्रेनिंग लेनी होगी। ट्रेनिंग के बाद दुकानदार को खाद्य सुरक्षा सर्टिफिकेट दिया जाएगा। सर्टिफिकेट लेने के बाद ही दुकानदार खाद्य पदार्थ बेच पाएंगे। उन्होंने बताया कि एफएसएसएआई व खाद्य सुरक्षा विभाग चंडीगढ़ के द्वारा क्वांटस कम्पनी को ट्रेनिंग देने के लिए अधिकृत किया गया है। जिसके तहत क्वांटस कम्पनी के ट्रेनर व्यापारियों का पंजीकरण कर उन्हें ट्रेनिंग देंगे। पंजीकरण के लिए कम्पनी के द्वारा दुकानदार से जीएसटी सहित 708 रुपये लिए जाएंगे। जिसके लिए कनीना, नारनौल, अटेली, महेंद्रगढ़, सतनाली व नांगल चौधरी के सरकारी अस्पतालों में व्यवस्था की गई है। जहां पर व्यापारी अपनी फीस जमा करवाकर अपना रजिस्ट्रेशन करवा सकेंगे। ट्रेनिंग के बाद सभी सभी व्यापारियों को विभाग की तरफ से सर्टिफिकेट जारी की जाएगी। इस दौरान नारनौल से प्रधान सुदर्शन बंसल, प्रधान रत्नलाल, हलवाई एसोसिएशन के प्रधान रामबाबू, सुरेश प्रधान महेंद्रगढ़, रतनलाल महेंद्रगढ़, आशीष अग्रवाल सहित अनेक व्यापारी उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 10: दुकानदारों को खाद्य सुरक्षा सर्टिफिकेट के बारे में जानकारी देते हुए डा भंवर सिंह।
कन्या जन्म पर मनाई खुशियां
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कनीना। खण्ड के गांव पड़तल में सतपाल के घर पोती अंशिका के जन्म होने पर कुआं पूजन कर खुशियां मनाई। पोती अंशिका के जन्म लेते ही परिवार में एक खुशी का माहौल पैदा हो गया।
कहते हुए कन्या के दादा सतपाल ने अपनी खुशी जाहिर की कन्या की दादी राजबाला ने साक्षात लक्ष्मी का अवतार माना तथा कन्या अंशिका के पिता अमित व माता सुमन ने बताया कि लड़की भाग्यशाली लोगों के घर में ही जन्म लेती है और एक कन्या को जग जननी माना जाता है और आज वो सौभाग्य हमें प्राप्त हुआ है।
इस अवसर पर मेरी बेटी मेरी पहचान के तहत सामाजिक संस्था बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल द्वारा कन्या के दादा दादी व माता पिता को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया।
संस्था की तरफ से अजय शर्मा ने बताया कि लगभग दो साल से हमारी संस्था समाज में लिंगानुपात को अनुपात में लाने के लिए कार्य कर रही है जिसके तहत कन्या के जन्म पर कुआं पूजन कर सम्मानित किया जाता है तथा संस्था की तरफ से रणजीत फोरमैन, गजे सिंह, विकास कुमार, अजय,अनुज व ग्रामीण मौजूद रहे।
फोटो कैप्शन 8: बच्ची की मां सुमन को सम्मानित करते सामाजिक संस्था बीइंग ह्यूमन सेवा मंडल के पदाधिकारी।
पालिका ने हटवाये बस स्टैंड के आस पास से होर्डिंग
-जल्द ही होगी अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई
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कनीना। कनीना पालिका के विक्की जमादार एवं सफाई कर्मचारियों ने मिलकर होल्डिंग हटाये। ये होर्डिंग हटाकर ट्रैक्टर ट्राली में भरकर कनीना नगर पालिका में डाल दिए है। अभी भी कुछ जगह स्थायी होल्डिंग्स लगे हुये हैं।
