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Saturday, April 10, 2021

 
नगर पालिका द्वारा डाले गए कूड़े में लगी पांचवीं बार आग
-गुरुवार को दो बार बुलाई गई थी फायर ब्रिगेड
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 संवाद सहयोगी, कनीना। कनीना की मानका वाली बणी में शनिवार को पांचवीं बार नगर पालिका द्वारा डाले गए कूड़े कचरे में आग लग गई।  करीब डेढ़ घंटों में कूड़े कचरे में लगी आग पर काबू पाया। बुधवार तत्पश्चात गुरुवार को भी फायर ब्रिगेड को बुलाया था।
 फायर अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि ओमप्रकाश चालक, महाबीर फायरमैन मौके पर पहुंचे जिन्होंने कड़ी मशक्कत करने के बाद  आग पर काबू पाया।
क्या कहते हैं पालिका प्रधान सतीश जेलदार- पालिका प्रधान ने बताया कि नगरपालिका कूड़ा कचरा इकट्ठा करके पहले पीपल वाली बणी में गड्ढों को भरती थी किंतु वहां पर कुछ लोगों ने कोर्ट केस चला दिया। अब मानका वाली बणी में यह कूड़ा कचरा डाला जाता है। यहां अज्ञात कारणों से बार बार आग लग रही है जिससे पेड़ पौधों को जलने का खतरा बन जाता है। ऐसे में बार-बार फायर ब्रिगेड को बुलालाकर आग पर काबू पाया जाता है। अब तक चार बार गाड़ी को बुलाया जा चुका है।
 फोटो कैप्शन 15: मानका वाली बणी में आग पर काबू पाने का नजारा।



नांगल मोहनपुर बस स्टैंड से डीजे की दुकान से लाखों रुपये का सामान चोरी
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 कनीना। कनीना उपमंडल के गांव नांगल मोहनपुर में डीजे की दुकान से अज्ञात चोर लाखों रुपए का सामान चोरी कर ले गए। सचिन रसूलपुर ने कनीना पुलिस में मामला दर्ज करवाया है। कनीना पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। सचिन कुमार ने पुलिस में कहा है कि उन्होंने अपनी डीजे साउंड की दुकान नांगल मोहनपुर बस स्टैंड पर धर्मपाल नांगल की दुकानों में खोल रखी है। 9 अप्रैल को सुबह अपनी दुकान पर डीजे बुकिंग से लौटकर सामान उतारा था और ताला लगा कर घर चला गया। शनिवार को दोपहर पश्चात पड़ोसी दुकानदार ने बताया कि दुकान पर ताला नहीं है। जब जाकर उन्होंने
देखा तो दुकान का ताला तोड़कर अज्ञात चोर सामान चोरी कर ले गया।
उन्होंने बताया कि मशीन, मिक्सचर, विभिन्न प्रकार की लाइट, जनरेटर, लैपटॉप, स्पीकर, केबल आदि भारी मात्रा में सामान ले गया। कनीना पुलिस जांच में जुटी है।
फोटो कैप्शन 13 :मोहनपुर गांव से दुकान में जहां चोरी हुई।



शीशराम एचआई के बेटे की क्रेटा चोरी
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 कनीना। कनीना के उप-नागरिक अस्पताल में कार्यरत शीशराम एचआई के बेटे राहुल की क्रेटा नामक गाड़ी गुडगांव से चोरी हो गई। शीशराम ने बताया कि उनका बेटा डाक्टर है तथा गुडग़ांव के सिविल अस्पताल के पास अपनी गाड़ी खड़ी हुई थी जिसको अज्ञात चोर चोरी कर ले गए।



दसवें दिन 290 किसानों ने बेचा 9600 क्विंटल गेहूं
-रविवार को खरीद नहीं होगी
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 कनीना। हैफेड कनीना की ओर से एक अप्रैल से गेहूं एवं सरसों की खरीद जारी है। दस दिनों में 918 किसानों से 36014 क्विंटल गेहूं खरीदा है। दसवें दिन 290 किसानों ने  9600 क्विंटल गेहूं बेचा। रविवार को कोई खरीद नहीं होगी।
 हैफेड मैनेजर सतेंद्र यादव ने बताया कि कनीना में गेहूं और सरसों की खरीद हैफेड द्वारा की जा रही है। जहां गेहूं 1975 रुपये तो सरसों 4650 रुपये प्रति क्विंटल खरीदा जा रहा है। रजिस्टर्ड किसान कभी भी गेहूं बेचने के लिए अनाज मंडी में आ सकते हैं।
कनीना गेहूं एवं सरसों खरीद का ब्यौरा----
तिथि  खरीदा गेहूं क्विंटल में  किसानों की संख्या
01 अप्रैल 2021   27              01
02 अप्रैल 21     149             05
03 अप्रैल 21      81             02
04 इअप्रैल 21    खरीद नहीं हुई
05 अप्रैल 21     800            30
06 अप्रैल 21     2857           55
07 अप्रैल 21    5500           130
08 अप्रैल 21     9000          225
09 अप्रैल 21    8000           218
10 अप्रैल 2021 9600         290
गेहूं की खरीद में तेजी आ गई। प्रारंभ में गेहूं की खरीद धीमी गति से चल रही थी जिसमें तेजी आ गई है।
फोटो कैप्शन 14: कनीना मंडी में गेहूं की खरीद का नजारा।





