106 किसानों से 4418 क्विंटल गेहूं खरीदा
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कनीना। दो दिनों तक खरीद का कार्य बंद रहने के पश्चात सोमवार को गेहूं की खरीद फिर से शुरू हुई। 106 किसानों से 4418 क्विंटल गेहूं खरीदा गया। विस्तृत जानकारी देते हुए हैफेकड मैनेजर सतेंद्र यादव ने बताया कि विगत 26 दिनों से खरीद जारी है।
अब तक 2827 किसानों से 102506 क्विंटल गेहूं खरीदा जा चुका है। सोमवार को दो हजार बैग की लिफ्टिंग की गई जबकि कुल लिफ्टिंग 192000 बैग पहुंच चुकी है। अभी तक सरसों का एक दाना भी अनाज मंडी में नहीं आया है।खरीद गेहूं की खरीद विगत वर्ष की खरीद के रिकार्ड तोड़ चुकी है।
फोटो कैप्शन 11: कनीना अनाज मंडी में गेहूं खरीद का एक नजारा।
पक्षियों के लिए सिकोरे रखे
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कनीना। जंगलों में भी सिकोरे रखकर कई किसान पक्षियों की सेवा कर रहे हैं। अब जब गर्मी में पानी का अभाव होता है तो ये लोग पक्षियों की सेवा करते हैं। ऐसे ही शख्स सूबे सिंह हैं। किसान सूबे सिंह खेतों में रहते हैं।
सूबे सिंह का बहना है कि गर्मियों में तापमान 45 डिग्री के आसपास पहुंच जाता है। पक्षियों की सुरक्षा करना जरूरी बन जाता हैं। उनके लिए दाना पानी का प्रबंध किया जाना उचित है।
भीषण गर्मी के चलते एक ओर जहां पक्षियों का जीना कठिन हो रहा है वहीं उनकी संख्या घटने के पीछे भीषण गर्मी भी एक कारण है। लेकिन लोगों के जागरूक हो जाने के कारण अब घरों की छतों पर सिकोरे रखे जाने लगे हैं वहीं दाने भी डाले जाते हैं।
वर्तमान में लोग भी जीव जंतुओं के प्रति जागरूक हो गए हैं। वे अपने घरों की छतों पर तथा दीवारों पर निरीह पक्षियों के लिए गर्मियों में सिकोरे रखते आ रहे हैं। इन सिकोरों में सुबह एवं शाम को पानी भरते हैं ताकि पक्षी जल पी सके और भीषण गर्मी से बच सके। कनीना के राजेंद्र सिंह, सूबे सिंह,तथा महेश कुमार प्रतिदिन सिकोरों में पानी भरते हैं।
बाबा मोलडऩाथ, बाबा राधेदास, विभिन्न मंदिर कनीना के पास ही पक्षियों के लिए विशेष चबूतरे बनाए गए हैं जहां भक्त देवी देवता के दर्शन के लिए जाते हैं तो अपने साथ अन्न ले जाते हैं। इस अन्न को पक्षियों के लिए डाल देते हैं। पक्षी इसी अन्न को खाते हैं।
फोटो कैप्शन 12: पक्षियों के लिए सिकोरे का प्रबंध करते समाजसेवी।
इन्हें सलाम
कोरोना काल में जमकर सेवा की सुनील कुमार
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कनीना। कनीना उप-नागरिक अस्पताल में एमपीएचडब्ल्यू सुनील कुमार ने सेना में ही नहीं अपितु कोरोना काल में अहं भूमिका निभाई है।। सुनील कुमार पहले भी एएमसी में सेवा कर चुके हैं तथा वर्तमान में यहां सेवारत हैं। कहने को तो एमपीएचडब्ल्यू है किंतु हर प्रकार की सेवा में अग्रणी मिलते हैं। मरीजों का हालचाल जानने, क्वारेंटाइन करने में दवा का छिड़काव करना हो या किसी जगह दवा आदि देकर आना हो हर समय अपनी भूमिका में खड़े नजर आए। मच्छरों, डेंगू की जानकारी देनी हो या विभिन्न संचरणीय रोगों के लोगों को जागरूक करना हो वे पीछे नहीं हटे। वे समय समय पर टीबी, हवा,पानी के फैलने वाले रोगों की जानकारी देने के साथ साथ गली गली जाकर लोगों को जागरूक किया। कोरोना काल में उनकी भूमिका देखते हुए कोरोना योद्धा का सम्मान भी नगरपालिका कनीना ने दिया।
ऑपरेशन विजय में भी भूमिका निभाई थी---