उल्लेखनीय शहर के विभिन्न मार्गों, बिजली के पोल आदि पर होर्डिंग लगे हुए थे जिससे दुर्घटना होने का अंदेशा बना हुआ था। विभिन्न दुकानों के सामने अवैध तरीके से विगत दिनों जहां अतिक्रमण हटाया गया था किंतु होर्डिंग/बैनर/पोस्टर आदि खंभों पर लगे हुये थे। प्रशासन के आदेशानुसार ये होर्डिंग हटवाये गये हैं।
क्या कहते हैं पालिका प्रधान-
पालिका प्रधान सतीश जेलदार का कहना है कि अतिक्रमण किसी भी सूरत में नहीं बख्शा जाएगा। अतिक्रमण या खंबो बिजली के तारों पर लगे हुए होर्डिंग्स को हटवा दिया जाएगा।
भविष्य में भी अगर किसी प्रकार के होर्डिंग वगैरह लगाए गए तो उनको भी तुरंत प्रभाव से हटा दिया जाएगा। प्रशासन इस संबंध में बहुत सख्त है। ें उन्होंने दुकानदारों से का किसी भी हालात में कोई होर्डिंग्स वगैरह न लगाये। जल्द ही अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाया जाएगा। जिला प्रशासन के बार-बार आदेश के चलते अतिक्रमण पूर्ण रूप से हटाये जाएंगे।
फोटो कैप्शन 9: हटाये गये होर्डिंग्स नगरपालिका में डालते हुए।
फल सब्जियों ने बदला व्रत करने वालों का हाल
-रेट लिस्ट गायब है, मनमाना पैसा रहे हैं वसूल
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कनीना। कनीना क्षेत्र में नवरात्रों पर फल एवं सब्जी रिकार्ड महंगाई पर पहुंच गई है। नवरात्रे आते ही भाव बढ़ा दिये हैं वहीं सब्जी एवं फल विक्रेता मनमर्जी भाव ले रहे हैं। किसी भी सब्जी एवं फल विक्रेता ने कोई रेट लिस्ट नहीं लगा रखी है। ऐसे में व्रत करने वाले बेहद परेशान हो गये हैं।
फल और सब्जियों पर नजर डालें तो पता चलता है कि-
नवरात्रों में रुपये किलो नवरात्र पूर्व भाव
सिंघाड़ा 50 40
हरी मिर्च 100 50
शिमला मिर्च 100 40
टिंडा 100 30
बैंगन 40 15
अदरक 120 80
आलू 80 पहाड़ी 30
खीरा 50 20
तोरई 50 30
भिंडी 50 30
नारियल पानी 50 रुपये पीस 30
कीवी 30 रुपये पीस 20
लहसुन 240 100
चप्पल कद्दू 80 --
पालक 15 की गुत्थी 10
सेब 120 100
केला 60 रुपये दर्जन 40
लौकी 30 10
पेठा 50 10
आलू 40 देशी 20
गोभी 80 60
बैगन 30 10
प्याज 80 30
टमाटर 60 50
पपीता 50 40
कोरोना काल में तो आलम यह था कि कोई खरीददार नहीं मिल रहा था और अब आसमान छू रही हैं।
क्या कहती व्रत करने वालीगृहणियां .....
गृहणी शकुंतला, नीलम, आशा आदि ने बताया कि सब्जियां खाना कठिन हो गया है। इसलिए दाल या कढ़ी, खाटा का साग आदि घरेलू सब्जियां बनाकर खाई जा रही है। जहां टमाटर की जगह कचरी प्रयोग कर रहे हैं वही करौंदा भी काम काम में ले रहे हैं। नींबू से भी काम चलाया जा रहा है। क्षेत्र में कढ़ी और खाटा का साग बहुत प्रचलित है। फल खरीदने वाले सूबे सिंह, इंद्रजीत, महेश कुमार, कुलदीप सिंह आदि ने बताया कि फलों के भाव आसमान छू रहे। इसलिए अधिक नहीं, बहुत कम फल खाकर कर गुजारा कर रहे हैं या फिर फल नहीं भी खरीदते। जब भी फल सब्जियां सस्ते होंगे फिर से खरीदने लग जाएंगे।
क्या कहते दुकानदार....