करीब दो एकड़ फसल का भूसा जलकर राख
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 कनीना। कनीना-छितरोली मार्ग पर अभय सिंह नामक व्यक्ति का करीब दो एकड़ का गेहूं का भूसा जलकर राख हो गया ।फायर ब्रिगेड ने एक घंटे तक कड़ी मशक्कत करने के बाद आग पर काबू पाया।
 राकेश कुमार फायर अधिकारी ने बताया कि संदीप ड्राइवर, कुलदीप और राकेश फायरमैन घटनास्थल पर आरआरसीएम के पास लगी आग को बुझाने पहुंचे। आग पर काबू पाकर आस पास की फसलों को बचा लिया गया।
मिली जानकारी अनुसार कंबाइन हार्वेस्टर मशीन से किसान पैदावार ले चुका था, केवल भूसा खेत में पड़ा हुआ था। जिसमें अचानक आग लग गई और वह जलकर राख हो गया। आस पास की फसलों को बचा दिया गया।आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया।
फोटो कैप्शन 12: गेहूं के खेत में लगी आग।


कनीना के राजकीय माडल स्कूल में प्रवेश प्रक्रिया जारी
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 कनीना। कनीना के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल जिसे माडल संस्कृति स्कूल नाम से जाना जाता है, में प्रवेश प्रक्रिया जारी है। प्राचार्य सत्यपाल ने बताया की इस सरकारी स्कूल में जहां अंग्रेजी और हिंदी दोनों माध्यम से शिक्षा दी जा सकती है। वही विद्यालय में अनुभवी शिक्षक कार्यरत हैं।
सीबीएसई से मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय में लड़के और लड़कियों दोनों को शिक्षा दी जाएगी। उन्होंने बताया की अंग्रेजी माध्यम में दाखिला दिलाने वाले अभिभावक विश्वविद्यालय से संपर्क कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इस विद्यालय में जहां वर्षों से एनसीसी तथा एनएसएस की सुविधा के साथ-साथ एनएसक्यूएफ विषय की शिक्षा भी दी जाती है। विद्यालय में कंप्यूटर लैब, विज्ञान प्रयोगशाला और लाइब्रेरी की सुविधा भी है। विद्यार्थी के लिए विषय के अनुभवी शिक्षक कार्यरत है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय का नाम सुंदर प्रांगण में दूर दराज तक विख्यात है। ऐसे में उन्होंने तुरंत प्रभाव से आवेदन कर और प्रवेश पाने की अपील की है।
 फोटो कैप्शन 11: कनीना का माडल संस्कृति स्कूल।



 
सीताराम विधायक ने किया खेड़ी तलवाना के मुख्य द्वार का उद्घाटन
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कनीना। अटेली के विधायक सीताराम यादव ने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी तलवाना के मुख्य द्वार का उद्घाटन किया तथा उपस्थित ग्रामीणों की समस्याओं को भी सुना तथा विद्यालय की समस्याओं के बारे में तुरंत समाधान करने का आश्वासन दिया। विधायक ने प्राचार्य कार्यालय में बैठकर न केवल विद्यालय संबंधित समस्याओं का निराकरण किया बल्कि गांव खेड़ी तलवाना सेहलंग, खरकड़ा बास गांवों की समस्याओं का भी मौके पर ही अधिकारियों से मोबाइल पर बात कर समाधान करने के आदेश दिए।
 विद्यालय के प्राचार्य जयप्रकाश यादव ने विधायक का पगड़ी भेंट कर स्वागत किया तथा गांव की तरफ से पगड़ी बलजीत सिंह सूबे सिंह सरपंच ने पहनाई। विधायक ने विद्यालय में समग्र शिक्षा अभियान के तहत हो रहे विकास कार्यों की गुणवत्ता के बारे में बातचीत की तथा शिक्षा अधिकारियों को आदेश दिए कि वे तत्परता से स्कूलों की समस्याओं का समाधान करें। इस अवसर पर पूर्व सरपंच रामनिवास चौधरी,
 सरपंच रामनिवास बंसल, प्रवक्ता संजय कुमार, प्रवीण शास्त्री सुमेर सिंह वीर सिंह रिटायर्ड थानेदार  मनोज कुमार सेहलंग, एसएमसी के प्रधान राजकुमार सहित भाजपा के मंडल प्रधान सवाई सिंह, भाजपा के अटेली क्षेत्र के अनेक कार्यकर्ता उपस्थित थे। उल्लेखनीय है कि यह गेट तलवाना के सरपंच रामनिवास बंसल ने बनवा कर विद्यालय को प्रदान किया है।