कनीना के सुनील कुमार पुत्र फूल सिंह ने जहां कारगिल युद्ध में भी अहम भूमिका निभाई थी आज भी सेवानिवृत्त होकर कनीना के उप नागरिक अस्पताल में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में कार्यरत है। वे अपने जमाने के अच्छे बास्केटबाल के खिलाड़ी थे और जिला स्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिनिधित्व भी किया वहीं कालेज में इंटर कॉलेज लेवल तक भी भाग लिया। तत्पश्चात 1986 में उन्हें आर्मी मेडिकल कोर में नौकरी मिल गई एक सैनिक की ट्रेनिंग पूरी करने के बाद सेना में ही जनरल नर्सिंग असिस्टेंट की ट्रेनिंग भी पूरी कर डाली।
आर्मी में रहते हुए उन्होंने कई टेक्निकल कोर्स पूरे किए। तत्पश्चात पंजाब में सेवा करने का मौका मिला जहां पंजाब में उन दिनों उग्रवाद पूरे चरम पर था। सेना में के सहयोग से शांति स्थापित की। तत्पश्चात 1998 से 2000 तक जम्मू कश्मीर तथा अन्य क्षेत्रों में फील्ड एरिया में काम करने का मौका मिला और 1999 में ऑपरेशन विजय में शामिल होने का बखूबी मौका दिया गया। यद्यपि उनका कार्य अलग होने से वे समाज सेवा में सैनिकों की सेवा में दिन-रात जुटे रहे। वे बताते हैं कि युद्ध के दौरान घायल सैनिकों की हालात उनसे देखाी नहीं जाती थी। वे दिनरात उनकी सेवा में जुटे रहते और सैनिकों को साहस के साथ बचाने का प्रयास करते। उन्होंने न केवल सैनिकों के परिवार वालों को भी सेवा करने का मौका मिला। आपरेशन विजय कामयाब हुआ और उन्हें बड़ी खुशी महसूस हुई। जहां सेवा में रहते हुए उन्होंने स्नातक और बीएड की परीक्षा पास की
2003 में नायक पद से सेवानिवृत्त होकर घर आए और ब्लड बैंक में कार्य करने लगे। 2010 में उन्हें हरियाणा सरकार में एमपीएचडब्ल्यू के रूप में नौकरी मिली। आज भी वे सेवा दे रहे हैं। उनकी सेवा उसे जहां हर इंसान प्रभावित है वहीं उनकी आर्मी की सेवा से सैनिक बहुत प्रभावित हुये थे।
फोटो कैप्शन: सुनील कुमार।
भारी संख्या में आ रहे हैं कोरोना संक्रमित
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कनीना। कोरोना महामारी के बढ़ते हालातों के चलते कनीना क्षेत्र में कोरोना संक्रमित बढ़ते ही जा रहे हैं।
रविवार को 32 संक्रमित मिले थे जबकि सोमवार को कनीना-9, कोटिया-3, भडफ़ 3, ककराला-2,गुढ़ा,करीरा एवं भोजावास एक-एक संक्रमित मिला है। ै
कनीना सीएचसी में कोरोना टीम के इंचार्ज डा जितेंद्र मोरवाल ने बताया कि उप नागरिक अस्पताल कनीना तथा सीएचसी सेहलंग में कई केस संक्रमित के मिले हैं। यह एक चिंता का विषय है। उन्होंने बताया कि जब तक लोग सरकार व स्वास्थ्य विभाग का सहयोग नहीं करेंगे तब तक इस महामारी पर काबू पाना बहुत मुश्किल है। वही सेहलग सीएचसी प्रभारी डा प्रभा यादव ने बताया कि सबसे बड़ी समस्या लोगों में अज्ञानता है क्योंकि बार-बार सरकार व विभाग द्वारा उनको बताया जाता है के जरूरी काम ना हो जब तक घर से ना निकले लेकिन लोग इस बात पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। जिसके कारण यहां कोरोना महामारी बढ़ती ही जा रही है। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार द्वारा कोरोना वैक्सीन आए दिन लगाई जा रही है वही सरकार व प्रशासन द्वारा बनाई गई गाइडलाइन की जनता परवाह न कर रहे है जिसके कारण अभी इस महामारी ने ग्रामीण बाहुल्य क्षेत्रों में अपने पैर पसार दिए हैं, जिस पर काबू पाना कठिन काम है। उन्होंने लोगों से अपील की है कि वह सरकार की गाइडलाइन का पालन करें और मास्क लगाकर ही घर से निकले बार-बार हाथ धोएं और जब घर जाएं हल्दी नमक के पानी से गरारे करें वरना वह खुद तो इस बीमारी की चपेट में आएंगे अपने चहेते परिजनों को भी ले बैठेंगे।