दुकानदार रमेश, दिनेश, मुकेश आदि ने बताया कि उन्हें थोक में महंगे दामों पर सब्जियां मिल रही हैं। यही कारण है कि वह मजबूरन वे महंगे दामों पर सब्जियां बेच रहे हैं। उधर फल विक्रेता शिव कुमार ने बताया कि फल महंगे मिल रहे हैं। कोरोना काल में तो फल भी लोगों ने खाने बंद कर दिए थे और यहां तक की सब्जियां भी बाजार में सडऩे लग गई थी। नवरात्रे आते ही अचानक उछाल आ गया है।
क्या कहते हैं जिला बागवानी अधिकारी-
जिला बागवानी अधिकारी डा मनदीप यादव ने बताया कि इन दिनों जहां रबी और खरीफ दोनों के बीच फसलों के बीच की अवस्था होती है। इसलिए फल सब्जियां कम हो जाती है और यह महंगे दामों पर बिकती है। अब खरीफ फसल बतौर सब्जियां आने पर फिर से दाम घट जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस हर वर्ष दस मौसम में भाव बढ़ते हैं। पालिका प्रधान सतीश जेलदार का कहना है कि दुकानदारों ने रेट लिस्ट जरूर लगानी चाहिए। प्रशासन रेट लिस्ट चेक करेगा।
फोटो कैप्शन 7: फल बेचते हुए दुकानदार
सोमदत्त की मोत का खुलासा पुलिस जांच के बाद
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कनीना। रात को खाना खाकर सोया व्यक्ति सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में मृत मिला। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए महेंद्रगढ़ भेज दिया है वहीं आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार सोमदत्त 68 निवासी कपूरी जो रात को अपने कुएं पर बने मकान के सामने चारपाई डाल कर सोया था जो सुबह नहीं उठने पर परिजनों ने देखा तो वह मृत पाया। परिजनों से मिली जानकारी देते हुए बताया कि आज सुबह जब सोमदत्त सुबह नींद से नही उठा तो उसकी घर वाली ने उसे जगाने की कोशिश की लेकिन काफी जगाने के बाद भी जब वह नहीं उठा तो उसने इसकी सूचना अन्य परिजनों के साथ पुलिस को भी देकर मामले से अवगत कराया। वही पुलिस ने सूचना के आधार पर मौके का मुआयना किया और परिजनों से पूछताछ कर जांच आरंभ कर दी है।
सोमदत्त के पैर से थोड़ा सा खून निकल रहा था वही उसकी एक आँख पर चोट लगी थी। इस बात का खुलासा नही कि आखिर मृतक को चोट कैसे लगी या फिर किसी ने उसको चोट मारी। पुलिस की जांच के बाद ही पत्ता चल पाएगा कि आखिर मामले में सच्चाई क्या है? वही पुलिस ने सोमदत्त के शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया और जांच आरंभ कर दी है।
मृतक के पुत्र और रिकेश के बयान पर मामला दर्ज कर लिया है। उन्होंने पुलिस में बताया कि वह ड्राइवर का कार्य करता है और हाइवा चलाता है। सप्ताह में एक दो बार घर पर आता है। बुधवार की शाम को झज्जर चला गया था। उनकी मां ने फोन पर सूचना दी कि उनके पिता की मौत हो गई है तो घर पर पहुंचा। उनके पिता की मौत सुबह करीब छह पता लगा जब उनकी भांजी दिव्या चाय देने गई और न उठने पर पता चल पाया। पुलिस में रिकेश ने बताया है कि उनके शरीर पर चोंटे आंख पर भी चोट के निशान हैं। खून भी बह रहा है।
फोटो कैप्शन 6: चारपाई पर मृत पड़ा सोमदत्त।
फल सब्जियों ने बदला व्रत करने वालों का हाल
-रेट लिस्ट गायब है, मनमाना पैसा रहे हैं वसूल
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कनीना। कनीना क्षेत्र में नवरात्रों पर फल एवं सब्जी रिकार्ड महंगाई पर पहुंच गई है। नवरात्रे आते ही भाव बढ़ा दिये हैं वहीं सब्जी एवं फल विक्रेता मनमर्जी भाव ले रहे हैं। किसी भी सब्जी एवं फल विक्रेता ने कोई रेट लिस्ट नहीं लगा रखी है। ऐसे में व्रत करने वाले बेहद परेशान हो गये हैं।
फल और सब्जियों पर नजर डालें तो पता चलता है कि-
रुपये किलो नवरात्रों में भाव
सिंघाड़ा 50 40
हरी मिर्च 100 50
शिमला मिर्च 100 40
टिंडा 100 30
बैंगन 40 15
अदरक 120 80
आलू 80 पहाड़ी 30
खीरा 50 20
तोरई 50 30
भिंडी 50 30
नारियल पानी 50 रुपये पीस 30
कीवी 30 रुपये पीस 20
लहसुन 240 100
चप्पल कद्दू 80 --
पालक 15 की गुत्थी 10
सेब 120 100
केला 60 रुपये दर्जन 40
लौकी 30 10
पेठा 50 10
आलू 40 देशी 20
गोभी 80 60
बैगन 30 10
प्याज 80 30
टमाटर 60 50
पपीता 50 40
कोरोना काल में तो आलम यह था कि कोई खरीददार नहीं मिल रहा था और अब आसमान छू रही हैं।
क्या कहती व्रत करने वालीगृहणियां .....