पिकअप एवं मोटरसाइकिल के बीच टक्कार में एक घायल,मामला दर्ज
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 कनीना। धनराज लुला अहीर गांव के व्यक्ति ने कनीना पुलिस में एक पिकअप के विरुद्ध उनके लड़के की बाइक को टक्कर मारने की का मामला दर्ज करवाया है। कनीना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। धनराज ने पुलिस में बताया कि उनका लड़का अजय कनीना पेपर देने आया था। पेपर देकर शाम के वक्त अपने घर के लिए रवाना हुआ।
कोसली रोड पर चल रहा था तो एक पिकअप ने बिना इंडिकेटर दिए अचानक ड्राइवर साइड में पिकअप को मोड़ लिया, जिससे उनके लड़के की मोटरसाइकिल पिकअप से जा टकराई। इसमें वह घायल हो गया, उन्हें कनीना अस्पताल लाया गया जहां से उन्हें रेवाड़ी रेफर कर दिया गया। कनीना पुलिस ने पिक अप के चालक के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है।


 
खाद के दाम बढ़ाने का किया विरोध
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कनीना। अधिवक्ता सुनील राव ने कहा कि सरकार ने डीएपी खाद के 50 किलो के बैग पर एकदम से 700 रुपये बढ़ा दिए। इतने रुपये तो डीएपी खाद के विगत दो दशकों में भी नहीं बढे थे। डीएपी खाद का एक बोरा 1200 रुपये का मिलता था अब 1900 रुपये का मिलेगा जो किसानों की जेब पर डाका है। सरकार उद्योगपतियों को फायदा पहुंचाने के लिए किसानों को कर्ज के नीचे दबाना चाहती है। उर्वरक के रेट में वृद्धि से किसानों की फसल की लागत बढ़ेगी, पहले किसान बढ़ते डीजल और और खेती की लागत के बढ़ते दामों से परेशान हैं। इससे पहले भी सरकार ने यूरिया खाद के रेट बढ़ाए थे और विरोध होने के कारण 50 किलो की जगह 47 किलो का बैग कर दिया था।
सुनील राव ने कहा कि सरकार तीनों काले कृषि कानूनों को वापस नहीं ले रही और अब खाद के रेटों में बढ़ोतरी करके किसान विरोधी होने का प्रमाण दे रही है। उन्होंने माननीय प्रधानमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री को ज्ञापन भेजकर बड़े हुए खाद के रेट को तुरंत वापस लेने का आग्रह किया।


खाद के दाम बढ़ाने पर बसपा रोष प्रदर्शन 16 को
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कनीना। केन्द्र सरकार द्वारा रासायनिक खाद की कीमतों में की गई वृद्धि तथा अनेक किसान मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ आगामी 16 अप्रैल को बसपा के कार्यकर्ता उपमंडल अधिकारी नागरिक कनीना के कार्यालय के समक्ष रोश प्रदर्शन करेंगे।
                बसपा नेता समाजसेवी ठाकुर अतरलाल एडवोकेट ने उक्त जानकारी देते हुए कहा कि केन्द्र सरकार ने डीएपी तथा एनपीके रासायनिक खाद की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि करके किसानों पर भारी आर्थिक बोझ लाद दिया है। डी.ए.पी. खाद का कट्टा जो 1200 रुपये में मिलता था अब 1900 रुपये में कर दिया है। उन्होंने हरियाणा सरकार द्वारा गेहूँ का नमी मानक 14 प्रतिशत से घटाकर 12 प्रतिशत करने के आदेश को किसान विरोधी बताते हुए केन्द्र व राज्य सरकार से इन किसान विरोधी नीतियों को तत्काल वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि खाद के दामों में वृद्धि तथा अनेक किसान श्रमिक दुकानदार आढ़ती तथा कर्मचारी विरोधी नीतियों को लेकर हर वर्ग के लोगों में भारी रोष व्याप्त है। जन विरोधी नीतियों के खिलाफ आगामी 16 अप्रैल को बसपा कार्यकत्र्ता उपमंडल अधिकारी नागरिक कनीना के कार्यालय के समक्ष रोश प्रदर्शन कर राज्यपाल व राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देंगे।


