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Wednesday, October 28, 2020

 28 दिन में 38 दिन में अर्थ 3893 किसानों का  115688 क्विंटल खरीदा बाजरा

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 कनीना। कनीना अनाज मंडी में तथा श्रीकृष्ण गौशाला केंद्र पर बाजरे की खरीद जारी है। श्रीकृष्ण गौशाला पर खरीद का बुधवार को दूसरा दिन था जबकि कनीना अनाज मंडी में बाजरे की खरीद का 28वां दिन था। अब तक 3893 किसानों का 115688 क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है। बुधवार को 395 किसानों ने 12180 क्विंटल बाजरा बेचा। दिन भर में 9010 बैग बाजरे का उठान किया गया और अब तक 215983 बैंग बाजरे का उठान किया जा चुका है।
बुधवार तक फड़ों पर 15393 बैग बाजरा पड़ा हुआ है। मानदंडों को पूरा न करने पर 4 ढेरियां रिजेक्ट कर दी गई।
 कनीना में 28 दिनों में बाजरे की खरीद इस प्रकार हुई------
  किसान      खरीदा बाजर
1 अक्टूबर    49 किसान    1437 क्विंटल
2 अक्टूबर     को कोई खरीद नहीं हुई
3 अक्टूबर     48 किसान   1549 क्विंटल
4 अक्टूबर     19 किसान     602 क्विंटल
5 अक्टूबर      21 किसान   608 क्विंटल  
6 अक्टूबर      102 किसान  3107 क्विंटल
7 अक्टूबर       55 किसान  1437 क्विंटल
8 अक्टूबर       102 किसान  2476 क्विंटल
9 अक्टूबर       114 किसान  3236 क्विंटल
10 अक्टूबर       खरीद नहीं हुई
11 अक्टूबर       खरीद नहीं हुई
12 अक्टूबर     114 किसान     3323 क्विंटल
13 अक्टूबर     132 किसान  3562 क्विंटल      
14 अक्टूबर     121 किसान   2935 क्विंटल     
15 अक्टूबर     116 किसान   3194 क्विंटल
16 अक्टूबर      115 किसान 2939 क्विंटल
17 अक्टूबर       8 किसान    253 क्विंटल
18 अक्टूबर      कोई खरीद नहीं हुई
19 अक्टूबर      194 किसान  5600 क्विंटल
20 अक्टूबर       197 किसान 6456 क्विंटल
21 अक्टूबर       190 किसान  5918 क्विंटल
22 अक्टूबर      301 किसान   9600 क्विंटल
23 अक्टूबर     382 किसान    10806 क्विंटल
24 अक्टूबर      425 किसान    19297 क्विंटल
25 अक्टूबर   कोई खरीद नहीं हुई
26 अक्टूबर   370 किसान       12887 क्विंटल
27 अक्टूबर   309 किसान       8250 क्विंटल
28 अक्टूबर   395 किसान     12180 क्विंटल
बाजरे की खरीद की गई
अब तक 3893 किसानों से 115688 क्विंटल बाजरा खरीदा जा चुका है।
अनाज मंडी में प्रतिदिन अधिकारी दौरा कर रहे हैं और खरीद का जायजा ले रहे हैं। अब प्रतिदिन दोनों खरीद केंद्र पर कई 400 किसान बाजरा बेच रहे हैं। अनाज मंडी में यद्यपि भीड़ रहती है किंतु श्रीकृष्ण गौशाला पर भीड़ का बोलबाला नहीं है। 