गृहणी शकुंतला, नीलम, आशा आदि ने बताया कि सब्जियां खाना कठिन हो गया है। इसलिए दाल या कढ़ी, खाटा का साग आदि घरेलू सब्जियां बनाकर खाई जा रही है। जहां टमाटर की जगह कचरी प्रयोग कर रहे हैं वही करौंदा भी काम काम में ले रहे हैं। नींबू से भी काम चलाया जा रहा है। क्षेत्र में कढ़ी और खाटा का साग बहुत प्रचलित है। फल खरीदने वाले सूबे सिंह, इंद्रजीत, महेश कुमार, कुलदीप सिंह आदि ने बताया कि फलों के भाव आसमान छू रहे। इसलिए अधिक नहीं, बहुत कम फल खाकर कर गुजारा कर रहे हैं या फिर फल नहीं भी खरीदते। जब भी फल सब्जियां सस्ते होंगे फिर से खरीदने लग जाएंगे।
क्या कहते दुकानदार....
दुकानदार रमेश, दिनेश, मुकेश आदि ने बताया कि उन्हें थोक में महंगे दामों पर सब्जियां मिल रही हैं। यही कारण है कि वह मजबूरन वे महंगे दामों पर सब्जियां बेच रहे हैं। उधर फल विक्रेता शिव कुमार ने बताया कि फल महंगे मिल रहे हैं। कोरोना काल में तो फल भी लोगों ने खाने बंद कर दिए थे और यहां तक की सब्जियां भी बाजार में सडऩे लग गई थी। नवरात्रे आते ही अचानक उछाल आ गया है।
क्या कहते हैं जिला बागवानी अधिकारी-
जिला बागवानी अधिकारी डा मनदीप यादव ने बताया कि इन दिनों जहां रबी और खरीफ दोनों के बीच फसलों के बीच की अवस्था होती है। इसलिए फल सब्जियां कम हो जाती है और यह महंगे दामों पर बिकती है। अब खरीफ फसल बतौर सब्जियां आने पर फिर से दाम घट जाएंगे। उन्होंने बताया कि इस हर वर्ष दस मौसम में भाव बढ़ते हैं। पालिका प्रधान सतीश जेलदार का कहना है कि दुकानदारों ने रेट लिस्ट जरूर लगानी चाहिए। प्रशासन रेट लिस्ट चेक करेगा।
फोटो कैप्शन 7: फल बेचते हुए दुकानदार
सोमदत्त की मोत का खुलासा पुलिस जांच के बाद
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कनीना। रात को खाना खाकर सोया व्यक्ति सुबह संदिग्ध परिस्थितियों में मृत मिला। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए महेंद्रगढ़ भेज दिया है वहीं आगामी कार्रवाई अमल में लाई जा रही है।
मिली जानकारी के अनुसार सोमदत्त 68 निवासी कपूरी जो रात को अपने कुएं पर बने मकान के सामने चारपाई डाल कर सोया था जो सुबह नहीं उठने पर परिजनों ने देखा तो वह मृत पाया। परिजनों से मिली जानकारी देते हुए बताया कि आज सुबह जब सोमदत्त सुबह नींद से नही उठा तो उसकी घर वाली ने उसे जगाने की कोशिश की लेकिन काफी जगाने के बाद भी जब वह नहीं उठा तो उसने इसकी सूचना अन्य परिजनों के साथ पुलिस को भी देकर मामले से अवगत कराया। वही पुलिस ने सूचना के आधार पर मौके का मुआयना किया और परिजनों से पूछताछ कर जांच आरंभ कर दी है।
सोमदत्त के पैर से थोड़ा सा खून निकल रहा था वही उसकी एक आँख पर चोट लगी थी। इस बात का खुलासा नही कि आखिर मृतक को चोट कैसे लगी या फिर किसी ने उसको चोट मारी। पुलिस की जांच के बाद ही पत्ता चल पाएगा कि आखिर मामले में सच्चाई क्या है? वही पुलिस ने सोमदत्त के शव का पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया और जांच आरंभ कर दी है।
मृतक के पुत्र और रिकेश के बयान पर मामला दर्ज कर लिया है। उन्होंने पुलिस में बताया कि वह ड्राइवर का कार्य करता है और हाइवा चलाता है। सप्ताह में एक दो बार घर पर आता है। बुधवार की शाम को झज्जर चला गया था। उनकी मां ने फोन पर सूचना दी कि उनके पिता की मौत हो गई है तो घर पर पहुंचा। उनके पिता की मौत सुबह करीब छह पता लगा जब उनकी भांजी दिव्या चाय देने गई और न उठने पर पता चल पाया। पुलिस में रिकेश ने बताया है कि उनके शरीर पर चोंटे आंख पर भी चोट के निशान हैं। खून भी बह रहा है।