सक्सेस जोन क्लासेज का टेस्ट 11 को
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कनीना। आरआरसीएम पब्लिक स्कूल, कनीना के  परिसर में स्थित सक्सेस जोन कोचिंग क्लासेज में प्रवेश हेतु 11 अप्रैल 2021 रविवार को  संस्था के चेयरमैन रोशन लाल यादव ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्र में अनेक प्रतिभाएं होती है जो अनेक कारणों से कोटा,सीकर व दिल्ली में जाकर कोचिंग प्राप्त नहीं कर सकते हैं। इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए हमने अपने संसथान में सक्सेस जोन कोचिंग क्लासेज की स्थापना की है जिससे विद्यार्थियों को बाहर नही जाना पड़ेगा तथा  उनके घर के पास ही  उन्हें स्कूल के साथ-साथ उत्तम गुणवत्ता की कोचिंग की सुविधा उपलब्ध हो सकेगी।



सोमवती अमावस्या के दिन का विशेष महत्व
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कनीना। कनीना के ज्योतिषाचार्य सुरेंद्र शर्मा ने कहा कि सोमवार को सोमवती अमावस्या प्रात: 8:02 तक रहेगी। यह दिन विशेष महत्व रखता है। वर्ष में एक या दो बार ही सोमवती अमावस्या पड़ती है, इसने दान करने का विशेष महत्व होता है।
  उन्होंने कहा कि इस दिन पीपल वृक्ष की पूजा की जाती है। कई कहानियां सोमवती अमावस्या से जुड़ी हुई है जिनको ग्रामीण क्षेत्रों में सुनाया जाता है। श्री शर्मा ने कहा कि पीपल में सभी देव निवास करते हैं अधिक मात्रा में आक्सीजन देता है इसलिए पीपल की पूजा की जाती है। उन्होंने कहा कि इस दिन का इंतजार महाभारत के पांडवों ने
लंबे समय तक किया था।



 वैक्सीन के प्रति बढ़ा रुझान
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 कनीना। वैक्सीन उपलब्ध के बाद बुजुर्गों तथा युवा वर्ग जमकर वैक्सीन लेने के लिए लालायित है। ज्यों ही कोरोना बढऩे की बात चलती है तो लोग वैक्सीन लेने को लालायित हो रहे हैं।
 भोजावास में 181 लोगों ने वैक्सीन ली। एचआई राजकुमार ने बताया की वैक्सीन लेने के लिए बुजुर्ग तथा अन्य जन आकर्षित देखे गए। उधर शीशराम एचआई ने बताया कि कनीना में 84, कोटिया 24, गुढ़ा में 47 लोगों ने कोरोना वैक्सीन ली। इस मौके पर संदीप एमपीएचडब्ल्यू, राजेश शीला, सुमन, संजोग एएनएम ने अपनी भूमिका निभाई।
फोटो कैप्शन 8: भोजावास में वैक्सीन लेते लोग।