तेज रफ्तार गाड़ी ने मारी टक्कर, एक की व्यक्ति मौत, पुलिस ने किया मामला दर्ज
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कनीना। तेज रफ्तार गाड़ी ने ली एक व्यक्ति की जान ले ली। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार खंड कनीना के गांव खरकड़ाबास निवासी अमर सिंह जो अपने किसी कार्य से कनीना से दादरी सड़क पर गुजर रहा था। वही कनीना की तरफ से आ रही एक तेज रफ्तार गाड़ी ने उसे टक्कर मार दी जिसमें अमर सिंह बुरी तरह घायल हो गया वहीं लोगों ने अमर सिंह को उठा कनीना अस्पताल पहुंचाया। जहां चोट ज्यादा होने के कारण रेवाड़ी के एक अस्पताल में भर्ती कराया जहां चिकित्सकों द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया। वहीं परिजनों ने उक्त घटना के बारे में कनीना पुलिस को जानकारी दी, जिस पर कनीना पुलिस ने मौके पर पहुंचे मौके का मुआयना किया तथा शव को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम करा परिजनों को सौंप दिया और अज्ञात वाहन के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच आरंभ कर दी।
भगोड़ा घोषित
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कनीना। जेएमआईसी महेंद्रगढ़ के आदेश आदेश पर कनीना थाने में सोमवार को बसंत कुमार भगोड़ा घोषित कर दिया है। बसंत कुमार के विरुद्ध विभिन्न धाराओं के तहत कनीना थाने में मामला दर्ज है तथा तथा 2015 से कनीना थाने में नहीं आ रहा है जिसके चलते न्यायालय ने उन्हें भगोड़ा घोषित कर दिया है।
मोटे अंकुरित अन्न खाने से कुपोषण से बचा जा सकता है-वैद्य बालकिशन शर्मा
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कनीना। मोटे अन्न एवं अंकुरित अन्न खाने से सेहत तो बनी ही रहेगी वही शरीर के पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है। ये विचार करीरा के वैद्य बालकिशन ने यहां व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि अक्सर देखने में आया है कि कुछ बच्चे एवं महिलाएं कुपोषण का शिकार होती है क्योंकि वे या तो संतुलित आहार नहीं लेती या फिर भोजन में जंक फूड जैसे पदार्थों का अधिक प्रयोग करती हैं। अक्सर देखने में आया है कि तली-भुनी, अधिक नमक मिर्च एवं अधिक तेल से बनी पदार्थों का सेवन का प्रचलन बढ़ता ही जा रहा है जबकि कच्चे पदार्थों का सेवन करने से लोग हिचकिचाने लगे हैं। उन्होंने कहा कि रोटी को इतना गर्म करते हैं कि वह जलने के कगार पर पहुंच जाती है वहीं चाय जैसे मादक पदार्थों का उपभोग करने लगे हैं। जिनसे पोषकता की कमी आ रही है। उन्होंने कहा कि हरी पत्तेदार सब्जियां, ताजा फल, मौसमी सब्जियां, अंकुरित अन्न, खट्टे फल नियमित रूप से सेवन करने से शरीर के पोषक तत्वों की पूर्ति हो जाती है। शरीर को कार्बोहाइड्रेट, वसा, प्रोटीन, विटामिन,रुक्षांस एवं जल की भी आवश्यकता होती है। उन्होंने कहा कि महिलाएं काम भी अधिक करती है वहीं कम पोषक तत्वों वाला भोजन अधिक प्रयोग करती है जिससे उनकी सेहत बिगड़ती चली जाती है और यहां तक कि एनिमिया की शिकार हो जाती है। आजकल तो युवा एवं बुजुर्ग हृदयघात जैसी बीमारियों से पीडि़त हैं जिनके पीछे शुद्ध शाकाहार भोजन नहीं लेना, जंक फूड का अधिक प्रयोग करना, बिना भूख के खाना प्रमुख कारण है। उन्होंने हरी पत्तेदार सब्जियों का समावेश प्रतिदिन सब्जियों में खाने में प्रयोग करने पर बल दिया ताकि एनीमिया जैसी बीमारी को जड़ से उखाड़ जा सके।