फोटो कैप्शन 13: बाजरे की खरीद करते हुए हैफेड अधिकारी।


कनीना क्षेत्र में मिले 16 संक्रमित

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कनीना। कनीना क्षकेत्र में बुधवार को 16 जने कोरोना संक्रमित मिले हैं। कनीना के वार्ड नंबर 9 से सात व्यक्ति संक्रमित मिले हैं। स्वास्थ्य कर्मी सुनील ने जानकारी देते हुए बताया कि कनीना के वार्ड नंबर 9 में पहले से एक व्यक्ति संक्रमित आया हुआ था जब उनके परिवार का सैंपल लिया गया तो उनके परिवार से सात व्यक्ति संक्रमित मिले। गुढ़ा गांव में तीन संक्रमित मिले हैं जिसमें मटके बेचने वाली एक महिला संक्रमित मिली है। महिला को पहले थायराइड की समस्या थी वह उप नागरिक अस्पताल में दवाई लेने के लिए गई थी। महिला ने उप नागरिक अस्पताल में सैंपल जमा करवा। जिसकी रिपोर्ट बुधवार को पाजिटिव आ गई।  वही गुढा गांव में दूसरी तरफ परिवार का एक बुजुर्ग डायबिटीज की दवाई लेने के लिए एक निजी अस्पताल में गया था उसके बाद उसने अपना सैंपल जमा करवाया जिससे उसके रिपोर्ट पाजिटिव आ गई व उसके परिवार के दो लोगों की रिपोर्ट पाजिटिव आई ।
सुंदरह गांव के चार व्यक्ति संक्रमित मिले हैं। पिछले कुछ दिनों पूर्व दादा पोता संक्रमित मिले थे। अब उन्हें के परिवार से एक व्यक्ति और संक्रमित मिला है। ढाणा गांव के दो व्यक्ति संक्रमित मिले हैं। इसमें एक व्यक्ति को सांस लेने में तकलीफ हो रही थी उसको जुकाम था इसने अपना सैंपल शुक्रवार को जमा करवाया था जिसकी रिपोर्ट बुधवार को पॉजिटिव आ गई । हेल्थ इंस्पेक्टर शीशराम रसूलपुर ने बताया कि जिन के परिवार में एक से अधिक संक्रमित मिले हैं उस पूरे गली मोहल्ले के लोगों के सैंपल लिए जाएंगे साथ ही संक्रमित ओं के संपर्क में आए व्यक्तियों के लिस्ट तैयार की जा रही है जल्दी ही उन सभी के सैंपल लिए जाएंगे। एसएमओ डॉ धर्मेंद्र यादव ने कहा कि 2 गज की दूरी और मास्क है जरूरी इस नियम को सभी लोगों को अपनाएं । त्योहारों का सीजन चल रहा है इस दौरान गलती ना करें मास्क का प्रयोग करें सैनिटाइज का इस्तेमाल करें। बाहर से घर आते ही सबसे पहले साबुन से अपने हाथ को अच्छी तरह धोएं उसके बाद ही घर में प्रवेश करें ।

कनीना के एसडीएम ने किया दोनों खरीद केंद्रों का दौरा
- तीन ढेरियां रिजेक्ट की,किसानों आढ़तियों और अधिकारियों को दिए आवश्यक दिशा निर्देश 

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कनीना। एसडीएम कनीना रणवीर सिंह ने कनीना में बाजरा खरीद केंद्र के चल रहे दोनों खरीद केंद्रों पर जाकर न केवल बाजरे का निरीक्षण किया अपितु तीन ढेरियों को रिजेक्ट करते हुए किसानों, आढ़तियों की समस्या जानी और अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिए।
 एसडीएम ने किसानों से समस्याएं जानी तो किसानों ने बताया कि उनका बाजरा अब सही तरीके से बिक रहा है। उधर आढ़तियों ने अपनी शिकायत में बताया कि उनकी रबी फसल की आढ़त अब तक नहीं आई है वो जल्द दिलवाई जाए। उधर अधिकारियों, आढ़तियों को उन्होंने आवश्यक दिशा निर्देश देते हुए कहा कि किसानों को किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं आनी चाहिए। उनके लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध करवानी चाहिए।
उल्लेखनीय कि कनीना मंडी में पहले से ही खरीद केंद्र बना हुआ था तत्पश्चात श्रीकृष्ण गौशाला के पास खरीद केंद्र बनाए जाने से किसान खुश है यहां करोड़ों रुपए की लागत से निर्मित कान्ह सिंह पार्क अब किसानों के काम आ रहा है। वैसे भी यहां जंगल है जहां पीपल, जाल, कैर आदि भारी मात्रा में खड़े हुए हैं। यहीं पर करोड़ों रुपए की लागत से पूर्व एसडीएम संदीप सिंह ने पार्क बनाया था जो प्रयोग में कम लाया जा रहा है। जितना लाभ उठाना चाहिए था उतना लोग नहीं उठा पा रहे।
क्या कहते हैफेड मैनेजर -
हैफेड मैनेजर सतेंद्र सिंह ने बताया कि पांच लाख बैग खरीद के लिए आये थे जिनमें से सवा दो लाख बैग खर्च हो चुके हैं। बारदाने की कोई कमी नहीं है।
उन्होंने बताया कि बाजरा हैफेड केंद्र उन्हाणी ले जाया जा रहा था तत्पश्चात रोहतक और अब पानीपत में बाजरे का उठान किया जाएगा।
 फोटो कैप्शन 8 और 9: एसडीएम बाजरे का निरीक्षण करते हुए।