 
बूंद बूंद पानी है कीमती.....
-शुद्ध पानी को सहेजेगा ऐतिहासिक जोहड़
-संत मोलडऩाथ करते थे जोहड़ पर तप
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संवाद सहयोगी, कनीना। कस्बा कनीना ऐतिहासिक जोहड़ का अब पुनरुद्धार हो रहा है। सैकड़ों वर्षों से वर्षा जल को सहेजते आ रहा है। अब इसे वर्षा जल के अलावा साफ पानी से भरा जाएगा और संत शिरोमणि बाबा मोलडऩाथ आश्रम नाम से जाना जाएगा। तत्पश्चात सैलानियों को भी आश्रम एवं जोहड़ आकर्षित करेगा। कभी यहां छोटी बणी होती थी जिसकी एक दर्जन जाल आज भी पौराणिकता को इंगित करती हैं।
जोहड़ का सौंदर्यीकरण किया जा रहा है। 28 लाख लागत आएगी। मोलडऩाथ आश्रम के पास के करीब एक दर्जन धार्मिक स्थलों को सीधे जोहड़ से जोड़ा जाएगा। जिस प्राकृतिक जोहड़ के पास बैठकर तप करते थे उसको एक बार फिर से पानी से भरा जाएगा। इस बार पक्की चारदीवारी भी बनाई जा चुकी है। इस जोहड़ की ऐतिहासिकता को देखते हुए साफ पानी से भरने के लिए दैनिक जागरण ने दो साल पूर्व एक मुहिम शुरू की थी जिसके तहत पालिका प्रधान तक यह बात पहुंचाई गई थी और आखिरकार पालिका प्रधान ने जोहड़ का पुनरुद्धार शुरू करवा दिया है। छह माह से अधिक समय से इस जोहड़ पर काम चल रहा है। अब इसकी चारदीवारी बनाकर साफ पानी से भरने का निर्णय लिया है।
मोलडऩाथ का तप स्थल है जोहड़-
 जाल के पेड़ों से आच्छादित यह जंगल में जोहड़ होता था। संत मोलडऩाथ इस जोहड़ के किनारे बैठकर तप करते थे। यह जोहड़ साफ पानी से भरा होता था। जीव जंतु यहां विचरित करते थे। 72 साल पहले यहां मोर और गीदड़, कबूतर, चिडिय़ा और नाना प्रकार के जीव जंतु बाबा के आसपास घूमते रहते थे। संत इसी जोहड़ का पानी पीता था। इसी पानी से स्नान करता था। जब जल समाधि लेनी होती तो समाधि भी लेते थे। कालांतर में बणी समाप्त कर दी।
परंतु कनीना बस स्टैंड स्थापना के बाद इस जोहड़ को मलिन कर दिया था और अब इसका पुनरुद्धार किया जा रहा है। जोहड़ और बाबा की आस्था को ध्यान में रखते हुए इसका पुनरुद्धार किया जा रहा है ताकि आने वाले समय में लोग जोहड़ के दर्शन कर सके और बाबा की यादों में खो जाए। वर्तमान में इस जोहड़ की खुदाई करके चारदीवारी बनाई जा चुकी है। यहां पास में ही खाटू श्याम मंदिर 2019 में निर्मित हुआ था जिसके लिए खाटू तालाब की आवश्यकता होती है। ऐसे में यह जोहड़ खाटू श्याम मंदिर के तालाब का काम भी करेगा।
सांस रोकने की क्षमता थी बाबा में-
बाबा मोलडऩाथ विक्रमी संवत 2006 में ब्रह्मलीन हो गये थे किंतु संत  को पानी में समाधि लगाने की क्षमता थी। समाधि लगाकर लंबे समय ठहरने की होड़ सिरसवाला जोहड़ में लगी थी। जहां बाबा रामेश्वरदास जोहड़ से जल्दी बाहर आ गये थे और बाबा मोलडऩाथ अधिक देर रहे थे जिसके चलते उन्हें निमोनिया हो गया था। बाद में वे ब्रह्मलीन हुये।
क्या क्या हैं योजनाएं-
यह जोहड़ साफ पानी से भरने की योजना है जो पानी को सहेजेगा। इसके पेंदे में एक बोर करवाया जाएगा ताकि जल का रिचार्ज होता रहे। करीब 28 लागत से नगरपालिका इस जोहड़ को एक तरफ से खाटू श्याम तो दूसरी ओर से शिवालय,सीताराम मंदिर, हनुमान मंदिर, शिर्डी के मंदिर, शनिदेव मंदिर, माता मंदिर, मोलडऩाथ आश्रम, राधाकृष्ण मंदिरों को जोहड़ के किनारे उतरने का प्रबंध किया जाएगा। आपस में एक पुल से जोड़ा जा रहा है ताकि कोई भी श्रद्धालु आये वो तालाब के दर्शन कर सके। नहर से जोहड़ को जोडऩे के प्रयास किये जाएंगे। यह पानी को सहेजेगा, रिचार्ज भी करेगा तथा पानी को विभिन्न कामों में लिया जाएगा। लाखों लीटर पानी स्टोर होगा।
क्या कहते हैं पालिका प्रधान-
पालिका प्रधान सतीश जेेलदार ने बताया कि यह पौराणिक जोहड़ विभिन्न धार्मिक स्थानों की सुंदरता बढ़ाएगा, शुद्ध जल को सहेजेगा तथा रिचार्ज भी करेगा। खाटू मंदिर के तालाब की भूमिका भी निभाएगा तथा मोलडऩाथ का पुराने जोहड़ के रूप में भी जाना जाएगा। करीब 28 लाख रुपये के करीब खर्चा आएगा। इसमें बारिश का साफ पानी भी भरा होगा वहीं नहर के पानी से जोडऩे का प्रयास ाी किया जाएगा। नहर करीब दो किमी दूर कनीना मंडी से गुजरती है।
फोटो कैप्शन 8: बाबा मोलडऩाथ जोहड़ जो साफ पानी को सहेजेगा।
साथ में सतीश जेलदार प्रधान पालिका