180 डोज वैक्सीन दी गई
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कनीना। कनीना तथा भोजावास चिकित्सालयों में सोमवार को 180 डोज कोरोना वैक्सीन के रूप में दी गई।
कनीना के एचआई शीशराम ने बताया कि कनीना में एक सौ डोज वैक्सीन दी गई है तथा 200 और उपलब्ध है। उधर पीएचसी भोजावास के एचआई राजकुमार चौहान ने बताया कि $80 डोज गई जिनमें प्रथम 38 तथा सेकंड 42 लोगों को दी गई हैं।
निजी स्कूल संचालकों ने आयोजित की बैठक
-विशेष पैकेज के लिए दिया ज्ञापन
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कनीना प्राइवेट स्कूलों के संचालकों ने सदा सुख स्कूल कनीना में एक बैठक आयोजित कर विभिन्न मुद्दों पर विचार विमर्श किया तत्पश्चात मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के नाम एक ज्ञापन भेज स्कूलों को आर्थिक पैकेज देने की मांग की स्कूल बंद होने से लगातार घाटे में जा रहे हैं इस घाटे को कैसे पूरा किया जाए यदि स्कूल खुलते हैं कि घटा पूरा हो सकता है किंतु स्कूल ने खोलना उनके लिए परेशानी का सबब बना हुआ है यह दूसरा वर्ष है जब स्कूल फिर से बंद हो गए हैं। विभिन्न स्कूल संचालकों ने एक ज्ञापन एसडीएम के मार्फत मुख्यमंत्री को भेजना था किंतु एसडीएम मौके पर न होने पर ज्ञापन नायब तहसीलदार सत्यपाल के मार्फत मुख्यमंत्री को भेजा जिसमें कहा गया है कि निजी स्कूलों के कर्मचारियों की सैलरी का संकट छाया हुआ है, बैंक से कर्जा लिया हुआ है, बिजली के बिल माफ किया जाए। स्टाफ सैलरी के लिए आर्थिक पैकेज दिया जाए। जब तक स्कूल बंद रहे तब तक उन्हें यह सुविधा दी जाए ताकि वह अपनी रोटी रोजी को आगे चला सके। ज्ञापन देने वालों में विजयपाल चेयरमैन जगदीश आचार्य, रोज ,अजमेर सिंह दांगी, रोशनलाल, विनय यादव एडवोकेट, पवन यादव, सुभाष लोढ़ा, खुशीराम, भुवनेश्वर, विनोद यादव, कृष्ण भारद्वाज, डॉक्टर संजय यादव, रमेश यादव सुनील यादव, खुशीराम आदि मौजूद थे
फोटो कैप्शन 8 सदा सुख स्कूल में बैठक करते विभिन्न स्कूल संचालक
9:ज्ञापन नायब तहसीलदार सत्यपाल के मार्फत भिजवाते हुए।
1600 गौ वंशों से चल रही है कनीना गौशाला
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कनीना। कनीना की श्रीकृष्ण गौशाला करीब 1600 गौवंशों से दान एवं अनुदान पर चल रही है। पशुओं की देखरेख के लिए एक वीएलडीए लगाया हुआ है। पशुओं को हरा एवं सूखा दोनों प्रकार का चारा दिया जा रहा है। कनीना गौशाला क्षेत्र की बेहतर गौशालाओं में से एक है।
कनीना की गौशाला जनवरी 2003 में स्थापित की गई थी। यह गौशाला महेंद्रगढ़ जिला की अग्रणी गौशालाओं में से एक है। यह दान एवं अनुदान दोनों पर आधारित है तथा लेखा जोखा का प्रतिवर्ष वर्षांत में आडिट होता है। गायों के लिए पक्का भवन, टीन शेड एवं लेंटर बनाया हुआ है। गायों की समय समय पर स्वास्थ्य जांच की जाती है। स्वास्थ्य जांच के लिए एक वीएलडीए रखा हुआ है जो पशुओं के रोगों का इलाज भी करता है। यहां पर गायों का दूध एवं उनका खाद बेचकर आय प्राप्त होती है उसे गायों पर खर्च किया जाता है। दूध की बिक्री से करीब 60-70 हजार रुपये प्रतिमाह होती है। गायों के गोबर से बने खाद से 7 लाख रुपये सालाना आय होती है।