चटनी व छाछ पर आ गये लोग
-मेहमानों को भी प्याज, टमाटर,आलू की सब्जी खिलाते हैं

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कनीना। बाजार में प्याज, आलू एवं टमाटर के भाव आसमान छू रहे हैं। लोग चटनी व छाछ प्रयोग कर गुजर बसर कर रहे हैं। प्याज 90 रुपये किलो तो पहाड़ी आलू 80 रुपये किलो, देशी आलू 40 रुपये किलो तो टमाटर 50 रुपये किलो पहुंच चुका है। दीपावली पर प्याज महंगी होने की संभाना है।
  अब तो किसान प्याज के स्टाक को खाली कर रहे हैं। चूंकि प्याज स्टाक में खराब होने लग गई है। प्याज के अंकुरित होने पर नई प्याज नवंबर में आने की संभावना है। वैसे किसान सूबे सिंह,राजेंद्र सिंह, अजीत कुमार ने बताया कि प्याज को लंबे समय तक स्टोर करना कठिन होता है। अक्सर ग्रामीण क्षेत्रों में देसी प्याज उगाई जाती है जो कुछ दिनों के बाद सडऩे लग जाती है। विशेषकर जब बारिश में मौसम होता है तो उस समय यह सड़कर बदबू देने लग जाती है किंतु सीकर कि प्याज लंबे समय तक चल सकती है। किसान बताते हैं कि इस वक्त प्याज जब खोदी जाती है तो काफी सस्ती होती है। खुदाई के समय प्याज आठ रुपये किलो थी।
 कहने को तो मामूली सी चीज प्याज है किंतु इसने 1998 में दिल्ली सरकार को भी समस्या बना दी थी। ऐसे में प्याज अभी से ही लोगों के आंखों में आंसू ला रही है और आने वाले समय में तो और भी आंसू ला सकती हैं। उधर प्रगतिशील किसान महावीर सिंह करीरा ने बताया कि प्याज का स्टाक लंबे समय तक नहीं चल सकता। अधिकतम दो ढाई महीने तक प्याज को रखा जा सकता है।
 गायब हो गई है खाने से प्याज-
 अब ग्रामीण क्षेत्रों के लोग तो प्याज डालकर सब्जी बहुत कम बना रहे हैं बल्कि चटनी और छाछ जो पुराने समय से प्रयोग करता आया है उसे प्रयोग करने लगा है।  जब कभी कोई मेहमान आता है उस समय आलू, प्याज एवं टमाटर की सब्जी बनाई जाती है। इस बार आलू भी बहुत महंगे चल रहे हैं वहीं टमाटर जो एक सौ रुपये किलो भाव था वह 50 रुपये किलो तक पहुंच चुका है। किंतु गरीब आदमी की पहुंच से दूर है। किसान राजेंद्र सिंह सूबे सिंह, अजीत कुमार आदि ने बताया कि घरेलू सब्जियां ज्यादा से ज्यादा प्रयोग की जाए तो ज्यादा बेहतर है। ऐसे में कढ़ी,खाटा का साग, दाल आदि प्रयोग करते हैं ताकि वह अपने खेत में खड़ा हुआ पालक, मेथी आदि से ही इस प्रकार की सब्जियां तैयार कर सकें।
क्या कहते हैं बागवानी अधिकारी-
 जिला बागवानी अधिकारी डा मनदीप यादव का कहना है कि बारिश के कारण जहां अधिक प्याज उगाने वाले क्षेत्र नासिक की प्याज खराब हो गई थी वहीं दक्षिण हरियाणा की प्याज भी खराब हो गई थी, इसलिए प्याज महंगी है। यही नहीं इस समय न खरीफ का सीजन है और न रबी का सीजन है अपितु खरीफ पैदावारप्याज जब बाजार आएगी तो प्याज फिर सस्ती हो जाएगी। उन्होंने बताया कि इस बार आलू का बीज 30 रुपये किलो बिक रहा है जो दस रुपये किलो बिकता था। प्याज का बीज जो 500 रुपये किलो बिकता था वह अब 2000 रुपये किलो बिक रहा है। यूं प्याज महंगी है।
फोटो कैप्शन 6 व 7: प्याज की फोटो।