फोटो कैप्शन 6: चारपाई पर मृत पड़ा सोमदत्त।
मेहनत के बल पर डेयरी एवं जैविक खाद में नीतू यादव ने कमाया नाम
-अब तक राष्ट्रपति से भी मिल चुका है सम्मान
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कनीना। यदि दिल में जज्बा और हिम्मत, करने का हौसला हो तो निश्चित रूप से सफलता पाता है और दूसरों के लिए उदाहरण बन जाता है। ऐसा ही उदाहरण कनीना से 6 किलोमीटर दूर गुढ़ा की नीतू यादव है।
कनीना उप मंडल के गांव गुढ़ा निवासी नीतू यादव(38)पत्नी पवनवीर ने अपनी मेहनत के मुकाम पर डेयरी के क्षेत्र में राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविद से एक लाख रुपये का पुरस्कार मिल चुका है अपितु आधा दर्जन अन्य पुरस्कार पाकर सिद्ध कर दिया है कि ग्रामीण पृष्ठभूमि में भी प्रतिभाओं की कोई कमी नहीं है। अगस्त 2019 में भी उनके पशुओं ने विभिन्न स्थान हासिल किए और उन्हें सम्मानित किया गया।
कनीना खंड के गांव गुढ़ा निवासी नीतू सिंह यादव को गन्नौर (सोनीपत) में फरवरी-2019 में एग्री लीडरशिप सम्मिट में किसान रतन पुरस्कार से राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविद ने डेयरी एवं जैविक खाद के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए एक लाख रुपये का पुरस्कार मिला था। इससे पहले भी उन्हें कई पुरस्कारों से नवाजा जा चुका है।
नीतू यादव गुढ़ा में डेयरी फार्म चलाती है। वे न केवल अपने पैरों पर खड़ी हुई है अपितु करीब एक दर्जन लोगों को भी उन्होंने रोजगार दिया हुआ है। भारी मात्रा में दुग्ध उत्पादन करती है और डेयरी का काम बेहतर तरीके से चला रही है वहीं जैविक खाद भी बना रही है। जैविक खाद पैदा कर बेहतर फसल पैदावार लेने में उल्लेखनीय योगदान दिया है।
गांव गुढ़ा की नीतू यादव व उनका परिवार न केवल गायों की सेवा करके अपना एवं गायों का भरण पोषण तो कर ही रहा है साथ में एक दर्जन व्यक्तियों को रोजगार भी दिया है। अपना रोजगार छह गायों से शुरू किया किंतु आज 300 गाएं हैं। वे दूसरों के लिए उदाहरण बन गई हैं और बहुत से जन उनके पदचिह्नों पर चल रहे हैं। उन्हें 2018 का सर्वश्रेष्ठ महिला डेयरी पुरस्कार मिला था। उन्हें यह पुरस्कार इंडियन डेयरी एसोसिएशन(उत्तरी क्षेत्र) द्वारा उन्हें श्रेष्ठ डेयरी महिला बतौर कोच्चि में दिया था।
मेघनवास जिला महेंद्रगढ़ से निकास तथा गुढ़ा गांव में रह रही नीतू यादव एवं उनके परिवार जिसमें राव भगवान सिंह, संतरा देवी,जयपाल एवं बबली बीते 2008 में छह गायों से गुढ़ा में डेयरी का काम शुरू किया। उस वक्त पंजाब से एक गाय भी मंगवाई गई थी। आज उनके पास 300 गाएं हैं तथा अन्य पशु शामिल हैं। जिनका दूध दोहने के लिए कुछ अत्याधुनिक मशीन भी मंगवा रखी हैं। करीब दो घंटों में सभी गायों का दूध दोह लेते हैं। प्रतिदिन कई डेयरियों में 2600 लीटर प्रतिदिन दूध भेज रहे हैं। वर्तमान में ड्रा डे चलने से दूध कम है वरना 5000 लीटर तक दूध मिलता है।
जैविक खाद के क्षेत्र में योगदान-