गौशाला में गायों के लिए 5 गाडिय़ां एवं पांच ट्रैक्टर लगाए गए हैं जो गायों की सेवा में दिनरात जुटे रहते हैं। गौशाला में वर्तमान में चार ट्यूबवेल कार्यरत हैं वहीं गौ वंश के लिए 30 एकड़ में हरा चारा उगाया जाता है जिसे गायों के लिए प्रतिदिन काटकर डाला जाता है। इस कार्य के लिए 13 मजदूर कार्यरत हैं जिन्हें अढ़ाई लाख रुपये वेेतन बतौर प्रतिमाह दिए जा रहे हैं।
कनीना गौशाला के प्रधान हुकुमचंद ने बताया कि गौशाला में के लिए प्रतिदिन गाडिय़ां गौ ग्रास इक_ा करके विभिन्न गांवों से लाती हैं और प्रतिदिन 30 मण आटा एवं रोटी इक_ी हो जाती हैं। वर्तमान में छह माह का चारा स्टाक किया हुआ है।
गौ भक्त भगत सिंह जिन्होंने गौशाला के लिए कई काम करवाए हुए हैं ने बताया कि गौशाला में दूध की बिक्री से करीब 60-70 हजार रुपये प्रतिमाह की आय होती है वहंी दानदाताओं द्वारा प्राप्त राशि से गौशाला चल रही है। उन्होंने बताया कि प्रति वर्ष कुल एक करोड़ की आय हो जाती है जो गायों पर खर्च होता है।
कनीना के सेवक होशियार सिंह ने बताया कि कनीना की गौशाला बेहतर कार्य कर रही है। यहां दूध देने वाली 22 गाएं हैं, बेहतर 200 फुट लंबी टीन शेड वहीं गायों के घूमने फिरने के लिए भी अलग से आठ एकड़ में टीन शेड बनाई गई है। गायों को सर्दी एवं गर्मी से बचाने की व्यवस्था भी की हुई है।
फोटो कैप्शन 4: गौशाला का मुख्य द्वार
5: गौशाला में विचरण करती गाये।
गर्मी में पार्कों की ओर रुझान बढ़ा
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कनीना। दिनों दिन गर्मी बढ़ती जा रही है वही युवा, बच्चे एवं बूढ़ों का रुझान पार्कों की ओर बढ़ता जा रहा है। कोरोना की मार के चलते जल्दी सुबह घूम आते हैं।
जल्दी सुबह पार्कों में बुजुर्ग भ्रमण करते देखे जा सकते हैं वही गर्मी से बचने के लिए बच्चे भी पार्कों में मौज मस्ती करते देखे जा सकते हैं। यूं कहने को तो कनीना में रेलवे स्टेशन के पास, बाबा मोलडऩाथ आश्रम समक्ष, धोकल मल पार्क तथा कान्ह सिंह पार्क आदि बने हुए हैं। जहां सबसे अधिक भीड़ कान्ह सिंह पार्क एवं धोकल मल पार्क में देखने को मिलती है। कनीना मंडी के रेलवे स्टेशन समक्ष बना पार्क रेल यात्रियों के लिए तथा कनीना मंडी के लोगों के लिए बेहतर व्यायाम करने का तथा सेहत बनाने का साधन बन गया है। इन पार्कों में अधिक भीड़ मिलती है वही शाम के समय को बच्चे एवं युवा घूमते देखे जा सकते हैं विशेषकर सेहत बनाकर सेना में भर्ती होने वाले लोग इन पार्कों में अधिक घूमते हैं। बालकों को ठंडी हवा, बेहतर वातावरण को देखते हुए सुबह शाम अधिक संख्या में मिलते हैं।
संयोगवश लोगों का ध्यान इन पार्कांे की ओर हो रहा है यही कारण है कि गर्मी के दिनों में भी पार की महक चहल कदमी पड़ी हुई है।
इन पार्कों में जाने वाले अमीश ,आनंद अविनाश आदि ने बताया की शाम तक अपनी पढ़ाई करते करते जब थक जाते हैं तो इन पार्कों में जाकर थोड़ी देर आराम करते जिससे उन्हें शकुन मिलता है। उन्होंने कहा कि सेहत बनाने के दृष्टिगत ग्रीन पार्क में आते हैं जहां पार्कों की देखरेख भी की जा रही है। महिलाएं अपना घर गृहस्थी का कार्य पूर्ण करने के पश्चात इन पार्कों की ओर दौडऩे लग जाती है। महिलाओं में विशेषकर बुजुर्ग महिलाओं में भी पार्क को लेकर सकारात्मक दृष्टिकोण देखने को मिल रहा है। घर में घर के कामों से आराम नहीं कर पाती वहीं पार्क में जाकर आराम करती है। पार्कों का निर्माण नगर पालिका द्वारा करवा कर इनकी देखरेख करने वाले भी रखे गए हैं जिसके चलते पेड़ पौधे पनप रहे हैं तथा हरे भरे पार्क लोगों को आकर्षित कर रहे हैं।
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