दुनिया ने देखा है कोरोना काल में योग, आयुर्वेद और भारतीय संस्कृति के मूल्यों को
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कनीना। दुनिया ने कोरोना काल में योग, आयुर्वेद और भारतीय संस्कृति के मूल्यों का सामथ्र्य देखा है। कोरोना कालखंड ने दुनिया को अपनी दिशा और दशा पर अवलोकन करने पर मजबूर कर दिया है । योग और आयुर्वेद पूरी दुनिया को एक आशा और विश्वास जगा रही है। दुनिया ने फिर एक बार मान लिया कि पहला सुख निरोगी काया ही है और इसके लिए योग, आयुर्वेद और संयमित जीवनशैली ही एकमात्र विकल्प है। योग आज विश्व की बड़ी जरूरत है और यह संभावनाओं से भरपूर है ।
 उक्त विचार राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय खेड़ी तलवाना के प्राचार्य जयप्रकाश यादव ने विद्यालय प्रांगण में जारी 5 दिवसीय निशुल्क योग शिविर के चौथे दिवस योगसाधकों  के समक्ष कहें।
जिला पतंजलि योग समिति के तत्वाधान में खंड कनीना के ग्राम खेड़ी-तलवाना में जारी योगशिविर में चतुर्थ दिवस मोटापा, कमरदर्द व बच्चों के मानसिक विकास हेतू योगाभ्यास सिखाया गया। पतंजलि योग समिति जिला प्रभारी निलेश मुदगल ने कहा कि व्यायाम जहां केवल शरीर को सुडौल बनाता है, वही योग सूक्ष्म शरीर तक अपना प्रभाव डालता है। योग से शारीरिक, मानसिक, आध्यात्मिक, आत्मिक, सामाजिक, चारित्रिक सर्वांगीण विकास सिद्ध होता है। योग के माध्यम से हम देश का भविष्य यानी बच्चों के जीवन में तो स्वास्थ्य को उतारे ही बल्कि साथ ही साथ समस्त समाज व राष्ट्र के समग्र स्वास्थ्य के लिए भी योग को अवश्य अपनाएं।
इस दौरान योगाचार्य श्याम खैरोली ने उपस्थित सभी साधकों को योग प्रशिक्षण दिया। योगाचार्य श्याम ने बच्चों को सूर्य नमस्कार एवं शारीरिक-मानसिक वृद्धि हेतू असनों की विधि, सावधानी एवं लाभ बताए।
इस अवसर पर पतंजलि योग समिति के सदस्य राज सिंह तंवर के सुपुत्र संदीप को एक्साइज इंस्पेक्टर नियुक्त होने पर फूलमाला पहनाकर एवं पुस्तक भेंट करके सम्मानित किया गया।
पतंजलि भारत स्वाभिमान खंड कनीना प्रभारी मनोज कुमार ने बताया की ऐसी अनेकों छोटी-छोटी परंपराएं आज हमारे जीवन का अंग है जो वैज्ञानिक रूप से सही होने के कारण हमारे जीवन में डाली गई थी। हम हजारों वर्षों से दूध में हल्दी का सेवन, सर्दी जुकाम इम्यूनिटी के लिए दालचीनी अदरक का प्रयोग करते आ रहे हैं। आज पूरी दुनिया आयुर्वेद को आशा से भरी दृष्टि से देख रही है। सबसे पहले हमें विश्वास करते हुए आयुर्वेद को अपने जीवन में और भी अधिक अपनाना होगा।
 अंत में शांतिपाठ के साथ शिविर का समापन किया गया। रविवार को देवयज्ञ हवन के साथ 5 दिवसीय शिविर का विधिवत समापन किया जाएगा।
इस अवसर पर प्रवक्ता संजय कुमार, प्रवक्ता योगेंद्र कुमार, प्रवक्ता राजेश जेलदार, मुख्यध्यापक देशराज कोटिया, प्रवक्ता सुरेन्द्र बव्वा, रविंद्र झूक, रामनिवास, प्रीती, पंकज, दीपक आफिस सहित बड़ी संख्या में योगसाधक उपस्थित रहे।
फोटो कैप्शन 4: प्रतिभावान जनों को सम्मानित करते निलेश खेड़ी।
            5: योग करते हुये योग साधक।





गर्मी में सड़के हो जाती हैं सुनसान
-बढ़ गई है कूलरों की मांग
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कनीना। कनीना में गर्मी के चलते दोपहर के समय सड़कें एवं मार्ग सुनसान हो जाते हैं। सुबह एवं शाम के वक्त ही लोग घरों से निकलते हैं। अप्रैल अभी आधा भी नहीं बीता है आर गर्मी ने जीना मुहाल कर दिया है। मई माह में में तो गर्मी और भी बढऩे के आसार हैं। भीषण गर्मी में किसान फसल कटाई में लगे हुए हैं।
  कनीना में भीषण गर्मी पडऩे का असर स्पष्ट दिखाई पड़ रहा है। सुबह व शाम को कुछ चहल पहल दिखाई पड़ती है तत्पश्चात तो वाहनों एवं  लोगों का आवागमन कम हो जाता है। दुकानदार भी गर्मी से राहत पाने के लिए दुकानों में ही आराम करते हुए देखे जा सकते हैं।
कूलरों की मांग बढ़ी--
 गर्मी के चलते कनीना क्षेत्र में कूलरों की खरीददारी बढ़ गई है। गर्मी के चलते एसी भी प्रचलन में आ गए हैं। विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी एससी, कूलर एवं पंखे अप्रैल माह में ही प्रयोग किए जा रहे हैं।
 विगत लंबे अर्से के बाद इतनी गर्मी और लू और वो भी अप्रैल माह में देखने को मिली हो। मक्खी एवं मच्छरों की संख्या बढ़ गई है। किसान दिनभर खेतों में काम करके आराम के लिए घर आते हैं तो गर्मी उन्हें सताती है ऐसे में वे पंखे, कूलर आदि का प्रयोग करते हैं। दुकानदार भीम सिंह ने बताया कि इस बार अभी कूलरों की जाली, कूलर बिक रहे हैं वहीं पुराने कूलर ठीक अधिक कराए जा रहे हैं।
 विभिन्न कूलरों की दुकानों पर बिक्री बढ़ गई है। पुराने कूलरों को साफ करके जाली आदि बदली जा रही हैं। लोगों ने एसी चलाने भी शुरू कर दिया है।
फोटो कैप्शन 6: भीम की दुकान पर कूलरों की मरम्मत करते कारीगर। जागरण


 विशालकाय जाटी का पेड़ खड़ा है पड़तल
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 कनीना। दक्षिण हरियाणा के चंदन नाम से जाने जाने वाले जाटी के बड़े पौधे धीरे धीरे लुप्त होते जा रहे हैं क्योंकि किसानों द्वारा उनको काट लिया गया है या आंधी आदि से टूट चुके हैं किंतु पड़तल बस स्टैंड के पास एक ऊंचा जाटी का पेड़ अभी भी खड़ा है जिसकी ऊंचाई 75- 80 फुट की है तथा इसके तने का व्यास करीब आठ फुट का है।
उल्लेखनीय है कि इस पेड़ को देख कर प्रसन्नता होती है कि अभी भी दक्षिण हरियाणा में पाए जाने वाला जाटी नामक पेड़ इस विशालकाय रूप में खड़ा हुआ है। किसान महिपाल सिंह, सूबे सिंह, राजकुमार आदि बताते हैं कि जाटी के पेड़ के नीचे फसल बेहतर होती है क्योंकि यह नाइट्रोजन खाद की पूर्ति करता है तथा इसके फल सांगरी भी सब्जी बनाने के काम आते हैं।
वृक्ष माफिया गिरोह बड़े बड़े पेड़ किसानों के खेतों से खरीदकर उखाड़ लेता है। इस प्रकार खेतों से बड़े पेड़ ही समाप्त कर दिये हैं। इस प्रकार कोई इक्का दुक्का पेड़ बचे हैं जो मन मोह लेते हैं।
 फोटो कैप्शन 07: जाटी का विशालकाय पेड़।