नीतू यादव ने बताया कि प्रतिदिन एक पशु से करीब 90 किलोग्राम गोबर प्राप्त होता है और यह गोबर वह खेत में इक_ा करती है। इसी गोबर की सहायता से अपने खेतों में फसल पैदावार करती है जिसकी मांग अधिक है व खेतों में किसी प्रकार का अन्य खाद्य नहीं डालती बल्कि अपने पशुओं से प्राप्त गोबर को कंपोस्ट खाद में बदलकर या गोबर को खाद के रूप में डालकर प्रयोग करती है।
प्रसिद्ध वैज्ञानिकों से संपर्क में रहकर उन्होंने निरंतर अपने ज्ञान में अभिवृद्धि की है और व्यवहारिक उपयोग कर डेरी फार्म को आधुनिक बनाया है। अन्य पशुपालकों के साथ अपने अनुभव और ज्ञान की साझेदारी करके उन्होंने डेरी क्षेत्र में एक नाम कमाया है। वही डेयरी विकास को उन्नति प्रदान की है।
कैसी आई डेयरी क्षेत्र में-
नीतू यादव हुडीना रामपुरा (नारनौल) में पैदा हुई। उनकी मां बसंती देवी दस जमात पढ़ी लिखी गृहणी थी। जबकि पिता रणवीर सिंह हरको बैंक के चेयरमैन होते थे। दोनों ही आज इस दुनिया में नहीं हैं। प्रारंभ में इन्होंने कठोर मेहनत की। अपनी मां की गृह कार्यों में मदद के बाद पढ़ाई लिखाई करती थी। दसवीं कक्षा डेरोली अहीर से प्राप्त करने के पश्चात 1995 में गुढ़ा निवासी पवनवीर से इनकी शादी कर दी गई। शादी के समय दसवीं कक्षा पास थी और कटिंग टेलरिंग का डिप्लोमा भी किया हुआ था।
तत्पश्चात उन्होंने अपनी पढ़ाई और संघर्ष दोनों जारी रखा । शादी के बाद 12वीं की परीक्षा ओपन
स्कूल से प्राप्त की। गुढ़ा में निवासी उनकी सास संतरा देवी अनपढ़ है। यहां भी उन्होंने दिन रात सास की गृह कार्यों में मदद की, खेती बाड़ी की। जबकि ससुर भगवान सिंह अच्छे मुख्याध्यापक रहे हैं। यद्यपि उनके पति पवनवीर शादी के बाद भी घर पर खेती-बाड़ी करते थे। खेती बाड़ी का काम में नीतू यादव मदद करती आ रही है। यह ठीक है कि पवन वीर 2012 में बाबू पद पर सरकारी स्कूल में नियुक्त हो गये हैं।
यूं गया डेयरी की ओर रुझान-
नीतू यादव का रुझान दूध की ओर एक दिन अचानक गया। हुआ यूं कि एक बार देर रात मेहमानों के लिए उन्हें दूध की जरूरत हो गई और दूध घर पर उपलब्ध नहीं था। दूध न मिलने से
उन्हें बड़ा दर्द हुआ और एक दिन अपनी सासू मां से कहा कि वे डेयरी करेंगी जिससे अपने लिये तो क्या दूसरों को भी दूध पिलाएंगी। अपने परिवार से मिलजुल कर उन्होंने गाय खरीदने की बात कही। तत्पश्चात 6 गायों से पूरे परिवार ने मिलकर यह कार्य शुरू किया। गायों की संख्या दिनों दिन बढ़ती चली गई आज के दिन 40 गाय दूध दे रही है। उन्नत नस्ल की विदेशी गाय होने के कारण भारी मात्रा में दूध देती है और वह अकेले एक लाख रुपये का लाभ प्रति माह प्राप्त कर लेती है जबकि 17 लोगों को रोजगार दिया हुआ है जो गायों की सेवा में लगे रहे हैं। इस प्रकार उनको भी रोटी रोजी दे रही है और अपने परिवार का पालन पोषण कर रही है। अकेले गोबर के खाद से 4 से 5 लाख रुपये प्रति वर्ष कमा लेती है।
जैविक खाद और कंपोस्ट खाद-
गोबर बढऩे से जहां जैविक खाद और गोबर कंपोस्ट खाद दोनों बनाने शुरू किए। एक दिन उनकी नजर गोबर पर पड़ी और सोचा क्यों नहीं गोबर से कंपोस्ट खाद बनाया जाए। उन्होंने गड्ढे में डालकर कंपोस्ट खाद बनाया। इस प्रकार ने केवल पशुओं के लिए हरा चारा इसी खाद से तैयार करती है अपितु बचा हुआ अधिक खाद बेच देती हैं। केंचुआ पालन भी किया अेौर जैविक खाद बनाया नाम कमाया। नीतू यादव ने बताया अब नया शेड तैयार किया जा रहा है जिसमें गोबर गैस प्लांट कंपोस्ट खाद, जैविक खाद सभी सुविधाएं उपलब्ध होंगी। इस प्रकार एक ग्रामीण पृष्ठभूमि से संबंध रखते हुए गांव में रहकर बेहतरीन कार्य कर रही है।