नहरी पानी का हो रहा है व्यवसायिक प्रयोग

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कनीना। प्रदेश में बनने वाले 152-डी ग्रीन कारिडोर के निर्माण में नहरी पानी का व्यवसायिक प्रयोग किया जा रहा है। पानी चोरी करने का इन्होंने एक नया तरीका निकाला हुआ है। पहले जहां ये नहर पर इंजन रखकर टैंकर भरते थे वहीं अब इन लोगों ने टैंकर के पीछे ही इंजन सेट कर रखा है। एक तरफ जहां सिंचाई विभाग  पानी की चोरी रोकने को लेकर उच्च अधिकारियों सहित जेई व बेलदार के साथ घूमते है वहीं सिंचाई विभाग के अधिकारी नहरों पर लगातार गश्त करते हैं। वही दौंगड़ा अहीर, भालखी, अटाली गांव में से गुजरने वाले ग्रीन कारिडोर बनने के निर्माण में लगी कंपनी सरेआम टैंकरों पर इंजन लगाकर टैंकर भरे जा रहे हैं।
  अब इन लोगों ने पानी चोरी करने का एक नया ही तरीका इजाद किया हुआ है।अब टैंकरों पर ही इंजन लगा रखा है तथा जहां मन में आता है वही पर टैंकर को नहर के किनारे खड़ा करके टैंकरों को भर लेते हैं।
लोगों का यह भी कहना है कि अगर कोई किसान कभी खेतों में नहरी पानी से सिंचाई कर लेता है तो उसके मोटर या फिर इंजन आदि सिंचाई विभाग के कर्मचारी उठा ले जाते है। किसानों ने कहा कि सिंचाई विभाग के अधिकारी पानी के टेल तक नहीं पहुंच पाने की वजह किसानों को मानते हैं तथा अंतिम छोर पर पडऩे वाले गांवों के जलघर भी सूखे रह जाते हैं। वही ग्रीन कारिडोर बनाने वाली कंपनी दिन रात नहर से टैंकर में पानी भरकर बनने वाले रोड़ पर पड़े रेत पर सैकड़ों टैंकर रोज डाले जा रहे हैं। ऐसे में किसानों का कहना है की
एक्शन सिंचाई विभाग कृष्ण कुमार का कहना है कि हमारे संज्ञान में ऐसा मामला नहीं है और ना ही हमसे किसी ने अनुमति ली हुई है। अगर कहीं से कोई पानी लेता है तो वह गलत है। हमारे संज्ञान में अब मामला आया है उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करेंगे।
उधर बीएस चौहान,जीएम गावड कंपनी का कहना है कि रेत का काम सब-कांट्रक्टर को दिया हुआ है। उनको पानी लेने से मना किया हुआ है।  मैं सब-कांट्रक्टर से पता करता हूं।