 
नव वर्ष  तैयारियां जारी
-13 अप्रैल से शुरू हो रहा है हिंदू नव वर्ष,नवरात्रि एवं बैसाखी पर्व
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,कनीना। नवरात्रे एवं हिन्दु नव वर्ष 2078 के प्रारंभ की तैयारियां जोरों पर हैं। कनीना के महेश कुमार बोहरा, श्याम सुंदर महाशय, देशराज, सुरेंद्र सिंह मुख्याध्यापक, मोहन पार्षद आदि नव वर्ष मनाए जाने को लेकर विभिन्न घरों में जा रहे हैं और इस दिन पर विभिन्न कार्यक्रम मनाए जाने की तैयारियां चल रही हैं।
  13 अप्रैल को क्षेत्र में नवरात्रों का आगाज हो रहा है। इस दिन बैसाखी का पर्व भी मनाया जा रहा है। इस मौके पर व्रत रखाने एवं पुराने अन्न को नौ दिनों तक शरीर से समाप्त करके नए अन्न को ग्रहण करने का नियम है। मौसम के बदलाव से नया अन्न तुरंत शरीर में ग्रहण नहीं करना चाहिए। यही कारण है कि इस दिन व्रत किया जाता है। मां दुर्गा के नौ दिनों में नौ रूपों की पूजा की जाती है। राम नवमी के दिन नवरात्रों को समाप्त कर दिया जाता है।
  13 अप्रैल को नव वर्ष 2078 प्रारंभ हो रहा है। इस नए वर्ष को क्षेत्र में धूमधाम से मनाया जाता है। महाशय श्यामसुंदर, महेश कुमार, कुलदीप कुमार बोहरा ने बताया कि वर्षों की भांति इस नए वर्ष को धूमधाम से मनाएंगे। उन्होंने बताया कि इस दिन हवन भी आयोजित किया जाएगा।
  उल्लेखनीय है कि बच्चे-बच्चे की जुबान पर अंग्रेजी वर्ष है किंतु हिंदुओं के सबसे प्राचीन वर्ष का ज्ञान नहीं है। विक्रम संवत या गुड़ी पाड़वा आदि नामों से जाना जाता है। इस दिन घरों में पकवान बनाए जाते हैं और नए वर्ष का आगाज किया जाता है। इसे ग्रामीण क्षेत्रों में 'सम्मतÓ नाम से जाना जाता है।
  कनीना के सामान्य बस स्टैंड के मंडी तिराहे पर इस दिन कार्यक्रम आयोजित करके बधाइयां दी जाती हैं और नव वर्ष के आगमन पर लड्डू बांटे जाते हैं। महाराजा विक्रमादित्य द्वारा चलाया गया विक्रमी संवत आज भी ग्रामीण क्षेत्रों में प्रासंगिक है। इसी दिन महाराजा विक्रमादित्य ने हूणों पर विजय प्राप्त करके अक्सास नदी में घोड़ों को जल पिलाया था। तभी से आज तक यह पर्व चला आ रहा है।
क्या है नव संवत-
  13 अप्रैल को पूरे ही देश में सम्राट विक्रमादित्य द्वारा चलाया हुआ नव संवत्सर का पर्व मनाया जा रहा है। विश्व का सबसे पुराना संवत नव संवत्सर जिसे वर्ष प्रतिपदा, उगादि पर्व तथा गुड़ी पाड़वा नामों से जाना जाता है। माना जाता है है कि ब्रह्मïाजी ने इसी दिन सृष्टिï की रचना की थी जिसके चलते इस दिन दिन ब्रह्मा की भी पूजा की जाती है।             
    उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य द्वारा चलाया हुआ नवसंवत्सर 13 अप्रैल से 2078 शुरू हो रहा है।               
 विक्रमादित्य ने अपने बल पर शकों का नामोंनिशान मिटा अश्वों को आक्सस नदी का पानी पिलाया था। अपनी जीत की खुशी में विक्रमी संवत का श्रीगणेश किया था।  इसी दिन को हिन्दू अपना नववर्ष मानते हैं।  विक्रमादित्य ने अपने पिता गंधर्वसेन की मृत्यु का बदला लिया था।  
फोटो कैप्शन 1: नव संवत्सर मनाए जाने को लेकर झंडियां तैयार करते हुए।



पक्षियों के लिए दाना पानी का प्रबंध करना चाहिए-राजेंद्र सिंह
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,कनीना। 'हर इंसान को आगे आना चाहिए और पक्षियों के लिए दाना पानी का प्रबंध करना चाहिएÓ। ये विचार पीपूल फार एनिमल्स के सदस्य एवं समाजसेवी राजेंद्र सिंह ने पक्षियों के लिए जल एवं दाने का प्रबंध करते हुए व्यक्त किए। वे कई वर्षों से गर्मियों के दिनों में इस प्रकार का प्रबंध करते आ रहे हैं।
  श्री सिंह ने कहा कि भीषण गर्मी से बचाने के लिए जीवों की सुरक्षा हम सभी का दायित्व बनता है। जीव अक्सर गर्मी में पानी के बिना प्राण त्याग देते हैं। ऐसे में हम सभी का दायित्व बनता है कि उन निरीह जीवों के लिए खेतों में, घरों में, आस पास जहां भी संभव हो पानी एवं दाना का प्रबंध कर दिया जाए।
  उल्लेखनीय है कि अभ्यारण्य खोलने के लिए राष्ट्रपति से गुहार कर चुके राजेंद्र सिंह अपने परिवार सहित खेतों में ट्यूबवेल पर रहते हैं और वर्षों से जीवों के लिए पानी के घड़े, ठीकरे वृक्षों पर टांग चुके हैं। उनके लिए दिन रात एक करके प्रबंध करते आ रहे हैं वहीं जल एवं अन्न पक्षियों के लिए रखने की प्रेरणा दूसरे लोगों से भी कर रहे हैं।
  खेतों में काम करने वाले सूबे सिंह नामक उनके भाई भी उनकी इस कार्य में मदद करते आ रहे हैं। जीवों का शिकार करने वालों को कभी नहीं बख्शते। उन्हें पुलिस के हवाले कर देते हैं।
फोटो कैप्शन 02: जीवों के लिए जल का प्रबंध करते राजेंद्र सिंह।













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