अब तो दर्जनों व्यक्ति उनके पद चिन्हों पर चल रहे हैं। यहां तक कि पूरे परिवार को उन्होंने काम में लगा रखा है। पूरा परिवार उनकी मदद करता है किंतु महत्वपूर्ण कार्यों में मदद करने वाले उनके देवर जयपाल है जो पशुओं का रखने का अनुभव भी रखते है।
फोटो कैप्शन: नीतू यादव गुढ़ा
फोटो कैप्शन 5: राष्ट्रपति महामहिम रामनाथ कोविद एक लाख रुपये का चैक देते हुये।
अधिमास के चलते सप्तमी एवं अष्टमी पूजा एक ही दिन-प्रदीप शास्त्री
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कनीना। इस वर्ष अधिमास के चलते माता की सप्तमी एवं अष्टमी की पूजा एक ही दिन की जा रही है। ये विचार कनीना के खाटूश्याम मंदिर पुजारी पंडित प्रदीप शास्त्री ने व्यक्त किये। उन्होंने कहा कि माता दुर्गा के सातवें स्वरूप की पूजा मां कालरात्रि के रूप में की जाती सप्तमी की पूजा सुबह अन्य दिनों की तरह ही होती है लेकिन माता कालरात्रि की पूजा में विशेष विधान के साथ पूजा की जाती है जिसके लिए विशेष स्तर की शुद्धता नियम की जरूरत होती है।
माता कालरात्रि का स्वरूप देखने में अत्यंत भयानक है इनका वर्ल्ड अंधकार की भांति काला और केस भी खरे हैं मां कालरात्रि के तीन नेत्र इस ब्रह्मांड में विशाल वह गोल हैं जिनमें से जिस तरह आकाश में बिजली चमकती है उसी तरह मां की नेत्रों से किरण निकलती है। मां का यह भय उत्पन्न करने वाला स्वरूप केवल पापियों को नाश करने के लिए है। बाकी लोगों के लिए माता कोई नुकसान नहीं पहुंचाती हैं और उनका भला ही करती हैं।
सातवें दिन मां कालरात्रि की पूजा करके अपने मन क्रोध पर विजय पा सकते हैं। कालरात्रि साधक को ज्ञान देते हैं कि क्रोध का उपयोग स्वयं की सफलता के लिए कैसे करना है।
देवी का यह रूप ऋद्धि सिद्धि प्रदान करने वाला है। दुर्गा पूजा का सातवां दिन तांत्रिक क्रिया की साधना करने वाले भक्तों के लिए अति महत्वपूर्ण होता है। सप्तमी पूजा के दिन तंत्र साधना करने वाले साधक मध्य रात्रि में देवी की तांत्रिक विधि से पूजा करते हैं। इस दिन मां की आंखें खुलती हैं। दुर्गा पूजा में सप्तमी तिथि का काफी महत्व बताया गया है। इस दिन से भक्त जनों के लिए देवी मां का दरवाजा खुल जाता है और भक्तगण पूजा स्थलों पर देवी के दर्शन हेतु पूजा स्थल पर जुटने लगते हैं। मां कालरात्रि की पूजा करने के लिए श्वेत या लाल वस्त्र धारण करके और ध्यान रहे कि यह विशेष पूजा आपको रात्रि में ही करनी चाहिए मां कालरात्रि के सक्षम दीपक जलाएं और उन्हें गुड़ का भोग लगाएं 108 बार नवार्ण मंत्र पढ़ते जाएं और एक-एक लोंग चढ़ाते जाएं लव का भोग लगाकर अग्नि में छोड़ते जाएं ऐसा करने से आपके घर की बाधाएं दूर होती हैं आपके शत्रु पराजय होते हैं। विजय की प्राप्ति होती हैं।
महागौरी पूजा विधान-
मां दुर्गा का आठवां स्वरूप महागौरी के नाम से विख्यात है वृषभ के पीठ पर विराजमान है जिनके मस्तक पर चंद्र का मुकुट मणिकांता मणि के समान कांति वाली अपनी चार भुजाओं में शंख चक्र धनुष और बाण धारण किए हुए जिनके कानों में रत्न जडि़त कुंडल झिलमिलाते हैं। ऐसी भगवती महागौरी है अष्टमी के दिन ही अन्नकूट की पूजा की जाती है यानी कन्या पूजन का विधान भी है। कुछ लोग नवमी के दिन भी पूजन करते हैं कुछ लोग अष्टमी के दिन भी पूजा करते हैं लेकिन अष्टमी के दिन कन्या पूजन करने का श्रेष्ठ रहता है। इस पूजा में नौ कन्याओं को भोजन कराया जाता है अगर नौ कन्याएं ना मिले तो दो से भी काम चल जाता है। भोजन कराने के बाद कन्याओं को दक्षिणा देनी चाहिए इस प्रकार महामाया भगवती को प्रसन्न से मनोरथ पूर्ण करती हैं। अष्टमी और नवमी के बदला वाले समय में मां दुर्गा अपनी शक्तियों को प्रकट करती हैं। इसलिए इन दिन एक विशेष प्रकार की पूजा की जाती है जिसमें चामुंडा की संध्या पूजा के नाम से भी जाना जाता है। महा अष्टमी के दिन सुबह स्नान करने के बाद व्यक्ति को देवी भगवती की पूरे विधि विधान से पूजा करनी चाहिए। माता की प्रतिमा अच्छे वस्त्रों से सुसज्जित करनी चाहिए प्रतिमा को सारे पारंपरिक नियमों से पूजा करनी चाहिए जैसे उनके सिर पर जो छत्रक होता है उस पर एक चांदी या सोने की छतरी होनी चाहिए। माता को भोग लगाने के लिए हलवा, पूड़ी, बतासे छोले का भोग लगाना चाहिए।
फोटो कैप्शन 1: मंदिर खाटू श्याम कनीना में पूजा करते प्रदीप शास्त्री।
बढऩे लगी है मंदिरों में भीड़
-कंजकों को भोजन कराने का सिलसिला होगा शुरू शुक्रवार से
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कनीना। माता के शारदीय नवरात्रों में मंदिरों में भीड़ बढ़ती ही जा रही है। आसपास यूं तो करीब सभी गांवों में छोटे-छोटे मंदिर है किंतु कनीना में विशाल माता मंदिर स्थित है। यहां भारी भीड़ जुटती है। कनीना माता मंदिर में प्रसाद वितरण की तैयारियां चल रही है।
माता मंदिरों में प्रतिदिन भीड़ जुटती है तथा पूजा अर्चना के साथ मन्नत मांगी जाती है। कनीना माता मंदिर संरक्षक संजीत कुमार ने बताया यहां मंदिर में प्रतिवर्ष भारी भीड़ जुटती है किंतु इस बार नियमों अनलाक के नियमों का पालन किया जाएगा। वही माता का प्रसाद हर वर्ष दुर्गा अष्टमी को किया जाता है। इस वक्त मंदिर में प्रसाद बनाने की तैयारियां चल रही हैं। शुक्रवार को यहां प्रसाद वितरण का कार्यक्रम चलेगा। उन्होंने कहा कि माता के प्रसाद ग्रहण करने से मां का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
विदित हो कि महिलाएं और पुरुष व्रत करते हैं जिसके पीछे वैज्ञानिक कारण भी है। नया अन्न ग्रहण करने से पहले पूर्व अन्न को शरीर से निकाला जाता है। यही कारण है की शारदीय नवरात्रे और चैत्र नवरात्रे आते हैं, जब दो बार अन्न परिवर्तन होता है। ऐसे में व्रत करने वालों की संख्या इस बार भी कम नहीं है। यद्यपि इस बार कोरोना के चलते व्रत अच्छे नहीं बताए जा रहे हैं।
शुक्रवार से शुरू होगा कंजकों को भोजन कराना-
यद्यपि कंजकों को भोजन कराना दुर्गा नवमी को ही सबसे बेहतर माना जाता है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में एक नई परिपाटी शुरू हो गई है। दुर्गा सप्तमी से ही कंजकों को भोजन कराना शुरू कर दिया जाता है।
अष्टमी और नवमी को तो कंजकों की अधिक मांग होती है। हर वर्ष स्कूलों की छात्राओं को खाना खिलाते आ रहे हैं।
नियमों का किया जाएगा पालन- कनीना माता मंदिर के संरक्षक संजीत कुमार ने बताया कि अनलाक के नियमों का हर हाल में पालन किया जाएगा। ऐतिहात के नियम पालन करते हुए प्रसाद वितरित किया जाएगा। शारीरिक दूरी बनाए रखकर प्रसाद वितरित करने का काम चलेगा।
फोटो कैप्शन दो: मां मंदिर में पूजा करते भक्त फोटो कैप्शन तीन: मंदिरों में प्रसाद वितरण की तैयारियां।
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