तेल महंगा होने से लोग दीये नहीं जलाते हैं मोमबत्तियां

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कनीना।दीपावली पर खुशियों को व्यक्त करने के लिए परम्परागत रूप से जलाए जाने वाले दीयों का स्थान मोमबत्तियों ने ले लिया है। एक जाति विशेष कुम्हार जाति, के लोगों द्वारा दीये बनाकर अपनी रोटी रोजी कमाने वालों का तो मानो धंधा ही चौपट हो गया है। ।
     दीपावली के आगमन से करीब एक माह पूर्व ही कुम्हार जाति के लोग मिट्टïी लाकर दीपक बनाते हैं तत्पश्चात उन्हें पकाकर घर-घरकरते हैं। एक जमाना था जब दीपावली के शुभ दिन पर घी के दीये जलाते थे किंतु अब दीयों के प्रति रुझान भी बदल गया है। श्रीराम के 14 वर्षों का वनवास पूरा करके, रावण पर विजय पाकर जब सीता सहित राम, लक्ष्मण व हनुमान अयोध्या लौटे थे तो लोगों ने खुशी के मारे घरों में घी के दीये जलाए थे और तत्पश्चात प्रति वर्ष उसी याद को दिलों में संजोकर प्रतिवर्ष घी के दीये जलाते आ रहे हैं। परंतु अब तो लोग तेल के दीये भी नहीं जलाते अपितु मोमबत्ती जलाकर ही खुशी व्यक्त करते हैं। कुम्हार जाति के लोगों ने बताया कि एक वक्त था जब दीपावली के दिन इतने दीये बिकते थे कि उनके परिवार का गुजर बसर आसानी से हो जाता था किंतु अब तो रोटी रोजी के भी लाले पड़ गए हैं।  अब तो दीये बनाकर पकाने का काम भी धीमा पड़ गया है। कुम्हारों ने तो अपना यह धंधा ही बदल लिया है या फिर दीये खरीदकर लाते हैं और उन्हें घरों में बेचते हैं।
   गृहणियों आशा, शकुंतला, नीलम ने बताया कि दीयों को देशी घी से जला पाना कठिन हो गया है क्योंकि देशी घी का भाव भी 800 रुपये किलो तक पहुंच गया है वहीं रुई की बाती बनानी पड़ती हैं और दीपकों को पानी में भीगोकर रखना पड़ता है ताकि वे घी कम चूसे। बाद में तेल के दीये जलाने की प्रथा चली क्योंकि तेल का भाव भी 150 रुपये किलो से कम नहीं होता है ऐसे में तेल के दीये जलाना भी आसान काम नहीं है।  अब तो दीपावली के दिन मोमबत्तियां ही जलाई जा रही है।
   फोटो कैप्शन 5:  दीयों का एक दृश्य।


दीपावली को लेकर व्यस्तता बढ़ी 

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कनीना। दीपावली के पर्व को लेकर व्यस्तता बढ़ी है। 14 नवंबर को दीपावली पर्व मनाया जा रहा है। जहां बाजार में भीड़ बढऩे लगी है वहीं मिठाई बनाने की तैयारी में लग गए  हैं। पर्व पर सबसे अधिक मिठाई बिकती हैं। उधर पेंट, रंग आदि की दुकानों पर भी भीड़ बढ़ी है।
  ज्यों ज्यों दीपावली पास आ रही है त्यों त्यों व्यस्तता बढऩे लगी है। बाजार में तरह तरह की मिठाइयां बनाई जा रही हैं वहीं रंग पेंट की दुकानों पर भारी भीड़ देखने को मिल रही है। किसान खरीफ फसल से निपटने व भावी रबी फसल पैदावार लेने में लग गए हैं। दुकानदार विभिन्न सामान लाकर अपनी दुकानों को सजाने में लगे हुए हैं। दीपावली के पावन पर्व पर सबसे अधिक बिक्री होती है। बाजार में घिसे पीटे माल की सेल लग रही हैं वहीं विभिन्न प्रकार के सामान बाजार में आ गए हैं जिनकी दीपावली को जरूरत होती है।
 किसान खरीफ फसल से निपटने व भावी रबी फसल पैदावार लेने में लग गए हैं। दुकानदार विभिन्न सामान लाकर अपनी दुकानों को सजाने में लगे हुए हैं। रंग पेंट करने वाले मोनू एसं सोनू ने बताया कि उनकी मांग बढ़ती ही जा रही है।
  कबाड़ी खुश
 दीपावली नजदीक आने से घरों की सफाई करने से कबाड़ी खुश हैं। घरों से भारी मात्रा में कबाड़ का सामान निकाला जा रहा है।
  उल्लेखनीय है कि दीपावली के पर्व पर सफाई करने से प्रत्येक घर से कबाड़ी का सामान निकलता है जिसे कबाड़ के भाव बेच दिया जाता है। कबाड़ी इस सामान को सस्ते में खरीद लेते हैं और दीपावली पर अच्छी दिहाड़ी बना लेते हैं। कबाड़ी दीपावली पर इतना सामान खरीदते हैं जिससे कई माह का गुजारा संभव हो पाता है। एक ओर जहां कबाड़ी सफाई में अहं भूमिका निभा रहे हैं वहीं वे अपने परिवार का पालन पोषण आसानी से करने की क्षमता रखते हैं। घर की सफाई करने वाले चंद लोगों से बातचीत से पता चला कि लगभग प्रत्येक घर से कबाड़ निकाला जाता है।
फोटो कैप्शन 1. रंगाई पुताई करते लोग।


एक घंटे तक किया विरोध प्रदर्शन
कनीना। कनीना के 132 केवी सब-स्टेशन पर एचएसइबी वर्कर्स यूनियन ने जींद सर्कल के निलंबित पांच साथियों के समर्थन में निगम मैनेजमेंट के विरोध में एक घंटे का धरना प्रदर्शन किया जिसकी अध्यक्षता सब यूनियन प्रधान रमेश चंद ने की। इस मौके पर विभिन्न कर्मचारी एवं अधिकारी मौजूद थे।
इस मौके पर गुडग़ांव सर्कल सचिव राम रतन शर्मा ने बताया कि विगत दिनों जींद सर्कल में उनके पांच कर्मियों को निगम मैनेजमेंट ने निलंबित कर दिया था जिसके लेकर रोष पनप रहा है। उन्होंने उन कर्मियों के समर्थन में एक घंटे तक  132 केवी सब यूनिट के द्वार पर धरना प्रदर्शन किया और सरकार विरोधी नारे भी लगाए। इस मौके पर सत्यवान, हवा सिंह सब यूनिट सचिव, पवन कुमार जेई, विकास जांगड़ा पूर्व प्रधान, छोटेलाल जेई, जितेंद्र यूडीसी, बलवीर खटाना राजेश लाइनमैन, सुनील लाइनमैन,रिछपाल सिंह रामकिशन जेई, नवीन लखेरा, कुलदीप, अजीत लाइनमैन आदि मौजूद थे।
फोटो कैप्शन दो: धरना प्रदर्शन करते कनीना सब यूनिट के कर्मी।



नगरपालिका कांप्लेक्स में सुविधाएं प्रदान करने की मांग

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 कनीना। कनीना बस स्टैंड के पीछे नगर पालिका द्वारा बनाए गए कांप्लेक्स में कुछ सुविधाएं उपलब्ध करवाने की मांग उठने लगी है। यद्यपि यहां एक पार्क बनाया जाना था लेकिन यहां बरसात का पानी जमा होने से दुकानदारों की मांग पर फर्श पक्का कर दिया गया है। कांप्लेक्स  पक्का बना दिया ऐसे में पार्क बनाना कठिन लग रहा है किंतु भारी मात्रा में वाहन खड़े करने से समस्या बढ़ती ही जा रही है। हर समय कांप्लेक्स में वाहन खड़े मिलते हैं, वाहनों के चलते दुकानों तक पहुंचना कठिन हो जाता है। यद्यपि पालिका ने यहां पर उच्च मस्तूल लाइट लगा दी है। शौचालय, स्थापित करने की मांग भी उठने लगी है।
डा अजीत शर्मा,अशोक साहब, मनोज कुमार ने मांग की है कि यहां पर अधिक सुविधाएं जुटाई जाए ताकि दुकानों की शोभा ही नहीं अपितु मार्केट बढ़ पाए। उधर नगर पालिका प्रधान सतीश जेलदार ने कहा कि अभी दुकानदारों की तरफ तीन करोड़ के करीब राशि बकाया है। नगरपालिका में बजट की कमी है ऐसे में विकास कार्य प्रभवित हो रहे हैं।  ज्यों हि बजट आता है त्यों ही शौचालय स्थापित करवाकर आकर्षण का केंद्र बनाया जाएगा ताकि ग्राहक अधिक से अधिक यहां आ सके।
 कैप्शन 03: कांप्लेक्स में वाहनों की भरमार।


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